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  • 26 जनवरी : गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day) - 100 से 500 शब्दों तक निबंध लिखना सीखें

Updated On: July 16, 2024 02:39 pm IST

  • गणतंत्र दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Republic …
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गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day in Hindi) - 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारत का गणतंत्र दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है जब 1950 में भारत के संविधान को लागू किया गया था। गणतंत्र दिवस भारत के तीन राष्ट्रीय पर्वों में से एक है, इसलिए इस दिन को हर जाति और संप्रदाय के लोग बड़े सम्मान और उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन स्कूल, कॉलेजों, सरकारी दफ्तर में झण्डारोहण कर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। स्कूल-कॉलेजों में बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण आदि भी प्रस्तुत किये जाते है। गणतंत्र दिवस (Republic Day) 26 जनवरी को मनाया जाता है और यह उस दिन को चिन्हित करता है जब 1950 में भारत का संविधान लागू हुआ था। भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को भारत के संविधान को अपनाया और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसलिए उस दिन से 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह भारत के तीन राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है, अन्य दो गांधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस हैं। इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इस लेख के द्वारा स्कूलों में दिये गये गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध (Essay on Republic Day) लिखना सीख सकते है अक्सर बच्चों को गणतंत्र दिवस का महत्व समझाने के लिए 26 जनवरी पर निबंध (Essay on 26th January in Hindi) लिखने को कहा जाता है। जिसके द्वारा बच्चों को गणतंत्र दिवस के महत्व (Importance of Republic Day) को समझा सके। ये भी पढ़ें- गणतंत्र दिवस 2024 पर भाषण

गणतंत्र दिवस पर 100 शब्दों में निबंध (Essay on Republic Day in 100 words)

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day in Hindi): भारत हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस बहुत गर्व और उत्साह के साथ मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जो प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए महत्वपूर्ण है। यह उस दिन का प्रतीक है जब भारत वास्तव में स्वतंत्र हुआ और लोकतंत्र को अपनाया। दूसरे शब्दों में, यह उस दिन का जश्न मनाता है जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। आजादी के लगभग 3 साल बाद 26 जनवरी 1950 को हम एक धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य बन गए। भारतीय हर साल 26 जनवरी को बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाते हैं। इस दिन लोग अपना धर्म, जाति, लिंग भूल कर इस दिवस को मनाते हैं। यह पूरे देश को एक साथ लाता है। यह सचमुच हमारे देश की विविधता को दर्शाता है। भारत की राजधानी, नई दिल्ली, इसे गणतंत्र दिवस परेड के साथ मनाती है जो भारतीय सेना की ताकत और हमारे देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित करती है। ये परेड अन्य शहरों में भी होती हैं, जहाँ बहुत सारे स्कूल भाग लेते हैं। बच्चों और पेशेवरों को इतना प्रयास करते हुए देखना खुशी की बात है। जिस तरह से वे परेड की शोभा बढ़ाते हैं उससे किसी को भी अपने देश पर गर्व होता है। इस दिन हम राष्ट्रीय ध्वजारोहण भी करते हैं। नई दिल्ली में, भारत के राष्ट्रपति द्वारा हमारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद, सैन्य बैंड द्वारा बजाए गए राष्ट्रगान के साथ 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके अलावा सभी स्कूलों में इस दिन बडें ही धूम-धाम से बच्चों द्वारा तरह-तरह के कार्यक्रम, भाषण कवितायें आदि प्रस्तुत किये जाते है। मिठाईयां बांटी जाती है। यह दिन हर भारतवासियों के लिए बहुत ही गर्व का दिन होता है। हालांकि यह बहुत खुशी का दिन है, हमें स्वतंत्रता के उस संघर्ष को नहीं भूलना चाहिए जिसमें हमारे पूर्वजों ने भाग लिया था।

गणतंत्र दिवस पर 500 शब्दों में निबंध (Essay on Republic Day in 500 words)

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day in Hindi): भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में भारत के लोगों द्वारा बेहद खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, जो 26 जनवरी 1950 में भारत के संविधान के लागू होने के बाद से मनाया जाता है। इस दिन को भारत सरकार द्वारा पूरे देश में राजपत्रित अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इसे पूरे भारत वर्ष में विद्यार्थियों द्वारा स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम भारत जैसे देश के नागरिक हैं जो गणतांत्रिक होने के साथ-साथ लोकतांत्रिक भी है और जहाँ सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day): 15 अगस्त 1947 को हमें ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई, लेकिन हमारे देश में अभी भी एक ठोस संविधान का अभाव था। इसके अलावा, भारत के पास कोई विशेषज्ञ और राजनीतिक शक्तियाँ भी नहीं थीं जो राज्य के मामलों को सुचारू रूप से चलाने में मदद करतीं। तब तक, 1935 के भारत सरकार अधिनियम को मूल रूप से शासन करने के लिए संशोधित किया गया था। हालांकि, वह अधिनियम औपनिवेशिक शासन की ओर अधिक झुका हुआ था। इसलिए, एक विशेष संविधान बनाने की सख्त जरूरत थी जो भारत के सभी विचारों को प्रतिबिंबित करें। इस प्रकार, डॉ. बीआर अंबेडकर ने 28 अगस्त, 1947 को एक संवैधानिक मसौदा समिति का नेतृत्व किया। मसौदा तैयार करने के बाद, इसे 4 नवंबर, 1947 को उसी समिति द्वारा संविधान सभा में प्रस्तुत किया गया। यह पूरी प्रक्रिया बहुत विस्तृत थी और इसमें 166 दिन लग गए। इसके अलावा, समिति द्वारा आयोजित सत्र जनता के लिए खुले रखे गए थे। चुनौतियों और कठिनाइयों से कोई फर्क नहीं पड़ता, हमारी संवैधानिक समिति ने सभी के अधिकारों को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका उद्देश्य सही संतुलन बनाना था ताकि देश के सभी नागरिक अपने धर्म, संस्कृति, जाति, लिंग, पंथ और अन्य से संबंधित समान अधिकारों का आनंद ले सकें। आख़िरकार उन्होंने 26 जनवरी 1950 को देश के सामने आधिकारिक भारतीय संविधान प्रस्तुत किया।

गणतंत्र दिवस पर निबंध (Essay on Republic Day) - गणतंत्र दिवस समारोह

26 जनवरी का दिन भारत के लिए गौरवमय दिन है। इस दिन देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं। विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है। बच्चे इनमें उत्साह से भाग लेते हैं। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं। स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं। विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं। लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। देशवासी देश की प्रगति का मूल्यांकन करते हैं। यह पर्व हम भारतवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। यही वो दिन है, जो हमें हमारे संविधान का महत्व बताता है। भले ही हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ, परंतु भारत को उसका वास्तविक अस्तित्व 26 जनवरी को ही मिला है। 26 जनवरी गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि हमारे देश का संविधान व इसका गणतांत्रिक रूप ही हमारे देश को कश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़ता है। यह वह दिन है जब हमारा देश विश्व मानचित्र में गणतंत्र के रूप में स्थापित हुआ। इस दिन हम सभी नागरिकों को प्रतिज्ञा करनी चाहिए कि हम भारत के संविधान की गरिमा को बनाए रखेंगे। इसकी सुरक्षा करेंगे और शांति व समरसता को बनाये रखेंगे और देश के विकास में सहयोग देंगे। गणतंत्र दिवस के दिन पूरे भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में भी एक बड़े पैमाने पर उत्सव का खास प्रबंध किया जाता है औक बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ की जाती है। इतना ही नहीं इसके बाद तीनों सेनाओं द्वारा परेड होती है। जो सामान्यत: विजय चौक से शुरू होती है और इंडिया गेट पर जाकर खत्म होती है। इस दौरान राष्ट्रपति को तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल, और नभ) द्वारा सलामी दी जाती है। साथ ही अत्याधुनिक हथियारों और टैंकों का प्रदर्शन भी सेना के द्वारा किया जाता है। जो कि हमारे राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है। इतना ही नहीं साथ ही राज्यों की झाकियोँ की प्रदर्शनी, पुरस्कार वितरण, मार्च पास्ट आदि क्रियाएँ भी होती हैं। अंत में पूरे भारत का वातावरण “जन गण मन गण” से गूँजता है।

गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी को यह प्रण लेना चाहिए कि हम अपने भारत देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करेंगे तथा हमेशा एकजुट होकर रहेंगे। भारत को विश्वव्यापी ताकत बनाने का जो सपना हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने देखा था उसे हमें हर हाल में पूरा करना होगा। ये ही गणतंत्र की असली पहचान होगी।

26 जनवरी पर निबंध 10 लाइनों में (Essay on Republic Day in 10 Lines)

  • भारत का गणतंत्र दिवस प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है।
  • 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ।
  • भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान माना गया है।
  • गणतंत्र दिवस राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्र ध्वज का ध्वजारोहण होता है।
  • भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है।
  • 26 जनवरी को विद्यालयों और अन्य शिक्षण और सरकारी संस्थानों में झंडा फहराया जाता है।
  • 26 जनवरी के दिन दिल्ली में इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकाली जाती है।
  • इस परेड में भारत की थलसेना, वायुसेना और नौसेना भाग लेते हैं व अपने तरीके से गणतंत्र दिवस की शोभा बढ़ाते है।
  • इस दिन सभी सरकारी और गैर सरकारी दफ्तर का अवकाश होता है।
  • हमे अपने गणतंत्र और देश के कानून का सम्मान करना चाहिए।

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भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को भारतीय गणराज्य के जन्म के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।

पूर्व वर्षो की भांति इस वर्ष भी 'गणतंत्र दिवस' समारोह 26 जनवरी, 2024 को गौरवपूर्ण ढंग से आयोजित करने तथा राज्य के विभिन्न स्थानों पर प्रातः 10:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज फहराने का निर्णय लिया गया है।

75वें गणतंत्र दिवस 2024 की थीम हैं: 'विकसित भारत' और 'भारत – लोकतंत्र की मातृका' है।

26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।

गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 में भारत का 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।

इस वर्ष देश में 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है।

26 जनवरी को राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं।

बीआर अंबेडकर भारतीय संविधान के जनक थे।

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26 january essay in hindi

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गणतंत्र दिवस | 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में- Republic Day Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Republic Day Essay in Hindi ( Gantantra Diwas | 26 january par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Republic Day in Hindi | 5 well written essay on Republic Day in Hindi. गणतंत्र दिवस पर पूरी जानकारी जैसे की इतिहास, महत्व-विशेषता, राष्ट्रीय पर्व का दिन, राजधानी में समारोह  सरकार के प्रयत्न, राजनीतिक सफलता का निवास  अदि के बारे बताया गया है। 

Republic day Essay in Hindi | राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर निबंध

Republic Day Essay in Hindi 10 Lines

1. गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है।

2. 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी।

3. इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

4. स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया।

5. 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था।

6. इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

7. भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं।

8. राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है।

9. गणतंत्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं।

10. गणतंत्र दिवस समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Read Also- 10 lines on Republic Day in Hindi

Short Republic Day Essay in Hindi ( 150 words )

पहले हमारे देश पर अंग्रेज शासन करते थे। वे अपने कानून से देश चलाते थे । हमारा देश आजाद हुआ । हमने अपने देश को चलाने के लिए स्वयं कानून बनाया। देश को चलाने वाले कानून को ‘संविधान’ कहते हैं। 26 जनवरी 1950 से संविधान के अनुसार देश का काम-काज होने लगा। संविधान में कहा गया है कि हमारा देश ‘गणतंत्र’ है। तब से 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ मनाते हैं।

विद्यालयों, कॉलेजों, दफ्तरों में झण्डा फहराया जाता है। विद्यालयों में खेल कूद की स्पर्धा होती है| बच्चों में मिठाईयाँ बाँटी जाती हैं।

इस दिन दिल्ली में घूम मची रहती है। देश के राष्ट्रपति लाल किले पर झण्डा फहराते हैं । हर राज्य की झांकी निकलती है । सेना के तीनों कमान की परेड होती है। पाठशाला के बच्चे भी परेड में भाग लेते हैं । शाम में राष्ट्रपतिभवन तथा राजपथ को सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। इस तरह 26 जनवरी को लोग बड़े उत्साह से मनाते हैं ।

गणतंत्र दिवस |26 जनवरी पर निबंध | 26 January Essay in Hindi ( 300 words )

गणतंत्र दिवस भारत का महत्त्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। गणतंत्र दिवस का उत्सव प्रति वर्ष छब्बीस जनवरी को भारत के नगर-नगर और ग्राम-ग्राम में बड़े ही हर्ष, उत्साह और उमंग के वातावरण में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस छब्बीस जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे भी एक विशेष भावना काम कर रही है। स्वतन्त्रता संग्राम के दिनों में लाहौर कांग्रेस के अध्यक्ष पद से 26 जनवरी के दिन ही पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि “यदि ब्रिटिश सरकार हमें औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहें तो उसे 31 जनवरी 1931 से लागू करने की घोषणा करे, अन्यथा 1 जनवरी से हमारी माँग पूर्ण स्वाधीनता होगी। तभी से 26 जनवरी को स्वतन्त्रता दिवस मानकर उस दिन पूर्ण स्वाधीनता की माँग दोहराई जाती थी। यह क्रम भारत के स्वाधीन होने तक चला। उसी ऐतिहासिक भावना को सुरक्षित रखने के लिए छब्बीस जनवरी का दिन ही गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।

स्वाधीन होने पर देश के कर्णधारों ने नवीन संविधान का निर्माण किया और 26 जनवरी सन् 1950 को सर्वप्रथम उसे देश पर लागू किया। उसी संविधान के अनुसार देश को गणराज्य घोषित किया गया।

भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव का विशेष आयोजन होता है।

इस दिन प्रातः नौ बजे के लगभग राष्ट्रपति महोदय विजय चौक पर विशेष रूप से सजे हुए मंच पर उपस्थित होते हैं। इसी समय इक्कतीस तोपें दाग कर राष्ट्रपति का अभिवादन किया जाता है। राष्ट्रपति सैनिकों और अन्य नागरिकों को अलंकरण प्रदान करते हैं और तदनन्तः सैनिक संचलन प्रारम्भ होता है। तक राष्ट्रपति भवन से जल, स्थल और वायु सेना के सौनिक पथ संचलन करते हुए और राष्ट्रपति का अभिवादन करते हुए आगे बढ़ते हैं। यह परेड लाल किले तक जाती है। इस संचलन में सैनिकों के अतिरिक्त एन.सी. सी. के छात्र, दिल्ली के चुने हुए विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ तथा सैनिक बैंड भी होते हैं। इनके साथ ही युद्ध में काम आने वाले शस्त्रास्त्रों का प्रदर्शन भी होता है। इसके पीछे विभिन्न प्रान्तों की सुन्दर झाँकियाँ भी होती हैं।

रात को सरकारी भवनों पर प्रकाश किया जाता है। और आतिशबाजी छोड़ी जाती है।

वस्तुतः यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का दिन है, जो हमको देश भक्ति की नवीन प्रेरणा देता है।

Gantantra Diwas Essay in Hindi ( 500 words )

भूमिका

भारत की पवित्र भूमि पर प्रति वर्ष अनेक पर्व तथा उत्सव मनाए जाते हैं। इन पवों का अपना विशेष महत्व होता है, किंतु धार्मिक तथा सांस्कृतिक पवों के अतिरिक्त कुछ ऐसे पर्व हैं, जिनका संबंध सारे राष्ट्र तथा उस में निवास करने वाले जन-जीवन से होता है, ये राष्ट्रीय पर्वो के नाम से प्रसिद्ध हैं। 26 जनवरी इन्हीं में से एक है।

राजनीतिक सफलता का निवास  

छब्बीस जनवरी राष्ट्रीय पर्वो में महापर्व है, क्योंकि मुक्ति संघर्ष के बाद राष्ट्रीय इतिहास में राष्ट्र को सर्वप्रभुता-संपन्न गणतंत्रात्मक गणराज्य का स्वरूप प्रदान करने का श्रेय इसी पुण्य तिथि की है। भारतीय गणतंत्रात्मक लोकराज्य का स्व-निर्मित संविधान इसी पुण्य तिथि को कार्य रूप में परिणत हुआ था। इसी दिन भारत में गवर्नर जनरल के पद की समाप्ति हुई थी और शासन का प्रतीक राष्ट्रपति बना था।

इतिहास

 सन् 1929 में जब लाहौर में कांग्रेस का अधिवेशन हुआ तो उसमें कांग्रेस के अध्यक्ष श्री जवाहर लाल नेहरू बने थे। उन्होंने प्रस्ताव पारित किया कि 26 जनवरी के दिन प्रत्येक भारतवासी राष्ट्रीय पताका के नीचे खड़ा होकर प्रतिज्ञा करे कि हम भारत के लिए पूर्ण स्वाधीनता की माँग करेंगे और उसके लिए अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। तब से प्रति वर्ष 26 जनवरी का पर्व मदाने की परंपरा चल पड़ी। स्वाधीनता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय नेताओं ने 26 जनवरी के दिन नवीन विधान को भारत पर लागू करना उचित समझा। 26 जनवरी, 1950 को प्रात:काल अंतिम गवर्नर जनरल सी राज गोपालचार्या ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रसाद को कार्य भार सोपा था ।

सरकार के प्रयत्न

आज राष्ट्रीय त्योहारों के मनाने का ढंग राष्ट्रीय नहीं बल्कि सरकारी है। यह समारोह इस ढंग से मनाए जाते है की साधारण जनता को न तो इससे प्रेरणा ही मिलती है और न ही समारोहों से उनमें आंतरिक उल्लास और स्फूर्ति की जागृत होती है। सरकार 26 जनवरी को लोकप्रिय उत्सव बनाने के लिए प्रयत्नशील है। दिल्ली में असाधारण समारोह होता है। आशा करनी चाहिए की यह उत्सव नगरों तक सीमित न रह कर ग्रामीण जनता के लिए भी सुरुचिपूर्ण एवं आकर्षण का केंद्र बन जाएगा ।

राजधानी में समारोह  

यद्यपि यह समारोह देश के प्रत्येक ओर-छोर में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है, किंतु भारत की राजधानी दिल्ली में इसकी शोभा देखते ही बनती है। मुख्य समारोह सलामी, पुरस्कार वितरण आदि तो इंडिया गेट पर ही होता है। पर शोभा यात्रा नई दिल्ली की प्राय: सभी सड़कों पर घूमती है। इसके साथ तीनों सेनाएँ घुड़सवार, टैंक, मशीन गनें, टैंक नाशक तोपें, विध्वंसक तथा विमान भेदी आदि यंत्र रहते हैं। विभिन्न प्रांतों के लोग नृत्य तथा शिल्प आदि का प्रदर्शन करते हैं। कई ऐतिहासिक महत्व की वस्तुएँ भी उपस्थित की जाती है छात्र-छात्राएँ भी इसमें भाग लेती हैं और कला का प्रदर्शन करती हैं।

उपसंहार  

26 जनवरी के उत्सव को साधारण जन समाज का पर्व बनने के लिए इसमें पर्त्यक भारतवासी को आवश्य भाग लेना चाहिए । इस दिन राष्ट्रवासियों का आत्म-निरीक्षण भी करना चाहिए और सोचना चाहिए की हमने क्या खोया त था क्या पाया है, अपनी निश्चित की गई योजनाओं में हमें कहाँ तक सफलता प्राप्त हुई है। हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए थे क्या हम वहाँ तक पहुँच पाए है। इस दरसती से आगे बड़ने का दृढ़ संकल्प करना चाहिए ।

Republic Day Essay in Hindi

Republic Day Essay in Hindi Lines

Long Essay on Republic Day in Hindi with headings ( 800 words )

आज संसार में लोकतांत्रिक शासन-प्रणाली सबसे अच्छी मानी जाती है। इस शासन प्रणाली में देश का शासन जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा होता है। 26 जनवरी 1950 को भारतवर्ष में लोकतंत्र की स्थापना हुई। इसलिए यह दिवस हमारे लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यह दिवस हमारे देश के इतिहास में सदा अमर रहेगा। स्वतंत्रता के बाद लोकतांत्रिक प्रणाली कायम करने के उद्देश्य से बड़े-बड़े विधिवेत्ताओं के परामर्श और सहयोग से भारतीय संविधान की रचना की गई। संविधान को बनाने में दो वर्ष ग्यारह मास और अट्ठारह दिन लगे। यही संविधान 26 जनवरी सन् 1950 को लागू हुआ और उसी अनुसार हमारे देश का शासन आरम्भ हुआ। इसी के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की परम्परा शुरू हुई। आज हमारे देश का शासन इसी संविधान के अनुसार चल रहा है। यह दिवस भारत का एक पवित्र पर्व है। यह हमारा महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्यौहार है।

इतिहास ( History of Republic Day in Hindi )

प्रश्न उठता है कि 26 जनवरी का महत्व क्यों है? 26 जनवरी सन् 1926 को रावी नदी के तट पर कांग्रेस अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की अध्यक्षता पं. जवाहर लाल नेहरू कर रहे थे। नेहरूजी के नेतृत्व में इस अधिवेशन में पूर्ण स्वतंत्रता का प्रस्ताव पारित किया गया और यह प्रतिज्ञा की गई कि जब तक हमारा देश पूर्ण स्वतंत्र नहीं होगा, हम आजादी का संघर्ष जारी रखेंगे। सारा देश आजादी की लड़ाई में जुट गया। स्वतंत्रता संग्राम में अनेक वीर शहीद हुए और अनेकों ने जेल यात्राएँ कीं। अंग्रेजों का दमन तेज हुआ, किन्तु भारतीय अपनी स्वतंत्रता के लिए निरंतर संघर्ष करते रहे। अन्ततः 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। शताब्दियों की परतंत्रता की बेड़ियों से भारत माँ मुक्त हुई। पूरा देश खुशी से नाच उठा। जगह-जगह आजादी के उत्सव मनाए गए। अंग्रेज अपने देश वापस चले गये।

महत्व-विशेषता

लोकतंत्र आधुनिक समाज और विश्व की सर्वश्रेष्ठ शासन प्रणाली है। सचमुच हम 26 जनवरी सन् 1950 को ही पूर्ण स्वतंत्र हुए। भारत सार्वभौम देश घोषित हुआ। धर्म निरपेक्षता, लोकतंत्र और समाजवाद हमारी शासन प्रणाली का लक्ष्य निर्धारित हुआ। धर्म, जाति, वर्ण, लिंग आदि के आधार पर भेदभाव भूलकर सब को समान अधिकार प्राप्त हुए। हमारा संविधान इसी मूल भावना को व्यक्त करता है। भारत के हर बालिग नागरिक को मताधिकार का अधिकार प्राप्त हुआ। ज्यों-ज्यों समय व्यतीत हो रहा है, हमारा लोकतंत्र सुदृढ़ होता जा रहा है। हमें अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव सतर्क रहने की आवश्यकता है।

राष्ट्रीय पर्व का दिन

26 जनवरी हमारा परम पवित्र राष्ट्रीय दिवस है। इस दिन समूचे देश में यह पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है । सभी बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री-पुरुष गणतन्त्र को आनन्द और उल्लास के साथ मनाते हैं। भारत की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी बड़ी शान और धूमधाम से मनायी जाती है। भारत के राष्ट्रपति लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और देशवासियों को संदेश देते हैं। इस अवसर पर भारत की तीनों सेनाओं और देश के अन्य भागों की सांस्कृतिक झांकिया निकाली जाती है । राष्ट्रपति भवन, संसद, सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय झंडा फहराया जाता है। देश के अन्य प्रान्तों की राजधानियों में भी इस प्रकार के आयोजन किये जाते हैं। जहाँ राज्यपालों द्वारा राष्ट्रीय पताका फहराई जाती है तथा अनेक सांस्कृतिक आयोजन किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त अन्य शैक्षणिक संस्थाओं, सामाजिक प्रतिष्ठानों द्वारा भी गणतन्त्र दिवस के अवसर पर तरह-तरह के आयोजन किये जाते हैं। प्रात: काल से रात तक खेलकुद, नाटक, कवि सम्मेलन, संगीत आदि के कार्यक्रम पूरे देश में आयोजित किये जाते हैं। इस दिन पूरा भारत उत्सवमय हो जाता है।

उपसंहार

राष्ट्रीय पर्व हमारे हृदय में देश भक्ति की प्रेरणा देते हैं। इस अवसर पर हम देश पर अपने प्राण उत्सर्ग करने वाले शहीदों को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं और उनके जीवन से प्रेरणा लेते हैं। इस दिन हमें यह शिक्षा मिलती है कि बिना त्याग, तप और बलिदान के कोई भी राष्ट्र महान नही बन सकता है। यह पर्व हमें व्यक्तिगत स्वार्थ से उठकर देश, जाति और समाज की सेवा की प्रेरणा देता है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि जिस देश में राष्ट्रीयता का अभाव होता है और लोग अपनी स्वार्थपूर्ति में लगे रहते हैं, उस देश की स्वतन्त्रता कभी सुरक्षित नहीं रह सकती है। अतः हमें पूरी सतर्कता से अपनी स्वतन्त्रता की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।

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गणतन्त्र दिवस पर निबंध । Essay on Republic Day in Hindi Language

26 january essay in hindi

Here is a compilation of Essays on ‘Republic Day’ for the students of the class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12 as well as for teachers. Find paragraphs, long and short essays on ‘Republic Day’ (National Festival) especially written for Teachers and School Students in Hindi Language.

