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जल संरक्षण पर निबंध (Save Water Essay in Hindi)

जल संरक्षण

यहाँ हमने छोटे व बड़े बच्चों के लिए जल संरक्षण अथवा पानी बचाओ, जल बचाओ पर बहुत ही आसान भाषा में जानकारी युक्त निबंध दिए हैं जो अलग अलग शब्द सीमा में लिखा गया है। जैसे – छोटे बच्चों के लिए जल बचाओ पर 100 – 200 शब्दों में निबंध और बड़े बच्चों के लिए जल संरक्षण पर 300 – 400 शब्दों में निबंध। आप अपने आवश्यकता और क्लास के अनुसार कोई भी निबंध चुन सकते हैं।

पानी बचाओ अथवा जल बचाओ पर निबंध (100-200 शब्द) – Pani bachao ya Jal bachao par Nibandh

पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए पानी अति आवश्यक है। हम खाने के बिना जी सकते हैं लेकिन पानी के बिना एक दिन भी नहीं जी सकते। पृथ्वी का 70% भाग पानी से ढका हुआ है जिससे अंतरिक्ष से हमारी धरती नीले ग्रह के रूप में दिखाई पड़ती है। पानी की सहायता से हम अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य करते है जैसे पानी पीना, खाना बनाना, बर्तन धोना, कपड़े धोना, सफाई करना आदि। पानी सिर्फ मानव अस्तित्व के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह पेड़ पौधों, जीव जंतुओं के लिए भी उतना ही आवश्यक है।

 आजकल लोग पानी की बोतलें, चिप्स, कुरकुरे, इत्यादि खाकर उसका पैकेट नदियों नालों में फेंक देते हैं, बड़ी बड़ी कारखाने खुल रहे है जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है। बहुत से लोग पानी को बेवजह बर्बाद करते है, इसलिए भारत में कई जगहों पर सूखा पड़ने लगा है, वहां लोग खेती नहीं कर पाते। कई जगहों पर लोगों को पीने के पानी के लिए बहुत दूर जाना  पड़ता है या तो सरकारी वाटर टैंक आने पर ही उन्हें पानी मिल पाता है। निकट भविष्य में आने वाली पीढ़ियों को पानी की बहुत ज्यादा समस्या होगी। इसलिए हमारे लिए पीने का पानी बूँद बूँद कीमती है। ब्रश करते समय या हाथ धुलते समय नल को खुला न रखें, नहाते समय शावर से नहीं बल्कि बाल्टी में भरकर नहाना चाहिए, इस तरह रोजाना जो पानी हम इस्तेमाल करते है अगर उसमे थोड़ा भी ध्यान दें तो हम पानी को बर्बाद होने से बचा सकते है।

जल संरक्षण पर निबंध (300-400 शब्द) – Jal Sanrakshan par Nibandh

पानी बचाओ : एक अनिवार्य कदम

पृथ्वी पर जीवन का आधार पानी ही है और सभी जीवों के लिए समान रूप से आवश्यक है, इसके बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। लेकिन आज, पूरे विश्व में पीने योग्य पानी की कमी एक गंभीर समस्या बन गई है, जिसे सुलझाने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है।

हम दैनिक जीवन में पानी का उपयोग विभिन्न कार्यों जैसे पीने, खाना बनाने, साफ-सफाई, कृषि, उद्योग आदि के लिए करते हैं। परंतु, 21वीं सदी में बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के कारण पानी की मांग में अत्यधिक वृद्धि हुई है। पानी का अनियमित उपयोग और जल प्रदूषण ने स्थिति को और भी ज्यादा गंभीर बना दिया है।

हम सभी को , पानी बचाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे :

  • जल संरक्षण: पानी का सावधानीपूर्वक उपयोग करना चाहिए। अनावश्यक रूप से नल को खुला न छोड़ें और लीक होने वाले नलों को तुरंत ठीक कराना चाहिए।
  • पुनर्चक्रण: पानी का पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग से हम पानी की बचत कर सकते है। घरेलू उपयोग के बाद बचे हुए पानी को बागवानी या अन्य कार्यों में पुनः उपयोग किया जा सकता है।
  • वर्षा जल संचयन: घर की छतों, सार्वजनिक स्थानों पर और छोटे बड़े तालाब खोदकर वर्षा जल को ज्यादा से ज्यादा संग्रहित करने कोशिश करनी चाहिए, ताकि भूजल स्तर में वृद्धि हो सके।
  • प्रदूषण नियंत्रण: जल स्रोतों को प्रदूषित होने से बचाना अतिआवश्यक है। बड़े बड़े उद्योगों को अपने अपशिष्ट जल को शुद्ध करने के बाद ही उसे नदियों और जलाशयों में छोड़ना चाहिए।
  • सामुदायिक भागीदारी: यह सामुदायिक स्तर का अभियान है, लोगों को जागरूक होना होगा और जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा। स्कूलों, कॉलेजों, और कानूनी व गैर कानूनी संगठनों द्वारा जल संरक्षण अभियानों का आयोजन किया जाना चाहिए।
  • कृषि में जल का प्रबंधन: ड्रिप इरीगेशन और स्प्रिंकलर इरीगेशन जैसी तकनीकों का उपयोग कर पानी की बचत की जा सकती है।

पानी बचाने का प्रयास केवल सरकार और संगठनों के माध्यम से ही संभव नहीं हैं। प्रत्येक व्यक्ति का इसमें योगदान अतिआवश्यक है। हमें यह समझना होगा कि पानी का बचाव हमारे और आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इसलिए, यदि हम सब मिलकर जल संरक्षण की दिशा में प्रयास करें, तो हम इस बहुमूल्य संसाधन को बचाकर अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकेंगे। पानी बचाना, पृथ्वी पर जीवन को बचाना है। इसलिए, हमें अभी से ही इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

जल का संरक्षण निबंध (300 शब्द)

धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाये रखने के लिये जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है क्योंकि बिना जल के जीवन सभव नहीं है। पूरे ब्रह्माण्ड में एक अपवाद के रुप में धरती पर जीवन चक्र को जारी रखने में जल मदद करता है क्योंकि धरती इकलौता अकेला ऐसा ग्रह है जहाँ पानी और जीवन मौजूद है।

जल का संरक्षण

पानी की जरुरत हमारे जीवन भर है इसलिये इसको बचाने के लिये केवल हम ही जिम्मेदार हैं। संयुक्त राष्ट्र के संचालन के अनुसार, ऐसा पाया गया है कि राजस्थान में लड़कियाँ स्कूल नहीं जाती हैं क्योंकि उन्हें पानी लाने के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है जो उनके पूरे दिन को खराब कर देती है इसलिये उन्हें किसी और काम के लिये समय नहीं मिलता है।

राष्ट्रीय अपराध रिकार्डस् ब्यूरो के सर्वेक्षण के अनुसार, ये रिकार्ड किया गया है कि लगभग 16,632 किसान (2,369 महिलाएँ) आत्महत्या के द्वारा अपने जीवन को समाप्त कर चुकें हैं, हालांकि, 14.4% मामले सूखे के कारण घटित हुए हैं। इसलिये हम कह सकते हैं कि भारत और दूसरे विकासशील देशों में अशिक्षा, आत्महत्या, लड़ाई और दूसरे सामाजिक मुद्दों का कारण भी पानी की कमी है। पानी की कमी वाले ऐसे क्षेत्रों में, भविष्य पीढ़ी के बच्चे अपने मूल शिक्षा के अधिकार और खुशी से जीने के अधिकार को प्राप्त नहीं कर पाते हैं।

भारत के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, पानी की कमी के सभी समस्याओं के बारे में हमें अपने आपको जागरुक रखना चाहिये जिससे हम सभी प्रतिज्ञा ले और जल संरक्षण के लिये एक-साथ आगे आये। ये सही कहा गया है कि सभी लोगों का छोटा प्रयास एक बड़ा परिणाम दे सकता है जैसे कि बूंद-बूंद करके तालाब, नदी और सागर बन सकता है।

जल संरक्षण के लिये हमें अतिरिक्त प्रयास करने की जरुरत नहीं है, हमें केवल अपने प्रतिदिन की गतिविधियों में कुछ सकारात्मक बदलाव करने की जरुरत है जैसे हर इस्तेमाल के बाद नल को ठीक से बंद करें, फव्वारे या पाईप के बजाय धोने या नहाने के लिये बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। लाखों लोगों का एक छोटा सा प्रयास जल संरक्षण अभियान की ओर एक बड़ा सकारात्मक परिणाम दे सकता है।

Essay on Save Water in Hindi

FAQs: Frequently Asked Questions on Save Water (जल संरक्षण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- मासिनराम (मेघालय)

उत्तर- चंडीगढ़

उत्तर- वनों की कटाई पर रोक एवं लोगों के अंदर जागरूकता का आना।

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जल के बिना जीवन असंभव है। जल के बिना आप जीवित रहने कि कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। इंसान खाने के बिना कुछ समय तक जीवित रह सकते हैं। लेकिन पानी के बिना जीवित रहना असंभव है। पृथ्वी पर 75 प्रतिशत से ज्यादा पानी है। लेकिन यह पानी पीने योग्य नहीं है। पृथ्वी पर केवल 3 प्रतिशत पानी पीने योग्य है। आज शहर के आलावा गांव में भी पानी सूखता जा रहा हैं। यदि आप मेरे गांव की बात करें तो, आज से 10 साल पहले 50 फुट पर पानी निकल जाता था। लेकिन आज 80 फुट पर भी साफ पानी नहीं मिलता है। आज हर किसी को समझना चाहिए कि जल का महत्व क्या है?। यदि हम पानी का महत्व नहीं समझ पाए तो, आने वाले समय में पानी समाप्त हो जायेगा और इसके दोषी केवल हम होंगे।

“जल है तो हम हैं”

जल हमारे जीवन का एक अमूल्य हिस्सा है, इसके बिना हम दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। जैसे जल के बिना नदी सुख जाती है ठीक उसी तरह जल के बिना इंसान अपने महत्वपूर्ण जीविका के साधन से वंचित रह जाता है। इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा की “ जल है तो सब हैं और जल है तो हम हैं“ जल के बिना मनुष्य की क्या दुर्दशा होगी, इसका अंदाजा हम यहीं से लगा सकते हैं इसीलिए हमें चाहिए कि हम जल का कम से कम उपयोग करें और जल बचाव हेतु कदम उठाएं। साथ ही यहां हम जल कितने प्रकार के होते हैं?, जल और प्राकृतिक का मानव के जीवन में क्या महत्व है?, आदि जैसे विषयों के बारे में आगे विस्तार से चर्चा करेंगे। आइये फिर नीचे jal ka mahatva essay in hindi देखते हैं।

जल और प्रकृति का मानव के जीवन में महत्व

जल बिन सूखा पड़ा है खेत -खलिहान  ——— सूखे पड़े हैं धरती आंगन 

जल और प्रकृति के साथ मनुष्य का शुरू से ही गहरा नाता रहा है। प्राकृतिक सौंदर्य की वजह से ही वर्षा होती है और यही वर्षा किसान के खेत – खलियान को पानी देने का भी काम करती हैं। इसलिए कह सकते हैं कि जल और प्राकृतिक के साथ मनुष्य का एक अनमोल रिश्ता है, जिसे एक किसान ही समझ सकता है क्योंकि उसकी फसल जल के कारण ही संभव हो पाती है। पहले के समय में सिंचाई के लिए लोग पूरी तरह से ही वर्षा के पानी पर ही निर्भर रहते थे। उनके पास कोई अन्य साधन की व्यवस्था नहीं होती थी। जैसे – जैसे समय बदला नए तकनीक का विकास हुआ वैसे – वैसे जल और प्राकृतिक सौंदर्य में भी बदलाव आया। लेकिन पानी और मनुष्य का संबंध में कोई बदलाव नहीं हुआ उनकी जरूरत आज भी उतनी ही है जितनी पहले हुआ करती थी बस जरूरत है उन्हें सहेज के रखने की। 

पानी पीने के फायदे

पानी हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जल के बिना हम जिंदा रहने के बारे में सोच भी नहीं सकते है। पानी हमें एक नई ऊर्जा देता है जिसके कारण हमारा शरीर काफी तेज गति से काम करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। जिस तरह से भोजन हमारे के लिए आवश्यक है ठीक उसी तरह पानी भी हमारे लिए आवश्यक है। पानी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण तत्व है।

जून के महीने में आपको धूप में चलते हुए अचानक प्यास लगी हुई हो और आपको पानी ना मिले तब आपको महसूस होगा कि हमारे शरीर को पानी की उस वक्त कितनी जरूरत है और तब हम मन ही मन में बस ये सोच रहे होंगे कि कहीं ना कहीं से पीने के लिए पानी मिल जाए। यही कारण है कि हमारे शरीर के लिए पानी बहुत आवश्यक के साथ-साथ लाभदायक भी है।

पानी न पीने के नुकसान

अगर हम पानी न पिए तो हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाएगी, इसके कारण हमारा शरीर काम करना बंद कर देगा, हमें ऐसा लगेगा जैसे हम काफी कमजोर हो गए हैं और हमारा किसी भी काम करने में मन नहीं लगेगा, अगर हम एक दिन पानी न पिए तो, हमारा गला सूख जायेगा। हमारे शरीर में पानी की कमी हो जाएगी। जिससे हमें चक्कर भी आ सकते हैं। हर इंसान को एक दिन में कम से कम 4 लीटर पानी पीना चाहिए।

जल ही जीवन है

जैसा कि हम ऊपर चर्चा कर चुके हैं कि जल के बिना हमारा कोई अस्तित्व ही नहीं है, जल हमारे जीवन का एक अमूल्य हिस्सा है यही कारण है कि जल और संसार के साथ जुड़ा हुआ मनुष्य को चाहिए कि वह प्रकृति, जल आदि को बहुत सहेज कर चले अन्यथा हमें उसका बुरा परिणाम भी झेलने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। आपने आते – जाते सड़कों पर, गलियों में, जल ही जीवन है का पोस्टर लगा हुआ जरूर ही देखा होगा या किसी दीवाल पर रंगीन चित्रों के माध्यम से बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा हुआ आपको दिख जाएगा जल ही जीवन है। यह इसलिए लिखा जाता है ताकि मनुष्य जल के प्रति सजग हो सके और उन्हें बिना मतलब के बर्बाद ना करें अर्थात उन्हें जितने की आवश्यकता हो उतना ही उपयोग में लाएं।

अगर आपके घर में एक दिन पानी ना आएं तो आप महसूस कर पाएंगे कि पानी के बिना आपका सारा काम ही रुक गया है उस समय आपके पास पीने के लिए भी पानी ना हो ऐसे में आप खुद को असहज महसूस करेंगे। 

अगर यही स्थिति पूरे देश में उत्पन्न हो जाए तो हम पाएंगे कि एक बड़ा हिस्सा जल से वंचित रह जाएगा ।

जल के प्रकार

जल को हम तीन भागों में बाट सकते है 1) द्रव 2) ठोस 3) वाष्प

लेकिन बाद में  ये जल का ही रूप ले लेते हैं पिघल कर । इसलिए यहां ये कहना सही होगा कि जल मुख्यता : जल ही होता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसे हम तीन भागों में बांटकर इसका नाम अलग – अलग रख तो दिए हैं इसका जो मूल रूप है वो पानी ही है।

पानी के स्रोत

जल को कई जगह इकट्ठा कर सकते हैं और जल को कई जगह से ले भी जा सकते हैं जैसे कुआं, नदी, नहर, तालाब, जलाशय, कुंड, आदि जगह पर हम वर्षा के पानी को इकट्ठा करके बाद में भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। 

वर्षा – वर्ष पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है। वर्षा से हमारी धरती के नीचे पानी जाता है। जिससे हमें पानी आसानी से मिल जाता है। आज वर्षा का पानी इकट्ठा करके बड़े-बड़े पानी के स्त्रोत बनाएं जा रहे हैं।

कुआं – पानी का सबसे अच्छा स्रोत माने जाने वाला कुआं है यहां बारिश का पानी भी इकट्ठा हो जाता है और ये पीने योग्य भी बना रहता है हमेशा ।

तालाब – तालाब में अक्सर बारिश का पानी ही इकट्ठा किया जाता है ताकि उसे खेत की सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके या कमल जैसे फूल को उगाने में इसका प्रयोग किया जाता है सबसे ज्यादा।

हमारे जीवन में पानी की विशेषता

पानी हमारे रोजमर्रा की जिंदगी के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। सफाई से लेकर खाना बनाने तक, कपड़े से लेकर, बर्तन साफ करने तक, नहाने से लेकर कार की धुलाई तक आदि जैसे चीजों के लिए हम आज पूरी तरह से पानी पर ही निर्भर है। यही कारण है कि हम दिन से लेकर रात तक हम खुद को पानी से चारों तरफ गिरा हुआ ही पाते हैं।

घर हो या बाहर हर जगह हमें पानी की आवश्यकता होती ही है और इसी को पूरा करने के लिए नए-नए तरह के तकनीक का उपयोग किया जा रहा है ताकि हमें कभी पानी की कमी महसूस न हो और हर जगह हमें पानी उपलब्ध मात्रा में मिल सके। 

हमारे जीवन में पानी की जरूरत को देखते हुए शहरों में हर जगह पानी के कनेक्शन की व्यवस्था की गई है ताकि हम उचित साधन के साथ पानी की व्यवस्था का लाभ उठा सकें।

स्वच्छ जल का महत्व

स्वच्छ जल हमारे देश के लिए आज एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है। यही कारण है कि नल की जगह आज सभी अपने घरों में पीने के लिए फिल्टर या आरो का इस्तेमाल करने लगे हैं। स्वच्छ जल हमारे लिए बहुत उपयोगी है और स्वच्छ जल आज के युवाओं की पहली मांग बन चुकी है। जिसको देखते हुए बाजार में नए-नए तरह के उत्पाद और तकनीक को उतारा जा रहा है जिससे युवा वर्ग बहुत ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। उन्हें लगता है कि इन तकनीकों की विकास की वजह से हमें सस्ते में स्वच्छ जल उपलब्ध हो जाएगा।

पीने के पानी के लिए फिल्टर का यूज़ 

लोगों का मानना है कि स्वच्छ जल हमारे और हमारे शरीर के लिए लिए बहुत उपयोगी है। यही कारण है कि लगातार अब फिल्टर और आरो की मांग बढ़ रही है अब लोग नल और कुएं का पानी पीने से भी डरते हैं। कहीं उन्हें किसी तरह की बीमारी ना हो जाए उन्हें लगता है कि स्वच्छ जल हमें केवल फिल्टर या आरो ही दे सकता है। लेकिन जल की शुद्धता आरो है यह कहना गलत है। अगर पहले की बात करें तो, हमारे पास कुएं और नल स्वच्छ जल के रूप में उपलब्ध थे लेकिन आज उनकी भी क्वालिटी में कहीं ना कहीं बदलाव आ गया है जिसके चलते पानी की शुद्धता पर सवाल खड़ा होने लगे हैं।

हमें जल का महत्व समझना बहुत जरुरी है। अगर हम जल का महत्व नहीं समझ पाए, तो आने वाले समय में पानी से करोड़ों लोग वंचित हो जायेंगे। पृथ्वी पर पीने योग्य पानी तेजी से कम हो रहा हैं। आज से ही हमें पानी पर विशेष रूप से ध्यान देना शुरू करना होगा। तभी आने वाले समय में हम पानी को बचा सकेंगे। हमें अपने पुरे दिन में कम से कम पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

जल का महत्व पर 10 लाइनें

  • जल ही जीवन है, जल के बिना जीवन असंभव है।
  • पृथ्वी पर 75 प्रतिशत पानी है, लेकिन पीने योग्य पानी केवल 3 प्रतिशत है।
  • पानी इंसान के लिए नहीं, बल्कि जानवरों, पक्षी, पेड़-पौधों सभी के लिए आवश्यक है।
  • जल के बिना हम कोई भी काम नहीं कर सकते हैं।
  • इंसान खाने के बिना कुछ समय तक जिंदा रह सकते हैं, लेकिन जल के बिना नहीं।
  • जल का सबसे बड़ा स्त्रोत झील और वर्षा है।
  • भारत की ब्रह्मपुत्र नदी में सबसे अधिक पानी है।
  • मानव के शरीर में लगभग 60 प्रतिशत पानी होता है। वही मस्तिष्क में 85, रक्त में 79 और फेफड़ों में लगभग 80 प्रतिशत जल होता है।
  • जल तीन प्रकार के होते हैं :-  द्रव, ठोस (बर्फ), और हवा में (अदृश्य) वाष्प। 
  • “ जल है तो सब हैं और जल है तो हम हैं“

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water essay in hindi for class 7

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जल के महत्व पर निबंध 10 lines (Importance Of Water Essay in Hindi) 100, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

water essay in hindi for class 7

Importance Of Water Essay in Hindi – पानी के बिना हमारे ग्रह पर, यानी पृथ्वी पर, जीवन नहीं हो सकता। क्योंकि हर जीवित जीव को पानी की आवश्यकता होती है, और इसलिए पानी के प्रति अच्छी समझ और देखभाल हम सभी के लिए जरूरी है। इसलिए, छात्रों को अंग्रेजी भाषा में पानी के महत्व पर चर्चा करते हुए एक निबंध लिखना चाहिए।

ऐसे विषय पर निबंध लिखने से छात्रों के मन में हमारे जीवन में पानी की भूमिका के बारे में अच्छे विचारों की श्रृंखला खुलती है, और यह छात्रों को पानी के महत्व के बारे में भी जागरूक कर सकता है।

जल का महत्व पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Importance of Water Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words

  • 1) पृथ्वी पर जीवन के पोषण के लिए जल बहुत आवश्यक है।
  • 2) यह हमारी प्यास बुझाने के लिए महत्वपूर्ण है।
  • 3) हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी से बना है।
  • 4) घरेलू गतिविधियों को चलाने के लिए पानी महत्वपूर्ण है।
  • 5) खेती के लिए पानी बहुत जरूरी है.
  • 6) प्रदूषित जल मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।
  • 7) पृथ्वी पर ताज़ा पानी सीमित है इसलिए हमें इसका संरक्षण करना चाहिए।
  • 8) जल प्रत्येक जीवित प्राणी के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
  • 9) झीलें, नदियाँ, महासागर आदि जल के प्रमुख स्रोत हैं।
  • 10) हमें आज के साथ-साथ बेहतर कल के लिए भी पानी बचाना चाहिए।

जल के महत्व पर लघु निबंध 200 शब्द (Short Essay on Importance of Water 200 Words in Hindi)

