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क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): 200 से 500 शब्दों में निबंध लिखना सीखें

Updated On: December 28, 2023 05:03 pm IST

  • क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in …
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निष्कर्ष (Conclusion)

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क्रिसमस पर निबंध

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi): क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने और क्रिसमस की सभी जानकारियों के बारें में बताने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है। बहुत से छात्र/छात्राओं को निबंध लिखने में समस्या आती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसलिए आप यहां से क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas) लिखना सीख सकते है। इस लेख के माध्यम से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी बल्कि आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Christmas in 200 words)

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - प्रस्तावना, क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (essay on christmas in hindi).

क्रिसमस पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Christmas in 500 words)

क्रिसमस- क्रिसमस एक प्रमुख पर्व है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है हालाँकि लोग इसे पूरी मस्ती, हर्षोल्लास और खुशी के साथ मनाते है।

ईसामसीह- क्रिसमस प्रभु ईसा के जन्मदिन पर मनाया जाता है, ये ईसाइयों के भगवान है जिन्होंने ईसाई धर्म की शुरुआत की। ये ईसाइयों के लिये एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसके लिये वो लोग ढेर सारी तैयारियाँ करते है। इस उत्सव की तैयारी एक महीने पहले ही शुरु हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिनों के बाद ये पर्व खत्म होता है। इस दिन ईसाई लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है। इस दिन लोग क्रिसमस के पेड़ को सजाते है, अपने दोस्त, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ खुशियाँ मनाते है और उपहार बाँटते है। अवकाश: क्रिसमस के दिनों में छुट्टियां मनाई जाती हैं और धूम-धाम के साथ त्यौहार को मनाया जाता है। क्रिसमस के छुट्टी में पूरे दिन लोग नाचना, गाना, पार्टी मनाना और घर के बाहर डिनर करके खुशी मनाते है। घरों में सजावट की जाती है, अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है केक काटा जाता है। इस दिन केक का बहुत महत्व होता है। लोग एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है और अपने यहां भोज पर आमंत्रित करते है। प्रसाद: क्रिसमस में प्रसाद की विशेषता होती है, जिसमें केक, बिस्किट, और अन्य मिठाईयां शामिल होती हैं। प्रसाद पाकर बच्चें बहुत खुश होते है और इस दिन बहुत इन्जॉय करते है। यह पर्व बच्चों, बडें, बूढ़ों हर किसी के लिए खास होता है। इस दिन घरों में तरह-तरह के केक और पकवान बनाये जाते है और प्रसाद के तौर पर बाटें जाते है। उत्साह: क्रिसमस के दिनों में लोग उत्साह से भरे होते हैं और खुशी का माहौल बनाते हैं। इस दिन लोग चर्च जाते है और केक काटते है। अपने घरों में लोगों को भोज के लिए आंमत्रित करते है। जन्मदिन की तरह ही इस त्यौहार को भी उत्साह के साथ सेलिब्रेट करते है। परिवार: क्रिसमस के दिनों में परिवार के सभी सदस्य एकजुट होते हैं और साथ में खाने-पीने का आनंद लेते हैं। इस दिन सभी परिवार के लोग, सगे-सबंधी, दोस्त और सभी लोग गिले-शिकवे मिटा कर एकजुट होकर क्रिसमस का त्योहार मनाते है प्यार से गले मिलते है। इस दिन ईसाई लोग अपने प्रभु ईशु के लिये प्रार्थना करते है, वो सभी भगवान के सामने अपनी गलतीयों और पाप को मिटाने के लिये उसे स्वीकार करते है। गीत: क्रिसमस में गीतों का महत्वपूर्ण स्थान होता है, जैसे कि "जिंगल बेल्स", "सांता क्लॉज आ रहा है", और "ओ कोम ऑल इ फेथफुल"। इस दिन लोग नृत्य करते है, गाते है, और मज़ेदार क्रियाओं के द्वारा खुशी मनाते है। इस दिन ईसाई समुदाय अपने ईश्वर से दुआ करते है, अपने सभी गलतियों के लिये माफी माँगते है, पवित्र गीत गाते है और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते है। उपहार: क्रिसमस में विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को उपहार देने की परंपरा होती है, जिसमें लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं और आपसी प्रेम और आदर्शों का प्रतीक बनाते हैं। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। दीपावली: क्रिसमस के दिनों में लोग अपने घरों को दीपावली की तरह सजाते हैं और उजाले के लिए कैंडल जलाते हैं। इस पर्व पर दिवाली की तरह ही अच्छे-अच्छे पकवान बनाये जाते है, घरों-ऑफिस बाजारों को सजाते है। क्रिसमस के दिन घरों से लेकर बाजारों तक में दिवाली की तरह ही रौनक रहती है। खुशियां: क्रिसमस में खुशियों का त्योहार मनाया जाता है और लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं तथा एक-दूसरे के घर जाकर उपहार देते है। इस दिन सांता क्लाज़ रात के समय सभी के घरों में जाकर उनको उपहार बाँटता है खासतौर से बच्चों को वो मजाकिया उपहार देता है। बच्चे बड़ी व्याकुलता से सांता और इस दिन का इंतजार करते है।

क्रिसमस पूरी दुनिया में युवा और बूढ़े लोगों द्वारा प्यार किया जाने वाला एक विशेष और जादुई अवकाश है। दुनिया भर में क्रिसमस के बारे में जानने के लिए बहुत कुछ है। अन्य देशों में भी बच्चे, बडें और बूढ़े क्रिसमस का जश्न मनाते हैं। इस तरह क्रिसमस का त्योहार लोगों को सबके साथ मिल-जुलकर रहने का संदेश देता है। ईसा मसीह कहते थे-दीन-दुखियों की सेवा संसार का सबसे बड़ा धर्म है।

क्रिसमस पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Christmas in 10 lines)

  • क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है।
  • यह पर्व ईसाई धर्म के लोग अपने भगवान यीशु मसीह के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में मनाते हैं।
  • यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • क्रिसमस का यह त्यौहार सभी देशों में बड़े ही जश्न के साथ मनाया जाता है।
  • यह एक धार्मिक उत्सव है जिसका आनंद दुनिया के लगभग सभी धर्मों के लोग लेते हैं।
  • क्रिसमस पर कुछ लोग सांता क्लॉज की वेशभूषा में तैयार होते हैं और बच्चों को चाकलेट तथा उपहार बाटते हैं।
  • क्रिसमस के दिन विश्व के लगभग सभी देशों में सरकारी अवकाश रहता है।
  • क्रिसमस पर लोग एक ख़ास गाना गाते हैं जिसे ‘क्रिसमस कैरोल’ (Christmas Carrol) कहा जाता है।
  • ईसाई लोग इस दिन अपने घरों को रोशनी वाले झालर और लाइटों से सजाते हैं।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मेला घूमकर क्रिसमस का आनंद उठाते हैं।

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निस्संदेह, यीशु एक यहूदी थे। यीशु का जन्म दुनिया के यहूदी हिस्से गलील में एक यहूदी मां से हुआ था। उनके सभी मित्र, सहयोगी, सहकर्मी, शिष्य, सभी यहूदी थे। वह नियमित रूप से यहूदी सामुदायिक पूजा में पूजा करते थे, जिन्हें हम आराधनालय कहते हैं।

ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, क्रिसमस के त्यौहार पर पूरी दुनिया जश्न में डूब जाती है। यूरोपीय देशों में हफ्ते की भर की छुट्टी होती है।

क्रिसमस पारंपरिक रूप से यीशु के जन्म का जश्न मनाने वाला एक ईसाई त्योहार था, लेकिन 20वीं सदी की शुरुआत में, यह एक धर्मनिरपेक्ष पारिवारिक अवकाश भी बन गया, जिसे ईसाई और गैर-ईसाइयों द्वारा समान रूप से मनाया जाता था।

किसी को क्रिसमस की सुखद छुट्टियों की शुभकामनाएँ देना होता है।

हर साल ईसा मसीह के जन्मदिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। साथ ही ऐसा भी कहा जाता है कि सांता क्लॉस का असली नाम सांता निकोलस है। कहा जाता है सांता निकोलस बच्चों से बहुत प्यार करते थे। यही कारण है कि उनकी याद में हम सभी क्रिसमस मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं।

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क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) - क्रिसमस पर निबंध 10 लाइन

क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) - क्रिसमस (christmas in hindi) भारत सहित दुनिया भर में मनाए जाने वाले बेहद महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह ईसाइयों का प्रमुख त्योहार है। प्रत्येक वर्ष इस पर्व को 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्रिसमस का महत्व समझाने के लिए कई बार विद्यालयों में छात्रों को क्रिसमस पर निबंध (christmas in hindi) लिखने का कार्य दिया जाता है। कई बार तो छोटी कक्षा में महत्वपूर्ण अंक के लिए क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) लिखने का प्रश्न पूछ लिया जाता है।

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - प्रस्तावना

क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - विषय विस्तार, क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi) - उपसंहार, क्रिसमस पर निबंध (essay on christmas in hindi), मैरी क्रिसमस का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi).

क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi) - क्रिसमस पर निबंध 10 लाइन

कई ऐसे छात्र होते हैं जिन्हें निबंध लिखने में समस्या होती है या फिर हिंदी विषय पर उनकी पकड़ मजबूत नहीं होती है, ऐसे में क्रिसमस पर निबंध हिंदी में (essay on christmas in hindi) लिखने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा क्रिसमस के बारे में जानकारी का अभाव भी एक वजह है जिस कारण से क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) या फिर क्रिसमस पर 10 लाइन हिंदी में (10 line about christmas in hindi) लिखना छात्रों के लिए एक कठिन कार्य बन जाता है।

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यदि आप भी ऊपर बताई गई समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो ऐसा समझिए कि आज आप बिल्कुल सही जगह आ गए हैं क्योंकि क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपकी इन सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से आपको ना सिर्फ क्रिसमस पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें (how to write essay on christmas in hindi), इसकी जानकारी मिलेगी, बल्कि इसकी सहायता से आपको किसी भी अन्य निबंध को कैसे लिखा जाए, ये भी पता चलेगा। हालांकि हम आपसे निवेदन करेंगे कि आप क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख से निबंध लिखने की सिर्फ प्रेरणा लें तथा स्वयं की समझ का इस्तेमाल करते हुए ही क्रिसमस पर लेख हिंदी में (christmas essay in hindi) या फिर क्रिसमस पर 10 लाइन (10 line about christmas in hindi) लिखने की कोशिश करें।

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क्रिसमस दुनिया-भर में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इसे बड़े-दिन के रूप में भी जाना जाता है। यह पर्व विशेष रूप से यीशु मसीह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है। यीशु मसीह वो शख्स थे जिन्होंने न सिर्फ ईसाई धर्म की स्थापना की, बल्कि ईसाई मान्यताओं के अनुसार इन्सानों के गुनाह की खातिर खुद सूली पर चढ़ गए। यही वजह है कि दुनिया भर के इसाइयों के लिए यह त्योहार काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यीशु मसीह का जन्म फिलिस्तीन के बेथलहेम शहर में लगभग 1 ईशा पूर्व हुआ था। उनके पिता का नाम जोसफ तथा माता का नाम मैरी था। यह शहर आज के जमाने में इजरायल की राजधानी येरुशलम से 10 किलोमीटर दूर सेंट्रल वेस्ट बैंक में स्थित है। यीशु मसीह के जन्म से ही अंग्रेजी कैलेंडर की भी शुरुआत हुई है जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।

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चूंकि दुनिया भर में ईसाई धर्म में आस्था रखने वाले लोगों की संख्या सबसे अधिक है, यही वजह है कि क्रिसमस की खुशी तथा इसका जश्न वैश्विक स्तर पर देखा जा सकता है। दुनियाभर के लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं। यकीनन विविधता में एकता के लिए प्रसिद्ध हमारा देश भारत भी इससे अछूता नहीं है। भारत में भी ईसाइयों की एक बड़ी तादाद मौजूद है। प्रत्येक वर्ष क्रिसमस की तारीख के नजदीक आते ही दुनिया भर के बाज़ारों के साथ-साथ भारत के बाज़ारों में भी क्रिसमस को लेकर गहमागहमी बढ़ जाती है। लाल रंग की सांता क्लौज की टोपी व परिधान, जगमगाते बल्ब्स, चमकीले सितारे और क्रिसमस ट्री आदि जैसी समाग्रियों से भारतीय बाजार सज जाते हैं जिससे इनकी खूबसूरती देखने ही बनती है। केक व पेस्ट्रिज की दुकानों पर भीड़ बढ़ जाती है। इस दिन विशेष तौर पर केक काटने व एक-दूसरे को गिफ्ट देने का चलन है।

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क्रिसमस के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च जाते हैं। भगवान यीशु मसीह के भजन गाते हैं व उनसे अपनी गलतियों के लिए माफ़ी मांगते हैं। इसके बाद मेहमानों व बच्चों को तोहफे व आकर्षक क्रिसमस कार्ड्स दिए जाते हैं। रिश्तेदारों व दोस्तों को इस दिन विशेष तौर पर क्रिसमस के भोज के लिए आमंत्रित किया जाता है। रात्रि भोज के बाद सभी लोग क्रिसमस ट्री के चारों ओर नाचते हैं, गाना गाते हैं व जश्न मनाते हैं। भारत में तो यह पर्व सभी धर्म के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं। इस दिन राष्ट्रीय अवकास भी होता है। सभी सरकारी कार्यालयों के साथ-साथ प्राइवेट कार्यालय, स्कूल व कॉलेज भी इस दिन बंद रहते हैं। कई कार्यालयों व विद्यालयों में क्रिसमस से एक दिन पहले क्रिसमस के जश्न का आयोजन होता है।

क्रिसमस की खास बात ये भी है कि बड़े व बुजुर्गों के साथ-साथ छोटे बच्चों को भी क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार रहता है। इसकी सबसे बड़ी वजहों में से एक है सांता क्लौज। इस दिन बच्चे सांता क्लौज का इंतजार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे। इसके अलावा घर में क्रिसमस ट्री को तोहफों, रंगीन लाइट्स व चमकीले सितारों से सजाया जाता है। छोटे बच्चे ये काम बड़े उत्साह के साथ करते हैं। घर में बनने वाले तरह-तरह के पकवान, विद्यालयों की छुट्टियाँ और नए कपड़े भी एक और बड़ा कारण है जिसकी वजह से बच्चों को इस त्योहार का काफी इंतजार रहता है।

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क्रिसमस का पर्व समाज को मानवता के लिए दिए गए प्रभु यीशु मसीह के संदेशों व उनके द्वारा किए गए कार्यों की याद दिलाता है। यह पर्व लोगों को यह संदेश देता है कि हम चाहे कितना भी कष्ट सहें, हम पर चाहे कितनी भी आपदा क्यों न आ जाए लेकिन इसके बावजूद भी हमें इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं के साथ-साथ लगातार दूसरों को भी इस बात केलिए प्रेरित करना चाहिए कि वे बुरे कार्यों को छोड़ कर सभी के साथ मिलकर समाज को बेहतर व सुंदर बनाने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

क्रिसमस की एक खास बात यह भी है कि इस दिन सभी लोग एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोल कर बधाइयाँ देते हैं। ऐसे में कई लोगों के मन में यह सवाल जरूर आता होगा कि क्रिसमस के दिन लोग मैरी क्रिसमस क्यों बोलते हैं, हैप्पी क्रिसमस और मैरी क्रिसमस में क्या अंतर है या फिर क्या हैप्पी क्रिसमस बोलना गलत है। आपके इन सभी सवालों का जवाब आज आपको मिल जाएगा।

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सबसे पहले आपको बता दें कि मैरी क्रिसमस का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi) हैप्पी क्रिसमस के हिंदी में अर्थ के समान ही होता है। जहां 'हैप्पी क्रिसमस' का अर्थ होता है, आनंदित क्रिसमस, वहीं 'मैरी क्रिसमस' का हिंदी में अर्थ (merry christmas meaning in hindi) भी आनंदित क्रिसमस ही होता है। एक तरह से देखा जाए तो 'हैप्पी' व्यावहारिक अंग्रेजी में उपयोग किया जाने वाला शब्द है, जबकि 'मैरी' शब्द का उपयोग भावनात्मक एहसास देने के के लिए किया जाता है। जैसे कि हिंदी में 'रोना' शब्द व्यावहारिक कहा जा सकता है, लेकिन वहीं इसी अर्थ के लिए 'भावभीनी' का उपयोग भावनात्मक जुड़ाव के लिए किया जा सकता है। हालांकि, कई लोगों का यह भी मानना है कि प्रभु यीशु मसीह की माताजी का नाम चूंकि मरियम उर्फ मैरी था इसलिए भी 'हैप्पी क्रिसमस' की जगह 'मैरी क्रिसमस' कहा जाता है।

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हम उम्मीद करते हैं कि क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) विशेष इस लेख से आपकी क्रिसमस पर निबंध (christmas essay in hindi) लिखने से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान हो गया होगा। आप सभी को क्रिसमस की ढेर सारी शुभकामनाएँ।

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Frequently Asked Question (FAQs)

क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए आपको क्रिसमस के विषय में मूल जानकारी होना आवश्यक है। आप क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए सबसे पहले क्रिसमस पर 10 प्रश्नों को तैयार कीजिए जैसे कि क्रिसमस कब मनाया जाता है, क्रिसमस क्यों मनाया जाता है आदि। इसके बाद इन प्रश्नों का उत्तर ढूंढ कर लिखते ही आप क्रिसमस पर 10 लाइन आसानी से लिख पाएंगे। क्रिसमस पर 10 लाइन लिखने के लिए आप इस लेख की भी सहायता ले सकते हैं।

क्रिसमस प्रभु यीशु मसीह के जन्म, जीवन और उनके बलिदान की कहानी बयां करता है। इस दिन प्रभु यीशु के सामने अपनी गलतियों के लिए माफी मांगते हुए इंसान अपने जीवन को एक बार फिर से नए सदकर्मों के रास्ते पर ले जा सकता है। यह पर्व हमें बताता है कि इंसानियत के लिए जियो और इंसानियत को बचाए रखो।

क्रिसमस पर्व लोगों को यह संदेश देता है कि हम चाहे कितना भी कष्ट सहें, हम पर चाहे कितनी भी आपदा क्यों न आ जाए लेकिन इसके बावजूद भी हमें इंसानियत को नहीं भूलना चाहिए। इसके साथ ही हमें स्वयं के साथ-साथ लगातार दूसरों को भी इस बात केलिए प्रेरित करना चाहिए कि वे बुरे कार्यों को छोड़ कर सभी के साथ मिलकर समाज को बेहतर व सुंदर बनाने का निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।

क्रिसमस शब्द दो शब्दों से मिल कर बना है - क्रिस्टेस और मैसे। 'क्रिस्टेस मैसे' एक साथ लिखने पर इसका अर्थ निकलता है 'क्राइस्ट मास' या फिर 'मास ऑफ क्राइस्ट'। मास शब्द लैटिन शब्द मिसा से लिया गया है जिसका अर्थ जश्न या उत्सव होता है, जबकि क्राइस्ट शब्द ग्रीक भाषा के शब्द 'क्रिस्तोस' से आया है, जिसका अर्थ होता है 'सुगंधित तेल से नहाया हुआ' और ग्रीक शब्द 'क्रिस्तोस' का अनुवाद हिब्रू भाषा के शब्द 'मसीह' से लिया गया है, जिसका अर्थ 'जिसका अभिषेक किया गया हो' होता है।

क्रिसमस के दिन यानि 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लो चर्च में जुटकर क्रिसमस केरोल्स गायन में शामिल होते हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति के लिए प्रार्थना की जाती है। इस त्योहार पर लोग घरों में रंग-बिरंगी रोशनी से सजाते हैं। घंटी, मोमबत्ती, केक व मोजे रखते हैं जिनका खास महत्व है।

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10+ क्रिसमस पर निबंध – Essay on Christmas in Hindi

E ssay on Christmas in Hindi : आज हमने क्रिसमस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है।

क्रिसमस का आयोजन विश्व भर में बड़ी ही धूमधाम से किया जाता है यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है यह ईसाई समुदाय का सबसे बड़ा त्यौहार है।

क्रिसमस शांति और खुशियों का प्रतीक है इसीलिए आज अन्य धर्म के लोग भी इसमें पूरे तन मन से हिस्सा लेते है। विद्यार्थियों को क्रिसमस पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है उनकी सहायता के लिए अलग-अलग छोटे बड़े निबंध लिखे है।

Essay on Christmas in Hindi

Get Some Best Essay on Christmas in Hindi for Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 Students,

10 Line Essay on Christmas in Hindi

(1) क्रिसमस का त्योहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है।

(2) क्रिसमस का आयोजन ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में किया जाता है।

(3) यह उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

(4) इस दिन का बड़ा दिन भी कहते है।

(5) क्रिसमस का विशेष व्यंजन केक है।

(6) इस दिन लोग चर्च और अपने घरों में क्रिसमस ट्री रंग बिरंगी लाइटो, गुब्बारे, उपहार और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाते है।

(7) सांताक्लॉज बच्चों को चॉकलेट्स और गिफ्ट्स देते है।

(8) यह पूरे विश्व भर में मनाया जाता है और इस दिन अधिकांश देशों में राजकीय अवकाश होता है।

(9) क्रिसमस के दिन चर्च में विशेष पूजा के साथ मोमबत्तियां जलाई जाती है और प्रार्थना की जाती है।

(10) क्रिसमस के दिन सभी लोग एक दूसरे को बधाई और उपहार देकर खुशी-खुशी इस उत्सव को मनाते है।

Short Essay on Christmas in Hindi 500 Words

भूमिका –

क्रिसमस का उत्सव ईसाई समाज के लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों का मानना है कि इस दिन उनके ईश्वर ईसा मसीह का जन्म हुआ था।

इसलिए भी उनके जन्मदिवस को अपने सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाते है। क्रिसमस इंग्लिश की दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें Christ शब्द ‘क्रिस्टियन’ को दर्शाता है और Mass का मतलब “लोगों का समूह” होता है।

यह ईसाइयों के लिए सबसे पवित्र और हर्षोल्लास का त्यौहार होता है जिस को आम भाषा में बड़ा दिन भी कहा जाता है। वर्तमान में इस उत्सव को सभी देशों द्वारा अपना लिया गया है और सभी धर्म के लोग क्रिसमस को बड़े धूमधाम से मनाते है इसलिए अधिकांश देशों में 25 दिसंबर का राजकीय अवकाश होता है।

क्रिसमस का इतिहास –

क्रिसमस पर आयोजन यीशु के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ने धरती पर रहने वाले लोगों को सही राह दिखाने के लिए ईश्वर के दूत के रूप में अवतार पृथ्वी पर लिया था।

जन्म से ही उनके अंदर कुछ अलौकिक शक्तियां थी इसलिए उन्होंने छोटी उम्र की आयु से ही लोगों को सही कार्य करने के लिए प्रेरित किया और ईश्वर के पास जाने का मार्ग दिखाने लगे। कुछ लोगों को उनकी बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी।

लेकिन ईसा मसीह के विचारों को कभी दबाया नहीं जा सका इसलिए आज भी उनके जन्मदिवस पर क्रिसमस का आयोजन किया जाता है।

जो कि हमें यह दर्शाता है कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो अच्छाई हमेशा उसे हरा ही देती है। शायद इसीलिए आज पूरे विश्वभर में क्रिसमस मनाया जाता है।

क्रिसमस की तैयारी –

क्रिसमस की तैयारियां ईसाई धर्म के लोगों महीने भर पहले से ही करने लग जाते है। वे अपने घरों की साफ सफाई करके उन्हें पवित्र करते हैं रंग बिरंगी लाइटों द्वारा सजावट करते है। क्रिसमस के दिन गिरजा करो को विशेष तौर पर रंग बिरंगी फुलझड़ीओं, गुब्बारों, लाइटो और फूलों द्वारा लगाया जाता है।

चर्च में विशेष पूजा होती है जिसके बाद सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और उपहार देते है।सभी लोगों द्वारा चर्च में मोमबत्तियां जलाई जाती है,

जो की सकारात्मक ऊर्जा की प्रतीक होती है। इस दिन विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते है जैसे डांस अंताक्षरी, ईसा मसीह का नाटक इत्यादि कार्यक्रम होते है।

इस दिन पर विशेष तौर पर ईसा मसीह के जन्म दिवस पर केक काटा जाता है जो कि इस उत्सव का मुख्य व्यंजन होता है इसके बाद सभी लोगों में चॉकलेट बांटी जाती है

इस दिन सभी लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं जिसको विशेष तौर पर रंग बिरंगी लाइटों और अन्य सजावटी समान द्वारा सजाया जाता है और उस पर छोटे-छोटे गिफ्ट भी लगाए जाते है जो कि बच्चों को दिए जाते है।