List of Essays on Republic Day

Essay Contents:

  • गणतंत्र दिवस | Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

1. गणतन्त्र दिवस । Essay on Republic Day in Hindi Language (National Festival)

1. प्रस्तावना ।

2. गणतन्त्र दिवस का महत्त्व ।

3. मनाने की रीति ।

4. उपसंहार ।

1. प्रस्तावना:

हमारे देश में सामाजिक एवं धार्मिक त्योहारों के साथ-साथ कुछ ऐसे त्योहार भी हैं, जो हमारे राष्ट्रीय संघर्ष, राष्ट्रीय चेतना एवं जागरण के प्रतीक हैं । इन त्योहारों को हम राष्ट्रीय त्योहार कहते हैं ।

हमारे देश के दो प्रसिद्ध त्योहार हैं 15 अगस्त और जनवरी  26 जनवरी को हम गणतन्त्र दिवस के नाम से पुकारते हैं । यह पर्व हम अपने देश में अत्यन्त उल्लास, उमंग एवं उत्साह से मनाते हैं । प्रत्येक भारतवासी को इस दिवस पर बेहद गर्व है ।

2. गणतन्त्र दिवस का महत्त्व:

15 अगस्त, 1947 को हमारा देश स्वतन्त्र हुआ था, किन्तु हमें वास्तविक आजादी मिली थी 26 जनवरी, 1950 को; क्योंकि इस दिन हमारे देश में लागू हुआ था-हमारा अपना कानून और हमारा अपना संविधान । इस संविधान में भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न लोकरान्त्रात्मक धर्मनिरपेक्ष समाजवादी गणराज्य घोषित किया गया था ।

ADVERTISEMENTS:

26 जनवरी का दिन ही संविधान के लिए क्यों चुना गया ? इस दिन का विशेष महत्त्व है । इसके पीछे स्वतन्त्रता प्राप्ति के दृढ़ संकल्प की एक महान् घटना छिपी हुई है । 26 जनवरी, 1929 को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पण्डित नेहरू के नेतृत्व में ब्रिटिश सरकार के समक्ष पूर्ण स्वराज्य की मांग रखी गयी थी ।

जब तक पूर्ण स्वराज्य प्राप्त नहीं कर लेंगे, तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, ऐसा संकल्प लिया गया था । 26 जनवरी, 1930 को राष्ट्रीय झण्डा फहराकर पूर्ण स्वराज्य प्राप्ति की प्रतिज्ञा के दिन को ही देश का संविधान लागू करने के लिए चुना गया था ।

26 जनवरी, 1930 में रविवार के दिन सारे भारत में राष्ट्रध्वज हाथ में लेकर जुलूस निकाले गये, सभाएं की गयीं और इस बात की प्रतिज्ञा की गयी कि जब तक पूर्ण स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं होगी, आन्दोलन चलता

रहेगा । यह 26 जनवरी सभी के लिए प्रेरणा तिथि व राष्ट्रीय संघर्ष की तिथि बन गयी ।

26 जनवरी, 1950 को लागू हुए संविधान के अनुसार-पण्डित नेहरू ने प्रधानमन्त्री का पद संभाला । डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद राष्ट्रपति बने । भारत की संसद ने इसी दिन अपना सही रूप पाया और प्रान्तों में विधानसभाओं का महत्त्व संसदीय प्रणाली में हो गया ।

भारतीय नागरिकों को सर्वप्रमुख मानते हुए लोकतान्त्रिक सरकार, अर्थात् जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की सरकार बनायी गयी तथा संसदीय प्रणाली के तहत न्यायपालिका, व्यवस्थापिका एवं कार्यपालिका की स्थापना की गयी ।

नागरिकों के लिए कुछ मौलिक अधिकारों एवं कर्तव्यों का प्रावधान किया गया । राज्य के नीति-निर्देशक तत्त्वों के साथ केन्द्र एवं राज्य के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया । भारतीय संघ-व्यवस्था स्थापित की गयी । कठोर एवं लचीली संवैधानिक व्यवस्था ने भारतीय लोकतन्त्र को और अधिक मजबूती प्रदान की ।

इस दिन का महत्त्व हमारे लिए इसलिए भी है; क्योंकि लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी सूझबूझ एवं दूरदर्शिता से लगभग सात सौ रियासतों को भारतीय संघ में विलय करने को तैयार कर लिया । देश का सर्वोच्च शासक एवं तीनों सेनाओं का सेनापति राष्ट्रपति माना जाता है ।

3. मनाने की रीति:

26 जनवरी को हम एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं । राजधानी दिल्ली में यह पर्व विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है । पूरे भारत से लाखों की संख्या में लोग इस उत्सव को देखने के लिए एकत्रित होते हैं ।

कुछ लोग तो इतने उत्साही होते हैं कि 25 जनवरी की रात से राजपथ के दोनों ओर आकर बैठ जाते हैं, ताकि राजपथ से होकर गुजरने वाली परेड को वह प्रारम्भ से देख सकें । विजय चौक से प्रारम्भ होकर लालकिले तक जाने वाली परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण होती है । राष्ट्रपति आठ घोड़ों की बग्घी में बैठकर विजय चौक पधारते हैं । वहां सेना के तीनों अंगों की सलामी स्वीकार करते हैं ।

इसके पश्चात् तीनों सेनाओं द्वारा प्रस्तुत की गयी शोभायात्रा का निरीक्षण करते हैं । सेनाओं की टुकड़ियां मार्च पास्ट करती हुईं राष्ट्रपति का अभिवादन करती हैं । इसी क्रम में युद्ध विषयक विविध सामग्रियों, अस्त्र-शस्त्रों का भव्य प्रदर्शन होता है तथा विभिन्न प्रदेशों द्वारा शानदार झांकियां निकाली जाती हैं ।

इन झांकियों में प्रत्येक प्रदेश अपने आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, औद्योगिक विकास व प्रगति का आकर्षक प्रदर्शन करते हैं । केन्द्रशासित प्रदेशों द्वारा राष्ट्र के विकास, विज्ञान, कला एवं संस्कृति की विभिन्न उपलब्धियां दिखाई जाती हैं । फिर बच्चों के साथ राज्यों के कलाकार भी अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए निकलते हैं ।

सैनिक सलामी का अन्तिम चरण अत्यन्त ही विमोहित कर देने वाला होता है । वायुसेना के 21 विमान आकाश में तिरंगा धुआ फेंकते हुए विभिन्न करतब दिखाते हैं । इस उत्सव का आनन्द उठाने के लिए विदेशी मेहमान भी आते हैं । इस दिन सायंकाल रामलीला मैदान में आतिशबाजी का प्रदर्शन होता है । सायकाल सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है । सभी प्रदेशों के सरकारी कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है ।

स्कूलों तथा कॉलेजों में विद्यार्थी देशभक्तिपूर्ण गीत, भाषण, नृत्य आदि का रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं । 26 जनवरी का दिन हमें याद दिलाता है कि उन अमर शहीदों-मंगलपाण्डे, भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरु बिस्मिल, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद, वीर सावरकर, सुभाषचन्द्र बोस जैसे अमर सेनानियों की; गांधी, नेहरू, तिलक, पटेल की राष्ट्रीय आन्दोलनों में सक्रिय भूमिका रही है, जिनके प्रयत्नों से हमें ब्रिटिश उपनिवेशवादी शक्तियों से आजादी मिली ।

हम अनाम शहीदों को भी याद करते हैं । 26 जनवरी का दिन हमें यह प्रेरणा देता है कि राष्ट्र के प्रति हमें अपने हर कर्तव्य को पूरी ईमानदारी के साथ पूर्ण करना चाहिए । आवश्यकता पड़े, तो अपना सर्वस्व बलिदान करने से भी नहीं आना चाहिए । राष्ट्रहित ही सर्वोपरि है । वस्तुत: यह दिन हमारे लिए अत्यन्त पवित्र एवं महान है ।

4. उपसंहार:

किसी ने ठीक ही कहा है कि आजादी पाने की अपेक्षा उसकी रक्षा करना सबसे कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है । भारतीय गणतन्त्र अपने महान उद्देश्यों एवं संकल्पों के साथ जनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखे हुए है । हमारे गणतन्त्र को खतरा है उन आतंकवादी गतिविधियों से, देशद्रोहियों से, सम्प्रदायवाद से, धार्मिक संकीर्णता से, भष्ट्राचार से ।

हम भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि देश की रक्षा एवं अखण्डता के लिए हम अपना सब कुछ बलिदान कर दें । हमें प्रत्येक परिस्थिति में देश की रक्षा करनी ही है । यह सत्य है कि विभिन्नता में एकता भारतीय संस्कृति की विशेषता है । यही हमारे लोकतन्त्र के चिरस्थायी होने का महत्वपूर्ण आधार भी है ।

2. गणतन्त्र दिवस (26 जनवरी) | Paragraph on Republic Day: 26th of January, for School Students in Hindi Language (National Festival)

हमारे राष्ट्रीय त्योहारों में गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) का स्थान स्वाधीनता दिवस (15 अगस्त) के बाद महत्त्वपूर्ण है । आज ही के दिन हमने अपने राष्ट्र के विकास के एक विशेष संविधान को तैयार करके इसे कार्य-रूप में लागू करने के लिए सब प्रकार की तैयारी और योजना पूरी की थी ।

यह संविधान महामतिमान बाबा डॉ॰ भीमराव अम्बेडकर की अपार बुद्धि और विवेक के द्वारा तैयार हुआ था । इस संविधान को लागू करके हमने अपने राष्ट्र को पूर्ण स्वायत्त गणतन्त्र का स्थान दिया था । इसलिए 26 जनवरी को ‘गणतंत्र दिवस’ कहा जाता है ।

26 जनवरी का दिन हमारी स्वाधीनता के लिए एक अत्यन्त महत्त्व एवं हर्ष का दिन है । 26 जनवरी, 1930 को रावी नदी के तट पर नेहरू जी की अध्यक्षता में पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति का प्रस्ताव काँग्रेस अधिवेशन में पास हुआ । संघर्ष चलता रहा ।

निरीह जनता स्वतंत्रता की बलिवेदी पर चढ़ती रही । अंतत: शहीदों का खून रंग लाया और देश स्वतंत्र हुआ । लौह पुरुष सरदार पटेल की योग्यता और साहस ने भारत की सात सौ रियासतों को मिलाकर तिरंगे झण्डे के नीचे ला दिया ।

26 जनवरी को रावी-तट पर किए गए ऐतिहासिक निर्णय की याद में 26 जनवरी, 1950 को अखण्ड भारत का संविधान लागू कर दिया गया । इस दिन भारत को सर्वोच्च सम्पूर्ण प्रभुता गणराज्य घोषित किया गया । राष्ट्रपति को देश का सर्वोच्च शासक माना गया । तभी से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में माना जाता है ।

26 जनवरी को हम एक महान राष्ट्रीय पर्व के रूप में मानते हैं । राजधानी दिल्ली में यह पर्व विशेष समारोह के साथ मनाया जाता है । विजय चौक से प्रारम्भ होकर लाल किले तक जाने वाली परेड इस समारोह का मुख्य आकर्षण होती है ।

इस  परेड़ को देखने के लिए लोग बहुत सबेरे से ही इकट्‌ठे हो जाते हैं । लगभग प्रात: आठ बजे राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक पर पहुँच जाती है । प्रधानमंत्री उनकी अगवानी करते हैं । इसके बाद तीनों सेनाओं के सैनिक राष्ट्रपति को सलामी देते हैं ।

सैनिकों के बाद स्कूलों के बच्चों की टोलियां आती हैं, जो तरह-तरह के आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करती हैं । बच्चों की ये क्रियाएँ दर्शकों को मन्त्र मुग्ध कर देती हैं । इसके बाद विभिन्न प्रदेशों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों की आकर्षक झाँकिया निकलती हैं ।

उनमें राष्ट्र के विकास के प्रमाण चिह्न विज्ञान, कला, संस्कृति की विभिन्न उपलब्धियाँ दिखाई जाती हैं । पंक्ति बद्ध बैठे हुए दर्शक सामने से गुजरती हुई इन झांकियों को देखकर विशेष गर्व का अनुभव करते हैं । 26 जनवरी के दिन विभिन्न स्थलों पर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम  अपनाएं और आयोजित किए जाते हैं ।

इस देश के प्राय: सभी नागरिक इस महत्त्वपूर्ण त्योहार का विशेष आनन्द लेने के लिए अनेक प्रकार की कार्यविधियों को स्वतंत्रतापूर्वक अपनाया करते हैं । स्कूलों के बच्चे अपनी रंग-बिरंगी पोशाकों में अपने कौशल दिखाते हुए जलूस में भाग लेते हैं ।

देश की राजधानी दिल्ली में प्रदर्शित झाँकियों में विभिन्न हथियारों, टैंकों तथा प्रक्षेपास्त्रों का प्रदर्शन किया जाता है । राज्यों की प्रगति झाँकियों के रूप में दिखाई जाती है, जिससे भारत की उन्नति तथा समृद्धि का अनुभव होता है । ‘विभिन्नता में एकता छिपी है’ की उक्ति से भारत की एकता का ज्ञान होता है ।

इस दिन प्रत्येक प्रान्त की राजधानी में गणतंत्र दिवस बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता  है । झाँकियों आदि के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं । कवि सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं । देश के सभी सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है ।

जगह-जगह राष्ट्रीय झण्डों को फहराया जाता है । भारतीय गणतंत्र की वर्षगांठ के साथ हमारा कर्त्तव्य है कि हम प्रण करें कि भारत की स्वतंत्रता तथा संविधान की मर्यादा रखने के लिए जीवन बलिदान कर देंगे, परन्तु इस पर आँच नहीं आने देंगे ।

देश की समृद्धि के लिए हम तन, मन और धन से जायेंगे । इस प्रकार से हमें गणतंत्र दिवस के विशेष महत्त्व पर पूरा ध्यान देते हुए इस परम सौभाग्यपूर्ण दिवस को एक संकल्प में लेकर देशोत्थान में लग जाना चाहिए ।

3. गणतंत्र दिवस-छब्बीस जनवरी । Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

राष्ट्रीय पर्वों में 26 जनवरी का विशेष महत्व है । स्वतंत्रता से पूर्व इस दिन स्वतंत्र होने की प्रतिज्ञा दोहरायी जाती थी । लेकिन अब स्वतंत्रता मिलने के पश्चात इस दिन हम अपनी प्रगति पर दृष्टि डालते हैं । अखिल भारतीय कांग्रेस के लाहौर में 26 जनवरी, 1929 को हुए अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था कि ”पूर्ण स्वराज्य प्राप्त करना ही हमारा मुख्य ध्येय है ।”

अखिल भारतीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष पं॰ जवाहर लाल नेहरू ने रावी नदी के तट पर घोषणा की थी कि यदि ब्रिटिश सरकार औपनिवेशिक स्वराज्य देना चाहे तो इसके लागू होने की घोषणा 31 दिसम्बर, 1929 तक कर दे । अन्यथा 1 जनवरी, 1930 से हमारी मांग पूर्ण स्वाधीनता की होगी । इस घोषणा के बाद कांग्रेस द्वारा तैयार किया गया प्रतिज्ञा पत्र पढ़ा गया ।

पूर्ण स्वतंत्रता के समर्थन में देश भर में 26 जनवरी, 1930 को तिरंगे ध्वज के साथ जुलूस निकाले गये और सभायें की गईं । इनमें प्रस्ताव पास कर प्रतिज्ञा की गयी जब तक हम पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हो जाते हमारा स्वतंत्रता आंदोलन जारी रहेगा । कोई कितनी बड़ी बाधा उत्पन्न क्यों न हो जाये लेकिन हमारा यह आंदोलन अब थमने वाला नहीं ।

इस आंदोलन के तहत स्वतंत्रता की वेदी पर अनेक लालों का रक्त चढ़ा, कइयों ने लाठी व गोली खाई और जेलों में जाना पड़ा । अंतत: पन्द्रह अगस्त 1947 को देश स्वतंत्र हो गया । भारतीयों का स्वतंत्रता का सपना आखिरकार साकार हो गया ।

सन् 1950 में भारतीय संविधान बनकर तैयार हो गया । डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा तैयार भारतीय संविधान को लागू करने की तिथि को लेकर काफी विचार विमर्श किया गया । अंतत: 26 जनवरी, 1950 को इसे लागू कर दिया गया । इस दिन भारत में प्रजातांत्रिक शासन की घोषणा की गई ।

देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार दिये गये । देश के लिए यह दिन अत्यंत महत्व रखता है । डॉ॰ अम्बेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान में 22 भाग, 7 अनुसूचियाँ तथा 395 अनुच्छे हैं । संविधान में स्पष्ट किया गया है कि भारत समस्त राज्यों का एक संघ होगा ।

जनता में उत्साह और प्रेरणा जागृत करने के उद्‌देश्य से गणतंत्र दिवस के अवसर पर केन्द्र सरकार सहित सभी राज्य सरकारों की ओर से कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं । देश की राजधानी में यह समारोह विशेष रूप से मनाया जाता है ।

गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले शाम को राष्ट्रपति देश के नाम संदेश देते हैं । गणतंत्र दिवस की सुबह इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति का अभिवादन कर इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम की शुरूआत होती है । अमर जवान ज्योति का अभिवादन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है ।

इसके कुछ देर बाद राष्ट्रपति इस अवसर पर सैनिकों द्वारा निकाले जाने वाली  परेड़ की सलामी लेने के लिए इंडिया गेट के पास ही स्थित मंच पर आते हैं । जहां उनका सेना के तीनों अंगों के सेनाध्यक्षों द्वारा स्वागत किया जाता है । इसके बाद वह मंच पर बना आसन ग्रहण करते हैं । इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा सैनिकों को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी करते हैं ।

इसके बाद आरम्भ होती है गणतंत्र दिवस की  परेड़ । इसमें सबसे पहले जल, थल और वायु सेना के वे अधिकारी होते हैं, जिन्हें परमवीर चक्र, अशोक चक्र, शौर्य चक्र आदि से सम्मानित किया जाता है । इसके बाद सेना के तीनों अंगों की टुकड़ियां आती हैं ।

सीमा सुरक्षा बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सहित अन्य अर्द्ध सैनिक बलों की टुकड़ियां भी परेड में शामिल होती हैं ।  परेड़ में सेना व अन्य अर्द्ध सैनिकों के बैंड भी शामिल होते हैं, जो राष्ट्रीय धुन बजाते हैं । इसके बाद सरकारी उपक्रमों सहित राज्यों की संस्कृति व उपलब्धि को दर्शाती झांकियां निकलती हैं । परेड के अंत में स्कूली बच्चे करतब दिखाते हैं ।

राजपथ से शुरू होने वाली यह  परेड़ पहले इंडिया गेट, कनाट प्लेस, मिन्टो रोड होते हुए लालकिले जाती है । लेकिन पिछले एक-दो वर्षों से आतंकवादी गतिविधियों एवं सुरक्षा कारणों से इसका रास्ता बदल दिया गया है । अब यह इंडिया गेट से बहादुरशाह जफर मार्ग होते हुए लाल किले पहुंचती है ।  परेड़ के अंत में वायु सेना के विमान तिरंगी गैस छोड़ते हुए विजय चौक के ऊपर से गुजरते हैं ।

कुछ विमानों द्वारा पुष्प वर्षा भी की जाती है । इस अवसर पर संसद भवन सहित प्रमुख भवनों पर विशेष प्रकाश व्यवस्था की जाती है । उन्हें दुल्हन की तरह सजाया जाता है । इस दिन शाम को राष्ट्रपति द्वारा अपने निवास पर सांसदों, राजनीतिज्ञों, राजदूतों तथा अन्य गणमान्य लोगों को भोज दिया जाता है ।

4.  गणतंत्र दिवस (छब्बीस जनवरी) । Essay on Republic Day – 26th of January, for School Students in Hindi Language (National Festival)

देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले शहीदों का खून रंग लाया और भारत 15 अगस्त सन् 1947 के दिन अंग्रेजों की दासता की बेड़ियों से स्वतन्त्र हुआ परतंत्र भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा अपने स्वार्थ साधने के लिए बनाया गया संविधान ही चला करता था ।

उस शोषक संविधान के बल पर ही अँग्रेज यहाँ राजकाज चलाया करते थे । अत: स्वतंत्रता प्राप्ति के तत्काल बाद इस कटु तथ्य का अनुभव किया गया । साथ ही यह निर्णय भी किया गया कि भारत जैसे सांस्कृतिक दृष्टि से बहुआयामी देश में ऐसा संविधान लागू होना चाहिए कि जो सामूहिक स्तर पर सभी का हित साधन कर सके ।