पृथ्वी पर जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह पृथ्वी की सतह के साथ-साथ उसके नीचे भी मौजूद है। पृथ्वी की सतह पर मौजूद जल निकायों में नदियाँ, तालाब, समुद्र और महासागर शामिल हैं। सूर्य की अत्यधिक गर्मी के कारण सतह का पानी वाष्पित हो जाता है। यह वायुमंडल में प्रसारित होता है और बादलों का निर्माण करता है जो फटते हैं और बारिश के रूप में पृथ्वी की सतह पर पहुँचते हैं। इस प्रकार, जो पानी वाष्पित हो जाता है वह लगातार होने वाली जल चक्र की प्राकृतिक प्रक्रिया द्वारा पुनः प्राप्त हो जाता है। यह पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखने में मदद करता है और हमारे ग्रह को रहने लायक बनाता है।

हालाँकि पृथ्वी प्रचुर मात्रा में पानी से भरी हुई है, ताज़ा पानी इसका बहुत छोटा हिस्सा है और इसकी मात्रा दिन पर दिन कम होती जा रही है। यह दुखद है लेकिन सच है कि विभिन्न मानवीय गतिविधियों और मानवीय लापरवाही के कारण पृथ्वी पर मौजूद पानी प्रदूषित हो रहा है। ताज़ा पानी ख़त्म हो रहा है क्योंकि औद्योगिक और घरेलू कचरे के कारण जल निकाय प्रदूषित हो रहे हैं।

अब समय आ गया है कि हम अपने जीवन में पानी के महत्व और इसे बचाने की आवश्यकता को समझें। ऐसे कई सरल तरीके हैं जिनसे हम पानी की बर्बादी से बच सकते हैं जैसे कम पानी से नहाना, आरओ के अपशिष्ट जल से पौधों को पानी देना, कार को पाइप के बजाय गीले कपड़े से साफ करना आदि। हमें वर्षा जल की विधि का भी उपयोग करना चाहिए वर्षा जल एकत्र करने के लिए संचयन। इस तरह हम पानी बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं।

जल के महत्व पर निबंध 250 शब्द (Short Essay on Importance of Water 250 Words in Hindi)

जल के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। हालाँकि पृथ्वी ग्रह पर पानी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन इस पानी का केवल एक छोटा सा प्रतिशत ही वास्तव में उपयोगी है। वास्तव में, इसके अधिकांश भाग तक पहुँचा ही नहीं जा सकता। इस धरती पर पानी से ज्यादा कीमती कुछ भी नहीं है। हमारे दैनिक जीवन में पानी सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है।

हम इससे कई तरह से लाभ उठा सकते हैं। ब्रश करने से लेकर नहाने तक सभी गतिविधियों में पानी का उपयोग शामिल होता है। बहुत सारी बीमारियाँ गंदे और अपर्याप्त पानी के सेवन के कारण होती हैं, उदाहरण के लिए, गुर्दे की पथरी, मूत्र पथ में संक्रमण और भी बहुत कुछ। अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य और फिटनेस को बनाए रखने के लिए हमें सही मात्रा और अच्छी गुणवत्ता वाले पानी का सेवन करना चाहिए। जल पृथ्वी पर मौजूद सभी प्राणियों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है। हालाँकि, कई जलीय जानवर पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं क्योंकि पानी ही उनका घर है।

इसका प्रयोग मानव द्वारा इस प्रकार किया गया है कि यह हमें निःशुल्क प्रतीत होता है। यह मुफ़्त है क्योंकि इसका वास्तविक मूल्य किसी भी मुद्रा का उपयोग करके निर्धारित नहीं किया जा सकता है। जल संरक्षण को गंभीरता से लेना सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है जिसे हमें करने की आवश्यकता है। अब समय आ गया है कि हम पानी का बुद्धिमानी से उपयोग करना शुरू करें और इसे प्रदूषित करने वाली गतिविधियों को सीमित करें ताकि यह लंबे समय तक बना रहे।

जल के महत्व पर निबंध 300 शब्द (Short Essay on Importance of Water 300 Words in Hindi)

पृथ्वी पर जल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। यह उन मुख्य कारणों में से एक है जो हमारे ग्रह पर जीवन को संभव बनाते हैं। विभिन्न स्रोतों से उपलब्ध जल सभी जीवित प्राणियों के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। इसका उपयोग मनुष्य द्वारा विभिन्न प्रयोजनों के लिए किया जाता है। यहां पानी के कुछ महत्वपूर्ण उपयोग दिए गए हैं।

जल के विभिन्न उपयोग

पीना : जीवित प्राणियों के अस्तित्व के लिए पानी पीना महत्वपूर्ण है। तो, पानी का एक मुख्य उपयोग पीना है।

खाना पकाना : पानी का उपयोग खाना पकाने के लिए भी किया जाता है। कई व्यंजनों जैसे दाल, चावल, सूप आदि में पानी की आवश्यकता होती है। इसके अलावा, यहां तक ​​कि जिन सब्जियों और फलों को तैयार करने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं होती है, उन्हें खाने/खाना पकाने से पहले अच्छी तरह से धोया जाना चाहिए।

सफाई : चाहे घर, ऑफिस, कार, मशीनरी या किसी भी चीज की सफाई हो, पानी का उपयोग किए बिना यह संभव नहीं है। सभी सफाई कार्यों में पानी की आवश्यकता होती है।

धुलाई : कपड़े, बर्तन और कई अन्य चीजें धोने के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है।

स्वच्छता : स्वच्छता के लिए भी पानी की आवश्यकता होती है। यह साफ-सफाई और स्वच्छता बनाए रखने में मदद करता है।

कृषि : पृथ्वी पर पानी का एक बड़ा हिस्सा कृषि के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग मुख्य रूप से भूमि को उपजाऊ बनाए रखने और फसलों को पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खेतों की सिंचाई के लिए किया जाता है। इसका उपयोग पशुओं को पालने के लिए भी किया जाता था।

उद्योग : उद्योग विभिन्न प्रयोजनों के लिए पानी का उपयोग करते हैं। कई उत्पादों के निर्माण में पानी की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग विभिन्न उत्पादों के परिवहन, निर्माण और प्रसंस्करण में किया जाता है। कुछ उद्योग जिन्हें अच्छी मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है उनमें लुगदी और कागज और इंजीनियरिंग उद्योग शामिल हैं।

घरों और कार्यालयों में विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाने वाला पानी। यह अन्य प्राणियों के लिए भी उतना ही आवश्यक है जितना कि मनुष्यों के लिए। इसलिए यह हमारे जीवित रहने का एक मुख्य कारण है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है।

जल के महत्व पर निबंध 500 शब्द (Short Essay on Importance of Water 500 Words in Hindi)

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवन रूपों के कामकाज के लिए पानी मूलभूत आवश्यकता है। यह कहना सुरक्षित है कि पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करने वाला एकमात्र ग्रह होने का कारण पानी ही है। यह सार्वभौमिक विलायक इस ग्रह पर हमारे पास मौजूद प्रमुख संसाधनों में से एक है। जल के बिना जीवन का संचालन असंभव है। आख़िरकार, यह पृथ्वी का लगभग 70% भाग बनाता है।

हालाँकि, इसकी विशाल प्रचुरता के बावजूद, पानी बहुत सीमित है। यह एक अनवीकरणीय संसाधन है। इसके अलावा, हमें इस तथ्य को समझने की आवश्यकता है कि यद्यपि पानी प्रचुर मात्रा में है, लेकिन इसका पूरा उपभोग करना सुरक्षित नहीं है। हम दैनिक आधार पर जल से कुछ अत्यंत आवश्यक उपयोग प्राप्त करते हैं।

जल का महत्व

अगर हम अपने निजी जीवन की बात करें तो पानी हमारे अस्तित्व का आधार है। मानव शरीर को दिन-प्रतिदिन जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हम बिना भोजन के पूरे एक सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना हम 3 दिन भी जीवित नहीं रह पाएंगे। इसके अलावा, हमारे शरीर में 70% पानी ही होता है। यह, बदले में, हमारे शरीर को सामान्य रूप से कार्य करने में मदद करता है।

इस प्रकार, पर्याप्त पानी की कमी या दूषित पानी का सेवन मनुष्यों के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए, हम जो पानी पीते हैं उसकी मात्रा और गुणवत्ता हमारे शारीरिक स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए आवश्यक है।

इसके अलावा, हमारी दैनिक गतिविधियाँ पानी के बिना अधूरी हैं। चाहे हम सुबह उठकर ब्रश करने की बात करें या खाना पकाने की, यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पानी का यह घरेलू उपयोग हमें इस पारदर्शी रसायन पर बहुत अधिक निर्भर बना देता है।

इसके अलावा बड़े पैमाने पर उद्योग बहुत अधिक पानी की खपत करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया के लगभग हर चरण के लिए पानी की आवश्यकता होती है। यह उन वस्तुओं के उत्पादन के लिए आवश्यक है जिनका हम प्रतिदिन उपयोग करते हैं।

यदि हम मानव उपयोग से परे देखें, तो हमें एहसास होगा कि पानी हर जीवित प्राणी के जीवन में एक प्रमुख भूमिका कैसे निभाता है। यह जलीय जंतुओं का घर है। एक छोटे कीड़े से लेकर व्हेल तक, हर जीव को जीवित रहने के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

इसलिए, हम देखते हैं कि कैसे न केवल मनुष्यों को बल्कि पौधों और जानवरों को भी पानी की आवश्यकता होती है। पृथ्वी कार्य करने के लिए जल पर निर्भर है। हम स्वार्थी नहीं हो सकते हैं और पर्यावरण की परवाह किए बिना इसे अपने उपयोग के लिए इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।

पानी के बिना एक दुनिया

पानी न केवल हमारे अस्तित्व के लिए बल्कि स्वस्थ और खुशहाल जीवन के लिए भी आवश्यक है। अफ़्रीका जैसे जल-वंचित देशों का परिदृश्य तो सभी ने देखा है, जहाँ नागरिक दयनीय जीवन जी रहे हैं। अब सभी के लिए जागने और जल संरक्षण की आवश्यकता को समझने का समय आ गया है।

दूसरे शब्दों में, पानी के बिना दुनिया में मानव जाति का अस्तित्व असंभव हो जाएगा। यही बात सभी जानवरों और पौधों के बारे में भी कही जा सकती है। वस्तुतः जल के बिना सारी पृथ्वी कष्ट भोगेगी।

सबसे पहले, हरियाली जल्द ही कम हो जाएगी। जब धरती को पानी नहीं मिलेगा तो सारी वनस्पति नष्ट होकर बंजर भूमि में तब्दील हो जायेगी। विभिन्न ऋतुओं का आना शीघ्र ही समाप्त हो जाएगा। पृथ्वी एक बड़ी अंतहीन गर्मी में फंस जाएगी।

इसके अलावा जलीय जंतुओं का घर भी उनसे छीन लिया जाएगा। इसका मतलब है कि हमारे देखने के लिए कोई मछलियाँ और व्हेल नहीं हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अगर हमने तुरंत पानी का संरक्षण नहीं किया तो सभी प्रकार के जीवित जीव विलुप्त हो जाएंगे।

निष्कर्षतः, पानी का अनावश्यक उपयोग तुरंत रोका जाना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को जल संरक्षण और संतुलन बहाल करने के लिए काम करना चाहिए। यदि नहीं, तो हम सभी जानते हैं कि इसके परिणाम क्या होंगे।

जल के महत्व पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है.

उत्तर. 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Q.2 किन देशों में पानी की कमी का ख़तरा है?

उत्तर. कतर, लीबिया, इरिट्रिया, इथियोपिया आदि में पानी की कमी का खतरा है।

Q.3 पृथ्वी का अधिकांश जल कहाँ है?

उत्तर. पृथ्वी का अधिकांश जल (लगभग 96.5) महासागरों में है।

Q.4 जल के प्रमुख स्रोत कौन से हैं?

उत्तर. जल के कुछ स्रोत जलाशय, नदियाँ, झीलें, भूजल आदि हैं।

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

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Save Water Essay in Hindi – जल संरक्षण पर निबंध

Save Water Essay

Essay on Save Water in Hindi ( 200 words )

जल भगवान का दिया हुआ अमूल्य उपहार है और यह हमारी मूलभूत आवश्यकता है। इसकी जरूरत हमें विभिन्न क्रियकलापों के लिए होती है लेकिन मनुष्य इसे अंधाधुंध प्रयोग कर रहा है जिससे जल निरंतर कम होता जा रहा है। जल का सही तरीके से प्रयोग करना ही जल सरंक्षण है। वैसे तो हमारी पृथ्वी का दो तिहाई हिस्सा पानी है लेकिन सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही स्वच्छ जल उपलब्ध है और यदि हम इसी तरह से जल को बर्बाद करके रहेंगे तो आने वाले समय में पानी नहीं मिलेगा जिसके अभाव में धरती पर जीवन खत्म हो जाऐगा।

जल सरंक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत बन चुका है जिसे हम सबको समधना चाहिए और हमें जल का प्रयोग सुनियोजित तरीके से करना चाहिए। हम वर्षा के जल को भी सरंक्षित कर सकते हैं और उसका प्रयोग कपड़े आदि धोने में कर सकते हैं। हमें नलों को खुला नहीं छोड़ना चाहिए। जल को दुषित होने से भी रोकना होगा। कारखानों को नदियों से दुर लगाना चाहिए। हम सबको मिलकर जल सरंक्षण को अपनाना होगा ताकि आने वाले समय में भी हमें पानी मिल सके और पृथ्वी पर वनस्पति और सभी जीव अच्छे से जीवन यापन कर सकें।

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Save water Essay in Hindi 300 words

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता । जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इस की एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत जरूरी है । धरती पर वैसे तो जल का 70% प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सके उतना 1% प्रतिशत जल है । अत: में हमें जल को सोच समझ कर उपयोग करना चाहिए ।

हमें जल क्यों बचाना चाहिए

आपने यह स्लोगन तो सुना ही होगा कि “जल है तो कल है” यदि जल ही खत्म हो गया तो हमारा कल भी खत्म हो जाएगा। धरती पर अगर इंसानों को जिंदा रहना है, तो जल अवश्य बचाना होगा । पानी के लिए हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत सारे ग्रहों पर research किया, मगर सभी ग्रहों में से सिर्फ पृथ्वी में ही पानी है । भारत, अफ्रीका और एशिया के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वच्छ पानी के लिए लंबी दूरी (लगभग 4 किमी। से 5कि.मी.) तय करनी पड़ रही है। दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर पानी की कमी है, Example=दुबई । दुबई एक ऐसा देश है, जहां पर पानी प्रति लीटर 100 रुपए में बिकता है । ऐसी ही स्थिति आने वाले कुछ ही समय में भारत की भी हो सकती है ।

जल को कैसे बचाना है-

1. पानी का दुरुपयोग कम करना पड़ेगा, जितने पानी की जरूरत है, उतना ही पानी यूज करना है । बर्तन धोते समय या फिर ब्रश करते समय पानी का जितना हो सके उतना कम उपयोग करना है ।

2. गाड़ी, हौंडा या फिर कोई भी दूसरे साधन को पाइप लाइन के द्वारा धोते समय पानी का उपयोग कम करना है । इसके लिए पाइप की जगह बाल्टी का यूज कर सकते हैं ।

3. जहां पर भी आपको नल खुला हुआ दिखे, तुरंत ही उस समय नल को बंद कर दीजिए । या फिर आपको कोई भी व्यक्ति पानी का दुरुपयोग करता दिखे, तो उसे पानी का महत्व समझाइए‌‌।

4. वॉशिंग मशीन में रोज-रोज कपड़े धोने से अच्छा है, तीन-चार दिन के बाद कपड़े इकट्ठे होने पर वॉशिंग मशीन में साफ करें ।

5. नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें, क्योंकि इससे पानी की काफी बचत होगी ।

Jal Sanrakshan Par Nibandh ( 400 words )

जल प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया एक अनमोल तोफहा है, जिसका मूल्य लगाना बहुत कठिन है| जल के बिना जीवन का कोई महत्त्व नहीं, न ही कोई अस्तित्व है, फिर चाहे वो जीवन पशुओ का हो या मनुष्यों का । किन्तु आधुनिक युग में आदमी की लापरवाही ने धरती पर जल की कमी जैसी समस्या को उत्पन्न कर दिया है, जिसके भयंकर परिणामस्वरूप आज कई इलाके सूखाग्रस्त है एवं पीने योग्य पानी के लिए तरस रहे है ।

पृथ्वी के तीन चौथाई भाग पर पानी है, किन्तु पीने योग्य पानी की मात्र बहुत कम है । मनुष्य अपनी नियमित गतिविधियों के चलते नहाने, धोने, भोजन बनाने आदि में इतना जल बर्बाद करता है, जिसका कोई हिसाब नहीं है ।

जल सरंक्षण का अर्थ ( Meaning of Jal Sanrakshan ):

जल सरंक्षण का साधारण अर्थ है, किसी भी भांति जल को बचाना । आप खुद ही सोचे कि धरा पर केवल ३% जल पीने लायक है, इससे ज्यादा चिंताजनक बात और क्या हो सकती है । विशेषज्ञों के अनुसार यदि जल सरंक्षण के उपाय नहीं किये गए एवं इसी प्रकार जल की बर्बादी चलती रही तो अगला विश्व युद्ध जो होगा वो जल के ऊपर एकाधिकार करने के लिए होगा, जिसमे मनुष्य का विनाश निश्चित है ।

जल सरंक्षण के उपाय:

पानी को बचाने के लिए सर्वप्रथम तो सभी लोगो के भीतर जागरूकता एवं जल की बढती कमी के प्रति चिंता का उत्पन्न होता अति आवश्यक है । मनुष्य ने अपनी भूलो के कारण प्रकृति को काफी नुकसान पहुचाया है, इसलिए यदि वह आने वाली पीढियों के अस्तित्व को बचाना चाहता है, तो उसे निम्न उपाय करने चहिये:-

• रोजमर्रा के कार्य जैसे कपडे धोना, बर्तन धोंना, खाना बनाना आदि में कम से कम जल की खपत करे । • शौच के लिए बरसात के पानी या खारे पानी का इस्तेमाल भी किया जा सकता है । • पौधों को पानी देने के लिए पाइप के अलावा फुहारे वाली बाल्टी का इस्तेमाल करे । • पानी की रिसाव एवं टपकने की समस्या का भी शीघ्र समाधान हो एवं बरसात के पानी को इकठा करने के उपाय किये जाये ।

जल सरंक्षण हम सबका कर्तव्य है, ये केवल सरकार या एक संस्था का दायित्व नहीं । क्योकि:-

“ये जल है, अमृत है, ये जल ही जीवन है, इसकी बूंदों का मूल्य चुकाना कठिन है” ।

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Essay on Global Warming in Hindi

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जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Short Essay on Importance of water in Hindi

जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे Essay on Importance of water in Hindi

इस लेख में आप जल के महत्व पर निबंध हिन्दी मे (Short essay on importance of water in Hindi) पढ़ सकते हैं। पानी का महत्व हमारे जीवन मे कितना है इस लेख को पढ़ कर आप जान सकते हैं। यह निबंध 1000 शब्दों मे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है। छोटे बच्चे भी इससे एक लघु निबंध बना कर लिख सकते हैं। आई जानते हैं जल ही जीवन क्यों है ?

प्रस्तावना Introduction (जल के महत्व पर निबंध – 1000 Words)

मनुष्य जीवन में जल का बहुत बड़ा महत्व है। जल के बिना कुछ भी संभव नहीं है। जल के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। पृथ्वी पर जल पाया जाता है इसलिए इसे ब्रह्मांड का एक अनोखा ग्रह कहा जाता है। जल के कारण ही आज मनुष्य जाति पृथ्वी पर विकसित हो सकी है। मनुष्य, पशुओं, पेड़-पौधों सभी को जल की जरूरत है।

यदि पृथ्वी से जल समाप्त हो जाए तो कोई भी जीव जंतु जीवित नहीं रह पाएंगे क्योंकि सभी जीव जंतु जल का उपयोग करते हैं। यह चिंता का विषय है कि मनुष्य ने अपनी व्यवसायिक गतिविधियों के द्वारा पृथ्वी पर पाए जाने वाले जल को संकट में डाल दिया है।

पढ़ें: जल है तो कल है पर निबंध

मनुष्य जीवन मे जल का महत्व Importance of water in human life

मनुष्य के लिए जल बहुत महत्वपूर्ण है। बिना भोजन किए मनुष्य 7 दिनों तक जीवित रह सकता है पर बिना जल पिए वह 3 दिन में ही मर जाएगा। हम सभी लोगों को प्यास लगती हैं और प्यास बुझाने के लिए जल का प्रयोग करते हैं।

रासायनिक कचरे को नदियों झीलों तालाबों में बहाया जा रहा है जिससे जल दूषित हो रहा है। हमें इसे रोकने के लिए मजबूत कदम उठाने होंगे।

स्वस्थ रहने के लिए जल का महत्व Importance of water to stay healthy

मनुष्य के शरीर में 65 से 80% तक जल पाया जाता है। रक्त में 7% जल होता है। स्वस्थ रहने के लिए हमें साफ और शुद्ध जल का सेवन करना चाहिए। दूषित जल पीने से पीलिया, गैस, संक्रामक रोग, चेचक , पेचिश, दस्त जैसी बीमारियां हो जाती हैं। दस्त के रोग में शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए ओआरएस (ORS) का घोल रोगी को दिया जाता है।

पेड़-पौधों के लिए जल का महत्व Importance of water for plants

हम जितनी प्रकार की सब्जियां फल खाते हैं वह सभी पेड़ पौधों से प्राप्त होते हैं। मनुष्य के जीवित रहने के लिए पेड़ पौधों का जीवित रहना बहुत आवश्यक है। बिना पानी के सभी पेड़ पौधे सूख जाएंगे और कोई फसल नहीं होगी।

पशु पक्षी और अन्य जीवो के लिए जल का महत्व Importance of water for animals and birds

जल संरक्षण के उपाय how to conserve water.

जल एक कीमती संसाधन है। इसे व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। सभी टंकियों को ठीक कराना चाहिए जिनसे लगातार पानी गिरता रहता है। नहाते समय बहुत अधिक पानी नष्ट नहीं करना चाहिए। आवश्यकता के अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए।

वर्षा के पानी को हार्वेस्ट करना चाहिए और उसे किसी टैंक या तालाब में एकत्रित करना चाहिए। वाहनों गाड़ियों और घर की सफाई करते समय जल बहुत अधिक नष्ट नहीं करना चाहिए। दूषित पानी को नदियों तालाबों जिलों में नहीं छोड़ना चाहिए। इससे जल दूषित होता है और उसके अंदर के मछलियाँ और दूसरे जीव जंतु मर जाते हैं।

जल के महत्व पर 10 पंक्तियां 10 Lines on importance of water इन importance of water in Hindi

निष्कर्ष conclusion.

