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Teachers day speech: ऐसे दिया शिक्षक दिवस पर भाषण, तो हर टीचर से मिलेगी बेहिसाब वाहवाही

Shikshak diwas bhashan in hindi: शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, जो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर होता है। छात्र इस दिन को ऑनलाइन कक्षाओं और समारोहों का हिस्सा बनते हैं। इस मौके पर स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों के लिए स्पीच भी तैयार कर सकते हैं।.

shikshak diwas par bhashan hindi mein teachers day speech for students and school kids in hindi

5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?

 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है टीचर्स डे?

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान विद्वान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के रूप में मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन शिक्षा को बहुत महत्व देते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित कर दिया।

एक बार उनके छात्रों ने उनसे उनके जन्मदिन को मनाने का आग्रह किया। इस पर उन्होंने कहा, 'मेरे जन्मदिन को मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा।' इस तरह, 1962 से, 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं - भाषण

शिक्षक दिवस क्यों मनाते हैं - भाषण

गुरु बिन होत ना ज्ञान, गुरु बिना दिशा अजान, गुरु बिन इन्द्रिय न सधे, गुरु बिन बढ़े न शान।

हमारे सभी शिक्षकों को सुप्रभात। आज जब हम यहां शिक्षक दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, मैं हर उस शिक्षक को धन्यवाद देना चाहता हूं, जो हमेशा हमारा मार्गदर्शक करते रहे हैं। आपने हमें ना केवल सीखने का नया तरीका सिखाया है बल्कि कोरोना जैसे लॉकडाउन के दौरान भी पढ़ते रहने और सीखते रहने के लिए प्रेरित किया।

शिक्षक दिवस भाषण हिंदी में

शिक्षक दिवस भाषण हिंदी में

मेहनत की राह पर जो चलना सिखाते है , जुनून की आग में जलना सिखाते है । जिनको कितना सता लो वो नहीं रूठते , वो ही हम बच्चों के टीचर कहलाते हैं।

हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। क्या आप जानते हैं कि यह तारीख क्यों चुनी गई? यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो एक भारतीय विद्वान थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति भी रहे।

टीचर्स डे हिंदी स्पीच

टीचर्स डे हिंदी स्पीच

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान विद्वान थे, जिन्होंने अपना जीवन शिक्षा के लिए समर्पित कर दिया। एक बार उनके छात्रों ने उनसे उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा। उन्होंने सरलता से उत्तर दिया और कहा, 'मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय, अगर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो यह मेरे लिए गर्व की बात होगी।'

​तब सभी शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया था। 1962 से, भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस पर हिंदी स्पीच

शिक्षक दिवस पर हिंदी स्पीच

अंत में, मैं अपना भाषण डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के उद्धरण के साथ समाप्त करना चाहूंगा, 'शिक्षा का उद्देश्य कौशल और विशेषज्ञता वाले अच्छे इंसान बनाना है। प्रबुद्ध इंसान शिक्षकों द्वारा ही बनाए जा सकते हैं।'

प्रभाष रावत

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  • शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi): टीचर्स डे पर 200, 500 और 1000 शब्दों में हिंदी में निबंध देखें

Updated On: August 28, 2024 06:01 pm IST

  • शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay …
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शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)

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  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
  • एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
  • शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
  • स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
  • छात्र शिक्षकों के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुभकामनाएं और उपहार देते हैं।
  • शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के बीच विशेष बंधन का उत्सव है।

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था। 

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं। 

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Essay on Teachers Day in Hindi : कैसे लिखें शिक्षक दिवस पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में

essay on teachers day in hindi

  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Teachers Day in Hindi

आज शिक्षक दिवस है। हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर निबंध परीक्षा, स्कूल असाइनमेंट आदि की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है। ऐसे में आइये जान लेते हैं शिक्षक दिवस पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi. 

Essay on Teachers Day in Hindi 100 शब्दों में  

100 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को समर्पण और आभार दिखाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, वे हमें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए।

इसलिए, हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रयासों को सराहना करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

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Essay on Teachers Day in Hindi 200 शब्दों में   

200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है। शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते हैं। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उनके योगदान के लिए धन्य करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए। इसलिए, इस दिन हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए सराहना करना चाहिए।

इस दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं और उनके साथ अपना आभार व्यक्त करते हैं।

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Essay on Teachers Day in Hindi 500 शब्दों में  

500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi कुछ इस प्रकार है –

प्रस्तावना 

शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। शिक्षकों का हमारे जीवन में महत्त्व रेखांकित करने के लिए शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और समझ प्रदान करते हैं, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व 

शिक्षक दिवस के दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं। हम उनके साथ अपने अनुभव साझा करते हैं और उनसे उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जिससे हम उनके साथ ज्यादा जुड़ सकें। इस दिन हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि शिक्षक न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि वे हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व यह भी है कि यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षकों के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता, और इसलिए हमें उनके प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए। वे न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं, और इस दिन के माध्यम से हम उनके योगदान के लिए सराहना करते हैं और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए धन्य मानते हैं।

शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को पुनर्निरीक्षित करने का मौका भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। उनका योगदान हमारे देश के भविष्य को बनाने और सुधारने में महत्वपूर्ण होता है।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य 

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को उनके साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

इस दिन हमें यह भी समझने को मिलता है कि शिक्षक शिक्षा देने के लिए अपने समय, समर्पण, और पूरा दिल लगा देते हैं। उनका काम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे नई पीढ़ियों को ज्ञान और आदर्शों के साथ संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं।

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

निष्कर्ष 

शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी आदर और समर्पण की भावना को प्रकट करने का मौका है। इस दिन हम उनके योगदान की प्रशंसा करते हैं और उनके साथ उनके महत्वपूर्ण कार्य के प्रति आभारी रहते हैं। शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को समझने और मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहने का संकेत देता है।

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शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। 
  • यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान का प्रदाता होते हैं।
  • उनका योगदान हमारे भविष्य को सवरने में महत्वपूर्ण होता है।
  • शिक्षकों का महत्व न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं।
  • शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को समर्पण और सम्मान देते हैं।
  • शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को याद दिलाता है।
  • हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित रहना चाहिए।
  • इस दिन हम शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस कोट्स 

शिक्षक दिवस पर कुछ उपयोगी शिक्षक दिवस कोट्स हैं:

“शिक्षक वो डायमंड होते हैं जो सोंधकर सोंधकर चमकते हैं।” 
“शिक्षा एक ज्यों का उपहार है जो आपके जीवन को रौशनी से भर देता है।” – एल्बर्ट आइंस्टीन
“शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माणकर्ता होते हैं, वे नई पीढ़ियों को सपनों की दिशा में ले जाते हैं।” – फ्रैंका पॉम्पडियू
“शिक्षकों का काम न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे जीवन के मूल्यों और नैतिकता की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं।” – विक्रम पाटिल
“शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है जो हमें कभी नहीं छूटने चाहिए।” 
“शिक्षक एक प्रेरणास्पद द्वार होते हैं जो ज्ञान की दुकान खोलते हैं।” 
“शिक्षा एक पूर्णता की ओर की पहल है, और शिक्षक हमें उस पूर्णता की ओर ले जाते हैं।” 
“शिक्षक वो दीपक होते हैं जो अन्धकार को दूर करते हैं और ज्ञान की रोशनी प्रदान करते हैं।”

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का मौका होता है।

शिक्षक दिवस की शुरुआत भारतीय विद्वान और भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में 1962 में की गई थी।

शिक्षक दिवस का महत्व शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का है। यह एक मौका है छात्रों के लिए उनके पसंदीदा शिक्षकों के साथ समय बिताने का और उनके प्रति आभार और समर्पण व्यक्त करने का।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि सभाएँ, प्रतियोगिताएँ, और शिक्षकों के सम्मान का आयोजन। छात्र अपने शिक्षकों को प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करना है। यह एक दिन है जब छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व न केवल भारत में होता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है ताकि शिक्षकों के महत्व को दुनिया भर में समझा जा सके।

यह था शिक्षक दिवस पर निबंध, Essay on Teachers Day in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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शिक्षक दिवस पर निबंध 10 lines (Teachers Day Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

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Teachers Day Essay in Hindi – भारत में शिक्षक शब्द पेशेवर पहचान की अवधि से अधिक है। एक शिक्षक के साथ की भावना बहुत गहरी होती है। यदि हम प्राचीन भारत में झाँकें, तो हम अपने शिष्यों की मान्यताओं को आकार देने में गुरुओं ( शिक्षकों ) की व्यापक भूमिका पा सकते हैं। समय की प्रचंड लहरों से टकराकर भले ही यह परम्परा थोड़ी सी क्षीण हो गयी हो, फिर भी यह परम्परा आज भी विद्यमान है। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का उत्सव पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल भर देता है। गतिविधियों में हमारे पसंदीदा शिक्षकों के रूप में भूमिका निभाना, हमारे शिक्षकों को उपहार देना और उनका आभार व्यक्त करना, और हमारे शिक्षकों को सम्मान देने के लिए पार्टियों और भाषणों का आयोजन करना शामिल है।

यदि आप एक छात्र हैं और आने वाले अवसर के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में उदाहरण के साथ शिक्षक दिवस पर निबंध का उचित प्रारूप और स्वयं निबंध लिखने के टिप्स शामिल हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • 2) यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को एक वार्षिक उत्सव है।
  • 3) जून-जुलाई में हिंदू कैलेंडर में गुरु पूर्णिमा शिक्षक दिवस उत्सव का एक रूप है।
  • 4) दुनिया के हर देश का अपना शिक्षक दिवस होता है।
  • 5) विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को पड़ता है।
  • 6) भारत 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।
  • 7) इस अवसर पर लोग डॉ राधाकृष्णन और अन्य उल्लेखनीय विद्वानों की मूर्तियों को सजाते हैं।
  • 8) शिक्षक अपने नियमित कार्य से एक दिन की छुट्टी लेते हैं।
  • 9) पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • 10) छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।

इनके बारे मे जाने

शिक्षक दिवस निबंध का प्रारूप (Format of Teachers Day Essay in Hindi)

किसी भी विशिष्ट निबंध विषय की तरह, शिक्षक दिवस निबंध प्रारूप में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • परिचयात्मक भाग : इस भाग को विषय का मूल सार प्रदान करना चाहिए, यहाँ विषय पर तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
  • निबंध का मुख्य भाग : यहाँ, आपको निबंध विषय के बारे में विवरण देना है। निबंध विषय ‘शिक्षक दिवस’ के मामले में आप एक शिक्षक का महत्व, देश में शिक्षक दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है, और अपने स्वयं के अनुभवों का उल्लेख करें।
  • निष्कर्ष : अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए निबंध का अंत करें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्द (Teachers Day Essay 100 words in Hindi)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान, कौशल स्तर, आत्मविश्वास में सुधार करने में हमारी मदद करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार में आकार देते हैं। इसलिए, हमारी भी अपने निष्ठावान शिक्षकों के प्रति कुछ जिम्मेदारियां हैं। हम सभी को एक आज्ञाकारी छात्र के रूप में दिल से स्वागत करने की जरूरत है और जीवन भर शिक्षाओं की उनकी निस्वार्थ सेवा के साथ-साथ विभिन्न छात्रों के जीवन को आकार देने के लिए उन्हें इच्छापूर्ण धन्यवाद देना चाहिए। शिक्षक दिवस (जो साल में एक बार 5 सितंबर को मनाया जाता है) हमारे लिए उनके साथ एक दिन बिताने और धन्यवाद कहने का एक शानदार मौका है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्द (Teachers Day Essay 150 words in Hindi)

हमारे अध्ययन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम के एक महान व्यक्ति की जयंती है। वह शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और विद्वान, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे।

एक बार, जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है.