इस दिन सांता क्लॉज का भी बहुत महत्व होता है लोगों का मानना है कि लाल कपड़े पहन कर ईश्वर स्वयं बच्चों को उपहार देते है।

निष्कर्ष –

ईसाई समाज के लोगों के लिए यह विशेष दिन होता है जिसका वह पूरे साल भर बेसब्री से इंतजार करते है और पूरे हर्षोल्लास और प्रेम भाव से क्रिसमस को मनाते है।

क्रिसमस का उत्सव शांति का प्रतीक है और यह हमेशा नकारात्मक सोच को हटाकर सकारात्मक सोच पर बल देता है।

Long Essay on Christmas in Hindi 1000 Words

प्रस्तावना –

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों द्वारा मनाया जाता है यह त्यौहार उनके लिए सबसे बड़ा उत्सव होता है। क्रिसमस प्रमुख रूप से यूरोपीय देशों में मनाया जाता है लेकिन धीरे-धीरे इसको अब एशियाई देशों में भी अपना लिया गया है।

क्रिसमस का त्यौहार प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को बड़े ही हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई समाज के लोगों के लिए क्रिसमस का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है उनका मानना है कि इस दिन प्रभु यीशु का जन्म हुआ था और उन्हीं के जन्मदिन के उपलक्ष पर इस त्यौहार का आयोजन किया जाता है।

परंपरा और मान्यता –

पुरानी कथाओं और मान्यताओं के अनुसार माता मरियम के पुत्र का जन्म ईसा मसीह के रूप में हुआ था। ईसा मसीह के जन्म से पूर्व माता मरियम कुंवारी थी उनकी सगाई दाऊद के राजवंशी यूसुफ़ नामक व्यक्ति से हुई थी।

कथाओं के अनुसार एक दिन माता मरियम के पास स्वर्गदूतआए उन्होंने माता मरियम को कहा कि जल्द ही उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति होगी जो कि संसार में रहने वाले लोगों को कष्टों से मुक्ति का रास्ता दिखाएगा।

कुछ ही दिनों में माता मरियम की शादी हो गई उसके पश्चात वह और उनके पति यहूदिया प्रांत के बेथलेहेम नामक (Bethlehem) जगह रहने लगे।

इसी स्थान पर वहां के अस्तबल में ईसा मसीह का जन्म हुआ। ईश्वर ईसा मसीह में जन्म के समय से ही एक आलौकिक शक्ति थी।

ईसा मसीह दीन दुखी लोगों को ईश्वर के करीब रहने का मार्ग बताया उन्होंने सभी को भाईचारे से रहने और एक दूसरे से प्रेम भाव रखने को कहा। उन्होंने खास तौर पर लोगों को क्षमा करने और क्षमा मांगने पर जोर दिया।

कुछ लोगों को उनकी यह बातें पसंद नहीं आई इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी लेकिन उनके विचारों को नहीं दबाया जा सका इसी कारण आज भी उनके जन्म उत्सव को ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस का आयोजन –

क्रिसमस की तैयारियां लोग एक महीने पूर्व से ही करने लग जाते है। क्रिसमस आने से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है उनमें नया रंग करवाते है।

यह उत्सव इतना शानदार होता है कि इसके कारण बाजार में एक अनोखी रौनक देखने को मिलती है चारों तरफ रंग बिरंगी लाइटिंग और लोगों के खुशमिजाज चेहरे देखने को मिलते है।

इस उत्सव पर नौकरी पेशा लोगों को तनख्वाह के साथ बोनस मिलता है जिससे वह और अधिक खुश हो जाते हैं और खूब धूमधाम से क्रिसमस के इस उत्सव में हिस्सा लेते है।

क्रिसमस के 1 दिन पहले सभी लोग अपने घरों में रंग-बिरंगी लाइटे लगाते है पूरा बाजार रोशनी से नहाया हुआ होता है। चर्च को रंग बिरंगी रोशनीयो, रंग बिरंगे फूलों, सीनरी, मोमबत्तीया, रंग बिरंगे गुब्बारे और अन्य सजावटी सामानों से सजा दिया जाता है।

ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर की रात को हुआ था इसलिए क्रिसमस का आयोजन रात्रि से ही प्रारंभ हो जाता है जैसे ही 12 बजते है गिरजा घरों में विशेष प्रार्थनाएं की जाती है इसके पश्चात लोग अपने रिश्तेदारों और परिचित व्यक्तियों को क्रिसमस की बधाइयां देते है।

कई लोग इस उत्सव को समूह में मनाते है और स्वादिष्ट व्यंजनों का भी इंतजाम करते हैं जिससे इस उत्सव में चार चांद लग जाते है। क्रिसमस के दिन क्रिसमस ट्री भी लगाया जाता है जिस पर तरह-तरह की लाइटों मुबारक और उपहार लगाए जाते है।

ईसाई धर्म के लोगों द्वारा क्रिसमस ट्री लगाने के पीछे एक पुरानी धारणा है जिसके अनुसार क्रिसमस ट्री लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है और नकारात्मक ऊर्जा पूरी तरह नष्ट हो जाती है।

क्रिसमस ट्री पर लगाए गए उपहार बच्चों में बांट दिए जाते है। बच्चों को खुश करने के लिए लोग सांता क्लॉज का रूप धारण करके सभी को गिफ्ट बांटते है। बच्चों को सांता क्लॉज द्वारा मिलने वाले गिफ्ट के लिए काफी उत्साह होता है क्योंकि वे सोचते है कि यह उपहार चीजें उन्हें ईश्वर द्वारा दिया गया है।

क्रिसमस के दिन केक काटने की पुरानी प्रथा है केक क्रिसमस का मुख्य व्यंजन होता है। यह सभी को पसंद होता है क्योंकि इसमें विभिन्न प्रकार की चॉकलेट, फलों का रस, दूध क्रीम आदि मिला होता है जो कि बहुत ही स्वादिष्ट होता है।

इस तरह क्रिसमस के उत्सव का भव्य आयोजन किया जाता है।

क्रिसमस का महत्व –

क्रिसमस का अन्य त्योहारों की तरह प्रमुख महत्व है, किस्मत के कारण लोग अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से बाहर निकल कर खुशियां मनाते हैं और अपने आपको ईश्वर के करीब मानते है।

बाहरी देशों में संस्कृति के बदलाव के कारण एक-दूसरे से लोग कम ही मिल पाते है जिसके कारण मानव अपनी मूल प्रवृत्ति होता जा रहा है लेकिन किस्मत जैसे त्योहारों के कारण लोगों में एक अजब उत्साह होता है एक दूसरे से मिलते है।

क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के लिए एक प्रतीक है जिस पर उन्हें गर्व होता है। इस त्योहार का महत्व इसलिए और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह में एक दूसरे से प्रेम भाव से रहने का संदेश देता है। जिसके कारण लोग प्रभावित होते है और एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहते है।

उपसंहार –

क्रिसमस का उत्सव हमें हर वक्त खुश रहना सिखाता है। यह हमें किसी के गलती करने पर उसे माफ करने की शिक्षा देता है। यह उत्सव हमें हमेशा एक दूसरे के साथ प्यार से रहना सिखाता है चाहे वो गरीब हो या अमीर हो।

इस उत्सव को मनाने से हमारे मन के सभी बेर दूर हो जाते है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। ईसाई समुदाय के लोगों के लिए यह दिन और भी खास होता है क्योंकि एक दिन उनकी ईश्वर ईसा मसीह का जन्मदिन भी होता है।

यह उत्सव हमारे जीवन में नए रंग भी बिखेरता है जिससे आने वाले भविष्य में हम खुश और सुखी रहे इसीलिए आज क्रिसमस के इस उत्सव को सभी देशों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

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क्रिसमस पर निबंध 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे (Christmas Essay in Hindi)

essay on christmas festival in hindi

Christmas Essay in Hindi – क्रिसमस पर निबंध छात्रों के लिए सीखने का एक महत्वपूर्ण विषय है। क्रिसमस दुनिया के सबसे बड़े वार्षिक त्योहारों में से एक है, जिसमें अरबों लोग इसके सांस्कृतिक समारोहों में भाग लेते हैं। त्योहार दिसंबर के महीने में यीशु मसीह के जन्म की याद दिलाता है; दिलचस्प बात यह है कि ऐतिहासिक रिकॉर्ड और न ही बाइबल में यीशु के जन्म के ठीक दिन का उल्लेख है। क्रिसमस समारोहों के सबसे पुराने रिकॉर्ड 25 दिसंबर, 336 ई. को रोमन सम्राट कॉन्सटेंटाइन के समय से देखे जा सकते हैं। आज क्रिसमस पूरी दुनिया में एक ही समय पर मनाया जाता है, चाहे वे ईसाई हों या नहीं। समारोहों में परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताना, घरों को सजाना और उपहारों का आदान-प्रदान करना शामिल है। कार्यालय और कंपनियां आमतौर पर कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ क्रिसमस मनाने के लिए समय देती हैं, बच्चे अपने नए उपहारों या खिलौनों के साथ खेलने में दिन बिताते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों को क्रिसमस ट्री, लाइट, डेकोरेशन और टिनसेल से सजाते हैं। क्रिसमस के बारे में और दुनिया भर में इसे क्यों मनाया जाता है, इसके बारे में और जानने के लिए पढ़ें।

क्रिसमस निबंध 10 पंक्तियाँ (Christmas Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार है जो ईसाईयों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है।
  • 2) यह यीशु मसीह के जन्म के स्मरणोत्सव का उत्सव है।
  • 3) क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को पूरे जोश के साथ आता है।
  • 4) ईसाई धर्म में लोग ईसा मसीह को ईश्वर के पुत्र के रूप में पूजते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
  • 5) यीशु का जन्म ऐसे समय में हुआ था जब समाज में हर जगह लोभ, घृणा और हिंसा थी।
  • 6) वह जगत का प्रकाश था और लोगों को सभी पापों से बचाने आया था।
  • 7) क्रिसमस एक धार्मिक और पारंपरिक त्योहार के रूप में पूरी दुनिया में एक उत्सव है।
  • 8) क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोग चर्च जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
  • 9) लोग, खासकर बच्चे, अपने घरों को रोशनी से सजाते हैं और एक पार्टी का आयोजन करते हैं।
  • 10) क्रिसमस भारत के साथ-साथ पूरी दुनिया में एक राजपत्रित अवकाश है।

क्रिसमस निबंध 20 लाइनें (Christmas Essay 20 lines in Hindi)

  • 1) क्रिसमस एक ईसाई त्योहार है लेकिन अन्य समुदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है।
  • 2) यह सभी के लिए खुशी का त्योहार है।
  • 3) हम क्रिसमस पर ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाते हैं।
  • 4) हमने अपने घरों और बगीचों को उज्ज्वल रूप से रोशन किया।
  • 5) बच्चे परिवार के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने बाहर जाते हैं।
  • 6) क्रिसमस पर बच्चों को ढेर सारे तोहफे मिलते हैं।
  • 7) प्रत्येक बच्चा अपने घर में सांता क्लॉज के आने का इंतजार करता है।
  • 8) बच्चों को क्रिसमस पर उनकी माताओं द्वारा तैयार किए गए केक बहुत पसंद आते हैं।
  • 9) हमें गरीबों को उपहार भी देना चाहिए।
  • 10) क्रिसमस हमें प्यार करना और खुश रहना सिखाता है।
  • 11) क्रिसमस एक वार्षिक ईसाई त्योहार है।
  • 12) लोग अपने घरों और चर्चों में मोमबत्तियां जलाते हैं जो मसीह का प्रतीक है।
  • 13) क्रिसमस का जन्म विभिन्न मूर्तियों का उपयोग करके या कला और चित्रों के माध्यम से यीशु के जन्म का चित्रण है।
  • 14) क्रिसमस बारह दिनों तक चलता है जिसे ‘ट्वेलवेटाइड’ के नाम से जाना जाता है, जो 25 दिसंबर से 05 जनवरी तक यीशु के जन्म का जश्न मनाता है।
  • 15) क्रिसमस पर व्हाइट हाउस, वाशिंगटन की सजावट लगभग 40 क्रिसमस ट्री और 14000 गहनों से बहुत मंत्रमुग्ध कर देने वाली है।
  • 16) क्रिसमस समारोह से जुड़े मुख्य रंग लाल, सफेद, हरा, सोना, नीला और बैंगनी हैं।
  • 17) 24 दिसंबर क्रिसमस की पूर्व संध्या है और जब लोग मिडनाइट मास चर्च सर्विस में जाते हैं तो कई रीति-रिवाज और परंपराएं होती हैं।
  • 18) सदाबहार देवदार का पेड़ क्रिसमस ट्री की तरह दिन के समय आभूषणों, टिनसेल, उपहारों से सजाए जाने पर सुंदर दिखता है।
  • 19) कैंडलमास 02 फरवरी को क्रिसमस समारोह के 40 दिनों के अंत का प्रतीक है।
  • 20) लोग कैरोल गाते हैं, व्यंजनों का आनंद लेते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, अपने घरों को सजाते हैं और यीशु को याद करते हैं, जिन्होंने लोगों को उनके पापों और दुखों से बचाया था।

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क्रिसमस के बारे में लघु निबंध (Short Essay About Christmas in Hindi)

“क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह त्योहार ईसा मसीह – ईश्वर के मसीहा की जयंती के रूप में मनाया जाता है। हालांकि यह एक ईसाई त्योहार है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग इसे बहुत उत्साह और उत्साह के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस ट्री एक कृत्रिम देवदार का पेड़ है जिसे रोशनी, कृत्रिम सितारों, फूलों, खिलौनों और घंटियों से सजाया जाता है। सजावट पूरी होने पर यह सुंदर दिखता है। क्रिसमस के दौरान चर्चों को रोशनी से सजाया जाता है और त्योहारी सीजन की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए लोग बाहर स्टार लालटेन लटकाते हैं। परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठकर ईसा मसीह की स्तुति में प्रार्थना करते हैं।

क्रिसमस के बारे में बच्चे विशेष रूप से उत्साहित हैं क्योंकि वे क्रिसमस की पूर्व संध्या और क्रिसमस के दिन के शुरुआती घंटों में सांता क्लॉज से मिलने और अपने घरों में उपहार लाने की उम्मीद करते हैं। उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे रखा जाता है जिसे उपहार बक्से में लपेटा जाता है और क्रिसमस के दिन खोला जाता है।

बच्चे क्रिसमस कैरोल गाते हैं, जैसे “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे” और शुभ दिन का जश्न मनाते हुए विभिन्न स्किट करते हैं। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और धर्मों के लोग प्यार करते हैं। यह हमें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करने, उपहारों का आदान-प्रदान करने और शांति और सद्भाव में रहने के महत्व की याद दिलाता है। ”

क्रिसमस पर निबंध 100 शब्द (Essay on Christmas 100 words in Hindi)

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है और यह ईसाई समुदाय का सांस्कृतिक त्योहार है। यह मदर मैरी के लिए यीशु के जन्म का प्रतीक है। कहा जाता है कि जीसस का जन्म अस्तबल में हुआ था और वे एक अच्छे चरवाहे थे। यीशु का जीवन कठिनाइयों और बलिदानों में से एक था, और क्रिसमस का उद्देश्य इस तथ्य को स्वीकार करना है। क्रिसमस सभी देशों में एक सार्वजनिक अवकाश है और गैर-ईसाइयों द्वारा भी मनाया जाता है क्योंकि यह एक ऐसा त्योहार है जो सभी संस्कृतियों के लोगों को एकीकृत करता है। क्रिसमस समारोह का केंद्रीय विषय एक दूसरे के प्रति साझा करने, दया और सहानुभूति की भावना रखना है।

क्रिसमस पर निबंध 150 शब्द (Essay on Christmas 150 words in Hindi)

क्रिसमस ईसाइयों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पूरी दुनिया में घर में खुशी की भावना लाता है। क्रिसमस उस समय का है जब यीशु का जन्म मदर मैरी के एक छोटे से अस्तबल में हुआ था। यह त्योहार ईसा के इस दुनिया में आगमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह के जन्म की भविष्यवाणी पहले की गई थी। इसलिए यह त्योहार पारंपरिक ईसाइयों को प्रिय है। इसने अपने धर्म या समुदाय के बावजूद सभी लोगों के बीच व्यापक लोकप्रियता पाई है। यह वह समय होता है जब परिवार एक साथ मिलते हैं और एक दूसरे के लिए स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। क्रिसमस ट्री क्रिसमस का एक बड़ा आकर्षण बिंदु है। लोग अपने घरों में क्रिसमस ट्री लगाते हैं और इसे घंटियों, गेंदों, चमक और सितारों से सजाते हैं। यह सब मीठे केक पकाने और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने के बारे में है।

क्रिसमस पर निबंध 200 शब्द (Essay on Christmas 200 words in Hindi)

रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति की तारीख यीशु के जन्म का प्रतीक है। यह आमतौर पर पूरे विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है। त्योहार हमें खुश रहने और खुश रहने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसका एकमात्र उद्देश्य हमें यह सिखाना है कि प्रभु का प्रकाश हमेशा हमारी रक्षा करता है और हमें कभी भी आशा नहीं खोनी चाहिए। यीशु का जन्म उत्पीड़ित जनता के लिए आशा की किरण के रूप में हुआ था। यीशु के जन्म ने बहुत से लोगों के कष्टों का अंत देखा। यह वह समय होता है जब लोग अन्य सभी कामों को छोड़कर एक साथ मिलकर त्योहार को खुशी से मनाते हैं।

क्रिसमस के दौरान क्रिसमस ट्री को सजाना सबसे मजेदार गतिविधि है। यह क्रिसमस ट्री पर सुंदर ट्रिंकेट, घंटियां और आभूषण लगाकर किया जा सकता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं, और कई माता-पिता अपने बच्चों को बताते हैं कि काल्पनिक सांता क्लॉज़ हर साल उनके लिए उपहार लाते हैं। बच्चों को एक-दूसरे की ज़रूरत में मदद करके साझा करना और दूसरों के प्रति सहानुभूति रखना सिखाया जाता है। गरीब और जरूरतमंद, जो क्रिसमस नहीं मना सकते, उनकी सहायता की जाती है, इसलिए वे इस तरह के एक अद्भुत त्योहार को याद नहीं करेंगे।

क्रिसमस पर निबंध 250 शब्द (Essay on Christmas 250 words in Hindi)

क्रिसमस 12 दिनों तक चलने वाले त्योहार की समाप्ति की घटना है। बहुत से लोग पिछली घटनाओं को नहीं जानते हैं और केवल मुख्य त्योहार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। क्रिसमस के 12 दिन उपवास और तपस्या के बारे में हैं जो यीशु द्वारा झेली गई पीड़ा को याद करते हैं।

12-दिवसीय श्रृंखला का अंतिम दिन क्रिसमस के रूप में जाना जाता है और हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह रोमन कैलेंडर में शीतकालीन संक्रांति के दिन पड़ता है और वर्ष का सबसे काला दिन होता है। यीशु का जन्म आशा की किरण के रूप में आता है और आत्मज्ञान की ओर एक यात्रा की शुरुआत का प्रतीक है। क्रिसमस क्रिसमस ट्री को सजाने, परिवारों और दोस्तों के साथ खाने और ढेर सारी मस्ती करने के बारे में है। साझा करने के मूल मूल्य शुरू से ही बच्चों में पैदा होते हैं, और वे नैतिक मूल्यों की गहरी समझ रखना सीखते हैं।

क्रिसमस का उपयोग केवल मनोरंजन के लिए नहीं किया जाना चाहिए। यह समय है जब हमें उन लोगों की दुर्दशा के बारे में सोचना चाहिए जो हमसे कम भाग्यशाली हैं। यह वह समय है जब दुनिया भर में दान कार्य आयोजित किए जाते हैं, और उनसे उत्पन्न राजस्व का उपयोग गरीबों और जरूरतमंदों की भलाई के लिए किया जाता है। लोग इस समय का उपयोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक स्वादिष्ट डिनर पर फिर से जुड़ने के लिए करते हैं; वे खेल खेलते हैं और उन्हें उपहार देते हैं। यह लोगों के बीच पारिवारिक संबंधों को बढ़ावा देता है और उन्हें खुश और हर्षित बनाता है।

क्रिसमस पर निबंध 300 शब्द (Essay on Christmas 300 words in Hindi)

क्रिसमस एक विशेष मौसम है जिसे हर साल ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। यह चारों ओर प्रेम, आनंद और शांति के मौसम को दर्शाता है। क्रिसमस की पूर्व संध्या बहुत खुशी और खुशी के साथ मनाई जाती है।

क्रिसमस हमें मानवता, दान और ज्ञान की याद दिलाता है। यह अनिवार्य रूप से हमें मानव जाति की सेवा करके और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों की मदद करके अपने जीवन को बेहतर बनाने का अवसर देता है। यह हमें अपने प्रियजनों के साथ साझा करने, देने और समय बिताने के मूल्य की भी याद दिलाता है। यह त्योहार जीवन में सकारात्मकता और बुरी आदतों से दूर रहने का है।

इससे पहले क्रिसमस को ईसाइयों के त्योहार के रूप में मनाया जाता था। लेकिन अब, यह त्यौहार विश्व स्तर पर सभी धर्मों और संस्कृतियों द्वारा मनाया जाता है और विविधता में एकता का प्रतीक बन गया है। सर्दियों को अब क्रिसमस के मौसम के रूप में जाना जाता है और लोग हमेशा इस त्योहार का बड़े उत्साह और उत्साह के साथ स्वागत करने के लिए उत्सुक रहते हैं।

क्रिसमस की अपनी अनूठी परंपराएं और उत्सव हैं। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर सजाया जा रहा क्रिसमस ट्री सबसे प्रसिद्ध है। यह परंपरा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक चली आ रही है और आज भी शाम का सबसे रोमांचक हिस्सा माना जाता है। माता-पिता और बच्चे मिलकर पेड़ को रोशनी, उपहार, मोजे, लघुचित्र और बहुत कुछ से सजाते हैं। बच्चे इस पल का आनंद लेते हैं और खूबसूरती से सजाए गए इस पेड़ के चारों ओर खेलते हैं। क्रिसमस के पेड़ के नीचे कई उपहार रखे जाते हैं और क्रिसमस की पूर्व संध्या पर खोले जाने चाहिए।

दूसरी ओर, स्कूल और चर्च क्रिसमस से हफ्तों पहले अपनी तैयारी शुरू कर देते हैं। छात्र क्रिसमस के दिन प्रदर्शन किए जाने वाले क्रिसमस कैरोल, गाने और कृत्यों की तैयारी करते हैं। ये आमतौर पर प्रभु यीशु की कहानियों पर आधारित होते हैं। साथ ही क्रिसमस के मौके पर चर्चों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है। उन्हें मोमबत्तियों, बाइबिल की मूर्तियों, सितारों, रोशनी और बहुत कुछ से सजाया गया है। एक बार जब आप चर्च में प्रवेश करते हैं, तो आप महसूस कर सकते हैं कि यीशु की दिव्य उपस्थिति और चारों ओर सकारात्मकता है।

लोग क्रिसमस की पूर्व संध्या पर अलग-अलग व्यंजन तैयार करते हैं जिसमें कपकेक, मफिन, फ्रूट पंच, क्रीम रोल शामिल हैं और सूची जारी है। बच्चे भी सांता क्लॉज़ से मिलने के लिए उत्साहित महसूस करते हैं- एक बूढ़ा व्यक्ति जो लाल और सफेद पोशाक पहने हुए है और बच्चों को उपहार देता है और चारों ओर खुशियाँ बाँटता है।

इसलिए, क्रिसमस चारों ओर शांति और आनंद लाता है, यह हमें यीशु द्वारा किए गए बलिदानों की याद दिलाता है और हमें देखभाल और साझा करने के महत्व को समझने में मदद करता है। यह त्योहार सभी धर्मों को एकजुट करता है और चारों ओर जोश प्रदर्शित करता है।

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क्रिसमस पर निबंध 500 शब्द (Essay on Christmas 500 words in Hindi)

क्रिसमस दिसंबर में स्थापित एक प्रसिद्ध ईसाई अवकाश है, जिसे दुनिया भर में मनाया जाता है और इसकी सजावट और सांता क्लॉज के लिए प्रसिद्ध है। क्रिसमस का अर्थ है “मसीह का पर्व”। यह यीशु मसीह के जन्म को चिह्नित करने वाला एक वार्षिक उत्सव है; यह 25 दिसंबर को दुनिया भर में बहुत सारे लोगों के बीच एक सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। क्रिसमस सभी ईसाई देशों में मनाया जाता है लेकिन प्रत्येक देश में इस तिथि को मनाने के तरीके में मतभेद हैं।

क्रिसमस के पीछे का इतिहास

क्रिसमस का इतिहास बहुत पुराना है; पहला क्रिसमस 336 ई. में रोम में मनाया गया था। 300 के दशक में हुए प्रसिद्ध एरियन विवाद के दौरान इसने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्य युग के प्रारंभिक वर्षों के दौरान, एपिफेनी ने इसकी देखरेख की।