भारत की सांस्कृतिक गरिमा और अनेकता के साथ-साथ एकता के तत्वों को भी उजागर कर सके । विशेषज्ञों को गठित समिति द्वारा स्वतत्र भारत का नया संविधान तैयार किया गया । वह संविधान ही छब्बीस जनवरी के दिन गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

26 जनवरी, 1950 को स्वतंत्र भारत का संविधान लागू किया गया । इसी दिन भारत संपूर्ण प्रभुतासंपन्न गणतंत्र घोषित किया गया । इसके साथ ही देश की सर्वोच्च-सत्ता जिस व्यक्ति के पास रहेगी उसे राष्ट्रपति कहा जाएगा पहला राष्ट्रपति कौन होगा यह घोषणा इसी दिन की गई । इन्ही कारणों से सारा भारत वर्ष छब्बीस जनवरी का दिन गणतन्त्र दिवस के रूप में राष्ट्रीय पर्व मानकर उत्साह और उल्लास से मनाया करता है ।

26 जनवरी को ही भारत के अपने संविधान लागू करने के पीछे ऐतिहासिक कारण है । 26 जनवरी, 1929 ई. को रावी नदी के तट पर कांग्रेस के अखिल भारतीय लाहौर अधिवेशन में पं॰ जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में यह प्रस्ताव पास किया गया था कि भारत का लक्ष्य पूर्ण स्वराज्य है तथा इसके अतिरिक्त अन्य किसी भी शर्त पर अग्रेजों से समझौता नहीं हो सकता ।

इस प्रस्ताव के अनुरूप प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतन्त्र दिवस मनाया जाने लगा । यही कारण है कि 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ । तब से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता

है । गणतंत्र-दिवस पूरे भारत में तथा भारत से बाहर जहाँ भारतीय लोग रहते हैं वहां पर यह पर्व मनाया जाता है ।

एक तो दिल्ली भारत की राजधानी होने और राष्ट्रपति का निवास यहीं पर होने के कारण केन्द्रीय स्तर पर यह पर्व दिल्ली में ही मनाया जाता है । इसकी तैयारी महीनों पहले आरम्भ हो जाती है ।  वहाँ प्राय: प्रत्येक प्रांत के लोक सांस्कृतिक दल अपने-अपने प्रात की संपूर्णता प्रकट करने वाली झांकियाँ बनाने में लग जाया करते हैं ।

नृत्य-सगीत आदि लोक-कलाओं के प्रदर्शन की तैयारियों में जुट जाते हैं । समाचार पत्र इस तैयारी का जायजा तो करने ही लगते हैं लेकिन अपनी जानकारियों के आधार पर यह सब बता देते हैं कि इस बार गणतंत्र पर्व के अवसर पर राष्ट्रपति के साथ किस देश का व्यक्ति मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेगा ।

छब्बीस जनवरी की सुबह प्रधानमन्त्री तीनों सेनापतियों के साथ मिलकर पहले इंडिया गेट पर जल रही अमर जवान ज्योति पर पहुँचकर अज्ञात अमर शहीदों को सलामी-श्रद्धांजलि देते हैं, फिर राष्ट्रपति का स्वागत करने के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन के सामने स्थित विजय चौक पर आ जाते हैं तब तक अन्य गणमान्य अतिथि दर्शक भी आ जाते हैं ।

इसके बाद विदेशी अतिथि के साथ राष्ट्रपति का आगमन होता है और जनता का अभिवादन करते हुए ध्वाजारोहण और फिर सेना के तीनों अंगों द्वारा इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है । अन्य सैनिक अर्द्धसैनिक बल भी एक-एक करके सलामी देते हुए मंच के सामने से गुजर जाते हैं ।

फिर आधुनिकतम शस्त्रों का प्रदर्शन, तरह-तरह के बैंड, प्रांतों की झांकियाँ और उनके साथ लोक-कलाओं के प्रदर्शन, स्कूलों की छात्र-छात्राओं द्वारा रंग-बिरंगे प्रदर्शन आदि का कार्यक्रम दोपहर तक चलता रहता है । दोपहर बाद परेड-प्रदर्शन करने वाले सभी जन जब मार्च करते लाल किले पर पहुँच जाते हैं । तब दो दिन बाद जब परेड राष्ट्रपति भवन तक पहुँच जाती है तभी गणतंत्र का समापन माना जाता है ।

5. गणतंत्र दिवस | Essay on Republic Day for Teachers in Hindi Language (National Festival)

हमारे देश के राष्ट्रीय पर्वो में से स्वतंत्रता दिवस व गणतत्र दिवस अति महत्त्वपूर्ण पर्व है । इनमे गणतंत्र दिवस की भी अपनी विशेष गरिमा व महिमा है । इस पर्व में हमारा राष्ट्रीय व संवैधानिक गौरव निहित

तात्पर्य व स्वरूप:

गणतंत्र को लोकतंत्र, जनतंत्र व प्रजातंत्र भी कहते है जिसका अर्थ है प्रजा का राज्य या प्रजा का शासन । जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ उस दिन को गणतंत्र दिवस कहते हैं । हमारे देश में सविधान 26 जनवरी, 1950 ई॰ से लागू हुआ इसलिए इस तिथि को गणतंत्र दिवस कहते हैं । हमारा देश 15 अगस्त, 1947 ई॰ को स्वतंत्र हुआ था, उससे पूर्व हमारे देश में राजाओं, सम्राटों व ब्रिटिश सरकार का शासन था ।

स्वतंत्रता के बाद हमारे देश के विद्वान नेताओं ने देश में प्रजातंत्र शासन पद्धति लागू करने के लिए संविधान बनाया जिसको बनाने में लगभग चार वर्ष लग गए । 1946 ई॰ से संविधान बनाना प्रारम्भ हो गया था और दिसम्बर 1949 ई॰ में बनकर यह तैयार हो गया था । इस संविधान को 26 जनवरी, 1950 ई॰ से लागू किया गया । तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हमारे देश मे गणतंत्र दिवस मनाया जाता है ।

ऐतिहासिक महत्त्व:

हमारे लिए 26 जनवरी का बहुत बड़ा ऐतिहासिक महत्त्व है । सन् 1950 से पूर्व भी इस तिथि को सन् 1930 से प्रतिवर्ष स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता था । दिसम्बर 1929 ई॰ को कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में रावि नदी के किनारे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की थी, इसलिए हमारे उन नेताओं ने 26 जनवरी 1930 ई॰ को बसन्त पंचमी के पुण्य अवसर पर स्वाधीनता दिवस मनाने का निश्चय किया ।

तब से प्रति वर्ष 26 जनवरी को स्वा धीनता दिवस मनाया जाता रहा । 15 अगस्त, 1947 ई॰ को देश के स्वतंत्र हो जाने के कारण 15 अगस्त को ही स्वाधीनता या स्वतत्रता दिवस मनाया जाने लगा । लेकिन हमारे नेता 26 जनवरी की गरिमा को बनाये रखना चाहते थे इसलिए हमारे नेताओं ने 26 जनवरी की महिमा व गरिमा को बनाये रखने के लिए 26 जनवरी 1950 ई॰ की तिथि को संविधान लागू करने के लिए निश्चित किया । तब से हम 26 जनवरी को प्रतिवर्ष अपने संविधान का जन्म दिन या अपने गणतंत्र की वर्ष-गाँठ मनाते आ रहे हैं ।

मनाने की परम्परा राष्ट्रीय स्तर पर:

गणतंत्र दिवस समारोह प्रति वर्ष 26 जनवरी को भारत सरकार राष्ट्रीय स्तर पर दिल्ली में बड़ी धूम-धाम के साथ मनाती है । इसकी तैयारी भारत सरकार कई दिन पूर्व से करना आरम्भ कर देती है । गणतंत्र की पूर्व संध्या पर देश का राष्ट्रपति देश के नाम सन्देश देता है, जिसका प्रसारण सचार माध्यमो द्वारा किया जाता है ।

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम उस दिन प्रात: शहीद ज्योति के अभिवादन से प्रारम्भ होता है, जिसे. देश के प्रधानमंत्री इण्डिया गेट पर प्रज्जलित शहीद ज्योति का अभिनन्दन कर देश के शहीदो को श्रद्धाजलि अर्पित करते हैं ।

तत्पश्चात् विजय चौक पर निर्मित सलामी मच पर राष्ट्रपति की सवारी शाही सम्मान के साथ पहुंचती है । वहाँ पर प्रधानमंत्री आदि गणमान्य जन उनका अभिनन्दन करते हैं । उसके बाद गणतंत्र दिवस की परेड़ का शुभारम्भ होता है जो नितान्त दर्शनीय होता है ।

सेना के तीनो अगो के जवानो की कई विभिन्न टुकड़ियों अपने-अपने बैंड की ध्वनियों के साथ पद सचालन करते हुए तथा राष्ट्रपति को अभिवादन करते हुए परेड़ प्रदर्शित करती हैं ।

इसके बाद युद्ध में प्रयुक्त होने वाले अस्त्र-शस्वो की ट्रालियों आती हैं जो सेना में प्रयुक्त विविध रक्षा साधनी से सुसज्जित होती हैं । उसके बाद भारत के विभिन्न प्रान्तो की विभिन्न सांस्कृतिक झाँकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं जो भारत की भिन्नता में एकता प्रदर्शित करती हैं ।

तत्पश्चात्र देश के छात्र-छात्राओं की टुकडियाँ अपने विविध कौशल दिखाते हुई आगे बढती जाती है । अन्त में वायु सेना के लड़ाकू वायुयान भी अपना अनुपम व विचित्र कौशल दिखाते हुए आकाश मे विलीन हो जाते हैं ।

उक्त सारी सवारियाँ विजय चौक से प्रारम्भ होकर लाल किला पहुँचती हैं । उक्त लम्बे पथ पर अपार जनसमूह उमड़ता है जो देश के विभिन्न भागो से आकर गणतत्र दिवस की परेड देखने के लिए दिल्ली पहुंचते हैं ।

दिल्ली के विद्यालयों में:

देश की राजधानी दिल्ली में 26 जनवरी को गणतत्र दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाने के कारण, दिल्ली के विद्यालयो में एक दिन पूर्व ही गणतत्र दिवस का समारोह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है । उस दिन विद्यालय के प्रधानाचार्य सर्वप्रथम ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हैं ।

तत्पश्चात् विद्यालय के छात्र विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं और विभिन्न प्रकार के खेल-कूदो का आयोजन होता है । अन्त में पुरस्कार वितरण व मिष्ठान वितरण के साथ उत्सव का समापन होता है ।

स्वदेश व विदेश में:

26 जनवरी को प्रतिवर्ष देश की प्रातीय राजधानियों में राज्यपाल व मुख्यमत्री ध्वजारोहण के साथ गणतत्र दिवस समारोह का शुभारम्भ करते हैं, फिर दिन भर विविध कार्यक्रम चलते रहते हैं । विद्यालयों व कालेजों में छात्र बड़े हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं ।

शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रमो  में  नाटक, प्रहसन, कवि सम्मेलन आदि सम्पन्न होते है । विदेशो में भी गणतत्र दिवस बडी धूम-धाम से मनाया जाता है । प्रत्येक देश में विद्यमान भारत के दूतावासो मे यह पर्व प्रवासी भारतीयों द्वारा बड़े उल्लास से मनाया जाता है । सम्बन्धित देशों के शासनाध्यक्ष भारत के राष्ट्रपति एवं प्रधानमत्री को बधाई सदेश भेजते हैं ।

प्रत्येक पर्व का जीवन में बहुत बड़ा महत्त्व होता है । गणतंत्र दिवस जो कि हमारे संविधान के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है, हमारे लिए बहुत बड़ा सदेश देता है । इसने देश के प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार प्रदान किए हैं । देश को धर्म-निरपेक्ष, प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र का स्वरूप प्रदान किया है इसलिए हमे इस पर्व की रक्षा के लिए सदैव कटिबद्ध रहना चाहिए जिससे हमारा लोकतंत्र सदैव अमर रहे ।

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26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day Essay in Hindi

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Reported by Pankaj Bhatt

Published on 16 July 2024

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में: 26 जनवरी का दिन भारतीय के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। 26 जनवरी 1950 को ही भारतीय संविधान लागू किया गया था। जिसके पश्चात हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट को हटा कर भारतीय संविधान को लागू किया गया था व लोकतान्त्रिक प्रणाली के साथ भारतीय संविधान को जोड़ा गया था। 26 जनवरी के दिन नई दिल्ली में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। इस दिन स्कूल कॉलेजों व सरकारी संस्थानों में भी तिरंगा फहराया जाता है, रैलियां निकाल कर नारे लगाए जाते हैं और वीर सपूतों को याद किया जाता है। छात्रों द्वारा स्कूलों में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

जिसमें छात्र/छात्राएं स्वतंत्रता सेनानियों का पात्र, भाषण, निबंध, कला, नृत्य आदि प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं। आज हम आपको 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में कैसे लिखना है तथा गणतंत्र दिवस के इतिहास के बारे में निबंध के माध्यम से बता रहे हैं। इस Republic Day Essay in Hindi आप अपने स्कूल के कार्य में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

प्रस्तावना :- गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। क्योंकि इस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। इस दिन अंग्रेजों के कानूनों को हटा कर हमने खुद के संविधान को अपनाया था, संसद से भारतीय संविधान लागू होने के बाद भारत इस लोकतान्त्रिक गणराज्य बन गया, यही कारण है कि इस दिन को हम सभी राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में सेलिब्रेट करते हैं।

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Republic Day Essay in Hindi

◘ 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में ◘ गणतंत्र दिवस पर भाषण कैसे लिखें या पढ़ें

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पूर्ण स्वराज की घोषणा

भारत में लाहौर अधिवेशन में इस प्रस्ताव की घोषणा की गयी की यदि अंग्रेज सरकार द्वारा 26 जनवरी 1930 तक भारत को डोमीनियम का दर्जा नहीं दिया गया तो भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर जब ब्रिटिश सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। तब भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया। यह अधिवेशन पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसम्बर 1929 में हुआ था।

गणतंत्र दिवस का इतिहास

भारत की आजादी के बाद 9 दिसम्बर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की जिसे 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन में बना कर तैयार किया गया। इसी दिन भारतीय कांग्रेस सरकार द्वारा भारत में पूर्ण स्वराज को भी घोषित कर दिया गया था और उस दिन से 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। जिनका कार्य संविधान का निर्माण करना व संविधान बनाना था। संविधान सभा द्वारा संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गयी जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि थे।

इनके अलावा संविधान सभा बैठक में जनता अथवा प्रेस को भी शामिल किया गया था। भारतीय संविधान को बनने में कुल 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को संविधान पुरे देश में लागू किया गया। 26 जनवरी की महत्व बनाये रखने के लिए व भारत के गणतंत्र स्वरूप को मान्यता देने के लिए 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन 1950 को देश में कानून और भारतीय शासन को लागू कर दिया गया।

Republic Day कार्यक्रम

गणतंत्र दिवस को पुरे भारत में राष्ट्रीय पर्व के रूप मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन भारत के राष्ट्रपति द्वारा समारोह में ध्वजारोहण किया जाता है और तोपों की सलामी के साथ ही गणतंत्र दिवस समारोह में मौजूद सभी नागरिकों द्वारा सामूहिक रूप से खड़े हो कर राष्ट्र गान गाया जाता है। Republic Day के दिन अलग-अलग रेजिमेंट, भारतीय तीनों सेनाएं (जल, थल, नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेते है और राष्ट्रीय ध्वज तथा राष्ट्रपति को सलामी देते हैं।

इस दिन स्कूल/कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों में भी ध्वजारोहण किया जाता है। विद्यार्थियों द्वारा गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में स्कूलों में झांकियां निकाल कर नारे लगाए जाते है। छात्र विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम जैसे- भाषण, नित्य, चित्र कला, देशभक्ति गीत, नाटक आदि का प्रदर्शन करते हैं। 26 जनवरी के दिन देश के शहीदों को और उनके बलिदान को याद किया जाता है तथा सभी शहीदों के स्मरण में मौन रखा जाता है। गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाता है इस आयोजन में गणतंत्र दिवस के आयोजनों की आधिकारिक रूप से समापन घोषणा की जाती है।

Republic Day Essay in Hindi – 26 January Par Nibandh Hindi Me

प्रस्तावना :- 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है यह राष्ट्रीय त्यौहार सभी भारतीयों के द्वारा बेहद खुशी तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व लोकतंत्रात्मक गणराज्य होने के महत्व को सम्मान देने के लिये इसको मनाया जाता है, इस दिन को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन पुरे देश में सभी स्कूलों में कॉलेजों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।

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26 जनवरी की परेड

गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर खास परेड का आयोजन होता है, इस कार्यक्रम में आम नागरिक भी शामिल हो सकते हैं, गणतंत्र दिवस के इस खास मौक़े पर हजारों की संख्या में लोग राजपथ पर होने वाली इस परेड और कार्यक्रम को देखने के लिए आते हैं। 26 जनवरी की परेड में तीनों सेनाएँ विजय चौक से परेड शुरू कर राष्ट्रपति और राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हुए राजपथ से होकर निकलती है। यह परेड आर्मी बैंड की मधुर धुनो पर कदम ताल करते हुए लोगों को सम्मोहित कर देते हैं। इसके बाद अनेक राज्यों की एवं सरकारी विभागों की झांकियां निकाली जाती हैं।

राष्ट्रीय उत्सव गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम सुबह प्रधानमंत्री के शहीद ज्योति के अभिवादन से शुरू होता है, प्रधानमंत्री सुबह सबसे पहले इण्डिया गेट पर प्रज्वलित शहीद ज्योति पर जाकर उनका अभिवादन करके राष्ट्र की और से शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति की सवारी विजय चौक की और निकलती है, परम्परा के अनुसार राष्ट्रपति के साथ में गणतंत्र दिवस पर आमंत्रित मुख्य अतिथि भी होते हैं। यहां तीनों सेनाओं के सेनाध्यक्ष राष्ट्रपति का स्वागत करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का अभिवादन स्वीकार कर आसान ग्रहण करते हैं। फिर झंडा रोहण और राष्ट्र गान के बाद गणतंत्र दिवस की परेड आरम्भ की जाती है।

उपसंहार – संस्कृति की झलक

“विविधता में एकता” से भरा यह राष्ट्रीय पर्व और खास हो जाता है जब राजपथ पर अलग-अलग राज्य अपनी संस्कृति, परंपरा और प्रगति को झाँकियों के माध्यम से प्रदर्शित करते है। इसी के साथ लोक नर्तक मंडलियों में लोक नृत्यों के साथ आपने अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी मंडलियां अपनी वेशभूषा के साथ अपनी कला से सभी का मन मोह लेते हैं, इसी तरह गायन, नृत्य और वाद्य यंत्रों के साथ अनेक कार्यक्रम होते हैं तत्पश्चात कार्यक्रम के अंत में वायु सेना के जहाज रंगीन गैस छोड़ते हुए विजय चौक के ऊपर से गुजरते हैं जो आकाश में राष्ट्रीय झंडे का चिन्ह प्रदर्शित करता है।

26 जनवरी पर निबंध हिंदी में

गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय पर्व है, यह दिन 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश के संविधान को अपनाने के जश्न के रूप में मनाया जाता है। यह भारत के एक ब्रिटिश उपनिवेश से एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक है।

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, और यह सरकार के ढांचे, सरकार की शक्तियों और कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों की रूपरेखा तैयार करता है। यह नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है।

1947 तक भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था, जब इसने स्वतंत्रता प्राप्त की। हालाँकि, 1950 तक इसका लिखित संविधान नहीं था। भारत का संविधान 26 नवंबर, 1949 को अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ, जिसे गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

भारत का संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, और यह सरकार के ढांचे, सरकार की शक्तियों और कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों की रूपरेखा तैयार करता है। संविधान को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था, जिसे भारत के लोगों द्वारा नए स्वतंत्र राष्ट्र के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए चुना गया था।

गणतंत्र दिवस समारोह

गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है, और यह पूरे देश में बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। मुख्य समारोह नई दिल्ली की राजधानी में होता है, जहां एक भव्य परेड आयोजित की जाती है। परेड भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को प्रदर्शित करती है, और इसमें विभिन्न सांस्कृतिक और सामुदायिक समूहों द्वारा झांकियां और प्रदर्शन शामिल हैं।

परेड में भारत के राष्ट्रपति शामिल होते हैं, जो मुख्य अतिथि होते हैं, साथ ही अन्य गणमान्य व्यक्ति भी। राष्ट्रपति उन व्यक्तियों को पद्म पुरस्कार भी प्रदान करते हैं, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हैं, जिन्होंने देश में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

परेड के अलावा, देश भर के स्कूलों और सामुदायिक केंद्रों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रदर्शन, खेल आयोजन और अन्य समारोह भी आयोजित किए जाते हैं।

गणतंत्र दिवस भारत के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह संविधान को अपनाने का प्रतीक है, जो देश के लोकतंत्र की रीढ़ है। भारत का संविधान नागरिकों को मौलिक अधिकारों की गारंटी देता है, और यह सुनिश्चित करता है कि सरकार लोगों के प्रति जवाबदेह है।

गणतंत्र दिवस का उत्सव भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करने और लोकतंत्र, समानता और न्याय के आदर्शों के प्रति देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का एक तरीका है। यह भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता का जश्न मनाने और राष्ट्रीय एकता और एकीकरण को बढ़ावा देने का अवसर भी है।

26 जनवरी पर निबंध 800 शब्दों में

प्रस्तावना:- गणतंत्र दिवस भारत में एक राष्ट्रीय अवकाश है, हर साल 26 जनवरी को उस दिन को मनाने के लिए मनाया जाता है जब भारत का संविधान लागू हुआ था। यह भारत के एक ब्रिटिश उपनिवेश से गणतंत्र में परिवर्तन का प्रतीक है।

भारत के संविधान को अपनाने का संक्षिप्त इतिहास:- भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था। इस दिन को भारत के गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए राष्ट्रीय गौरव और सम्मान का दिन है।

गणतंत्र दिवस समारोह:- मुख्य गणतंत्र दिवस समारोह भारत के राष्ट्रपति के सामने कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में आयोजित किया जाता है। इस दिन, एक भव्य परेड आयोजित की जाती है जिसमें आम जनता के साथ-साथ दुनिया भर के गणमान्य लोग शामिल होते हैं। परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होती है और इंडिया गेट की ओर बढ़ती है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें - 15 august essay in hindi 10 lines

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: 15 अगस्त पर निबंध - 15 August Essay in Hindi 10 lines

सैन्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम:- परेड देश की विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करती है। इसमें विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली रंग-बिरंगी झांकियां, विभिन्न सरकारी विभागों की उपलब्धियों को दर्शाने वाली झांकी और स्कूली बच्चों और सांस्कृतिक समूहों द्वारा प्रस्तुतियां शामिल हैं। परेड का मुख्य आकर्षण भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विरासत का प्रदर्शन है। भारत के राष्ट्रपति राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र गान बजाया जाता है। इस अवसर के सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

परेड के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में सभी क्षेत्रों के लोग भाग लेते हैं और इस दिन को बड़े उत्साह और देशभक्ति के उत्साह के साथ मनाते हैं।

राष्ट्रीय एकता और गौरव को बढ़ावा देने में गणतंत्र दिवस का महत्व:- अंत में, गणतंत्र दिवस प्रत्येक भारतीय नागरिक के लिए बहुत महत्व का दिन है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने और उनका सम्मान करने का दिन है, जिन्होंने हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया। यह हमारे देश की विविधता और एकता का जश्न मनाने और एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का भी दिन है।

26 जनवरी पर निबंध लिखने के लिए मुख्य बिंदु

गणतंत्र दिवस भारत में एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवकाश है, जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन 1950 में भारतीय संविधान को अपनाने की वर्षगांठ का प्रतीक है यह देश की समृद्ध संस्कृति, विरासत और उपलब्धियों का जश्न मनाने के साथ-साथ भारत की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने का दिन है। 26 जनवरी पर निबंध लिखने के लिए आपको यहां कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जिन्हें गणतंत्र दिवस पर एक निबंध में शामिल किया जा सकता है:

  • भारत की स्वतंत्रता और संविधान को अपनाने का संक्षिप्त इतिहास
  • दिन का महत्व
  • संविधान और इसकी मुख्य विशेषताओं का अवलोकन
  • राष्ट्र निर्माण में संविधान की भूमिका
  • नागरिकों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा में संविधान का महत्व
  • राष्ट्रीय अवकाश और सार्वजनिक उत्सव
  • सैन्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रम
  • राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का महत्व
  • भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका
  • स्वतंत्रता सेनानियों का बलिदान और योगदान
  • स्वतंत्रता सेनानियों को याद करना और उनका सम्मान करना
  • राष्ट्रीय एकता और गौरव को बढ़ावा देने में गणतंत्र दिवस का महत्व
  • भारत के बेहतर भविष्य के लिए संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखने की आवश्यकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह एक सुझाई गई संरचना और बिंदु हैं, और आप अपनी आवश्यकता और विषय की समझ के अनुसार अधिक विवरण या जानकारी जोड़ सकते हैं

गणतंत्र दिवस सम्बन्धित प्रश्न उत्तर

गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है ?