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्द (Teachers Day Essay 200 words in Hindi)

शिक्षक दिवस हर साल एक महान व्यक्ति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे अध्यापन के पेशे के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। ऐसा कहा जाता है कि, एक बार कुछ छात्रों ने उनसे संपर्क किया और 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। और उन्होंने जवाब दिया कि इसे केवल मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय, आपको सभी शिक्षकों को उनके महान कार्यों और योगदान के लिए सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहिए। शिक्षक देश के भविष्य के निर्माण के वास्तविक निर्माता हैं अर्थात वे छात्रों के जीवन को आकार देते हैं जो अंततः देश का भविष्य हैं।

शिक्षक देश में रहने वाले नागरिकों के भविष्य का निर्माण कर राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षकों और उनके योगदान के बारे में सोचने वाला समाज में कोई नहीं था। इसका पूरा श्रेय भारत के केवल एक नेता राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है जिन्होंने हमें उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की सलाह दी। 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे शिक्षक न केवल हमें विषयों के बारे में पढ़ाते हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और कौशल स्तर में भी सुधार करते हैं। वे हमें जीवन भर किसी भी समस्या या कठिनाई से उबरने में सक्षम बनाते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 250 शब्द (Teachers Day Essay 250 words in Hindi)

शिक्षक ज्ञान, ज्ञान और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें हमारे जीवन के लिए पोषण और तैयार करते हैं। वे हमारे जीवन में दीपक जलाने के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यह हमारे शिक्षक हैं जो हमारी सफलता के पीछे खड़े हैं। बाहर के शिक्षकों को भी हमारी और हमारे माता-पिता की तरह ही दैनिक दिनचर्या की बहुत सारी समस्याएं होती हैं लेकिन वे हमेशा अपने शिक्षण पेशे को शीर्ष पर रखते हैं और अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्कूलों या कॉलेजों में जाते हैं। कोई भी उन्हें उनके अमूल्य काम के लिए धन्यवाद नहीं कहता। इसलिए, छात्रों के रूप में हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी कुछ जिम्मेदारी है कि हम कम से कम साल में एक बार उन्हें धन्यवाद कह सकें।

हमारे निस्वार्थ शिक्षकों और उनके अमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था। उन्हें अध्यापन के पेशे से बड़ा लगाव था। हमारे शिक्षक हमारे ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाकर हमें अकादमिक रूप से अद्भुत और नैतिक रूप से अच्छा बनाते हैं। वे हमेशा हमें जीवन में बेहतर करने के लिए हर संभव असंभव कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। शिक्षक दिवस छात्रों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वे कहते हैं कि उन्हें मौखिक रूप से या ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से ढेर सारी शुभकामनाएं दें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्द

शिक्षक दिवस सभी के लिए विशेष रूप से शिक्षकों और छात्रों के लिए एक बहुत ही खास अवसर होता है। यह हर साल 5 सितंबर को छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था, इसलिए भारत में शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है क्योंकि शिक्षण पेशे के प्रति उनके प्यार और स्नेह के कारण। वह शिक्षा में बहुत विश्वास करते थे और विद्वान, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में अत्यधिक प्रसिद्ध थे।

शिक्षक दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच के रिश्ते को मनाने और आनंद लेने का एक शानदार अवसर है। अब एक दिन, यह छात्रों और शिक्षकों दोनों द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। शिक्षकों को अपने छात्रों की ओर से लंबी उम्र की ढेर सारी शुभकामनाएं दी जाती हैं। आधुनिक समय में शिक्षक दिवस मनाने की रणनीति मानक रही है।

छात्र इस दिन बहुत खुश होते हैं और अपने पसंदीदा शिक्षकों को बधाई देने के तरीके की योजना बनाते हैं। कुछ छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी आदि देकर शुभकामनाएं देते हैं। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को ऑडियो संदेश, ईमेल, वीडियो संदेश, लिखित संदेश, ऑनलाइन चैट, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से भेजकर शुभकामनाएं देते हैं। , आदि। कोई सिर्फ “हैप्पी टीचर्स डे” कहे मौखिक रूप से।

हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों की आवश्यकता और मूल्य का एहसास करना चाहिए और महान कार्य के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से बढ़कर हैं जो हमारे मन को सफलता की ओर ढालते हैं। वे खुश रहते हैं और जीवन में अपनी सफलता तभी प्राप्त करते हैं जब उनके समर्पित छात्र आगे बढ़ते हैं और अपनी गतिविधियों के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षकों का नाम फैलाते हैं। हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों द्वारा सिखाए गए सभी अच्छे पाठों का पालन करना चाहिए।

शिक्षक दिवस के लिए लघु निबंध (Short Essay on Teacher’s Day)

हर साल पांच सितंबर को देश भर के स्कूल और कॉलेज भारत में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित करते हैं। यह हमारे जीवन में शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रभाव की सराहना करने का दिन है।

शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के लिए ज्ञान और सहानुभूति रखते हैं। एक छात्र की सफलता के पीछे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति उसका शिक्षक होता है। शिक्षकों की मदद और मार्गदर्शन के बिना, छात्र अपने जीवन के बारे में जाने और समझ नहीं पाएंगे। हम पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं क्योंकि यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो बच्चों से प्यार करते थे और उन्हें प्यार करते थे। डॉ. राधाकृष्णन एक शिक्षक के रूप में काम करेंगे, और छात्र उन्हें प्यार करते थे। शिक्षक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ते हैं। वे आपकी मदद करते हैं, आपको प्रेरित करते हैं, और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के जीवन में सबसे यादगार दिनों में से एक है। यह एक ऐसा दिन है जब शिक्षक आराम कर सकते हैं और अपने साथी शिक्षकों से बात कर सकते हैं, पूरे वर्ष के विपरीत जब वे हर दिन कई घंटे कड़ी मेहनत करते हैं। वे स्कूल के समय के दौरान और स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी काम करते हैं। अलग-अलग स्कूल अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाते हैं। बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को मनाने और उनकी सराहना करने के लिए कई तरह के काम करते हैं।

अपने शिक्षकों की सराहना करने का दिन है

प्रत्येक छात्र को अपने गुरु की कद्र और कद्र करनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक आपकी मदद करने के लिए हर दिन कई त्याग करता है। शिक्षक आपके जीवन के उन लोगों में से एक हैं जो हमेशा आपको किसी और चीज से पहले रखेंगे।

टीचर्स की तरह ड्रेसअप हुए स्टूडेंट्स

हर स्कूल में शिक्षक समारोह आयोजित करने का एक अलग तरीका होता है। छात्रों द्वारा दिवस मनाने के तरीकों में से एक तरीका शिक्षकों का प्रतिरूपण करना है। हाई स्कूल के छात्र अपने शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं।

वे अपने शिक्षकों के लिए नाटक प्रस्तुत करते हैं और साथ ही अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं में जाते हैं। यह शिक्षक दिवस समारोह के सबसे अच्छे हिस्सों में से एक है। छात्र अपने शिक्षकों का प्रतिरूपण करने के लिए उत्सुक हैं, और शिक्षक इन नाटकों को देखने के लिए उत्सुक हैं।

प्रत्येक छात्र एक विशेष शिक्षक की तरह तैयार होते हैं, कुछ साड़ी पहनते हैं, और कुछ औपचारिक पैंट और शर्ट पहनते हैं। छात्र जिस शिक्षक का प्रतिरूपण कर रहे हैं, उसके कपड़ों से मेल खाने की पूरी कोशिश करते हैं। कनिष्ठ कक्षाओं को वरिष्ठ छात्रों द्वारा लिए गए कक्षा सत्रों के लिए बैठना पड़ता है। यह नियमित शिक्षण से अलग है। कक्षा में अन्य छात्र अतिरिक्त गतिविधियाँ करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। आमतौर पर, हाई स्कूल के छात्र शिक्षक दिवस के लिए विभिन्न कार्य करने की पहल करते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्द

सबसे पहले तो सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाता है। वे एक महान नेता, विद्वान और शिक्षक थे। हम इस दिन को हर दिन डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए मनाते हैं। इस दिन छात्र शिक्षकों के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सबसे आम घटनाएं भाषण, नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं और संबंधित शिक्षकों की मिमिक्री हैं। कुछ छात्र शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए अपने शिक्षकों की तरह कपड़े भी पहनते हैं। यह दिन प्यार और हंसी के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का एक तरीका है। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक के लिए उपहार भी लाते हैं। इस दिन शिक्षकों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता है।

शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन की रीढ़ होते हैं। शिक्षक ही है जो छात्रों को जीवन का नया अर्थ सिखाता है। वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं और कुछ भी गलत करने से रोकते हैं। वे बाहर से देख सकते हैं लेकिन वे प्रत्येक छात्र की देखभाल करते हैं और उनके विकास की कामना करते हैं। उस छात्र को मत भूलो जो अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करता, जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ता। शिक्षक छात्र के व्यक्तित्व को ढालते हैं। वे एकमात्र निःस्वार्थ व्यक्ति हैं जो खुशी-खुशी बच्चों को अपना सारा ज्ञान देते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्हें हर कोई प्यार करता था। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने कॉलेज पूरा किया और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। वह हैरिस मैनचेस्टर कॉलेज में प्राचार्य और आंध्र विश्वविद्यालय में कुलपति बने। वह भारत के पहले दार्शनिक और उपराष्ट्रपति भी थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति बने। उन्होंने लगभग 16 वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नैतिकता की शिक्षा दी। उनका मानना ​​था कि शिक्षा केवल किताबों से नहीं आती। ज्ञान प्राप्त करना पेशेवर और अकादमिक से बहुत दूर है।

दुनिया के अन्य महान शिक्षकों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अरस्तू का जीवन हमें अच्छे शिक्षार्थी बनना और कभी भी सीखना बंद नहीं करना सिखाता है। गौतम बुद्ध एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने ज्ञान के जीवन के लिए सभी विलासिता को छोड़ दिया। एम्मा विलार्ड जो एक महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं, हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और उससे कभी डरना नहीं सिखाती हैं। सावित्रीबाई फुले एक कवियित्री और भारतीय समाज सुधारक थीं। उसने हमें सभी के साथ समान और सम्मान के साथ व्यवहार करना सिखाया।

शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना हम अपने भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। वे हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए खुद को जलाते हैं। इस दिन आइए हम दुनिया के सभी महान शिक्षकों को याद करें और उनसे कुछ सीखें। हम प्रत्येक छात्र के साथ धैर्य रखने और प्रत्येक छात्र की कमजोरियों पर काम करने के लिए शिक्षकों को धन्यवाद देते हैं। आपके मार्गदर्शन के बिना हम अधूरे हैं। आपके समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद।

शिक्षक दिवस पर निबंध- क्या करें और क्या न करें

  • परिचय खंड में बहुत अधिक न लिखें।
  • निबंध को सभी के लिए पठनीय बनाएं।
  • लंबी कहानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
  • निबंध में प्रश्न न पूछें।
  • जीवंत उदाहरण देने का प्रयास करें।
  • ऐसा कुछ भी न लिखें जो विषय से संबंधित न हो।
  • ऊपर बताए गए उचित प्रारूप में एक निबंध लिखें।
  • ट्रांज़िशन शब्दों का प्रयोग करने की कोशिश करें जैसे इसलिए, तथापि, सब से ऊपर आदि।

हमने आपको एक अच्छा, आसान और पठनीय निबंध देने की कोशिश की है। यदि आप हमारे निबंधों को रोचक पाते हैं या शिक्षक दिवस निबंध के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में बताएं।

शिक्षक दिवस पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है.

भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि शेष विश्व के लिए यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया है।

शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षक को देने के लिए उपयुक्त उपहार क्या है?

एक लंबी सूची है जो आपके शिक्षक के लिए एक अच्छे उपहार के रूप में काम करेगी। किताबें, डायरी, कलम, हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड, डेस्क आयोजक, एक छोटे पौधे (अधिमानतः इनडोर पौधे), फूल और चॉकलेट अच्छे शिक्षक दिवस के उपहार होंगे।

शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों के लिए कौन सी विशेष गतिविधि की योजना बना सकते हैं?

शिक्षक दिवस पर, आप अपने शिक्षकों के लिए विभिन्न विशेष गतिविधियों की योजना बना सकते हैं जैसे कि एक कार्यक्रम आयोजित करना, क्लास पार्टी करना, आभार व्यक्त करने वाला एक व्यक्तिगत वीडियो बनाना, उपहार देना और ग्रीटिंग कार्ड देना आदि।

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाता है?

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है जो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है। इस दिन, भारत का पूरा देश डॉ. एस राधाकृष्णन को याद करता है और हमारे सभी शिक्षकों का सम्मान करता है।

शिक्षक हमारे जीवन में इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं क्योंकि वे हमारी वास्तविक क्षमता को सामने लाने में मदद करते हैं। शिक्षक हमारे ज्ञान, दावे, व्यक्तित्व और मानसिकता में योगदान करते हैं। एक शिक्षक का वास्तविक मूल्य हमेशा कम आंका जाता है। और इसलिए, हमें उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.

Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.