इस लेख के अंत मे हम यही कह सकते हैं की जल का हमारे जीवन मे बहुत बड़ा महत्व है। इसे जितना हो सके हमें बचाना होगा। जल संरक्षण के नए तकनीक निकालने होंगे जिससे मनुष्य भुजल को संरक्षित कर सकें। हमें स्वयं ही जल के महत्व को समझ कर अपने घर से इस मुहिम का शुरुआत करना होगा जिससे हम अपने अमोल पानी को बच सकें।

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Essay on importance of water in hindi जल की महत्ता पर निबंध.

Read an Essay on I mportance of water in Hindi language for students of class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12. Know more about the importance of water in Hindi. We should not waste water but still, we should know what happens when we ignore the importance of water in Hindi. जल की महत्ता पर निबंध (Pani Ka Mahatva Essay in Hindi).

hindiinhindi Importance of Water in Hindi

Essay on Importance of Water in Hindi 150 Words

पानी का महत्व पर निबंध

पानी पृथ्वी पर सबसे कीमती चीज है। पानी का दूसरा नाम जीवन है इसलिए सबको इसकी आवश्यकता है। पानी की जरूरत जब भी हम कपडे धोते है, पानी पीते है, भोजन पकाते है और स्नान करते है पर पढ़ती है। हमारे घरेलू जीवन में भी पानी की आवश्यकता होती है। हमें जीने के लिये पानी चाहिये। हमें पानी को बर्बाद नही करना चाहिये क्योंकि यह हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण चीज है। हमे पानी को बचाना चाहिये नही तो हमें भविष्य में पानी की बहुत बड़ी समस्या हो जायेगी।

भारत के कई क्षेत्रों में पानी के लिए लोगों को बहुत दूर जाना पड़ता है। कृषि के लिये पानी का बहुत महत्व है। बिजली को बनाने के लिये भी हमें पानी चाहिये। पानी ही वर्षा के लिए जिम्मेदार है। यदि पानी नहीं हुआ तो वर्षा भी नही होगी। इसलिए हमें अपने जीवन को चलाने के लिए पानी को बचाना होगा। कृपया पानी बचाओं।

Essay on Importance of Water in Hindi 1000 Words

क्षिति, जल, पावक गगन और समीर-ये पाँच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मौलिक कहे गए हैं तथा हमारी शरीर रचना में इनकी समान रूप से भूमिका होती है। इनमें वायु और जल-दो ऐसे तत्व हैं जिनके बगैर हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती। जीवों को जिस वस्तु की आवश्यकता जिस अनुपात में है, प्रकृति में वे तत्व उसी अनुपात में मौजूद हैं। परन्तु आज जल और वायु दोनों पर संकट के काले बादल छाए हुए हैं। इसका अर्थ यह है कि कहीं न कहीं हमने मूलभूत भूलें की हैं।

जल के तरल पदार्थ है जो अपने ठोस और गैस रूप में मौजूद है। अवस्था परिवर्तन करने का जल का यह स्वभाव उसके उपयोग के आयामों को विस्तृत कर देता है। जल यदि बर्फ बनकर न रह पाता तो गंगा जैसी सदानीरा नदियाँ न होती और जल यदि गैस बनकर वाष्पित न हो पाता तो धरती पर वर्षा होने की संभावना न बचती। ओस के कणों की तुलना कवि व शायर ना जाने किन-किन रूपों में करते हैं, उनके काव्य जगत् का यह हिस्सा अछूता ही रह जाता। लेकिन मानव का यह गुणधर्म है कि जिस वस्तु को वह व्यवहार में लाता है, उसे दूषित कर देता है। यही कारण है कि आज नदी जल, भूमिगत जल, कुएँ-बावड़ी का जल, समुद्र का जल और यहाँ तक कि वर्षा का जल भी कम या अधिक अनुपात में दूषित हो चुका है। जल प्रदूषण पर गोष्ठियाँ तथा सैमीनार हो रहे हैं परन्तु इस विश्वव्यापी समस्या का कोई ठोस हल अभी तक सामने नहीं आ पाया है।

हाल ही में यह प्रयास भी हो रहा है कि इस नैसर्गिक सम्पदा का पेटेंट करा लिया जाए। अर्थात् किसी खास नदी या बाँध के जल पर किसी खास बहुराष्ट्रीय कंपनी का अधिकार हो और वे इस जल को बोतलों में बंद कर बाजार में मिनरल वाटर के नाम से बेच सके। सुनने में आया है कि सरकार भी इस पर रजामन्द थी मगर पर्यावरणविदों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया तो उसने चुप्पी साध ली। परन्तु जिस तरह से प्रत्येक वस्तु पर बाजारवाद हावी हो रहा है उसे देखकर कहा नहीं जा सकता कि कब तक नदियाँ तथा अन्य जलाशय उक्त कंपनियों के चंगुल से बचे रह सकेंगे। सरकारें भी अपने बढ़ते खर्च की भरपाई के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं।

जल के अनेक उपयोगों में सबसे महत्वपूर्ण है पेयजल। घरेलू उपयोग का जल भी पेयजल जैसा शुद्ध होना आवश्यक माना गया है। मगर पेयजल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता हमारे देश में दिनोंदिन घटती जा रही है। जल के भूमिगत स्त्रोतों के स्तर में ट्यूबवेलों की बढ़ती संख्या तथा जल संग्रहण की ठीक प्रणाली न होने के कारण स्थाई गिरावट दर्ज की गई है।

पहले लोग नदियों का जल बेधड़क पी लिया करते थे परन्तु आज परिस्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं। शहर के निकट की नदी या झील में उस शहर का सारा गन्दा पानी बेझिझक उड़ेल दिया जाता है जिससे प्रदूषण के साथ-साथ झीलों और सरोवरों के छिछलेपन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। जल प्रदूषण के कारण जल के विभिन्न भंडारों के जलजीवों का जीवित रह पाना भी कठिन होता जा रहा है। गरीब और जनसंख्या बहुल देशों में तो जल की समस्या और भी जटिल रूप में है। ये देश जल का उपयोग तो बढ़ा रहे हैं लेकिन जल संचय और इसके रखरखाव में जो धन चाहिए, वह इनके पास नहीं है।

हमारे देश के जलसंकट को दूर करने के लिए दूरगामी समाधान के रूप में विभिन्न बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने की बातें कही गई हैं। इसका बहुत लाभ मिलेगा क्योंकि नदियों का जल जो बहकर सागर जल में विलीन हो जाता है, तब हम उसका भरपूर उपयोग कर सकते हैं। इस प्रणाली से निरन्तर जलसंकट झेल रहे क्षेत्रों के लोग पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त कर सकते हैं। जिस तरह इंदिरा गाँधी नहर बन जाने से राजस्थान की अतृप्त भूमि की प्यास बुझ सकी है, ऐसे ही अन्य प्रयासों से देश भर में खुशहाली और हरियाली लाई जा सकती है। अन्यथा कावेरी नदी के जल के बंटवारे को लेकर जिस प्रकार अंतहीन विवाद दक्षिण भारत के दो राज्यों के मध्य है, उसी तरह अन्य स्थानों पर भी जल को लेकर घमासान मच सकता है।

जलसंकट से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि जब पहाड़ों पर हरियाली घटती है तो वहां बर्फ के जमाव तथा वहां की नमी में कमी आ जाती है। इसी तरह मैदानों और पठारों पर जब वनस्पतियां घटने लगती हैं तो यहां औसत वर्षा की मात्रा में क्रमिक रूप से ह्रास होने लगता है। इसका सीधा असर भूमिगत जल के स्तर पर पड़ता है क्योंकि जहां वर्षा कम होगी वहां तालाबों, गड्ढों और झीलों में जल जमाव कम होगा, और भूमिगत जल का स्तर भी घटेगा। इस तरह देखें तो पर्यावरण का एक पहलू उसके दूसरे पहलू से जुड़ा हुआ है। ज्यों-ज्यों मानव पर्यावरण की उपेक्षा करेगा त्यों-त्यों उसे जलसंकट और वायुसंकट जैसे कई संकटों का सामना करना पड़ेगा।

यह सत्य है कि जल की एक-एक बूंद कीमती है। यदि ऐसा है तो इसकी रक्षा का प्रयत्न करना चाहिए। नलों को आधे-अधूरे तरीके से बंद करना, सार्वजनिक नलों को टूटी-फूटी दशा में छोड़ देना आदि कुछ ऐसे कार्य हैं जिनसे जल की खूब बरबादी होती है। कुएं, हैंडपंप आदि के चारों ओर के स्थानों को गन्दा रखने से भी जल प्रदूषित होता है। इस स्थिति में उपयोग में लाया गया गंदा जल इन भंडारों के स्वच्छ जल को भी गंदा कर देता है। चूंकि पेयजल की मात्रा धरती पर सीमित है। अत: इसका दुरुपयोग कुछ लोगों के लिए भले ही हितकर हो परन्तु आम लोगों को इसका भारी खामियाजा उठाना पड़ता है।

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जल और उस का उपयोग पर निबंध (Short Essay on Importance of Water In Hindi)

जल का महत्व एवं उपयोगिता | importance of water essay in hindi | find here very short & long essay on importance & use of water in hindi, अनुच्छेद for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12.

Importance & Use of Water In Hindi

जल का उपयोग : Use of Water in Hindi – Essay on Importance of Water in Hindi

Importance of Water in Hindi – इस धरती पर सबसे बहुमूल्य रत्न जल है जो प्रकृति के द्वारा मानवता के लिए अनमोल उपहार है, जल की वजह से ही इस धरती पर जीवन संभव है । जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है या यूं कहें कि यही पृथ्वी पर सम्पूर्ण जीव एवं वनस्पति जगत के जीवन का आधार है । इसलिए हम सभी को जल का महत्व या उपयोगिता को जानना और समझना चाहिए और उसके संरक्षण का प्रयास करना चाहिए।

तुलनात्मक रूप से हवा के बाद जल मानव जीवन के लिए दूसरा सबसे महत्वपूर्ण व उपयोगी पदार्थ है। जल के बिना धरती पर जीवन-यापन प्राणि मात्र के लिए असम्भव है। हवा तथा जल के बाद तीसरा अहम पदार्थ भोजन है। लेकिन भोजन के बिना मनुष्य एक महीने या कुछ और अधिक दिनों तक जीवित रह सकता है, परन्तु जल के बिना नहीं। अत: जल ही जीवन है। यह कहावत सत्य है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।  

पृथ्वी पर जल का अपार भंडार हैं। पृथ्वी का 2/3 भाग जल से घिरा है, जोकि मुख्यत: नदियों तथा समुन्दरों के रूप में है लेकिन अफसोसनाक बात यह कि समुद्र का पानी खारा या नमकीन होता है और खारा पानी शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा जो पेयजल उपलब्ध है उसे मानव जाति कभी जानबूझकर तो कभी अनजाने में अशुद्ध व जहरीला बना दे रहा है और जहरीला पानी प्यास तो बुझाता है लेकिन यह हमारे शरीर को कई रोग से ग्रस्त कर देता है। 

मानव शरीर में 3/4 भाग जल होता है। जरा सोचिए यदि हमारे शरीर में 3/4 भाग अशुद्ध अथवा जहरीला जल होगा तो स्वास्थ्य पर कितना बूरा प्रभाव पड़ेगा ही। हैजा, टायफाइड, पेचिश आदि रोग अशुद्ध जल के सेवन से ही होता है। जबकि ईश्वर ने हमें प्रकृति के रूप में इतनी उदारता दे रखी है कि वह जल के शुद्धिकरण में सहायता करती है व अपने स्वरुप से जल को शुद्ध करके हमें प्रदान करती है।

अत: दोस्तों ! प्रकृति की इस अनमोल संपदा को सहेजने की आवश्यकता है तभी हम वर्तमान जल संकट की समस्या से निजात पा सके। और हमारी भावी पीढ़ी भी जल संकट के लिए हमें नहीं कोसेगी। बीज हर्गिज बरगद का पेड़ नहीं होता, यद्यपि सम्भावी रूप से बीज में समाविष्ट होता है। इसी प्रकार आशा करती हूँ कि इस संक्षिप्त निबंध से जल के महत्व तथा उपयोगिता के बारें में बता संकू ताकि सभी लोग मिलकर जल के संरक्षण का प्रयास कर सके।

जल के महत्व पर 10 वाक्य (10 Lines on Importance of Water in Hindi)

जल का हमारे शरीर के लिए महत्व .

जल का हमारे शरीर के लिए निम्नलिखित महत्व है –

(1) जल हमारे शरीर के संचालन में योगदान देने वाली सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से एक है। पानी हमारे शरीर की मेटाबॉलिज्म क्रियायों में सहयोग करता है। यह हमारे शरीर से हानिकारक रसायनों को बाहर निकालता है।

(2) जल शरीर में चयापचय के बाद बने विकार को मूत्र या पसीना के माध्यम से बाहर निकालने में सहायता करता है। पसीने के द्वारा शरीर की गन्दगी तो निकलती ही है साथ ही शरीर का तापक्रम भी नियन्त्रित होता है।

(3) जल रक्त को तरल बनाता है तथा उसके परिवहन में सहायता करता है। तथा उसमें गति को नियन्त्रित करता है।

(4) जल अमाशय में भोजन के मिश्रण को घोल के रूप में बनाता है। आंतों में उसके सुपचित होने के पश्चात्, पाचन के बाद रसों को बनाने व तरल करने तथा आंतों में अवशोषण का काम करता है और अन्त में बड़ी आंत से मल को बाहर निकालने का महत्वपूर्ण कार्य भी करता है।

(5) त्वचा को कोमल व चिकना बनाता है।

(6) जल शरीर में उत्पन्न कई रासायनिक पदार्थों को घुलने में शरीर में उनकी समुचित प्रक्रिया में तथा उनके अवशेष निष्कृष्टों को शरीर से बाहर निकालने में सहायता करता है।

(7) यदि रक्त के अनुपातिक घनत्व, तरलता और गति में थोड़ा भी असन्तुलन हो जाए तो उसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। जब रक्त जल की कमी से गहरा हो जाता है तो वह पर्याप्त मात्रा में हृदय में नहीं पहुँचता जिससे मृत्यु हो जाता है।

(8) पीने के अतिरिक्त मनुष्य को प्रतिदिन अनेक दैनिक कामों में जल की आवश्यकता होती है। जैसे भोजन बनाने, बर्तन धोने व साफ करने के लिए, स्नान करने, कपड़े धोने, घर व शौचालय की सफाई हेतु,  घर में बागवानी में भी पानी की आवश्यकता होती है।

(9) गर्मी के दिनों में जल की अधिक आवश्यकता होती है, खेतीबाड़ी, बाग-बगीचे जल की सहायता से ही पनपते हैं।

(10) सार्वजनिक शौचालय तथा अन्य स्थानों की सफाई व स्वच्छता के लिए पानी की आवश्यकता होती है।

(11) विभिन्न उद्योगों में जल की आवश्यकता होती है।

(12) आज के युग में जल द्वारा बड़े स्तर पर विद्युत पैदा की जाती है। अत: विद्युत शक्ति व वाष्पशक्ति उत्पन्न करके कारखाने व रेलें चलाई जाती हैं। नदी, तालाब, कुँए, समुद्र आदि का महत्व जल के कारण ही है। परन्तु गर्मियों में पानी का संकट बहुत अधिक बढ़ जाता है। अत: आज से ही बूंद बूंद पानी बचाना सीखे।

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[ 850 शब्द ] Essay on Importance of water in Hindi - जल का महत्व पर निबंध - Jal ka mahatva par nibandh

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essay on importance of water in hindi

Essay on Importance of water in Hindi - Importance of water par nibandh Hindi mein

भूमिका:- जल जीवन है । इस बात को हम लोगों ने किताबों में पढ़ा है और यह बिल्कुल सत्य भी है । जल के बिना दुनिया का कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है । हमे अगर एक वक्त खाना ना मिले तो हम जीवित रह सकते हैं लेकिन अगर पानी ना मिले तो आप जीवित नहीं रह सकते हैं । इसलिए जल का हमारे जीवन में विशेष महत्व है । पृथ्वी पर 70% भूभाग पानी से भरा है। मानव शरीर का निर्माण जल के द्वारा ही हुआ है ।

अगर इस पृथ्वी पर जल पूरी तरह से समाप्त हो जाए तो पृथ्वी पर रहने वाले सभी प्राणी मर जाएंगे । जल का इस्तेमाल हम केवल पीने के लिए नहीं करते हैं बल्कि अनेकों प्रकार के अपने दैनिक जरूरत जैसे स्नान करना, खाना बनाना और भी ऐसे कई चींजें है जो जल के बिना आप नहीं कर सकते हैं । इसलिए हमें जल के महत्व को समझना होगा । कभी भी आप जल को अनावश्यक तरीके से बर्बाद ना करें । जल पृथ्वी का एक बहुमूल्य पदार्थ है, जिसकी कीमत सोने और हीरे से भी अधिक है ।

जल का उपयोग:- जल का उपयोग हम अनेकों प्रकार के चीजों को पूरा करने के लिए करते हैं, जैसे घर में खाना बनाना हो, नहाना हो इसके अलावा कपड़े की धुलाई करनी हो घर में अगर अधिक गंदगी जमा हो गई है तो उस गंदगी को साफ करने के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है । ग्रामीण क्षेत्रों में गाय और भैंसों को नहलाने के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है । भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां पर अधिकांश लोग कृषि के कार्य करते हैं ।

कृषि के कार्य के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है । इसके बिना कृषि का काम करना संभव नहीं है । दुनिया में जितने भी उद्योग, धंधे आज की तारीख में संचालित होते हैं, उनके लिए भी जल की आवश्यकता पड़ती है । जल के अभाव में कई ऐसे उद्योग हैं जिसे संचालित करना असंभव है । इसलिए जल का उपयोग भिन्न प्रकार के कामों को पूरा करने के लिए किया जाता है ।

जल का महत्व:- हमारा पूरा शरीर जल के द्वारा ही निर्मित है । ऐसे में कोई भी मानव जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है । एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 2 से 3 लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है । अगर किसी व्यक्ति को कई दिनों तक पानी ना मिले तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है । आप एक वक्त खाना ना खाए तो चल सकता है लेकिन आपको पानी पीना ही होगा तभी जाकर आप जीवित रह सकते हैं । इसलिए मानव के जीवन में जल का सबसे अधिक महत्व है । जल के बिना पृथ्वी पर मानव का अस्तित्व बच पाएगा यह काफी मुश्किल है ।

पृथ्वी पर जल का महत्व: पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक प्राणी को जल की जरूरत है । इसके बिना पृथ्वी पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं जा सकता है । पृथ्वी के अधिकांश भूभाग पर जल व्याप्त है । जल के अभाव में आपको अनेकों प्रकार के गंभीर बीमारी भी हो सकती है । इसका सबसे प्रमुख कारण है कि हमारे शरीर का संरचना पानी के द्वारा ही हुआ है। एक स्वास्थ्य व्यक्ति बिना पानी के 3 दिन तक जीवित रह सकता है उसके बाद उसकी मृत्यु निश्चित है।

जल के द्वारा ही पेड़-पौधे तेजी के साथ विकसित होते हैं । अगर पेड़ पौधों को जल ना मिले तो वह सूख जाते हैं । इसलिए मानव को जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए । हम सबको जल का संरक्षण करना चाहिए । भारत में कई ऐसे जगह है जहां पर जल का अभाव है । इसलिए सरकार वहां पर जल की समस्या को दूर करने के लिए जल संरक्षण जैसे योजना संचालित करती है । ताकि लोगों को जल के महत्व को बताया जा सके और बरसात के पानी को संरक्षण कर कृषि के कामों में इसका इस्तेमाल हो सके ।

जल के अभाव में क्या होगा? जल अगर इस पृथ्वी पर ना रहा है तो सभी प्राणी की मृत्यु हो जाएगी । इसके अलावा जितने भी जंगल है वह बिल्कुल ही विरान बंजर हो जाएंगे । इसके अलावा जितने भी मौसम पृथ्वी पर आते हैं उनकी गति भी रुक जाएगी एक प्रकार से कहे तो पूरे पृथ्वी का समुचित विनाश हो जाएगा । इसलिए हमें जल की बर्बादी नहीं करनी चाहिए । ताकि आने वाले पीढ़ी को जल प्राप्त हो सके क्योंकि अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो पृथ्वी पर मानव का नामोनिशान समाप्त हो जाएगा । इसलिए हमें हमेशा जल का उपयोग आवश्यक चीजों के लिए करना चाहिए।

उपसंहार:- हम सभी लोग जानते हैं कि पृथ्वी के अधिकांश भाग पर जल व्याप्त है । इसलिए कई लोग इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि अगर आप जल का इसी प्रकार अनावश्यक दुरुपयोग करेंगे तो 1 दिन ऐसा आएगा कि पृथ्वी पर जल ही नहीं बचेगा। तब उस समय पृथ्वी पर किसी भी जीव को पानी मिलना संभव नहीं होगा । इसलिए हम सब को जल के महत्व को समझना होगा और इसका इस्तेमाल केवल जरुरत पड़ने पर ही करना चाहिए ।

और इसके संरक्षण के लिए हमें देश और दुनिया में जल बचाओ अभियान की शुरुआत करनी होगी ताकि लोगों को जल के महत्व के बारे में जानकारी मिल सके और जल का सही उपयोग पर जोर दिया जा सके।

water essay in hindi for class 7

F.A.Q ( अधिकतर पूछे जाने वाले सवाल )

पानी का पर्यायवाची शब्द , पानी क्या होता है , पानी को अंग्रेजी में क्या कहते है , पानी का वैज्ञानिक नाम क्या है , पानी का रासायनिक सूत्र क्या होता है, पानी कितना डिग्री में उबलता है ( पानी का क्वथनांक ) , पानी कितना डिग्री पर जमता है .

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The article is about Long essay on Importance of water in Hindi. The level of this essay on Importance of water is medium so any student can write on this topic. This short essay on Importance of water is generally useful for class 5, class 6, and class 7, 8, 9, 10.

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जल ही जीवन है पर निबंध Essay On Water In Hindi

जल पर निबंध essay on water in hindi –.