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी के मुख्य अतिथि कौन हैं ?

भारत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों होंगे।

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में विद्यालयों में कौन-कौन से कार्यक्रम करवाए जाते हैं।

26 जनवरी के दिन स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरें बनाई जाती हैं, निबंध, चित्रलेखा, नाटक, रंगोली आदि प्रतियोगिताएं होती हैं जिनमें बहुत से छात्र भाग लेते हैं।

Republic Day क्यों मनाया जाता है ?

क्योंकि 26 जनवरी 1950 के दिन भारतीय संविधान को बना कर लागू कर दिया गया था।

भारतीय संविधान को बनाने में कितना समय लगा ?

भारतीय संविधान को बनाने में 2 वर्ष 11 माह व 18 दिन का समय लगा।

भारतीय संविधान किसके द्वारा लिखा गया है ?

भारत के संविधान प्रारूप समिति द्वारा लिखा गया है।

सविधान सभा बैठक के मुख्य सदस्य कौन-कौन थे ?

डॉ भीमराव अंबेडकर, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि मुख्य सदस्य थे।

गणतंत्र दिवस की परेड में कौन-कौन सी सेनाएं भाग लेती हैं

परेड में तीनों सेनाएं (जल, थल, नभ) भाग लेती हैं।

2024 में भारत का कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा ?

इस वर्ष 26 जनवरी 2024 को भारत का 75 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।

यहां भी पढ़ें -: Republic Day Speech in Hindi

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26 january essay in hindi

भारत के लिए गौरवमय दिन “गणतंत्र दिवस” पर निबंध

26 January Republic Day Essay in Hindi

26 जनवरी को हम सभी भारतीय गणतंत्र दिवस – Republic Day के रुप में मनाते हैं। इस दिन साल 1950 में हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और उसी दिन से  हमारा भारत देश एक लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष, संप्रभु और समाजवादी गणराज्य बन गया था, इसलिए इस दिन को सभी भारतीय मिलजुल कर राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस का दिन सभी भारतीयों के लिए बेहद सम्मानजनक एवं गौरवशाली दिन है। वहीं इस दिन की महत्वता को आज की युवा पीढ़ी को समझाने के लिए गणतंत्र दिवस के विषय पर स्कूलों में आयोजित प्रतियोगी परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

इसलिए आज हम आपको अपने इस लेख में गणतंत्र दिवस पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका आप अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं –

भारत के लिए गौरवमय दिन “गणतंत्र दिवस” पर निबंध – 26 January Republic Day Essay in Hindi

26 जनवरी का दिन हर भारतीय के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इसी दिन से हमारे देश में नया संविधान अपनाकर नए युग का सूत्रपात किया गया था। गणतंत्र दिवस के इतिहास (Republic day History) और इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे आज हम आपको गणतंत्र दिवस पर लिखे गए निबंध (Gantantra Diwas par Nibandh) के द्धारा बताएंगे।

26 जनवरी, 1950 को लागू हुआ था संविधान – Constitution of India

भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के काफी संघर्ष, त्याग और बलिदान के बाद 15 अगस्त, 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था, इससे पहले भारतीयों को अंग्रेजी शासकों के अत्याचार का दंश झेलना पड़ता था और ब्रिटिश शासकों की गुलामी करनी पड़ती थी।

ब्रिटिश शासक जो भी नियम कानून बनाते थे, भारतीय जनता को मजबूरीवश उनका पालन करना पड़ता था, जिसको देखते हुए हमारे देश के वीर सपूतों ने काफी वर्षों तक आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को आजादी दिलवाने के लिए अपने प्राणों की भी आहुति दे दी।

जिसके परिणामस्वरूप हमारा भारत देश, अंग्रेजों के चंगुल से आजाद हो सका। लेकिन, आजादी के बाद भी भारत एक स्वशासित देश नहीं था। स्वतंत्रता के करीब ढाई साल बाद 26 जनवरी 1950 को भारत ने खुद का संविधान लागू किया और भारत ने खुद को एक प्रजातांत्रिक, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया।

भारतीय संविधान को हमारी संसद ने करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन बाद 26 जनवरी, 1950 को पास किया और उसी दिन से हमारा देश भारत को सम्पूर्ण प्रमुख समाजवादी, लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित कर दिया गया।

इस घोषणा के बाद 26 जनवरी को हर साल भारत के लोग गणतंत्र दिवस के रुप में मनाते हैं।

संविधान तैयार करने में लगा करीब ढाई साल का समय – Time Taken for Constitution of India

भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा संविधान है, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है। आजादी के बाद एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 की मीटिंग में भारत के स्थायी संविधान का प्रारुप तैयार करने के लिए कहा गया था।

डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में 4 नवंबर 1947 को भारतीय संविधान के प्रारुप को सदन में रखा गया। करीब ढ़ाई साल का समय लगने के बाद ये पूरी तरह से तैयार हो पाया था। और काफी इंतजार के बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू कर दिया गया।

हमारे संविधान ने देश के हर नागिरक को समान अधिकार दिए हैं, स्त्री-पुरुष में किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं किया। सभी को धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार दिया, इसके साथ ही समाज में फैली छुआछूत जैसे समस्या को जड़ से खत्म किया।

महिलाओं को अधिकार दिलवाए और देशवासियों को सर्वोच्च शक्ति प्रदान की। भारतवासियों को अपने राजनेता को चुनने का अधिकार दिया, जिससे सही दिशा में देश का विकास हो सके।

26 जनवरी के दिन देशभक्ति से ओतप्रोत होता है वातावरण – Republic Day celebration

गणतंत्र दिवस के पावन मौके पर कई सरकारी संस्थानों एवं शिक्षण संस्थानों में ध्वजारोहण होता है और देशभक्ति से जुड़े विभिन्न सांस्कृतिक और रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन होता है, भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है।

इसके साथ ही इस मौके पर भारत के वीर सपूतों और महान स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग और बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली दी जाती है। इस दिन पूरा भारत राष्ट्रगान ‘ जन-गण-मन ‘ से गूंजता है।

इसके साथ ही वंदे मातरम , जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत हो जाता है।

गणतंत्र दिवस परेड का होता है आयोजन – Republic day Parade

भारत के राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के मौके पर कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है। वहीं भारत की राजधानी दिल्ली में इंडिया गेट पर शहीद ज्योति की प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं और उन्हें श्रद्धांजली दी जाती है।

खास तौर पर 26 जनवरी के दिन दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक होने वाली परेड आकर्षण का प्रमुख केंद्र होती है, जिसमें देश और विदेश के गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है।

इस परेड में तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल और नभ) के प्रमुख, द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके अलावा सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का भी प्रदर्शन किया जाता है।

परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है। इसके अलावा इस दौरान दिल्ली के राज-पथ पर अलग-अलग राज्यों की झाकियां भी निकाली जाती हैं। पुरस्कार वितरण होता है, मार्च पास्ट आदि क्रियाएं भी होती है। इसकी तैयारियां काफी दिन पहले से ही होने लगती है।

गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों की गूंज सुनाई देती है और हर भारतवासी एक बार फिर अथाह देशभक्ति से भर उठता है। बच्चों में इस दिन को लेकर खास उत्साह होता है।

इस दिन आयोजित कार्यक्रमों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थ‍ियों का सम्मान एवं पुरस्कार भी दिया जाता है। इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश भी घोषित किया गया है।

इन दिन को लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं और देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। वहीं इस सम्मान के दिन पर हर भारतीय यह प्रण लेते है कि वो अपने संविधान की रक्षा करेंगे और देश की समरसता, शांति और सद्भाव बनाये रखेंगे और देश के विकास में अपना सहयोग करेंगे, जिससे हमारा देश भारत, सफलता की नई ऊंचाइंयों को छुए और दुनिया का सबसे ताकतवर और शक्तिशाली देश बने।

जय हिन्द, जय भारत !

गणतंत्र दिवस पर निबंध – Gantantra Diwas Par Nibandh

26 जनवरी के दिन ही हमारे भारत देश का संविधान लागू हुआ था और हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था। इसलिए इस दिन को सभी भारतवासियों द्धारा गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के लाल किले पर देश के राष्ट्रपति द्धारा झंडा फहराया जाता है एवं दिल्ली के राजपथ पर भारत की तीनों सेनाओं द्धारा विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह दिन देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में भी मद्द करता है।

गणतंत्र दिवस कब और क्यों मनाते हैं – Why We Celebrate Republic Day

26 जनवरी को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश में डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद समेत देश के कई महान नेताओं के काफी प्रयासों के बाद संविधान लागू किया गया था यानि कि भारत में कानून राज की शुरुआत हुई थी।

इसी दिन भारत ने खुद को एक लोकतांत्रिक, प्रजातांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य घोषित किया था। भारतीय संसद में दुनिया के इस सबसे बड़े हस्तलिखित भारतीय संविधान को करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन के बाद इसी दिन साल 1950 में पास किया गया था, तब से लेकर आज तक इस दिन को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।  

वहीं 26 जनवरी के दिन से जुड़ा यह ऐतिहासिक तथ्य भी काफी महत्वपूर्ण है कि दिसंबर, साल 1929 में लाहौर में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन हुआ था।

कांग्रेस के इस अधिवेशन में इस बात की घोषणा की गई कि अगर ब्रिटिश हुकूमत द्धारा 26 जनवरी, 1930 तक भारत को स्वायत्त शासन (डोमीनियन स्टेटस) नहीं दिया जाता तो, इसके बाद भारत खुद को पूरी तरह से स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर देगा।

लेकिन बावजूद इसके 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेजी सरकार ने इस मुद्दों को लेकर जब कोई जवाब नहीं दिया तब कांग्रेस ने उस दिन से पूरी तरह से आजाद होने के लक्ष्य के साथ अंग्रेजों के खिलाफ अपने क्रांतिकारी और सक्रिय आंदोलन की शुरुआत कर दी।

26 जनवरी के दिन ही देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रावि नदी के तट पर तिरंगा फहराया था। जिसके बाद भारत में 26 जनवरी 1930 को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया गया था और उस दिन से 1947 तक देश को अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्रता मिलने तक 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रुप में मनाया जाता रहा।

इसके बाद जब 15 अगस्त,1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से आजाद हुआ, तब 15 अगस्त को भारत के स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।

वहीं भारतीय संविधान 26 नवंबर, साल 1949 तक बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था, लेकिन भारतीय राजनेताओं ने 26 जनवरी के दिन के महत्व को समझते हुए दो महीने और रुकने का फैसला लिया।

इसके बाद 26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू किया गया और तभी से इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में मनाए जाने लगा।

गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व – Republic Day National Festival

गणतंत्र दिवस को हमारे देश में राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं जुड़ा हुआ है, बल्कि यह राष्ट्र का एक पावन पर्व है, जिसे देश में सभी जाति, लिंग, पंथ, संप्रदाय और धर्म के लोगों द्धारा मनाया जाता है।

इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और सभी भारतीयों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन देश के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों के त्याग, बलिदान और समर्पण को याद किया जाता है और उन्हें सच्चे मन से श्रद्धांजली अर्पित की जाती है, जिन्होंने देश की आजादी के लेकर अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।

गणतंत्र दिवस हर भारतीय के लिए बेहद गौरवशाली और सम्मानजनक दिन है, इसलिए इसे हर भारतीय द्धारा धूमधाम से मनाया जाता है।

दिल्ली के राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह – Republic Day Celebration in Rajpath

26 जनवरी के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, इसलिए इस दिन को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रुप में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर कई तरह के रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल दिल्ली के राजपथ पर विशाल परेड का आयोजन किया जाता है। यह परेड गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।

दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक करीब 8 किलोमीटर की परेड आयोजित होती है। इस भव्य परेड के दौरान भारत की जल, थल और वायु तीनों सेनाओं के द्धारा देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति के द्धारा 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

इसके साथ ही इस दौरान भारतीय सेना के द्धारा इस्तेमाल किए जाने वाले उनके शक्तिशाली हथियारों का तो प्रदर्शन किया ही जाता है, साथ ही उनके शौर्य और पराक्रम को भी दिखाया जाता है। 

आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को पहले गणतंत्र दिवस की परेड राजपथ में नहीं बल्कि इर्विन स्टेडियम में हुई थी, जो कि अब नेशनल स्टेडियम के रुप में जाना जाता है।

उस दौरान इर्विन स्टेडियम के चारों तरफ चारदीवारी नहीं थी, हालांकि, उसके पीछे लाल किला स्पष्ट दिखाई देता था। देश में संविधान होने के करीब 4 साल बाद तक 1954 तक गणतंत्र दिवस की परेड के लिए कोई जगह निश्चित नहीं की गई थी, यह परेड कभी दिल्ली के लाल किले तो कभी रामलीला मैदान में होती थी।

फिर साल 1955 में गणतंत्र दिवस की परेड के लिए राजपथ को चुना गया और तब से लेकर आज तक दिल्ली के राजपथ पर ही गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है।

गणतंत्र दिवस की गरिमा हर भारतीय को समझना चाहिए। यह पर्व सभी भारतीयों को एकसाथ जोड़ने का काम करता है। इसके साथ ही यह भारतीयों को अपने देश के प्रगति और विकास में समर्थन करने के लिए प्रोत्साहित भी करता है। इस दिन देश के प्रत्येक नागरिक को अपने संविधान की सुरक्षा करने का संकल्प लेना चाहिए।

26 जनवरी पर निबंध – Republic Day Par Nibandh

प्रस्तावना-

26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में सदभाव एवं सम्मान की भावना के साथ प्रत्येक भारतवासी बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाता है।

इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था, जिसके तहत देश के सभी नागरिकों को समानता का अधिकार प्राप्त हुआ था। इस दिन से हमारा देश एक लोकतंत्रात्मक और धर्मनिरेपक्ष गणराज्य बना था।  

इसके साथ ही एक नए युग का सूत्रपात हुआ था। इसलिए 26 जनवरी का दिन हर भारतवासी के लिए बेहद गौरवमयी दिन है।

गणतंत्र दिवस का महत्व – Importance Of Republic Day

गणतंत्र दिवस का पर्व हम सभी भारतीयों के लिए बेहद खास और सम्मानजनक पर्व है। इस पर्व को सभी भारतवासी राष्ट्रीय त्योहार के रुप में मनाते हैं। यह पर्व हम सभी भारतीयों को देश के संविधान के महत्व को तो समझाने में तो मद्द करता ही है, इसके साथ ही देश की एकता और अखंडता को बरकरार रखने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।

यह सभी भारतीयों के लिए एक बेहद गौरवमयी दिन है। संविधान लागू होने के बाद ही हमारा देश एक स्वतंत्र, लोकतंत्रात्मक, समाजवादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य बना था और तभी से भारतवासियों को अपनी मनमर्जी से स्वतंत्र रुप से कोई भी फैसला लेने एवं किसी भी तरह की अव्यवस्था एवं कुरीति के खिलाफ आवाज उठाने का अधिकार प्राप्त हुआ था।

गणतंत्र दिवस के दिन ही भारतीयों को अपने देश के संविधान के तहत  समानता, शिक्षा, अभिव्यक्ति की आजादी समेत 7 मौलिक अधिकार प्राप्त हुए थे एवं देश में कानून राज की शुरुआत हुई थी, इसलिए यह दिन सभी भारतीयों को अपने अधिकारों की भी याद दिलवाता है। इसलिए भी इस दिन का सभी भारतीयों के लिए अत्यंत महत्व है।

गणतंत्र दिवस कैसे मनाते है? – How We Celebrate Republic Day

हमारे देश में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाया जाता है। देश में रहने वाले सभी जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग के लोग इस पर्व को बेहद हर्षोल्लास एवं धूमधाम से साथ मनाते हैं।

इस मौके पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन स्कूलों, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों आदि में कई तरह के सांस्कृतिक एवं रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है एवं तिरंगा फहराया जाता है।

26 जनवरी के मौके पर वंदे मातरम, जन-गण-मन, जय हिन्द, भारत माता की जय के उद्घोष हर तरफ गूंजायमान रहते हैं एवं ज्यादातर लोग देशभक्ति में डूबे नजर आते हैं। इस दिन पूरा वातावरण देशभक्ति से ओतप्रोत रहता है।

गणतंत्र दिवस के मौके परसबसे भव्य आयोजन दिल्ली में होता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति द्धारा पहले राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, फिर देश के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी ” अमर जवान ज्योति ” पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धासुमन अर्पित किए जाते हैं।

इस मौके पर देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों, क्रांतिकारियों एवं वीर सपूतों के त्याग, बलिदान और समर्पण को भी याद किया जाता है। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाली विशाल परेड मुख्य आर्कषण का केन्द्र रहती है।

इसमें भारत की तीनों सेनाओं द्धारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है। इसके साथ ही इस परेड के माध्यम से भारतीय सेना की शौर्य, पराक्रम और अदम्य शक्ति के प्रदर्शन के साथ सेना के सशस्त्र बलों की ताकत का भी प्रदर्शन किया जाता है।

इसके साथ ही इस दौरान राजपथ पर देश के अलग-अलग राज्यों की खूबसूरत झांकियां भी निकलती हैं, जिसमें सभी राज्य अपने राज्य की संस्कृति, रीति-रिवाज और परंपरा को प्रदर्शित करते हैं। इस मौके पर राजपथ पर भारतीय संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलती है।  

गणतंत्र दिवस को लेकर कई दिन पहले से ही तैयारियां होने लगती हैं। इस दिन को लेकर बच्चों में खासकर काफी उत्साह रहता है। इसके साथ ही गणतंत्र दिवस के मौके पर न सिर्फ देश की सीमा में तैनात जवानों के हौसला अफजाई और उनके बेहतर प्रदर्शन के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है।

बल्कि इस दिन प्रतिभावान विद्यार्थियों को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शऩ के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इस तरह हमारे देश में लोग गणतंत्र दिवस का जश्न अपने-अपने तरीके से मनाते हैं एवं देश की संविधान का सम्मान करने एवं देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में अपना सहयोग देने का प्रण लेते हैं, साथ ही देश के विकास और तरक्की की कामना करते हैं।

हम सभी भारतीय बेहद सौभाग्यशाली हैं कि हमें भारत जैसे लोकतंत्रात्मक, संप्रभु, समजावादी एवं धर्मनिरपेक्ष गणराज्य में रहने का मौका मिला है। जहां हम अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपनी सरकार चुन सकते हैं एवं किसी भी तरह के फैसले लेने को लेकर हम पूरी तरह स्वतंत्र है।

इसलिए हमें अपने राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए साथ ही अपने अपने संविधान के महत्व को समझना चाहिए और इस पर्व को आदर-सम्मान के साथ मनाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पर निबंध – Essay On Republic Day

गणतंत्र दिवस को पूरे देश में हर साल बेहद जोश, उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है। इस दिन साल 1950 में हमारे भारत देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था।

इसलिए यह दिन देश के हर नागरिक के लिए बेहद खास दिन है। यह पर्व किसी विशेष जाति या धर्म से नहीं बल्कि राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है, इस पर्व को देश में सभी जाति, धर्म, जाति, लिंग और संप्रदाय के लोगों द्धारा राष्ट्रीयता के पर्व के रुप में मनाया जाता है।

26 जनवरी का पर्व भारतीयों को एकजुट में रहने में भी मद्द करता है। इसके साथ ही यह पर्व हमें अपने संविधान, मौलिक अधिकारों और गणतंत्र का महत्व बताता है।

गणतंत्र दिवस से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें – Facts About Republic Day