क्रिसमस को लगभग 800 ईस्वी में फिर से सुर्खियों में लाया गया जब सम्राट शारलेमेन को क्रिसमस के दिन ताज मिला। 17वीं शताब्दी के दौरान, प्यूरिटन्स ने क्रिसमस पर प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि यह नशे और अन्य अन्य दुर्व्यवहारों से जुड़ा था।

इसे 1660 के आसपास एक उचित अवकाश बना दिया गया था लेकिन फिर भी यह काफी विवादित था। 1900 की शुरुआत के आसपास, एंग्लिकन कम्युनियन चर्च का ऑक्सफोर्ड आंदोलन शुरू हुआ और इससे क्रिसमस का पुनरुद्धार हुआ।

क्रिसमस की तैयारी

क्रिसमस एक सांस्कृतिक उत्सव है जिसमें बहुत सारी तैयारियां होती हैं। यह एक सार्वजनिक अवकाश है और इसलिए लोगों को इसे मनाने के लिए क्रिसमस का अवकाश मिलता है।

क्रिसमस की तैयारी ज्यादातर लोगों के लिए जल्दी शुरू हो जाती है ताकि क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जश्न शुरू हो जाए। क्रिसमस की तैयारियों में बहुत सारी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। लोग आमतौर पर परिवार और दोस्तों के बच्चों के लिए सजावट, भोजन और उपहार खरीदते हैं। कुछ परिवार सभी के लिए मैचिंग क्रिसमस आउटफिट की खरीदारी करते हैं।

आम तैयारियों में क्रिसमस ट्री, लाइटिंग के साथ जगह की सजावट शामिल है। सजावट शुरू करने से पहले, घर को गहराई से साफ करना चाहिए। क्रिसमस ट्री घरों में क्रिसमस की भावना लाता है।

उपहारों को क्रिसमस ट्री के नीचे लपेटे हुए उपहार बक्से में रखा जाता है और क्रिसमस के दिन तक नहीं खोला जाना चाहिए। विशेष आयोजन के लिए चर्च को भी सजाया गया है। क्रिसमस की शुरुआत के लिए चर्चों की पूरी सफाई भी की जाती है। क्रिसमस के दिन गाने और स्किट का प्रदर्शन किया जाएगा।

लोग आमतौर पर क्रिसमस पर बहुत अधिक खर्च करते हैं और इसलिए इन योजनाओं के लिए पैसे बचाना इन सभी के बीच सबसे पहले की तैयारी होनी चाहिए। परिवार भी इस उत्सव की अवधि के दौरान एक साथ रहने के लिए यात्रा करने की योजना बनाते हैं। परंपरागत रूप से टर्की इस दिन दुनिया भर में आम भोजन है। दोस्तों और परिवार को एक खुश छुट्टी की कामना करने और प्यार दिखाने के लिए कार्ड भी लिखे जाते हैं।

क्रिसमस दिवस समारोह

दिन को चिह्नित करने के लिए रेडियो और टेलीविजन पर क्रिसमस कैरोल बजाए जाते हैं। अधिकांश परिवार चर्च जाने से शुरू करते हैं जहां प्रदर्शन और गाने किए जाते हैं। फिर बाद में, वे उपहारों का आदान-प्रदान करने और भोजन और संगीत के साथ जश्न मनाने के लिए अपने परिवारों में शामिल हो जाते हैं। क्रिसमस के दौरान खुशी किसी और की तरह नहीं है।

क्रिसमस पर घर का बना पारंपरिक प्लम केक, कपकेक और मफिन विशेष व्यंजन हैं। बच्चों को ढेर सारे उपहार और नए कपड़े पहनाए जाते हैं। वे ‘सांता क्लॉज़’ से भी मिलते हैं, जो एक लाल और सफेद पोशाक पहने हुए हैं, जो उन्हें गले लगाकर और उपहारों के साथ स्वागत करते हैं।

क्रिसमस हमें मित्रों और परिवार के साथ देने और साझा करने के महत्व की याद दिलाता है। क्रिसमस के माध्यम से, हम जानते हैं कि यीशु का जन्म दुनिया में महान चीजों की शुरुआत है। यह आम तौर पर प्रकृति और हमारे अस्तित्व के कारण के बारे में सोचने का अवसर है। क्रिसमस एक ऐसा त्योहार है जिसे सभी धर्मों और आस्थाओं के लोग ईसाई त्योहार होने के बावजूद दुनिया भर में मनाते हैं। यह इस त्योहार का सार है जो लोगों को इतना जोड़ता है।

क्रिसमस पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्रिसमस के 12 दिन कब होते हैं.

क्रिसमस के 12 दिन क्रिसमस के दिन (25 दिसंबर) से शुरू होते हैं और प्रकाशितवाक्य की पारंपरिक तिथि से एक रात पहले 5 जनवरी को समाप्त होते हैं।

“लिटिल क्रिसमस” क्या है?

लिटिल क्रिसमस, जिसे अन्यथा ओल्ड क्रिसमस कहा जाता है, 6 जनवरी के लिए आयरिश ईसाइयों और अमीश ईसाइयों के बीच पारंपरिक नामों में से एक है, जिसे क्राइस्टमास्टाइड के बारह दिनों के अंत के बाद जोड़ा और मनाया जाता है।

क्रिसमस 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

क्रिसमस ईसा मसीह के परिचय को याद करने के लिए मनाया जाता है, क्योंकि ईसाइयों को भगवान के बच्चे के रूप में स्वीकार किया जाता है। क्रिसमस का नाम मास ऑफ क्राइस्ट से आया है। यह याद करने के लिए एक सामूहिक सेवा का आयोजन किया जाता है कि प्रभु यीशु हम मनुष्यों के कारण मरे और फिर जीवित हो गए।

क्रिसमस की शुरुआत सबसे पहले कहाँ हुई थी?

क्रिसमस या क्राइस्ट का त्योहार पहली बार 336 में रोम में शुरू हुआ था, लेकिन यह 9वीं शताब्दी के अंत में एक लोकप्रिय ईसाई त्योहार बन गया।

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स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर निबंध (Christmas Celebration Essay in Hindi)

Christmas Celebration-in-School

हर साल दिसंबर का महीना में हमें दो चीजों का इंतजार रहता है, एक क्रिसमस तो दूसरा नए साल के आगमन की। दिसंबर महीने में जैसे-जैसे सर्दियां बढ़ती है, क्रिसमस के उत्सव की रौनक भी बढ़ने लगती है। होली, दिवाली, ईद की तरह ही ईसाई धर्म के लोग इस त्यौहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है। मुख्य रूप से यह ईसाइयों का त्यौहार है, पर भारत के साथ पुरे विश्व में सभी धर्म के लोग मिलजुल कर इस त्यौहार को मनाते है। क्रिसमस के साथ ही बीते साल की अच्छी विदाई और नए साल के आगमन का शुभ संकेत देती हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य || क्रिसमस ट्री पर 10 वाक्य

स्कूल में क्रिसमस उत्सव 2022 पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Christmas Celebration in School 2022 in Hindi, School mein Christmas Utsav par Nibandh Hindi mein)

उम्मीद करती हूँ कि नीचे लिखे गए क्रिसमस सेलेब्रेशन 2021 पर बड़ा निबंध आपको जरूर पसंद आयेंगे और आपके स्कूल प्रोजेक्ट में काम भी आयेंगे।

Long Essay on Christmas Celebration – 1300 Words

परिचय (Introduction)

आप सभी ने यीशु मसीह का नाम अवश्य सुना या पढ़ा होगा, इन्हें भगवान के दूत के रूप में जाना जाता है। हर साल दिसम्बर के अंत में 25 तारीख को ईसा मसीह के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। भारत और अन्य देशों में अन्य धर्मों के लोग इस दिन को ‘बड़ा दिन’ के रूप में मानते है। क्योंकि इस दिन से दिवस के बढ़ने की शुरुआत भी होती है। लोग इसे बहुत ही उत्साह और खुशी के साथ मनाते है, और बच्चों के लिए यह दिन खाश होता है। ऐसा माना जाता है कि ‘सांता क्लॉज’ के रूप में यीशु मसीह उन्हें आशीर्वाद और उनके लिए उपहार देने स्वयं आते हैं। बच्चे भी इस दिन सांता क्लॉज का बड़ी बेसब्री से इंतजार करते है।

क्रिसमस कैसे मनाते है? (How Christmas is Celebrated)

ईसाइयों के लिए यह सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार होता है। दुनियां भर के लोग इस दिन को बड़े धूम-धाम से मानते है। भारत में ईसाई लोगों की संख्या बहुत कम है, फिर भी यहां के लोग इसे बड़े जोश और उमंग के साथ मनाते है। क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग इसे मिलजुल कर बहुत ही प्यार और आनंद के साथ इस त्योहार को मनाते है।

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क्रिसमस की तैयारी और त्योहार मनाना (Preparation for Christmas Festival)

इस त्योहार के आते ही लोग महीनों पहले से ही इसकी तैयारी में लग जाते है। घर सजावट के सामान, कपड़े, उपहार, मिठाइयां, और बच्चों के लिए तोहफों की खरीदारी लोग पहले से ही शुरू कर देते है। परिवार और रिश्तेदारों को देने के लिए उपहारों की खरीदारी सबके लिए बहुत रोमांचकारी होता है। हम अपने घर के पास के गिरजाघरों की सफाई और उसकी मरम्मत करवाते है। इस दिन हम एक क्रिसमस ट्री को घर पर अद्भुत और मनमोहक तरीके से सजाते है।

त्योहार में क्रिसमस का पेड़ को नये जीवन और नयी भावना का प्रतीक माना जाता है। इस दिन गीत-संगीत, प्रार्थना, नृत्य, और पार्टियों का आयोजन किये जाते है। रात्रि चर्च में यीशु की प्रार्थना के बाद लोग आपस में एक दूसरे के गले लग शुभकामनाएं और बधाइयाँ देते है। बच्चों के लिए उपहार और हम उम्र के साथ अपने विचारों का आदान प्रदान करते है। रात्रि के समय पार्टियों में खाने की व्यवस्था की जाती है।

त्योहार का इतिहास (Christmas Festival History)

क्रिसमस का यह त्योहार ईसा मसीह के जन्म से जुड़ा है। माना जाता है कि लगभग 5-6 ईसा पूर्व सदी के सबसे सर्द मौसम में ईसा मसीह का जन्म मरियम के पुत्र के रूप में हुआ। जिन्हें बाद में मदर मैरी के नाम से भी जाना गया।

उस बच्चे को ईशु के नाम से जाना गया और वह बड़ा होकर लोगों में प्यार और सद्भावना को जगाने और चारों तरफ शांति के संदेश के साथ लोगों को बुराइयों से दूर रहने का सन्देश दिया। ईशु को भगवान का अवतार माना जाता है, क्योंकि उन्होंने कुवारी मरियम की गोंद से जन्म लिया था। इनके जन्म के बाद स्वर्ग के दूतों ने मरियम को उनके जन्म के सूचना दी की वे ईश्वर का रूप है।

25 दिसम्बर का दिन ईशु मसीह के जन्म का सही दिन तो नहीं दर्शाता पर इस दिन उनके बलिदान, उपदेश, जीवन ज्ञान, शांति दूत के रूप में उन्हें याद किया जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक परम्पराएं भी है।

क्रिसमस का महत्व (Significance of Christmas)

जैसा की हम सब जानते है यह ईसाईयों का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। क्रिसमस त्योहार का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य और महत्त्व है।

क्रिसमस का यह उत्सव सभी के बीच आपसी प्रेम और भाईचारे का सन्देश देता है। हमें आपस में सद्भाव और सौहार्द के साथ रहना सिखाता है।

क्रिसमस के त्योहार का मुख्य मकसद है बुराई को खत्म करना और अच्छें विचारों को एक दुसरे में फैलाना। हर किसी के प्रति दया-भाव रखना। क्रिसमस के माध्यम से हम अपने अच्छे विचारों दुसरों में बाटना और चारों ओर सुख और शांति फैलाना ही इसका मुख्य उद्देश्य है।

मेरे स्कूल में क्रिसमस उत्सव (Christmas Celebration in my School)

हर वर्ष क्रिसमस और नए साल के जश्न का आयोजन स्कूलों में मनाया जाता है। मेरे स्कूल में भी क्रिसमस को बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। अध्यापकों से ज्यादा बच्चों में इस त्यौहार का जोश और उत्साह देखने को मिलता है। हमारा स्कूल एक मिशन स्कूल है इसलिए हमारे स्कूल के परिसर में एक चर्च भी है। हम सब बच्चे और सफाई कर्मचारी मिलकर इसकी अच्छे से साफ-सफाई करते हैं, और हमलोग इसे माला, रिबन, झालर, गुब्बारे इत्यादि से सजाते है। सभी मिलकर क्रिसमस के पेड़ को सितारों, गुब्बारों, रोशनी इत्यादि से सजाकर चर्च के पास रखते है और एक मंच को भी अच्छी तरह से सजा कर तैयार करते है।

मंच के सामने अतिथि की कुर्सियों पर हमारे शिक्षक को सम्मान के साथ बैठाया जाता है और पीछे की कुर्सियों पर हमारे स्कूल के वरिष्ठ छात्रों को बिठाया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत गीत के साथ की जाती है और फिर ईशु के प्रार्थना गीत गायी जाती है। इसके बाद ईशु के जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाता है। उसके बाद संगीतकारों द्वारा क्रिसमस के कुछ संगीत प्रस्तुत किये जाते है। बाद में हमारे प्रधानाध्यापक और अन्य शिक्षकों के द्वारा भाषण कराया जाता है। भाषणों में ईशा मसीह के गुणों को बताया जाता है और सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं दी जाती है। तत्पश्चात हमारे ही शिक्षकों में से सांता क्लॉज बने एक शिक्षक वहां उपहारों के साथ आते है और हम सभी को हमारा उपहार देते है।

इसके बाद छात्रों को शिक्षकों द्वारा केक और खाने के लिए अन्य चीजें वितरित की जाती है। इसके साथ ही हमें क्रिसमस और नए साल की बधाइयाँ दी जाती है और ठंडी की छुट्टियों की घोषणा भी इसी समय कर दी जाती है। सभी छात्र क्रिसमस का खूब आनंद लेते है और बाद में सब एक-दूसरे को बधाई और शुभकामनाएं देते है।

गरीब छात्रों के लिए कार्यक्रम (Program for Poor Students on Christmas in My School)

हमारे स्कूल में क्रिसमस के कार्यक्रम वाले दिन स्कूल और स्कूल के परिसर के पास रहने वाले गरीब छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन हमारे प्रधानाध्यापक द्वारा किया जाता है। हर बच्चे को नए पोशाक और मिठाइयां दी जाती हैं। उन छात्रों के मनोरंजन के लिए अलग से कार्यक्रम आयोजित किये जाते है, कुछ प्रस्तुतियां उनके द्वारा भी की जाती है। बाद में चैरिटी संस्थाओं द्वारा उन्हें केक, मिठाइयां, किताबों, इत्यादि का वितरण किया जाता है। उन्हें कक्षा में मुफ्त शिक्षा के लिए आमंत्रित भी किया जाता है। इन सब बातों से उनके चेहरे की खुशी देख मन को संतुष्टि मिलती है, और मन में विचार आता है कि मैं भी बड़ा होकर ऐसे ही बच्चों के हित के लिए कुछ करूँगा।

क्रिसमस संध्या (Christmas Evening Special)

मैं अपने कॉलोनी के अपने दोस्तों के साथ क्रिसमस का त्योहार मनाता हूँ। सब साथ मिलकर क्रिसमस के पेड़ को अद्भुत तरीके से सजाते है। मेरी माँ द्वारा बनाये गए केक को सभी कॉलोनी के बच्चे और बड़े साथ मिलकर काटते है। सभी बच्चे और बड़े मिलकर नाचगाने के साथ खूब मस्ती करते है।

सभी लोग एक दूसरे को क्रिसमस की बधाई और शुभकामनाएं देते है। बड़े लोग बच्चों को प्यार, आशीर्वाद और उन्हें उपहार देते हैं। सभी बच्चे भी मिलकर बड़ों के लिए कोई डांस या क्रिसमस प्रोग्राम करते है। बाद में सभी चर्च जाकर ईशु के सामने सभी के सुख-शांति और समृद्धि की प्रार्थना करते है।

निष्कर्ष (Conclusion)

क्रिसमस हमें प्रेम और सद्भाव के साथ रहना सिखाता हैं। यह त्यौहार गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करना बताता है। हर धर्म के लोग आपसी प्रेम के साथ इस त्योहार को मनाते है। मुख्यतः यह त्योहार बच्चों को बहुत पसंद आता है। गीत-संगीत, जिंगल्स और अनेक प्रकार के तोहफे बच्चों को बहुत पसंद आते है, और सांता क्लॉस के दिए उपहार उन्हें हमेशा के लिए खुश कर जाते है।

सम्बंधित जानकारी:

  • क्रिसमस पर भाषण
  • क्रिसमस पर कविता (क्रिसमस डे पर कविता)
  • क्रिसमस पर स्लोगन (नारा)

स्कूल में क्रिसमस उत्सव पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions on Christmas Celebration in School in Hindi)

उत्तर – 7 जनवरी को

उत्तर – लातविया के रिगा शहर में सन् 1510 में सजाया गया था।

उत्तर – सदाबहार वृक्ष डगलस, बालसम या फर के पेड़ को क्रिसमस ट्री कहते है।

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क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi

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इस आर्टिकल में आप क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi) पढ़ सकते हैं। साथ ही इस लेख में हमने क्रिसमस की कहानी, इतिहास और इसके महत्व के विषय में भी लिखा है। यह निबंध हमने 800 शब्दों में स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए लिखा है।

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प्रस्तावना (क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi)

क्रिसमस विश्वभर में मनाया जाने वाला एक महान पर्व है। यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है। यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। आईये जानते हैं इस त्यौहार का महत्व क्या है और इसको मनाते क्यों है – इसका इतिहास।

क्रिसमस का महत्व Importance of Christmas in Hindi

यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है। लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 

इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। मसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम जोसेफ था। लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

पढ़ें: नव वर्ष पर निबंध Happy New Year Essay in Hindi

क्रिसमस का इतिहास व कहानी History of Christmas in Hindi

जैसे कि हमने आपको बताया कि क्रिसमस का उत्सव भगवान ईसा मसीह के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है।  क्रिसमस के इतिहास को ईसा मसीह के जन्म की कहानी भी माना जाता है।

कई हजारों साल पहले की बात है नासरत शहर में मरियम नाम की एक महिला रहते थे।ईश्वर ने उस महिला को पवित्र माना और उसके गर्भ से जन्म लेने के लिए उसे चुना। इसलिए ईश्वर ने गैबरियल नामक अपने स्वर्ग दूध को उस कुमारी लड़की मरियम को दर्शन देने के लिए भेजा।

एक दिन मरियम को स्वर्ग दूत गैब्रियल ने अपने दर्शन दिए और उसे बताया कि ईश्वर पुत्र के रूप में उसके गर्भ से जन्म लेंगे। यह सुनकर मरियम चिंता में पड़ गई क्योंकि अभी तक उसका विवाह नहीं हुआ था। जब इसके विषय में मरियम ने गैबरियल से पूछा तो गैबरियल ने बताया ईश्वरीय शक्ति से वह गर्भवती बनेगी और उस पुत्र को जन्म देगी।

मरियम के मंगेतर का नाम युसूफ था। जब यूसुफ को पता चला कि उसकी मंगेतर गर्भवती है तो उसने उससे विवाह करने से मना कर दिया। तभी स्वर्ग दूत गैबरियल ने यूसुफ को सारी बात बताई। जब यूसुफ को सही बात का पता चला तो वह मान गया और उसने मरियम से विवाह कर लिया। 

उस समय नासरत नगर, रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। जब मरियम का गर्भावस्था का अंतिम समय चल रहा था तब रोमन राज्य की जनगणना का समय आ गया, तब रोमन राज्य के नियमों के चलते यूसुफ भी अपनी पत्नी को लेकर बेथलेहेम शहर को चला गया। उसी समय मरियम को प्रसव पीड़ा होने लगी और किसी भी जगह में ठहरने के लिए जगह ना मिली। 

वह दोनों एक अस्तबल में चले गए, उसी अस्तबल में मरियम ने शिशु को जन्म दिया। उसके बाद उन्होंने शिशु को कपड़े में लपेट दिया और घास से बने चरनी में लिटा दिया। उसके बाद अचानक ही कई स्वर्गदूत आ गए और परमेश्वर ईसामसीह की जयजयकार करने लगे।

क्रिसमस उत्सव की तैयारी Celebration of Christmas Festival

  • लगभग 1 महीने पहले से ही क्रिश्चियन लोग इस त्यौहार की तैयारी शुरू कर देते हैं। इस खुशी में लोग अपने घरों को रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं। नए-नए कपड़े खरीदते हैं। इस दिन गिरजा घरों को सजाया जाता है।
  • ठीक रात 12:00 बजे गिरजा घरों में प्रार्थना शुरू हो जाती है। इस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमस टाइम की भी शुरुआत होती है। क्रिसमस के उत्सव पर लोग अपने दोस्त यारों और रिश्तेदारों को आमंत्रित करते हैं और साथ मिलकर जश्न मनाते हैं।

क्रिसमस दिवस के लिए आंगन में क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है। एक्स-मास ट्री में चॉकलेट, गुब्बारे, डॉल, गिफ्ट आदि लगा कर सजाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को केक बधाई पत्र आदि उपहार देते हैं।

क्रिसमस डे के दिन रात्रि के समय सैंटा क्लॉस बच्चों को गिफ्ट बांटते हैं तथा मोमबत्ती जलाकर यीशु मसीह से प्रार्थना करते हैं। इस तरह से लोग क्रिसमस का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं। क्रिसमस के दिन लोगों का मुख्य मिठाई ‘केक’ होता है। भारत में भी इस त्यौहार को सभी धर्म के लोग खुशियों के साथ मनाते हैं।

क्रिसमस गीत व कविता Christmas Song and Poem in Hindi

  • ठंडी ठंडी हवाओं में कोई मेरी क्रिसमस गाता है। हर बार वह थैला भरकर हो गिफ्ट लेकर आता है। मां हमसे कहती है वह बच्चों से प्यार है करता, हरे भरे क्रिसमस ट्री को वह सुंदर सजा के देता, दिसंबर 25 को आता वो, संता-संता कहलाता वो।
  • क्रिसमस आया क्रिसमस आया बच्चों का है मन ललचाया। सैंटा क्लॉस आएंगे नए खिलौने लाएंगे। सैंटा क्लॉस में दी आवाज एनी आओ, पेनी आओ, जॉनी आओ, जॉन आओ। यीशु की याद का दिन है बच्चों के प्यार का दिन है।
  • जिंगल बेल बज रहे हैं साल खत्म हो रहा है उससे पहले 25 दिसंबर, क्रिसमस आ रहा है, क्रिसमस आ रहा है।

क्रिसमस ट्री कुछ खास बातें Some Important facts about Christmas Tree

सदाबहार क्रिसमस पेड़ सर्दियों के बीच में जीवन का एक प्राचीन प्रतीक था। लेकिन इस पेड़ का इस्तेमाल सबसे पहले कहां किया गया यह बात किसी को पता नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि कई हज़ार वर्ष पहले उत्तरी यूरोप में इसकी शुरुआत हुई थी। कहा जाता है कि शुरुआत में क्रिसमस ट्री का उपयोग क्षत्रियों के झूमर में तथा रोशनी के हुक से उल्टा लटकाया जाता था। 

रोमन लोग सर्दियों में सदाबहार शाखाओं को अपने घरों में सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे उत्तरी यूरोप में सदाबहार पेड़ों को काटा और और क्रिसमस के समयओं के दौरान उसे अपने घरों के अंदर अपने बक्सों में लगाया। दूसरी मान्यता के अनुसार जब यीशु मसीह का जन्म हुआ था तब बहुत तेज सर्दी थी और बर्फ बारी की वजह से दुनिया भर के पेड़ों से पत्तियां गिर गई थी और इन पेड़ों ने नई हरी पत्तियों को जन्म दिया।

क्रिसमस ट्री का प्रतीकात्मक रूप क्या है? What Does the Christmas Tree Symbolize?

मूर्तिपूजक संस्कृति में क्रिसमस के पेड़ का सदाबहार हिस्से को जीवन पुनर्जन्म और सहनशक्ति का प्रतिनिधि करता है, जो कि सर्दियों के मौसम में जीने के लिए अति आवश्यक है। यह माना जाता है कि सर्दी के महीने में बुरी आत्माएं अपनी अपनी मजबूत स्थिति में होती हैं इस दौरान इस पेड़ का उपयोग कर अंधेरे युक्त सबसे ठंडी स्थिति को हल्का करना सकारात्मक स्थिति को और बुरी आत्माओं को दूर करना था।

क्रिसमस ट्री को क्यों सजाया जाता है? Why is the Christmas tree decorated?