इस पोस्ट में जल ही जीवन है पर निबंध Essay On Water In Hindi  पर चर्चा करेंगे। धरती पर मौजूद सभी प्राणियों के लिए जल ही जीवन है। जल Water प्रकृति का अनमोल उपहार है जिसका मोल चुका पाना सम्भव नही है। पानी के बिना कोई प्राणी जीवित नही रह पाता है। पूरे ब्रह्माण्ड में अब तक खोजे गए ग्रहों में अपनी धरती ही एकमात्र ग्रह है जिस पर पानी की मौजूदगी है इसलिये धरती पर जीवन सम्भव हो पाया है।

जल का महत्व पर निबंध Information About Water In Hindi –

How Water Come To Earth In Hindi –  एक थ्योरी यह भी कहती है कि धरती पर जल धरती की शुरुआत से ही है। 4.56 अरब सालो पहले धरती पर पानी आया था। जब पृथ्वी का जन्म हुआ था तब पृथ्वी बहुत गर्म थी लेकिन कालांतर में यह ठंडी हुई और इस पर पानी ठहरा।

दूसरी थ्योरी के अनुसार खगोल विज्ञानी रोबेर्तो हार्डी के अनुसार धरती पर पानी क्षुद्र ग्रहों से आया है। क्षुद्र ग्रह वेसे तो ठोस होते है लेकिन इन पर पानी मौजूद होता है। हमारी आकाशगंगा में कई क्षुद्र ग्रह है जिनमे पानी मौजूद है। हमारे सौरमंडल में भी कई क्षुद्र ग्रह है जिन पर पानी की मौजूदगी है। किसी क्षुद्र ग्रह की टक्कर धरती से हुई होगी जिससे पानी धरती पर आया होगा।  Essay On Water In Hindi

सौरमंडल गैसीय फॉर्म में रहा होगा जब ऑक्सिजन के परमाणु हाइड्रोजन से टकराये तब पानी का निर्माण हुआ लेकिन धरती की सतह बहुत गर्म थी और पृथ्वी पर वायुमंडल भी नही था। इसलिये पानी वाष्प के रूप में अंतरिक्ष मे उड़ गया। सूर्य से दूर के क्षुद्र ग्रहों पर पानी बचा रह गया क्योंकि क्षुद्र ग्रह ठंडे थे।

Jal Hi Jeevan Hai Essay In Hindi जल पर निबंध –

1. पेड़ और पौधो की उत्पत्ति के लिए जल ही जिम्मेदार होता है।

2. धरती पर पानी Water तीन रूपो में विद्यमान है – ठोस, तरल और गैस। पानी की तरल अवस्था को जल, ठोस अवस्था को बर्फ और गैस अवस्था को वाष्प कहते है।

3. पानी का अणु सूत्र H2O है जिसमे H हाइड्रोजन के 2 परमाणु है और O ऑक्सीजन का 1 परमाणु है। हाइड्रोजन बन्ध के कारण जल के अणु आपस में मिलते है।

4. जल एक सावत्रिक विलायक है। जल पारदर्शी होता है जिससे जलीय पौधे इसमे आसानी से पल पाते है। 5. पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। पानी से ही जीवन की शुरुआत मानी जाती है।

6. हमारी धरती पर 71 फीसदी भूभाग में पानी है। धरती का ज्यादातर जल महासागरों और नदियों में मौजूद है लेकिन यह पानी पीने लायक नही है। यह पानी खारा है और पीने योग्य बिल्कुल भी नही है। धरती पर मीठा जल  बहुत कम है और हमे इसका जरूरत के अनुसार उपयोग करना चाहिए।

7. पानी एक चक्र cycle की तहत हम तक पहुचता है। पानी समुद्र से आता है वापस नदियों की सहायता से समुद्र में चला जाता है।

जल ही जीवन है पर निबंध Pani Ka Mahatva Essay In Hindi –

8. समुद्र से पानी वाष्प बनकर (वाष्पीकरण) बादलो के रूप में धरती के भू भाग पर बारिश के रूप में बरसता है। 9. अत्यधिक बारिश से बाढ़ का खतरा रहता है और कम बारिश से अकाल का खतरा रहता है।

10.  मनुष्य के शारीरिक पाचन तंत्र के लिए पानी आवश्यक है और शरीर का तापमान नियंत्रण भी पानी की वजह से होता है।

12.     पीने का पानी शुद्ध होना चाहिए क्योंकि अशुद्ध पानी सेहत के लिए ठीक नही होता है। इसलिये दोस्तो पानी को दूषित नही करना चाहिये क्योंकि पीने लायक पानी सीमित है और धरती के नीचे का पानी भी कम हो रहा है। धरती का जलस्तर कम हो रहा है। जल प्रदूषण आज के युग की व्यापक समस्या है। इसके प्रति हमे जागरूक होना होगा।

13. दुनिया के कई देश जलसंकट से गुजर रहे है। पानी का इस्तेमाल उतना ही करना चाहिए जितना आवश्यक है। आवश्यकता से अधिक पानी बर्बाद करना गलत है।

14. और मेरे प्यारे दोस्तों दुनिया का केवल 1 फीसदी पानी ही पीने योग्य है।

जल ही जीवन है पर निबंध Essay On Water In Hindi पर जानकारी कैसी लगी और अच्छी लगी हो तो शेयर जरूर करे। जल पर निबंध  Information About Water In Hindi और “Jal Hi Jeevan Hai Essay In Hindi” पर आपके विचार कमेंट बॉक्स में बताये।

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जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi

by Editor January 19, 2019, 2:56 PM 26 Comments

जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है। धरती पर सीमित जल-भंडार को बचाने के लिए आज सभी को जल संरक्षण की ओर अपना ध्यान आकृष्ट करने की जरूरत है। 

जल संरक्षण पर निबंध ( 200 शब्द) 

एक तरफ धरती पर साफ पीने लायक पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है तो वहीं दूसरी तरफ हम किसी ना किसी कारणवश धरती के अमूल्य जल को बर्बाद कर रहे हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब धरती पर पीने लायक पानी बचेगा ही नहीं। हमारी धरती पर 70% भूभाग जल का है लेकिन मात्र 1 प्रतिशत जल ही ऐसा है जो मानव अपने उपयोग में ले सकता है, बाकी का अधिकांश जल समुद्र का खारा पानी है और बर्फ़ीला है।

जल संरक्षण आज बहुत जरूरी हो गया है। अपने रोजिंदा जीवन में जिस प्रकार हम जल का दुरुपयोग करते हैं उस पर रोक लगाने की जरूरत है। दुनिया के कई देश जल की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। भारत के कई राज्यों में लोगों को पानी के लिए दूर–दूर तक जाना पड़ता है।

जल का हम सही उपयोग करें और जल के स्त्रोतों को बढ़ाएं तो पानी की समस्या से हम निजात पा सकते हैं। जल का संरक्षण करने के लिए हमें बरसात के पानी का संग्रह करना चाहिए, नदियों और अन्य पानी के स्त्रोत को प्रदूषित नहीं करना चाहिए और साथ ही साथ अपने रोजिंदा जीवन में जल का सदुपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण पर निबंध (3 00 शब्द) 

जल को जीवन कहा जाता है अतः इसके मूल्य को समझकर हमें जल संरक्षण पर अधिक ज़ोर देने की आवश्यकता है। धरती पर मनुष्य के उपयोग के लायक मात्र 1 प्रतिशत जल बचा है, यदि हमने सजग होकर पानी को बचाने के लिए उचित कदम नहीं उठाए तो हमारी आने वाली पीढ़ी को भारी जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

जल संरक्षण के लिए हमें सबसे पहले अपने रोजिंदा जीवन में पानी की बचत करनी चाहिए। अपने रोजिंदा कार्यों को करने के लिए हम जरूरत से ज्यादा पानी इस्तेमाल करते हैं, यह एक तरह से पानी की बरबादी है अतः यह आदत हमें बदलनी चाहिए। जितने पानी की आवश्यकता हो हमें उतना ही पानी उपयोग में लेना चाहिए।

दूसरा कदम जल संरक्षण के लिए हम यह उठा सकते हैं की बरसात के जल का अधिक से अधिक संग्रह करना। बरसात के मौसम मे वर्षा का साफ जल यूं ही बर्बाद हो जाता है अतः इस जल का हमें संग्रह करना होगा। वर्षा के जल का संग्रह करने के लिए जगह-जगह छोटे-छोटे तालाब और जलाशय हम बना सकते हैं।

तीसरा काम हम ये कर सकते हैं वो यह की अपने नदी, तालाब, जलाशय को साफ रखना। जी हाँ, यदि हम नदी, तालाब आदि में प्रदूषण न करें और उन्हें शुद्ध रखें तो उनका आस्तित्व बना रहेगा। नदियों का जल हमारे लिए पानी का सबसे बड़ा स्त्रोत है अतः उनका संरक्षण हमें जरूर करना चाहिए।

इसके उपरांत वनों को कटाई पर भी रोक लगनी चाहिए क्यूंकी बरसात को लाने के पीछे वृक्षों का योगदान महत्वपूर्ण होता है अतः अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर जंगलों को बढ़ाना चाहिए।

धरती पर जल संरक्षण के लिए सभी लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्यूंकी सबसे अधिक पानी की बरबादी हम अपने घरों में अलग-अलग कार्यों को करने में करते हैं। जल अब सीमित मात्रा में ही बचा है अतः जितनी जल्दी हम जल संरक्षण की आदत को अपनाएं उतना हमारे लिए अच्छा है।

जल संरक्षण पर निबंध (5 00 शब्द) 

जल इस धरती की सबसे अमूल्य वस्तु है। जिस प्रकार हम हवा और भोजन के बिना जीवित नहीं रह सकते उसी प्रकार हम जल के बिना भी जीवित नहीं रह सकते। धरती पर समस्त जीवसृष्टि के लिए जल सबसे महत्वपूर्ण है। धरती पर जल का विशाल भंडार होने के बाद भी मात्र 1 प्रतिशत पानी ही हमारे उपयोग के लिए बचा है, क्यूंकी बाकी का पानी या तो खारा है या बर्फ के पहाड़ों के रूप में है।

आज सबसे अधिक आवश्यकता जल को बचाने की है क्यूंकी आने वाले समय में हमें भीषण जल संकट का सामना करना पड़ सकता है। जिस प्रकार से हम अनमोल जल को बरबाद कर रहे हैं उसे देखकर तो ऐसा ही लगता है की आने वाली पीढ़ी के लिए जल बचेगा ही नहीं।

आज सबसे ज्यादा ज़ोर जल संरक्षण पर देने की आवश्यकता है।

क्या है जल संरक्षण

जल संरक्षण में पीने लायक ताजे पानी के संसाधन का रक्षण करना और वर्तमान और भविष्य में जल की मांग को पूरा करने के लिए सभी नीतियों और गतिविधियों को शामिल किया गया है। जन संख्या वृद्धि, घरेलू उपयोग और अंधा धुंध विकास के कारण पानी का उपयोग जरूरत से ज्यादा बढ़ा है। जलवायु परिवर्तन के कारण भी जल की कमी की समस्या को बढ़ा दिया है।

आज ऐसी पहल की आवश्यकता है जो धरती पर जल को बचा सके और उसका भविष्य के लिए संरक्षण कर सके। विश्व के सभी देशों ने जल संरक्षण के लिए कदम उठाए हैं। भारत में भी जल के संसाधनों जैसे की नदियों, तालाबों, जलाशयों आदि को बचाया जा रहा है, उन्हें साफ किया जा रहा है। पानी का संग्रह किया जा रहा है ताकि आपने वाली पीढ़ी को हम जल संकट से बचा सकें।

जल संरक्षण के उपाय

जल संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने की जरूरत है क्यूंकी किसी ना किसी रूप में हम पानी का दुरुपयोग कर रहे हैं और उसे बचाने और संग्रहीत करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहे हैं, जल संरक्षण के लिए हम निम्न कदम उठा सकते हैं:

  • जल संरक्षण में एक रणनीति वर्षा जल संचयन है। तालाबों, झीलों, नहरों का निर्माण करना, पानी के जलाशय का विस्तार करना वर्षा जल संचयन के विभिन्न तरीके हैं। इससे भूगर्भ जल भी बढ़ेगा और जल संचय भो होगा।
  • भूगर्भ जल के संरक्षण पर उचित कदम उठाने की जरूरत है।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने की जरूरत है जिससे लोगों को पानी का महत्व समझ में आएगा और पानी का दुरुपयोग बंद होगा।
  • खेतों में सिंचाई के लिए टपक पद्धति और फुवारे का उपयोग करने से पानी को बचा सकते हैं।
  • घर में नहाने, बर्तन धोने, शौचालय आदि में ढेर सारा पानी इस्तेमाल किया जाता है अतः वहाँ हमें समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए
  • वनों की कटाई के कारण वर्षा पर भी प्रभाव पड़ता है अतः वनों की कतयो रोककर उनका विस्तार बढ़ाना चाहिए

इस प्रकार के कई कदम हैं जो हम जल संरक्षण के लिए उठा सकते हैं। सबसे जरूरी है जागरूकता जिसका अभाव लोगों को जल का महत्व नहीं समझा पाता। अतः एक सामजिक जागरूकता भी जरूरी है।

जल संरक्षण पर विस्तृत निबंध (10 00 शब्द) 

धरती पर समस्त जीवन चक्र को बनाए रखने के लिए हवा, पानी और भोजन जरूरी है, किसी एक की कमी के बिना कोई भी जीवित नहीं रह सकता। जल को अमूल्य संपत्ति कहा जाता है और इसकी एक-एक बूंद हमारे लिए बहुत कीमती है। धरती पर वैसे तो जल का 70 प्रतिशत भाग है लेकिन हम उपयोग कर सकें उतना मात्र 1 प्रतिशत जल है। अतः हमें बड़ी सोच-समझ के साथ सीमित जल का उपयोग करना चाहिए।

जल संरक्षण क्या है?

जल संरक्षण, अनावश्यक रूप से पानी के उपयोग को कम करने के लिए कुशलतापूर्वक पानी का उपयोग करने का एक अभ्यास है। आज हमारे लिए जल संरक्षण महत्वपूर्ण है क्योंकि ताजा स्वच्छ जल एक सीमित संसाधन है, साथ ही बहुमूल्य भी है। जल सभी के जीवन के पोषण के लिए एक आवश्यक संपत्ति है और स्थानीय उपयोग से लेकर कृषि और उद्योग के लिए उपयुक्त सभी गतिविधियों की मूलभूत मांग है। अतः इस प्राकृतिक संसाधन का संरक्षण पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण है।

मानव आबादी के नियमित रूप से बढ्ने से जल संसाधनों पर गंभीर दवाब पैदा हो गया है। नदी, तालाब, झील, जलाशय और भूजल के दुरुपयोग से जल की भीषण कमी का सामना आज हमें करना पड़ रहा है और शायद आने वाले वर्षों में यह संकट और अधिक बढ़ने वाला है।

आज हमें पानी को बचाने की कोशिशों में तेजी लाने की आवश्यकता है और जल संरक्षण पर गंभीर विचार करने की जरूरत है।

क्यूँ जरूरी है जल संरक्षण

आबादी और उद्योग की वृद्धि के कारण ताजे जल स्रोतों की हमारी जरूरत बढ़ रही है, लेकिन हमारे पास जल का सीमित संग्रह बचा है। ऐसी हालत में जल संरक्षण ही एक मात्र उपाय है जो हमें और आने वाली पीढ़ी को जल के संकट से बचा सकता है।

पानी के संरक्षण में असफल होने से पानी की पर्याप्त आपूर्ति की कमी हो सकती है, जिसके कठोर परिणाम हो सकते हैं। इनमें पानी की लागत बढ़ना, कम खाद्य आपूर्ति, स्वास्थ्य संबंधी खतरे और राजनीतिक संघर्ष शामिल हैं।

जल की कमी के कारण पर्यावरण का संतुलन भी बिगड़ेगा और वन, उपवन, वन्य जीव आदि पर संकट आ सकता है, अतः जल संरक्षण जरूरी है।

जल पूरी जीवसृष्टि के लिए महत्वपूर्ण है और धरती पर इसका सीमित स्त्रोत हमें इस बात की ओर प्रेरित करता है की हम जल संरक्षण की ओर ध्यान दें, अन्यथा हमारी आने वाली पीढ़ी को पीने के लिए एक बूंद जल के लिए भी संघर्ष करना पड़ेगा।

जल संरक्षण कैसे करे?

ऐसे बहुत से तरीके हैं जिनको अपनाकर हम जल का संरक्षण कर सकते हैं। यदि हम जल का सीमित उपयोग करें और उसे बचाने के लिए उचित कदम उठाएँ तो जल का सीमित भंडार लंबे समय तक बना रह सकता है।

वर्षा के पानी का संग्रह करना –  वर्षा के जल का संग्रह ना करना हमारी सबसे बड़ी भूल है। आज भी वर्षा का साफ पानी समुद्र, गटर, नालियों में बह जाता है और व्यर्थ हो जाता है। इस पानी का यदि हम संग्रह करें तो हर साल जो जल संकट हमें देखना पड़ता है उससे राहत मिल सकती है। बरसात के जल को हम नहर, तालाब, जलाशय, कुंड आदि बनाकर संग्रहीत कर सकते हैं। इस संग्रहीत किए जल का उपयोग हम घर के उपयोग, उद्योगों और कृषि कार्यों में कर सकते हैं। हम गावों, शहरों के आसपास तालाब बना सकते हैं, विशाल नहरों का निर्माण कर पानी के संकट वाले क्षेत्रों को राहत पहुंचा सकते हैं।

भूगर्भ जल का रक्षण – भूगर्भ जल अर्थात जमीन के अंदर स्थित जल जो की हम कुवों, हैंडपंप आदि से निकालते हैं। अधिक भूगर्भ जल निकालने के कारण और उसका दुरुपयोग होने के कारण भूगर्भ जल में भी कमी आती है। भूगर्भ जल का हमें रक्षण करना चाहिए। तालाब, जलाशय आदि बनाने से भूगर्भ जल का स्तर बढ़ता है। भूमि प्रदूषण भी रोकने की आवश्यकता है क्यूंकी उसके कारण भूगर्भ जल दूषित होता है।

दैनिक कार्यों में जल का सही उपयोग – सबसे अधिक पानी का उपयोग यदि कहीं किया जाता है तो वो है घरेलू कार्यों में। हम अपने रोजिंदा जीवन में बड़ी मात्रा में पानी का दुरुपयोग करते हैं, क्यूंकी हम इस बात से अंजान होते हैं की यह जल सीमित मात्रा में ही धरती पर उपलब्ध है।

नहाने में, कपड़े व बर्तन धोने में, वाहनों को धोने के लिए, त्योहारों के समय, घर की साफ-सफाई के समय आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं जिनमें हम पानी को बर्बाद करते हैं। यदि हम अपनी जवाबदारी को समझकर पानी का सदुपयोग करें तो काफी हद तक जल संरक्षण में अपना योगदान हम दे सकते हैं।

  • हमेशा नल को कसकर बंद करें ताकि उनमें से पानी ना बर्बाद हो।
  • अपने नल के अंदर और आसपास किसी भी लीक की तुरंत मरम्मत करें। (एक रिसाव से प्रति वर्ष कई हजार लीटर पानी बर्बाद हो सकता है।)
  • अपने पानी के उपयोग को कम करने के लिए अपने नल पर एक जलवाहक या पानी के प्रवाह को कम करने वाले लगाव का उपयोग करें।
  • बर्तन धोते समय कभी भी लगातार पानी न चलाएं।
  • ब्रश करते समय, जब आप वास्तव में ब्रश कर रहे हों तो पानी बंद कर दें। (यह सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले पानी का लगभग 80% बचाता है।)
  • लो-फ्लश शौचालय स्थापित करके आप पानी के उपयोग को 40% से 50% तक कम कर सकते हैं
  • लॉन और उद्यानों को गर्म मौसम के दौरान प्रतिदिन केवल 5 मिलीमीटर पानी की आवश्यकता होती है। वसंत, पतझड़ या शांत मौसम के दौरान कम पानी की आवश्यकता होती है अतः उस समय पानी कम इस्तेमाल करें।
  • घरों में पानी के मीटर लगाने से हम इस पानी के दुरुपयोग को रोक सकते हैं।

26 Comments

जल शक्ति अभियान पर निबन्ध बताओ

Ager hm water nhi save krenge to really aisa time ayega ki hm log ya hmari ane vali genration ko water milega nhi hoga

ji ha roli ji yesha possible ha

Hame rai dene se nahi hoga hame kuchh karna chahiye

Agar hum water ko save nahi kare to aaisa hi hoga

Nice nibandh

????thank you

जल क्या है इस पर परी जानकारी का एक आर्टिकल है आप अपने ब्लॉग में मेंशन कीजिए ना प्लीज प्लीज

Save water Save life

I am Anvesha. I am a student studying in class VI and I needed a 200 words essay on water conservation in Hindi. Thanks for the help.

Save Save Save water we can help to save the life

very gud info …. jal hi jivan hei …

Thanks sir/ma,am

Very good essay, that too in Hindi language

Thanks 👍 it’s very good essay

Ohhhhhh……….. Nooooooo…………. This eassy is good but………………..👍 I don’t like to complete projects………..😔 But thanks ….☺️

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जल ही जीवन है (निबंध) | Essay on ‘Water is Life’ in Hindi

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जल ही जीवन है (निबंध) | Essay on ‘Water is Life’ in Hindi!