गणतंत्र दिवस से जुड़े कुछ दिलचस्प एवं महत्वपूर्ण तथ्य इस प्रकार हैं –

  • 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रुप में मनाने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि इसी दिन साल 1930 में कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था, वहीं इस दिन की गरिमा को बनाए रखने के लिए 26 जनवरी के दिन ही हमारे देश का संविधान लागू किया गया था और इसके बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को देश के पहले राष्ट्रपति के रुप में चुना गया था।
  • गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के राष्ट्रपति के द्धारा दिल्ली के राजपथ पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है, जबकि भारत के प्रधानमंत्री द्धारा दिल्ली के इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर देश की रक्षा के लिए मर मिटने वाले शहीदों को श्रद्धांजली अर्पित की जाती है एवं देश के महान क्रांतिकारियों एवं स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग, समर्पण और बलिदान की गाथा को याद किया जाता है।
  • गणतंत्र दिवस पर दिल्ली के राजपथ पर होने वाले विशाल परेड के दौरान भारत के राष्ट्रपति को भारत की तीनों सेनाओं द्धारा 21 तोपों की सलामी दी जाती हैं। पहली सलामी राष्ट्रगान की शुरुआत में दी जाती है, जबकि 52 सेकेंड के बाद राष्ट्रगान के खत्म होने पर आखिरी सलामी दी जाती है। यह सलामी वास्तव में भारतीय सेना की 7 तोपों द्धारा दी जाती है,इन्हें पौन्डर्स के नाम से जाना जाता है। वहीं हर तोप से तीन राउंड फायरिंग होती है। आपको बता दें कि यह तोपें साल 1941 में बनाई गईं थ। आमतौर पर सेना के सभी मुख्य कार्यक्रमों में इन तोपों को भी शामिल किया गया है।
  • गणतंत्र दिवस की परेड के आखिरी में हर साल “अबाईड विथ मी” (”Abide With Me”)’ नाम का एक क्रिश्चयन गाना बजाया जाता है। जिसे बजाने की पीछे यह मान्यता है कि, यह गाना गांधी जी के प्रिय गानों में से एक था।
  • भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर हर साल किसी न किसी देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या फिर शासक को मुख्य अतिथि के तौर पर निमंत्रण दिया जाता है। वहीं देश के पहले गणतंत्र दिवस समारोह 26 जनवरी, साल 1950 में इंडोनिशिया के राष्ट्रपति डॉ. सुकर्णो ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी।
  • दिल्ली के राजपथ पर साल 1955 में गणतंत्र दिवस परेड का पहली बार आयोजन किया गया था, उस समय राजपथ को ‘किग्सवे के नाम से जाना जाता था। वहीं तब से लेकर आज तक हर साल दिल्ली के राजपथ गणतंत्र दिवस के भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है और यह गणतंत्र दिवस पर आयोजन का स्थाई स्थल बन गया है।

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान – Constitution Of India

हमारे देश का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं, जिसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं और ये 22 हिस्सों में विभाजित है। 

महान समाज सुधारक एवं अर्थशास्त्री भीमराव अंबेडकर द्धारा इसे तैयार करने में करीब 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे। आपको बता दें कि  संविधान के निर्माण में कुल 22 समितियां थी, जिसमें प्रारुप समिति (ड्राफ्टिंग कमेटी) सबसे  महत्वपूर्ण समिति थी और संविधान सभा के प्रमुख अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर जी थे, जबकि जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद , सरदार वल्लभ भाई पटेल इस सभा के प्रमुख सदस्य थे।

भीमराव अंबेडकर जी द्धारा 26 नवंबर, 1949 को भारत का संविधान सौंप दिया गया था। इसके बाद संविधान में कई बदलाव किए गए।

इसके बाद संविधान सभा के करीब 308 सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान के दो हस्तलिखित कॉपियों पर हस्ताक्षर किए और फिर 26 जनवरी के दिन की गरिमा को समझते हुए संविधान को 26 जनवरी,  साल 1950 में पूरे देश में लागू कर दिया गया, तब से 26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस के रुप में मनाया जाता है।

26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस का पर्व हमारे देश के प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। यह पर्व देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में मद्द करता है।

इसके साथ ही यह हमारे गणतंत्र का महत्व का तो एहसास करवाता ही है साथ ही संविधान की सुरक्षा एवं देश के लिए हमारे कर्तव्यों का बोध करवाता है।

इसलिए इस पर्व की गरिमा को समझते हुए हमें इस पर्व को सद्भाव और सम्मान की भावना के साथ मनाना चाहिए एवं देश के प्रगति एवं विकास में अपना सहयोग करने की शपथ लेनी चाहिए।

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Jai Ho, TAHNKS…….

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गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध (Republic Day Parade Essay in Hindi)

गणतंत्र दिवस हमारे राष्ट्रीय पर्वों में से एक है। इस मौके पर होने वाली परेड हमारी शक्ति और सामर्थ्य का प्रतीक-चिह्न है। हमारे देश के भव्य आयोजनों में से एक गणतंत्र दिवस परेड की छटा देखने लायक होती है। यह हर वर्ष 26 जनवरी को नई दिल्ली के राजपथ पर सम्पन्न होती है। यहाँ हम आपको अलग-अलग शब्द-सीमाओं में बंधे गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध प्रस्तुत कर रहें है।

26 जनवरी परेड पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Republic Day Parade in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

निबंध  – 1 (250 शब्द).

गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, जिसका आयोजन प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को होता है। इसी दिन ‘26 जनवरी 1950’ को पूरे देश में संविधान (कानूनी किताब) लागू हुआ था। हमारा देश एक समप्रभुता-सम्पन्न, न्याय-वादी, धर्म-निरपेक्ष, समाजवादी लोकतंत्रात्मक गणराज्य घोषित हुआ था।

इतिहास के पन्नों को पलटकर देखा जाय तो हमें पता चलता है कि इसी दिन, भारत सरकार एक्ट (1935) को हटाकर भारत के संविधान को अपनाया गया था। संविधान तो हमारा 26 नवम्बर 1949 को ही देश के लोगों को सौंप दिया गया था, किन्तु 26 जनवरी 1950 को पूरे मान-सम्मान के साथ लोकतंत्र प्रणाली के साथ अंगीकृत किया गया।

इस वर्ष 2024 में हम अपना 75वाँ गणतंत्र मना रहे हैं। हमारे राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू राजपथ के ध्वज आरोहण करने के बाद, तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देती है। तत्पश्चात् परेड का आयोजन होता है, जिसमें हमारी सेना और विभिन्न स्कूली बच्चे मार्च पास्ट करते हुए राष्ट्रपति को सेल्यूट करते है।

हमारी राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर भव्य परेड होती है। बड़ा ही अद्भुत नजारा होता है, जब सेना के सभी जवान एक साथ कदम-ताल करते हुए एक धुन में परेड करते है। इस मौके पर होने वाले परेड और समारोह को देखने लोग दूर-दूर से आते है। यह परेड राष्ट्रपति-भवन से इंडिया-गेट तक जाती है। उसके बाद तीनों सेनाएँ अपनी-अपनी शक्ति, सामर्थ्य का प्रदर्शन करते है। पूरा अंबर हमारे तिरंगे के रंग में रंग जाता है। यही वो अवसर होता है जब पूरी दुनिया के सामने हम अपना दम-खम दिखा सकते है।

परेड का शुभारंभ झण्डा फहराने के बाद होता है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के झंडा फहराने के बाद यह श्रृंखला शुरू हो जाती है। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्र-गान होता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है। रायसीना हिल्स (राष्ट्रपति भवन) से शुरू होकर इंडिया-गेट तक यह कारवाँ गुजरता है।

निबंध  – 2 (300 शब्द)

“ सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा ”

यह गीत कानों में पड़ते ही मन प्रफुल्लित हो उठता है और सर गर्व से ऊँचा हो जाता है। दिल्ली की परेड का आनंद उठाने देश-विदेश से लोग आते है। खासकर वो लोग, जो देश के बाहर रह रहें हैं। इसी बहाने देश से जुड़ने को मौका मिलता है। देश की कला, संस्कृति के बारे में जानने का अवसर भी मिलता है।

हमारा देश लोकतांत्रिक गणराज्य है। किसी भी देश के लिए उसकी आजादी का दिन सबसे खास होता है। और ये तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है, जब बात उसके संविधान की हो। हमारे तीन राष्ट्रीय पर्व हैं- 26 जनवरी, 15 अगस्त और 2 अक्टूबर, जिन्हें हम गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयन्ती के रूप में जानते है। ये तीनों दिवस अपने आप में बहुत खास है। ‘26 जनवरी’ ही वे दिन है, जब हम पूर्णतः एक गणतंत्र राष्ट्र घोषित हुए थे।  इस दिन हमें अपनी कानूनी किताब ‘संविधान’ प्राप्त हुई थी।

गणतंत्र दिवस आयोजन-स्थल

गणतंत्र दिवस का इन्तजार लोगों को कई दिनों से रहता है। इस महोत्सव की तैयारी में महीनों पहले ही जुट जाते है। स्कूल-कॉलेजो में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ परेड की तैयारी भी जोरो-शोरो से की जाती है। सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय अवकाश होता है। आकर्षण का मुख्य केन्द्र राजधानी दिल्ली का भव्य परेड और समारोह होता है। गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन राजधानी दिल्ली के राजपथ पर होता है। जहाँ हमें देश के विकास और अदम्य साहस देखने को मिलता है।

गणतंत्र दिवस परेड

इस दिन को पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। एक महिने पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती है। 26 जनवरी पर राष्ट्रपति झंडा फहराते है। हमारी तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते है। उसके बाद भव्य परेड का आयोजन होता है, जिसका साक्षी पूरा विश्व बनता है।

देश के सभी राज्य अपने-अपने तरीके से गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाते हैं। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी हो या प्राइवेट सभी जगहों पर गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। लोग सुबह से ही गणतंत्र दिवस परेड का दिल्ली के राजपथ से सीधा प्रसारण देखने के लिए टी.वी. के सामने बैठ जाते है।

राष्ट्रपति की अध्यक्षता में गणतंत्र दिवस के रंगारंग कार्यक्रम का आगाज़ होता है। राष्ट्रपति राष्ट्र को संबोधित करते हुए अपने देश की उपलब्धियों की चर्चा करते है। इसके बाद परमवीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र जैसे वीरता और शौर्य के पुरस्कारों का वितरण किया जाता है।

निबंध – 3 (400 शब्द)

26 जनवरी 2023 दिन गुरुवार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के द्वारा ध्वजारोहण के साथ ही इस ऐतिहासिक दिन की शुरूआत होती है। भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति पर हमारे अमर शहीदों को याद करते हैं और श्रध्दांजलि देते है।

गणतंत्र दिवस परेड का स्वरूप

गणतंत्र दिवस परेड को राष्ट्रपति लीड करते है। राष्ट्रपति झंडा फहराते है और भारतीय सशस्त्र सेना का कमांडर इन चीफ होने के नाते तीनों सेनाएँ राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते हैं। झंडारोहण के तुरंत बाद राष्ट्रगान गाया जाता है।

हर वर्ष किसी न किसी मेहमान खास को गणतंत्र दिवस के खास मौके पर आमंत्रित किया जाता है। इस बार भी किया गया था। 2021 के खास मेहमान थे, UK के बोरिस जॉनसन। लेकिन उन्होंने बढ़ते कोविड केसेस को देखते हुए भारत आने से मना कर दिया था।

गणतंत्र दिवस परेड का महत्व

बहुतो के मन में ये बात आ रही होगी कि, यदि संविधान 26 नवंबर को ही बन गया था तो उसे उसी दिन लागू क्यों नहीं किया। इस दिन को चुनने के पीछे भी एक महत्वपूर्ण कारण है। 26 जनवरी 1930 में, लाहौर अधिवेशन के दौरान पंडित नेहरू ने अर्धरात्रि  को रावी नदी के तट पर पूर्ण स्वराज की घोषणा कर दी थी।

हमें 15 अगस्त 1947 को ही आजादी मिल गयी। अतः 26 जनवरी की ऐतिहासिक महत्ता को देखते हुए और अपनी घोषणा को सम्मान देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने इस दिन के अविस्मरणीय बनाने का निर्णय लिया। और तभी से 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ हो गया।

गणतंत्र दिवस समारोह भारतीय आन-बान-शान का द्योतक होता है। लगभग 400 सालों की गुलामी के बाद हमें यह आजादी का सूरज नसीब हुआ है। यह हमारे देश की विकास-यात्रा का प्रतिनिधित्व करता है। देश की सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक विकास को दर्शाने का एक कुशल प्लैटफॉर्म है।

निबंध – 4 (500 शब्द)

गणतंत्र दिवस का नाम सुनते ही जो पहली छवि उभरती है, वो है परेड। राष्ट्रपति, गैलेंट्री अवार्डस्, राज्यों की भव्य झांकियाँ, तीनों सेनाओं का करिश्माई प्रदर्शन सहसा ही आखों के सामने उभर जाता है।

Essay on Republic Day Parade in Hindi

गणतंत्र दिवस परेड कब और कहाँ आयोजित की जाती है।

गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को पूरे देश में जोश और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भारत के सभी 28 राज्यों और 9 केन्द्र-शासित प्रदेशो में यह पर्व अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है। सबकी नज़र दिल्ली के राजपथ पर टिकी रहती है, क्योंकि राष्ट्रपति के राजपथ पर झंडा फहराने के बाद ही सम्पूर्ण राज्य अपने यहाँ झंडा फहरा सकता है।

आज जितना भव्य और वृहद रूप हमारे सामने है, प्रारंभ से ऐसा नहीं है। आज हम अपना 74वाँ गणतंत्र दिवस मना रहे है। ऐसे में यह जानना बेहद रोमांचकारी है, कि भारत का पहला गणतंत्र कैसे रहा होगा।

आइए इस पक्ष पर थोड़ी नज़र डालते है। आज जहाँ गणतंत्र दिवस परेड होती है, वहाँ पहली बार नही हुई थी। पहली बार दिल्ली के ब्रिटिश स्टेडियम में गणतंत्र दिवस परेड हुआ था। वो दृश्य भले ही साधारण था किन्तु अलौकिक था। हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने पहली बार आजाद भारत में तिरंगा फहराया था। उनके लिए वह पल कितना शानदार होगा, जिसने गुलामी के दंश झेला हो। हमारे कल्पना के भी परे है। तोपो की सलामी से सर्वत्र किला गूंजित हो उठा।

राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड कैसे की जाती है।

गणतंत्र दिवस पर परेड की परम्परा नवीन नहीं है। अगर किसी से पूछा जाय कि गणतंत्र दिवस परेड कहाँ होता है, तो झट से यही जवाब आता है कि राजपथ। आज के परिपेक्ष्य में सर्वथा उचित है, लेकिन अगर आप पहला भी राजपथ सोच रहे तो आप गलत है। हमारा प्रथम गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर नही बल्कि दिल्ली के पुराने किले के इर्विन स्टेडियम में हुआ था, जहाँ आज नेशनल स्टेडियम बन गया है।

परेड एक तरह का मार्च-पास्ट होता है। इसे सेना के सारे जवान और अकादमिक बच्चे एक क्रम में कदम-ताल करते हुए करते है। यह राजपथ से शुरू होकर इंडिया गेट तक जाता है। उसके बाद प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर फूल-माला चढ़ाकर अमर शहीदों (देश के लिए मर मिटने वाले जवान) को श्रद्धांजलि देते है।

“ हिन्दी है हम वतन है, हिन्दोस्तां हमारा ”

हमारा राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इससे हमारे देश की गरिमा जुड़ी होती है। इस उपलक्ष्य पर उन वीर बच्चों को भी सम्मानित किया जाता है, जो अपनी ज़ान की परवाह किए बिना दूसरों की ज़ान बचाते है।

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26 जनवरी पर निबंध हिंदी में | Essay On Republic Day in Hindi, 10 lines (कक्षा-3 से 8 के लिए निबंध)

Essay On Republic Day in Hindi

Essay On Republic Day in Hindi: सभी भारतीयों के लिए 26 जनवरी दिवस बहुत महत्व रखता है। इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत के इतिहास में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस (26 January Republic Day) बहुत अत्यधिक महत्व है। दरशल भारत ने खुद के संविधान को निर्मित करके 26 जनवरी 1950 को लागू किया। संविधान को लागू होने पर संपूर्ण देश में उत्साह का वातावरण बना। इस दिन को गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) के रूप में मनाना शुरू किया गया। भारत इस दिन भारतीय अधिनियम एक्ट से आजाद हुआ और संविधान को लागू कर पाया। 26 जनवरी के दिन देश के गौरव लाल किले पर राष्ट्रपति द्वारा ध्वजारोहण किया जाता है। देशहित में संबोधन दिया जाता है। देश के वीर सपूतों को याद किया जाता है। अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम, स्वतंत्रता सेनानियों को नमन, भाषण , निबंध, कला साहित्य, नृत्य आदि प्रतियोगिताएं कर देश में हर्षोल्लास के साथ राष्ट्रीय पर्व मनाया जाता है। यदि आप भी 26 January Per Nibandh Hindi Me लिखने के लिए कोशिश कर रहे हैं। तो आज आपको हम मदद करने वाले हैं।

आइए जानते हैं, 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में में कैसे लिख सकते हैं? भारत का इतिहास जो कि निबंध में लिखा जा सकता है? 26 जनवरी का महत्व है? 26 जनवरी पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम? भारतीय सेना द्वारा किए जाने वाले शौर्य कार्यक्रम की झलक को कैसे शब्दों में लिखा जा सकता है। इस संबंध में संपूर्ण विवरण आप इस लेख में जानने वाले हैं। अतः नीचे दी गई निबंध लेखन प्रक्रिया (Essay Writing Process) को ध्यानपूर्वक फॉलो करें। आप गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 200 शब्द से अधिक तथा गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 10 लाइन का निबंध भी पढ़ सकेंगे |

26 January Per Nibandh Hindi Me | 26 जनवरी 2024 पर हिंदी में निबंध कैसे लिखें?

प्रस्तावना:-  भारत में सन 1950 से लेकर अब तक 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। भारत में इस दिन राजकीय अवकाश रखता है। संपूर्ण देश में सभी राजकीय एवं प्राइवेट संस्थानों में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारत ने 26 जनवरी 1950 को अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानूनों अर्थात भारत अधिनियम एक्ट को हटाकर भारत ने खुद का संविधान लागू किया था। इसी दिन को हम सभी भारतीय बड़े गर्व के साथ मनाते हैं। अब भारत स्वयं लोकतांत्रिक गणराज्य देश बन चुका है।

26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज्य की घोषणा | Declaration of complete independence on 26 January 1930

भारत को पूर्ण स्वराज्य की घोषणा करने में पंडित जवाहरलाल नेहरू की अहम भूमिका रही है। भारत में पहले लाहौर अधिवेशन में यह प्रस्तावना की गई थी कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी 1930 तक भारत को डेमो नियम का दर्जा नहीं देगा। तो भारत पूर्ण रुप से स्वतंत्र घोषित कर दिया जाएगा। इस बात पर ब्रिटिश सरकार का 1930 तक कोई निर्णय नहीं आने पर भारतीय कांग्रेस द्वारा 26 जनवरी 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित कर दिया गया। भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित पंडित जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में दिसंबर 1929 में किया गया।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? History of 26 January

15 अगस्त 1947 को संपूर्ण देश अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हुआ। इस दिन को आज देश का बच्चा-बच्चा जानता है। इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। परंतु अब तक भारत में देश का संविधान लागू नहीं था। कुछ अंग्रेजों के अधिनियम के आधार पर ही देश में कानून व्यवस्था सुचारु रुप से जारी थी। कुछ समय बाद 9 दिसंबर 1947 को संविधान सभा बनाने की शुरुआत की गई। इस सभा में निर्णय लिया गया कि भारत का खुद का संविधान होना चाहिए। भारत के संविधान लिखने की जिम्मेदारी बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को दी गई।   बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिनों की अथक मेहनत के बाद भारत को अक्षुण संविधान बना कर दिया। 26 जनवरी 1950 को इस संविधान को देशहित में लागू किया गया। इसी दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करने के उपलक्ष में राष्ट्रीय उत्सव हर्षोल्लास से मनाता है।

भारत का संविधान लिखने में अहम भूमिका (Important role in writing the Constitution of India)

9 दिसंबर 1947 की सभा में देश के लिए संविधान लिखने की बात पर अमल किया जा रहा था। संविधान निर्माण के लिए 22 समितियों का चुनाव किया गया। संविधान निर्माण के लिए 114 दिन की बैठक की गई। जिसमें 308 सदस्यों ने भाग लिया। इस बैठक के मुख्य सदस्य डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर , सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद आदि सदस्य शामिल थे। भारत का संविधान निर्माण करने में जनता तथा प्रेस को भी शामिल किया गया। भारत का संविधान लिखने की जिम्मेदारी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को सौंपी गई। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने अपने अथक मेहनत से 2 वर्ष 11 महीने तथा 18 दिन के भीतर भारत को गौरवान्वित करने वाला संविधान लिख दिया। जिसे 26 जनवरी 1950 को देश हित में लागू कर दिया गया। भारत का संविधान लिखने में महत्वपूर्ण भूमिका बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की रही। बाबा साहेब की मेहनत से भारत खुद के संविधान लिखने व लागु करने में सफल हुआ।

26 जनवरी कैसे मनाया जाता है (How is 26 January Celebrated?

26 जनवरी भारत के इतिहास में स्वर्णिम स्थान रखता है। इस दिन संपूर्ण देश में उत्साह का माहौल रहता है। राजकीय कार्यों का अवकाश रखा जाता है। देश हित में राष्ट्रीय पर्व को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। गत 2 वर्षों में महामारी के चलते 26 जनवरी कार्यक्रम को सीमित उपस्थिति में सम्पन्न किया गया। गत 2 वर्षों में विदेशी मेहमानों को सीमित मात्रा में न्योता दिया गया। संपूर्ण देश इस कार्यक्रम को लाल किले से न्यूज़ चैनल के माध्यम से लाइव देखता रहा। 26 जनवरी 2024 को लाल किले पर होने वाले झंडारोहण को राष्ट्रपति द्वारा सम्पन्न किया जाता है। राष्ट्रपति द्वारा देश हित में संबोधन दिया जाता है। इसी के साथ भारत के सम्मानीय प्रधानमंत्री ( नरेंद्र मोदी ) द्वारा भी जनता को संबोधित किया जाता है। इसी के साथ भारत की तीनों सेनाओं (जल-थल-नभ) गणतंत्र दिवस समारोह में भाग लेती है, तथा ध्वजारोहण कर रहे राष्ट्रपति को सलामी देती है। भारत की तीनों सेनाओं द्वारा शौर्य का परिचम लहराया जाता है। 26 जनवरी 2024 के दिन सभी प्राइवेट/ निजी संस्थाएं एवं राजकीय दफ्तरों में झंडारोहण किया जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम किये जाते है। राष्ट्रगान का उद्घोष किया जाता है।

26 जनवरी 2024 संपूर्ण देश 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दिन संपूर्ण देश में तिरंगा झंडा लहराता है तथा झंडारोहण के साथ-साथ राष्ट्रीय गान का उद्घोष किया जाता है। भारत का प्रत्येक बच्चा-बच्चा इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेता है। अपने देश में मनाने जाने वाले राष्ट्रीय पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी के दिन छोटे बच्चे संस्कृति कार्यक्रम में भाग लेते हैं। हिंदी इंग्लिश तथा अपने क्षेत्रीय भाषाओं में भाषण देते हैं। देश के वीर सपूतों को याद करते हैं। उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। राष्ट्रीय पर्व 26 जनवरी के दिन उपस्थित सभी मेहमानों के स्वागत एवं सम्मान में संबोधन, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन बीटिंग द रिट्रीट (Beating the Retreat) का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ भारत में गणतंत्र दिवस हर साल अन्य देशों से भी मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया जाता है।

26 जनवरी 2024 पर निबंध PDF Download

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FAQ’s 26 January Per Nibandh Hindi Me

Q. 26 जनवरी 2024 को कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा.

Ans. 26 जनवरी 2024 को भारत में 75वा गणतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 

Q. गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2024 के मुख्य अतिथि कौन हैं ?

Ans. भारत 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पांच मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपतियों को आमंत्रित किया जा सकता हैं।

Q.  रिपब्लिक डे क्यों मनाया जाता है?

Ans.  भारत में रिपब्लिक डे 26 जनवरी को सेलिब्रेट किया जाता है। आज से 74 साल पहले भारत ने अंग्रेजों के अधिनियम एक्ट को हटाकर खुद का संविधान लागू किया था। 26 जनवरी 1950 का वह ऐतिहासिक दिन भारत के लिए गौरवपूर्ण इतिहास बन चुका  है। उस दिन को आज भी 26 जनवरी के दिन राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।

Q.  भारत का संविधान किसके द्वारा लिखा गया था?

Ans.  भारत का संविधान डॉक्टर भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखा गया था।

Q.  भारत का संविधान लिखने में कितना समय लगा था?

Ans.  भारत का संविधान लिखने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।

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26 जनवरी – गणतन्त्र दिवस निबंध व भाषण.