क्रिसमस के पेड़ों को सजाने का शुरुआत उस समय से हुई जब लोग सर्दी में उन पेड़ों को सजाने के लिए इस्तेमाल करते थे जिनके पत्ते नहीं होते थे। उनका मानना था जब पेड़ों से पत्तियां गिर जाते हैं तब पेड़ों की आत्माएं उसे छोड़ देती है।

इसलिए लोगों ने क्रिसमस ट्री को गहनों के साथ सजाने और पवित्र आत्माओं को आकर्षित करने के लिए इस सुंदर दिखाने का फैसला किया। क्रिसमस ट्री इतना पवित्र है कि हर साल इसे अमरीका में काफी पवित्र माना जाता है। नेशनल क्रिसमस ट्री एसोसिएशन के अनुसार हर साल अमरीका प्रतिवर्ष 25-30 मिलियन से ज्यादा मात्रा में क्रिसमस के पेड़ बिक जाते हैं।

क्रिसमस पर 10 वाक्य Few Lines on Christmas in Hindi

  • क्रिसमस विश्वभर में इसाई धर्म के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला एक महान पर्व है।
  • यह त्यौहार मुख्य रूप से इसाई धर्म के लोगों द्वारा हर साल दुनिया में कई जगहों पर धूमधाम से मनाया जाता है।
  • यह प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। 
  • यह त्यौहार यीशु मसीह के जन्म अवसर पर मनाया जाता है। इस संसार में यीशु मसीह के जन्म को बड़ी पवित्रता और आस्था के साथ मनाया जाता है।
  • लोकप्रिय रीति-रिवाज़ों में उपहारों का आदान-प्रदान, क्रिसमस के पेड़ों को सजाना, चर्च में भाग लेना, एक साथ परिवार के साथ मिलजुल कर भोजन करना तथा सैंटा क्लॉस के आने का इंतजार करना, यह सब इस दिन किया जाता है। 
  • इस दिन श्रद्धालु ईसा मसीह के पुनर्जन्म के शुभ कामना करते हैं। 
  • इसामसीह का जन्म बेथलहम शहर में स्थित एक गौशाला में हुआ था। उनकी मां का नाम मरियम और पिता का नाम युसूफ था।
  • लोगों का ऐसा मानना है कि मानव जाति को बचाने के लिए परमात्मा, ईसा मसीह के रूप में पृथ्वी पर आए थे।

उपसंहार Conclusion

क्रिसमस का यह त्यौहार क्रिश्चन लोगों का है लेकिन सभी धर्मों के लोग इस त्योहार का आनंद उठाते हैं। क्रिसमस का यह त्यौहार पूरे विश्व में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन लोग प्रभु ईसा मसीह के सामने अपनी गलतियों के लिए क्षमा याचना और प्रार्थना करते हैं। आशा करते हैं आपको क्रिसमस पर यह निबंध (Christmas Essay in Hindi) अच्छा लगा होगा।

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क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi - छोटी पंक्तियाँ और लंबे निबंध पैराग्राफ

क्रिसमस दिवस पर निबंध: यहां क्रिसमस दिवस पर निबंधों में क्रिसमस के महत्व और आनंद का अन्वेषण करें। परंपराओं, उत्सवों और शाश्वत भावना की खोज करें।.

Atul Rawal

क्रिसमस पर 10 पंक्तियाँ

  • क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का जश्न मनाने का अवसर है, जिन्हें ईसाई ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं।
  • क्रिसमस, अन्य त्योहारों की तरह, प्यार, गर्मजोशी, हँसी और एकजुटता के क्षणों का जश्न मनाने का एक आनंदमय समय है।
  • क्रिसमस को लोग अपने अनोखे अंदाज में मनाते हैं, लेकिन घरों और सड़कों को जगमगाती रोशनी से सजाना एक आम परंपरा है जिसे हर कोई निभाना पसंद करता है।
  • उपहारों का आदान-प्रदान एक और परंपरा है जिसका पालन लोग क्रिसमस पर अपने प्यार और कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए करते हैं।
  • यह एक ऐसा अवसर है जो लोगों को एक साथ लाता है, समुदायों और संस्कृतियों के बीच एकता और एकजुटता की भावना को बढ़ावा देता है।
  • क्रिसमस स्वादिष्ट दावतों का पर्याय है, जिसमें रोस्ट टर्की, जिंजरब्रेड कुकीज़ और एग्नॉग जैसे उत्सव के व्यंजन शामिल हैं।
  • परिवार जश्न मनाने के लिए एक साथ आते हैं और भोजन से भरी मेज पर शानदार पल बिताते हैं जो यादें बनाने के लिए एक कैनवास के रूप में काम करते हैं।
  • क्रिसमस लोगों को दयालुता, दान और स्वयंसेवा के कार्यों में शामिल होकर खुशी और सद्भावना फैलाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
  • शिक्षक, माता-पिता और बुजुर्ग छात्रों को इस अवसर के महत्व के बारे में बताते हैं और उन्हें कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
  • यह धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे, दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक वैश्विक अवसर है।
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क्रिसमस दिवस पर 150 शब्दों में निबंध

क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है। ईसाई धर्म में पूज्य ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर 2023 को यह दिन मनाया जाता है। ईसाई यीशु को ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं। क्रिसमस क्रिसमस की कहानी पर चिंतन करने, प्यार फैलाने, बंधनों को मजबूत करने और सद्भावना फैलाने का समय है।

अपनी धार्मिक जड़ों से परे, क्रिसमस एक वैश्विक सांस्कृतिक त्योहार के रूप में विकसित हुआ है। घरों और सड़कों को सजाना, उपहारों का आदान-प्रदान करना, पारिवारिक समारोह आयोजित करना और पारंपरिक भोजन बनाना कुछ ऐसी चीजें हैं जो लोग क्रिसमस पर करते हैं।

300 शब्दों में क्रिसमस उत्सव पर निबंध

क्रिसमस विश्व स्तर पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। यह धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक उत्सव का मिश्रण है। क्रिसमस मनाने के कारणों की बात करें तो ईसाइयों की मान्यताओं के अनुसार यह ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह का जन्मदिन है। इस प्रकार इस दिन का गहरा धार्मिक महत्व भी है। बाइबिल में बताई गई जन्म कथा, बेथलहम में विनम्र जन्म के बारे में बताती है, जिसमें आशा, प्रेम और मोक्ष के विषयों पर जोर दिया गया है।

अपनी धार्मिक जड़ों के अलावा यह त्यौहार सामाजिक आस्था और प्रेम के निर्माण में भी महत्व रखता है। प्रतिष्ठित क्रिसमस ट्री, अक्सर एक सदाबहार शंकुवृक्ष (Christmas tree), छुट्टियों के मौसम के दौरान सजाया जाने वाला प्राथमिक पेड़ है। यह पेड़ सर्दियों के महीनों के दौरान जीवन और आशा का प्रतीक है। परिवार अपना स्वयं का क्रिसमस ट्री लाते हैं और अपने बच्चों के साथ इसे रोशनी, आभूषणों और टिनसेल से सजाते हैं। रिमझिम रोशनी पेड़ को रोशन करती है, और रंग-बिरंगे आभूषण उत्सव का माहौल जोड़ते हैं।

क्रिसमस चिंतन और कृतज्ञता के अवसर के रूप में कार्य करता है। यह व्यक्तियों को अपने जीवन में आशीर्वाद की सराहना करने और कम भाग्यशाली लोगों पर दया करने के लिए प्रेरित करता है। कैरोल्स, उत्सव समारोहों और प्रेम की अभिव्यक्ति के माध्यम से खुशियाँ फैलाने की परंपरा इस विचार को पुष्ट करती है कि क्रिसमस गर्मजोशी और एकजुटता का मौसम है।

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  • परिवार कैसे क्रिसमस मनाता है? + परिवार क्रिसमस को विशेष भोजन, उपहारों का आदान-प्रदान और उत्सवी गतिविधियों में एक साथ आकर मनाता है। सजावटें, कैरोल गायन, और धार्मिक सेवाओं को महत्वपूर्ण परंपराएं हैं।
  • क्रिसमस का महत्व क्या है? + क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म की स्मृति के रूप में है, जो प्रेम, शांति और अच्छाइयों के विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा, यह एक विश्वस्तरीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है जो पूरी दुनिया में मनाया जाता है।
  • क्रिसमस ट्री को सजाने का कारण क्या है? + क्रिसमस ट्री को सजाना एक उत्सव सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा है। रौंगतें, आभूषण और टिंसल खुशी के समय का प्रतीक हैं, जबकि एक ट्री टॉपर अक्सर बेतलहम की मार्गदर्शिका को प्रतिष्ठानित करता है।
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क्रिसमस पर निबंध – Christmas Essay in Hindi

Christmas Essay in Hindi / क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में   – क्रिसमस ईसाई समुदाय (Christian) का सबसे बड़ा और खुशी का त्योहार है, इसलिए इसे बड़ा दिन (Big day) भी कहा जाता है.

केवल ईसाई समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अन्य धर्मों के लोग भी इस त्योहार को बहुत ही धूमधाम और उल्लास के साथ मनाते हैं.

इस लेख में हम छात्रों के लिए क्रिसमस निबंध साझा कर रहे हैं जिसका उपयोग छात्र Long and short essay on Christmas festival in Hindi / Christmas par nibandh Hindi mein / क्रिसमस निबंध लेखन प्रतियोगिता में कर सकते हैं।

Table of Contents

क्रिसमस ईसाइयों का एक प्राचीन त्योहार है जो सालों से सर्दियों के मौसम (Winter season) में मनाया जाता है. क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर (25 December) को पूरी दुनिया में मनाया जाता है.

खासतौर पर बच्चे क्रिसमस का बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि उन्हें अपने प्यारे सांता क्लॉस़ (Santa Claus) का इंतजार रहता है. 

क्रिसमस पर बच्चों के लिए मुख्य आकर्षण सांता क्लॉस ही होता है जो लाल और सफेद कपड़ों में बच्चों के लिए ढेर सारे उपहार (Gifts) और चॉकलेट (Chocolate) लेकर आता है.

बच्चे इस उम्मीद में खुशी से झूम उठते हैं कि क्रिसमस की रात सांता आएगा और उनके लिए ढेर सारे उपहार लेकर आएगा.

क्रिसमस क्यों मनया जाता है? Christmas kyu manaya jata hai in Hindi

ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है क्रिसमस का त्योहार.

कहा जाता है कि इस दिन प्रभु ईसा मसीह (Lord Jesus) यानि क्राइस्ट (Christ) का जन्म हुआ था. ऐसा माना जाता है कि ईसा मसीह का जन्म 25 दिसंबर को बारह बजे बेथलहम शहर (Bethlehem) की एक गौशाला में हुआ था.

प्रभु ईसा मसीह ईसाइयों के ईश्वर (God) हैं जिन्होंने ईसाई धर्म (Christianity) की शुरुआत की थी.

ईसा मसीह एक महात्मा थे और उन्होंने समाज को प्रेम और मानवता की शिक्षा दी. उन्होंने सभी लोगों को प्यार और भाईचारे से रहने का संदेश दिया था.

ईसा मसीह को ईश्वर का इकलौता प्रिय पुत्र माना जाता है. ईसाईयों का मानना है कि प्रभु यीशु को मानव जाति की रक्षा के लिए ही धरती पर भेजा गया था.

ईसा मसीह कहा करते थे कि दीन-दुखियों की सेवा करना ही संसार का सबसे बड़ा धर्म है और हमें कभी भी हिंसा नहीं करनी चाहिए.

उस समय के शासकों को यीशु के संदेश और बढ़ती लोकप्रियता से घृणा हो गई थी, इसलिए उन्होंने यीशु को क्रूस (Cruce) पर चढ़ा दिया था.

ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि तीसरे दिन ईसा मसीह फिर से जीवित हो गए थे. उन्होंने कई ऐसे चमत्कार किए जो सामन्य लोगों के लिए असंभव थे. कहा जाता है कि भगवान ने उन्हें ऐसा करने की शक्ति दी थी.

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व्यापक रूप से होती है क्रिसमस त्योहार की तैयारियां

क्रिसमस के दिन ईसाई अपने घर को अच्छी तरह से सजाते हैं. इस पर्व की तैयारी एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती है और क्रिसमस के 12 दिन बाद यह पर्व समाप्त होता है.

घरों की साफ-सफाई की जाती है, नए कपड़े खरीदे जाते हैं, तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. इस दिन के लिए चर्चों को विशेष रूप से आकर्षक रोशनी से सजाया जाता है.

इस मौके पर स्कूल, कॉलेज और ऑफिस आदि में करीब एक हफ्ते की छुट्टी रहती है. सभी बाजारों की रौनक बढ़ जाती है, साथ ही घर व बाजार रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठते हैं.

चर्च में सामूहिक रूप से विशेष प्रार्थना होती है. लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाते हैं, एक दूसरे को मेरी क्रिसमस (Merry Christmas), हैप्पी क्रिसमस डे (Happy Christmas Day) कहकर बधाई देते हैं और एक दूसरे के साथ मिठाइयों (Sweet) और उपहारों (Gifts) का आदान-प्रदान करते हैं.

क्रिसमस ट्री का होता है विशेष महत्व 

इस दिन लोग अपने परिवार के साथ चर्च और आंगन में क्रिसमस ट्री (Christmas tree) लगाकर विशेष सजावट करते हैं. इसे घंटियों, दीयों, गुब्बारों और सितारों से सजाया जाता है और इसकी शाखाओं पर कुछ उपहार भी बांधे जाते हैं.

सजावट और चमक-दमक से क्रिसमस ट्री बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगता है. इस मौके पर लोग क्रिसमस ट्री के आसपास संगीतमय माहौल में अपने दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों और पड़ोसियों के साथ नाचते-गाते हैं.

केक का भी होता है विशेष महत्व 

सच कहे तो केक क्रिसमस का विशेष व्यंजन (Special dish) है, केक के बिना क्रिसमस अधूरा है. इस त्योहार में केक (Cake) का भी विशेष महत्व होता है जिसे अक्सर क्रिसमस केक (Christmas cake) कहा जाता है.

क्रिसमस के दौरान मीठे, मनमोहक केक काटने और खिलाने का रिवाज सदियों पुराना है. लोग एक दूसरे को केक खिलाकर त्योहार की बधाई देते हैं.

  • ईसा मसीह के जन्म की कहानी – Jesus Christ birth story in Hindi
  • Christmas eve क्या होता है? क्रिसमस के 12 दिनों की सूची हिंदी में

सांता क्लॉस होता है विशेष आकर्षण

कुछ लोग सांता क्लॉस (Santa Claus) का रूप धारण कर बच्चों को टॉफी-गिफ्ट आदि बांटते हैं. 

किंवदंतियों के अनुसार, यह कहा जाता है कि सांता क्लॉस़ आधी रात को स्वर्ग से नीचे आते हैं और चुपचाप क्रिसमस ट्री के पास बच्चों के लिए उपहार के रूप में उनकी पसंदीदा चीज़ें छोड़ जाते हैं.

अगली सुबह अपनी पसंद का उपहार मिलने पर बच्चे भी बहुत खुश होते हैं.

गिरजाघरों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं

क्रिसमस के कुछ दिन पहले से ही चर्च में तरह-तरह के कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं जो नए साल (New Year) तक चलते हैं.

इन धार्मिक कार्यक्रमों में प्रभु ईसा मसीह की जन्म कथा को नाटक के रूप में प्रदर्शित किया जाता है. एक साथ आकर ईसा मसीह पर आधारित गीतों की अंताक्षरी खेली जाती है, तरह-तरह के खेल खेले जाते हैं, प्रार्थना की जाती है आदि.

कई जगहों पर क्रिसमस की पूर्व संध्या पर गिरिजाघरों में रात्रिकालीन प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है जो रात 12 बजे तक चलती है. ठीक 12 बजे चर्च की घंटा बजते ही लोग अपने प्रियजनों को क्रिसमस की शुभकामनाएं (Merry Christmas) देते हैं और खुशियां मनाते हैं.

फिर क्रिसमस की सुबह गिरिजाघरों में विशेष प्रार्थना सभा होती है, जिसमें लोग अपने परिवार के साथ मिलकर प्रार्थना करते हैं, अपनी सभी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं, पवित्र गीत गाते हैं और अपने प्रियजनों से खुशी से मिलते हैं.

इस शुभ दिन पर अन्य धर्म के लोग भी चर्च में मोमबत्ती जलाकर प्रार्थना करते हैं.

क्रिसमस पर हिंदी में 10 लाइन – Christmas essay in Hindi 10 lines

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essay on christmas festival in hindi

Hindi Essay and Paragraph Writing – Christmas (क्रिसमस )

क्रिसमस  पर निबंध –  इस लेख में हम क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है, क्रिसमस का त्योहार हमें क्या संदेश देता है के बारे में जानेंगे | क्रिसमस दुनियाभर में मनाया जाने वाला पर्व है, जिसे हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से यीशु मसीह के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है।। अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में क्रिसमस पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में क्रिसमस पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250, 350, और 1500 शब्दों में अनुच्छेद / निबंध दिए गए हैं।

  • क्रिसमस पर 10 लाइन
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में
  • क्रिसमस पर अनुच्छेद 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

   

क्रिसमस पर 10 लाइन 10 lines on Christmas in Hindi

  • हम 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं। 
  • क्रिसमस के इस स्वर्गीय दिन पर ईसा मसीह का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन को एक त्योहार के रूप में मनाते हैं।
  • क्रिसमस मुख्य रूप से ईसाइयों द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है  लेकिन ये पूरी दुनिया में दूसरे धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है
  • क्रिसमस के त्यौहार को बड़ा दिन कहकर भी पुकारा जाता है।
  • क्रिसमस के दिन लोग अपने घर में तरह -तरह के केक बनाते है और एक दूसरे को उपहार स्वरूप केक भी देते है।
  • इस दिन पर अपने मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस के कार्ड देने की परंपरा भी है।
  • हम क्रिसमस ट्री को सजाते हैं और उसके ऊपर एक स्टार भी लगाते हैं।
  • हर साल इस दिन बच्चे सांता क्लॉज़ के आने का इंतज़ार करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सांता क्लौज उनके लिए गिफ्ट्स लेकर आएंगे।
  • हम दरवाजे पर मोज़ा लगाते हैं और अपने पसंदीदा उपहारों की कामना करते हैं।
  • क्रिसमस सभी के लिए एक मज़ेदार, दिव्य और पवित्र त्योहार है।

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Short Essay on Christmas in Hindi  क्रिसमस  पर अनुच्छेद 100, 150, 200, 250 से 350 शब्दों में

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में .

क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाने वाला एक त्योहार है। स्कूलों में, यह दिन मौज-मस्ती, सीखने और हँसी-मज़ाक से भरा होता है।

इस दिन स्कूलों में बड़े उत्साह के साथ बच्चे गाना गाते हैं। क्रिसमस ट्री को सितारों, घंटियों और उपहारों से सजाया जाता है। कक्षाओं को रंगीन रोशनी और कागज के बर्फ के टुकड़ों से सजाया गया है।

छात्र कैरल गायन में भाग लेते हैं और ईसा मसीह के जीवन पर नाटक करते हैं। वे जन्म के दृश्य के विभिन्न पात्रों की तरह कपड़े पहनते हैं, जिससे कहानी जीवंत हो जाती है। एक सांता कार्यक्रम के उत्साह बढ़ाने आता है। छात्र प्यार और खुशी फैलाते हुए उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। स्कूल में क्रिसमस मौज-मस्ती, सीखने और देने की भावना का मिश्रण है, जो इसे एक यादगार कार्यक्रम बनाता है।

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क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

हर साल 25 दिसंबर को विश्व ईसाई समुदाय द्वारा ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में क्रिसमस मनाया जाता है।  यह ईसाइयों का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार है और सबसे अधिक प्रतीक्षित भी।

इस त्योहार की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिसंबर के महीने में दुनिया भर में अरबों रुपये के उपहार और अन्य सामान बेचे जाते हैं, ज्यादातर पश्चिमी देशों में। क्रिसमस तीन दिनों का त्योहार होता है। क्रिसमस बस ईसाइयों का त्योहार नहीं बल्कि पूरी दुनिया के सारे धर्मों के लोगों का त्योहार है। 

क्रिसमस यीशु को याद करने और उनकी पूजा के लिए कुछ समय निकालने का समय है। यह जीसस क्राइस्ट की शिक्षाओं और उन्होंने मानवता को क्या सिखाने की कोशिश की, इस पर आत्मनिरीक्षण करने का समय है। इसलिए, क्रिसमस गरीबों और जरूरतमंदों के लिए एकजुटता और करुणा की भावना के साथ मनाया जाता है। लोग जरूरतमंदों को पैसे और खाना देते हैं, हर संभव तरीके से उनकी मदद करते हैं।    Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को ईसाई समुदाय द्वारा हैलोवीन के बाद मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है।  यह ईश्वर के पुत्र ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। क्रिसमस को कई देशों में सार्वजनिक अवकाश के रूप में और कुछ में वैकल्पिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है।

अमेरिका में क्रिसमस को स्कूलों, कॉलेजों और यहां तक कि कार्यालयों में लंबी छुट्टी के रूप में मनाया जाता है।  क्रिसमस की तैयारियां चीड़ के पेड़ की खरीद से शुरू होती हैं जिसे क्रिसमस ट्री के नाम से जाना जाता है। परिवार अपनी आवश्यकताओं और घर के अनुरूप क्रिसमस ट्री की खरीदारी में घंटों बिताते हैं।

इस क्रिसमस ट्री को रोशनी, लैंप और अन्य छोटी वस्तुओं से सजाया जाता है। बच्चों और परिवार के लिए उपहार भी आश्चर्य के रूप में इसकी शाखाओं पर लटकाए जाते हैं।

क्रिसमस का एक और सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण अलाव और आधी रात के करतब हैं। त्यौहार के दिन, परिवार खुले में एक बड़े अलाव की व्यवस्था करता है, जहाँ वे परिवार और दोस्तों के साथ जश्न मनाते हैं।  वे आग के चारों ओर दावत करते हैं, नृत्य करते हैं और क्रिसमस कैरोल गाते हैं।

क्रिसमस का सबसे महत्वपूर्ण पहलू देना और साझा करना है। लोग गरीबों और जरूरतमंदों को उपहार और भोजन वितरित करने के लिए समय और पैसा लगाते हैं। यह त्यौहार किसी को भी पीछे न छोड़ते हुए एक साथ मनाने का प्रयास करने का आह्वान करता है।   Top    

क्रिसमस पर अनुच्छेद कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में

क्रिसमस हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक त्योहार है। यह मुख्य रूप से ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों का त्योहार है, लेकिन यह सभी के बीच बेहद लोकप्रिय हो गया है। भारत में इस त्योहार के प्रति बहुत आकर्षण है क्योंकि यह अपने साथ ढेर सारी खुशियाँ, मौज-मस्ती और आनंद लेकर आता है। 

बच्चे क्रिसमस का बहुत आनंद लेते हैं क्योंकि उन्हें अपने बड़ों से उपहार, मिठाइयाँ आदि मिलती हैं। भारत के कई राज्य जैसे दक्षिण में केरल, तमिलनाडु, पश्चिम में गोवा, नागालैंड, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, असम और भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में अरुणाचल प्रदेश में इस त्योहार का विशेष आकर्षण है।

इन राज्यों में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या काफ़ी अधिक है;  इस प्रकार क्रिसमस के मौसम के दौरान ये स्थान अत्यंत सुंदर हो जाते हैं। क्रिसमस पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भी लोकप्रिय है क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी के शासनकाल के दौरान कोलकाता राजधानी थी और अंग्रेज कोलकाता में काफी उत्साह के साथ मनाते थे।

क्रिसमस समारोह

क्रिसमस यीशु मसीह के जन्मदिन के सम्मान में मानवता और सद्भाव के स्वामी के रूप ने मनाया जाता है। इस प्रकार, क्रिसमस के मौसम के दौरान हर कोई अपनी दुश्मनी भूल जाता है और अपने प्यारे भगवान का जन्मदिन बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाने के लिए एक साथ आता है। मिठाइयाँ बाँटकर उन्होंने यह संदेश दिया कि हमारे कर्म समान रूप से फलदायी होने चाहिए और किसी भी प्रकार के द्वेष या द्वेष की भावना से रहित होने चाहिए। 

क्रिसमस ट्री और सांता क्लॉज़ इस त्योहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। एक विशाल देवदार या देवदार के पेड़ को चमक, चॉकलेट, उपहार, मिठाइयों आदि से सजाया जाता है। शहर विभिन्न प्रकार की रोशनी से रोशन हो जाते हैं। क्रिसमस त्यौहार का जुनून और आकर्षण साल दर साल बढ़ता जा रहा है और यह अब भारत के राष्ट्रीय त्यौहारों में से एक बन गया है।   Top  

Long Essay on Christmas in Hindi क्रिसमस पर निबंध (1500 शब्दों में)

त्योहार मनाने का तरीका, बुतपरस्त संस्कृति का जुड़ाव.