क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ये पाँच तत्व हमारे धर्मग्रंथों में मालिक कहे गए हैं तथा हमारी शारीरिक रचना में इनकी समान रूप सै भूमिका होती है । इनमें वायु और जल ये दो ऐसे तत्व हैं जिनके बिना हमारे जीवन की कल्पना एक क्षण भी नहीं की जा सकती ।

जीवों को जिस वस्तु की जरूरत जिस अनुपात में है, प्रकृति में वे तत्व उसी अनुपात में मौजूद हैं । पर आज जल और वायु दोनों पर संकट के काले बादल आच्छादित हैं तो समझना चाहिए कहीं न कहीं हमने मूलभूत भूलें की हैं ।

जल एक तरल पदार्थ है जो अपने ठोस और गैस रूप में भी मौजूद है । अवस्था परिवर्तन करने का जल का यह स्वभाव उसके उपयोग के आयामों को विस्तृत कर देता है । जल यदि बरफ बनकर न रह पाता तो गंगा जैसी सदानीरा नदियाँ न होतीं और जल यदि गैस बनकर वाष्पित न हो पाता तो धरती पर वर्षा होने की संभावना न बचती ।

ADVERTISEMENTS:

ओस के कणों की तुलना कवि व शायर न जाने किन-किन रूपों में करते हैं, उनके काव्य जगत् का यह हिस्सा रीता ही रह जाता । लेकिन मानव का यह गुणधर्म है कि जिस वस्तु को वह व्यवहार में लाता है, उसे दूषित कर ही देता है ।

यही कारण है कि आज नदी जल भूमिगत जल कुएँ-बावड़ी का जल, समुद्र का जल और यहाँ तक कि वर्षा का जल भी कम या अधिक अनुपात में दूषित हो चुका है । जल प्रदूषण पर गोष्ठियाँ तथा सेमीनार हुए जा रहे हैं परंतु इस विश्वव्यापी समस्या का कोई ठोस हल अभी तक सामने नहीं आ पाया है ।

हाल में यह प्रयास भी हो रहा है कि इस नैसर्गिक सपदा का पेटेट करा लिया जाए । अर्थात् किसी खास नदी या बाँध के जल पर किसी खास बहुराष्ट्रीय कंपनी का अधिकार हो और वे इस जल को बोतलों में बंद कर बाजार में मिनरल वाटर के नाम से बेच सकें । सुनने में आया है कि सरकार भी इस पर राजी थी मगर पर्यावरणविदों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया तो उसने चुप्पी साध ली ।

पर जिस तरह से प्रत्येक वस्तु पर बाजारवाद हावी हो रहा है उसे देखकर कहा नहीं जा सकता कि कब तक नदियाँ तथा अन्य जलाशय उक्त कंपनियों के चंगुल से बचे रह सकेंगे । सरकारें भी अपने बढ़ते खर्च की भरपाई के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही हैं ।

जल के अनेक उपयोगों में सबसे महत्वपूर्ण है पेयजल । घरेलू उपयोग का जल भी पेयजल जैसी शुद्‌धता का होना आवश्यक माना गया है । मगर पेयजल की प्रति व्यक्ति उपलब्धता हमारे देश में दिनोंदिन घटती जा रही है । जल के भूमिगत स्त्रोतों के स्तर में ट्‌यूबवेलों की बढ़ती संख्या तथा जल संग्रहण की ठीक प्रणाली न होने के कारण स्थाई गिरावट दर्ज की गई है । पहले लोग नदियों का जल बेधड़क पी लिया करते थे परंतु आज स्थितियाँ पूरी तरह बदल गई हैं ।

शहर के निकट की नदी या झील में उस शहर का सारा गंदा पानी बेहिचक उड़ेल दिया जाता है जिससे प्रदूषण के साथ-साथ झीलों और सरोवरों के छिछलेपन की समस्या भी उत्पन्न हो गई है । जल प्रदूषण के कारण जल के विभिन्न भंडारों के जलजीवों का जीवित रह पाना भी कठिन होता जा रहा है ।

गरीब और जनसंख्या बहुल देशों में तो जल की समस्या और भी जटिल रूप में है । ये देश जल का उपयोग तो बढ़ा रहे हैं लेकिन जल संचय और इसके रखरखाव में जो धन चाहिए वह इनके पास नहीं है ।

हमारे देश के जलसंकट को दूर करने के लिए दूरगामी समाधान के रूप में विभिन्न बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने की बातें कही गई हैं । इसका बहुत लाभ मिलेगा क्योंकि नदियों का जल जो बहकर सागर जल में विलीन हो जाता है, तब हम उसका भरपूर उपयोग कर सकते है ।

इस प्रणाली से निरंतर जलसंकट झेल रहे क्षेत्रों के लोग पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त कर सकते हैं । जिस तरह इंदिरा गाँधी नहर बन जाने से राजस्थान की अतृप्त भूमि की प्यास बुझ सकी, ऐसे ही अन्य प्रयासों से देश भर में खुशहाली और हरियाली लाई जा सकती है । अन्यथा कावेरी नदी के जल के बँटवारे को लेकर जिस प्रकार का अंतहीन विवाद दक्षिण भारत के दो राज्यों के मध्य है, उसी तरह अन्य स्थानों पर भी जल को लेकर घमासान मच सकता है ।

जलसंकट से जुड़ा एक पहलू यह भी है कि जब पहाड़ों पर हरियाली घटती है तो वहाँ बरफ के जमाव तथा वहाँ की नमी में कमी आ जाती है । इसी तरह मैदानों और पठारों पर जब वनस्पतियाँ घटने लगती हैं तो यहाँ औसत वर्षा की मात्रा में क्रमिक रूप से ह्रास होने लगता है ।

इसका सीधा असर भूमिगत जल के स्तर पर पड़ता है क्यौंकि जहाँ वर्षा कम होगी, तालाबों, गड्‌ढों और झीलों में जल जमाव कम होगा, वहाँ भूमिगत जल का स्तर भी घटेगा । इस तरह देखें तो पर्यावरण का एक पहलू उसके दूसरे पहलू से जुड़ा हुआ है । ज्यों-ज्यों मानव पर्यावरण की उपेक्षा करेगा त्यों-त्यों उसे जलसंकट, वायुसंकट जैसे कई संकटों का सामना करना पड़ेगा ।

कहा जाता है की जल की बूँद-बूँद कीमती है । यदि ऐसा है तो इसकी बूँद-बूँद को रक्षा का प्रयन्त करना चाहिए । नलों को आधे-अधूरे तरीके से बंद करना, सार्वजनिक नलों को टूटी-फूटी दशा में छोड़ देना आदि कुछ ऐसे कार्य हैं जिनसे जल की खूब बर्बादी होती है । कुएँ, हाथपंप आदि के चारों ओर के स्थानों को गंदा रखने से भी जल प्रदूषित होता है ।

इस स्थिति में उपयोग में लाया गया गंदा जल इन भंडारों के स्वच्छ जल को भी गदा कर देता है । चूँकि पेयजल की मात्रा धरती पर सीमित है अत: इसका दुरुपयोग कुछ लोगों के लिए भले ही हितकर हो, आम लोगों को भारी खामियाजा उठाना पड़ता है ।

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दा इंडियन वायर

जल है तो कल है पर निबंध

water essay in hindi for class 7

By विकास सिंह

water essay in hindi for class 7

मनुष्य को पीने के लिए जल की आवश्यकता होती है। कृषि के लिए पानी की आवश्यकता होती है। किसी नें सही कहा है, जल है तो कल है।  हमें व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने के लिए, और अपने घरों और आस-पास को साफ रखने के लिए पानी की आवश्यकता है। कई औद्योगिक प्रक्रियाओं को भी पानी की आवश्यकता होती है।

विषय-सूचि

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (200 शब्द)

हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में लेते हैं। जब से हम सुबह उठते हैं और जब तक हम रात में सोते हैं तब तक हमें पानी की आवश्यकता होती है और कई तरीकों से पानी का उपयोग करते हैं।

वास्तव में पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। लेकिन हर कदम पर हम इसे बहुत बर्बाद कर रहे हैं। हमें स्कूलों में पढ़ाया जाता है कि हमारे ग्रह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह सब हमारे उपयोग के लिए फिट नहीं है इसलिए हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।

हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है और फिर से हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। उपयोग न होने पर नल को बंद करने जैसे सरल कार्य, कपड़े धोने में पानी का पुन: उपयोग करने की कोशिश करना, शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।

अगर हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और यह केवल हम ही हैं जो इसे सबसे अधिक बर्बाद कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

’पृथ्वी पर जीवन बचाने के लिए पानी बचाओ’, यह नियम अब हम सभी के लिए प्रमुख आवश्यकता बन गया है। हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर रहने के लिए पानी उतना ही आवश्यक है, लेकिन सबसे बुरी बात यह है कि दिन पर दिन ताजा पानी कम होता जा रहा है।

पानी की कमी के कारण दुनिया में सूखे, विभिन्न बीमारियों, पर्यावरण प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसे कई प्राकृतिक संकट पैदा हो रहे हैं, फिर भी दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा पानी की बचत के महत्व को नहीं समझ रहा है।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ:

स्वच्छ जल अभी भी भारत के कई दूरदराज के क्षेत्रों में एक लक्जरी है। कई को अपने परिवार के लिए दो बाल्टी स्वच्छ पानी पाने के लिए हर दिन किलोमीटर तक चलना पड़ता है। दूसरी तरफ हम में से कई ऐसे हैं जो हर दिन निर्दयतापूर्वक पानी बर्बाद करते हैं। स्वच्छ पेयजल की पहुँच प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए।

हमें पानी के महत्व को समझना होगा और इसके अभाव से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए कि वे पानी का उपयोग बहुत समझदारी से करें और भविष्य के लिए बचत करें। हम स्वच्छ पानी को भी दूषित करते हैं जो इसे पीने के उद्देश्यों के लिए अयोग्य बनाता है। हमारी सरकार द्वारा पानी की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जल संरक्षण पर विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं, फिर भी कई पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं।

निष्कर्ष:

देशों की सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में पानी की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए और लोगों को समझदारी से पानी का उपयोग करना चाहिए और प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए किसी भी प्रकार के अपव्यय से बचना चाहिए।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (400 शब्द)

हमारी धरती मां ने हमेशा हमारी रक्षा की है और हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हमें वह सब कुछ मिले जिसकी हमें जरूरत है। मानव जाति के हित के लिए सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। लेकिन दुख की बात है कि बदले में हमने इन संसाधनों का केवल शोषण और दुरुपयोग किया है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है जो सभी जीवन रूपों की आधारशिला है।

यह कहना कठिन है, लेकिन यह तथ्य यह है कि पीने योग्य पानी दिन-प्रतिदिन पूरी दुनिया में कम हो रहा है, यहां तक ​​कि पृथ्वी भी 71% पानी से ढकी हुई है। पानी बचाओ जीवन बचाओ ’के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न देश विभिन्न कार्यक्रम और कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

पानी बचाओ धरती बचाओ:

हम पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें महसूस करना चाहिए कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। शोध के अनुसार यह ज्ञात है कि पृथ्वी पर सभी पानी के ताजे पानी का केवल 1% है। हम इंसान इसे किसी भी चीज की तरह बर्बाद कर रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब पानी सोने जैसा महंगा होगा। ऐसे कई तरीके हैं जिनमें हम नीचे दिए गए पानी की बर्बादी में योगदान दे रहे हैं-

  • उपयोग में न होने पर नल को खुला छोड़ना।
  • जरूरत न होने पर लॉन और पार्कों में पानी छिडकाव करना।
  • पानी का पुन: उपयोग नहीं करना: अधिकांश पानी का पुन: उपयोग किया जा सकता है इसलिए बहुत अधिक बचत की जा सकती है।

सामाजिक जागरूकता के लिए विभिन्न कदम:

वर्तमान समय में हर जगह लोग जल संसाधनों की कमी, भूजल स्तर में कमी, दुनिया के कई हिस्सों में सूखे और वर्षा जल संचयन आदि के बारे में बात कर रहे हैं। जल संसाधनों की कमी अब दुनिया के लिए एक वैश्विक समस्या बन गई है और प्रमुख तथ्य है। यह तब हो रहा है जब पृथ्वी लगभग 71% पानी से ढकी हुई है। वास्तव में उपयोगी पानी केवल 3.5% उपलब्ध है, अन्य महासागर का पानी है जिसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।

ऐसे किसी भी मुद्दे का सामना करना और हल करना सभी के लिए सामाजिक जागरूकता है। पूरी दुनिया अब पानी की कमी के ऐसे वैश्विक मुद्दे को सुलझाने के लिए एकजुट है।

सभी को हमारे जीवन में पानी के महत्व और पानी की कमी के दौरान आने वाली समस्या को समझना चाहिए। सरकार और एनजीओ पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं और कैसे दैनिक जीवन में पानी की बचत करते हैं। पानी कीमती है और हमें इसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (500 शब्द)

पानी (रासायनिक सूत्र H2O) एक पारदर्शी रासायनिक पदार्थ है। यह हर प्राणी के लिए मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। जिस तरह हवा, धूप और भोजन, पृथ्वी पर जीवन के उचित विकास और विकास के लिए पानी की आवश्यकता होती है। हमारी प्यास बुझाने के अलावा, पानी का उपयोग कई अन्य गतिविधियों जैसे कि सफाई, धोने और खाना पकाने के लिए किया जाता है।

पानी बचाने का महत्व:

इस तथ्य में कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा हम नहीं जी पाएंगे। जल इस पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए आधार और नींव है। हालाँकि हमें लगता है कि पृथ्वी पर पानी पर्याप्त है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि पानी एक असीम संसाधन नहीं है। अगर हम जल्द ही पानी के संरक्षण के प्रयास नहीं करेंगे तो मीठे पानी की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और हमारे नागरिकों के लिए भी जल संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।

पानी के संरक्षण से हमारे समाज पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। ताजे पानी की भूमिगत आपूर्ति की निकासी में शहरीकरण के परिणाम में वृद्धि। इससे खेती और सिंचाई आदि जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए कम पानी उपलब्ध होता है।

यदि हम पानी का संरक्षण करते हैं तो हम अपने खेतों के लिए पर्याप्त पानी रख पाएंगे और फसलें बेहतर होंगी। पानी बचाने का मतलब यह भी नहीं है कि पेड़ों को काट दिया जाए क्योंकि जड़ें भूमिगत जल की मेज पर टिक जाती हैं। पानी बचाने के प्रयास में हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और बदले में हम एक हरियाली पैदा करेंगे।

जल संरक्षण के उपाय क्या हैं?

पृथ्वी पर सूखे की सबसे खराब स्थिति को रोकने के लिए पानी का बेहतर और कम उपयोग हमारी आवश्यकता है। इस निबंध में, हम इस बात पर ध्यान केंद्रित करेंगे कि सौंदर्य हरियाली के वातावरण और पृथ्वी पर सबसे महत्वपूर्ण रूप से जीवन को बचाने के लिए पानी का संरक्षण कैसे किया जाए। अगर हम इस पर गंभीरता से सोचते हैं तो हमने पाया कि यह बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। पहले हमें अपने दैनिक जीवन से शुरुआत करने की जरूरत है।

हमारी नई पीढ़ी को “पृथ्वी बचाओ धरती बचाओ” के सूत्र को समझने की अत्यधिक आवश्यकता है। हम इसे अपने जीवन के हर सेकंड में सहेज सकते हैं। एक छोटा कदम पानी की बचत में सैकड़ों गैलन जोड़ सकता है। यहाँ कुछ बिंदु हैं जिन्हें हमें अपने दैनिक जीवन में ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

हमें पानी की बर्बादी नहीं करनी चाहिए और इसके संरक्षण की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए। हमें ऐसी गतिविधियों और योजनाओं का अभ्यास करना और बढ़ावा देना चाहिए जो जीवित प्राणियों की वर्तमान और भविष्य की मांगों को पूरा करने के लिए पानी के संरक्षण और उसके स्रोतों की रक्षा करने में मदद करें।

जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (600 शब्द)

हर दिन हम पानी बचाने के विज्ञापनों और अभियानों को सुनते हैं। हमारे आस-पास हर कोई हमारे लिए चिल्ला रहा है लेकिन क्या हम वास्तव में सुन रहे हैं। क्या हमने कभी इस समस्या के बारे में गंभीरता से सोचा है? पानी सबसे कीमती मुफ्त उपहारों में से एक है जो प्रकृति ने हमें प्रदान किया है।

मनुष्य दैनिक आधार पर बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करता है और यह अब प्रमुख चिंताओं में से एक बन गया है। इस दिशा में कई अभियान शुरू किए गए हैं लेकिन वे उतने उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं जितने होने चाहिए। हमारी सरकार ने भी पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शुरू की हैं, लेकिन जब तक हम लोगों को समस्या की गंभीरता का एहसास नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं होगा।

जल के विभिन्न रूप:

जल पृथ्वी पर तीन अलग-अलग रूपों में मौजूद है – ठोस, तरल और गैस। इन रूपों पर एक संक्षिप्त नज़र है:

ठोस: पानी बर्फ बनाने के लिए 0 डिग्री पर जम जाता है जो इसकी ठोस अवस्था है। जैसे ही पानी जम जाता है, इसके अणु अलग हो जाते हैं और इससे इसकी तरल अवस्था में पानी की तुलना में बर्फ कम घनी हो जाती है। इसका मतलब है कि इसकी तरल अवस्था में पानी की मात्रा की तुलना में बर्फ हल्का है। इस प्रकार यह पानी पर तैर सकता है।

तरल: यह पानी का सबसे आम रूप है। इसकी तरल अवस्था में पानी का उपयोग पीने, धोने, सफाई, खाना पकाने, खेतों की सिंचाई और उद्योगों में विभिन्न उत्पादों को तैयार करने और प्रसंस्करण करने सहित कई तरीकों से किया जाता है।

गैस: पानी के फोड़े के रूप में, यह तरल से गैस में बदल जाता है, जिसे अक्सर जल वाष्प कहा जाता है। वाष्प हमेशा हमारे आसपास मौजूद होते हैं। जब पानी के वाष्प शांत होते हैं, तो वे एक बादल बनाते हैं।

पानी बचाओ जीवन बचाओ दुनिया बचाओ:

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी की प्रमुख आवश्यकता है। जीवन को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए सभी जीवित लोगों को पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, पानी की खपत भी बढ़ रही है और शहरीकरण के कारण पेड़ नियमित रूप से घटते जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रदूषण, विभिन्न क्षेत्रों में सूखा, क्षतिग्रस्त फसल और ग्लोबल वार्मिंग की सबसे खराब स्थिति है।

इस प्रकार यह जीवन को बचाने और दुनिया को बचाने के लिए पानी को बचाने के लिए सभी को आदतें बनाने का उचित समय है।

पानी को संरक्षित करने के तरीके:

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचाने के लिए अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

ब्रश करते समय नल बंद कर दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका उपयोग करें। शावर की बजाय बाल्टी से स्नान करें, इससे बहुत सारा पानी बच सकता है। आपके घर में जो भी पानी का रिसाव है उसे ठीक करें। हाथ धोते समय नल बंद कर दें।

कपड़े धोने में जो पानी आपने इस्तेमाल किया है, उसका दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश करें। साबुन के पानी का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। धोने वाली कारों में कम पानी का उपयोग करें। सब्जियों को धोने के लिए कम पानी का उपयोग करें।

लॉन की नली को ज्यादा देर तक न चलने दें। जल निकायों को प्रदूषित न करें। एक पेड़ लगाओ, यह बहुत उपयोगी होगा। बिजली का संरक्षण करें क्योंकि कई बिजली संयंत्र पनबिजली पर चलते हैं। इसलिए बिजली बचाने से आपको बदले में पानी बचाने में मदद मिलेगी।

जबकि पानी पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, यह समझने की आवश्यकता है कि विभिन्न घरेलू, कृषि और औद्योगिक उपयोग के लिए उपयोग की जाने वाली मात्रा सीमित है। यह बुद्धिमानी से उपयोग करने के लिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह हर एक तक पहुंचे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो।

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इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Bahut achcha nibandh hai asha karta hun ki aur bhi acche nibandh aap bhejenge

Very nice nibandh

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जल पर निबंध

Essay on Water in Hindi : जल एक प्रकार का इस सृष्टि का जीवन दाता है यह सृष्टि पूरी जल के ऊपर ही निर्भर है। जल के बिना ना तो कोई इंसान या ना कोई जीव जीवित रह सकता है। और ना ही जल के बिना पेड़ पौधे भी जीवित नहीं रह सकते हैं। जल इस प्रकृति के लिए बहुत ही जरूरी है, इसलिए कहा जाता है कि “जल ही जीवन है।” हम यहां पर जल पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में जल के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

water essay in hindi for class 7

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जल पर निबंध | Essay on Water in Hindi

जल पर निबंध ( 250 word ).

हमारे शरीर में 70% जल की मात्रा होती है। सिर्फ हमारा शरीर ही नहीं बल्कि पृथ्वी भी लगभग 2 तिहाई जल से घिरी हुई है। हमें जीने के लिए हवा, पानी और जमीन की आवश्यकता होती है। यह हमारे शरीर में ईंधन का कार्य करते हैं इसलिए मनुष्य को जीवित रहने के लिए इन तीन तत्व की आवश्यकता होती है। पृथ्वी पर जल की मात्रा अधिक है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन संभव है। पानी न होने पर दुनिया के सभी जीव मर जायेगे। जल सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है।

जल को पीने के अलावा कई अन्य जरूरत की चीजों में भी इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया में सभी जीवित व्यक्तियों के लिए जल की आवश्यकता होती है। जल के बिना कोई भी इंसान जीवित नहीं रह सकता है। धरती पर हर जीवन पानी के आधार पर टिका हुआ है। एक छोटे पौधे को भी बढ़ने के लिए जल की आश्यकता होती है।

हम यह भी कह सकते है जो वस्तुएं सजीव होती है, उन्हें जल की आवश्यकता होती है। जल से ही मनुष्य का भोजन बनाता है। बिना जल के ना ही खेती की जा सकती और ना ही भोजन पकाया जा सकता है। इसलिए मनुष्य को जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता पड़ती है, बिना जल के जीवन यापन नहीं कर सकता है।

जल पर निबंध ( 800 Word )

जल मनुष्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण पदार्थों में से एक है। यह सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि जंतुओं और पेड़-पौधों के लिए भी बहुत आवश्यक है। जल के ना होने पर दुनिया में कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं रह सकता है। जल का इस्तेमाल सिर्फ पानी पीने के लिए ही नहीं बल्कि अपने दैनिक कार्यों जैसे स्नान, कपड़े आदि को धोने के लिए और खाना बनाने, सफाई करने में भी इसका प्रयोग किया जाता है।

मनुष्य अपने जीवन में बिना जल के जीवन यापन नहीं कर सकता है। विश्व में सभी जीवित वस्तुओं के लिए जल जरूरी होता है। छोटे से छोटे जीवों से लेकर बड़े जीवों तक सभी को पानी की जरूरत होती है। जल के बिना इनका कुछ भी अस्तिस्त्व नहीं होता है।

जल का संगठन

जल दो परमाणु से मिलकर बना होता है, जिसमें हाइड्रोजन के दो परमाणु और ऑक्सीजन का एक परमाणु शामिल होता है। जल का रासायनिक सूत्र H2O  होता है। जल के मुख्यता तीन अवस्था होती है। प्रथम ठोस, दूसरा द्रव्य और तीसरा गैस। जल को आप तीनों रूप में बदल सकते है।

पृथ्वी पर लगभग 70% जल है। लेकिन इसका 97 % हिस्सा खारा है। इस जल को किसी भी प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। एक प्रकार का रासायनिक पदार्थ होता है जो कि रंगहीन, गंद हीन और स्वाद हीन होता है।

जल का अपना कोई रंग नहीं होता है। जल को जिस भी रंग में घोला जाए उसी रंग को ग्रहण कर लेता है। जल का क्वथनांक 100% °C होता है। यह बहुत ही अच्छा विलायक होता है। जल में आप नमक चीनी मिलाएंगे तो उसमें जल्द ही मिल जाता है। जल मैं कुछ ऐसे भी पदार्थ होते हैं जो घुलनशील नहीं होते हैं जैसे कि तेल और वसा। इन पदार्थों को जल में कितना भी निश्चित कर लो यह आपस में घुलनशील नहीं होंगे।