Last Updated: July 17, 2020 By Gopal Mishra 75 Comments

26 January Republic Day Essay in Hindi / Speech

२६ जनवरी पर निबंध व भाषण .

Republic Day Essay in Hindi Speech गणतंत्र दिवस पर निबंध भाषण

मातृभुमि के सम्मान एवं उसकी आजादी के लिये असंख्य वीरों ने अपने जीवन की आहूति दी थी। देशभक्तों की गाथाओं से भारतीय इतिहास के पृष्ठ भरे हुए हैं। देशप्रेम की भावना से ओत-प्रोत हजारों की संख्या में भारत माता के वीर सपूतों ने, भारत को स्वतंत्रता दिलाने में अपना सर्वस्य न्योछावर कर दिया था। ऐसे ही महान देशभक्तों के त्याग और बलिदान के परिणाम स्वरूप हमारा देश, गणतान्त्रिक देश हो सका।

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 ➡  2020 गणतंत्र दिवस पर नया दमदार भाषण यहाँ क्लिक कर पढ़ें 

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गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। इस व्यवस्था को हम सभी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। वैसे तो भारत में सभी पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं, परन्तु गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस पर्व का महत्व इसलिये भी बढ जाता है क्योंकि इसे सभी जाति एवं वर्ग के लोग एक साथ मिलकर मनाते हैं।

गणतंत्र दिवस, 26 जनवरी को ही क्यों मनाते हैं? मित्रों, जब अंग्रेज सरकार की मंशा भारत को एक स्वतंत्र उपनिवेश बनाने की नजर नही आ रही थी, तभी 26 जनवरी 1929 के लाहौर अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरु जी की अध्यक्षता में कांग्रेस ने पूर्णस्वराज्य की शपथ ली। पूर्ण स्वराज के अभियान को पूरा करने के लिये सभी आंदोलन तेज कर दिये गये थे। सभी देशभकतों ने अपने-अपने तरीके से आजादी के लिये कमर कस ली थी। एकता में बल है, की भावना को चरितार्थ करती विचारधारा में अंग्रेजों को पिछे हटना पङा। अंतोगत्वा 1947 को भारत आजाद हुआ, तभी यह निर्णय लिया गया कि 26 जनवरी 1929 की निर्णनायक तिथी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनायेंगे।

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26 जनवरी, 1950 भारतीय इतिहास में इसलिये भी महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भारत का संविधान, इसी दिन अस्तित्व मे आया और भारत वास्तव में एक संप्रभु देश बना। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बङा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष, 11 महिना, 18 दिन लगे थे। भारतीय संविधान के वास्तुकार, भारत रत्न से अलंकृत डॉ.भीमराव अम्बेडकर  प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान के निर्माताओं ने विश्व के अनेक संविधानों के अच्छे लक्षणों को अपने संविधान में आत्मसात करने का प्रयास किया है। इस दिन भारत एक सम्पूर्ण गणतान्त्रिक देश बन गया।देश को गौरवशाली गणतन्त्र राष्ट्र बनाने में जिन देशभक्तो ने अपना बलिदान दिया उन्हे याद करके, भावांजली देने का पर्व है, 26 जनवरी।

मित्रो, भारत से व्यपार का इरादा लेकर अंग्रेज भारत आये थे, लेकिन धीरे -धीरे उन्होने यहाँ के राजाओं और सामंतो पर अपनी कूटनीति चालों से अधिकार कर लिया। आजादी कि पहली आग मंगल पांडे ने 1857 में कोलकता के पास बैरकपुर में जलाई थी, किन्तु कुछ संचार संसाधनो की कमी से ये आग ज्वाला न बन सकी परन्तु, इस आग की चिंगारी कभी बुझी न थी। लक्ष्मीबाई से इंदिरागाँधी तक, मंगल पांडे से सुभाष तक, नाना साहेब से सरदार पटेल तक, लाल(लाला लाजपत राय), बाल(बाल गंगाधर तिलक), पाल(विपिन्द्र चन्द्र पाल) हों या गोपाल, गाँधी , नेहरु सभी के ह्रदय में धधक रही थी।

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13 अप्रैल 1919 की (जलिया वाला बाग) घटना, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की सबसे अधिक दुखदाई घटना थी। जब जनरल डायर के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने गोलियां चला के निहत्थे, शांत बूढ़ों, महिलाओं और बच्चों सहित सैकड़ों लोगों को मार डाला था और हज़ारों लोगों को घायल कर दिया था। यही वह घटना थी जिसने भगत सिंह और उधम सिंह जैसे, क्रांतीकारियों को जन्म दिया। अहिंसा के पुजारी हों या हिंसात्मक विचारक क्रान्तिकारी, सभी का ह्रदय आजादी की आग से जलने लगा। हर वर्ग भारतमात के चरणों में बलिदान देने को तत्पर था।

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अतः 26 जनवरी को उन सभी देशभक्तों को श्रद्धा सुमन अपिर्त करते हुए, गणतंत्र दिवस का राष्ट्रीय पर्व भारतवर्ष के कोने-कोने में बड़े उत्साह तथा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रति वर्ष इस दिन प्रभात फेरियां निकाली जाती है। भारत की राजधानी दिल्ली समेत प्रत्येक राज्य तथा विदेषों के भारतीय राजदूतावासों में भी यह त्योहार उल्लास व गर्व से मनाया जाता है।

26 जनवरी का मुख्य समारोह भारत की राजधानी दिल्ली में भव्यता के साथ मनाते हैं। देश के विभिन्न भागों से असंख्य व्यक्ति इस समारोह की शोभा देखने के लिये आते हैं। हमारे सुरक्षा प्रहरी परेड निकाल कर, अपनी आधुनिक सैन्य क्षमता का प्रदर्शन करते हैं तथा सुरक्षा में सक्षम हैं, इस बात का हमें विश्वास दिलाते हैं।

Republic Day Essay in Hindi गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 जनवरी की परेड

परेड विजय चौक से प्रारम्भ होकर राजपथ एवं दिल्ली के अनेक क्षेत्रों से गुजरती हुयी लाल किले पर जाकर समाप्त हो जाती है। परेड शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ‘अमर जवान ज्योति’ पर शहीदों को श्रंद्धांजलि अर्पित करते हैं। राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ 14 घोड़ों की बग्घी में बैठकर इंडिया गेट पर आते हैं, जहाँ प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं। राष्ट्रीय धुन के साथ ध्वजारोहण करते हैं, उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है, हवाई जहाजों द्वारा पुष्पवर्षा की जाती है।

आकाश में तिरंगे गुब्बारे और सफेद कबूतर छोड़े जाते हैं। जल, थल, वायु तीनों सेनाओं की टुकडि़यां, बैंडो की धुनों पर मार्च करती हैं। पुलिस के जवान, विभिन्न प्रकार के अस्त्र-षस्त्रों, मिसाइलों, टैंको, वायुयानो आदि का प्रदर्षन करते हुए देश के राष्ट्रपति को सलामी देते हैं। सैनिकों का सीना तानकर अपनी साफ-सुथरी वेषभूषा में कदम से कदम मिलाकर चलने का दृष्य बड़ा मनोहारी होता है। यह भव्य दृष्य को देखकर मन में राष्ट्र के प्रति भक्ति तथा ह्रदय में उत्साह का संचार होता है।

स्कूल, कॉलेज की छात्र-छात्राएं, एन.सी.सी. की वेशभूषा में सुसज्जित कदम से कदम मिलाकर चलते हुए यह विश्वास उत्पन्न करते हैं कि हमारी दूसरी सुरक्षा पंक्ति अपने कर्तव्य से भलीभांति परिचित हैं। मिलेट्री तथा स्कूलों के अनेक बैंड सारे वातावरण को देशभक्ति तथा राष्ट्र-प्रेम की भावना से गुंजायमान करते हैं। विभिन्न राज्यों की झांकियां वहाँ के सांस्कृतिक जीवन, वेषभूषा, रीति-रिवाजों, औद्योगिक तथा सामाजिक क्षेत्र में आये परिवर्तनों का चित्र प्रस्तुत करती हैं। अनेकता में एकता का ये परिदृष्य अति प्रेरणादायी होता है। गणतन्त्र दिवस की संध्या पर राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य सरकारी कार्यालयों पर रौशनी की जाती है।

26 जनवरी का पर्व देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी समेटे हुए है। प्रत्येक भारतीय को अपने देश की आजादी प्यारी थी। भारत की भूमि पर पग-पग में उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-

कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।

ऐसे ही अनेक देशभक्तों की शहादत का परिणाम है, हमारा गणतान्त्रिक देश भारत।

26 जनवरी का पावन पर्व आज भी हर दिल में राष्ट्रीय भावना की मशाल को प्रज्वलित कर रहा है। लहराता हुआ तिरंगा रोम-रोम में जोश का संचार कर रहा है, चहुँओर खुशियों की सौगात है। हम सब मिलकर उन सभी अमर बलिदानियों को अपनी भावांजली से नमन करें, वंदन करें।

जय हिन्द, जय भारत

Anita Sharma Voice For Blind

अनिता जी दृष्टिबाधित लोगों की सेवा में तत्पर हैं। उनके बारे में अधिक जानने के लिए पढ़ें –  नेत्रहीन लोगों के जीवन में प्रकाश बिखेरती अनिता शर्मा और  उनसे जुड़ने के लिए यहाँ क्लिक करें।

26 जनवरी पर अनिता जी का एक और लेख यहाँ पढ़ें.

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Thanks a lot Anita ji  for inspiring us with a great Republic Day Essay in Hindi. One may use it to deliver Republic Day Speech in Hindi (BHASHAN)

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26 january essay in hindi

March 22, 2018 at 2:50 pm

Thank you so much for sharing wonderful speech with us.

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January 26, 2018 at 11:42 pm

me apki website ki regular user hu. apki story and post padh k bhut mja aata h. thanks for making this website.

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January 25, 2018 at 7:32 am

मेरा भारत महान, बहुत अच्छी स्पीच थी

26 january essay in hindi

January 21, 2018 at 5:10 pm

लोकतंत्र = जनता का जनता द्वारा शासन । गणतंत्र = जहां का राष्ट्र अध्यक्ष निर्वाचित होता है । यहां लोकतंत्र को गणतंत्र के रूप में परिभाषित किया गया है । जो कि गलत है ।

26 january essay in hindi

January 26, 2017 at 12:28 am

Very Good speech on republic days….. avneet

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January 25, 2017 at 10:22 pm

It’s my best speech i ever read THANK YOU

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January 22, 2017 at 12:03 pm

thx for sharing this speech 🙂

26 january essay in hindi

January 20, 2017 at 1:56 pm

thank u so much anita ji for good speech on republic days ..

26 january essay in hindi

January 19, 2017 at 8:05 am

Thank you very much for nice speech…….

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26 january essay in hindi

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गणतंत्र दिवस निबंध हिंदी में 2024: छात्रों के लिए 26 जनवरी रिपब्लिक डे निबंध

Republic day essay in hindi: स्कूली छात्रों के लिए गणतंत्र दिवस 2024 पर हिंदी में निबंध के उदाहरण यहां उपलब्ध कराए गए हैं।  यहां 100, 150, 250, 500 शब्दों में गणतंत्र दिवस निबंध प्राप्त करें।.

Tanisha Agarwal

Essay on Republic Day in Hindi, गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में

गणतंत्र दिवस पर निबंध 100 शब्दों में, गणतंत्र दिवस पर निबंध 150 शब्दों में.

26 जनवरी भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय कैलेंडर में एक महत्वपूर्ण दिन है। 1950 में, हमारा राष्ट्र संविधान को अपनाकर राज्य को शासनाधिकार से स्वायत्त बनाने के लिए अनुकूल बन गया। भारत के संविधान संसद ने 1949 में संविधान को अपनाया था लेकिन यह 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। 15 अगस्त 1947 को देश को आज़ादी मिली थी । शासन व्यवस्था को चलाने के लिए भारतीय संविधान का आयोजन किया गया। जिसमें अहम भूमिका डॉ. बीआर अम्बेडकर ने निभायी। तब से, इस दिन को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मनाया जाता है। इस साल, भारत 2024 में अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा हैI

गणतंत्र दिवस पर निबंध 250 शब्दों में

गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है। इस समारोह की शुरूआत राष्ट्रपति तिरंगा फेराकर करते हैं। राष्ट्रगान के बाद शहीदों को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। इस दिन परेड का आयोजन किया जाता है जो भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता को प्रदर्शित करता है। यह वह समय है जब सभी 140 करोड़ हिंदुस्तानी अपने टीवी के सामने बैठे होते हैं, जिनके दिल में उत्साह के साथ गर्व होता है। 

गणतंत्र दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

यह दिन राष्ट्र के कानून निर्माताओं जैसे बीआर अंबेडकर के प्रयासों को उपलब्धि के रूप में मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। 1950 से ही दिन को एक राष्ट्रीय छुट्टी के रूप में घोषित किया गया है। देश भर के कार्यालय, स्कूल और कॉलेज अपने संबंधित स्थानों के आसपास दिन को मनाते हैं ताकि वे राष्ट्र के कानून निर्माताओं को सम्मान दे सकें। झंडे का अनावरण, राष्ट्रगान, परेड, एयर शो, और अधिक इस गतिविधि को दिलचस्प और महत्वपूर्ण बनाते हैं।

गणतंत्र दिवस निबंध के विषय

  • गणतंत्र दिवस का महत्व 
  • भारतीय संविधान निर्माण के पीछे का इतिहास
  • भारतीय संविधान के निर्माता
  • डॉ बी आर अम्बेडकर और भारतीय संविधान में  उनकी भूमिका
  • गणतंत्र दिवस में परेड का महत्व 

गणतंत्र दिवस पर निबंध लेखन युक्तियाँ

  • अपने लेखन में भावनात्मक भावनाओं का प्रयोग करें
  • निबंध में हमेशा कुछ महत्वपूर्ण उद्धरण शामिल करें
  • जानकारी को क्रमबद्ध तरीके से प्रस्तुत करें
  • सुनिश्चित करें कि जानकारी सही है
  • ऐतिहासिक तथ्य, घटनाएँ, तारीखें और अधिक प्रासंगिक जानकारी शामिल करें

Republic Day Essay in English

Republic Day Speech in English

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26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध

26 January Essay in Hindi

26 January Essay in Hindi: भारत में 26 जनवरी का दिन बहुत ही ख़ास दिन है क्योंकि इस दिन संपूर्ण देश गणतंत्र दिवस को मनाता है। गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी का दिन हमें उस दिन की याद दिलाता है जब 1950 में भारत के संविधान को लागू किया गया था।

भारत में गणतंत्र दिवस को प्रत्येक भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेज, और सरकारी दफ्तरों में भाषण व निबंध प्रतियोगिताएं होती है। यह एक राष्ट्रीय पर्व है जिसे सभी लोग बिना जाति, धर्म भेदभाव के मनाते है।

चलिए मैं आपको गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध लिखने का तरीका बताता हूँ।

गणतंत्र दिवस पर हिन्दी निबंध – 26 January Essay in Hindi

गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय दिवस है, जिसे हर साल 26 जनवरी को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिवस को पूरा देश में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था, और साथ ही भारत एक गणराज्य बना था। भारत का यह दिन भारत के लोकतंत्र और स्वतंत्रता का प्रतीक है।

भारत में हर साल गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने परेड की जाती है, जिसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बल, और विभिन्न राज्यों की झांकियां शामिल होती हैं। यह परेड पूरी होने के बाद राष्ट्रपति लाल किले से पूरे देश को संबोधित करते हैं।

गणतंत्र दिवस के अवसर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कॉलेजों, और सार्वजनिक स्थानों पर झंडारोहण, भाषण, निबंध प्रतियोगिता, डांस, गीत जैसे अनेक कार्यक्रम होते हैं।

2023 में, भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। और इस साल मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी गणतंत्र दिवस की परेड के मुख्य अतिथि होंगे।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है

भारत का यह गणतंत्र दिवस कोई साधारण दिन नहीं है, बल्कि यह वह दिन है जब हमारे देश को पूर्ण स्वतंत्रता मिली थी। भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। हालांकि भारत की संविधान सभा ने 26 नवंबर 1949 को ही भारत के संविधान के अपना लिया था, लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया था।

इसके अलावा इस दिन का एक और दिलचस्प इतिहास भी है, जिसकी शुरूआत दिसंबर 1929 में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी की अध्यक्षता में लाहौर में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में हुई थी।

इस अधिवेशन में कांग्रेस ने घोषणा की थी कि यदि 26 जनवरी 1930 को भारत को डोमिनियन का दर्जा नही दिया गया तो भारत स्वयं अपने आप को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा। लेकिन ब्रिटिश सरकार ने कोई जवाब नही दिया था, तब उस दिन यानी 26 जनवरी को कांग्रेस ने एक आंदोलन शुरू किया था।

इसी वजह से संविधान की स्थापना के लिए 26 जनवरी के दिन को चुना गया, जब हमारा देश भारत पूरी तरह आजाद हुआ था।

गणतंत्र राष्ट्रीय पर्व का महत्व

भारत में गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी का काफी ज्यादा महत्व हैं। भारत का यह दिन हमें भारत के लोकतंत्र और स्वतंत्रता की याद दिलाता है। यह दिन हमें उन संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है, जिन्होने हमारे देश को स्वतंत्र और लोकतंत्र बनाने में योगदान दिया है।

इस दिन भारत के संविधान को भी याद किया जाता है जो पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। इस संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन लगे थे। यह संविधान भारत के लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में बताता है।

गणतंत्र दिवस ( Republic Day ) भारत की एकता और अखंडता को बढ़ावा देता है। यह एक ऐसा दिन है जब भारत के हिंदी, मुश्लिम, सिख, ईसाई सभी जाति धर्म के लोग एक साथ मिलकर इस दिन को मनाते हैं। यह दिन भारत के सभी नागरिकों को अपने देश पर गर्व महसूस करवाता है।

26 जनवरी को कैसे मनाते है

गणतंत्र दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व दिवस है जिसे हर साल 26 जनवरी को पूरे भारत देश द्वारा मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन सुबह भारत के सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, और सार्वजनिक स्थानों पर झण्डारोहण किया जाता है। इसके अलावा कुछ अपने देशभक्ति दिखाने के लिए अपने घरों पर भी झंडा फहराते हैं।

इस दिन दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के सामने एक भव्य परेड आयोजित की जाती है जिसमें भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बल सेना शामिल होती है। इसके अलावा अगल-अलग राज्यों की झांकियां भी शामिल होती है। परेड के बाद राष्ट्रपति लाल किले से भाषण भी देते है, जिसमें देश की उपलब्धियों और चुनौतियों के बारे में बताया जाता है।

देश के प्रधान मंत्री द्वारा इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन किया जाता है। इस दिन परेड में तीनो सेना के प्रमुख राष्ट्रीपति को 21 तोपो की सलामी  देते हैं। इसके अलावा बहुत सारे शक्तिशाली हथियारों का प्रदर्शन भी किया जाता है।

इसके अलावा स्कूल और कॉलेज में भी झण्डारोहण और राष्ट्रगान जन-गन-मन का गायन किया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं, जैसे- संगीत, नृत्य, निबंध प्रतियोगिता, भाषण, चित्रकला आदि।

26 जनवरी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

  • 26 जनवरी के दिन भारत का संविधान आधिकारीक रूप से लागू हुआ था, और भारत एक गणराज्य बना था।
  • भारत के संविधान को 26 नवंबर 1949 में पारित किया गया था, लेकिन इसे 26 जनवरी को लागू किया गया।
  • पहली बार गणतंत्र दिवस को 26 जनवरी 1950 में नई दिल्ली में मनाया गया था।
  • गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली के विजय चौक से लाल किले तक एक विशाल परेड निकाली जाती है।
  • परेड में भारतीय सेना, नौसेना, वायु सेना, अर्धसैनिक बल सेना और विभिन्न राज्यों की झांकियां शामिल होती है।
  • भारत के संविधान को बनने में 2 साल 11 माह और 18 दिन लगे थे। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

गणतंत्र दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • भारत में गणतंत्र दिवस हर साल 26 जनवरी को सभी नगरिकों द्वारा मनाया जाता हैं।
  • 26 जनवरी के दिन भारत का संविधान पूर्ण रूप से लागू हुआ था, और भारत एक गणराज्य बना था।
  • गणतंत्र दिवस भारत के लोकतंत्र और स्वतंत्रता का प्रतीक है।
  • इस दिन सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, और सार्वजनिक स्थानों पर झंडारोहण, भाषण, और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है।
  • यह दिवस भारत के सभी लोगों को अपने देश के प्रति गर्व महसूस करवाता है।
  • इस दिन दिल्ली में राष्ट्रपति लाल किले पर झंडारोहण करते है और फिर राष्ट्रगान का गायन होता है।
  • गणतंत्र दिवस पर लाल के सामने एक बहुत बड़ी परेड की जाती है, जिसमें तीनों सेनाएं शामिल होती है।
  • परेड में शामिल सभी सेनाएं राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देती है।
  • देश के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन करते है।
  •  इस दिन सरकारी कार्योलयों, स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी होती है।

निष्कर्ष

गणतंत्र दिवस किसी विशेष जाति, संप्रदाय या धर्म से न जुड़कर राष्ट्र से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है। इसलिए इस पर्व को भारत के सभी निवासीयों द्वारा मनाया जाता है। यह दिवस हमें भारत की स्वतंत्रता के लिए हुए संघर्ष और बलिदानों की याद दिलाता है।