  • संता क्लॉज कौन है?

क्रिसमस का इतिहास

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे प्रसिद्ध और लोकप्रिय त्योहार है, जो हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है।  क्रिसमस दुनिया भर में मनाया जाता है, जिसमें वे देश भी शामिल हैं जहां आबादी ज्यादातर गैर-ईसाई है। इनमें से कुछ क्षेत्रों में, विदेशी सांस्कृतिक प्रभाव ने स्थानीय लोगों को भी छुट्टियाँ मनाने के लिए प्रेरित किया है। जापान एक अच्छा उदाहरण है जहां क्रिसमस लोकप्रिय है, भले ही वहां केवल कुछ ही कैथोलिक हैं। यह त्योहार विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच आम हो गया है और हर कोई इस त्योहार के क्षणों का आनंद लेना पसंद करता है। 

बच्चों को क्रिसमस का त्यौहार बहुत पसंद होता है क्योंकि उस दिन उन्हें अपने सांता से ढेर सारे उपहार मिलते हैं।  क्रिसमस पर बच्चों को सांता क्लॉज और उपहारों का इंतजार रहता है। भारत में भी क्रिसमस ईसाइयों और गैर-ईसाइयों द्वारा समान उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है।   Top    

ईसाइयों का मानना है कि इस दिन ईसा मसीह का जन्म हुआ था और ईसा मसीह के जन्म की याद में वे इसे मनाते हैं। लोगों की मान्यताओं के अनुसार ईसा मसीह ईश्वर के पुत्र थे और ईसा मसीह द्वारा दी गई सीख को लोग आज भी याद करते हैं।

जिस तरह हिंदू अपने घरों की सफाई करके और अपने देवताओं की पूजा करके दिवाली मनाते हैं, उसी तरह ईसाई क्रिसमस से पहले चर्च और अपनी दुकानों की सफाई करते हैं और क्रिसमस के दिन स्तुति के माध्यम से यीशु को याद करते हैं। क्रिसमस मनाने वाले लोगों द्वारा चर्च और क्रिसमस ट्री को रंगीन रोशनी, गेंदों, रिबन, गुब्बारों, मोमबत्तियों और फूलों से खूबसूरती से सजाया जाता है।

चर्च जाना और मोमबत्तियाँ जलाकर यीशु मसीह की पूजा करना क्रिसमस के आवश्यक भागों में से एक है।  न केवल ईसाई बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी दोस्तों और परिवार के साथ चर्च जाते हैं, मोमबत्तियाँ जलाते हैं और चर्च की सजावट देखने का आनंद लेते हैं।  लोग एक-दूसरे को उपहार देकर इस दिन को मनाते हैं और इस दिन क्रिसमस कैरोल भी गाते हैं। सबसे प्रसिद्ध कैरोल्स में से एक जो हमने सुना और गाया है वह है “जिंगल बेल, जिंगल बेल, जिंगल ऑल द वे”।

क्रिसमस की सबसे खूबसूरत बात यह है कि इस त्योहार पर लोग गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कपड़े और उपहार खरीदते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने जाते हैं और एक-दूसरे को “मेरी क्रिसमस” कहकर शुभकामनाएं देते हैं। इसके अलावा, वे अपनी सभा के दौरान उपहार और भोजन भी साझा करते हैं।

बच्चों के लिए, क्रिसमस उपहारों और सांता क्लॉज़ के बारे में है।  बच्चों का मानना है कि सांता उनका दोस्त है जो उनके लिए उपहार लाता है। उनका मानना है कि सांता रात में आएंगे और उनके लिए उपहार छोड़ जाएंगे। बच्चे इस दिन और सांता के तोहफों का बेसब्री से इंतजार करते हैं।   Top    

पहले के समय में, लोग शीतकालीन त्योहार मनाते थे, और यह कई यूरोपीय बुतपरस्त संस्कृतियों में लोकप्रिय था।  उदाहरण के लिए, कहा जाता है कि उत्तरी यूरोप में सेल्ट्स ने इन शीतकालीन समारोहों में मिस्टलेटो और आइवी का उपयोग शुरू किया था, जिसे हम आधुनिक क्रिसमस के साथ बड़े पैमाने पर जोड़ते हैं।

यूल नाम का त्योहार नॉर्स और एंग्लो सैक्सन द्वारा सर्दियों में मनाया जाता था और यूल शब्द आज भी क्रिसमस से जुड़ गया है।  कहा जाता है कि आधुनिक क्रिसमस उत्सव के कई तत्व इन बुतपरस्त यूल उत्सवों से उत्पन्न हुए हैं।  यूल सूअर और बकरियां आम खाद्य पदार्थ थे और कुछ क्षेत्र आज भी क्रिसमस पर इन खाद्य पदार्थों को खाते हैं।  प्राचीन यूल लॉग, जो भोजन नहीं है, एक पेड़ का वास्तविक लकड़ी का लॉग था जिसे स्थानीय लोगों ने त्योहार के प्रतीक के रूप में चुना और जला दिया।

क्रिसमस पेड़ों को घर लाने और उन्हें सजाने की संस्कृति मध्ययुगीन लिवोनिया और जर्मनी से भी आती है।  कैथोलिक चर्च ने लंबे समय तक इस प्रथा का विरोध किया, जिसे सबसे पहले लूथरन प्रोटेस्टेंट चर्च ने अपनाया और रोमन कैथोलिक धर्म से अलग कर दिया। यह वर्ष 1982 था जब वेटिकन में पहली बार क्रिसमस ट्री खड़ा किया गया था।   Top    

संता क्लॉज कौन है? 

शायद क्रिसमस के पेड़ के साथ सभी का सबसे बड़ा रिवाज, यह आंकड़ा लगभग हर किसी को क्रिसमस के साथ जोड़ता है, सांता क्लॉस है। सांता क्लॉस की कहानी ने सैकड़ों साल पहले निकोलस नामक एक भिक्षु के साथ शुरू किया था। ऐसा माना जाता है कि वह वर्ष 280 में अब तुर्की में रहते थे; एक आदमी ने अपनी पवित्रता और दयालुता की प्रशंसा की, उन्होंने अपनी सभी विरासत में धन दिया और जरूरत में मदद करने के आसपास यात्रा की। 

पुनर्जागरण द्वारा, सेंट निकोलस यूरोप के सबसे लोकप्रिय संतों में से एक था और शायद क्रिसमस के उत्सव के साथ उनके सहयोग में योगदान दिया गया। दिसंबर में भी अपनी मृत्यु की सालगिरह पर अपने दावत दिवस का जश्न मनाने के लिए एक रिवाज था। 

18 वीं शताब्दी के अंत में, सेंट निकोलस अमेरिकी संस्कृति में लोकप्रिय हो गए। यह न्यू यॉर्क में एक समाचार पत्र में सेंट निकोलस की मौत की सालगिरह का सम्मान करने के लिए रिपोर्ट किया गया था, कुछ डच परिवार दिसंबर 1873 में इकट्ठे हुए थे। 

डच सेंट निकोलस को उनके उपनाम “सिंटर क्लास” और नाम सांता क्लॉस द्वारा बुलाता था यहां से विकसित हुआ। फिर वह दिसंबर में आम उत्सव के कारण न्यूयॉर्क के संरक्षक संत बन गए। तथ्य यह है कि वह एक संत की जरूरत वाले लोगों को उपहार देने और बच्चों के संरक्षक संत भी से जुड़ा हुआ था। अंत में सेंट निकोलस क्रिसमस के उत्सव से जुड़ा हुआ था। 

एक फिलाडेल्फिया की दुकान में सांता क्लॉस का एक मॉडल स्थापित किया गया था, और यह हजारों बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र था क्योंकि वे केवल यह देखने के लिए आए थे। इसके तुरंत बाद, कई अन्य लोगों ने सांता के आंकड़े के उदाहरण का पालन किया, फिर फिल्मों और गानों में अपना रास्ता बना दिया और क्रिसमस से जुड़े सांस्कृतिक आइकन बन गए। 

लाल वस्त्रों में उनका चित्रण तत्काल नहीं था; वह आमतौर पर सफेद, हरे, या नीले रंग में चित्रित किया गया था। लाल केवल बाद में कोका-कोला के उपयोग के साथ एक विज्ञापन अभियान में ब्रांड के लाल रंग के साथ ड्रेसिंग के साथ आया। यही कारण है कि हम उत्तरी ध्रुव को क्यों जोड़ते हैं क्योंकि उनका घर ज्यादातर थॉमस नास्ट के कारण होता है, एक अमेरिकी कार्टूनिस्ट जिसने हार्पर की साप्ताहिक पत्रिका के लिए कई क्रिसमस चित्र बनाए। 

1863 में, इस क्षेत्र में रेनडियर की उपस्थिति ने सांता क्लॉस के आंकड़े के साथ भी सहयोग किया। अमेरिका के सांस्कृतिक प्रभुत्व के कारण, क्रिसमस के साथ सांता को सहयोगी की यह परंपरा दुनिया भर में क्रिसमस समारोह में विस्तारित हुई। 

अन्य देशों में क्रिसमस और उपहार देने से जुड़े अन्य आंकड़े भी हैं। जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड में, एक परी जैसी आकृति, क्राइस्टकिंड या क्रिस क्र्रेसिंग, बच्चों को उपहार देने के लिए माना जाता है। 

स्कैंडिनेविया में, ऐसा माना जाता था कि यूल थॉम्पसन नामक एक एल्फ था जो एक स्लीघ में आया था जिसे बकरियों ने खींच लिया था, और उसने बच्चे को उपहार दिया। 

फिनलैंड में, योलो बुकी मूल रूप से फिनिश लोकगीत में कुछ हद तक बुराई आकृति थी, जिसका नाम यूल बकरी के रूप में वर्णित था, जो स्वादिष्ट रूप से चित्रित करता था। उन्होंने अंततः इसे एक और नियमित सांता में बदल दिया है। 

इटली में, ला बेफाना नामक एक चुड़ैल के बारे में एक बहुत प्रसिद्ध कहानी है जो एक ब्रूमस्टिक पर आता है और चिमनी से बच्चों के लिए उपहार छोड़ देता है।    Top    

क्रिसमस के उत्सव के संबंध में पूरे यूरोप में एक मिश्रित (नकारात्मक और सकारात्मक) परंपरा है। 

जब तक यह उत्तरी और दक्षिण अमेरिका के साथ-साथ अफ्रीका और एशिया तक पहुंच गया, तो पुराने महाद्वीप में इसका उत्सव पूरी तरह से स्थापित किया गया था। फिर भी, पूरे मध्य युग में, कुछ अपवाद थे। मध्य युग के दौरान, लोग एपिफेनी नामक एक त्यौहार मनाते थे, जिसे मैगी की यात्रा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मनाया जाता था। यह 6 जनवरी को मनाया गया था। 

इसे कई देशों में तीन राजा दिवस भी कहा जाता था क्योंकि यह वह दिन था जब तीन राजा यीशु से मिलने गए और उन्हें कई उपहारों के साथ भी उपहार दिया। उदाहरण के लिए, स्पेनिश अभी भी इस दिन के लिए बहुत महत्व देता है, लेकिन जल्द ही क्रिसमस ने दिसंबर में सभी परंपराओं पर हावी होना शुरू कर दिया। 

क्रिसमस के 12 दिनों में एक शनिवार अनुष्ठान की नकल में मनाया जा रहा था। एक परंपरा के बाद राजा एडमुंड और राजा विलियम के अनुसार सम्राट चार्लीमेन को क्रिसमस के दिन ही ताज पहनाया गया था।

समय बीतने के साथ, क्रिसमस एक महत्वपूर्ण अवकाश में बदल गया। 1337 में इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय द्वारा एक दावत का आयोजन किया गया था और उस दावत में 300 भेड़ें और 28 बैलों को दावत में आए लोगों ने खा लिया था।  दिलचस्प बात यह है कि उन दिनों लोग केवल उन्हीं लोगों को उपहार देते थे जो उनके साथ कानूनी संबंध रखते थे। राजाओं द्वारा धार्मिक अवकाश मनाने के महान उत्सव ने शायद आम लोगों को एक अभ्यास के रूप में अधिक से अधिक ऐसा करने के लिए प्रभावित किया।  उपहारों का आदान-प्रदान अभी भी केवल 6 जनवरी को ही किया जाता था।  

25 दिसंबर की दावत के बाद, यूरोप में 16-17वीं सदी के सुधार के दौरान, कई प्रोटेस्टेंटों ने 24 या 25 तारीख को उपहारों के आदान-प्रदान की परंपरा को बदल दिया और उन्हें वितरित करने के लिए अन्य बनावटी आंकड़े बनाए। क्रिसमस पर प्रतिबंध लगाने की कुछ अवधियों का पालन चर्च में अधिक शुद्धतावादी प्रवृत्तियों के साथ किया गया, लेकिन ये बहुत संक्षिप्त थे, और जल्द ही, विशिष्ट या पिछली परंपराओं की ओर वापसी हुई।

यूके में, क्रिसमस दिवस 1834 में बैंक अवकाश बन गया, और साथ ही, इस समय, उन्होंने जर्मन में जन्मी रानी चार्लोट के हाथों में क्रिसमस ट्री का उपयोग करने की प्रथा शुरू की और जल्द ही यह दुनिया भर में एक परंपरा बन गई।

यह क्रिसमस का एक संक्षिप्त इतिहास है, यह क्या है, इसका उत्सव पहली बार उभरा, यह शुरुआत में क्या था, यह विशिष्ट तारीख (यानी, 25 दिसंबर) को चुना गया था, जिसमें से कई आधुनिक क्रिसमस सीमा शुल्क आते हैं, मूर्तिपूजक त्यौहारों के साथ उनके सहयोग, शीतकालीन त्यौहार प्राचीन और मध्ययुगीन यूरोप, यह पूरे समय विकसित हुआ, और सांता क्लॉस का इतिहास। हमें क्रिसमस के बारे में सभी आवश्यक जानकारी जाननी चाहिए। 

इस आलेख में लगभग सभी क्रिसमस से संबंधित पहलुओं को शामिल किया गया है और संक्षेप में आपको क्रिसमस और इसकी कहानी को समझने में मदद मिलती है। इसके अतिरिक्त, इसमें इसी तरह के समारोहों को शामिल किया गया है जो अभी भी गैर-धार्मिक और अन्य धर्मों के उन लोगों में होते हैं, जो क्रिसमस या पास के मनाए जाने के लिए कम या ज्यादा समान होते हैं

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क्रिसमस त्यौहार पर निबंध (Christmas Day Festival Essay In Hindi)

Table of Contents

क्रिसमस डे पर निबंध (Christmas Day Essay In Hindi)

भारत में हर धर्म के लोग रहते है, जैसे की हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई आदि और सभी धर्म के लोगों के अपने अपने त्योहार होते हैं। हर धर्म के लोग अपने अपने त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं।

क्रिसमस के दिन हम सभी एक ऐसे युवा को देखते हैं जो लाल रंग की पोशाक पहना हुआ होता है। सर पर लाल टोपी होती है, बड़ी सी सफेद दाढ़ी होती है, उसे हम सैंटा क्लॉस कहते हैं।

लोक कथा के अनुसार माना जाता है कि सैंटा क्लॉस उत्तर में बर्फीले देशों में रहता है और बर्फीले ध्रुव में इनके घर बने होते हैं। बच्चों को सैंटा क्लॉस क्रिसमस डे के दिन घर घर जाकर उपहार देते हैं। यह ट्रॉली में बैठ कर आते हैं और झूमते हुए, नाचते हुए, गाते हुए आते हैं। इनका पसंदीदा गाना जिंगल बेल जिंगल बेल जिंगल ऑल द वेल होता है।

क्रिसमस त्यौहार पर निबंध (Short Essay On Christmas Festival In Hindi)

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क्रिसमस पर निबंध – Christmas Essay in Hindi

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क्रिसमस ईसाइयों का सबसे महत्त्वपूर्ण त्योहार है तथा भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है। इस दिन प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को ईसा मसीह का जन्म दिवस मनाया जाता है। ईसा मसीह ‘ईश्वर के पुत्र’ कहलाते हैं, जो इस धरती पर मानव जाति की बुराई से रक्षा के लिए आए थे। वे मानव जाति के लिए सबसे बड़े मार्गदर्शक, उपदेशक व उपचारक थे। उन्होंने संसार को शांति, प्रेम व धैर्य का संदेश दिया।

ईसा के जन्म का यह उत्सव 336 ई- से मनाया जा रहा है। ‘क्रिसमस’ या ‘एक्स-मस’ शब्द ‘क्राइस्ट मास’ से लिया गया गया है।

ईसा मसीह धरती पर आए

ईसा मसीह का जन्म इज़रायल के बैथलहम में मदर मैरी के घर हुआ ।

इज़रायल में नाज़रेथ नामक छोटा-सा गांव था । वहां जोसफ नामक बढ़ई रहता था । उसका मैरी नामक युवती से विवाह होने वाला था ।

एक दिन देवदूत मैरी के पास आया और कहा, “ईश्वर ने अपने पुत्र को धरती पर भेजने का निर्णय ले लिया है उन्होंने तुम्हें अपने पुत्र की माता के रूप में चुना है ।”

देवदूत ने मैरी से यह भी कहा कि वह बालक का नाम ‘जीसस’ रखे । मैरी यह सुनकर प्रसन्न व रोमांचित हो उठी । वह अपने-आपको धन्य मान रही थी ।

christmas festival

जोसफ विवाह से पूर्व ही मैरी के गर्भवती होने का समाचार सुनकर चौक गया । यहां तक कि उसने विवाह तोड़ने का भी फैसला ले लिया ।

देवदूत गैबरियाल ने उसके सपने में आकर कहा, “हे जोसफ! कृपया मैरी को छोड़ने का विचार मन में मत लाओ । वह पवित्र है, तभी ईश्वर ने उसे अपने पुत्र की माता बनने के लिए चुना है । मैरी को पत्नी के रूप में स्वीकार लो ।”

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जोसफ ने देवदूत के आदेश को मानकर मैरी से विवाह कर लिया । कुछ माह बाद वहां के राजा ने आदेश दिया कि सभी लोगों को नई कर पद्धति के लिए अपना पंजीकरण कराना होगा । इसके लिए उन्हें अपने जन्मस्थान जाने का निर्देश दिया गया ।

जोसफ व मैरी नाज़रेथ से बैथलहम रवाना हुए । मैरी खच्चर पर थी और जोसफ पैदल चल रहा था । उन्होंने बैथलहम पहुंचने के लिए कई मील लंबी यात्रा की । जब वे वहां पहुंचे तो रात घिर आई । मैरी भी काफी थकी हुई थी । शिशु के जन्म का समय भी समीप ही था ।

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मैरी व जोसफ ने सराय में रहने के लिए स्थान खोजा, पर कोई जगह खाली न थी । जोसफ ने सराय वाले को मैरी की हालत के बारे में बताया । सराय के मालिक ने उन्हें तरस खाकर पहाड़ियों के पास खाली गुफाओं का रास्ता दिखा दिया । एक गुफा में अस्तबल भी था । जोसफ ने उसे ही साफ किया और रहने का प्रबंध कर लिया ।

अगली रात मैरी ने एक पुत्र को जन्म दिया । शिशु के चेहरे पर दिव्य आभा थी । देवदूत के कहे अनुसार, उसका नाम ‘जीसस’ रखा गया ।

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जैसे ही जीसस का जन्म हुआ, बैथलहम के आकाश में एक सितारा तीव्रता से चमकने लगा । एक देवदूत गड़रियों के झुंड के सामने प्रकट हुआ । उसने ईश्वर के पुत्र जीसस के जन्म की घोषणा की । माना जाता है कि तीन बुद्धिमान व्यक्तियों को दिव्य संदेश मिला था कि ईश्वर-पुत्र धरती पर आ चुका है । वे उस सितारे का पीछा करते-करते बैथलहम आ पहुंचे ताकि जीसस के दर्शन कर सकें ।

जल्द ही जीसस के जन्म का समाचार चारों ओर फैल गया । बड़े होकर ईश्वर के पुत्र ईसा ने शांति व प्रेम का संदेश दिया । उन्होंने मानव जाति के कल्याण के लिए पूरा जीवन समर्पित कर दिया ।

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क्रिसमस का समारोह

क्रिसमस की तैयारियां कई सप्ताह पहले ही आरंभ हो जाती हैं । यह त्योहार 24 दिसंबर की शाम से नव वर्ष तक मनाया जाता है ।

घरों की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई आदि करवाई जाती है । यह प्रेम व एकता का त्योहार है । लोग अपने पड़ोसियों, मित्रें व संबंधियों से मिलते हैं और परस्पर उपहारों का आदान-प्रदान होता है ।

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सुबह के समय लोग चर्च जाते हैं व ईसा का स्तुतिगान करते हैं । शाम को केक व कुकीज़ के अलावा कई तरह के स्वादिष्ट पकवान परोसे जाते हैं । लोग ‘मैरी क्रिसमस’ कहकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं । वे सारी रात नाचते-गाते और मस्ती करते हैं ।

क्रिसमस से एक माह पहले ही घरों, दुकानों, कार्यालयों, स्कूलों व शॉपिंग मॉलों में रंग-बिरंगे गुब्बारों, रिबनों व रोशनी से सजावट की जाती है । बाजार में इस त्योहार के लिए क्रिसमस के उपहार, कपड़े, केक, कुकीज़ व कई तरह के दूसरे सामान आ जाते हैं । हर जगह से खुशियों के गीत कैरोल की धुन सुनाई देते हैं ।

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इस त्योहार पर मित्रें, पड़ोसियों व रिश्तेदारों को ग्रीटिंग कार्ड देने की भी परंपरा है । इन कार्डों में जीसस, मदर मैरी व जोसफ आदि के चित्र खूबसूरती से दर्शाए जाते हैं ।

बच्चे स्कूल में अध्यापकों व मित्रें को देने के लिए स्वयं ग्रीटिंग कार्ड बनाते हैं ।

क्रिसमस से अगले दिन ‘बाक्सिंग डे’ होता है । इस दिन गिरजाघर अपने दान बॉक्स खोलते हैं ताकि त्योहार पर मिले उपहार व दान राशि को निकाल सकें । ये पैसा व उपहार गरीबों में बांट दिए जाते हैं । यह दिन दान देने के लिए होता है ।

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क्रिसमस ट्री

क्रिसमस ट्री एक पाइन या फर का पेड़ होता है, जिसे रोशनी, उपहारों, पैकेट, रिबन, घंटियों और रूई से बनी नकली बर्फ से सजाया जाता है ।

एक प्रसंग के अनुसार, एक अंग्रेज संत बोनीफेस जर्मनी की यात्र कर रहे थे । उन्होंने कुछ लोगों को देखा, जो छोटे बच्चे की बलि चढ़ा रहे थे । उन्होंने पेड़ को जोर से ठोकर मारी व बलि को रोक दिया । उस पेड़ के गिरते ही वहां फर का नन्हा-सा पौधा सामने आ गया । उन्होंने उसे ‘ट्री ऑफ क्राइस्ट’ का नाम दे दिया, तभी से क्रिसमस पर पाइन या फर ट्री सजावट की परंपरा चली आ रही है ।

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बच्चों का प्यारा-सांता क्लाज़

क्रिसमस का नाम आते ही सबसे पहले सांता क्लाज़ का नाम ध्यान में आता है । यह चरित्र बच्चों को बेहद लुभाता है । सांता क्लाज़ को एक प्यारे-से मोटे बूढ़े आदमी के रूप में दिखाया जाता है । जो लाल रंग के कपड़े, लंबी टोपी पहनता है । उसके चेहरे पर सफेद लंबी दाढ़ी होती है । उसकी पीठ पर झोले में बच्चों के लिए तोहफे होते हैं । वह अपनी स्लेज पर उत्तरी ध्रुव से आता है, जिसे रेंडियर खींचते हैं । उसके हाथ में एक घंटा होता है । बच्चों का मानना है कि सांता क्लाज़ क्रिसमस से एक दिन पहले उपहार देने आता है ।

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सांता क्लाज़ या फादर क्रिसमस का यह प्यारा-सा रूप संत निकोलस पर आधारित है । वे मायरा (वर्तमान तुर्की) में ईसाई नेता थे । वे निर्धनों से बहुत स्नेह रखते थे तथा दयालु स्वभाव के थे । एक दिन वे एक गरीब लड़की की मदद करना चाहते थे । उन्होंने चुपके से धन की थैली, चिमनी के रास्ते उसके घर में फेंक दी । वह थैली चिमनी के नीचे पटाव में जा गिरी ।

christmas festival

तभी से माना जाता है कि सांता क्लाज़ चिमनी के रास्ते घर में आते हैं व लंबी जुराबों में उपहार छिपा जाते हैं । बाद में संत निकोलस, फादर क्रिसमस के रूप में लोकप्रिय हो गए, जो बच्चों में उपहार बांटते थे । यहां तक कि आज भी इस परंपरा का पालन होता है व लोग मोटे सांता क्लाज़ का रूप लेकर बच्चों व बूढ़ों में उपहार बांटते हैं ।

पूरी दुनिया के बच्चे सांता क्लाज़ का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं । वे अपनी प्रार्थनाओं के दौरान अपनी इच्छाएं व मांगें प्रकट करते हैं व उम्मीद करते हैं कि सांता क्लाज़ उन्हें पूरा करेगा । सांता क्लाज़ का प्रिय गीत हैः

‘जिंगल बैल्स…जिंगल बैल्स, जिंगल ऑल द वे,

सैंटा क्लाज़ इज कमिंग अराउंड राइडिंग ऑन हिज़ स्लेज ।’

(घंटा बजाओ – घंटा बजाओ, सारे रास्ते में,

सेंटा क्लाज़ आता है लंबी गाड़ी में ।)

christmas festival

क्रिसमस-तब और अब

क्रिसमस सही मायनों में ईसा मसीह का दिन है । यह उनके द्वारा दिए गए प्रेम, दया व शांति के संदेश को याद करने का दिन है । हमें सच्चे मन व श्रद्धा से उनकी प्रार्थना करनी चाहिए व उनके उपदेशों को जीवन में अपनाना चाहिए ।

सभी देशों में अब शांतिपूर्ण प्रार्थनाओं के बजाय महंगी खरीददारी, तोहफों, दावतों व मौज-मस्ती पर अधिक ध्यान दिया जाने लगा है ।

मौज-मस्ती करना समारोह का अंग है, पर हमें इस दिन ईश्वर को स्मरण करना नहीं भूलना चाहिए । दावतों व तोहफों पर अधिक धन व्यय करने के बजाय हमें गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए ।

christmas festival

पवित्र बाइबिल में ईसा मसीह की जीवनी व कथाएं दी गई हैं । हमें उनके जीवन से शिक्षा लेते हुए सदा दूसरों के प्रति दयालु रहना चाहिए । ईसा मसीह ने पूरे जगत को एक ही संदेश दिया था – शांति व प्रेम का प्रसार करना ।

मैरी क्रिसमस!