बिना जल के हमारे शरीर का कोई भी कोष कार्य नहीं कर सकता है। हमें जल सीधे या फल या सब्जियों के माध्यम से लेना चाहिए। इसमें जल की पर्याप्त मात्रा उपस्थित होती है। हमें स्वस्थ फलों और सब्जियों को प्राप्त करने के लिए भरपूर जल की आवश्यकता होती है। किसी भी फसल के लिए जल की आवश्यकता बहुत जरूरी है।

जल महत्वपूर्ण क्यों है

विश्व के किसी भी व्यक्ति को जीवन जीने के लिए जल की आवश्यकता जरूर होती है। यहां तक कि एक छोटा कीड़ा से लेकर बड़ी मछली तक बिना जल के अपने जीवन की आकांक्षा नहीं कर सकती हैं। हम तो मनुष्य हैं, बिना जल के हम 1 दिन का भी गुजारा नहीं कर सकते। विश्व में जल की उपस्थिति के कारण ही आज लोगों का जीवन संभव हो पाया है।

जल हमारे लिए कैसे आवश्यक है

• भोजन बनाने और भोजन करने के बाद पचाने के लिए जल की आवश्यकता होती है।

• खाना पकाने के लिए

• भोजन करना

• सफाई करना

• कपड़े और अन्य चीजों को धोने के लिए

• बर्तन को साफ करना और घर की अन्य चीजों की सफाई करना।

इन सब के अलावा सब्जियों और फलों के लिए भी जल की जरूरत होती है। जल एक महत्वपूर्ण पदार्थ है यद्यपि आपने कई बार सागर महासागर के जल को देखा होगा लेकिन आपको जानकारी के लिए बता दें कि हम उस जल का प्रयोग पीने के लिए नहीं कर सकते हैं क्योंकि सागर और महासागर का जल अत्यंत खारा होता है।

विश्व का सिर्फ 3% जल ही ऐसा है जिसका हम प्रयोग कर सकते है। नीचे हम आपको कुछ ताजे पानी की जल स्रोत के बारे में बताएंगे जिन का प्रयोग हम पीने के पानी के रूप में कर सकते हैं।

• भूमिगत जल

कुछ अन्य भी जल सोच है, जिनका प्रयोग हम स्वच्छ जल को निकालने में कर सकते हैं।

जल ही जीवन का अर्थ

हम जल के बिना अपने जीवन की आस नहीं कर सकते है। बिना जल के हम कुछ दिन भी जीवित नहीं रह सकते है। हमारे शरीर में 70% जल की मात्रा है। जल के बदले मे हमारा शरीर कार्य करता है। प्रत्येक दिन पानी की अधिक मात्रा खपत हो रही है। मनुष्य के द्वारा पानी को दूषित करने से स्वास्थ्य संबंधित अधिक बीमारियां भी फैल रही हैं। इसलिए स्वस्थ पानी हमारे शरीर को तंदुरुस्ती प्रदान करता है।

जल के बिना हमारे दैनिक गतिविधियां जैसे सुबह उठकर ब्रश करना, शौच करना, नहाना और भोजन बनाने के लिए जल की आवश्यकता होती है। बिना जल के हम इसके बारे में कुछ भी कल्पना नहीं कर सकते हैं। कुछ बहुत बड़े उद्योग पानी का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं। उन्हें अपनी प्रक्रिया को करने के लिए हर चरण में जल का प्रयोग करना पड़ता है। ऐसा नहीं है की सिर्फ मनुष्य ही जल का उपभोग करता है, बिना जल के मनुष्य ही नहीं बल्कि जानवर और पेड़ पौधे भी जल के बिना बेकार है।

आज के समय में बहुत सारे लोग जल का दुरुपयोग करते हैं। वह दिन भी दूर नहीं है जब लोग जल की एक एक बूंद के लिए तरसेंगे। बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं, जो किसी भी काम को करने के लिए अत्यधिक जल का इस्तेमाल करते हैं और उसको ऐसे ही नालियों में फैला देते हैं।

हमें जल का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए, बल्कि इसका इस्तेमाल कम से कम और जरूरत के लिए करना चाहिए। आज के समय मे सबसे अधिक प्रदूषण फैक्ट्रियां करती है। इनकी फैक्ट्री से निकलने वाला जल आस पास के क्षेत्र में प्रदूषण करता है और वहां के लोगों का स्वास्थ्य भी बिगड़ जाता है।

जल बहुत जरूरी है, फिर भी लोग इसको अधिक मात्रा में बर्बाद करते है। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। बहुत सारा जल नालियों मे बहकर बेकार हो रहा है। वो दिन भी दूर नहीं जब लोग साफ जल पीने के लिए तरस जायेगे। इसलिए हम आप सभी से यही निवेदन करते हैं, कि प्राकृतिक के इस कीमती संसाधन को बर्बाद ना करें, जितना ज्यादा हो सके जल को बचाने की कोशिश करें।

आज के आर्टिकल में हमने  जल पर निबंध ( Essay on Water in Hindi)  के बारे में बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है, की हमारे द्वारा इस आर्टिकल में जानकारी आप तक पहुंचाई गयी है, वह पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से सम्बंधित कोई भी सवाल है। तो वह हमें कमेंट में बता सकता है।

  • स्वास्थ्य पर निबंध
  • वन पर निबंध
  • जल का महत्त्व पर निबंध

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जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

Dear Students, He Welcomes You Are Looking About Water is Life Essay in Hindi. यहाँ जल ही जीवन है पर निबंध Water is Life Essay in Hindi Language Or Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh In 100, 150, 200, 250, 300, 400 And 500 Words Short Long Essay For Class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10th Class Kids.

जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

जल ही जीवन है – निबंध 1

प्रस्तावना – जल का एक नाम जीवन भी हैं. वैज्ञानिक भी कहते हैं कि पृथ्वी पर जीवन का आरम्भ जल से ही हुआ. अतः जल जीवन का आधार हैं. जल के बिना प्राणियों का अस्तित्व सम्भव नहीं हैं. जल मनुष्य के लिए प्रकृति का अमूल्य उपहार हैं.

जल संकट (water crisis) – संसार में जल का भयंकर अभाव होने की संभावना हैं. इसका कारण निरंतर बढ़ रही जनसंख्या हैं. मनुष्यों तथा पशुओ की वृद्धि के साथ ही पानी की आवश्यकता तेजी से बढ़ रही हैं.

दूसरी ओर प्रकृति से छेड़छाड़ के कारण पहाड़ो तथा ग्लेशियरों की बर्फ तेजी से पिघल रही हैं और अत्यधिक दोहन के कारण भूजल का भंडार भी घट रहा हैं. ऐसी दशा में पानी की मांग बढ़ेगी ही. यह माना जा रहा हैं कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए ही होगा.

जल संरक्षण का तात्पर्य – जल संरक्षण का तात्पर्य हैं जल का अपव्यय रोकना और वर्षा के समय व्यर्थ बह जाने वाले जल को भविष्य के लिए सुरक्षित करके रखना. बताया जाता हैं कि धरती का तीन चौथाई भाग जल से ढका हुआ हैं, किन्तु पीने योग्य या उपयोगी जल की मात्रा बहुत सिमित हैं.

हम प्रायः धरती के भीतर स्थित जल को उपयोग में लाते हैं. कुएँ, हैण्डपम्प, नलकूप, सबमर्सिबिल पम्प आदि से यह जल प्राप्त होता हैं. धरती के ऊपर नदी, तालाब, झील, झरनों आदि का जल उपयोग में आता हैं किन्तु प्रदूषण के चलते जलाशयअनुपयोगी होते जा रहे हैं.

Water is Life

धरती के भीतर स्थित जल की अंधाधुंध खिचाई के कारण जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. यह भविष्य में घोर संकट का संकेत हैं. अतः जल का संरक्षण करना अनिवार्य हो गया हैं.

जल संरक्षण कि आवश्यकता व उपाय – देशभर में धरती के अंदर का जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा हैं. भू गर्भ के जल का संतुलन वर्षा के जल से ही होता हैं. जो भारत में अत्यंत कम होता हैं. अतः धरती को पानी वापिस नहीं मिल पाता. अब जल संरक्षण की चेतना जागृत हो रही हैं.

लोग परम्परागत रीतियों से जल का भंडारण कर रहे हैं. सरकार भी इस दिशा में प्रयास कर रही हैं. खेती में जल की बर्बादी रोकने के लिए सिंचाई की फव्वारा पद्धति, पाइप लाइन से आपूर्ति, हौज पद्धति, खेत में ही तालाब बनाने आदि को अपनाया जा रहा हैं. मैग्सेस पुरस्कार प्राप्त श्री राजेन्द्र सिंह का तरुण भारत संघ तथा अन्य समाजसेवी संगठन भी सहयोग कर रहे हैं.

जल संरक्षण के अन्य उपाय – उपर्युक्त उपायों के अतिरिक्त जल संरक्षण के अन्य उपायों को अपनाया जाना भी परम आवश्यक हैं. शीतल पेय बनाने वाली कम्पनियों तथा बोतल बंद जल बेचने वाले संस्थानों पर नियंत्रण किया जाना चाहिए.

वर्षा के जल को संग्रह करके रखने के लिए पुराने तालाब, पोखर आदि का संरक्षण आवश्यक हैं. उनको पाटकर उनका भवन निर्माण तथा अन्य कार्यों के लिए उपयोग रोका जाना आवश्यक हैं.

नये तालाब अधिक से अधिक बनाये जाने चाहिए. नगरों में पानी का अपव्यय बहुत हो रहा हैं. अतः जल के अपव्यय पर कठोर नियंत्रण होना चाहिए.

उपसंहार – धरती के अंदर जल स्तर का गिरते जाना आने वाले जल संकट की चेतावनी हैं. भूमंडल का वातावरण गर्म हो रहा हैं इससे नदियों के जन्म स्थल ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं.

कहीं ऐसा न हो कि हमारी प्रसिद्ध नदियों का नाम मात्र शेष रह जाए अतः हम सभी का दायित्व है कि तन, मन और धन से जल संरक्षण को सफल बनाएं.

जल ही जीवन है – निबंध 2

इस पृथ्वी पर रहने वाले अधिकांश प्राणियों का जीवन जल पर निर्भर है। अतः पानी के बिना उनके जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। एक मनुष्य का औसतन शरीर 70% जल से बना हुआ है। लेकिन फिर भी हम जल के महत्व को हमेशा ही नजरअंदाज करते हैं और जल को बर्बाद करते हैं। जल का संरक्षण आज मानव समाज के अत्यंत आवश्यक हो चुका है।

जहां कई सारे शहरों में जल की अपार सुविधा है तो वहीं कई शहर व गावों में जल की कमी देखने को मिलती है। मुंबई जैसे पापुलेटेड सिटी में जल की इतनी कमी है कि लोगों को पानी खरीदकर पीना पड़ता है। लेकिन वही बंगाल और बिहार जैसे जगहों पर जहां जल की सुविधाएं हैंवहां लोग जल की बर्बादी करते हैं। 

 आने वाले समय में ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना पैदा हो रही है, जहां हमारे वंशज जल के लिए तड़पेंगे। बहुत से शहरों में तो अभी से ही यह स्थिति देखने को मिलती है।

जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग भारी मात्रा में जल प्रदूषित भी करते हैं। जिसके कारण जलीय प्राणियों को भी अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

हम सभी लोगों का यह कर्तव्य है कि हम जल को साफ रखें ताकि हमें जल की कमी कभी महसूस ना हो साथ ही साथ जलीय जंतु को भी कोई हानि ना हो। 

जल ही जीवन है – निबंध 3

जल प्रकृति के सबसे खास उपहारों में से एक है! इस धरती पर जीवित रहने के लिए वायु की जितनी आवश्यकता होती है। उतनी ही आवश्यकता जल की भी है।

 जल के बिना इस धरती पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है। चाहे जलीय प्राणी हो या फिर स्थलीय प्राणी मनुष्य हो या पेड़ पौधे जल के बिना जीवित रहना नामुमकिन है। इसीलिए तो जल को जीवन की संज्ञा दी गई है। 

जल का महत्व व उसकी प्राप्ति 

इस धरती पर रहने वाले हर प्राणी को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता है। जल विशेषतया हमें नल, कुएं, तालाब, झील, समुद्र आदि से प्राप्त होता है। हालांकि समुंद्र जल में नमक की मात्रा अधिक होने के कारण उस जल का उपयोग पीने के लिए नहीं किया जाता है। 

इतना ही नहीं समुद्र के जल को पीने योग्य बनाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए झील, तालाब और कुएं के जल को ही पीने के लिए उपयोग में लाया जाता है। 

जल के महत्व को समझना है तो आप उस जगह पर जा कर देखिए जहां सूखा पड़ा है! जिस जगह पर जल की कमी होती है उस जगह पर मिट्टी सूख जाती है जिसके कारण फसल उगाना भी नामुमकिन हो जाता है जिसके कारण लोगों को आर्थिक नुकसान भी होता है। 

कृषि प्रधान होने के कारण हमारे देश के हर कोने में खेती की जाती है लेकिन इसके बावजूद कई स्थानों पर जल की बहुत ही समस्या है। इस समस्या से परेशान होकर किसान कई बार आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाते हैं।

जल के महत्व को समझना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। वरना आने वाले समय में शायद हम भी जल की कमी के कारण अपने जीवन में संघर्ष करने पर मजबूर हो जाएंगे।

जल ही जीवन है – निबंध 4 

आपने यह तो जरूर सुना होगा कि “जल है तो कल है” चाहे आप दुनिया के किसी भी हिस्से में क्यों ना चले जाए! जल की आपूर्ति के बिना आप जीवित ही नहीं रह सकते हैं। 

जल स्रोतों में कमी और जल प्रदूषण

 जिस तरह से इंसान प्रगति की ओर बढ़ रहा है। वैसे वैसे शुद्ध जल से प्राप्ति के स्त्रोत भी धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। अब तो ऐसा हो गया है जैसे हमें अशुद्ध जल पीने की ही आदत हो गई है। और इसका सबसे बड़ा कारण जल की कमी है।

जल को बर्बाद करने के साथ-साथ लोग इसे अंधाधुंध प्रदूषित कर रहे हैं! चाहे बात जानवरों के नहाने की हो या फिर फैक्ट्री के कचरे को नदी में बहाने की हो। लोग जल को हर तरह से गंदा कर रहे हैं! जल प्रदूषण के कारण वैसे तो लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन फिर भी लोग अपनी आदत नहीं सुधार रहे हैं। 

जल प्रदूषण के कारण होने वाली बीमारी

जल प्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है जैसे लूज मोशन, डायरिया, डिसेंट्री आदि। यह सभी परेशानियां ऐसी हैं जिनका इलाज अगर सही समय पर ना किया जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती हैं। 

अगर कोई प्रदूषित जल का सेवन करता है तो उसे आंख में जलन, सांस लेने में तकलीफ, ‌टीबी, गले में इंफेक्शन, साइनस, अस्थमा एवं फेफड़ों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। 

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय

जल प्रदूषण को रोकने और जल की बर्बादी को कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है, लोग इस बारे में सतर्क भी हो रहे हैं। लोगों को जल प्रदूषण के प्रति जागरूक करने के लिए अलग-अलग एनजीओ/संस्थाओं के द्वारा कई अभियान चलाए जाते हैं।

इन अभियानों में लोगों को जल का महत्व समझाया जाता है। इतना ही नहीं लोगों को यह भी बताया जाता है कि वह किस तरह जल की बर्बादी को रोक सकते हैं और जल संरक्षण करने में सरकार की सहायता कर सकते हैं।

 सरकार भी देश की समस्या को लेकर नई नई योजनाएं जैसे जल संरक्षण योजना, जल जीवन योजना लागू कर रही है। ताकि जल की कमी होने से रोका जा सके।

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Essay on Water Pollution in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए जल प्रदूषण पर 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध

water essay in hindi for class 7

  • Updated on  
  • अक्टूबर 20, 2023

Essay on Water Pollution in Hindi

जल ही जीवन है, यह सिर्फ एक कथन नहीं है बल्कि मनुष्य के जीवन के लिए सबसे आवश्यक पदार्थ है। जल मानवों द्वारा उपयोग किया जाने वाले सबसे अधिक महत्वपूर्ण रिसोर्स है। यह मानव जीवन का एक अभिन्न अंग है, जो कि झीलों, नदियों, तालाबों, समुद्र और भूमि से प्राप्त होता है। जल प्रदूषण की समस्या को समझते हुए कई बार विद्यार्थियों को इसके ऊपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहां Essay on Water Pollution in Hindi दिया गया है, जिसे आप अपने स्कूल या कॉलेज के प्रोजक्ट में प्रयोग कर सकते हैं।

This Blog Includes:

जल प्रदूषण क्या होता है, जल प्रदूषण पर निबंध लिखते समय किन-किन बिंदुओं को लिखें, जल प्रदूषण पर निबंध 100 शब्दों में  , जल प्रदूषण पर निबंध 200 शब्दों में   , जल प्रदूषण के कारण, जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव, जल प्रदूषण पर नियंत्रण, जल प्रदूषण पर 10 लाइन्स , जल प्रदूषण पर कोट्स , जल प्रदूषण से जुड़े कुछ तथ्य .

जल के प्रदूषण से यह तात्पर्य नदियों, झीलों, महासागरों और भूजल जैसे जल निकायों में पदार्थों या प्रदूषकों द्वारा प्रदूषण से है क्योंकि ये पानी की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। इसके साथ यह पानी पर निर्भर जीवों को नुकसान पहुँचाते हैं। इन पॉल्यूटेन्स में केमिकल्स, इंडस्ट्रियल वेस्ट, सीवेज, आयल स्पिल्स, एग्रीकल्चरल रनऑफ और भी बहुत कुछ तत्व शामिल हो सकते हैं। जल प्रदूषण का पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और एक्वेटिक इकोसिस्टम पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चिंता बन जाता है।

Essay on Water Pollution in Hindi लिखते समय इन बिंदुओं को ध्यान में रखें-

  • अपने तर्कों का समर्थन करने के लिए रिलेवेंट स्टेटिस्टिक्स और डेटा शामिल करें।  डेटा समस्या की सीमा को मापने और आपकी बातों को अधिक प्रेरक बनाने में मदद कर सकता है।
  • मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट करने के लिए ग्राफ़, चार्ट और छवियों को शामिल करने पर विचार करें।  दृश्य सहायता जटिल जानकारी को आपके पाठकों के लिए अधिक सुलभ बना सकती है।
  • विरोधी दृष्टिकोणों और तर्कों को एक्सेप्ट करें, फिर प्रूफ्स और तर्क के साथ उनका खंडन करें। यह विषय की व्यापक समझ को प्रदर्शित करता है।
  • ग्लोबल लेवल पर जल प्रदूषण पर चर्चा करें।  इस बात पर प्रकाश डालें कि यह किस प्रकार दुनिया भर के देशों को प्रभावित करने वाली समस्या है और इसे संबोधित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग किस प्रकार आवश्यक है।
  • दिखाएँ कि इंडस्ट्रियलाइजेशन और जनसंख्या वृद्धि के कारण समय के साथ यह कैसे अधिक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है।
  • स्थानीय या क्षेत्रीय जल प्रदूषण मुद्दों पर चर्चा करके अपने निबंध को अपने दर्शकों के लिए प्रासंगिक बनाएं।  इससे पाठकों को व्यक्तिगत स्तर पर विषय से जुड़ने में मदद मिल सकती है।
  • स्पष्ट, संक्षिप्त और औपचारिक भाषा का प्रयोग करें।  पूरे निबंध में पेशेवर और वस्तुनिष्ठ लहजा बनाए रखें।
  • पैराग्राफ और सेक्शंस के बीच सुचारू बदलाव सुनिश्चित करें।  अपने निबंध के माध्यम से पाठक का मार्गदर्शन करने के लिए वाक्यांशों का उपयोग करें।
  • अपना निबंध सबमिट करने से पहले, व्याकरण संबंधी त्रुटियों, वर्तनी की गलतियों और स्पष्टता के लिए इसे सावधानीपूर्वक प्रूफरीड और एडिटिंग करें। नए सिरे से इसकी समीक्षा करने के लिए किसी और से पूछने पर विचार करें।

हमारे आस पास जल में प्रदूषण एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है यह जल प्रदूषण नेचुरल वाटर बॉडी में हानिकारक पदार्थों के प्रवेश के कारण होता है। यह इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज, एग्रिकल्चरल रन ऑफ और सीवेज के इंप्रोपर डिस्पोजल के परिणामस्वरूप हो सकता है। यह संदूषण जलीय इकोसिस्टम, वाइल्ड लाइफ और ह्यूमन हेल्थ के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। पानी में हानिकारक केमिकल और पॉल्यूटेंट जलीय जीवों की मृत्यु का कारण बन सकते हैं, फूड चेन को बाधित कर सकते हैं और जल स्रोतों को पीने योग्य नहीं बना सकते हैं। परिणामस्वरूप, हमारे ग्रह के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जल प्रदूषण को संबोधित करना आवश्यक है।  इस समस्या को कम करने और सभी के लिए स्वच्छ और सुरक्षित जल स्रोत सुनिश्चित करने के लिए सख्त नियम, जिम्मेदार अपशिष्ट प्रबंधन और सार्वजनिक जागरूकता महत्वपूर्ण हैं।

प्लैनेट अर्थ पर लोगों के लिए वाटर अबन्डेन्ट क्वांटिटी में है।  यह अर्थ के सर्फेस के ऊपर और अंडर ग्राउंड दोनों जगहों पर मौजूद मौजूद है।  बड़ी नदियाँ, तालाब, समुद्र और साथ में बड़े महासागर इस पृथ्वी के सर्फेस पर पाए जाने वाले कुछ सबसे अधिक मुख्य वाटर सोर्स हैं। हमारे आस पास इतना अधिक पानी होने के कारण भले ही हमारी दुनिया अपने स्वयं के पानी की भरपाई कर सकती है, समय के साथ, हम मौजूद पानी की प्रचुरता को नष्ट और ठीक तरह से उपयोग नहीं कर रहे हैं। पृथ्वी की सतह पर उसके 70% से अधिक हिस्सा पानी से और सिर्फ 30% जमीन से ढका हुआ है, बहुत सारे करणों की वजह से तेजी से बढ़ रहा जल प्रदूषण मरीन लाइफ और मनुष्यों को प्रभावित करता है। पृथ्वी पर पानी के इस अन एवन डिस्ट्रीब्यूशन और पृथ्वी पर लोगों की बढ़ती आबादी के कारण इसकी बढ़ती मांग को लेकर हर कोई चिंतित होने लगा है।