यह दिवस हमें अपने अधिकारो और दायित्वों को याद दिलाता है, और हमारे अंदर के देशप्रेम को जगाता है।

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26 जनवरी पर निबंध – Best Republic Day Essay in Hindi

Admin

आज हम आपको 26 जनवरी के बारे में बताने वाले हैं हमारे भारत देश के तीन बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है 26 जनवरी। हमारे भारत में 26 जनवरी को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, 26 जनवरी वह दिन है जिस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था। यही मुख्य कारण है कि 26 जनवरी को हमारे देश के सम्मान और आत्म गौरव के साथ भी जोड़ा जाता है, इस दिन पूरे भारतवर्ष में अनेकों प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं l

Gantantra Diwas Par Nibandh (Republic Day Essay In Hindi)

26 January Republic Day Essay In Hindi

Gantantra Diwas Par Nibandh Hindi Mein

प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान लागू किया गया था और भारत के सभी कानून इसी दिन लिखे गए थे, 26 जनवरी को हम राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं, और इस दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है, इस दिन सभी कार्यालय है सभी विद्यालय हर एक चीज भारत में बंद रहती है l

इसके अतिरिक्त गांधी जयंती तथा स्वतंत्रता दिवस पर भी राष्ट्रीय अवकाश रखी जाती है। भारतीय सांसद में संविधान लागू होते ही हमारा देश पूरी तरह से लोकतांत्रिक गणराज्य बन चुका है।

भव्य कार्यक्रम

26 जनवरी के तीन भारतीय सेना के द्वारा एक भव्य परेड की जाती है, जय परेड विजय चौक से आरंभ की जाती है और इंडिया गेट तक यह परेड की जाती है। इस दौरान हमारे भारत की ही तीनों प्रमुख सेनाओं ( थल सेना, वायु सेना, जल सेना ) के द्वारा राष्ट्रपति को सलामी दी जाती है, इसके साथ-साथ सेना के द्वारा अत्याधुनिक हथियारों तथा टैंकों का प्रदर्शन भी किया जाता है, जो कि हमारे राष्ट्र की शक्ति का प्रतीक माना जाता है l

आर्मी परेड के पश्चात देश के सभी राज्यों में झांकियों के द्वारा अपने संस्कृति और परंपरा भी प्रस्तुत की जाती है, इसके पश्चात भारत की वायु सेना के द्वारा हमारे राष्ट्रीय झंडे के रंग ( केसरिया, सफेद, हरा ) की तरह आसमान से फूलों की वर्षा की जाती है l

गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और दिल्ली में भव्य कार्यक्रम के आयोजन के साथ साथ देश के हर कोने में गणतंत्र दिवस को बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है l देश के सभी स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है और देश के झंडे को फहराया जाता है l चाहे कोई स्कूल बड़ा हो या फिर छोटा हो सभी स्कूलों में गणतंत्र दिवस का आयोजन किया जाता है l

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होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

हमारे देश के महापुरुषों ने बलिदान दिया है जिनका एहसान हम कभी भी नहीं चुका सकते l गणतंत्र दिवस इसीलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन हमारा संविधान बना था हमारा संविधान हमें यह याद दिलाता है, कि कैसे महापुरुषों ने देश का संविधान बनाने के लिए एक और देश को आजाद बनाने के लिए अपना बलिदान दिया था इसीलिए बहुत मन से पूरे देश में गणतंत्र दिवस को मनाया जाता है l

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गणतंत्र दिवस का इतिहास –

  • जब 15 अगस्त 1947 को हमारे भारत देश को अंग्रेजो की गुलामी से आजादी मिली थी, तो उसके पश्चात एक ड्राफ्टिंग कमेटी को 28 अगस्त 1947 में मीटिंग के दौरान भारत के भारत के संविधान का प्रारूप तैयार करने के लिए कहा गया, फिर उसके पश्चात 4 नवंबर 1947 में डी. बी. आर. अंबेडकर की अध्यक्षता में भारत के संविधान को सदन में रखा गया।
  • संविधान बनने में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन का समय है लगा था, फिर उसके पश्चात 26 जनवरी 1950 में हमारा भारत का संविधान लागू कर दिया गया, और इसके साथ साथ पूर्ण स्वराज की प्रतिज्ञा का भी पूरा सम्मान किया गया।
  • भारत के संविधान बनने की एक लंबी प्रक्रिया थी भारत का संविधान बनाने के लिए सबसे पहले ही संविधान सभा का निर्माण किया गया था और संविधान सभा में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महत्वपूर्ण मेंबर्स को भी चुना गया था l भारत के संविधान एकदम से नहीं बना पूरी प्रक्रिया के साथ संविधान को बनाया गया था l संविधान के निर्माण में संविधान सभा ने एक आधार का काम किया अगर संविधान सभा ना बनाई होती तो आज भारत का संविधान भी नहीं बना होता l
  • 26 जनवरी के दिन सभी स्कूल कॉलेजों में विद्यार्थियों के द्वारा परेड, खेल, नाटक, भाषण और नृत्य, निबंध लेखन, तथा विद्यार्थियों के द्वारा स्वतंत्रता सेनानियों के किरदार निभाकर इस उत्सव को बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है l सभी छात्र और छात्राएं बढ़-चढ़कर गणतंत्र दिवस मनाने के लिए कार्यक्रम में भाग लेते हैं गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम पर विद्यार्थियों द्वारा तरह तरह उनके देश भक्ति से संबंधित गाने गाए जाते हैं और नृत्य के द्वारा भी देश भक्ति को संबोधित किया जाता है l
  • 26 जनवरी के दिन हर एक विद्यार्थी को यह प्रेरित किया जाता है, कि वह बड़ी होकर देश की सेवा करें और देश के विकास में अपना योगदान दें, और दूसरे लोगों को भी वह देश की सुरक्षा तथा सेवा करने के लिए प्रेरित करें, ऐसी प्रतिज्ञा हर एक विद्यार्थियों से कराई जाती है l

हमारे भारतवर्ष में 26 जनवरी के दिन बड़े ही उत्साह और खुशी के साथ पर्व मनाया जाता है, यह उत्सव हमारे भारत का एक लोकतांत्रिक राज्य होने के लिए मनाया जाता है l

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इस परेड में भारत की तीनों सेना उपलब्ध रहती हैं,जैसे कि वायु सेना थल सेना और जल सेना और यह है, तीनों सेना अपने सभी अस्त्र और शस्त्र का प्रदर्शन भी जोरों शोरों से करते हैं और लोगों को प्रेरित करते हैं, यह दृश्य बहुत ही ज्यादा आकर्षक हो जाता है और इस पेड़ को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी बहुत ही ज्यादा हो जाती है l

26 January Republic Day

देश की सेवा करने की भी प्रेरणा दी जाती है, भारत देश में आजादी के पश्चात एकता के अस्तित्व को दिखाने के लिए हर एक शहर में कार्यक्रम किए जाते हैं और 26 जनवरी के दिन तरह-तरह की झांकियां भी निकाली जाती हैं l

सभी के द्वारा अलग-अलग तरह के प्रदर्शन किए जाते हैं, और भारत की वायु सेना के द्वारा आकाश में हमारा राष्ट्रीय झंडा भी बनाया जाता है, और इसके अतिरिक्त आकाश में रंग बिरंगे गुब्बारे भी छोड़े जाते हैं, जो कि केसरिया सफेद और हरे रंग के होते हैं, जो कि हमारे भारत देश के झंडे की तरह दिखते हैं l

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Bhart Ka Savidhan Banne Mai Kitna Time Laga

इसीलिए 2 साल 11 महीने और 18 दिन के पश्चात भारत में 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया, और तभी से हमारे भारत देश में 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा।

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26 जनवरी गौरवपूर्ण राष्ट्रीय त्योहार

Republic day essay in hindi.

26 January Happy Republic Day

 हर साल गणतंत्र दिवस की तैयारी कई महीनों पहले ही शुरू कर दी जाती हैं, और हर एक चीज का ध्यान रखा जाता है कि किसी भी प्रकार की कोई अपराधिक घटना घट जाए, और 26 जनवरी के दिन उपस्थित होने वाले सभी लोगों की सुरक्षा का इंतजाम पहले ही सरकार के द्वारा कर दिया जाता है l

इस दिन भारत के हर एक राज्य में हमारा राष्ट्रीय तिरंगा फहराया जाता है, और दिल्ली में राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया जाता है, और तीनों सेनाओं के द्वारा हमारा राष्ट्रीय गान “जन गण मन” गाया जाता है जब हमारे राष्ट्रीय गान गाया जाता है, तो तब पूरा वातावरण राष्ट्रीय गान की आवाज से गूंज उठता है, और वह लोगों को देश के प्रति बहुत ही ज्यादा प्रोत्साहित करता है l

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26 जनवरी गणतंत्र दिवस के दिन भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपने आप से एक वादा करना चाहिए कि हम अपने देश में संविधान को बनाए रखेंगे और कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे संविधान टूटे, और हम अपने देश में शांति बनाए रखेंगे, और हम अपने देश के विकास में सहयोग देंगे।

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26 जनवरी पर भाषण हिंदी में | Republic Day 2023 Speech in Hindi

26 january essay in hindi

प्रतिवर्ष 26 जनवरी को हम देश के गणतंत्र दिवस के रूप में मानते हैं। इस दिन हमे अंग्रेजों की गुलामी समाप्त होने के बाद ही गणतंत्र होने का दर्जा प्राप्त हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारा देश एक प्रजातान्त्रिक गणतंत्र देश बना था। इस दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था। भारत में हर स्कूल, कॉलेजो या ऑफिस में हर जगह हम गणतंत्र दिवस को बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता इत्यादि का आयोजन किया जाता है। अगर आप 26 जनवरी पर भाषण की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह आर्टिकल बिलकुल सही जगह है। यहाँ गणतंत्र दिवस पर भाषण का एक बहुत ही अच्छा नमूना दिया जा रहा है जिसे विद्यार्थी या अध्यापक या ऑफिस में, गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में इस्तेमाल कर सकते हैं। Republic Day Speech in Hindi इस आर्टिकल से प्राप्त कर सकते हैं।

26 जनवरी पर भाषण हिंदी में

26 जनवरी को चाहे स्कूल हो या कॉलेज या आफिस सभी जगह लोग 26 जनवरी यानी कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में भाषण देते हैं। यदि आप भी 26 जनवरी को भाषण देना चहाते हैं। तो हमारा ये आर्टिकल आपके काम आएगा। इसे जरूर पढें।

आप सभी को मेरी तरफ से सुप्रभात। मेरा नाम _____है। मैं कक्षा ….. का छात्र या शिक्षक हूँ। हम सब जानते हैं हम सब आज यहाँ एक विशेष अवसर पर एकत्र हुए हैं। आज के दिन को हम भारत के गणतंत्र दिवस के नाम से जानते हैं।

मैं आज के महान दिन पर आप सभी को भारत के गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताना चाहती हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी लोगों का शुक्रिया करना चाहती हूँ कि मुझे आप लोगों ने इस अद्भुत अवसर पर ये मौका दिया कि मैं यहां आपके सामने खडे होकर इस अवसर के बारे में और अपने प्यारे देश के विषय में कुछ शब्द बोल सकूँ।

देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर कहानी 26 जनवरी का पर्व समेटे हुए है। उत्सर्ग और शौर्य का इतिहास भारत की भूमि पर पग-पग में अंकित है। किसी ने सच ही कहा है-

कण-कण में सोया शहीद, पत्थर-पत्थर इतिहास है।

26 जनवरी हमारे देश के लिए बहुत खास दिन है। गणतन्त्र (गण+तंत्र) का अर्थ है, जनता के द्वारा जनता के लिये शासन। हमारे देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागु हुआ था। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया था। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि सभी जाति एवं वर्ग के लोग इसको एक साथ मिलकर मनाते हैं। आप सभी को पता होगा कि रिपब्लिक या गणतंत्र का मतलब क्या होता है। अपने राजनीतिक नेता को चुनने का अधिकार देश में लोगों के ऊपर होता है। भारत के महान स्वतंत्रता सेनानियों ने कड़ी मेहनत और संघर्ष के करके ही भारत को पूर्ण स्वराज दिलाया है। उन्होंने हमारे लिए बहुत कुछ किया है उसका ही नतीजा है कि आज हम अपने देश भारत में आराम से रह रहें है।

भारत देश के कुछ महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी नेताओं में इन महान नेताओं का नाम आता है। जैसे महात्मा गाँधी, भगत सिंह, चन्द्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सरदार बल्लभ भाई पटेल, लाल बहादुर शास्त्री इन स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारे भारत देश को आजाद कराने के लिए अपनी जान भी न्यौछावर कर दी थी। और उनके इन महान कामों के लिए ही आज भी उनका नाम भारत देश के इतिहास में लिखा है। न ही सिर्फ लिखा ब्लकि आज भी देश का बच्चा बच्चा उनको याद करता है और उनके तरह बनना चाहता है। लगातार कई वर्षों तक इन महान लोगों ने ब्रिटिश सरकार का सामना किया और हमारे वतन को उनकी गुलामी से आज़ाद कराया। भारत वासी उनके इस बलिदान को कभी भी भुला नहीं सकते हैं। उन्ही के कारण आज हम अपने देश में आज़ादी से सांस ले रहे हैं।

हमारे प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि, ” हमने एक ही संविधान और संघ में हमारे पूर्ण महान और विशाल देश के अधिकार को पाया है। जो देश में रह रहे सभी पुरुषों और महिलाओं के कल्याण की जिम्मेदारी लेता है। यह बहुत ही शर्म की बात है कि आजादी के इतने वर्षों के बाद भी हम आज अपराध, भ्रष्टाचार और हिंसा जैसी समस्याओं से लड़ रहे हैं। अब समय आ गया है कि हमें दोबारा एक साथ मिलकर अपने देश से इन बुराइयों को बाहर निकाल फेंकना है जैसे कि स्वतंत्रता सेनानी नेताओं ने अंग्रेजों को हमारे देश से निकाल दिया था। हमें अपने भारत देश को एक सफल, विकसित और स्वच्छ देश बनाना होगा। हमें अपने भारत देश की गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, ग्लोबल वार्मिंग, असमानता, आदि जैसे चीजों को अच्छी तरह समझना होगा और इनका हल निकालना होगा।

आओ करे प्रतिज्ञा हम सब इस पावन गणतन्त्र दिवस पर, हम सब बापू के आदर्शों को अपनायेगे नया समाज बनायेंगे, भारत माँ के वीर सपूतों के बलिदानों को हम व्यर्थ न जानें देंगे, जाति ,धर्म के भेदभाव से ऊपर उठकर नया समाज बनायेंगे.

मैं एक बार फिर आपको अपने भाषण को ध्यान से सुनने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और मुझे आप सभी के सामने अपनी बात रखने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। और आपको भी बात करने का मौका देना चाहता हूं। जय हिन्द! वन्दे मातरम!”

गणतंत्र दिवस लेखन हिंदी में

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देश की हर गली में हम तिरंगा फहराएंगे, गणतंत्र दिवस का यह त्यौहार हम शान से मनाएंगे।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - 26 January Speech in Hindi

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - देश की प्रतिष्ठा और पराक्रम का प्रदर्शन करने वाला त्योहार हमारा 75वां गणतंत्र दिवस इस साल 26 जनवरी को पूरे देश में मनाया जाएगा। यह हमारे देश के लिए बेहद ही खास पर्व है, साथ ही यह हमारे लिए बेहद ही गर्व का विषय है कि हमारे राष्ट्र को एक गणराज्य के रूप में स्थापित हुए 74 वर्ष पूरे हो चुके हैं। देश की संप्रभुता और एकीकरण को दर्शाने वाला यह त्योहार हर भारतीय के मन में देश-भक्ति की भावना का संचार करता है। गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) में हम इस विषय से संबंधित विभिन्न पहलुओं को कवर करेंगे। छात्र गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) जैसे विषय के बारे में अपनी जानकारी को समृद्ध करने के लिए यह लेख पूरा पढ़ सकते हैं। गणतंत्र दिवस पर निबंध

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - भारतीय संविधान का निर्माण (speech on republic day in hindi)

गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - संविधान की मुख्य बातें (republic day speech / republic day essay in hindi - main features), गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध - देश के सामने मौजूद चुनौतियां, गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रतियोगी परीक्षाओं में संविधान से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न.

गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) - 26 January Speech in Hindi

गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न स्थानों जैसे सरकारी कार्यालयों, विभागों स्कूलों, सार्वजनिक सभाओं में बेहद विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों में अक्सर गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on Republic day in hindi) देना शामिल होता है। विशेषकर स्कूल जाने वाले छात्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में गणतंत्र दिवस पर स्पीच (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है। अब छात्रों के मन में यह प्रश्न उठता है कि वे गणतंत्र दिवस पर भाषण की शुरुआत कैसे करें? (How to start Republic Day speech in Hindi)। आइये इस लेख के माध्यम से इस प्रश्न का उत्तर जानते हैं।

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि इस वर्ष हम अपने गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इस वर्ष गणतंत्र दिवस परेड में फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों शामिल होंगे। इसके साथ ही वें फ्रांस के छठवें राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें भारत द्वारा यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। यह एक विशेष जानकारी है जिसे छात्रों को अपने गणतंत्र दिवस पर भाषण में शामिल करना चाहिए।

आइये अब जानते हैं कि गणतंत्र दिवस पर भाषण की रूप-रेखा कैसी होनी चाहिए?

गणतंत्र दिवस पर भाषण 200 शब्दों में.

उदाहरण- आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय अतिथि एवं, समस्त शिक्षकों को सादर नमन एवं मेरे प्यारे भाइयों तथा बहनों! आज गणतंत्र दिवस की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में हम एकत्रित हुए है। यह दिवस देश के संघर्ष और गौरव-गाथा का प्रतीक है। यह संघर्ष का प्रतीक इसलिए है, क्योंकि हमने 200 वर्षों की प्रताड़ना पर विजय प्राप्त कर ली थी तथा गौरव-गाथा इसलिए कि हमने आत्म-निर्भरता का प्रदर्शन करते हुए, 26 जनवरी 1950 को अपने संविधान का निर्माण कर अपने-आप को एक गणराज्य के रूप में स्थापित कर दिया। गणतंत्र दिवस हमारे देश की संप्रभुता तथा एकता का प्रतीक है और दर्शाता है कि हम एक स्वतंत्र परिवेश में सांस ले रहें है। आज का दिन स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले प्रत्येक स्वतंत्रता सेनानी के बलिदान और योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापन करने का दिवस है।

आज ही के दिन 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ जो भारत अनेकता में एकता का मार्ग-दर्शक है। यह हमें समानता का अधिकार प्रदान करता है। हमारे संविधान की प्रस्तावना में ही लिखा है कि 'हम, भारत के लोग, भारत को एक संप्रभु समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने और इसके सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करने का गंभीरता से संकल्प लेते हैं।' हमें इस संकल्प का पूरी निष्ठा के साथ पालन करना चाहिए तथा अपने देश के विकास में अपनी पूर्ण भागीदारी प्रदान करनी चाहिए। धन्यवाद!

गणतंत्र दिवस पर भाषण

हमारे देश भारत में मूल रूप से तीन राष्ट्रीय पर्व मनाए जाते हैं। 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस, 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) और 2 अक्टूबर (गाँधी जयंती) भारत के राष्ट्रीय पर्व हैं। ये तीनों ऐसे पर्व हैं जो किसी जाति या समुदाय विशेष के न होकर, हर देशवासी के लिए समान महत्व रखते हैं। हर भारतीय हर्ष और उल्लास के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाता है। गणतंत्र दिवस (Republic Day eassay in hindi) देश में जनता के लिए, जनता द्वारा, जनता के शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करने वाले पर्व का उत्सव है। इस अवसर पर लोग अपने विचार गणतंत्र दिवस पर भाषण के जरिए व्यक्त करते हैं। गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (speech on republic day in hindi) देने के लिए कहा जाता है।

छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने से पहले गणतंत्र दिवस पर भाषण को प्रभावी ढंग से कैसे तैयार करें, इसकी जानकारी एकत्र करनी चाहिए। इस लेख से आपको न सिर्फ गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic day essay in hindi) लिखने में मदद मिलेगी, बल्कि भाषण / निबंध को लिखने की शैली के बारे में भी जानकारी मिलेगी। ऐसे में यह जरूरी है कि गणतंत्र दिवस पर भाषण / गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख को आप पूरा पढ़ें।

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  • होली पर निबंध
  • हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

चूंकि गणतंत्र दिवस भारत के बेहद महत्वपूर्ण व खास दिवसों में से एक है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण देने का चलन काफी आम है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से गणतंत्र दिवस का महत्व बेहद खास व दिलचस्प है। इस दिन कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने या फिर गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

कई जगहों पर कुछ विशिष्ट व सम्मानित लोगों को आमंत्रित कर उनसे सभा को संबोधित करते हुए गणतंत्र दिवस पर 10 लाइन (10 lines on republic day) कहने को कहा जाता है। चूंकि यह दिवस हर भारतीय के जीवन में एक विशेष महत्व रखता है। ऐसे में विशेषकर विद्यालयों में विद्यार्थियों को इस दिवस को लेकर जागरूक करने के विचार से गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day speech in hindi) लिखने का कार्य भी दिया जाता है।

कई बार तो विद्यालयों के परीक्षा में भी अच्छे-खासे अंक के लिए गणतंत्र दिवस पर भाषण या गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं कई बार कुछ विशेष कार्यक्रमों में छात्रों को गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) देने के लिए भी कहा जाता है। यहाँ तक कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई जगहों पर गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) लिखने संबंधित प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।

कई छात्रों की हिंदी भाषा पर पकड़ ज्यादा मजबूत नहीं होती है, ऐसे में गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखना या किसी समारोह में 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देना उनके लिए आसान काम नहीं होता। उपर्युक्त सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही इस लेख में उपलब्ध गणतंत्र दिवस पर भाषण को तैयार किया गया है। हम उम्मीद करते हैं कि इसके बाद आपको गणतंत्र दिवस पर निबंध लिखने या गणतंत्र दिवस पर भाषण (republic day speech in hindi) देने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

गणतंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाषण (रिपब्लिक डे स्पीच) (republic day speech in hindi) देने के लिए हिंदी भाषण की उपयुक्त सामग्री (Republic Day Speech Ideas) की यदि आपको भी तलाश है, तो समझ लीजिए कि गणतंत्र दिवस पर भाषण की आपकी तलाश यहां खत्म होती है।

हालांकि इस लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर निबंध (Gantantra Diwas par nibandh) लिखने या 26 जनवरी पर भाषण (26 january speech in hindi) देने में तो आपको निश्चित तौर पर मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही आपको सलाह दी जाती है कि निम्नलिखित गणतंत्र दिवस पर निबंध (Republic Day essay in hindi) / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें तथा इस निबंध/भाषण से सीखते हुए स्वयं ही गणतंत्र दिवस पर निबंध / गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in Hindi) को तैयार करें। गणतंत्र दिवस पर लेख भाषण तैयार करने में इस लेख में दी गई जानकारी की मदद लें तथा बेहतर प्रदर्शन करें।