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क्रिसमस-डे पर निबंध हिंदी में | Essay On Christmas Day in Hindi (कक्षा-3 से 10 के लिए)

Essay on Christmas day in Hindi

Essay on Christmas day in Hindi :-क्रिसमस का त्यौहार पूरे विश्व में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस के त्यौहार को हर साल के अंतिम महीने दिसंबर कि 25 तारीख को मनाया जाता है। इस त्यौहार का छोटे बच्चों से लेकर बड़े लोगों को काफी बेसब्री से इंतजार करते हैं। ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह त्यौहार काफी महत्वपूर्ण होता है। इस त्यौहार को ईसाई धर्म के अलावे पूरे विश्व में अन्य धर्म के लोग भी काफी उल्लास के साथ मनाते हैं। प्राचीन त्यौहार है जो कई वर्षों से पारंपरिक चली आ रही है। इस त्यौहार के दिन जगह-जगह लाइटों के द्वारा सजावट किया जाता है। सभी लोग अपने घरों में एवं अपने दोस्तों के साथ मिलकर केक खाते है। इसके अलावा लोग 25 दिसंबर से ठीक पहले अर्थात रात्रि 12:00 बजे एक साथ मिलकर पार्टी का आयोजन करते हैं।

यदि आप लोग विद्यार्थी है या किसी व्यक्ति को क्रिसमस दिवस के ऊपर निबंध कैसे लिखें? यह जानकारी उपलब्ध नहीं है तो आप लोगों को जानकर बड़ी खुशी होगी कि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको क्रिसमस दिवस के ऊपर निबंध कैसे लिखें। जिसकी जानकारी विस्तार पूर्वक प्रदान करूंगा, इसलिए आप लोग इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े:-

Christmas Day Essay in Hindi- Overview

आर्टिकल का प्रकारनिबंध
साल2023
कब मनाया जाएगा25 दिसंबर को
कहां मनाया जाएगापूरे विश्व में
कौन से धर्म का प्रमुख त्यौहार है:साईं धर्म के लोगों के लिए

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Essay On Christmas Day in Hindi

क्रिसमस ईसाइयों का सबसे प्रमुख त्योहार है इस दिन सभी ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के जन्मदिन को मनाते हैं और साथ में घर में पार्टी का आयोजन करते हैं जिसमें घर के सभी सदस्य सम्मिलित होकर एक-दूसरे को क्रिसमस की हार्दिक बधाइयां देते हैं और साथ में सांताक्रुज के द्वारा एक-दूसरे को उपहार देने का भी प्रचलन है ऐसे तो क्रिसमस पर सभी धर्म के मानने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है और सभी लोग इस त्यौहार को काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं I

सांता क्लॉज़ (Santa Claus) रात को लोगों को उपहार देता है:-

क्रिसमस त्योहार की सबसे बड़ी विशेषता है कि 1 दिन सांताक्लॉज रात के 12:00 बजे सभी लोगों के घर जाकर विभिन्न प्रकार का उपहार देता है विशेष तौर पर बच्चों को सांता क्लॉज का काफी इंतजार होता है और वह अपने माता-पिता से पूछते हैं कि Santa-Claus कब आएगा क्योंकि उन्हें उपहारों का बेसब्री से इंतजार रहता है I

Christmas से जुड़ा हुआ परंपरा और मान्यता क्या है?

क्रिसमस के त्योहार के दिन सभी लोग एक दूसरे को सुंदर ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं I इसके अलावा आज की तारीख में सोशल मीडिया के माध्यम से लोग भी हार्दिक शुभकामनाएं का संदेश अपने दोस्तों और परिवार वालों को भेजते हैं इस दिन मिठाई चॉकलेट ग्रीटिंग कार्ड क्रिसमस पेड़ और सजावटी वस्तुएं आदि परिवार के  सदस्यों और दोस्तों और पड़ोसियों को देने की परंपरा है I क्रिसमस का त्यौहार शीतकाल में आता है इसकी तैयारी 1 महीने पहले ही लोगों के द्वारा शुरू कर दी जाती है I परिवार वाले लोग क्रिसमस पार्टी का आयोजन करते हैं I जिसमें नाच गाना जैसे अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं जिसमें लोग एक दूसरे से गले मिलकर क्रिसमस का त्यौहार मनाते हैं I

क्रिसमस के दिन लोग दूसरे लोगों को अपने घर पर खाने के लिए आमंत्रित करते हैं I क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है ऐसा कहा जाता है कि मानवता की रक्षा के लिए ईसा मसीह को इस धरती पर भेजा गया था I

Christmas Essay in Hindi

क्रिसमस का त्यौहार पूरे विश्व में 25 दिसंबर को मनाया जाता है इस त्यौहार को विशेष और ईसाई धर्म के मानने वाले लोग ही मनाते हैं और वह उनका सबसे प्रमुख त्यौहार है I ऐसा कहा जाता है कि ईसाई धर्म के भगवान ईसा मसीह का जन्म इस दिन हुआ था I उनके जन्मदिन के उपलक्ष में Christmas Day Festival मनाया जाता है I क्रिसमस को बड़ा दिन भी कहा जाता है I ये त्योहार हर साल ठंड के मौसम में आता है I ईसाई धर्म के मानने वाले लोग Christmas की तैयारी एक महीना पहले ही शुरू कर देते हैं I

क्रिसमस पर केक का महत्व (Important of Cake On Christmas Day)

क्रिसमस के पावन त्यौहार पर केक का विशेष महत्व है इस दिन सभी लोग केक खा कर क्रिसमस त्यौहार हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाते हैं I क्रिसमस के दिन क्रिसमस का ट्री बनाया जाता है इसे विभिन्न प्रकार के सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है जो देखने लायक होता है क्रिसमस के दिन रात के 12:00 बजे सांताक्रुज चुपके से सभी लोगों के घर पर आता है और उन्हें क्रिसमस का उपहार देता है I

क्रिसमस पर निबंध (Essay On Christmas)

क्रिसमस त्योहार से जुड़े हुए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है जिनके बारे में जानना आप सबके लिए आवश्यक है जिसका विवरण हम आपको नीचे बिंदु अंसार देंगे आइए जानते हैं-

  • क्रिसमस त्यौहार बिजनेस करने वाले लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन व्यापारी लोग अधिक पैसे कमाते हैं इसलिए किस्मत का इंतजार बिजनेस करने वाले लोग साल भर करते हैं |
  • 1570 में क्रिसमस पेड़ बनाने की परंपरा शुरू हुई थी I तब से लेकर अब तक यह परंपरा चली आ रही है और आगे भी I
  • क्रिसमस के दिन प्रत्येक साल यूरोप में में 60 लाख पेड़ उगाये जाते हैं।

क्रिसमस डे पर निबंध कैसे लिखे | How Write Christmas Day Essay

क्रिसमस डे के ऊपर निबंध कैसे लिखें आपको समझ में नहीं आ रहा है तो हम आपको बता दें कि सबसे पहले निबंध की शुरुआत में आपको क्रिसमस डे का परिचय देना होगा I उसके बाद कब मनाया जाता है? क्यों मनाया जाता है? इसका इतिहास कैसे मनाया जाता है,? उन सभी चीजों का विवरण आप विस्तार पूर्वक देंगे और सबसे आखिर में आप निष्कर्ष निबंध का डालेंगे इस प्रकार आपके क्रिसमस डे पर निबंध बनकर तैयार हो जाएगा I

क्रिसमस डे पर निबंध (500 शब्द) Christmas Day Essay

प्रस्तावना:.

क्रिसमस का त्यौहार ईसाइयों का सबसे प्रमुख त्योहार है इस दिन ईसाइयों के भगवान यीशु का जन्म दिन हुआ था यीशु के जन्मदिन का सम्मान करने के लिए ही पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाता है क्रिसमस को हर्षित और खुशी का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। क्रिसमस का त्योहार 25 दिसंबर को मनाया जाता है क्रिसमस दिवस मना कर ईसाई धर्म के लोग अपने भगवान ईसा मसीह को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं इस दिन सभी स्कूल कॉलेज बंद रहते हैं यूरोपीय देशों में क्रिसमस एक प्रकार का राष्ट्रीय अवकाश होता है इसके अलावा कई देशों में क्रिसमस के दिन स्कूल कॉलेज और क्राले बंद करते हैं इस दिन नाच गाना पार्टी बनाना और घर के बाहर डिनर का आयोजन करना है जिसमें लोग अपने दोस्तों रिश्तेदारों और पड़ोसियों को आमंत्रित करते हैं I

पूरी रात लोग क्रिसमस की पार्टी में झूमते हैं और गले मिलकर एक दूसरे को हैप्पी क्रिसमस डे कहते हैं I किसमस के दिन ईसाई धर्म के लोग ईसा मसीह के सामने अपनी सभी गलतियों के लिए माफी भी मांगते हैं और साथ में उनसे प्रार्थना करते हैं कि उनके ऊपर ईसा मसीह की कृपा बनी रहे I

क्रिसमस की तैयारी (Christmas Preparations)

क्रिसमस त्योहार की तैयारी 1 महीने शुरू ही लोगों के द्वारा कर दी जाती है कई देशों में तो किस्मत की राष्ट्रीय छुट्टी घोषित हो जाती है उस समय सभी स्कूल कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहते हैं यूरोपीय देशों में घर कार्यालय  और चर्च आदि की साफ सफाई की जाती है इसके अलावा घर को विभिन्न प्रकार के चीजों से सजाया जाता है |

बाजार क्रिसमस कार्ड, सुंदर ग्लासेज़, क्रिसमस संबंधित खिलौने क्रिसमस पेड़ से भरे जाते हैं 1 दिन सभी लोग अपने घर में क्रिसमस पेड़ को सजाते हैं। लोग अपने घरों के बीच में क्रिसमस के पेड़ को चौकोलेट, कैंडिज़, गुब्बारे, गुड़ीया, चिड़ीया, फूल, लाइटें आदि के द्वारा सजाए जाते हैं  I ताकि उनका क्रिसमस पेड़ सुंदर और आकर्षक दिखाई पड़े I इसके अलावा क्रिसमस के दिन मित्र और सगे संबंधित और पड़ोसियों में उपहारों का आदान-प्रदान होता है I

घरों पर खाने का आयोजन भी लोगों के द्वारा किया जाता है जिसमें परिवार के लोग दोस्त और पड़ोसी सम्मिलित होते हैं और सभी लोग मिलकर खाने का मजा उठाते हैं I आसान शब्दों में कहें तो क्रिसमस एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों के जीवन में खुशियां लेकर आता है I खाना होने के बाद  बाद सभी लोग गीत-संगीत पर झूमते है और रात में गाना गाते है। ये बहुत ही जोश और खुशी का उत्सव है जिसे पूरी दुनिया में मस्ती के साथ मनाया जाता है।

क्रिसमस का इतिहास (History of Christmas)

क्रिसमस का इतिहास काफी पुराना और ऐतिहासिक है क्रिसमस का त्यौहार ईसाइयों के भगवान ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है I ईसाई धर्म में मान्यता है कि इस दिन उनके भगवान ईसा मसीह माता की रक्षा और भलाई के लिए इस पृथ्वी पर आए थे और उन्होंने ईसाई धर्म के लोगों के हित के लिए कई प्रकार के काम की है I यही वजह है कि ईसाई समुदाय उनके जन्मदिन को christmas day रूप में मनाता है I ईसा मसीह एक आध्यात्मिक नेता माने जाते हैं I जिनकी शिक्षाएं उनके धर्म का आधार बनाती हैं।

क्रिसमस के दिन उपहारों का आदान-प्रदान क्रिसमस ट्री को सजाना, चर्च में जाना परिवार और दोस्तों के साथ एक साथ मिलकर खाना खाना ,जैसी परंपराएं लोगों के द्वारा मानी जाती है I इसके अलावा क्रिसमस के दिन छोटे बच्चे सांताक्रुज का इंतजार करते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सांताक्रुज रात के 12:00 बजे चुपके से उनके लिए उपहार लेकर आता है 25 दिसंबर-क्रिसमस दिवस 1870 से संयुक्त राज्य अमेरिका में संघीय अवकाश रहा है |

क्रिसमस डे पर निबंध 10 लाइन | 10 Lines On Christmas Day

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  • ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस का त्यौहार प्रमुख त्यौहार है।
  • क्रिसमस का त्योहार प्राचीन त्यौहार है जिसे लोग ठंड के मौसम में मनाते हैं।
  • क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के अलावे अन्य धर्म के लोग भी मनाते हैं।
  • क्रिसमस के दिवस को लोग प्रभु यीशु के जन्म उत्सव के तौर पर मनाते हैं।
  • क्रिसमस दिवस के दिन लोग एक दूसरे को ग्रीटिंग कार्ड भेजते हैं।
  • क्रिसमस दिवस के दिन लोग केक काटते हैं और और एक दूसरे के साथ मिलकर केक को खाते हैं।
  • क्रिसमस दिवस के दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च जाते हैं।
  • क्रिसमस दिवस के दिन लोग एक साथ मिलकर पार्टी का आयोजन करते हैं।
  • क्रिसमस दिवस के दिन जगह-जगह क्रिसमस की गाने चलाई जाती है।
  • क्रिसमस दिवस के दिन एक दूसरे को उपहार के तौर पर चॉकलेट, केक इत्यादि देते हैं |

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FAQ’s Essay On Christmas Day in Hindi

Q. क्रिसमस डे कब मनाया जाएगा.

Ans. 25 दिसंबर को

Q. क्रिसमस डे कौन से धर्म का प्रमुख त्योहार है?

Ans. ईसाई धर्म का

Q. क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है?

Ans. क्रिसमस डे ईसा मसीह के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है I

Q. क्रिसमस का दिवस पहली बार कब और कहां मनाया गया था?

Ans.क्रिसमस का दिवस पहली बार रोम देश में 330 ईसवी में मनाया गया था।

Q. क्रिसमस का दिवस साल के किस महीने में मनाया जाता है?

Ans.क्रिसमस का दिवस साल के दिसंबर महीने में मनाया जाता है।

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क्रिसमस का त्यौहार ईसाई धर्म का प्रसिद्ध त्यौहार है। आज इस लेख में हम christmas essay in hindi लेकर आये है। स्कूलों में कॉलेज में अक्सर christmas essay पुछा जाता है। क्रिसमस पे निबंध हिंदी में आप इस पोस्ट में पढ़ेंगे।

क्राइस्ट अर्थात “ईसाई”, मस अर्थात “ लोग” । क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगो  का त्योहार है। इसे बड़ा दिन भी कहते है। इस दिन ईसाइयों के मसीहा ईसा मसीह के जन्म हुआ था। ईसाइयों द्वारा ये त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। ईसा मसीह ईश्वर के बेटे माने जाते है। ईसाइ धर्म के लोगो के लिए यह दिन साल भर में सबसे अनमोल दिन होता है। समूचे भारत में प्रसिद्ध ये त्योहार उमंग और उत्साह लाता है। अन्य त्योहारों की भांति क्रिसमस भी हमे बहुत कुछ सिखाता है।ये दिन दुखों से दूर प्रकाश की तरफ ले जाता है। लालच नफरत और कुरीतियों का त्याग कर सदा परोपकार का मार्ग दिखाता है। दूसरों के प्रति प्रेम का प्रतीक है क्रिसमस। ईसा मसीह का जन्म संसार को पाप से मुक्त कराने और परोपकार का संदेश देने के लिए हुआ था।

प्रस्तावना-  हर वर्ष क्रिसमस 25 दिसंबर को बड़ी ही धूम धाम से मनाया जाता है। ऐसा प्रतीत होता है मानो हर इंसान इसी दिन के इंतज़ार में था। माना जाता है कि ईसा मसीह ने लोगो को दुखों से बचाने और जीवन के नए मार्ग दिखाने ले लिए जन्म लिया था। उनके गुणगान गाते लोग आज के दिन थकते नही है। क्रिसमस के दिन जब उनका जन्म हुआ तब उन्हें यीशु नाम से बुलाते थे। लोगो ने उन्हे अपना मसीहा मान ईसा मसीह कहा। यीशु का अर्थ होता है मुक्ति दाता । क्रिसमस हर घर मे खुशियां लाता है। आज के दिन को लोग अगले वर्ष की क्रिसमस तक याद रखते है।आज के दिन को बड़ा दिन बोलते है क्योंकि वाकई में दिसंबर में वो दिन रोज़ के अपेक्षा बड़े प्रतीत होते है।  क्रिसमस के दिन सिर्फ भारत मे ही नही बल्कि समूचे विश्व मे अवकाश होता है। क्रिसमस से 12 दिन के उत्सव क्रिसमसटाइड की शुरुआत भी होती है।जिसमे 12 दिन से 15 दिन का अवकाश दिया जाता है। और अगले वर्ष की 1 जनवरी को इसका समापन होता है। 

क्रिसमस मनाने का कारण-  क्रिसमस मनाने का कारण एक कहानी से जुड़ा है। जिसमे क्रिसमस के दिन जो हुआ उसका पूर्ण विश्लेषण है। ये सत्य कथा वर्षो पहले की है। जब नासरथ में ग्रेबियल नामक स्वर्गदूत ने मरियम नामक स्त्री को दर्शन दिए। उस स्वर्गदूत ने कहा कि तुम पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्मोगी।उस पुत्र का नाम यीशु रखना। उस समय मरियम का विवाह यूसुफ से होने वाला था। यह खबर सुनकर यूसुफ ने बदनामी के डर से मरियम को छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन वह स्वर्गदूत ने यूसुफ को भी सारी बात ज्ञात कराई। स्वर्गदूत की बात मान यूसुफ मरियम को ब्याह कर अपने घर ले आया।उस समय  नासरथ नाम की जगह रोमन साम्राज्य का हिस्सा था।मरियम और यूसुफ नासरथ में ही रहते थे। मरियम की गर्भावस्था के दौरान ही रोम राज्य की जनगणना का समय आगया। तब नियम अनुसार यूसुफ को भी अपनी पत्नी को लेकर नाम लिखवाने येरुशलम के बैतलहम नगर में जाना पड़ा। किसी भी सराय में जगह ना मिलने के कारण उन्होंने गौ शाला में शरण ली। वही गौ शाला में ही मरियम ने एक सुंदर बालक को जन्म दिया। उन्हें कपड़ो में लपेट कर घास से बनी चरनी में लिटा दिया। बड़े ही सामान्य रूप में ईश्वर ने मरियम और यूसुफ के घर जन्म लिया। उस पुत्र का नाम यीशु रखा गया।प्रभु का जन्म दिन ईसाई लोग हर वर्ष धूम धाम से मनाते है। आज के दिन को ही क्रिसमस बोला जाता है। ईसाइयो के भगवान का जन्म दिवस  क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। यीशु को सभी का पालनहार और दुखभंजन जान लोग अपने भगवान का जन्म दिन ढेर सारी खुशियाँ के साथ मनाते है। कहा जाता है कि यीशु के जन्म तब हुआ था जब दुनिया में लालच, पाप, अत्याचार व कुरीतियों का विस्तार हो रहा था। यीशु ने लोगो को बुराइयों से बचाया और सही मार्गदर्शन दिया। इसी वजह से प्रभु के गुणगान में लोग क्रिसमस मनाते है। क्रिसमस के दिन लोगो मे प्रेम और भाईचारे का भाव होता है। 

क्रिसमस मनाने के तरीके- जैसे क्रिसमस के दिन की महिमा विशेष व सर्वव्यापी है। वैसे ही क्रिसमस मनाने का तरीका भी विशेष है। क्रिसमस की तैयारियां एक महीने पहले से शुरू कर दी जाती है। घरों की सफाई होती है। लोग अपने अपने घरों को सुंदर बनाते है और बड़े ही अच्छे तरीके से सजाते है। जैसे यीशु का जन्म उन्ही के घर मे हुआ हो। लोग नए नए वस्त्र व आभूषण खरीदते है। ढेर सारे पख्वान बनाते है। क्रिसमस के दिन चर्च को सजाया जाता है। रंग बिरंगी रोशनी से चर्च जगमगाते है। क्रिसमस की पूर्व संध्या में लोग प्रभु की प्रशंसा में केरोल गाते है। सुबह गिरजाघरों में प्रार्थना सभा होती है।शाम को सभी लोग एक दूसरे के घर बेंड बाजो के साथ  जाकर प्यार व भाईचारे के संदेश देते है। लोग प्रभु की प्रशंसा में गीत गाते है। आपस मे मनोरंजन करते है। आज के दिन बड़े बड़े क्रिसमस ट्री सजाये जाते है। उनपर घंटी लाइट आदि लगाई जाती है। लोग अपनी मनोकामनाये क्रिसमस ट्री पर लिखते है। और आशा करते है कि उनकी मनोकामनाएं ज़रूर पूरी होंगी।रात्रि को भोज होता है। सभी साथ में भोजन करते है।लोगों की आज खुशी की सीमा नही होती। 

आज का दिन बच्चों ले लिए सबसे विशेष माना जाता है। एक काल्पनिक किरदार बच्चों की मनोकामनाये पूर्ण करता है। सांता क्लॉज़ बच्चों के आकर्षण का केंद्र है। ऐसा माना जाता है कि सांता बच्चों को रात में खिलोने चॉकलेट आदि तोहफे देता है। सांता क्लॉज स्वर्गदूत होता है। जो बच्चों की इच्छाओं को पूर्ण करता है। आज के दिन सांता की पोशाक पहन कोई एक व्यक्ति झूमते हुए और बच्चों का मनोरंजन करते नजर आता है। बच्चे क्रिसमस का बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करते है। नादान बच्चों के लिए आज के दिन तोहफे मनोरंजन का साधन होते है। उन्हें क्रिसमस ट्री व सांता क्लॉज बड़ा ही आकर्षक लगता है। यीशु के जन्म दिवस क्रिसमस के दिन लोग खुशी से झूम उठते है। क्रिसमस मनाने के साथ साथ लोग भाईचारे का संदेश भी देते है। लोग एक दूसरे के प्रति कैसे समर्पित रहा जाता है इसका पाठ सीखते है। कैसे लोगो के प्रति सम्मान रखना है ये भी बताते है। जिस प्रकार जैन लोगो का परमोधर्म अहिंसा होता है, वैसे ही ईसाइयों के परमोधर्म परोपकार होता है। क्रिसमस के दिन परोपकार का प्रचार प्रसार करते है।अपने अपने आंगन में लोग क्रिसमस ट्री लगते है। और साथ मे केक भी काटते है। क्रिसमस के दिन केक का विशेष महत्व माना जाता है। यीशु के जन्म की खुशी के उपलक्ष्य में लोग केक काटते है। 