बड़े शहरों सीवेज और कमर्शियल वेस्ट डिस्चार्ज वाटर पॉल्यूशन में योगदान देने वाले दो सबसे हार्मफुल कारक हैं। मिट्टी या ग्राउंड वाटर सिस्टम के साथ-साथ बारिश के माध्यम से जल आपूर्ति तक पहुंचने वाले कंटामिनेंट जल प्रदूषण के कुछ इंडाइरेक्ट सोर्सेज के उदाहरण हैं।  विजिबल इंप्यूरिटीज की तुलना में केमिकल कंटामिनेंट को वाटर बॉडी से निकालना अधिक खतरनाक और चैलेंजिंग होता है, जिन्हें फिजिकल क्लीनिंग या फ़िल्टरिंग द्वारा आसानी से समाप्त किया जा सकता है। जब पानी में केमिकल मिक्स किए जाते हैं तो पानी की स्पेशियलिटीज पूरी तरह से बदल जाती हैं, जिससे लोगों एक द्वारा इसका उपयोग खतरनाक हो जाता है और शायद यह घातक हो जाता है।

वाटर पॉल्यूशन को रोकने के लिए, नागरिक और सरकार के रूप में हमारे द्वारा कई सारे कदम उठाए जा सकते हैं।  चूंकि वाटर एफिशिएंसी और प्रोटेक्शन सस्टेनेबल वाटर मैनेजमेंट के आवश्यक तत्व हैं, इसलिए जल के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।  इंटेलिजेंट इरिगेशन सिस्टम और सौर डिसेलिनेशन पानी के मैनेजमेंट और प्रोटेक्शन के लिए क्लीन टेक्नोलॉजी के उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

वाटर पॉल्यूशन को रोकने के लिए रैन वाटर हार्वेस्टिंग और पानी का पुन: किसी तरीके से उपयोग एक उत्कृष्ट तरीका है।  पुनः प्राप्त अपशिष्ट जल और वर्षा जल एकत्र होने के कारण भूजल और अन्य नेचुरल वाटर सोर्स कम तनाव में हो सकते हैं। पानी की कमी से बचने का एक तरीका भूमिगत जल का पुनर्भरण है, जो पानी को सर्फेस वाले जल से भूमिगत जल में ट्रांसफर करने में सक्षम बनाता है।

जल प्रदूषण पर निबंध 500 शब्दों में 

Essay on Water Pollution in Hindi 500 शब्दों में निबंध यहां दिया गया है-

जल, हमारी पृथ्वी की जीवनधारा, एक सीमित और अमूल्य संसाधन है जो सभी जीवित जीवों और इकोसिस्टम को बनाए रखता है।  यह हमारे परिदृश्य को आकार देता है, हमारी नदियों और झीलों को भरता है, और हमारी प्यास बुझाता है।  हालाँकि, वह पदार्थ जो जीवन को कायम रखता है, उस खतरे से तेजी से खतरे में है जो भौगोलिक सीमाओं से परे और समय से परे है: जल प्रदूषण।  जल प्रदूषण, असंख्य हानिकारक पदार्थों द्वारा जल निकायों का संदूषण, हमारे पर्यावरण के स्वास्थ्य, जलीय पारिस्थितिक तंत्र की जीवन शक्ति, समुदायों की भलाई और हमारे ग्रह के भविष्य के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा करता है।  इस निबंध में, हम जल प्रदूषण के कारणों, परिणामों और इस रोकने के बारे में जानिए। 

हमारे आस पास के जल में होने प्रदूषण के कारण निम्न प्रकार से हैं:

  • इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज: फैक्ट्रियां और औद्योगिक सुविधाएं अक्सर जल निकायों में हार्मफुल केमिकल्स, भारी धातुएं और अपशिष्ट छोड़ती हैं, जिससे वे दूषित हो जाते हैं।
  • एग्रिकल्चरल रन ऑफ: किसान खेतों से कीटनाशक, शाकनाशी और उर्वरक नदियों और झीलों में बह सकते हैं, जिससे पोषक तत्व प्रदूषण होता है और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचता है।
  • सीवेज और वेस्ट वाटर: अपर्याप्त सीवेज उपचार संयंत्र रोगजनकों और प्रदूषकों को लेकर अनुपचारित सीवेज को जल स्रोतों में छोड़ सकते हैं।
  • ऑइल लीकेज: जहाजों और तेल रिगों से किसी न किसी कारण या जानबूझकर ऑइल लीकेज का मरीन इकोलॉजी तंत्र पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है।
  • माइनिंग एक्टिविटीज: खनन कार्य खतरनाक सामग्री और तलछट को पास के जल निकायों में छोड़ सकते हैं, जिससे जलीय जीवन को नुकसान पहुँच सकता है।
  • इंप्रूपर वेस्ट डिस्पोजल: घरेलू और ठोस कचरे के अनुचित निपटान के परिणामस्वरूप प्रदूषकों का भूजल में रिसाव हो सकता है।
  • नए निर्माण और शहरी अपवाह: शहरी क्षेत्रों से तलछट, निर्माण मलबा और प्रदूषक बारिश के दौरान जल निकायों में प्रवाहित हो सकते हैं, जिससे पानी की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है।
  • एटमॉस्फेरिक डिपोजिशन: वायुजनित प्रदूषक, जैसे अम्लीय वर्षा, जल निकायों में गिर सकते हैं, जिससे अम्लीकरण और संदूषण हो सकता है।
  • लैंडफिल: अनुचित तरीके से प्रबंधित लैंडफिल प्रदूषकों और रसायनों को भूजल में प्रवाहित कर सकते हैं, जिससे यह प्रदूषित हो सकता है।
  • हार्मफुल एल्गी एरप्शन: पोषक तत्वों के प्रदूषण से हार्मफुल एल्गी एरप्शन की वृद्धि हो सकती है, जिससे विषाक्त पदार्थ पैदा होते हैं जो पानी की गुणवत्ता और जलीय जीवन को प्रभावित करते हैं।

Essay on Water Pollution in Hindi में अब जानते हैं कि जल प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव क्या-क्या होते हैं, जो इस प्रकार हैं:

एक्वाटिक इकोसिस्टम को नुकसान:

  • खाद्य श्रृंखलाओं और जलीय पारिस्थितिकी प्रणालियों का विघटन।
  • ऑक्सीजन के स्तर में कमी के कारण मछली और अन्य जलीय प्रजातियों में गिरावट आ रही है।
  • पोषक तत्वों के प्रदूषण के कारण शैवाल का खिलना और पौधों की अत्यधिक वृद्धि, जो ऑक्सीजन की कमी कर सकती है और जलीय जीवन को नुकसान पहुंचा सकती है।

वाटर क्वालिटी डिग्रेडेशन:

  • पेयजल स्रोतों का संदूषण, जिससे मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहा है।
  • पीने के पानी में खराब स्वाद और गंध आना।
  • पानी की स्पष्टता और गंदलापन कम हो गया।

मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम:

  • सूक्ष्मजीवी संदूषण से जलजनित रोग, जैसे हैजा और पेचिश।
  • जहरीले रसायनों, भारी धातुओं और कार्बनिक प्रदूषकों के संपर्क में आने से कैंसर, प्रजनन समस्याएं और तंत्रिका संबंधी विकार सहित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

लॉस ऑफ बायोडायवर्सिटी:

  • आवास विनाश और प्रदूषण के कारण जलीय प्रजातियों का ह्रास या विलुप्त होना।
  • प्रभावित जल निकायों में जैव विविधता में कमी।

इकोनॉमिक इंपैक्ट:

  • मछली पकड़ने और पर्यटन पर निर्भर लोगों की आय और आजीविका का नुकसान।
  • जल उपचार और प्रदूषण सफाई से जुड़ी लागत।

मिट्टी दूषण:

  • जल प्रदूषण से होने वाला अपवाह मिट्टी को प्रदूषित कर सकता है, जिससे कृषि उत्पादकता और खाद्य सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
  • वायुमंडल में छोड़े गए प्रदूषक अम्लीय वर्षा के रूप में पृथ्वी पर लौट सकते हैं, जो एक्वेटिक इकोसिस्टम और स्थलीय वातावरण को और नुकसान पहुंचा सकते हैं।

प्राकृतिक प्रक्रियाओं का विघटन:

  • पानी के तापमान, पीएच स्तर और ऑक्सीजन सामग्री में परिवर्तन, जो पोषक चक्र और प्रकाश संश्लेषण जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाओं को बाधित कर सकता है।

नकारात्मक सौंदर्य प्रभाव:

  • भद्दे और प्रदूषित वाटर बॉडीज़ मनोरंजक गतिविधियों और पर्यटन को बाधित कर सकते हैं।

लॉन्ग टर्म एनवायरमेंट डैdamag

  • समय के साथ संचित प्रदूषण से जलीय पर्यावरण को लंबे समय तक नुकसान हो सकता है और इसे ठीक करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

Essay on Water Pollution in Hindi जानने के साथ-साथ वाटर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए कुछ टिप्स यहां दी गई है-

  • घरों में सिंक में खाना पकाने की चर्बी या किसी अन्य प्रकार की चर्बी, तेल या ग्रीस न डालें।  फेट को कलेक्ट करने के लिए सिंक के नीचे एक “फैट जार” रखें और भर जाने पर सॉलिड वेस्ट में फेंक दें।
  • हाउसहोल्ड केमिकल्स या क्लीनिंग एजेंट्स को सिंक या शौचालय में न फेंके।     
  • किसी भी प्रकार की गोलियाँ, लिक्विड या पाउडर वाली दवाएँ या नशीले पदार्थों को शौचालय में न बहाएँ। सभी प्रकार के मेडिकल वेस्ट के उचित निपटान पर अधिक ध्यान दें।
  • टॉयलेट को डस्टबिन बनाकर उसका प्रयोग करने से बचें। छोटे मोटे वेस्ट्स टिश्यू, रैपर, धूल के कपड़े और अन्य कागज के सामान को उचित तरीके से डस्टबिन में फेंक देना चाहिए।  फाइबर रीइनफोर्स्ड क्लीनिंग प्रोडक्ट्स जो अधिक पॉपुलर हो गए हैं उन्हें कभी भी टॉयलेट में नहीं फेंकना चाहिए।
  • गारबेज डिस्पोजल का उपयोग करने से बचें।  सॉलिड वेस्ट को सॉलिड ही रखें जिससे वो वाटर पॉल्यूशन का कारण न बने।  सब्जियों के अवशेषों से खाद का ढेर बनाएं।
  • वाटर एफिशिएंट टॉयलेट स्थापित करें।  इस बीच, प्रति फ्लश पानी के उपयोग को कम करने के लिए स्टैंडर्ड टॉयलेट टैंक में एक ईंट या 1/2 गैलन कंटेनर रखें।
  • डिशवॉशर या कपड़े धोने की मशीन तभी चलाएं जब आपके पास पूरा लोड हो।  इससे बिजली और पानी की बचत होती है।
  • जब आप कपड़ों या बर्तनों को धोते समय डिटर्जेंट और/या ब्लीच की न्यूनतम मात्रा का उपयोग करें।  केवल फॉस्फेट मुक्त साबुन और डिटर्जेंट का उपयोग करें।
  • पेस्टीसाइड्स, हर्बीसाइड्स, फर्टिलाइजर्स का उपयोग कम से कम करें।  इन केमिकल्स, मोटर तेल, या अन्य ऑटोमोटिव लिक्विड सब्सटेंसेज को सैनिटरी सीवर या स्टॉर्म सीवर सिस्टम में न डालें।  दोनों का अंत नदी पर होता है।
  • यदि आपके घर में एक सम पंप या सेलर ड्रेन है, तो इस बात को जरूर सुनिश्चित करें कि यह सैनिटरी सीवर सिस्टम में न बहे। 

वाटर पॉल्यूशन हमारे एनवायरमेंट, एक्वैटिक इकोसिस्टम, ह्यूमन हेल्थ और हमारे प्लैनेट अर्थ की समग्र भलाई के लिए दूरगामी और बहुत अधिक विनाशकारी परिणामों वाला एक गंभीर वैश्विक मुद्दा है। यह विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न होता है, जिनमें इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज, एग्रिकल्चरल रन ऑफ, सीवेज और इंप्रोपर वेस्ट डिस्पोजल शामिल हैं, जो हमारी वाटर बॉडीज के पॉल्यूशन का कारण बनते हैं। वाटर पॉल्यूशन के परिणाम असंख्य और गंभीर हैं, और इनमें इकोलॉजिकल, इकोनॉमिकल और पब्लिक हेल्थ एस्पेक्ट्स शामिल हैं।

पृथ्वी के सबसे कीमती रिसोर्सेज की सिक्योरिटी के लिए वाटर पॉल्यूशन को कंट्रोल करने और प्रिवेंशन के प्रयास आवश्यक हैं। रेगुलेटरी मीजर्स, वेस्ट जल उपचार, सस्टेनेबल एग्रीकल्चर और इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेज और पब्लिक अवेयरनेस कैंपेन इस मुद्दे को संबोधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। पॉल्यूशन कंट्रोल मीजर्स को लागू करने और लागू करने के लिए सहयोगात्मक रूप से काम करना सरकारों, इंडस्ट्रीज़, कम्यूनिटीज और इंडिविजुअल्स पर निर्भर है।

जल प्रदूषण की गंभीरता के लिए तत्काल और निरंतर कार्रवाई की आवश्यकता है।  यह न केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी का मामला है, बल्कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य और समृद्धि के संरक्षण के लिए एक मूलभूत आवश्यकता भी है।  स्वच्छ जल एक मौलिक मानव अधिकार है, और सामूहिक कार्रवाई करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यह सभी के लिए सुलभ और प्रदूषण रहित बना रहे।

वॉटर पॉल्यूशन की सीरियसनेस के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है।  यह न केवल पर्यावरणीय जिम्मेदारी का मामला है, बल्कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों के स्वास्थ्य और समृद्धि के संरक्षण के लिए एक मूलभूत आवश्यकता भी है।  स्वच्छ जल एक मौलिक मानव अधिकार है, और सामूहिक कार्रवाई करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यह सभी के लिए सुलभ और प्रदूषण रहित बना रहे।

Essay on Water Pollution in Hindi पर 10 लाइन्स यहां दी गई है-

  • मुख्यतः वाटर रिसोर्सेज के दूषित होने से जल प्रदूषण होता है।
  • नदियों में इंडस्ट्रियल डिस्चार्ज का सीधा डिस्पोजल नदी के पानी को जहरीला बनाता है।
  • घरों से निकलने वाले जल की निकासी में गंभीर रोगजनक होते हैं जिन्हें नदियों में बहाए जाने पर महामारी फैल सकती है।
  • चट्टानों और मिट्टी में मौजूद आर्सेनिक जैसी भारी धातुएँ पानी को दूषित कर देती हैं और भूजल को जहरीला बना देती हैं।
  • कृषि गतिविधियों में उपयोग किए जाने वाले फर्टिलाइजर्स और पेस्टीसाइड्स सतह के साथ-साथ भूमिगत जल को भी प्रभावित कर सकते हैं।
  • ऑयल स्पिल प्रोसेस से समुद्र में भारी मात्रा में कच्चा पेट्रोलियम निकलता है जिससे मरीन इकोलॉजी प्रभावित होती है।
  • जल प्रदूषण से कोलेरा, टाइफाइड, पेचिश और यहाँ तक कि पॉइजनिंग जैसी कई गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
  • WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार जल से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल पूरी दुनिया लगभग 842000 मौतें होती हैं।
  • यदि हम जल प्रदूषण से लड़ना चाहते हैं तो एक उचित वेस्ट डिस्पोजल सिस्टम होना चाहिए।
  • बेवजह पानी की बर्बादी से बचना और अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमें पानी को साफ और सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है।

Essay on Water Pollution in Hindi रोकने के लिए कोट्स नीचे दिए गए हैं-

  • पानी और हवा, दो आवश्यक तरल पदार्थ जिन पर सारा जीवन निर्भर करता है, वैश्विक कचरा डिब्बे बन गए हैं।” – जैक्स-यवेस कॉस्ट्यू
  •  “जब कुआँ सूख जाता है, तो हमें पानी की कीमत पता चलती है।”  – बेंजामिन फ्रैंकलिन
  •  “जल जीवन का पदार्थ और मैट्रिक्स, मां और माध्यम है। पानी के बिना कोई जीवन नहीं है।”  – अल्बर्ट सजेंट-ग्योर्गी
  •  “जब तक कुआँ सूख नहीं जाता तब तक हमें पानी की कीमत का पता नहीं चलता।”  – थॉमस फुलर
  •  “इक्कीसवीं सदी के युद्ध पानी के लिए लड़े जाएंगे।”  -इस्माइल सेरागेल्डिन
  • “हज़ारों लोग प्रेम के बिना जीवित रहे हैं, पानी के बिना एक भी नहीं।”  – डब्ल्यू एच ऑडेन
  •  “सभी मानवीय ज़रूरतों में सबसे बुनियादी ज़रूरत है समझने और समझे जाने की ज़रूरत। लोगों को समझने का सबसे अच्छा तरीका उनकी बात सुनना है।”  – राल्फ निकोल्स
  • “पानी हमारे जीवनकाल और हमारे बच्चों के जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण संसाधन मुद्दा है। हमारे जल का स्वास्थ्य इस बात का प्रमुख उपाय है कि हम भूमि पर कैसे रहते हैं।”  – लूना लियोपोल्ड
  • “पानी की एक बूंद, अगर वह अपना इतिहास लिख सके, तो हमें ब्रह्मांड की व्याख्या कर देगी।”  – लुसी लारकॉम
  • “अगर हम पर्यावरण को नष्ट कर देंगे तो हमारे पास कोई समाज नहीं होगा।”  – मार्गरेट मीड

Essay on Water Pollution in Hindi जानने के बाद अब जल प्रदूषण से जुड़े कुछ तथ्य नीचे दिए गए हैं-

वाटर स्केरसिटी

  • ग्लोबल लेवल पर लगभग 1.5 अरब (150 करोड़) लोगों के पास सफीशिएंट सीवेज ट्रीटमेंट तक पहुंच नहीं है।  वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि दुनिया भर में लगभग 2.2 अरब लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सेवाएं नहीं हैं, 4.2 अरब लोगों के पास स्वच्छता सेवाएं नहीं हैं, और 3 अरब लोगों के पास बुनियादी हाथ धोने की सुविधाएं नहीं हैं।

घरों में उचित पाइपलाइन का अभाव

  • यूनिसेफ के अनुसार, दुनिया की लगभग 5% पॉपुलेशन खुले में शौच करने के लिए मजबूर है।  यह आस-पास की वाटर बॉडीज की क्वालिटी से समझौता कर रहा है और अत्यधिक स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जहां उचित स्वच्छता आवश्यकताओं तक पहुंच नहीं है।

शहरों में बीमारियाँ तेजी से फैलती हैं

  • शहरों में सुरक्षित पीने योग्य जल और आस पास स्वच्छता की कमी के कारण कोलेरा, मलेरिया, पेचिश, टाइफाइड, पोलियो और दस्त जैसी बहुत सारी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं।  यूनेस्को के अनुसार, पूरी दुनिया में नौ में से एक व्यक्ति असिंचित और असुरक्षित स्रोतों से पानी पीता है, जिसमें जल प्रदूषक होते हैं।

लोगों के लिए गंदा पानी जानलेवा है

  • किए गए अध्ययनों से पता चलता है कि दुनिया भर में होने वाली सभी मौतों में से 3% असुरक्षित या अपर्याप्त पानी, स्वच्छता और स्वच्छता से संबंधित हैं। पूरी दुनिया में अशुद्ध जल स्रोत से होने वाली सामान्य बीमारियाँ हर साल लगभग 485,000 मौतों का कारण बनती हैं।

वेस्ट वाटर का साफ पानी में मिलना

हर दिन, 2 मिलियन टन से अधिक सीवेज और इंडस्ट्रियल और एग्रिकल्चरल वेस्ट पूरी दुनिया के साफ पानी में बहाया जाता है। यह इस ग्रह की पूरी मानव आबादी के कुल वजन के बराबर है। अकेले अमेरिका में, अर्थ आइलैंड जर्नल ने पाया कि 120 मिलियन टन कचरा हर साल लैंडफिल में भेजा जाता है, और उस पूरे कचरे का एक बड़ा हिस्सा पानी के प्राकृतिक निकायों में समाप्त हो जाता है।

पानी की कमी आम होती जा रही है

  • भले ही दुनिया 70% पानी से बनी है, दुनिया भर में 1.1 अरब लोगों के पास साफ पानी तक पहुंच नहीं है, और 2.7 अरब लोगों को हर साल कम से कम एक महीने के लिए पानी की कमी महसूस होती है।  विश्व वन्यजीव के अनुसार, वर्ष 2025 में दुनिया की लगभग दो-तिहाई आबादी को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा, जो मुख्य रूप से जल प्रदूषण के कारण होगा। पूरी दुनिया वाटर पॉल्यूशन की प्रोब्लम से जूझ रही है और इसमें उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका भी शामिल है।  हालाँकि  अमेरिका की जनता को ऐसा लग सकता है कि यह कोई संघर्ष नहीं है जिससे हमारे देश को निपटना है, लाखों लोग हर दिन पानी की कमी और जल प्रदूषण दोनों से प्रभावित होते हैं।

पेस्टी साइड्स  

  • रिसर्च में पता चला की भूजल में 73 से अधिक विभिन्न प्रकार के पेस्टी साइड्स पाए गए हैं जो अंततः हमारे पीने के पानी में मिल जाते हैं, जब तक कि इसे पर्याप्त रूप से फ़िल्टर नहीं किया जाता है।  पूरे देश में फसल वृद्धि के लिए पेस्टी साइड्स का उपयोग किया जाता है, लेकिन हर्बी साइड्स, पेस्टी साइड्स, रोडेंट साइड और फूंगीसाइड ये सभी भूमिगत जल में रिसने के बाद बेहद हानिकारक हो सकते हैं।
  • डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन सेंटर्स के अनुसार, प्रति वर्ष जलजनित बीमारियों के लाखों मामले होते हैं।

इंडस्ट्रियल वेस्ट  

  • प्रतिवर्ष 1.2 ट्रिलियन गैलन से अधिक अनुपचारित सीवेज, भूजल और इंडस्ट्रियल वेस्ट जल में छोड़ा जाता है।  अगर प्रदूषण इसी दर से जारी रहा तो 2050 तक दुनिया की लगभग 46% आबादी को पीने के पानी की कमी से जूझना पड़ेगा।

हमारे आस पास जल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं- 1. ग्लोबल वार्मिंग 2. डिफोरेस्टेशन  3. इंडस्ट्री, एग्रिकल्चर, लाइवस्टॉक फार्मिंग 4. कूड़ा-कचरा और मल-युक्त पानी डंप करना 5. मैरीटाइम ट्रैफिक 6. फ्यूल स्पिलेज

अपने कार्यों में पेस्टी साइड्स, हेर्बी साइड्स, फर्टिलाइजर्स का उपयोग कम से कम करें। केमिकल्स, मोटर ऑयल, या अन्य ऑटोमोटिव लिक्विड प्रोडक्ट्स को सैनिटरी सीवर या स्टॉर्म सीवर सिस्टम में न डालें। दोनों का अंत नदी पर होता है। यदि आपके घर में एक सम पंप या सेलर ड्रेन है, तो सुनिश्चित करें कि यह सैनिटरी सीवर सिस्टम में न बहे।

पानी के सबसे मुख्य सोर्सेज नदियां, लगूंस, तालाब, वेटलैंड्स, आइस बर्ग्स, ग्लेशियर्स, ग्राउंड वाटर, आइस कैप्स, आइस फील्ड्स हैं। 

आशा है कि आपको इस ब्लाॅग में Essay on Water Pollution in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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Importance of Water in Hindi – जल के महत्व पर निबंध

Importance of Water in Hindi

  • Post author By Admin
  • January 22, 2022

आप सब जानते ही है की पानी हम सब लोगो के लिए कितना ज़रूरी है, हम बचपन से हमारे स्कूल में, घर पर यह सुनते आये है की पानी हमारे जीवन में बहुत महत्व रखता है और हमें उसे व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। 

लेकिन यदि में आपसे पूछूं की पानी का हमारे जीवन में क्या महत्व है तो मैं पक्का कह सकता हूँ की आप में से अधिकतर कुछ इस प्रकार के जवाब देंगे। 

हम पानी को पीते है, इस से हम खाना पकाते है, इस से हम अपने कपडे धोते है इत्यादि, पर क्या पानी का बस यही महत्व है?