Hindiinhindi Teachers Day Essay in Hindi

Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।

एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।

शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।

शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।

कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।

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हम सभी के जीवन में सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे जीवन में अहम महत्व रखते हैं। 5 सितंबर टीचर्स डे के दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन को भारत के पूर्व राष्ट्रपति “डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन” के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर आसीन होने से पहले एक शिक्षक थे। शिक्षक दिवस के दिन छात्र अपने अध्यापकों को उपहार भी देते हैं और टीचर्स डे पर निबंध (Teachers Day Par Nibandh) भी लिखते हैं।

शिक्षक का मतलब होता है शिक्षा देने वाला और हम सभी के उलझनों से भरे हुए इस जीवन में शिक्षक का होना बहुत ज़रूरी है। माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है, जो हमेशा चाहता है कि उसका छात्र अपने जीवन में उससे भी ज़्यादा कामयाबी हासिल करे। शिक्षक ही हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कठिन परिश्रम करना है। वो शिक्षक ही होते हैं जो हमें सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं। जब हम किसी मुश्किल में फंस जाते हैं, तो शिक्षक ही उस मुश्किल से बाहर निकलने में हमारी मदद करते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता ज्ञान से जुड़ा एक रिश्ता है, जिसमें सीखना और सीखाना निरंतर चलता ही रहता है।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

हर वर्ष 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है और शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर उनको याद किया जाता है। शिक्षक और छात्रों के रिश्तों को और भी अच्छा बनाने का एक महान अवसर होता है। जो स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 5 सितंबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत में सन् 1962 से 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जा रहा है। शिक्षक दिवस हर साल हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर मनाया जाता है। इसी दिन उन्‍होंने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था और उसी साल से उनके सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर सन् 1888 को हुआ था और उन्हीं की याद में हर साल भारत में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने भारत के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए बहुत से कार्य किए। राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानी कि भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और उनको 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ विद्यार्थियों और दोस्तों ने एक बार उनसे उनके जन्मदिवस को मनाने की बात कही, तो इसपर राधाकृष्णन ने कहा कि ‘अगर मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की जगह शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो मुझे बहुत गर्व महसूस होगा।’ बस तभी से भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

इस दिन छात्र अपने शिक्षकों की लंबी आयु की कामना करते हैं साथ ही शिक्षकों को बधाई देने के लिए तरह- तरह की योजना बनाते हैं। छात्र इस दिन अपने अध्यापक को तोहफा, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी इत्यादि देकर बधाई देते हैं। स्कूल और कॉलजों समेत अलग-अलग संस्थानों में शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। छात्र विभिन्न तरह से गुरुओं का सम्मान करते हैं, तो वहीं शिक्षक गुरु शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं।

भारत के अलावा 21 देशों में भी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों को हमेशा सम्मान और प्रेम देना चाहिए क्योंकि शिक्षक हमें सफलता के रास्ते पर भेजने की कोशिश करते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को प्यार करते हैं और देखभाल करते हैं लेकिन शिक्षक हमें सफलता के मार्ग पर भेजने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि वह अपने जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकें।

शिक्षक दिवस का महत्व क्या है?

शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी शिक्षक दिवस का महत्व अधिक होता है। शिक्षक दिवस छात्रों के लिए शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है। शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र का निर्माण करता है और उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक शिक्षक अपने छात्रों को बड़े ही प्यार से और कभी-कभी डांटकर भी शिक्षित करता है। शिक्षक अपने छात्रों को एक अच्छा और नेक इंसान बनाने में मदद करते हैं। शिक्षक के बिना जीवन का किसी भी क्षेत्र में हमें सफलता नहीं मिल सकती। छात्र का भविष्य निर्माण करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। शिक्षक ही अपने छात्र के अंदर का आत्मविश्वास बढ़ाता है।

ये सच है कि बिना गुरु के हमें ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। दुनिया में गुरु का स्थान ईश्वर के समान माना गया है। कहा जाता है कि “गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः” अर्थात् गुरु ब्रम्हा के सामान है, गुरु विष्णु के सामान है, गुरु ही महेश्वर यानी कि शिव के सामान है। गुरु सभी देवों में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्दों में

भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से शिक्षकों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। राधाकृष्णन शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित और शिक्षा को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति थे।

इस दिन पूरा देश उन्हें एक शिक्षक के रुप में भी याद करता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि 5 सितंबर को टीचर्स डे होता है लेकिन ये बहुत की कम लोग जानते हैं कि टीचर्स डे 5 सितंबर को ही क्यूं मनाया जाता है। आपको बता दें कि जब 1962 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने तो कुछ छात्रों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा। सर्वपल्ली ने अपने छात्रों को इस बात का जवाब देते हुए कहा कि 5 सितंबर को मेरा जन्म दिन मनाने के बजाय क्यूं न इस दिन को अध्यापन के प्रति मेरे समर्पण के लिये शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। छात्रों को उनका ये विचार पंसद आया और उसी दिन से पूरे भारत में 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

पूरी दुनिया में शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) को एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है। टीचर्स डे गुरू के सम्मान में मनाया जाने वाला एक दिन है, जिसे किसी त्योहार की तरह ही बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में हर साल शिक्षक दिवस 05 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि इंटरनेशनल टीचर्स डे 05 अक्टूबर को होता है। इंटरनेशनल टीचर्स डे की घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी और भारत में शिक्षक दिवस मनाने का विचार भारत के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का था।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था। उन्हीं के जन्मदिवस के रूप में हम इस तारीख को शिक्षक दिवस मनाते हैं और उन्हें याद करते हैं। डॉ राधाकृष्णन 05 सितंबर यानी कि अपने जन्मदिन पर जब अपने कार्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद उनके कुछ छात्र और दोस्त इस दिन को खास अंदाज मनाने की ज़िद करने लगे। डॉ. राधाकृष्णन ने इस बात से तो साफ इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि अगर वो इस दिन को वाकई खास बनाना चाहते हैं, तो इस देश के शिक्षकों के लिए बनाएं। और इस तरह से भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर हुई।

शिक्षक दिवस का दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और उनका आभार प्रकट करने का दिन है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भी कहा था कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां हम कुछ न कुछ नया सीखते हैं। हमारे शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें अच्छे और बुरे के बीच का फर्क भी समझाते हैं। हम सभी अपने शिक्षकों को सदैव सम्मान करना चाहिए और जीवन में उनके बताए हुए रास्ते पर ही चलना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • हर साल भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
  • विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर सन् 1888 को हुआ था।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने ही अपने जन्मदिवस पर ही शिक्षकों का सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस की शुरुआत की थी।
  • शिक्षक दिवस शिक्षकों के आदर और सम्मान का दिन का है।
  • इस दिन को सभी छात्र अपने गुरुओं को सम्मान देकर और तोहफे देकर मनाते हैं।
  • शिक्षक दिवस हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्त्व को बताता है।
  • शिक्षक ही अपने छात्रों को शिक्षा और ज्ञान देता है।
  • हमें कभी भी अपने शिक्षक का अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए।

ये भी पढ़ें

  • शिक्षक दिवस पर निबंध
  • शिक्षक दिवस पर भाषण
  • हिंदी भाषा पर निबंध
  • हिंदी दिवस पर निबंध

शिक्षक दिवस पर FAQs

प्रश्न- शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।

प्रश्न- विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

प्रश्न- शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? और शिक्षक दिवस कब से शुरू हुआ?

उत्तर: शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत 5 सितंबर 1962 से हुई।

प्रश्न- शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखते हैं?

उत्तर: शिक्षक दिवस पर निबंध लिखना सीखने के लिए आप हमारा आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

प्रश्न- शिक्षक दिवस का क्या महत्व है?

उत्तरः शिक्षक दिवस छात्रों के लिए शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है और उनके रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।

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Teacher’s Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस पर निबंध 250, 300, 500 शब्दों में, साथ ही पढ़ें टीचर्स डे पर कविता और अनमोल वचन

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5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। उन्हीं के सम्मान में 5 सितंबर का दिन प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

समाज में शिक्षकों की भूमिका तथा उनके संघर्षों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न तरीके के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्र-छात्राएं अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए भाषण देते हैं और कविताएं पढ़ते हैं।

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इस दिन छात्र अपने अभिभाषण और कविताओं के माध्यम से अपने जीवन में शिक्षक की भूमिका का मूल्यांकन करते हैं। शिक्षक दिवस पर विभिन्न संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।

इस आर्टिकल में आप को शिक्षक दिवस पर निबंध और कविताएं पढ़ने को मिलेगी जिन्हें आप अपने शिक्षण संस्थानों में सुना सकते है। इन सामग्रियों के माध्यम से आप एक प्रभावशाली भाषण भी तैयार कर सकते हैं।

आइये जानें- 5 सितंबर शिक्षक दिवस का इतिहास व रोचक तथ्य

  • शिक्षक दिवस 2023 पर यह जोरदार भाषण दे कर करें शिक्षकों का धन्यवाद

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विषय–सूची

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

छात्र जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक के मार्गदर्शन में ही हम जीवन के नैतिक मूल्यों को समझते हैं और जीवन की सही राह को अपनाते हैं।

शिक्षा की हमें नीति का पाठ पढ़ाते हैं बिना शिक्षक के हमारा नैतिक विकास नहीं हो सकता। इसीलिए शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

5 सितंबर 1888 को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पेशे एक शिक्षक थे। इसके अलावा वह एक दार्शनिक और दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर भी थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई सारी किताबें भी लिखी हैं। राधाकृष्णन जी की शिक्षण शैली अत्यंत प्रभावशाली थी। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने लोगों को बहुत प्रभावित किया था।

उनका मानना था कि देश के नैतिक भविष्य को बनाने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह शिक्षा को हथियार की तरह मानते थे जिसके बल बूते पर जीवन का हर संघर्ष लड़ा जा सकता है।

अपने जीवन काल में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने विभिन्न विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इतना ही नही वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति भी नियुक्त किए गए और आगे चलकर भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने।

भले ही शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के योगदान के सम्मान में हुई थी लेकिन यह आज भी हमारे शिक्षकों को सम्मान के रूप में समर्पित है।

शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है। शिक्षा के अभाव में जीवन निरर्थक हो जाता है। एक शिक्षक शिक्षा की आभा के माध्यम से हमारे जीवन में फैले हुए अज्ञान के अंधकार को दूर करता है और हमारे जीवन को सार्थक बनाता है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी मानते थे कि शिक्षक ही देश के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि वह देशभर के युवाओं को राष्ट्र को विकास की नई दिशा एवं गति देने के लिए प्रेरित करता है।

हमें अपने शिक्षकों का हृदय से सम्मान करना चाहिए एवं सदैव उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर छोटा निबंध 250 शब्दों में (Teachers Day Essay In Hindi 250 Words)

भारत में पांच सितंबर का दिन हर साल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती भी होती है।

उनकी जयंती के उपलक्ष में ही भारत का यह राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती का दिन चुना गया।

दरअसल एक बार सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जन्मदिन मनाने के आग्रह पर छात्रों से कहा था कि अगर वह उनके जन्मदिन को सही तरीके से मनाना चाहते हैं और उन्हें कोई उपहार देना चाहते हैं तो 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाए।

वह भारत के एक महान दार्शनिक दूरदर्शी नेता तथा आदर्श तथा उत्कृष्ट शिक्षक थे। जब उनका निधन हो गया तब उनकी जयंती का दिन उनके सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का यह दिन शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए खास होता है। शिक्षक दिवस का एक दिन शिक्षकों को समर्पित होता है।

इस दिन देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं खासकर स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर निबंध लेखन तथा भाषण प्रतियोगिता आदि का आयोजना किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन शिक्षक को समर्पित होता है। शिक्षक की भूमिका हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां हमारी संस्कृति शिक्षकों को ईश्वर से भी महान बताती है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षक हमारे जीवन का कायाकल्प भी करते हैं!

हमेशा देव शिक्षकों का आदर करना चाहिए एवं उनकी बात माननी चाहिए! आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

आइये जानते हैं –

  • भारत   की   पहली महिला शिक्षिका – सावित्री बाई
  • कौन है भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका
  • महान गणिज्ञ व वैज्ञानिक – सत्येंद्र नाथ बोस का जीवन परिचय

शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) पर कविता शायरी (Shayari On Teacher’s Day Poem in Hindi)

कविता 1 – ईश्वर से बढ़कर महान है गुरु।, कविता 2 – बिन गुरु शिक्षा होत न ज्ञान, शिक्षक दिवस पर अनमोल वचन (quotes on teachers day hindi).

  • छात्रों के जीवन में शिक्षक की भूमिका एक कुम्हार की तरह होती, जो अबोध छात्रों को गढ़ कर, उन्हें ज्ञान की आंच पर पका कर ज्ञानी और विद्वान बनाता है।
  • शिक्षक जीवन के ध्येय को साधने के सारे उपाय बताता है।
  • जरूरी नहीं है कि जीवन में शिक्षक कोई व्यक्ति ही हो, कई बार परिस्थितियां, घटनाएं और समय भी शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। जो हमें जीवन की वास्तविकता बताकर सही मार्ग दिखाते हैं।
  • हमारे जीवन में शिक्षा के सिद्धांतों की नींव डालते हैं जिन सिद्धांतों पर चलकर हम एक महान जीवन जीते हैं।
  • सनातन संस्कृति में गुरु और माता-पिता को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया गया है।
  • बिना गुरू ज्ञान के ईश्वर से भेंट नहीं हो सकती। गुरू ही ईश्वर और मोक्ष तक जाने का मार्ग दिखाता है।
  • गुरु हमारे जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश भरकर जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देता है।
  • शिक्षक केवल वह व्यक्ति नहीं होता जो हमें किसी संस्था में पढ़ाता है बल्कि हर वह चीज जो हमें जीवन का पाठ पढ़ाती है जिससे हम बहुत कुछ सीखते हैं, वह हमारे गुरु के समान होती है।
  • शिक्षक एक ऐसा व्यक्तित्व है जो अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा करता है, हमें एक नए दृष्टिकोण से आकलन करना सिखाता है तथा हमारी गलतियों से हमें प्रेरित होना सिखाता है।
  • जिस प्रकार ब्रह्मा को जीवन का रचयिता माना जाता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक को नीति, ज्ञान और बुध्दि का रचयिता माना जाता है।

आज इस लेख के जरिए हमने आप को शिक्षक दिवस पर निबंध Essay On Teacher’s Day तथा शिक्षक दिवस पर कविता Poem On Teacher’s Day In Hindi परचर्चा की । उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Teachers Day Essay in Hindi | Essay in Hindi | Hindi Nibandh | हिंदी निबंध | निबंध लेखन | Essay onShikshak Diwas in Hindi

By: savita mittal

शिक्षक दिवस पर निबंध | Teachers Day Essay in Hindi

राधाकृष्णन का जीवन परिचय, शिक्षक दिवस का महत्व, शिक्षक दिवस पर निबंध | shikshak diwas par nibandh | essay on teachers day in hindi video.