विद्यालय में क्रिसमस- क्रिस्चियन स्कूल में क्रिसमस बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। कई विद्यालयों में क्रिसमस 25 तरीक के पहले ही मना लिया जाता है। क्योंकि सभी विद्यालय में क्रिसमस पर अवकाश होता है। उस दिन विद्यालय में चित्र कला का प्रदर्शन होता है। जिसकी थीम क्रिसमस होती है। लोग अपनी कला से रंगोली व चित्रकारी करते है। लगभग हर चित्र में सांता क्लॉज, क्रिसमस ट्री, ईसा मसीह नज़र आते है। बच्चों को अपनी कला प्रस्तुति में अव्वल आने पर पुरुस्कृत भी किया जाता है। विद्यालय में भी क्रिसमस ट्री सजाया जाता है। ईसा मसीह के जन्म का नाट्य रूपांतरण भी किया जाता है। प्रभु के जन्म पर लोग भाव विभोर व प्रसन्न होते है।बड़े ही रोचक तरीके से नाट्य रूपांतरण किया जाता है। प्रभु के गुणगान में लोग केरोल व अन्य गीत भी गाते है।  बच्चो के आकर्षण का केंद्र सांता है इसीलिए खास कर बच्चों के लिए विद्यालयों में सांता की पोशाक में एक किरदार प्रस्तूत किया जाता है। भोले भाले बच्चे आसमान से आये सांता समझ बेहद प्रसन्न और मनोरंजित होते है। सांता सफेद और लाल रंग के वस्त्र पहन बच्चों के सामने आते है और उन्हें ढेर साथ चॉकलेट तोहफे आदि देते है। क्रिसमस ट्री को देख भी बच्चे खिलखिला उठते है। वे क्रिसमस आने का बेसब्री से  इंतज़ार करते है।  स्कूल में कार्यक्रम के दौरान केक कांटा जाता है।और सभी बच्चों को बांटा जाता है। बाद में क्रिसमस की 10 दिन की लंबी छुट्टी की घोषणा की जाती है। 

विदेश में भी यह त्योहार मनाया जाता है। क्रिसमस के एक दिन पूर्व जर्मनी में समारोह होते है।पूरे विश्व मे क्रिसमस का अवकाश होता है। ब्रिटेन में क्रिसमस के एक दिन पश्चयात 26 तारिक को बॉक्सिंग डे मानते है।कुछ कैथोलिक देशों में इसे सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ सेंट स्टीफेंस भी कहते है।ये लोग आज के दिन केक कांट कर धुम धाम से चर्च में त्योहार मनाते है। चर्च को सुंदर ढंग से सजाते है। अपने परिवार समेत चर्च जाकर प्रभु के गुणगान करते है। 

उपसंहार- क्रिसमस शांति का पर्व है। क्रिसमस परोपकार का पर्व है। क्रिसमस जीत का पर्व है, क्रिसमस सत्य का पर्व है। जब जब देश में या समाज से बुराइयों का पलड़ा भारी होता है तब तब क्रिसमस हमे सही राह पर चलने को प्ररित करता है। समाज से लालच, नफरत व  कुरीतियों को विलुप्त कर प्रेम, दया व परोपकार से जीने की प्रेरणा देता है। बच्चों को खेल खुद, मस्ती मज़ाक में भी परोपकार का पाठ सीखा देता है क्रिसमस का दिन। जाने अनजाने सभी आनंद में मग्न अच्छाई का पाठ सीख लेते है। जो उन्हें जीवन मे हमेशा काम आता है। बच्चे हो या बड़े आज के दिन सभी एक दूसरे को मैरी क्रिसमस बोलते है। इसका अर्थ होता है हैप्पी क्रिसमस। 

आप सभी को भी “Merry Christmas”

हमें आशा है आपको essay on christmas पसंद आया होगा। आप चाहे तो इस आर्टिकल को christmas in hindi के रूप में भी प्रयोग कर सकते है। आप इसे about christmas in hindi या speech on christmas के रूप में भी संशोधनक करके इसी लेख को प्रयोग कर सकते है। अगर आप चाहते है की हम क्रिसमस स्पीच पे भी लेख लेकर आये तो जरूर कमेंट कर के हमें बताये। हिंदी कोना के सभी पाठको को हमारी ओर से happy christmas ।

क्रिसमस डे पर निबंध 2021 Essay on Christmas in Hindi

इस लेख में क्रिसमस डे पर निबंध 2021 (Essay on Christmas in hindi) हिन्दी में दिया गया है। जो बेहद ही सरल तथाआकर्षक रूप से लिखा गया है। 

Table of Content

क्रिसमस त्योहार के विषय में जानकारी Information about Christmas Festival in Hindi

क्रिसमस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे- भारत और पड़ोसी देशों में इसे बड़ा दिन, क्रिसमस तथा नाताल के नामों से जाना जाता है। क्रिसमस भारत के साथ समस्त देशों में एक सार्वजनिक त्योहार के रूप में भी मनाया जाता है।

क्रिसमस डे क्यों मनाया जाता है? Why Christmas is Celebrated in Hindi?

क्रिसमस डे की तैयारियां कई दिनों पहले से ही बड़ी ही धूमधाम से शुरू हो जाती हैं और लोग अपनी घरों तथा दुकानों को सजाते है तथा क्रिसमस की सामग्री बेचते है।

2018 Christmas Festival Essay in Hindi क्रिसमस त्यौहार पर निबंध, महत्त्व व इतिहास

क्रिसमस डे का महत्व Importance of Christmas Day in Hindi

भारत के जिन क्षेत्रों में ईसाइयों की बहुलता है, वहाँ की रौनक देखने योग्य होती है, जैसे – छत्तीसगढ़, गोवा उत्तराखंड, नागालैंड आदि जगहों पर दिसंबर शुरू होते ही चर्च, गिरजाघर और दुकानें सजने सवरने लगती हैं और प्रभु यीशु की चित्रकारी, सांता क्लॉज और उनकी टोपियां आदि सामग्रियों की खूब बिक्री होने लगती है।

क्रिसमस डे का उत्सव कैसे मनाया जाता है? How Christmas is Celebrated?

सभी गिरजाघरों में यीशु मसीह की बहुत ही सुंदर-सुंदर झांकियां सजाई जाती हैं जिन्हें देखने के लिए विदेशों से भी सैलानियों का मेला सा लग जाता है। 24 दिसंबर की रात आराधनालयों में मोमबत्तियाँ सजाई जाती है और यीशु की प्रार्थनाएँ की जाती है। 

टॉप 10 क्रिसमस डे कैरोल Top 10 Christmas Carol in Hindi

1. जिंगल बेल्स – जिंगल जिंगल बेल्स जिंगल ऑल द वे ओह व्हाट फन इट्स टू राइड…

 5.  डैक द हेल्स फा ला ला ला ला ला फा ला ला ला ला ला ओह नो नो…..

 9. हार्क द हेरेल्ड एंजेल सिंग ग्लोरी टू द न्यू बोर्न किंग…

क्रिसमस डे पर 10 लाइनें 10 Lines on Christmas in Hindi

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क्रिसमस का त्यौहार (बड़ा दिन) पर अनुच्छेद | Paragraph on Christmas in Hindi

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प्रस्तावना:

क्रिसमस का त्यौहार ईसाईयों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है । हिन्दुओं के लिए दीवाली और मुसलमानों के लिए जो महत्व ईद का है, ईसाईयों के लिए उतना ही महत्त्वपूर्ण क्रिसमस का त्यौहार होता है । यह बडे हर्ष और उल्लास से प्रतिवर्ष दिसम्बर माह की 25 तारीख को मनाया जाता है ।

क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार ईसा मसीह के जन्म की यादगार के रूप मे मनाया जाता है । ईसा मसीह ने ईसाई धर्म की नींव डाली थी । लोगों का मत है कि मानव जाति के कल्याण के लिए ईश्वर ने इसी दिन ईसा मसीह को इस संसार में भेजा था ।

त्यौहार की तैयारियों:

इस त्यौहार को मनाने के लिए काफी पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं । सभी मकानों, दुकानों और गिरजाघरों को साफ करके उनमें सफेदी और रंग-रोगन कराया जाता है । घरों ओर गिरजाघरों को खूब सजाया जाता है । दीवारों पर रंग-बिरंगी तस्वीरें, आइने, कागज के फूल आदि लगाये जाते है और रंग-बिरंगी झंडियों तथा फूलों से सभी कमरे और हॉल आदि जगमगाने लगते है ।

दुकानों को खूब सजाया जाता है । भाँति-भाँति के खिलौनों और सजावट के सामान की खूब बिक्री होती है । इसे सभी ईसाई बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । चाहे कोई धनी हो या निर्धन बालक हो या बूढ़ा अथवा पुरुष हो या स्त्री, इस दिन बड़ा प्रसन्न दिखाई देगा । घरों में जगमग रोशनी भी की जाती है ।

क्रिसमस वृक्ष का लगाना:

इस त्यौहार का सबसे महत्त्वपूर्ण भाग क्रिसमस वृक्ष का लगाना है । इसके लिए वृक्ष की एक बड़ी टहनी काट ली जाती है और उसे घर या बगीचे के किसी कोने में गाड़ दिया जाता है ।

ADVERTISEMENTS:

इस टहनी पर तरह-तरह के खिलौने जैसे गुड़िया चिडिया, फूल आदि टांग दिए जाते है । रात में इसमें मोमबत्तियाँ लगाकर अथवा बिजली के बल्दों से इसे रोशन कर दिया जाता है । यह वृक्ष रात को जगमगाता हुआ बड़ा अच्छा लगता है ।

प्रार्थना करना और उपहारों का आदान-प्रदान:

रात के समय घर के सभी बच्चे और बूढे तथा स्त्री और पुरुष एक स्थान पर एकत्र होते हैं । वे सभी गाना गाते हैं और ईश्वर की प्रार्थना करते हैं तथा उनके गुणगान करते है कि उन्होंने कृपा कर अपने पुत्र ईसा मसीह को सभी प्रकार के पापों और कष्टों को दूर करने के लिए पृथ्वी पर भेजा । प्रार्थना के बाद घर के सभी सदस्यों और मेहमानों को क्रिसमस के उपहार दिए जाते हैं । अन्य मित्रों और रिश्तेदारों को क्रिसमस बधाई कार्ड, तस्वीरें, पुस्तकें और मिठाई आदि भेजी जाती हैं ।

रात्रि-भोज और नाच-गाना आदि:

इस दिन ईसाई अपने मित्रों और रिश्तेदारों को रात्रि-भोज का निमंत्रण देते है । समृद्ध ईसाई इसका बड़े पैमाने पर आयोजन करते हैं । खाने की तरह-तरह की स्वादिष्ट वस्तुयें तैयार की जाती हैं । गृहरचामिनी इस अवसर पर बड़ी व्यस्त दिखती है । वह सभी मेहमानो और घर के सदस्यों का स्वागत करती है और उन्हें भोजन कराती है ।

अपनी सामर्थ के अनुसार सभी लोग खाने की सर्वोत्तम वस्तुये जुटाते हैं । भोज के समाप्त हो जाने पर सभी लोग संगीत का आनन्द लेते हैं । वे रात भर खूब नाचते-गाते हैं । इसके बाद सभी ईसाई गिरजाघर जाते है और वहाँ ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि आगामी वर्ष उनके जीवन में समृद्धि और खुशियाँ लाये ।

समूचे विश्व में समस्त ईसाई समुदाय क्रिसमस का त्यौहार बड़ी धूमधाम से मनाता है । ब्रिटिश शासन के दौरान इस अवसर पर सभी स्कूलों और कॉलेजों में पन्द्रह दिन की छुट्‌टी होती थी । बहुत-से हिन्दू और मुसलमान अंग्रेज अधिकारियों के घर कीमती उपहार भेजते थे ।

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क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi

नमस्कार दोस्तों आज का निबंध क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi पर दिया गया है. सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए इसाई समुदाय के प्रमुख पर्व क्रिसमस का निबंध दिया गया हैं.

इसमें हम जानेगे कि क्रिसमस क्या है कब कैसे और क्यों मनाया जाता हैं इसके इतिहास और महत्व के बारे में जानेगे.

क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi

आज दुनियां के सभी देश एक दूसरे से पूरी तरह जुड़े हुए हैं. आपसी मेलमिलाप की इस भावना से लोगों के बीच प्रेम और भाईचारा बन पाया हैं. कुछ दशक पहले तक कोई परम्परा या रिवाज दुनिया के किसी एक कोने तक सिमित थे,

सिर्फ वही के लोग उसे मनाते थे. जैसे कि क्रिसमस, कुछ समय पूर्व तक इसाई बहुल देशों का प्रमुख त्योहार था. मगर आज क्रिसमस दुनियां के हर देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं.  क्रिसमस क्या है, क्यों मनाया जाता है.

क्रिसमस का अर्थ क्या है (What is the meaning of Christmas)

इस पर्व का नाम क्रिसमस शब्द क्राइस्ते माइसे यानी क्राइस्टमास से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है जीसस क्राइस्ट का बर्थडे. यह दिन हर साल ग्रेट डे अथवा बड़ा दिन के रूप में सेलिब्रेट किया जाता हैं.

क्रिसमस का पर्व क्राइस्ट जीसस यानी ईसा मसीह के जन्म दिन के रूप में हर साल 25 दिसम्बर को मनाया जाता हैं. इशु ईसाई धर्म के संस्थापक थे.

क्रिसमस का इतिहास क्या है (What is the history of christmas)

यदि हम क्रिसमस त्योहार के मनाने के इतिहास की तह तक जाए तो न्यू टेस्टामेंट नामक ईसाई धार्मिक पुस्तक के मुताबिक़ इस पर्व की शुरुआत पेरिस की राजधानी रोम से 336 ई में इसकी शुरुआत हुई थी.

क्रिसमस की कहानी (Christmas story)

यदि हम न्यू टेस्टामेंट को आधार मानकर क्रिसमस की कथा के बारे में पढ़े तो यह इस तरह हैं. गॉड ने अपना एक गेब्रियल नाम का एक दूत धरती पर एक लड़की के पास भेजा, जिसका नाम मरियम था.

उसनें उस लड़की को जाकर बताया कि आपके गर्भ से गॉड जन्म लेगे, तथा वे बड़े होकर किंग बनेगे तथा इनके साम्राज्य की कोई सीमा नही होगी.

तथा उस बालक का नाम जीसस होगा. इतना कुछ कहने के बाद वह देवदूत मरियम के पति जोसेफ के पास पंहुचा, उसने उसे भी वहीँ बताया और सलाह दी कि आप मरियम के तबियत का ख्याल रखना उनकी अच्छी तरह सेवा करना. तथा उन्हें अकेले मत छोड़ देना.

इतना कुछ कहने के बाद देवदूत चला गया. उस समय वहां पर राजकीय जनगणना चल रही थी. तथा सभी नागरिकों को यह आदेश दिया गया कि वे अपने मूल स्थान पर ही अपनी गणना करवाएं.

उधर जोसेफ अपनी पत्नी को नाजरथ पर बिठाकर बेथलेहम शहर की ओर जा रहे थे. कुछ ही सफर तय किया, कि तेज तूफ़ान और घनघौर वर्षा होने लगी थी.

खराब मौसम के चलते जोसेफ तथा मरियम को पास ही के एक अस्तबल में एक रात रूकना पड़ा. वह रात थी 25 दिसम्बर की इसी रात को ठीक बारह बजे मरियम ने जीसस को जन्म दिया.

यही वजह है कि इस कहानी को आधार मानकर आज भी ईसाई धर्म के लोग 25 दिसम्बर को ईसा मसीह के जन्म दिवस को क्रिसमस के रूप में मनाते हैं.

क्रिसमस कैसे मनाया जाता है (christmas celebration essay)

इस उत्सव को मनाने की तैयारियां कई महीने पूर्व से ही शुरू हो जाती है. इस मौके पर लोग अपने घरों को साफ़ सुथरा बनाते है सभी अपने लिए अपनी पत्नी व बच्चों के लिए बाजार से नई ड्रेस मंगाते हैं.

क्रिसमस का सेलिब्रेशन 24 दिसम्बर की मध्यरात्रि से ही शुरू हो जाता है, क्योंकि जीसस का जन्म भी आधी रात को हुआ था.

इस अवसर पर न सिर्फ ईसाई समुदाय के लोग बल्कि सभी धर्मों के लोग मोमबत्तियां जलाते है तथा माँ मरियम तथा ईसा मसीह की शिक्षाओं को याद करते हैं. पाठ पूजा व प्रार्थना के बाद सभी अनुयायियों द्वारा कैरोल को सभी के साथ मिलकर गीत गाया जाता हैं.

क्रिसमस के दिन लोग एक दूसरे के घर जाते है उन्हें जीसस के अवतरण दिवस तथा अगामी नववर्ष की शुभकामनाएं पेश करते हैं. इस उत्सव पर लोग कई तरह के गीत गाते हैं जिगल बेल्स जिगल बेल्स, जिंगल आल द वे ये कुछ क्रिसमस के गीत हैं.

क्रिसमस मनाने का तरीका (Christmas Way Of Celebration In Hindi)

कई मायनों में क्रिसमस बेहद ख़ास है, इसलिए यह मेरा प्रिय त्योहार है. इस अवसर पर वाईट और रेड ड्रेस को पहने सफ़ेद बाल और सफ़ेद दाड़ी वाले सांता क्लोज़ के बिना यह उत्सव अपूर्ण ही लगता हैं. रेनडियर पर सवारी करने वाले इन सांता क्लाज की हर बालक को बड़ा इन्तजार रहता है.

पुरानी परम्परा एवं रीती रिवाजों के अनुसार आज भी बड़े बूढ़े लोग इस तरह के सांता क्लोज के साथ आते हैं. अपने प्यारे प्यारे बच्चों को हाथों गिफ्ट उपहार खाने की चीजे देने के साथ साथ उन्हें हैप्पी न्यू ईयर विश करते हैं. इसी कारन आज भी लोग इस तरह के रीती रिवाजों के जरिये बच्चों का मन मोह लेते हैं.

क्रिसमस ट्री क्या होता है इसका महत्व

यह परम्परा रही है कि क्रिसमस के पेड़ के बिना, इस पर्व को अपूर्ण माना जाता हैं. इस मौके पर अपने घर के आंगन में एक क्रिसमस पेड़ को लगाकर उन्हें भांति भांति के फूलों से सजाने की परम्परा हैं.

इस दिन सभी पूजा स्थलों को खूब सजाया जाता हैं. क्रिसमस ट्री को सजाने के पीछे मान्यता यह है कि ऐसा करने से सुख सम्रद्धि का आगमन होता हैं.

क्रिसमस के अवसर पर ईसा मसीह की झाकियां निकाली जाती हैं, लोग अपनी अपनी पसंद के अनुसार कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं.

सभी लोग अपने पड़ोसियों व रिश्तेदारों के घर जाते हैं. सभी को केक, गिफ्ट तथा मीठा मुहं करवाकर आने वाले न्यू ईयर की बधाईयाँ देते हैं.

25 दिसम्बर के बाद 1 जनवरी तक पूरा सप्ताह लोग इस पर्व को मनाने में व्यस्त रहते हैं. ये नयें वर्ष के स्वागत के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, अच्छे अच्छे वस्त्र धारण करते हैं. एक उत्सव के रूप में सभी लोग सामूहिक गान एवं नृत्यों का आनन्द लेते हैं.

भारत में क्रिसमस का त्योहार (christmas festival in india)

यदि भारत के क्रिसमस के पर्व का असली रूप देखना हो तो गोवा में इसका नजारा सबसे अलग ही हैं. भारत के सभी शहरों में क्रिसमस का उत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं. होली, दिवाली, ईद की तरह क्रिसमस के दिन भी देशभर में राजकीय अवकाश रहता हैं.

इस मौके पर शहरों में अच्छी चहल पहल देखी जा सकती हैं. भारत में तकरीबन 4 करोड़ ईसाई रहते हैं. मगर यह पर्व भले ही ईसाई धर्म का होगा, मगर सभी धर्मों के लोग बड़े ही सद्भाव के साथ इसे मिलकर मनाते हैं. क्रिसमस की प्रार्थना में सभी लोग शामिल होते हैं.

जिस तरह हरेक पर्व कुछ न कुछ शिक्षाएं एवं संदेश देता है वैसे ही क्रिसमस भी हमें आपसी प्रेम, भाईचारे तथा परउपकार की सीख देता हैं.

जिस तरह गॉड ईसा मसीह ने अपने छोटे से जीवन काल में मानवता के लिए, आपसी सोहार्द के लिए कार्य किये वह हम सभी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं.

विश्व में सुख शान्ति तथा सम्रद्धि की स्थापना में इस तरह के पर्वों का बड़ा महत्व हैं. ईसा ने कहा था गॉड अपने सभी संतानों से बेशुमार प्यार करता है इसलिए हमें भी जीवन में प्यार के जरिये ईश्वर के साथ सम्बन्ध बनाने चाहिए.

गॉड ने कहा था गरीबों, पीड़ितों, दीन हीनों की सहायता करना ही ईश्वर की सहायता करना हैं. क्रिसमस का पर्व हमें जीसस के विचारों को अपने जीवन में अपनाने का संदेश देता हैं.

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Hinduism’s Influence: a Global Narrative through the Lens of Storytelling

This essay explores the global influence of Hinduism, highlighting its approximately 1.2 billion followers worldwide. It emphasizes Hinduism’s deep roots in India, where the religion’s cultural and spiritual practices are most prominent. The essay also examines significant Hindu communities in Nepal, Bangladesh, Indonesia, Pakistan, and Sri Lanka, showcasing how Hindu traditions adapt and thrive in diverse environments. Additionally, it discusses the impact of the Indian diaspora in countries like the United States, the United Kingdom, Canada, and Australia, where Hindu cultural centers and festivals play a vital role in community life. The essay also touches on the universal appeal of Hindu practices such as yoga, meditation, and Ayurveda, which have gained widespread popularity beyond religious boundaries.

How it works

Imagine walking through a bustling marketplace in India, where the air is thick with the scent of incense and the sound of temple bells. Now, contrast this with a serene yoga retreat in the mountains of California or a vibrant Diwali festival in London. These scenes, though worlds apart, are united by the thread of Hinduism, a religion with approximately 1.2 billion followers. The journey of Hinduism from its origins to its global footprint is as rich and varied as the stories that have been passed down through generations of its adherents.

In the heart of India, where Hinduism was born, every village, town, and city is steeped in ancient traditions. The rituals performed at the banks of the Ganges, the hymns sung in praise of deities, and the elaborate festivals celebrated with fervor all paint a picture of a religion deeply interwoven with the fabric of daily life. India is home to nearly 1.1 billion Hindus, making it the epicenter of the religion. Here, the temples stand not just as places of worship but as custodians of stories—tales of gods and goddesses, of epic battles and divine love, of moral dilemmas and spiritual quests.

Yet, Hinduism’s reach extends far beyond the Indian subcontinent. Take, for instance, the island of Bali in Indonesia. Bali’s unique version of Hinduism is a mesmerizing blend of indigenous traditions and classical Hindu practices. The island’s temples, often surrounded by lush greenery and active volcanoes, are scenes right out of a mythological narrative. Here, the Ramayana and Mahabharata, two of Hinduism’s greatest epics, are not just stories but living traditions, performed as dance-dramas that attract both locals and tourists. With around 4 million Hindus, Bali stands as a testament to the adaptability and enduring appeal of Hindu traditions.

In Nepal, a country nestled in the Himalayas, Hinduism is the major religion, with approximately 23 million followers. The story of Hinduism in Nepal is intricately linked with its history and culture. The Pashupatinath Temple in Kathmandu, one of the most sacred Hindu shrines, attracts pilgrims from all over the world. The rituals and festivals here, set against the backdrop of towering mountains, evoke a sense of timelessness, as if the ancient stories of the gods are being enacted anew with each generation.

Moving to Bangladesh, despite being a minority, the Hindu community of around 17 million people has preserved its rich cultural heritage. The Durga Puja festival, a major event for Bangladeshi Hindus, is celebrated with grand processions and artistic displays that transform cities into stages for mythological reenactments. These celebrations are not just religious observances but also vibrant expressions of community and cultural identity.

Hinduism’s journey through Pakistan is marked by resilience. With about 4 million adherents, mainly in the Sindh region, the Hindu temples here often stand as silent witnesses to the passage of time. The stories told within these temple walls are ones of survival and continuity, of maintaining traditions in the face of changing political and social landscapes.

In Sri Lanka, Hinduism is closely associated with the Tamil ethnic group, numbering around 3 million. The temples in Jaffna, with their towering gopurams (gateway towers), are centers of cultural and religious life. Festivals like Thaipusam and Navaratri are celebrated with a zeal that transforms these narratives into communal celebrations, where stories of the divine play out in colorful rituals and public gatherings.