26 जनवरी, 1950 को देश का संविधान लागू कर भारत को गणतांत्रिक व्यवस्था वाला देश बनाने की राह तैयार की गई। इस दिन की याद में ही प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। हमारा देश हिंदुस्तान आजाद तो 15 अगस्त, 1947 को हुआ, लेकिन 26 जनवरी, 1950 को संविधान लागू कर गणतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया गया।

महत्वपूर्ण लेख -

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देश में लोकतांत्रिक प्रणाली की राह तैयार करने वाला संविधान 26 जनवरी को लागू किए जाने की यह तारीख भारतीय इतिहास में विशेष महत्व रखती है। सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। इन सबमें से मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में आयोजित किया जाता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक देखने को मिलती है। देश भर के विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech in hindi), देशभक्ति के गीत, नृत्य, नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं तथा मिठाइयां वितरित की जाती हैं।

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गणतंत्र दिवस पर भाषण (easy republic day speech) आसानी से कैसे तैयार किया जा सकता है, इस लेख में उसके बारे में भी जानकारी दी गई है। यदि गणतंत्र दिवस पर भाषण देने जा रहे हैं, तो आपको सलाह दी जाती है कि सबसे पहले मंच पर पहुंचकर खुद को सामान्य बनाएं, घबराएं नहीं, यदि जरूरत हो तो गहरी-गहरी दो-तीन सांस लेकर खुद को संयत करें और फिर गणतंत्र दिवस भाषण (Gantantra Diwas par Bhashan) शुरू करें। सबसे पहले सभा में उपस्थित लोगों को संबोधित करें। विद्यालयों के गणतंत्र दिवस सभाओं के लिए मोटे तौर पर कुछ इस तरह का संबोधन रखा जा सकता है -

“आदरणीय मुख्य अतिथि महोदय, सभाध्यक्ष महोदय, उपस्थित सज्जन वृंद, गुरुजन वृंद, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों! आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

जैसा कि पूर्वविदित है हम सभी यहां इस पावन तिरंगे झंडे के नीचे भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह केवल एक पर्व नहीं, बल्कि हर भारतवासी के लिए गर्व और सम्मान की बात है।“

संबोधन वाला भाग समाप्त होने के बाद गणतंत्र दिवस पर भाषण (26 january speech in hindi) में इस दिवस का परिचय दें (What is Republic Day), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है (Why do we celebrate Republic Day)। भारतीय संविधान की कुछ प्रमुख बातों पर प्रकाश डालें। इसके बाद भारतीय गणतंत्र की स्थिति, इससे जुड़ी मुख्य समस्याओं पर प्रकाश डालें और साथ ही इनके संभावित समाधान की बात करते हुए अपनी वाणी (republic day speech for students) को विराम दें। गणतंत्र दिवस पर हिंदी में भाषण (26 january speech in hindi) के लिए जरूरी जानकारी आगे दी जा रही है, इसका अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार लाभ उठाएं।

गणतंत्र दिवस का इतिहास (History of Republic Day) - भारतीय संविधान के निर्माण के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में संविधान प्रारूप समिति गठित की गई। 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन की कड़ी मेहनत के बाद प्रारूप समिति द्वारा 26 नवंबर, 1949 को संविधान बनाकर तैयार किया गया, इस दिन (26 नवंबर, 1949) को भारतीय इतिहास में संविधान दिवस, राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया गया। यह दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है जिसमें 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारतीय संविधान को स्वीकार किया गया पर इसे 26 जनवरी, 1950 से लागू करने का निर्णय लिया गया। इसका कारण यह है कि भारत को आजादी मिलने से पहले 26 जनवरी, 1930 को भारत को पूर्ण स्वराज घोषित कर दिया गया और इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी। इसके बाद 15 अगस्त, 1947 से पहले तक प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस मनाया जाने लगा। देश को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी की स्मृति को बनाए रखने के लिए इसी दिन भारतीय संविधान को लागू करने का फैसला किया गया।

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यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। खास बात ये है कि इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है, तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से, तो सबशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। हमारा संविधान अपने आप में संपूर्ण है।

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इसके बावजूद भारतीय गणतंत्र के समक्ष बहुत सी चुनौतियां हैं, जो इतना समय बीत जाने के बाद भी जस की तस हमारे सामने खड़ी है।

भ्रष्टाचार - देश में आजादी के बाद से ही भ्रष्टाचार में लगातार वृद्धि हुई है, स्थिति बेहद निराशाजनक होती जा रही है। जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। अधिकांश नेता, मंत्री, सरकारी अफसर, कर्मचारी जिनके पास जिम्मेदारियां हैं वे उनका ईमानदारी से निर्वाह नहीं कर रहे हैं। हर कोई गलत तरीके से पैसे कमाने को लालायित है। जनता की सेवा से जुड़े राजनीति के क्षेत्र में अपराधियों और भ्रष्ट लोगों का जमघट है। अपराधियों और भ्रष्ट नेताओं से न देश और समाज का कभी भला हुआ है और न ही होगा।

सांप्रदायिकता - भारतीय संविधान में देश को धर्मनिरपेक्ष रखा गया ताकि देश के सब नागरिक समान हों, किसी के साथ भेदभाव न हो, लेकिन राजनैतिक दलों ने इसके ताने-बाने को उधेड़कर रख दिया है। राजनैतिक दल सत्ता के लालच में समाज को धर्म और जातियों में बांटने की नीति चलाते हैं। जिसकी वजह से विभिन्न धर्मों और जातियों के बीच मनमुटाब बढ़ रहा है जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

खराब स्वास्थ्य सेवा - तेजी अपने पैर पसारती कोरोना महामारी के कारण लाखों लोग असमय काल के गाल में समा गए। रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे विषयों की सरकारों द्वारा अनदेखी का नतीजा यह है कि मरीजों के लिए अस्पताल में बेड तक नहीं हैं। ऑक्सीजन की कमी के चलते लोग दम तोड़ रहे हैं। लोगों को समुचित इलाज तक नहीं मिल पा रहा है। स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। लोकतंत्र की आत्मा, जनता रामभरोसे है।

बेरोजगारी, गरीबी, अशिक्षा, आतंकवाद, नक्सलवाद, राजनीति का अपराधीकरण, निर्माण क्षेत्र की अनदेखी, किसानों को फसलों का उचित मूल्य न मिलना आदि जैसी बहुत सी समस्याएं हैं, जो हमारे आस-पास नजर आ जाएंगी। समस्याओं का समाधान करने की दिशा में शासन-प्रशासन तंत्र नाकाम रहा है।

हम हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर भाषण सुनने को मिलते हैं, उनमें देश की समस्याओं का जिक्र होता है और गौर करेंगे तो पता चलेगा कि ये समस्याएं आज से और आज की नहीं हैं, ये तो कई दशकों से देश में मौजूद हैं और स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों, निबंधों में इनका जिक्र होता रहा है पर समाधान अब तक नहीं हो सका है। नेता, मंत्री, अफसरों के द्वारा गणतंत्र दिवस पर भाषण दिए जाते हैं पर जब देश, समाज और जनता के कल्याण के लिए काम करने की बात आती है, तो सब नाकाम नजर आते हैं। आलम यह है कि एक कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बाद जब सरकारें बदलती हैं, तो पता लगता है कि देश, प्रदेश, समाज, पंचायत का विकास तो नहीं हुआ पर उनके प्रतिनिधियों की संपत्ति में कई गुना वृद्धि जरूर हो चुकी होती है।

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गणतंत्र दिवस पर निबंध हिन्दी में (republic day essay in hindi) - निष्कर्ष

देश की समस्याओं को दूर करने के लिए वर्तमान व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने की जरूरत होगी। भ्रष्टाचार लगभग हर समस्या की एकमात्र जड़ है। इसको अगर खत्म कर दिया जाए तो धीरे-धीरे बाकी सभी समस्याएं भी कम होने लगेंगी। देश की राजनैतिक व्यवस्था में भी सुधार की भारी जरूरत है। इसके लिए राजनैतिक दलों को अपनी कार्यशैली बदलनी होगी और कर्मठ तथा ईमानदार लोगों को राजनीति में आगे बढ़ाना होगा। लोकतंत्र के सभी स्तंभों यानी कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को अपनी भूमिका का अच्छे से निर्वहन करना होगा।

इसके अलावा चौथा स्तंभ माने जाने वाले प्रेस को भी अपनी भूमिका ईमानदारी से निभानी होगी। हर आदमी लोकतंत्र का हिस्सा है और सबको अपनी भूमिका का निर्वहन अच्छे से करना होगा तभी भारतीय लोकतंत्र सच्चे अर्थों में सफल हो पाएगा वरना स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर दिए जाने वाले भाषणों में इससे जुड़े मुद्दे उठेंगे और उसके बाद फिर वर्ष भर लोकतंत्र में जनता पिसती रहेगी और रखवाले सोते रहेंगे। ऐसी स्थिति ना आ पाए इसलिए आइए हम सब आज यह प्रण लें कि संविधान के अनुरूप आचरण करेंगे और देश के लोकतंत्र को मजबूत बनाएंगे।

इसके बाद "जय हिंद, जय भारत" के नारे के साथ गणतंत्र दिवस भाषण को समाप्त करें।

1. संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा

2. संविधान सभा के स्थायी अध्यक्ष कौन थे?- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद

3. मूल भारतीय संविधान में कितने अनुच्छेद और अनुसूचियाँ थीं?- 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची

4. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार किस अनुच्छेद में है?- अनुच्छेद 19

5. मौलिक अधिकारों की बात किस हिस्से में की गई है?- भाग 3 (अनुच्छेद 12-35 तक)

6. राज्य सभा का सभापति कौन होता है?- उपराष्ट्रपति

7. भारतीय संविधान को कब अपनाया गया?- 26 नवंबर, 1949

8. भारतीय संविधान कितने समय में बनकर तैयार हुआ?- 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में

9. किस संशोधन के बाद संपत्ति का अधिकार कानूनी अधिकार बन गया?- 44वें

10. किस अनुच्छेद में राष्ट्रपति पर महाभियोग लगाने की प्रक्रिया की जानकारी दी गई है?- अनुच्छेद 61

हम उम्मीद करते हैं कि हिन्दी में गणतंत्र दिवस पर निबंध (republic day essay in hindi) विशेष इस लेख की सहायता से आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो गया होगा। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख से आपकी अगर किसी भी प्रकार सहायता हुई है, तो यह हमारे लिए काफी सम्मान की बात है। गणतंत्र दिवस पर निबंध विशेष इस लेख की तरह ही अन्य लेख को भी आप इस लेख में ऊपर दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

ये भी देखें :

ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध - कारण और समाधान

भारत में भ्रष्टाचार पर निबंध

गुरु नानक जयंती पर निबंध

Frequently Asked Question (FAQs)

प्रति वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है।

26 जनवरी, 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ था, हमारा देश भारत गणतंत्र बना था। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के कारण यह दिन हमारे देश के राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाया जाता है।

सभी सरकारी संस्थानों में यह पर्व मनाया जाता है। मुख्य आयोजन देश की राजधानी दिल्ली में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के रूप में होता है जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों की झलक दिखाई जाती है। विद्यालयों में इस अवसर पर विशेष आयोजन होते हैं, प्रभातफेरियां निकाली जाती हैं, तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, गणतंत्र दिवस पर भाषण (Republic Day speech), देशभक्ति के गीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं और मिठाइयां वितरित की जाती हैं।

प्रभावी गणतंत्र दिवस 2024 भाषण (impressive republic day 2024 speech) तैयार करने के लिए जानकारी और तथ्यों की जानकारी जुटानी होगी। ऊपर लेख में दी गई जानकारी की मदद से गणतंत्र दिवस पर आसानी से भाषण तैयार किया जा सकता है। 

यह लिखित और निर्मित होने के साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के संविधानों की अच्छी बातों को जगह दी गई है। संसदीय प्रणाली ब्रिटेन से ली गई है तो मौलिक अधिकार अमेरिका के संविधान से और मौलिक कर्तव्य पूर्व सोवियत संघ से, राज्य के नीति निर्देशक तत्व आयरलैंड से तो सशोधन प्रक्रिया दक्षिण अफ्रीका के संविधान से। वयस्क मताधिकार की व्यवस्था भारतीय संविधान में की गई है। संविधान देश में एकीकृत और स्वतंत्र न्यायप्रणाली की व्यवस्था करता है। ऐसी बहुत सी खूबियां हैं जिनको नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए भारतीय संविधान में जगह दी गई है। यह अपने आप में संपूर्ण है।

संविधान की विशेषताओं से जुडे़ प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे ही कुछ प्रश्न और उनके उत्तर ऊपर लेख में देखे जा सकते हैं।

भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली प्रारूप समिति के अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की।

संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को और गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 को भारत देश आजाद हुआ था। जबकि 26 जनवरी 1950 को देश में संविधान लागू हुआ था। स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं वहीं गणतंत्र दिवस के दिन देश के राष्ट्रपति नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर झंडोत्तोलन करते हैं।

हां, गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी और स्वतंत्रता दिवस यानि 15 अगस्त दोनों ही दिन आयोजन में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान गाया जाता है।

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26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में – Essay on Republic Day in Hindi

26 January Essay in Hindi | Gantantra Diwas Essay in Hindi – दोस्तों, आज के इस पोस्ट में हम गणतंत्र दिवस अर्थात 26 जनवरी पर हिंदी में निबंध पढ़ेंगे। हम सभी भारतीय लोग हर साल 26 जनवरी को अपने देश में Gantantra Diwas के रूप में मनाते हैं।

इसलिए अगर आप गणतंत्र दिवस पर निबंध हिंदी में , republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi पढ़ना चाहते हैं तो आज के इस पोस्ट को पूरा पढ़िए। जिसमे आप गणतंत्र दिवस के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं।

इस पोस्ट में आप यह भी जान सकते हैं की आख़िरकार 26 जनवरी को ही हर साल गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं तो अब हम आज का यह पोस्ट शुरू करते हैं।

26 January Essay in Hindi | गणतंत्र दिवस पर निबंध

26 January Essay in Hindi

26 जनवरी हमारे राष्ट्र – भारत गणराज्य के लिए एक गौरवशाली तिथि है। इसके पीछे देशभक्तों के त्याग, तपस्या और बलिदान की अमर गाथा निहित है, जो भावी पीढ़ी को अमर संदेश देकर सदैव प्रेरणा का अमोघ स्त्रोत बनी रहेगी।

15 अगस्त, 1947 को हमें राजनीतिक स्वतंत्रता मिली। 26 जनवरी, 1950 को भारतीय संविधान पूरे देश में लागू हुआ।

इसलिए वास्तव में 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की शुभ तिथि है। यह तिथि हमारे सामने अनन्त बलिदानों की पवित्र स्मृति के साथ प्रकट होती है।

‘गणतंत्र दिवस’ हर साल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है। इसके पीछे एक ऐतिहासिक घटना है, देश के प्रमुख राजनीतिक नेताओं, मनीषियों और देशभक्तों ने मिलकर 26 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस के 1929 के लाहौर अधिवेशन में एक प्रस्ताव पारित किया था कि “हमारा उद्देश्य पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना है।”

सभी देशभक्तों ने पवित्र सलिला रावी के पावन तट पर यह संकल्प लिया कि जब तक हम पूर्ण स्वाधीनता प्राप्त नहीं कर लेते तब तक न तो चैन से बैठेंगे और न ही शत्रु को बैठने देंगे।

तभी से यह दिन देश के कोने-कोने में स्वराज्य दिवस के नाम से मनाया जाने लगा। वर्ष 1950 में जब भारतीय संविधान तैयार किया गया था तब यह सोचा गया था कि इस तिथि को हमारे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

गणतंत्र दिवस पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। उस दिन राष्ट्रपति दिल्ली में इंडिया गेट के प्रांगण में तिरंगा फहराते हैं। उस दिन दिल्ली में जुलूस निकाला जाता है।

इस दिन की खूबसूरती को देखने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग आते हैं। इस अनोखे नजारे को देखने के लिए हर साल दुनिया का कोई न कोई मुखिया दिल्ली आता है।

इस दिन जल, थल, वायु सेना की एनसीसी की टुकड़ियों और छात्रों ने इंडिया गेट के मैदान में राष्ट्रपति को सलामी दी।

31 तोपें दागी जाती हैं। सैनिक वाद्य यंत्र बजाते हैं और राष्ट्रपति अपने भाषण में राष्ट्र के लिए कल्याणकारी संदेश देते हैं।

विभिन्न राज्यों की सुंदर झांकियां प्रस्तुत की जाती हैं। देश के अन्य राज्यों में भी इस दिन तरह-तरह के मनोरंजन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इस दिन हमारे राज्यपाल गांधी मैदान में तिरंगा झंडा फहराते हैं। इस तरह यह दिन हमें नई चेतना का शुभ संदेश देता है।

इस पर्व को अधिक से अधिक हर्षोल्लास एवं हर्षोल्लास के साथ मनाना हमारा परम कर्तव्य है, अपने मन में असामाजिक एवं साम्प्रदायिक विचारों को प्रवेश न करने दें। ऐसे में हमें गणतंत्र दिवस को सच्चे मन से मनाना चाहिए। republic day essay in hindi, Essay on Republic Day in Hindi

Final Thoughts –

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Nibandh

26 जनवरी गणतंत्र-दिवस पर निबंध

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26 जनवरी गणतंत्र-दिवस (26 January Republic Day)

१५ अगस्त, १९४७ को हमारा देश स्वतंत्र हुआ था, पर हमारे देश में हमारा अपना संविधान २६ जनवरी, १९५० को लागू किया गया था। इसी दिन हमारे देश को सार्वभौम गणतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया। तब से हर साल २६ जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।

२६ जनवरी को विद्यालयों और कार्यालयों में छुट्टी रहती है। सुबह जगह-जगह झंडा-वंदन के कार्यक्रम होते हैं। राष्ट्रगान 'जन-गण-मन गाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में अनेक कार्यक्रम होते हैं। गणतंत्र की पूर्व संध्या को हमारे राष्ट्रपति दूरदर्शन पर राष्ट्र के नाम अपना संदेश प्रसारित करते हैं। इस संदेश में वे देश से जुड़ी हुई समस्याओं की चर्चा करते हैं और देशवासियों तथा विदेशों में बसे भारतीयों का अभिनंदन करते हैं।

राजधानी दिल्ली में इस दिन भारतीय सेना की शानदार परेड होती है। परेड में विभिन्न प्रांतों की सुंदर झाँकियाँ भी होती हैं। भारत के राष्ट्रपति परेड की सलामी लेते हैं।

गणतंत्र दिवस के दिन यानी २६ जनवरी को मकानों की खिड़कियों पर छोटे-छोटे तिरंगे झंडों की शोभा दर्शनीय होती है। जगह-जगह ध्वजवंदन के कार्यक्रमों की धूम मच जाती है। २६ जनवरी हमारा राष्ट्रीय त्योहार है।

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Republic Day 2024 Speech in Hindi: 26 जनवरी के लिए छोटा व सुंदर स्पीच, निबंध ऐसे तैयार करें

Republic day 2024 speech in hindi:अगर आप भी अपने स्कूल के लिए स्पीच व निबंध तैयार कर रहें हैं तो हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप लोगों के बीच अपनी स्पीच की छाप छोड़ सकते हैं..

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Republic Day 2024 Speech and Essay in Hindi: देश में 75वें गणतंत्र दिवस (Gantantra Diwas) समारोह को मनाने की तैयारिया शुरू हो गई हैं, इसी दिन भारत की आजादी के बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाया गया था. गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य समारोह राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होता हैं जहां, भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना एक परेड मार्च निकालती हैं.

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इसके अलावा अलग-अलग राज्यों के जिलों व स्कूल कॉलेज में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम व स्पीच, भाषण ( Republic Day Speech) प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं. ऐसे में अगर आप भी अपने स्कूल के लिए स्पीच व निबंध तैयार कर रहें हैं तो हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप लोगों के बीच अपनी स्पीच की छाप छोड़ सकते हैं.

Republic Day 2024 Short Speech in Hindi: गणतंत्र दिवस के लिए छोटा, सुंदर स्पीच ऐसे तैयार करें

अगर आप गणतंत्र दिवस के लिए स्पीच तैयार कर रहें हैं तो भाषण छोटा और सुंदर होना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लंबा स्पीच ध्यान हटाता हैं.

स्पीच के लिए सुंदर व सरल शब्दों और वाक्यों का प्रयोग करें, जिससे आसानी से समझ आ सकें.

स्पीच तैयार करने के बाद उसका रिवीजन करें जिससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और भाषण का सुर आप पहले ही समझ पाएंगे.

मंच के डर को अपने ऊपर हावी न होने दें, डरने की बजाय पूरे विश्वास से बोलें.

स्पीच के दिन ड्रेसिंग कोट अच्छा होना चाहिए.

स्पीच के दौरान आई कांटेक्ट का ध्यान रखें और चेहरें पर स्माइल रखें.

गणतंत्र दिवस से जुड़े सभी फैक्ट चेक कर पाइंट में लिख लें, ऐसा करते हैं तो भूलने की संभावना न के बराबर रहेगी.

स्पीच की शुरुआत में सभा में मौजूद सभी लोगों का अभिवादन कर नमस्कार जरूर कर लें.

अभिवादन के बाद अपना परिचय दें और स्पीच बोलना शुरू करें.

भाषण के अंत में भी सभा में मौजूद सभी लोगों का धन्यवाद करें और भाषण खत्म करें.

स्पीच के लिए इन विषयों का कर सकते चुनाव

गणतंत्र दिवस का इतिहास और महत्व

भारत का संविधान

तिरंगे का इतिहास

राजपथ पर निकलने वाली गणतंत्र दिवस परेड

Republic Day Essay in Hindi| गणतंत्र दिवस पर हिंदी में निबंध

26 जनवरी भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. भारत के संविधान संसद ने 1949 में संविधान को अपनाया था लेकिन यह 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ.

15 अगस्त 1947 को देश को आज़ादी मिली थी. शासन व्यवस्था को चलाने के लिए भारतीय संविधान का आयोजन किया गया जिसमें अहम भूमिका डॉ. बीआर अम्बेडकर ने निभायी तब से, इस दिन को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर मनाया जाता है. इस साल, भारत 2024 में अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है.

गणतंत्र दिवस के अवसर पर भव्य समारोह का आयोजन किया जाता है. इस समारोह की शुरूआत राष्ट्रपति तिरंगा फेराकर करते हैं. राष्ट्रगान के बाद शहीदों को 21 तोपों की सलामी दी जाती है. इस दिन परेड का आयोजन किया जाता है जो भारतीय संस्कृति की अनेकता में एकता को प्रदर्शित करता है.

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