“शिक्षक वह नहीं जो विद्यार्थी के दिमाग में तथ्यों को बोझ बनाए, बल्कि वास्तविक शिक्षक तो वह है, जो उसे आने वाले कल की चुनौतियों के लिए तैयार करे।” यह बात भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहीं है। हमारे देश में प्रत्येक वर्ष 5 सितम्बर ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस विद्यार्थियों और शिक्षकों, दोनों के लिए विशेष होता है। 1888 ई. में इसी तिथि (5 सितम्बर) को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

डॉ. राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे और राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने से पहले कई वर्षों तक उन्होंने शिक्षण कार्य किया था, इसलिए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। ‘अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस’ 5 अक्टूबर को मनाया जाता है और इसकी शुरुआत वर्ष 1994 में यूनेस्को ने की थी।

5 सितम्बर, 1888 को मद्रास (चेन्नई) शहर से लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित तमिलनाडु राज्य के तिरूतनी नामक गाँव में जन्मे एस. राधाकृष्णन ने प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मिशन स्कूल, तिरुपति तथा बेलौर कॉलेज, बंगलुरु में प्राप्त की थी। इसके बाद मद्रास के क्रिश्चियन कॉलेज में प्रवेश लेकर उन्होंने यहाँ से बी.ए. तथा एम. ए. की उपाधि प्राप्त की। राधाकृष्णन कुशाग्र बुद्धि के थे। ये विषयों को बड़ी तेज़ी से समझ लेते थे। उनकी इच्छा एक अध्यापक बनने की थी और उनकी यह इच्छा पूरी हुई, जब वे वर्ष 1909 में मद्रास के एफ कॉलेज में दर्शनशास्त्र के अध्यापक नियुक्त हुए। बाद में उन्होंने मैसूर एवं कलकत्ता विश्वविद्यालयों में भी दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।

इसके बाद कुछ समय तक वे आन्ध्र विश्वविद्यालय के कुलपति भी रहे। इसके अतिरिक्त काशी विश्वविद्यालय में भी उन्होंने कुलपति के पद को सुशोभित किया। कुछ समय तक ये ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में भी दर्शनशास्त्र के प्रोफेसा रहे। मे वर्ष 1948-49 में यूनेस्को के एक्जीक्यूटिव बोर्ड के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1952-62 की अवधि में ये भारत के उपराष्ट्रपति रहे। बाद में ये वर्ष 1962 में राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए।

उन्होंने ‘द फिलॉसफी ऑफ द उपनिषद्स’, ‘भगवद्गीता’, ‘ईस्ट एण्ड बेस्ट सम रिफ्लेक्शंस’, ‘ईस्टर्न रिलीजन एण्ड बेस्टर्न थॉट’, ‘इण्डियन फिलॉसफी’, ‘ऐन आइडियालिस्ट व्यू ऑफ लाइफ’, ‘हिन्दू व्यू ऑफ लाइफ’ आदि पुस्तकों की रचना भी की। शिक्षा एवं साहित्य के प्रति गहरी रुचि एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1954 में उन्हें भारत के सर्वोच्च अलंकरण ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया।

Teachers Day Essay in Hindi

यहाँ पढ़ें :  1000 महत्वपूर्ण विषयों पर हिंदी निबंध लेखन यहाँ पढ़ें :  हिन्दी निबंध संग्रह यहाँ पढ़ें :  हिंदी में 10 वाक्य के विषय

शिक्षक दिवस देश के सभी विद्यालय-महाविद्यालयों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थी ही शिक्षण की भूमिका निभाते दिखाई देते हैं। विभिन्न कक्षाओं से अलग-अलग विद्यार्थियों का चयन ‘शिक्षक’ के रूप में किया जाता है एवं उन्हें अपनी कक्षा से छोटी कक्षा को शिक्षक के रूप में पढ़ाने के लिए भेज दिया जाता है। शिक्षक बना विद्यार्थी स्वयं को इस रूप में देखकर रोमांचित और गौरवान्वित महसूस करता है। कक्षा में जाकर छात्रों को पढ़ाते समय उसे एक जिम्मेदारी का अहसास होता है।

अनेक बार विद्यार्थी एक शिक्षक के कार्य को लेकर विभिन्न प्रकार की बातें बना लेते हैं। उस समय विद्यार्थी बने शिक्षक को यह अहसास होता है कि वास्तव में एक शिक्षक का कार्य जिम्मेदारी एवं चुनौतियों से भरा होता है। कक्षा में विद्यार्थियों को पढ़ाना, उन्हें सम्बोधित करना कोई सरल कार्य नहीं होता, यह शिक्षक बना विद्यार्थी भली-भाँति समझने लगता है और इससे उसकी शिक्षण एवं शिक्षक के प्रति आस्था मजबूत होती है।

शिक्षक दिवस ऐसे छात्रों के लिए ‘प्रायोगिक दिवस के समान होता है, जो अपना भविष्य एक शिक्षक के रूप में संवारना चाहते हैं। वे एक दिन के लिए शिक्षक बनकर जहाँ स्वयं को गौरवान्वित महसूस करते हैं, वहीं इस बात का प्रण भी लेते हैं कि यदि उन्हें शिक्षक बनने का अवसर मिला, तो ये अपने पद की गरिमा को बनाते हुए ईमानदारीपूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।

यद्यपि, शिक्षा के निजीकरण के बाद से शिक्षा एक व्यवसाय का रूप लेती जा रही है। इसलिए शिक्षकों के व्यवहार में भी परिवर्तन देखने को मिला है, यही कारण है कि शिक्षकों के सम्मान में पिछले कुछ वर्षों में कमी आई है। शिक्षकों के सम्मान में आई इस कमी के लिए छात्र ही नहीं, बल्कि शिक्षक भी समान रूप से दोषी है। 

शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य न केवल विद्यार्थियों को शिक्षकों का महत्त्व बताते हुए उन्हें सम्मान देने के लिए प्रेरित करना होता है, बल्कि शिक्षकों को भी उनकी भूमिका एवं उत्तरदायित्व का आभास करवाना होता है। विश्व के महान् वैज्ञानिक ‘अल्बर्ट आइंस्टाइन’ ने कहा है-“विद्यार्थियों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनन्द जगाना ही एक शिक्षक का सबसे महत्त्वपूर्ण गुण है।”

शिक्षक का मुख्य कार्य अध्यापन करना होता है, किन्तु अध्यापन के उद्देश्यों की पूर्ति तब ही हो सकती है, जब वह इसके अतिरिक्त विद्यालय अथवा महाविद्यालय की अनुशासन व्यवस्था में सहयोग कर, शिष्टाचार का पालन करे, अपनेसहकर्मियों के साथ सकारात्मक व्यवहार करे एवं पाठ्यक्रम सहगामी क्रियाकलापों में भी अपने साथी शिक्षकों एवं शिक्षार्थियों का सहयोग करे। शिक्षकों को धार्मिक कट्टरता, प्राइवेट ट्यूशन तथा नशाखोरी इत्यादि से बचना चाहिए।

एक आदर्श शिक्षक सही समय पर विद्यालय आता है, शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्रियों का भली-भाँति प्रयोग करता है, छात्रों से मधुर सम्बन्ध रखता है, उन्हें प्रोत्साहित करता है तथा अपने साथियों से भी मित्रतापूर्ण सम्बन्ध रखता है। इस प्रकार आशाबादी दृष्टिकोण, प्रशासनिक योग्यता, जनतान्त्रिक व्यवहार, मनोविज्ञान का ज्ञान, समाज की आवश्यकताओं का ज्ञान, विनोदी स्वभाष, दूरदर्शिता, मिलनसार प्रवृत्ति, अपने कार्य के प्रति आस्था तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व इत्यादि एक आदर्श शिक्षक के गुण है।

आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों को शिक्षार्थियों के मित्र, परामर्शदाता, निर्देशक एवं नेतृत्वकर्ता की भूमिका भी निभानी पड़ती है। ‘कबीर’ ने इस दोहे में शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों के आदर्श रूप को बड़े ही सहज ढंग से प्रस्तुत किया है।

“गुरु तो ऐसा चाहिए सिख से कछु नहिं लेय। सिख तो ऐसा चाहिए गुरु को सब कुछ देय।।”

वास्तव में, शिक्षक दिवस का आयोजन तभी सार्थक और सफल हो सकेगा, जब शिक्षकों को अपने दायित्य का ज्ञान हो और विद्यार्थी एवं अभिभावक उन्हें महत्त्व एवं सम्मान दें। शिक्षक दिवस शिक्षकों और विद्यार्थियों के संकल्प लेने का दिन है कि वे अपने कर्त्तव्य का निर्वाह पूरी ईमानदारी के साथ करेंगे और अपने देश को उन्नति के पथ पर ले जाने में सहयोग देंगे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन से सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए।

reference Teachers Day Essay in Hindi

essay on teachers day in hindi

मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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Chhoti Badi Baatein

  • हिंदी निबंध संग्रह - Hindi Essay Collection

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

Short and Long Essay on Teacher’s Day in Hindi – भारत में हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन की स्मृति में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर रहने से पहले एक शिक्षक थे।

आज के इस आर्टिकल में हम शिक्षक दिवस पर निबंध (Shikshak Diwas Par Nibandh Hindi Mein) प्रस्तुत करने जा रहे हैं। यह छोटे-बड़े हिंदी निबंध सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध – 1 (100 शब्द)

शिक्षक दिवस हमारे गुरु के सम्मान में मनाया जाता है जो हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान एवं नैतिक मूल्यों से सुसज्जित करते हैं। शिक्षक का संघर्षपूर्ण प्रयास विद्यार्थियों को निष्ठावान, उत्कृष्ट एवं सशक्त नागरिक बनाता है।

शिक्षक अपनी उन्नत सोच और अनुभवों से प्रेरणा के अनूठे स्रोत होते हैं। उनका मार्गदर्शन हमें विद्यार्थी जीवन को उच्चतम स्तर पर ले जाने की प्रेरणा देता है। हमें सदैव शिक्षकों के प्रति आभारी रहना चाहिए और उनके महत्वपूर्ण योगदान को उचित न्याय देना चाहिए।

शिक्षकों को उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों के लिए आदर और सम्मान दिया जाना चाहिए, ताकि हमारे समाज का शिक्षा क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ सके।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 2 (200 शब्द)

शिक्षक दिवस का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह गुरु के प्रति हमारे समर्पण और सम्मान की भावना को प्रकट करता है। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि हम शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को समझ सकें।

शिक्षक हमारे समाज के मौलिक नेतृत्व के रूप में कार्य करते हैं, जो छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक साक्षरता और व्यक्तिगत विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं।

शिक्षक छात्रों की अद्भुत क्षमता को पहचानते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षकों का यह अद्वितीय योगदान हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति आभारी और सम्माननीय रहना चाहिए।

समाज के नेतृत्व में शिक्षक भी अहम भूमिका निभाते हैं, जिनसे नई पीढ़ी को ज्ञान मिलता है। समाज के लिए प्रेरणा बनने का उनका कार्य बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सामाजिक जीवन को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करने में सक्षम हैं।

शिक्षकों के सामर्थ्य और प्रेरणा से ही हम उच्चतम स्तर पर पहुंच सकते हैं। शिक्षक दिवस पर हमें शिक्षकों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहिए, उनके महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानना चाहिए और उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 3 (300 शब्द)

हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का अवसर होता है। सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे न केवल ज्ञान बल्कि नैतिकता और आदर्श भी प्रदान करते हैं। 

शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। उनके मार्गदर्शन में ही छात्र जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनका संघर्षपूर्ण प्रयास छात्रों को संघर्ष और कठिनाई का सामना करने की क्षमता देता है। शिक्षकों के दृढ़ विश्वास और समर्पण के कारण ही हमारे समाज में उच्च शिक्षा स्थापित हुई है।

शिक्षक ज्ञान को समाज के संघर्षशील स्तर पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे छात्रों के शैक्षणिक और नैतिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी कड़ी मेहनत, प्रेरणा और दृढ़ संकल्प से ही छात्र अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

शिक्षक न केवल ज्ञान हैं बल्कि छात्रों के जीवन में आदर्श और नैतिकता के प्रतीक भी हैं। हमें उनका आभारी होना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर हमें उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों की सराहना करनी चाहिए और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहिए। यह हमारे लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और समाज में उनका समर्थन करने में सहयोग करने का यह एक अवसर है।

अंत में, शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षकों के बिना समृद्ध और सशक्त समाज की कोई संभावना नहीं है। इस दिन हम उन्हें सम्मानित करते हैं और हमारे समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझने के लिए उनके संघर्षों की प्रशंसा करते हैं।

शिक्षक दिवस पर हम एक विशेष प्रस्तावना या कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त कर सकते हैं और उनके लिए कुछ विशेष सम्मान प्रस्तुत कर सकते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 4 (400 – 500 शब्द)

प्रस्तावना:

शिक्षक ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें विकसित करते हैं और हमारे उज्ज्वल जीवन के लिए तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे माता-पिता की तरह हमारे शिक्षक का भी हाथ होता है। इसलिए एक छात्र होने के नाते शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम साल में कम से कम एक बार उन्हें धन्यवाद दें।

भारत में शिक्षक दिवस:

शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्यों के लिए सम्मानित करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितम्बर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जिसे शिक्षकों के सम्मान में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत:

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी, जब दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया गया और यही दिन उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान शिक्षा में उनकी मार्गदर्शक भूमिका को समर्पित किया गया।

डॉ. राधाकृष्णन संगीत, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व रहे हैं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान से बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित किया है।

देश में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाना चाहिए?