नहीं, पानी का महत्व इस से कईं अधिक है जो की हम आज के इस ब्लॉग importance of water in Hindi में आपके बताएंगे। 

हम हर बार अपने टॉपिक को पूरी डिटेल में लिखते है, जिस से की आपको आपके एग्जाम में अच्छे अंक भी मिले और आपको टॉपिक के बारे में भी अच्छे से जानकारी मिल जाए। 

आज भी हम पानी के महत्व के बारे में भी डिटेल में बात करेंगे और आपको एक्साम्स के अनुसार भी उत्तर देंगे और साथ में आपके ज्ञान को बढ़ाने के लिए भी अलग से उत्तर देंगे,

तो आप इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ते रहे। 

Table of Contents

Importance of Water in Hindi in Points

हम यहाँ importance of water in Hindi को कुछ पॉइंट्स में बताने वाले है, तो जो लोग केवल पानी के महत्व पढ़ना चाहते है, वो लोग ज्यादा वक़्त बर्बाद किये यहाँ पढ़ सकते है। 

और जो लोग डिटेल में importance of water पढ़ना चाहते है, वो आगे पढ़ते रहे, क्यूंकि हम इन पॉइंट्स में से कुछ ज़रूरी पॉइंट्स को और कुछ नए पॉइंट्स को लेकर निचे डिटेल में बात करने वाले है। 

  • पानी पीने के लिए काम आता है। 
  • पानी से हम अपने दैनिक जीवन की जरुआत पूरी करते है। 
  • सही पाचन तंत्र के लिए पानी बहुत उपयोगी है। 
  • पेड़ पोधो के उगाने के लिए भी पानी अवश्य है। 
  • जानवरो के लिए पानी जीवन का आधार है। 
  • पानी हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है। 
  • पानी शरीर के तापमान को सही रखता है। 
  • बड़े बड़े उद्योगों में पानी का इस्तेमाल होता है।
  • पानी हमारी त्वचा को भी अच्छा रखता है। 

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Importance of Water in Hindi

आपने ऊपर importance of water in Hindi के 9 पॉइंट्स पढ़ें, यदि आप ऐसे ही पॉइंट्स पढ़ना चाहते हो तो आप निचे स्क्रॉल कर सकते हो, निचे भी हमनें कुछ पॉइंट्स शेयर किये है। 

लेकिन यदि आप डिटेल में पानी के महत्व को पढ़ना चाहते हो तो वह कुछ इस प्रकार है -:

जल saliva ( लार ) बनाने में मदद करता है। 

जल saliva को बनाने में सबसे मुख्य भाग होता है, saliva हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत मदद करता है, यह हमारे खाने को तोड़ने में सहायक होता है।

इसकी मदद से हमारा पाचन तंत्र सही रहता है और हम एक स्वस्थ जीवन जीने की ओर आगे बढ़ने लगते है। 

शरीर का तापमान रखने में

जब आप गर्मी में होते हो और या फिर कोई काम या फिर व्यायाम कर रहे होते हो तो हमें पसीना आने लगता है, यह इसलिए होता है ताकि हमारे शरीर का तापमान सही रहें। 

लेकिन जब हम लगातार बहाते रहते है तो हमारा शरीर dehydrate होने लगता है, ऐसे में हमें हमारे शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी पीते रहना चाहिए। 

ताकि जब हमारे शरीर का तापमान बढे तो हमारी शरीर वह पानी को पसीने के ज़रिये बाहर निकाल सके और हमारे शरीर का तापमान सही रह सके। 

Nutrients absorption में 

पानी हमारे शरीर में nutrients को absorb करवाने का भी कार्य करता है, यह हमारे भोजन में से विटामिन्स, मिनरल्स आदि को हमारे शरीर के बाकि अंगो में पहुंचाने का कार्य भी करता है। 

जब हमारे शरीर के सभी अंगो में अच्छे से nutrients पहुँचते है तो हमारा शरीर अच्छे से कार्य कर पाता है, एक स्वस्थ शरीर में पानी का बहुत महत्व होता है। 

वजन कम करने में। 

विज्ञान के कईं शोधो के अनुसार पानी वजन कम करने में भी बहुत लाभदायक है, यदि आप अपने वजन को कम करने की कोशिश कर रहे है तो आप अपने व्यायाम और डाइट को तो अच्छा रखिये, 

उसके साथ में आप यह भी ध्यान रखें की आप अच्छे से पानी पिए, यह आपको वजन कम करने में मदद करेगा। 

मूड को अच्छा करने में

पानी आपके मूड को अच्छा करने में भी मदद करता है, इसके लिए आपको किसी वैज्ञानिक शोध की भी ज़रूरत नहीं है, यह तो आप खुद भी आजमा के देख सकते है। 

जब आपका मूड ख़राब हो, उस समय पानी पीने से आपको आपका मूड सही करने में बहुत मदद मिलती है, पानी पीने से आप रिलैक्स महसूस करते हो। 

तो यदि आपको कभी anxiety महसूस हो और या फिर आपको स्ट्रेस महसूस हो तो तो आप पानी की मदद ले सकते है, इस से आप थोड़ा तो अच्छा महसूस करोगे। 

कुछ वैज्ञानिक शोध भी यह साबित कर चुके है की पानी मूड को अच्छा रखने में बहुत मददगार है। 

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Importance of Water in Hindi in 5 lines

जैसा की हम आपको इंट्रोडक्शन में बता चुके है की हम इस ब्लॉग में पानी के महत्व को डिटेल में भी बतायेंगे, ताकि जो लोग इसके बारे में विस्तार से पढ़ना चाहते है वह विस्तार से पढ़ सकें। 

और हम पॉइंट्स में भी इसके बारे में बताएंगे ताकि जो की बस केवल महत्वो को पढ़ना चाहते है और उनके बारे में जानकरी नहीं चाहते वह भी आसानी से पढ़ सकें। 

यह रहे importance of water in Hindi 5 लाइन्स में -:

  • पानी के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। 
  • यह हमारे पुरे शरीर में मिनरल्स और nutrients को पहुंचाने का प्रयास करते है। 
  • पानी ब्लड प्रेशर को संतुलित रखने में मदद करता है। 
  • पानी वजन कम करने में सहायक होता है। 
  • यह झुर्रियों से बचाव में भी मदद करता है। 

Importance of Water in Hindi 10 lines

अब तक हम पानी के बहुत सारे महत्व आपको बता चुके है, चलिए अब थोड़े और महत्वो पर भी प्रकाश डाल लेते है, यह है 10 importance of water in Hindi -:

  • पानी शरीर के मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है।
  • पानी हमें dehydration से बचाता है।
  • यह हमारे दिमाग के कार्य को भी संचारु रूप से चलाने में मदद करता है।
  • यह हमारे tissues (उत्तक) को सुरक्षित रखता है।
  • जल हमारे स्पाइनल कॉर्ड को अच्छा रखने में बहुत सहायक होता है।
  • यह हमारे जोड़ों को भी अच्छा रखने में मदद करता है।
  • पानी हमारी पुरे शरीर में ऑक्सीजन को पहुँचाने के काम आता है।
  • जल हमें बहुत सारी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  • यह हमारे शरीर को एक्टिव रखने में मदद करता है। 
  • हमें अपने शरीर में बहुत जगहों पर पानी की ज़रूरत होती है। 

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Essay on Importance of Water in Hindi – जल के महत्व पर निबंध

हम ऊपर आपको importance of water in Hindi के बारे में बहुत डिटेल में बता चुके है, हमें आशा है की आपको वह पसंद भी आए होंगे। 

अब हम यहाँ आपके साथ पानी के महत्व के ऊपर कुछ निबंध शेयर करने वाले है, पानी के महत्व एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। 

अक्सर एक्साम्स में इस तरीके टॉपिक्स को पूछा जाता है, इसलिए हम इस टॉपिक को भी अपने ब्लॉग में कवर कर रहे है। 

यहाँ आपको 2 निबंध देखने के लिए मिल जाएंगे, 100 शब्दों वाला और 500 शब्दों वाला, जिस से की आप शार्ट और लॉन्ग दोनों तरह के निबंद को पढ़ पाओ। 

जल के महत्व पर निबंध [Importance of Water in Hindi] 100 words

जल का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, जल के बिना इस धरती पर ज़िन्दगी सम्भव नहीं है। पानी उन चीज़ो में से एक है जिनकी वजह से धरती अब तक एक ऐसा एकलौता गृह है, जिस पर जीवन सम्भव है।
जो चीज़े हमारे जीवन का आधार है, उनमें से एक जल भी है। जल हमारे स्वास्थ्य को अच्छा रखने में भी बहुत मदद करता है। जल के बिना हमारा जीवन सम्भव नहीं है, तो हमें यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए की हमारे पास जल के बहुत कम स्त्रोत है। इसलिए हमें जल को बर्बाद नहीं करना चाहिए और हमें हमेशा जल को बचाने के लिए प्रयत्न करने चाहिए। 

जल ही जीवन है 500 words

जल के हमारे जीवन में महत्वो को कौन नहीं जानता, जल हमारे जीवन का आधार है। जल के बिना हमारा जीवन नहीं है।

हम जल को पीते है, जल हमारे शरीर में ऐसे बहुत से कार्य करता है, जिस से की हमारा शरीर स्वस्थ रहे। जल हमारे दैनिक जीवन के कार्यों में भी काम आता है।

जल से हम नहाते है, कपडे धोना, खाना पकाना इत्यादि चीज़े भी हम जल से ही करते है।

इस धरती पर अच्छे वातावरण के लिए हमें पेड़ पौधों की ज़रूरत होती है, पेड़ पौधों से हमारा वातावरण संतुलित रहता है, पर पेड़ भी बिना जल के उगाये नहीं जा सकते।

इस से आप जल के महत्व का अंदाज़ा लगा सकते है, हर एक चीज़ जो की हमें जीने के लिए चाहिए वह कैसे ना कैसे भी जल से तो जुडी ही होती है।

विज्ञान जल के कईं सारे फायदों को साबित कर चूका है, पानी हमारे शरीर के metabolism को अच्छा करता है और हमें ऊर्जा प्रदान करता है। 

यदि हमें कभी घबराहट हो रही हो तो ऐसे में पानी हमें खुद को रिलैक्स रखने में भी मदद करता है, पानी हमारे पुरे शरीर के  अहम है, यह हमारे पुरे शरीर में nutrients को पहुंचाने में भी सहायता करते है। 

हमें अपने हर रोज के जीवन को अच्छे से जीने के लिए पानी की अव्यश्कता पड़ती है। पानी को केवल इतना ही महत्व नहीं है। 

यह दूसरे कईं तरीको से भी हमारे जीवन को प्रभावित करता है। हमें जीने के लिए वायु, पानी, खाना इन चीज़ो की ज़रूरत होती है। 

यदि हमें साफ़ वायु चाहिए तो उसके लिए हमें पेड़ पौधो की ज़रूरत होती है और बिना पानी के पेड़ पौधों का जीवन भी सम्भव नहीं है। 

ऐसे ही इसके साथ ही हमारे भोजन की बात भी जुड़ जाती है, हम अपने भोजन के लिए बहुत अधिक पेड़ पौधों पर ही निर्भर करते है, हमें भोजन के लिए फसल उगानी होती है जो की बिना पानी के सम्भव नहीं है। 

ऐसे पानी हर तरिके से हमारे जीवन को प्रभावित करता है, जीव जंतु भी हमारी तरह पानी पर निर्भर करते है। 

यदि उन्हें पानी नहीं मिलता तो वह विलुप्त हो जाएंगे और जो हमारा वातावरण है उसका संतुलन भी बिगड़ जाएगा। पानी के इतने महत्व की वजह से ही बचाने पर ज़ोर दिया जाता है। 

धरती पर लगभग 70% जल है, लेकिन पीने योग्य जल बहुत कम है, हमारे जल स्त्रोत जिनका पानी कभी पीने योग्य था वह भी प्रदूषण के कारण अब प्रयोग के लायक नहीं रहे। 

गंदे हो रहे स्त्रोतों की वजह से पानी में रहने वाले जीवों का जीवन भी संकट में आ गया है, इस वजह से कईं जीव अब विलुप्त होने की कगार पर आ गए है। 

जैसे आज हम पानी की बर्बादी कर रहे है, यदि भविष्य में भी ऐसा ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं होगा, जब हमारे पास पीने योग्य पानी नहीं होगा। 

ऐसे में हमारा पूरा जीवन संकट में आ जाएगा, इसलिए हमें अपने भविष्य के लिए अभी से पानी को बचाने के लिए कदम उठाने होंगे। 

आपको हमेशा ध्यान देना चाहिए की कहीं किसी प्रकार से भी जल बर्बाद ना हो रहा हो, यदि ऐसा हो रहा हो तो आप उसे रोके। 

इसके साथ बढ़ रहे जल प्रदूषण को भी हमें रोकना चाहिए, ताकि जो जल स्त्रोत हमारे पास बचे है, हम उन्हें तो प्रयोग कर सकें। 

इसके साथ हमारे जो जल स्त्रोत पीने योग्य नहीं रहें, हमें उन्हें भी पहले स्वच्छ  के लिए कुछ बड़े कदम उठाने चाहिए। 

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Importance of Water in Hindi for Class 4

यदि आप 4th क्लास के लिए importance of water in Hindi पढ़ना चाहते है तो आपको अधिक चिंता की ज़रूरत नहीं है, क्यूंकि 4th कक्षा में साधारण से महत्व की ही बात है, जैसे -:

  • पानी को हम पीते है।
  • पानी से हम नहाते है।
  • इसकी मदद से पेड़ पौधे उगाये जाते है।
  • पानी खाना पकाने के काम आता है।
  • पानी से हम कपडे धोते है।

कुछ इस तरह के पानी के महत्व की हो बात चौथी कक्षा में होती है, लेकिन यदि आपको एडवांस्ड महत्व ही चाहिए तो ब्लॉग में हमने ऊपर बहुत importance of water in Hindi पहले ही लिख रखें है, आप उन्हें पढ़ सकते हो। 

Importance of Water in Hindi for Class 5

हम जब इस टॉपिक के बारे में अच्छे से अच्छा कंटेंट लिखने के लिए रिसर्च कर रहे थे, तब हमनें जाना की बहुत लोग कक्षा 5 के लिए importance of water in Hindi ढूंढ रहे है।

तो यदि आप भी कक्षा 5 के लिए पानी के महत्वो को खोज रहे है तो पहले तो आप ऊपर दिए गए कक्षा 4 के पॉइंट्स को प्रयोग कर सकते है। 

उसके अलावा हम कुछ पॉइंट्स ओर यहाँ पर शेयर कर रहे है, आप उन्हें भी एक बार ज़रूर पढ़ें -:

  • यह गर्मी के मौसम में आपकी बहुत सहयता करता है।
  • यदि आप व्यायाम करते है तो पानी आपको एक्टिव रखने में बहुत मदद करता है।
  • बुखार होने पर पानी आपकी सेहत को सही करने में बहुत मददगार साबित होता है।
  • बीमारियां जैसे की diarrhea आदि में भी पानी आपके स्वास्थ्य को अच्छा रखने में बहुत मदद करता है।

पानी की कमी के प्रभाव

Importance of Water in Hindi, यह जानने के बाद आपको पानी की कमी के प्रभावो के बारे में भी जानना चाहिए। पानी की कमी एक गंभीर मुद्दा है जो विभिन्न प्रभावों के साथ आती है। यहां हमने पानी की कमी के कुछ प्रमुख प्रभावों के बारे में बताया है:-

स्वास्थ्य पर प्रभाव

Dehydration के लक्षण

पानी की कमी से शरीर में Dehydration की स्थिति हो सकती है, जिससे व्यक्ति थकावट, कमजोरी, चक्कर आना और मानसिक तनाव जैसे लक्षणों का सामना कर सकता है।

स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनना

पानी की कमी बाकी स्वास्थ्य समस्याओं का भी मुख्य कारण बन सकती है, जैसे अनुदात्त त्वचा, मुंह का सूखापन, निपटने की क्षमता में कमी, पाचन संबंधी समस्याएं, गुर्दे की समस्याएं, और मस्तिष्क के कार्य को प्रभावित करने वाली समस्याएं।

पर्यावरण पर प्रभाव

जल संकट के बढ़ने का कारण बनना

पानी की कमी से पर्यावरण पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। इसके कारण, जल संकट की स्थिति बढ़ जाती है, जिससे जल संसाधनों की दुर्बलता और विभिन्न वनस्पति, पशु और चिड़ियों की प्रजातियों को प्रभावित करने जैसे प्राणियों के नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

प्राकृतिक संतुलन को प्रभावित करना

पानी की कमी से प्राकृतिक संतुलन पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। नदियों, झीलों और अन्य जलस्रोतों की कमी के कारण, प्राकृतिक जीवन और वनस्पति को अपार नुकसान हो सकता है। यह प्रदूषण की मात्रा को बढ़ा सकता है और पर्यावरणीय संतुलन को प्रभावित कर सकता है।

इस प्रकार, पानी की कमी के प्रभावों को समझना महत्वपूर्ण है। हमें इस जीवनदायी धारणा की मूल्यांकन करना चाहिए और पानी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सक्रिय रूप से योगदान देना चाहिए। इसके बिना, हमारे जीवन, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं।

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तो यह था आज का ब्लॉग importance of water in Hindi, हमें आशा है की आपको आज का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। 

हमनें इस ब्लॉग में पानी के हमारे जीवन में महत्व के बारे में पुरे डिटेल में बात की, साथ ही में हमनें पॉइंट वाइज भी आपको पानी की importance के बारे में बताया है। 

इसके साथ ही हमनें आपको पानी के महत्व के ऊपर कुछ निबंध भी आपके साथ शेयर किये है, ताकि हम अपने हर पाठक को अच्छी जानकरी दे सकें। 

हमें उम्मीद है की आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा, ऐसे ही ओर ब्लोग्स पढ़ने के लिए आप course mentor के साथ जुड़ें रहे। 

जल कैसे जीवन है?

हम अपने सभी दैनिक जीवन के कार्यो को करने के लिए जल पर निर्भर है, हम जल के बिना जीवित नहीं रह सकते, जल हमारे जीवन का आधार है, इस तरह जल जीवन है।

पानी को बचाना क्यों जरूरी है?

जल हमारे जीवन का आधार है, धरती पर लगभग 70 प्रतिशत जल है, लेकिन उसमें कुछ प्रतिशत जल ही पीने के योग्य है, इसलिए हमारे द्वारा जल को बचाना बहुत ज़रूरी है।

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  16. जल ही जीवन है पर निबंध Essay On Water In Hindi

    जल का महत्व पर निबंध Information About Water In Hindi - How Water Come To Earth In Hindi - एक थ्योरी यह भी कहती है कि धरती पर जल धरती की शुरुआत से ही है। 4.56 अरब सालो पहले धरती पर पानी आया था। जब ...

  17. Save Water Essay in Hindi

    Save Water Essay in Hindi Language - पानी बचाओ पर निबंध: Paragraph & Short Essay on Save Water Save Life in Hindi Language for students of all Class in 120, 250, 300 & 500 words. Information about Save Water in Hindi.

  18. जल संरक्षण पर निबंध

    जल संरक्षण पर निबंध | Water conservation Essay in Hindi. जल का महत्व हम जितनी जल्दी समझ जाएँ हमारे लिए उतना अच्छा है और जल संरक्षण के प्रयास हमें अब शुरू करने की आवश्यकता है ...

  19. जल ही जीवन है (निबंध)

    जल ही जीवन है (निबंध) | Essay on 'Water is Life' in Hindi! क्षिति, जल, पावक, गगन और समीर ...

  20. जल है तो कल है पर निबंध: save water essay in hindi, 100 words, 200

    जल है तो कल है पर निबंध, save water essay in hindi (200 शब्द) हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में ...

  21. जल पर निबंध

    जल पर निबंध. 24/08/2021 Ripal. Essay on Water in Hindi: जल एक प्रकार का इस सृष्टि का जीवन दाता है यह सृष्टि पूरी जल के ऊपर ही निर्भर है। जल के बिना ना तो कोई इंसान ...

  22. जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi

    यहाँ जल ही जीवन है पर निबंध- Water is Life Essay in Hindi Language Or Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh. Skip to content. HiHindi.Com. HiHindi Evolution of media ... Life Essay in Hindi Language Or Jal Hi Jeevan Hai Par Nibandh In 100, 150, 200, 250, 300, 400 And 500 Words Short Long Essay For Class 1, 2, 3 ...

  23. Essay on Water Pollution in Hindi

    Essay on Water Pollution in Hindi में अब जानते हैं कि जल प्रदूषण से होने वाले दुष्प्रभाव क्या-क्या होते हैं, जो इस प्रकार हैं: एक्वाटिक इकोसिस्टम को नुकसान:

  24. Importance of Water in Hindi

    Essay on Importance of Water in Hindi - जल के महत्व पर निबंध ... Importance of Water in Hindi for Class 4. यदि आप 4th क्लास के लिए importance of water in Hindi पढ़ना चाहते है तो आपको अधिक चिंता की ज़रूरत ...