The Indian diaspora has taken Hinduism to the far corners of the globe. In the United States, around 2.5 million Hindus contribute to the multicultural tapestry of the nation. Hindu temples dot the American landscape, from New York to California, serving as cultural hubs where festivals like Diwali and Holi are celebrated with as much enthusiasm as in India. These temples are not just places of worship but also centers of storytelling, where the ancient tales of Hinduism are passed on to younger generations through community events and educational programs.

In the United Kingdom, the Hindu population of about 1 million has established a vibrant presence. The annual Diwali celebrations in Leicester, among the largest outside India, transform the city into a glittering spectacle of lights, music, and dance. Here, the story of Diwali—the return of Lord Rama to Ayodhya and the triumph of good over evil—is celebrated in a manner that brings together people of all backgrounds, fostering a spirit of inclusivity and cultural exchange.

Canada and Australia, each with approximately 500,000 Hindus, showcase how Hinduism has adapted to diverse cultural contexts. In cities like Toronto, Vancouver, Sydney, and Melbourne, Hindu temples and cultural centers are integral to community life. These places are where the rich narratives of Hinduism are kept alive, where children learn about the epic journeys of the Pandavas and the moral dilemmas faced by Arjuna.

Hinduism’s philosophical and spiritual dimensions have found universal resonance. Yoga, meditation, and Ayurveda, practices rooted in Hindu philosophy, have gained immense global popularity. These practices offer more than physical benefits; they are pathways to inner peace and self-realization, echoing the teachings of Hindu sages and seers. The Bhagavad Gita, a text that delves into the essence of duty, righteousness, and devotion, continues to inspire readers worldwide, transcending religious and cultural boundaries.

The beauty of Hinduism lies in its pluralism and inclusivity. It embraces a myriad of beliefs and practices, allowing for a dynamic and evolving tradition. This flexibility has enabled Hinduism to flourish in various cultural environments, making it a truly global religion.

In conclusion, the story of Hinduism is one of profound depth and broad reach. From its heartland in India to the distant shores of the Americas and Australia, Hinduism’s influence is both enduring and transformative. It is a religion that celebrates diversity and unity, where ancient stories and modern lives intertwine to create a living tradition that continues to inspire and enrich the world. Whether through the vibrant festivals, the timeless wisdom of its scriptures, or the global practice of yoga and meditation, Hinduism remains a dynamic force in the cultural and spiritual landscape of humanity.

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Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling. (2024, Jun 17). Retrieved from https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/

"Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling." PapersOwl.com , 17 Jun 2024, https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/

PapersOwl.com. (2024). Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling . [Online]. Available at: https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/ [Accessed: 19 Jun. 2024]

"Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling." PapersOwl.com, Jun 17, 2024. Accessed June 19, 2024. https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/

"Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling," PapersOwl.com , 17-Jun-2024. [Online]. Available: https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/. [Accessed: 19-Jun-2024]

PapersOwl.com. (2024). Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of Storytelling . [Online]. Available at: https://papersowl.com/examples/hinduisms-influence-a-global-narrative-through-the-lens-of-storytelling/ [Accessed: 19-Jun-2024]

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Religion and Spirituality in East Asian Societies

2. religion as a way of life, table of contents.

  • Religious switching in the region
  • Religious switching in East Asia compared with the rest of the world
  • Common beliefs and practices
  • How former Buddhists in East Asia compare with lifelong Buddhists
  • Other key findings in this report
  • Religious composition
  • How religious identity differs by age
  • Religious switching
  • Which groups have the biggest shares of new entrants?
  • Persuading others to switch
  • Attending Christian and Buddhist schools
  • Feeling connected to one or more religions or philosophies
  • How many religions can be true?
  • Personal importance of religion
  • Importance of religion around the world
  • What people say Buddhism is – and is not
  • Belief in unseen beings
  • Belief in god
  • Belief in angels and demons
  • Belief in spirits inhabiting the physical world
  • Belief in fate
  • Belief in karma
  • Belief in miracles
  • Venerating religious figures and deities
  • Rates of prayer
  • Daily prayer around the world
  • Visiting spiritual and religious sites
  • Home altars
  • Reflecting on life and the universe
  • Fortunetelling
  • Ancestor veneration rituals
  • Communicating with ancestors
  • Family gravesites
  • How important are traditional funerals?
  • Cremation and burial
  • Belief in rebirth and nirvana
  • Belief in heaven and hell
  • Religion's role in society
  • Religious leaders in politics
  • Free speech and social harmony
  • Should societies be open to change?
  • Acknowledgments
  • Methodology
  • Appendix A: Sources

Typically, East Asia is considered to encompass China, Hong Kong, Japan, Macau, Mongolia, North Korea, South Korea and Taiwan. In geopolitical terms, Vietnam is often categorized as part of Southeast Asia. But we surveyed Vietnam along with East Asia for several reasons, including its historic ties to China and Confucian traditions . Moreover, Buddhists in Vietnam practice the same strain of Buddhism (Mahayana) found across East Asia.

Throughout this report, the term “East Asia” refers to Hong Kong, Japan, South Korea and Taiwan.

When discussing trends throughout the broader “region,” we include Vietnam.

For legal and logistical reasons, we did not survey several other places that are generally considered part of East Asia. At present, China does not allow non-Chinese organizations to conduct surveys on the mainland, and public opinion surveys are not possible in North Korea. Conducting nationally representative surveys in Mongolia is difficult due to the nomadic lifestyle of a large part of its people. We did not survey Macau because its population is relatively small.

While many people in East Asia and Vietnam do not formally identify with a religion , most say they feel a personal connection to the “way of life” of at least one religious tradition or spiritual philosophy.

A table showing the share of adults in five Asian publics who say they feel a person connection to the way of life of a different religious tradition or spiritual philosophy. Most commonly, people in the region feel personal connections to Buddhism and local or Indigenous religions.

Most commonly, people in the region – including the religiously unaffiliated – feel personal connections to Buddhism and local or Indigenous religions. In South Korea, a majority also feel connected to the Confucian way of life.

Moreover, adults in the region often express an affinity for multiple traditions. In Japan, for example, 55% of adults say they feel a personal connection to at least one religious or philosophical tradition besides their own .

To measure this, we posed a series of questions, asking separately about Buddhist, Christian, Confucian, Daoist (also spelled Taoist) and local/Indigenous religions’ ways of life. (In Japan, we also asked about the Shinto way of life.)

Except in the case of the local/Indigenous religions item, we avoided using words such as “religion” or “religious tradition,” in part because many people do not consider Confucianism to be a religion. Moreover, we chose phrases like “personal connection” and “way of life” to capture people who might not relate to the word “religion” or formally identify with an organized belief system but who, nonetheless, feel an affinity for the way of life that these traditions or philosophies represent.

This series of questions also helps to gauge the effect of religious switching, by showing the shares of people who have left their childhood religion but continue to feel a connection to it in adulthood .

In this chapter, we also discuss what adults in East Asia and Vietnam consider Buddhism to be – a culture, a set of ethical teachings, an ethnicity, a religion or a family tradition – as well as the behaviors and attitudes that Buddhists say would disqualify someone from being truly Buddhist .

Among the region’s large shares of religiously unaffiliated adults, a fair number express a personal connection to at least one religious or philosophical “way of life.”

A table showing the share of Buddhists, Christians, Daoists and religiously unaffiliated adults in five Asian publics who say they feel a person connection to the way of life of a different religious tradition or spiritual philosophy. For example, 34% of Japan’s religiously unaffiliated adults feel connected to the Buddhist ‘way of life’.

At least a third of religiously unaffiliated adults in South Korea, Japan and Taiwan say they feel a personal connection to the Buddhist way of life, and roughly one-quarter or more feel connected to a local or Indigenous religion’s way of life.

In South Korea, 58% of the religiously unaffiliated express a personal connection to the Confucian way of life.

People who formally identify with a religion are even more likely to say they feel a personal connection to that tradition’s way of life.

Among Buddhists across the region, at least six-in-ten say they feel a personal connection to the Buddhist way of life, including 95% of Vietnamese Buddhists who say this. (The percentage of people inside a group who say they feel a personal connection to the group’s way of life may be an indicator of the intensity of their sense of belonging.)

Among Christians, about three-quarters or more feel a personal connection to the Christian way of life. (The attitudes of Christians in Japan are not broken out separately because the sample size is too small.)

Christians are less likely than Buddhists to feel a connection to local or Indigenous religions. In all places surveyed except Vietnam, at least four-in-ten Buddhists say they feel connected to an Indigenous or local religion’s way of life.

Affinity for traditions besides one’s own

Taiwanese and South Korean adults are somewhat more likely than people in other places to feel a personal connection to some other religion’s way of life. In Taiwan, 39% of Buddhists, 38% of the religiously unaffiliated and 25% of Christians say they feel connected to the Daoist way of life. In South Korea, majorities of Buddhists, Christians and the unaffiliated express a personal affinity for the Confucian way of life .

Stacked bar charts showing the share of adults in five Asian publics who say they feel a personal connection to either one or two other religion’s way of life or three or more other religions’ ways of life. Most South Koreans feel connected to at least one religion beyond their own.

More broadly, over half of all adults in South Korea (70%), Taiwan (67%) and Japan (55%) say they feel connected to at least one tradition besides their own , compared with smaller shares in Hong Kong (39%) and Vietnam (31%) who express similar connections.

Respondents in Japan were also asked whether they feel a personal connection to the Shinto way of life. Shinto is a set of traditional Japanese beliefs that can include the worship of gods and spirits known as kami . Though only 4% of adults in Japan identify Shinto as their religion, fully 27% say they feel a personal connection to the Shinto way of life. (In answers to a separate question, 38% of Japanese adults say they pray or offer respects to kami. Read more on this in Chapter 4 .)

Connections to one’s former religion

Given the high rate of religious switching in East Asia and Vietnam , we explored what happens to religious connections after people leave a formal identity behind. Specifically, we compared responses about personal connections among:

  • Those who currently identify with a tradition;
  • Those who were raised in that tradition but have since left; and
  • Those who were not raised in that tradition nor identify with it now.

A set of tables showing the share of adults in five Asian places who feel a personal connection to, for example, the Buddhist way of life, among those who currently identify as Buddhist, were raised Buddhist but now identify as something else, and who were neither raised nor are currently Buddhists. Similar tables are shown for the Christian way of life, the Daoist way of life and the local/indigenous religions’ ways of life. In East Asia and Vietnam, many feel connected to their childhood religion.

We consistently find a spectrum of attachments: People who no longer identify with a religion are less likely than those who do so currently to say they feel a personal connection to it. Still, people who were raised in a religion and have since left it are more likely to express a connection to that religion than are people who were not raised in it and who don’t identify it as their religion today.

For example, 72% of South Koreans who currently identify as Buddhist say they feel a personal connection to the Buddhist way of life. Among South Koreans who were raised Buddhist but no longer identify that way, 50% feel such a connection. And among all other South Korean adults, only 35% say they have a personal connection to Buddhism.

We know from past research that the five places included in this survey are very religiously diverse compared with other countries and territories around the world.

Given this diversity – and the extent to which people feel connected to traditions outside their own – it is perhaps unsurprising that respondents in this survey are more likely to say that “many religions can be true” than to say that “there is only one true religion.”

Bar charts showing the share of adults in five Asian publics who say many religions can be true or that there is one true religion. 8 in 10 Taiwanese say many religions can be true.

Among both Buddhists and the religiously unaffiliated, majorities in nearly all five places say that many religions can be true. But Christians are less likely to take this position.

In Taiwan, for example, roughly eight-in-ten Buddhists and unaffiliated adults – but only half of Christians – say that many religions can be true.

In general, younger adults and people with more education are more likely to say that many religions can be true. For example, the vast majority of Japanese adults under the age of 35 say that many religions can be true, compared with a slim majority of older Japanese adults (86% vs. 59%).

When asked how important religion is in their lives, people in the region tend to say religion is either not very or not at all important to them.

Bar charts showing the share of adults in five Asian publics who say religion is very, somewhat, not very or not at all important in their lives. 62% in Japan say religion is not important to them.

In Taiwan, South Korea, Hong Kong and Japan, half or more say religion is notvery or not at all important.

Only in Vietnam are adults more likely to say religion is important in their lives than to say it is not important (53% vs. 46%).

In no place surveyed do more than about a quarter of adults say religion is very important in their lives.

Christians are the most likely to consider religion to be very important to them. About a third of Christians or more across the region say this, including two-thirds of Vietnamese Christians.

A table showing the share of adults in five Asian publics, broken down by their current religion, who say religion is very, somewhat, not very or not at all important in their lives. Christians are the most likely to say religion is very important to them.

Far fewer Buddhists say religion is very important to them. However, many Buddhists surveyed say that religion is at least somewhat important in their lives.

The religiously unaffiliated are the group least likely in this analysis to say religion is very important in their lives. Still, between 11% and 30% of the unaffiliated in each place surveyed say religion is at least somewhat important to them.

In all four East Asian societies surveyed, fewer than two-in-ten adults say religion is very important in their lives.

Only in Europe do similarly small percentages say this, according to surveys conducted by the Pew Research Center in 102 countries and territories since 2008. 7 For instance, 11% of adults in Hong Kong and Taiwan say religion is very important in their lives – as do 11% of adults in Belgium, France and Germany.

Other parts of the world have much higher shares who say religion is very important. This includes majorities across Africa and much of Latin America .

In the United States , 42% of adults say religion is very important in their lives.

A bar chart showing the share of adults in 102 places around the world who say religion is very important to them, ranging from 6% in Estonia and Japan to 98% in Indonesia and Senegal. East Asians are among the least likely to say religion is important to them.

(For information on when we conducted surveys in various countries and territories, go to Appendix A .)

Given that large shares of East Asians and Vietnamese adults identify with Buddhism or feel connected to its way of life, we wanted to explore what people in the region understand Buddhism to be.

Do they view Buddhism as a set of ethical teachings to guide actions? A culture one is a part of? A religion one chooses to follow? A family tradition one must follow? An ethnicity one is born into?

A set of bar charts showing the share of adults in five Asian publics, broken down by their current religion, who say Buddhism is either a set of ethical teachings to guide actions, a culture one is a part of, a religion one chooses to follow, a family tradition one must follow or an ethnicity one is born into. For most people in Hong Kong, Buddhism is a set of ethical teachings, a culture and a religion.

Across the region, large shares of adults in all religious groups – including overwhelming majorities of Buddhists in Hong Kong and Vietnam – say that Buddhism is a set of ethical teachings, a culture and a religion.

Buddhists are more likely than people in other religious groups to say Buddhism fits each description on the list. For example, roughly four-in-ten Buddhists in South Korea say Buddhism is an ethnicity, compared with about a fifth of South Korean Christians who say this (43% vs. 18%).

In Vietnam, 48% of Buddhists say their religion can be described by all five statements – i.e., that Buddhism is a religion, a set of ethics, a culture, a family tradition and an ethnicity. Far fewer Buddhists in Taiwan (6%) and Japan (4%) say all five statements describe Buddhism; Taiwanese Buddhists are least likely to describe Buddhism as an ethnicity, and Japanese Buddhists are least likely to call it a family tradition.

What can a person do and still be ‘truly’ Buddhist?

In addition to asking all respondents what Buddhism is, the survey asked those who identify as Buddhist whether certain beliefs or practices would disqualify a person from being “truly” Buddhist.

There is general agreement among Buddhists that not respecting deities or spirits would disqualify one from being truly Buddhist. Majorities of Buddhists in every place surveyed, ranging from 59% in Japan to 80% in Taiwan, say this.

A table showing the share of Buddhists in five Asian publics who say a person cannot be truly Buddhist if they do each of the following: do not respect deities or spirits, do not believe in the afterlife, do not have a Buddhist funeral, do not pray or never go to the temple or pagoda. In East Asia and Vietnam, respecting deities or spirits is widely seen as necessary to being ‘truly’ Buddhist.

Buddhists in Vietnam and South Korea are more likely than those elsewhere to say that several other beliefs or practices are crucial to being Buddhist. For example, 64% of Buddhists in Vietnam and 56% of Buddhists in South Korea say a person cannot be truly Buddhist if they do not have a Buddhist funeral. Fewer Buddhists in Hong Kong (43%), Japan (40%) and Taiwan (27%) say the same.

Most Buddhists surveyed across the region say you cannot be truly Buddhist if you do not respect elders, including nearly nine-in-ten Vietnamese Buddhists who say this.

A table showing the share of Buddhists in five Asian publics who say a person cannot be truly Buddhist if they do each of the following: do not respect elders, do not respect the place where they live, drink alcohol or make offerings to or worship ancestors. The vast majority of Vietnamese Buddhists say you can’t be ‘truly’ Buddhist if you disrespect Vietnam.

Fewer Buddhists say that you cannot be Buddhist if you drink alcohol. (Avoiding intoxicants such as alcohol is one of the Five Precepts , a set of Buddhist teachings on morality for laypeople.)

Buddhists in the region are more divided as to whether one must respect where one lives to be truly Buddhist. Majorities in Vietnam (85%) and South Korea (64%) say a person cannot be Buddhist if they do not respect Vietnam or South Korea, respectively. In Taiwan, far fewer Buddhists – 41% – say respecting Taiwan is necessary to be truly Buddhist.

By contrast, clear majorities of Buddhists in all of the South and Southeast Asian places we surveyed in 2022 said that respecting where one lives is key to being truly Buddhist.

Other than in South Korea, very few Buddhists in East Asia and Vietnam say that a person cannot be Buddhist if they make offerings to or worship ancestors. Even smaller shares of Cambodian and Thai Buddhists said this in our 2022 survey. (As discussed in Chapter 5 , ancestor veneration practices such as burning incense, offering flowers and lighting candles are very common among Buddhists in East Asia and Vietnam.)

A table showing the share of Buddhists in five Asian publics who say a person cannot be truly Buddhist if they celebrate the festival of Eid or celebrate the Christian festival of Christmas. For example, 54% of Hong Kong Buddhists say a person cannot be truly Buddhist if they celebrate Eid, while 27% say this about celebrating Christmas.

Buddhists in the region are somewhat split about whether celebrating the Muslim festival of Eid is compatible with Buddhism. While six-in-ten Buddhists or more in Vietnam and South Korea say celebrating Eid would disqualify someone from being truly Buddhist, only about four-in-ten Taiwanese and Japanese Buddhists take that position.

Nowhere does a majority think Christmas celebrations stop someone from being truly Buddhist. However, Buddhists in South Korea – which has the largest share of Christians in its population among the places analyzed – are more likely than Buddhists elsewhere to say that celebrating Christmas would disqualify a person from being truly Buddhist.

  • For the purposes of this analysis, Armenia, Azerbaijan and Georgia are included in Asia. These three Caucasus countries are located between the Black Sea and the Caspian Sea in a border area between Europe and Asia. ↩

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    स्कूल में क्रिसमस उत्सव 2022 पर दीर्घ निबंध (Long Essay on Christmas Celebration in School 2022 in Hindi, School mein Christmas Utsav par Nibandh Hindi mein) उम्मीद करती हूँ कि नीचे लिखे गए क्रिसमस ...

  7. क्रिसमस

    Traditional birthday of Jesus. अनुष्ठान. Church services, gift giving, family and other social gatherings, symbolic decorating. तिथि. December 25 ( alternatively, January 6, 7 or 19) [2] [3] [4] ( see below) समान पर्व. Christmastide, Christmas Eve, Advent, Annunciation, Epiphany, Baptism of the Lord, Yule.

  8. क्रिसमस पर निबंध Christmas Essay in Hindi (1000+ Words)

    इस आर्टिकल में आप क्रिसमस पर निबंध (Christmas Essay in Hindi) पढ़ सकते हैं। साथ ही इस लेख में हमने क्रिसमस की कहानी, इतिहास और इसके महत्व के विषय में भी लिखा है। यह निबंध ...

  9. क्रिसमस दिवस पर निबंध: Christmas Essay in Hindi

    क्रिसमस पर निबंध (Christmas Day Essay in Hindi): हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में क्रिसमस पूरे ...

  10. क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में

    Christmas Essay in Hindi / क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में - क्रिसमस ईसाई समुदाय (Christian) का सबसे बड़ा और खुशी का त्योहार है, इसलिए इसे बड़ा दिन (Big day) भी कहा जाता है. केवल ईसाई समु…

  11. क्रिसमस पर निबंध

    क्रिसमस पर निबंध (Essay on Christmas in Hindi). इस लेख में क्रिसमस का क्या अर्थ है, क्रिसमस का हमारे जीवन में क्या महत्व है के बारे में जानेंगे I Essay on Christmas in 100, 150, 200, 250, 300, 1500 words.

  12. क्रिसमस त्यौहार पर निबंध (Christmas Day Festival Essay In Hindi)

    क्रिसमस त्यौहार पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Christmas Festival In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही ...

  13. क्रिसमस पर निबंध

    क्रिसमस पर निबंध - Christmas Essay in Hindi by प्रियंका ... christmas festival. मैरी व जोसफ ने सराय में रहने के लिए स्थान खोजा, पर कोई जगह खाली न थी । जोसफ ने सराय वाले ...

  14. क्रिसमस पर निबंध

    Essay on Christmas in Hindi: क्रिसमस ईसाइयों समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। क्रिसमस एक प्राचीन त्यौहार है, जो शीत ऋतु यानी कि सर्दियों में हर साल 25

  15. क्रिसमस डे पर निबंध हिंदी में

    Essay on Christmas day in Hindi:-क्रिसमस का त्यौहार पूरे विश्व में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। क्रिसमस के त्यौहार को हर साल के अंतिम महीने दिसंबर कि 25 तारीख को मनाया जाता ...

  16. क्रिसमस पर निबंध। christmas essay in hindi

    आज इस लेख में हम christmas essay in hindi लेकर आये है। स्कूलों में कॉलेज में अक्सर christmas essay पुछा जाता है। क्रिसमस पे निबंध हिंदी में आप इस पोस्ट में पढ़ें

  17. क्रिसमस डे पर निबंध 2021 Essay on Christmas in Hindi

    इस लेख में क्रिसमस डे पर निबंध 2021 (Essay on Christmas in hindi) हिन्दी में दिया गया है। जो बेहद ही सरल तथाआकर्षक रूप से लिखा गया है।. क्रिसमस डे नज़दीक आ ...

  18. क्रिसमस का त्यौहार (बड़ा दिन) पर अनुच्छेद

    क्रिसमस का त्यौहार (बड़ा दिन) पर अनुच्छेद | Paragraph on Christmas in Hindi प्रस्तावना: क्रिसमस का त्यौहार ईसाईयों का सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है । हिन्दुओं के लिए दीवाली ...

  19. मेरा प्रिय त्योहार क्रिसमस पर निबंध My Favourite Festival Christmas

    Essay On My Favourite Festival Christmas In Hindi. हमारा भारत देश पर्वों एवं त्योहारों का देश है यहाँ सभी धर्मों के त्योहार एवं उत्सव बड़े धूमधाम से मनाए जाते हैं ...

  20. 10 lines on Christmas in Hindi

    2. Christmas festival is celebrated mainly by people of Christianity, but other people celebrate it with great enthusiasm. 3. This day is also called the biggest day. 4. It is such a festival that there is a holiday in the whole world. 5. This day is celebrated in the joy of the birthday of Jesus. 6.

  21. क्रिसमस पर निबंध 2021 Christmas Essay in Hindi

    May 22, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. नमस्कार दोस्तों आज का निबंध क्रिसमस पर निबंध 2023 Christmas Essay in Hindi पर दिया गया है. सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए इसाई समुदाय ...

  22. Christmas Essay in Hindi

    क्रिसमस : एक नजर में. क्रिश्चियन समुदाय के लोग हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस का त्योहार मनाते हैं।. क्रिसमस का त्योहार ईसा मसीह के ...

  23. Essay on Christmas in Hindi

    #christmasday #myfavouritefestival #learnwithnaynateacher #festiveseasons #christmascelebration

  24. Hinduism's Influence: A Global Narrative Through the Lens of

    In the heart of India, where Hinduism was born, every village, town, and city is steeped in ancient traditions. The rituals performed at the banks of the Ganges, the hymns sung in praise of deities, and the elaborate festivals celebrated with fervor all paint a picture of a religion deeply interwoven with the fabric of daily life.

  25. Best Essay on Eid ul Adha in 500 Words in English

    Essay on Eid ul Adha: The month-long Ramadan fasting has finally ended, and it's time for celebrations.Eid Ul Adha, one of the two significant Islamic festivals. Eid ul Adha is known as Bakr-Id in India and is a public holiday.Eid ul-Adha originates from the tale of Prophet Ibrahim's readiness to sacrifice his son, Ismail, per Allah's instruction.

  26. 2. Religion as a way of life

    Shinto is a set of traditional Japanese beliefs that can include the worship of gods and spirits known as kami. Though only 4% of adults in Japan identify Shinto as their religion, fully 27% say they feel a personal connection to the Shinto way of life. (In answers to a separate question, 38% of Japanese adults say they pray or offer respects ...