शिक्षक दिवस मनाने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो हमें सिखाते हैं कि हमारे जीवन को सही दिशा देने के लिए शिक्षक क्यों महत्वपूर्ण हैं और उनके प्रति हमारी कृतज्ञता और समर्पण की भावना क्यों आवश्यक है।

शिक्षकों के समर्पण और योगदान की सराहना करने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके समर्पण की मान्यता से उनकी प्रेरणा और उत्साह बढ़ता है।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विचारशीलता, सामाजिक सद्भाव और नैतिकता विकसित करने में भी है। शिक्षक दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों के समर्पण और प्रेम की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं।

इससे हमें यह एहसास होता है कि शिक्षक न केवल पढ़ाने के लिए हैं, बल्कि वे छात्रों को सशक्त नागरिक बनाने और जीवन के ध्येय को पूरा करने में भी योगदान देते हैं। इस प्रकार, शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि शिक्षकों का योदान सिर्फ किताबें पढ़ाना नहीं है बल्कि इससे बहुत अधिक है। 

शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस शिक्षा के महत्व को संवेदनशीलता से समझाने का अवसर भी प्रदान करता है। शिक्षा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है और शिक्षक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह अवसर छात्रों और शिक्षकों के बीच एक गहरा बंधन बुनता है और उनके आदर्शों को प्रेरित करता है। इस दिन के अवसर पर छात्रों को अपने शिक्षकों को उपहार और ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई देनी चाहिए।

शिक्षक दिवस समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित करता है और उनके संघर्ष, प्रेरणा और समर्पण की प्रशंसा करता है। यह दिन छात्रों के लिए अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण व्यक्त करने का एक अवसर है और वे अपने शिक्षकों के प्रति गहरी भक्ति की भावना महसूस करते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 5 (500 – 700 शब्द)

शिक्षक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों में से एक होते हैं। वे न केवल ज्ञान के स्रोत होते हैं बल्कि छात्रों के विकास के प्रति उनके समर्पण और सहयोग के लिए भी मूल्यवान होते हैं। शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।

शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका:

समाज के विकास और समृद्धि के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और इसका मुख्य आधार शिक्षक हैं। शिक्षक एक मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और ज्ञान प्रदाता होते हैं। 

शिक्षक समाज के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे छात्रों को न केवल विभिन्न विषयों में ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि उनके व्यक्तिगत और आदर्श विकास में भी मदद करते हैं। शिक्षक छात्रों को नैतिक मूल्यों को विकसित करने और उन्हें समाज के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।

शिक्षक न केवल पाठ्यक्रम को पूरा कराते हैं, बल्कि छात्रों की रूचियों, प्रतिभाओं, और गुणों के प्रति समझदारी से प्रतिक्रिया करके उनके विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वे छात्रों को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें खुद को साबित करने के लिए सशक्त बनाते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास:

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक दिवस का आयोजन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर होता है, जो भारतीय समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। 

शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनका योगदान आज भी हमारे समाज के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में दिखाई देता है। यह दिन उन महान व्यक्तियों को समर्पित है जो हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व:

शिक्षकों के समर्पण और महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब छात्र समाज के विभिन्न क्षेत्रों से उपलब्ध शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त कर सकते हैं।

साथ ही, शिक्षक दिवस छात्रों को अपने शिक्षकों के समर्थन में सामाजिक सहयोगी बनने के लिए प्रेरित करता है। शिक्षकों के प्रति समर्पण और कृतज्ञता की भावना से समाज में खुशहाली आती है। ये वे मार्गदर्शक हैं जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके:

शिक्षक दिवस मनाना शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का एक शानदार तरीका है। निम्नलिखित कुछ आदर्श तरीके हैं जिनसे आप शिक्षक दिवस मना सकते हैं:

  • शिक्षकों का सम्मान: शिक्षकों के सम्मान और सराहना के लिए एक विशेष समारोह का आयोजन करें, जैसे सम्मान समारोह, पुरस्कार समारोह और आदि।
  • विशेष कार्यक्रमों का आयोजन: शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें, जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के समर्थन में आगे आ सकें।
  • शिक्षक के प्रति आभार व्यक्त करना: छात्र अपने शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग एवं धन्यवाद
  • अपना आभार व्यक्त करें: आप शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं। देकर और उनके संघर्षों की सराहना करके उनके प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त करते हैं।
  • शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताएं: स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से अवगत कराया जा सकता है ताकि वे उनके योगदान को समझ सकें।
  • सोशल मीडिया पर उपलब्धि: सोशल मीडिया पर भी शिक्षक दिवस मनाने पर विचार करें, जहां आप समय-समय पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को साझा कर सकते हैं।
  • शिक्षकों की सफलताएँ साझा करें: छात्रों और उनके माता-पिता को शिक्षकों की सफलताएँ, जैसे कि उनके संघर्ष और उच्चतम मानकों वाली सफलता की कहानियाँ, साझा करने का अवसर दें।
  • कृतज्ञता पत्रिकाएँ: छात्र कृतज्ञता पत्रिकाएँ तैयार कर सकते हैं और उन्हें अपने शिक्षकों को प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसमें उनकी प्रेरणादायक बातों की सराहना की जाएगी।
  • समाज में शिक्षकों के योगदान की सराहना: शिक्षक दिवस के दौरान समाज में शिक्षकों के योगदान की प्रशंसा करने के लिए सार्वजनिक समारोहों का आयोजन किया जा सकता है।
  • विचार-मंथन सत्र: शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक विचार-मंथन सत्र आयोजित करने पर विचार करें, जिसमें शिक्षा के मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
  • दान या सेवा: छात्र और माता-पिता सामुदायिक सेवा परियोजना में शामिल होकर शिक्षकों का समर्थन करने में योगदान दे सकते हैं।
  • सामाजिक सेवा: शिक्षक छात्रों के साथ किसी सामाजिक सेवा परियोजना, जैसे पुस्तक वितरण या स्वच्छता अभियान में शामिल हो सकते हैं। इससे उनका सहयोग तो होगा ही, समाज को भी लाभ होगा।

शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई में ही नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तित्व, नैतिकता और समाज में उनकी भूमिका के महत्व को समझने में भी मदद करता है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य हिंदी में (10  Lines on Teacher’s Day in Hindi)

  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षकों के शिक्षा को याद दिलाने का दिन है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शक, ज्ञान-स्रोत और प्रेरणा स्रोत होते हैं।
  • शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि कैसे जीवन में सही मार्ग पर चलना है।
  • उनका संघर्ष और समर्पण हमें नई ऊँचाइयों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।
  • शिक्षक हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और नेतृत्व कौशल को विकसित करते हैं।
  • उनका मार्गदर्शन हमें नेतृत्व, साहस और सहयोग की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है।
  • शिक्षक शिक्षा संस्थान के भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं जो नई पीढ़ियों को तैयार करते हैं।
  • इस दिन हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण का अभिवादन करना चाहिए।
  • शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि उनके योगदान के बिना हमारा शिक्षा संचार अधूरा होता।
  • हमें उनके संघर्ष और समर्पण की मूर्ति के रूप में शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, और उनके प्रति हमारी आभारी भावना को व्यक्त करना चाहिए।

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शिक्षक दिवस पर निबन्ध

शिक्षक दिवस की शुरूआत भारत में 1962 से हुई थी और ये हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत में ही नहीं पूरे विश्व में मनाया जाता है। पूरे विश्व में ये अलग-अलग दिन में मनाया जाता है।

इसके मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की मेहनत को उचित मान-सम्मान देना है। भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर को हुआ था। वो एक अच्छे शिक्षक भी थे। इसी कारण इनके जन्मदिवस को पूरे भारत में शिक्षक दिन के रूप में मनाया जाता है।

Teachers Day Essay

हम यहां अलग-अलग शब्द सीमा में शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने जा रहे हैं। यह हिंदी निबंध सभी छोटी और उच्च कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

Read Also: हिंदी में अन्य महत्वपूर्ण निबंध

शिक्षक दिवस पर निबन्ध (100 शब्द)

टीचर्स डे हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1662 में हुई थी। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का भी जन्म दिन है।

जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके साथियों और छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की सोची। तो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे ख़ुशी होगी।

इस कारण उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शिक्षक दिवस विश्व के सभी देशों में अलग-अलग दिनांक पर मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस निबंध (300 शब्द)

भारत में पूर्व से ही गुरू-शिक्षक की परम्परा चलती आ रही है। हमारे माता-पिता ही हमारे पहले गुरू होते हैं। क्योंकि उन्होंने ही हमें यह रंगीन और खूबसूरत दुनिया दिखाई है। इनकी जगह कोई नहीं ले सकता है।

लेकिन हमें जीने का सही तरीका अपने शिक्षक से मिलता है और उनके मार्गदर्शन में हम अपनी सफ़लता को हासिल करते हैं। टीचर्स डे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 हुआ था। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के उप-राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही तो तब महोदय ने कहा कि मेरे जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे बहुत गर्व होगा। फिर इसके बाद शिक्षक दिवस हर साल उनके जन्मदिवस 5 सितम्बर को मनाया जाने लगा।

हर एक सफ़ल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ होता है। वह व्यक्ति अपने शिक्षक के बताएं रास्ते पर चल कर अपनी सफ़लता प्राप्त करता है। इस सफ़लता के पीछे उसके शिक्षक की कड़ी मेहनत होती है।

गुरू का हर किसी के जीवन बहुत ही महत्व होता है। इसी कड़ी मेहनत को उज्जाले में लाने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन स्कूल, कॉलेजों आदि स्थानों में शिक्षकों का सम्मान किया जाता हैं और इस दिन सभी योग्य शिक्षक अपने छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं।

इस दिन सरकार योग्य शिक्षकों को उचित सम्मान देकर पुरस्कृत करती है। इस प्रकार पूरे दिन उत्सव का माहौल बना रहता है और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयन्ती पर स्मरण किया जाता है।

आज के समय में हमें शिक्षकों के सम्मान, उनके प्रयास और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए। हमें शिक्षकों का उचित सम्मान करना चाहिए और उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।

शिक्षक दिवस निबंध (500 शब्द)

जब बच्चे का जन्म होता है तो उसकी पहली शिक्षक मां होती हैं। लेकिन जब बच्चा स्कूल जाता है तो उसको एक अच्छा नागरिक शिक्षक ही बनाता है। एक व्यक्ति के जीवन में टीचर का महत्व बहुत अहम हिस्सा होता है। इसके मार्गदर्शन में ही वह सफ़लता के शिखर को पाता है।

शिक्षक का महत्व

जीवन में विजय और सफ़लता के लिए शिक्षा ही सबसे अच्छा और शक्तिशाली हथियार है। शिक्षक के ही हाथ में होता है कि वह अपने छात्रों को किस और अग्रेसित करें। जिससे उसको एक सफ़ल जीवन मिल सके।

अर्थात् शिक्षक पर पूरे देश की जिम्मेदारी होती है कि वह उसके लिए कैसे नागरिक का पैदा करें और उसको कैसे लक्षण दे? जिससे कि उसमें देश का हित हो।

जब हम जन्म लेते है तो हमें कुछ भी नहीं आता तब एक शिक्षक ही होता है, जो हमारी जिम्मेदारी लेता है कि हमें वो सफ़ल जीवन देगा। हमारे अंधकर के जीवन को प्रकाश की ओर आगे करता है। इसमें वो अपना स्वार्थ नहीं देखता है।

एक शिक्षक ही हमें वो सभी संस्कार देता है, जिससे कि हमें किसी भी जगह पर रूकावट नहीं आती और हर जगह पर बिना किसी स्वार्थ के लिए हमारी मदद के लिए खड़ा रहता है। आज चाहे कोई भी हो जो सफ़ल है, उसके पीछे एक शिक्षक की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ऐसे महान और प्रतिष्ठित शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 साल शिक्षक के रूप में दिए और उन्होंने सभी शिक्षकों के हित का सोचा और अनुरोध किया कि 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएं।

विद्यार्थिओं और शिक्षकों के मध्य रिश्तों को और भी मधुर बनाने के लिए शिक्षक दिवस अहम योगदान देता है। अर्थात् ये एक ऐसा अवसर है, जिसमें सभी छात्र अपने शिक्षक का आभार व्यक्त कर कर सकते हैं।

शिक्षक ही एक जीवन को अन्धकार से उजाले में ला सकता है। हमें अपने शिक्षकों को ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को उतना ही सम्मान देना चाहिए, जितना कि हम अपने माता-पिता और शिक्षक को देते हैं।

शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति है, जो हमें एक सफल जीवन देता है। अतः हमें इनका निस्वार्थ भाव से सम्मान देना चाहिए।

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  • गांधी जयंती पर निबंध
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  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comment (1).

Very nice ???

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शिक्षक दिवस का उत्सव पर निबंध (Teacher’s Day Celebration Essay in Hindi)

शिक्षक दिवस का उत्सव देश भर में हर वर्ष 5 सितबंर को मनाया जाता है। यह वह दिन है, जब शिक्षक कर्मचारी कक्ष में आराम करते है और इस दिन छात्रों द्वारा उनकी भूमिका छात्रों द्वारा निभायी जाती है। शिक्षक दिवस विद्यालयों में पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों और छात्रों दोनो के लिए ही काफी मजेदार होता है।शिक्षक दिवस के उत्सव में कई तरह के खेल और गतिविधियां शामिल होती है। इस दिन वरिष्ठ कक्षाओं के छात्र कार्यक्रमों के आयोजन के लिए जिम्मेदारी लेते है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | शिक्षक दिवस पर भाषण

शिक्षक दिवस के उत्सव पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Teacher’s Day Celebration 2022 in Hindi, Shikshak diwas samaroh par Nibandh Hindi mein)

शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).

शिक्षक दिवस छात्र और शिक्षक जीवन के सबसे खास दिनों में से एक है। शिक्षक पूरे वर्ष भर इस दिन का इंतजार करते है ताकि इस दिन वह छात्र और एक दूसरे के साथ बातचीत कर सके, यह वह दिन होता है जब उन्हें अपने दैनिक दिनचर्या से आराम मिल जाता है। इस दिन प्रत्येक विद्यालय में कई तरह की गतिविधियां आयोजित की जाती है।

छात्र शिक्षक के वेश में

इस दिन वरिष्ठ कक्षाओं के छात्र शिक्षक के तरह वेषभूषा धारण करते हैं और विभिन्न शिक्षकों का किरदार निभाते हुए दूसरे कक्षाओं में विभिन्न विषय पढ़ाने जाते है। छात्रों द्वारा शिक्षकों का किरदार निभाने की यह परंपरा शिक्षक दिवस के उत्सव का मुख्य भाग है। इस दिन छात्र-छात्राएं अपने शिक्षकों के तरह दिखने के लिए, उन्ही के तरह की वेषभूषा धारण करते/करती हैं।

इस दिन छोटे छात्र अपनें वरिष्ठ छात्रों द्वारा कक्षा में पढ़ाने का इंतजार करते है, क्योंकि यह प्रतिदिन की तरह पढ़ाई नही होती बल्कि एक मजेदार अनुभव होता हैं, और इसी तरह के कार्यक्रमों के वजह से यह और भी ज्यादे मजेदार अनुभव बन जाता है। इस दिन विद्यालय के शिष्टाचार बनाये रखते हुए, कई तरह के खेलों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।

मनोरंजक गतिविधियां और सांस्कृतिक कार्यक्रम

इस दिन विद्यालयों के दूसरी पाली में कई सारे सांसकृतिक कार्यक्रम और मनोरंजक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। जहां शिक्षक दर्शक के रुप में बैठे होते है और छात्र उनके मनोरंजन के लिए, विभिन्न प्रकार के मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।

इस दिन नृत्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है, गाने गाये जाते है और अन्य कई प्रकार की मनोरंजक कार्य किये जाते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक और छात्र दोनो ही एक साथ मिलकर कई प्रकार के मजेदार खेलों में हिस्सा लेते है और एक-दूसरे के साथ अपने इस विशेष रिश्ते को और भी प्रगाढ़ करते हैं।

वैसे तो शिक्षक दिवस मनाने के कई तरीक है। इस दिन का लाभ उठाते हुए वरिष्ठ छात्र तय करते है कि शिक्षक दिवस के इस कार्यक्रम को कैसे मनाना है, जिससे कि शिक्षक इस दिन अपने आप को खास महसूस कर सके और स्कूल के मनोरंजक कार्यक्रमों का आनंद ले सके।

शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 2 (400 शब्द)

हमारे देश में शिक्षक दिवस हर वर्ष 5 सितंबर को मनाया जाता है। 5 सितंबर भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन की जंयती है, राष्ट्रपति और एक राजनेता होने के साथ ही वह एक सम्मानित शिक्षक और विद्वान भी थे। डॉ राधाकृष्णनन ने कई सारे नामी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर के रुप में कार्य किया। उन्हें उनके साथी शिक्षको और विद्यार्थियों के द्वारा काफी सम्मान दिया जाता था और जब वह भारत के राष्ट्रपति बने तब, उनके विद्यार्थियों ने उनसे निवेदन किया कि वह प्रत्येक वर्ष बड़े स्तर पर उनका जन्मदिन मनाना चाहते है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात कि अधिक प्रसन्नता होगी यदि उनके जन्म दिवस को शिक्षकों को समर्पित करके इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। तो इस प्रकार से 1962 से हर पांच सितंबर को शिक्षक दिवस का यह कार्यक्रम मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस का बहुत ही बड़ा महत्व है, नीचे दिये कारणों से जाना जा सकता है, कि आखिरकार यह इतना महत्वपूर्ण क्यों हैः

  • शिक्षको के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर

शिक्षक लगातार अपने छात्रों के भलाई के लिए कार्य करते है। छात्र शिक्षकों की प्रथम वरीयता होते हैं और वह इस बात का ध्यान रखते है कि प्रत्येक छात्र अकादमिक स्तर पर अच्छे गुण अपनाये और अनुशासन का पालन करें। शिक्षक हमें हमारे समग्र विकास के लिए खेलो और दूसरे गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। वह अपने छात्रों के भलाई के लिए जितना हो सके उतना करने का प्रयास करते हैं, इसलिए इस दिन उनके इन कार्यों के लिए छात्रों को आभार प्रकट करने का मौका मिलता है।

  • सम्मान प्रकट करना

शिक्षक दिवस के दिन विद्यार्थी अपने शिक्षको के प्रति सम्मान प्रकट करतें है  क्योंकि शिक्षक हमारे गुरु और परामर्शदाता के रुप में कार्य करते हैं और जीवन में हमें सही मार्ग भी दिखाते हैं। इस दिन छात्र अपने शिक्षकों के सम्मान में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं, धन्यवाद भाषण देते है और उपहार स्वरुप उन्हे फूलों का गुलदस्ता तथा कार्ड भेंट करते हैं।

  • छात्र-शिक्षक के रिश्ते को प्रगाढ़ करना

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जो छात्र और शिक्षक के इस रिश्ते को और भी ज्यादे मजबूत बनाता है यही कारण है की इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन छात्र अपने शिक्षको के तरह कपड़े पहनते और उनके स्थान पर पढ़ाते है, जिससे की उन्हे एक शिक्षक होने के कठिनाइयों का आभास होता है और इस तरह से वह अपने शिक्षकों के असली महत्व को समझ पाते है तथा उन्हे इस बात का आभास होता है कि उनके भलाई के लिए उनके शिक्षक ना जाने कितनी कठिनाईयों को सहते है। इन सब बातो से छात्रों का उनके शिक्षको के लिए सम्मान और भी बढ़ जाता है।

इसके अलावा इस दिन कई सारे खेलों और अन्य गतिविधियों का भी आयोजन किया जाता है, जिन्हे शिक्षक और छात्र साथ मिलकर खेलते है। जो कि उनके रिश्तों को और भी प्रगाढ़ करने का कार्य करता है।

इसलिए शिक्षक दिवस एक छात्र और शिक्षक के जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह वह दिन है जब अपने इन प्रयासो और कठिन कार्यों के लिए शिक्षको का विशेष सम्मान किया जाता है। इस दिन उन्हें विद्यार्थियों द्वारा विशेष सम्मान दिया जाता है और उनके लिए तमाम तरह के विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

Shikshak diwas samaroh par nibandh – निबंध 3 (500 शब्द)

पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के उत्सव को काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। शिक्षक और छात्र दोनो के लिए ही यह पर्व काफी खास होता है। हर वर्ष छात्र विभिन्न नये तरीको से इस उत्सव को मनाते हैं और इस दिन को अपने शिक्षको के लिए विशेष बनाने का प्रयास करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके

शिक्षक दिवस रोज के स्कूली दिनो से बिल्कुल अलग होता है। इस दिन शिक्षक छात्रों को पढ़ाते नही बल्कि की इस दिन वह आराम करते है और विद्यालय परिसर में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों का आनंद लेते है।

  • शिक्षको का किरदान निभाना

छात्रों द्वारा शिक्षको का वेश धारण करना शिक्षक दिवस के सबसे अहम भाग में से एक है। ज्यादेतर विद्यालयों में वरिष्ठ कक्षा के छात्र शिक्षको का वेश धारण करते है, इसमें जो बच्चे गणित में अच्छे होते है वह गणित शिक्षक का वेश धारण करते है। जो शिक्षक अंग्रेजी में अच्छे होते है वह अंग्रेजी के शिक्षको का वेष धारण करते है और अपने से नीचली कक्षाओं में जाते है और विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। इसके साथ कक्षा के दौरान वह कई सारी मनोरंजक गतिविधियों में भी भागीदार बनते है। शिक्षकों का किरदार निभाना छात्रों के लिए एक मजेदार अनुभव होता है। इसके साथ ही नीचले दर्जे के छात्रों के लिए यह दिन काफी मनोरंजक होता है, क्योंकि इस दिन उन्हे पढ़ाई नही करनी होती है, कुल मिलाकर देखे तो यह दिन सभी के लिए एक आनंददायी दिन होता है।

  • पसंदीदा शिक्षको की तरह अभिनय करना

ना सिर्फ वरिष्ठ छात्र बल्कि कई विद्यालयों में निचले दर्जे के छात्रों को भी शिक्षकों के जगह पढ़ाने का अवसर मिलता है। उन्हे अपने पसंदीदा शिक्षकों की दो-तीन पंक्तियों को याद करने के लिए कहा जाता है और अपने शिक्षको के सामने वैसा ही बोलने के लिए कहा जाता है। वह छात्र जो बहुत ही अच्छे से यह कार्य पूरा करते है उन्हें विशेष पुरस्कार भी दिया जाता है। इस तरह के कार्य पूरे दिन को और भी मजेदार बना देते हैं।

विद्यालय की दूसरी पाली इस दिन मुख्यतः अन्य कई दूसरी गतिविधियों के लिए आरक्षित रहती है। इस दौरान शिक्षकों को विद्यालय के सभागार में बुलाया जाता है, जहा छात्रों द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते है। जिसमें नृत्य आयोजन, कविता पाठ, नाटक और फैंसी ड्रेस कंपटीशन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दौरान कुछ शिक्षक द्वारा भी इस अवसर पर गायन और नृत्य भी किया जाता है।

इस अवसर पर म्यूजिकल चेयर, डंब चार्ड्स और पासिंग पार्सल जैसे खेल खेले जाते हैं। ज्यादेतर यह खेल शिक्षकों के साथ खेले जाते है और शिक्षको को पूरे उत्साह के साथ यह खेल खेलते हुए देख इस दिन का आनंद और भी बढ़ जाता है। शिक्षको और छात्रों के द्वारा एक साथ खेलने से उनके बीच का यह रिश्ता और भी मजबूत हो जाता हैं।

  • तोहफे/उपहार

विद्यार्थी इस दिन अपने शिक्षकों का सम्मान करने के लिए उन्हें गुलदस्ते और कार्डस भेंट करते हैं। इसके अलावा जब छात्रों द्वारा कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद भाषण भी दिया जाता है। इसके साथ ही शिक्षकों द्वारा भी छात्रों को बेस्ट ड्रेस टीचर, मिस पोलाइट, मिस कूल आदि जैसे उपमाओं से नावाजा जाता है और इसके लिए उन्हे पुरस्कार भी दिया जाता है।

शिक्षक दिवस वह दिन है जब हमें अपने दैनिक स्कूली जीवन से विश्राम मिलता है। छात्रों और शिक्षकों दोनो के लिए ही यह एक मनोरंजक दिन होता है और दोनो साथ मिलकर इस विशेष अवसर का खुब लुफ्त उठाते हैं।

शिक्षक दिवस समारोह पर निबंध – 4 (600 शब्द)

शिक्षकों का अपने छात्रों के जीवन के जीवन में एक खास प्रभाव होता है। एक शिक्षक वह होता है, जो अपने छात्रों के भविष्य को सवारता है और उन्हें एक आत्मविश्वासी इंसान बनाता है, दूसरे शब्दों में कहें तो एक शिक्षक वह होता है जो हर परिस्थिति में छात्रों को प्रेरित करने का कार्य करता है। इसी तरह एक शिक्षक अपने छात्रों में अनुशासन भी पैदा करता है अगर एक शिक्षक गंभीर नही होगा तो उसके छात्र भी वैसे ही लापरवाह बन जायेंगे।

शिक्षकों के छात्रों के पढ़ाने के लिए कुछ गुणों का होना बहुत ही आवश्यक है। उन्हे अपने जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभाना बखुबी आना चाहिए।

शिक्षक के गुण

यहा शिक्षक के कुछ गुणों के विषय में बताया गया है जो उनमें अवश्य होनी चाहिएः

  • आकर्षक व्यक्तित्व

एक शिक्षक के अंदर आकर्षक और मनोहर व्यक्तित्व का होना बहुत ही आवश्यक है। यह पहला और सबसे जरुरी गुण है जो एक शिक्षक के अंदर होना चाहिए। छात्रों के साथ अच्छा संबध बनाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है क्योंकि छात्र मदद के लिए हमेशा किसी सकरात्मक और प्रभावी व्यक्ति की तलाश करते हैं।

एक शिक्षक का अनुशासी होना बहुत आवश्यक है। उसे समय पर विद्यालय आना चाहिए, तथा हर कार्य को समय पर पूरा करना चाहिए। जब एक शिक्षक के अंदर अनुशासन होगा, तो वह अपने छात्रों को भी यह अनुशासन प्रदान कर पायेगा।

  • छात्रों को संभालने का कौशल

यह एक दूसरा सबसे जरुरी गुण है, जो एक शिक्षक के भीतर होना चाहिए। एक शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि छात्रों को कैसा संभाला जाता है। उसका कठोर होने के साथ ही शांत होना भी आवश्यक है। इसके साथ ही एक शिक्षक का धैर्यवान होना भी जरुरी है, जिससे वह अपने छात्रों की बाते सुन सके और इस तरीके से यह गुण बहुत ही आवश्यक है।

  • अपने विषय पर अच्छी पकड़

यह भी शिक्षकों के आवश्यक गुणों में से एक है कि उसे अपने विषय की पूरी जानकरी हो। एक शिक्षक का उसके विषय पर अच्छी पकड़ का होना बहुत आवश्यक है, ताकि वह तुरंत अपने छात्रों के सवालो का जवाब दे सके।

  • अच्छा शिक्षण कौशल

एक शिक्षक के पास सिर्फ अपने विषय का ज्ञान ही नही होना चाहिए बल्कि की उसे यह भी पता होना चाहिए की अपने छात्रों को इसे अच्छे से कैसे समझायें। इसलिए एक शिक्षक के अंदर शिक्षण कौशल का होना बहुत ही आवश्यक है।

  • अच्छा प्रबंधन कौशल

एक शिक्षक के अंदर अच्छे प्रबंधन कौशल का होना भी बहुत आवश्यक है, ताकि वह एक साथ कई कार्यों को सभांल सके।

एक शिक्षक की भूमिका और जिम्मेदारियां

  • बच्चों को शिक्षा प्रदान करना

एक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने छात्रों को काफी सावधानी से पढाये ताकि वह एक अच्छे इंसान के रुप में बड़े हो और अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर सके।

  • अनुशासन उत्पन्न करना

एक शिक्षक को आवश्यक रुप से अपने छात्रों में अनुशासन उत्पन्न करना चाहिए। अनुशासन बहुत ही ज्यादे आवश्यक है, जो छात्र इसे सीख जाते हैं वह हमेशा ही अच्छा प्रदर्शन करते हैं। यह एक ऐसा गुण है जिसे शिक्षकों को हर छात्र के भीतर पैदा करना चाहिए।

  • छात्रों की दिलचस्पी और क्षमता को पहचानना

एक शिक्षक को यह बात आवश्यक रुप से समझनी चाहिए की हर बच्चा दूसरे से अलग होता है और एक शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षमता को पहचाने तथा उन्हे उनके उन विषयो और कौशल को निखारने के लिए प्रोत्साहित करे, जिसमें कि वह और भी अच्छा कर सकते हैं।

  • छात्रों को प्रेरित करना

शिक्षकों को छात्रों को एक प्रेरित करने वाले बल के रुप में कार्य करना चाहिए। उन्हें छात्रों को समय-समय पर प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रकार के तरीके अपनाने चाहिए।

  • पूर्ण रुप से भाग लेना

एक शिक्षक को इस बात का ख्याल रखना चाहिए की वह पूरे कक्षा के बच्चों के साथ घुले-मिले। उसे अपने हर छात्र को समान अवसर प्रदान करना चाहिए और सिर्फ कुछ बच्चों को आगे बढ़ाने के जगह, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चे विभिन्न प्रकार के स्कूली गतिविधियों में हिस्सा ले, जिससे की उनका समग्र विकास हो सके।

शिक्षक एक देश के भविष्य निर्माण का कार्य करते हैं। उनका चयन बहुत ही सावधानी से होना चाहिए। विद्यालय चाहे बड़ा हो या छोटा पर सदैव इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि जो उम्मीदवार शिक्षक के पद के लिए चयनित किए जा रहे वह इसके मापदंडो पर खरे उतरते हों। एक शिक्षक को अनुशासित, परिश्रमी और केंद्रित होना चाहिए। अपने विषयों पर उनकी अच्छी पकड़ होनी चाहिए और इसके साथ ही उनके अंदर अच्छा शिक्षण कौशल होना चाहिए। इसके अलावा उनके अंदर आकर्षक व्यक्तित्व का होना आवश्यक है और उन्हे इस बात का पता होना चाहिए की कक्षा के दौरान छात्रों से कैसे घुले-मिले जिससे की एक शिक्षक के रुप में वह अपने दायित्व को अच्छे से निभा सके।

Essay on Teachers Day Celebration

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FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – भारत के दूसरे राष्ट्रपति का नाम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन था।

उत्तर – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति का पद सौंपा गया था।

उत्तर – उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।

उत्तर – सत्य की खोज, भारतीय दर्शन, जीवन का हिंदू दृष्टिकोण आदि उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi

हेलो दोस्तों, आज हमलोग इस लेख में शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers day in Hindi) पड़ेंगे जो कि आपको Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व अन्य competitive examination जैसे कि SSC, UPSC, BPSC जैसे एग्जाम में अत्यंत लाभकारी साबित होंगे। शिक्षक दिवस पर निबंध के अंतर्गत हम शिक्षक से संबंधित पूरी जानकारी को विस्तार से जानेंगे इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Short Essay on Teachers Day in Hindi

शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) का अर्थ है- शिक्षकों का दिन, यही वह दिन है। जिस दिन प्रति विद्यार्थी अपने गुरु के प्रति आदर प्रकट करता है और उन्हें सम्मान देता है, जिसके वह वास्तव में हकदार हैं। वैसे देखा जाए तो शिक्षक आदर पाने के लिए किसी खास दिन का मोहताज नहीं होता है परंतु एक विशेष दिन होने के कारण उसे विशेष सम्मान दिया जाता है।

शिक्षक दिवस निबंध की रूपरेखा (Teachers day Essay in Hindi)

नाम शिक्षक दिवस 
तिथि 5 सितंबर
प्रमुख व्यक्ति डॉक्टर सरपल्ली राधाकृष्णन
पहली बार कब मनाया गया 1962 में
प्रकार राष्ट्रीय पर्व के रूप में

क्या है शिक्षक दिवस

जैसे की हम सभी जानते हैं कि किसी मजबूत चीज पर ही किसी चीज की नींव रखी जा सकती है ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी वह व्यक्ति होता है जो विद्यार्थी को सुदृढ़ करके उस पर भविष्य में सफलता प्राप्त करने के लिए उन्हें सफल बनाने के लिए उनकी सहायता करता है और उन्हें एक सफल व्यक्ति बनाता है। अतः प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक शिक्षक का होना बहुत ही आवश्यक है। इसलिए हमें हमेशा शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि विद्यार्थी अपने जीवन में अगर सफल हो सकता है तो सिर्फ अपने शिक्षक के मदद से परंतु वह विद्यार्थी इस बात से अनजान होता है।

शिक्षक का अर्थ (Meaning of Teacher)



शिखर तक ले कर जाने वाला 
क्षमा की भावना रखने वाला 
कमजोरी को दूर करने वाला

अर्थात जो की गलतियों को करने की रखता हो और उसके हर को दूर करके उसे तक पहुंचाता है। वही सच्चा होता है।

शिक्षक का पर्यायवाची शब्द “अध्यापक” होता है और अध्यापक को हमलोग “गुरु” भी कहते हैं। द्वयोपनिषद् के अनुसार ‘गु’ का अर्थ अंधकार होता है और ‘रू’ का अर्थ निरोधक होता है। जिसका अर्थ है “अंधकार का निरोध” अर्थात “अंधकार को दूर करने वाली दवा” जिसे गुरु कहा जाता है। स्कंदपुराण के अनुसार “रू” का अर्थ है “तेज”। अज्ञान का नाश करने वाला तेज जो ब्रह्म गुरु ही होता है। इसमें कोई शंका नहीं है।

तैत्रीयोपनिषद में तो आचार्य को “देव” माना जाता है अर्थात भगवान इसलिए कहा जाता है “आचार्य देवो भव:”। कबीर ने तो गुरु को परमेश्वर से भी बड़ा माना है। इसलिए कबीर ने लिखा है-

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।

बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दिओ मिलाय॥

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शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में गुरु शिष्य के आदर की परंपरा बहुत प्राचीन समय से चली आ रही है। प्राचीन समय से ही ऐसा माना जाता है कि एक छात्र के जीवन में शिक्षक का महत्व बहुत ही मायने रखता है। हमारे देश में प्राचीन समय में छात्र आश्रम में रहते थे और वहां रहकर वाह शिक्षा ग्रहण करते थे। उन्हें शिक्षा प्राप्ति के लिए कठिन से कठिन परिश्रम करना पड़ता था और बड़े-बड़े राजा महाराजा के संतान भी कठिन परिस्थितियों में आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। वे राजा महाराजा के पुत्र होने के बावजूद वे अपने गुरु की सेवा करते थे और उनसे शिक्षा ग्रहण करते थे। छात्र अपने जीवन का बहुत बड़ा हिस्सा शिक्षा ग्रहण करने में आश्रम में गुरु की सेवा में गुजार देते थे और शिक्षा प्राप्ति के बाद शिष्य अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में मनचाही दीक्षा दे जाते थे। 

हमारे देश में एकलव्य जैसे शिष्य भी हुए हैं जिन्होंने अपने गुरु के आदेश का पालन करने के लिए अपना सर्वस्व निछावर कर दिया था और जन्म जन्मांतर तक के लिए अपना नाम सुनहरे अक्षरों में अमर कर दिया। परंतु वर्तमान समय में शिक्षा प्रणाली और गुरुओं के बीच की स्थिति में काफी परिवर्तन आ चुका है। आज शिक्षकों को उसकी शिक्षा मूल्य विद्यार्थी से पैसे लेने के रूप में जाना जाता है। आज विद्यार्थियों के मन में शिक्षक का सम्मान भी प्राचीन समय की तरह नहीं रह गया है। आज के युग में शिक्षक के महत्व को बनाए रखने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि इस दिन सभी विद्यार्थी तरह-तरह की कार्यक्रम के माध्यम से अपनी गुरु की महिमा को जान सकें और उनका सम्मान दिल से कर सकें।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है

वैसे आपको बता दूं कि शिक्षक कभी भी सम्मान का मोहताज नहीं होता। परंतु कई देशों में शिक्षकों के सम्मान के लिए एक विशेष दिन की घोषणा की गई है। भारत में शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि सर पल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था। इस दिन सभी स्कूल कॉलेजों में यह दिन पूर्ण रूप से शिक्षकों के लिए समर्पित किया जाता है। इस दिन विद्यार्थी अपने शिक्षक के लिए विभिन्न तरीकों से सम्मान व्यक्त करने का प्रयत्न करते हैं।

अलग-अलग देशों में शिक्षक दिवस अलग-अलग तारीख को मनाया जाने का प्रावधान है। जैसे यूएस में 5 मई के पहले सप्ताह के पहले मंगलवार को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वही थाईलैंड में 16 जनवरी को शिक्षक दिवस मनाने का प्रावधान है। ईरान में 2 मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है तो टर्की में 24 नवंबर को या मनाया जाता है। मलेशिया में 16 मई और चाइना में 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं। यूनेस्को में 1994 के बाद शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा है और यह दिन वहां 5 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की गई है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता हैं

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस होता है। डॉक्टर राधाकृष्णन का शिक्षा के प्रति समर्पण था। उनका यह मानना था कि बिना शिक्षा के व्यक्ति अपनी मंजिल तक कभी नहीं पहुंच सकता। वह कहते थे व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का बहुत ही बड़ा योगदान है एक अच्छा शिक्षक, विद्यार्थी के मस्तिष्क में तथ्यों को डालने के बजाय वह उसे भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करें। यह आवश्यक है, डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष शिक्षा के क्षेत्र में गुजार दिए और कई विद्यार्थियों को भविष्य में ऊंचे स्थान पर पहुंचाया बाद में वे आजाद भारत के उपराष्ट्रपति और फिर राष्ट्रपति चुने गए। इनकी शिक्षा के प्रति रुझान देखते हुए उनके जन्मदिन के अवसर पर ही भारत में शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की गई। यह उनके और उनके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में दिए गए योगदान को देशवासियों का बहुत बड़ा सम्मान है।

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शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं

इन दिनों स्कूल तथा कॉलेजों में शिक्षक के सम्मान में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इन दिनों शिक्षण संस्थानों की छुट्टियां होती है और विद्यालय में विद्यार्थियों के द्वारा शिक्षकों के सम्मान में विभिन्न प्रकार के नाच गाने और भाषण का आयोजन किया जाता है। जिनके द्वारा वह अपने शिक्षक का योगदान अपने जीवन में प्रस्तुत करते हैं। इस दिन विद्यार्थी खुश होकर अपने शिक्षकों को विभिन्न प्रकार के उपहार भी प्रदान करते हैं। वैसे तो गुरु शिष्य का रिश्ता अनुशासन और सम्मान साझा करने का होता है परंतु इस दिन वे अपने बीच के अंतर को दूर कर जिससे अपने मन के प्रत्येक इच्छा को अपने शिक्षक के सामने प्रकट करता है। अपने शिक्षक को सबसे खास होने का दर्जा देकर उनका सर गर्व से ऊंचा कर देता है।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। साल 1966 में इस दिन एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजन किया गया था। इस सम्मेलन में टीचिंग इन फ्रीडम संधि पर हस्ताक्षर किया गया। जिसके अंतर्गत शिक्षकों के अधिकार उनकी जिम्मेदारी उनके सीखने-सिखाने के नियम एवं उनके विचारों को दिया गया। 1977 में पुनः सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें उच्च शिक्षा से जुड़े शिक्षकों की स्थिति पर यूनेस्को ने विचार व्यक्त किया। जिसमें शिक्षक को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल यूनेस्को के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

कौन है डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में शिक्षक के रूप में प्रवेश करने के दौरान दर्शनशास्त्र शिक्षक के रूप में अपने कैरियर की शुरुआत की थी।

इन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेश में लंदन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दर्शनशास्त्र पढ़ाया। शिक्षा के क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए, उन्हें 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इसी वर्ष से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत की गई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के पश्चात 17 अप्रैल 1975 को इनका निधन हो गया।

विभिन्न देशों में शिक्षक दिवस मनाने की तिथि

देश का नाम तारीख
बांग्लादेश 5 अक्टूबर
आस्ट्रेलिया अक्टूबर के आखिरी शुक्रवार
चाइना 10 सितंबर
जर्मनी 5 अक्टूबर
ग्रीस 30 जनवरी
मलेशिया 16 मई
पाकिस्तान 5 अक्टूबर
श्रीलंका 6 अक्टूबर
यूके 5 अक्टूबर
यूएसए मई के पहले सप्ताह में नेशनल टीचर्स सप्ताह मनाया जाता है 
ईरान 2 मई

शिक्षक दिवस पर दो शब्द

भारत में शिक्षक दिवस शिक्षकों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है क्योंकि वह पूरे वर्ष अपने शिष्यों के प्रति मेहनत करते हैं और वह चाहते हैं कि उनके छात्र विद्यालय, विश्वविद्यालय और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करें। जिससे उनका नाम रोशन हो इस दिन पूरे देश में विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया जाता है। इस प्रकार के कार्यक्रमों में छात्र और शिक्षकों के रिश्ते को मजबूत बनाने के बारे में बात की जाती है। अगर एक शब्दों में कहा जाए तो, हम कह सकते हैं कि यह दिन छात्रों और शिक्षकों दोनों के लिए विशेष दिन होते हैं।

Frequently Asked Questions

उत्तर: विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

उत्तर: 11 देशों में शिक्षक दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है।

उत्तर: 1962 में।

उत्तर: कांग्रेस पार्टी

उत्तर: शिक्षक दिवस पर मेघावी शिक्षकों को नेशनल टीचर से सम्मानित किया जाता है जो कि एक राष्ट्रीय पुरस्कार है।

उत्तर: भारत के राष्ट्रपति प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करते हैं।

उपसंहार 

दोस्तों मुझे आशा है कि आपको हमारा लेख शिक्षक दिवस पर निबंध पढ़ कर अच्छा लगा होगा और आपके सभी प्रश्नों के उत्तर मिल गए होगें।

यदि आपको यह लेख अच्छा लगा हो इससे आपको कुछ सीखने को मिला हो तो आप अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook , Google+, Twitter इत्यादि पर Share कीजिए।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) : शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्दों में

हम सब के जीवन में शिक्षक का कितना महत्व है आप हम इसे तौल नहीं सकते है। दोस्तों शिक्षक दिवस हम सबने अपने स्कूल, कॉलेज जीवन में खूब सेलिब्रेट किया है। हमारे समाज में ऐसा कहा जाता है की माता-पिता हमारे पहले Teacher होते है। ये कही न कही सही भी है पर Teacher के बिना किसी व्यक्ति का जीवन अधूरा सा होता है।

शिक्षक के द्वारा सिखाये गए संस्कार, जीवन जीने का तरीका और भी कई अच्छी चीजें हमें जीवन के हर एक मोड़ पर हमें काम आते है। शिक्षक (Teacher) दिवस प्रत्येक साल 5 सितम्बर को, स्वंतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति एवं भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन के जन्मदिवस पर बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। आज के इस लेख  शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) के माध्यम से हम उस महामानव के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे तो आइये जानते है। 

Teachers day essay in hindi

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध 2023 (Essay on Teachers Day in Hindi)

5 सितम्बर को हमारे देश में प्रत्येक वर्ष शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1888 ईस्वी को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन का जन्म तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्नन 13 मई 1952 से 12 मई 1962 तक भारत के उपराष्ट्रपति रहे थे। एवं 13 मई 1962 से 13 मई 1967 तक भारत के दूसरे राष्ट्रपति रहे थे।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन का नाम भारत के जानेमाने विद्वानों में लिया जाता है, ये एक महान विद्वान् शिक्षक थे। शिक्षक के साथ साथ राधाकृष्णनन एक बेहतरीन फिलॉस्फर एवं पॉलिटिशियन थे। अपने पढाई ख़त्म कर सर्वपल्ली राधाकृष्णनन वर्ष 1909 ईस्वी में प्रेसीडेंसी कॉलेज चेन्नई से दर्शनशास्त्र विषय में शिक्षक के रूप में करियर की शुरुआत किये थे। इन्होने अपने जीवन के 40 साल शिक्षक के तौर पर गुजर दिए।

शिक्षक दिवस के दिन छात्र छात्राएं काफी उत्साहित रहते है, अपने शिक्षक को सम्मानित करने के लिए। इस दिन हरे कॉलेज, यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर जैसे शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स अपने शिक्षक को सम्मानित करते है, एवं टीचर्स को गिफ्ट्स के रूप में पेन, किताबें, डायरी, ग्रीटिंग कार्ड्स या कई अन्य प्रकार के गिफ्ट्स अपने शिक्षक को देकर उनसे आशीर्वाद लेते है।

और शिक्षक भी इस दिन अपने स्टूडेंट्स को अपने भाषण के द्वारा है मोटीवेट करते है। और कई अहम् बाते बताते है, जो की जिंदगी के हर एक मोड़ पर काम आता है. सही मायने में कहे तो शिक्षक का एक विद्यार्थी के जीवन में काफी अहम् योगदान रहता है और हम उनके इस महान कार्य के बदले उन्हें कुछ नहीं दे सकते।

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शिक्षक दिवस की शुरआत होती है इनके राष्ट्रपति बनने से, वर्ष 1962 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के राष्ट्रपति बने थे, तो इनके कुछ विधार्थियों ने इनके जन्मदिन मनाने की जिद करने लगे, तो इन्होंने कहाँ की सच में आपलोग अगर मेरे लिए कुछ करना चाहते है मेरे द्वारा किये गए शिक्षण कार्य को सम्मानित करना चाहते है तो मेरे जन्मदिवस के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय, इससे मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी और उसी दिन से प्रत्येक साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? (Importance of Teachers Day)

भारत में प्राचीन समय से ही गुरु शिष्य की परम्परा रही है आपने रामायण में देखि ही होगी, की कैसे उस समय गुरुकुल चला करते थे। जिसमे शिष्य को गुरु के द्वारा अनेको प्रकार के विद्या सिखाई जाती थी तो आप समझ सकते है की भारत शिक्षक दिवस का कितना महत्व है।

और आज गुरुकुल के जगह स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी खुल गए है. जहाँ पर विधार्थियों को विभिन्न विषयों को पढ़ाया जाता ही है साथ में छात्रों को जीवन के हर एक मोड़ पर काम आने वाली ज्ञान, संस्कार भी सिखाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस (shikshak divas) का महत्व बहुत ही ज्यादा है। इस दिन सभी विधार्थियों अपने अपने स्कूल, कॉलेज , यूनिवर्सिटी, कोचिंग सेंटर में जाकर सबसे पहले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के फोटो पर माल्यार्पण कर इनके जीवन से प्रेरणा लेते है। इसके बाद सभी विधार्थी शिक्षक को गिफ्ट के रूप में ग्रीटिंग कार्ड, डायरी, पेन, किताबे, फूल इत्यादी दे कर अपने शिक्षक को सम्मानित कर बधाई देते है।

और चुकीं अब जमाना सोशल मीडिया का आ गया है। तो लोग अब अपने शिक्षक को विभिन्न सोशल मीडिया के जरिये जैसे की Facebook , ईमेल, ट्विटर, इंस्टाग्राम इत्यादि के द्वारा भी अपने शिक्षक को बधाई देते है।

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5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

चुकीं शिक्षक दिवस डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। और इनका जन्म 5 सितम्बर 1888 ईस्वी को तमिलनाडु के तिरुतनी गांव में हुआ था। ये एक महान विद्वान शिक्षक, फिलॉस्फर, पॉलिटिशियन तो थे ही, साथ में देश निर्माण के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे।

इनका भारत में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है। इन्होने अपने जीवन के कुल 40 साल शिक्षण कार्यों में गुजर दिए है। शिक्षा के क्षेत्र में इनके द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्य के लिए साल 1954 में इन्हे भारत के सबसे बड़ा नागरिक अवार्ड भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया।

शिक्षक दिवस भारत में नहीं बल्कि विश्व के कई देशों जैसे की ब्रिटेन, अमेरिका, चीन ,  पाकिस्तान, बांग्लादेश, क़तर, रूस, थाईलैंड, लगभग 20 से भी ज्यादा देशो में अलग अलग तारीख को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

हालाकिं यूनेस्को के द्वारा साल 1994 में 5 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा की गयी ।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (10 Lines on Teachers Day)

  • भारत में शिक्षक दिवस प्रत्येक साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है।
  • भारत के पूर्व राष्ट्रपति के जन्म दिवस के दिन शिक्षक दिवस मनाते है।
  • डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे।
  • वर्ष 1962 से भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता hai
  • इस दिन सभी अपने अपने शिक्षक उपहार देते है।
  • शिक्षक दिवस के दिन टीचर्स भी अपने स्टूडेंट्स को भाषण देकर मोटीवेट करते है।
  • शिक्षक हमेशा अपने विधार्थियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते है।
  • बहुत से सांस्कृतिक कार्यक्रम शिक्षक दिवस के दिन होते है।
  • हमें अपने शिक्षकों के आज्ञा का पालन करना चाहिए और उनके द्वारा दिए सलाह को हमेशा माननी चाहिए।
  • 5 अक्टूबर को अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के आलावा कुल 21 देशो में भी मनाया जाता है।
“शिक्षा से बड़ा कोई वरदान नहीं है । गुरु का आशीर्वाद मिले इससे बड़ा कोई सम्मान नहीं है ” 

शिक्षक दिवस से संबंधित प्रश्न-

Q. शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है।.

Ans- 5 सितम्बर को

Q. भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरूआत कब से हुई ?

Ans-  वर्ष 1962 से

Q. 5 सितंबर को कौन सा दिन आता है.

Ans- शिक्षक दिवस

Q. भारत के पहले शिक्षक कौन थे?

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन

Q. शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

Ans- वर्ष 1962 में जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णनन भारत के राष्ट्रपति बने थे, तो इनके कुछ विधार्थियों ने इनके जन्मदिन मनाने की जिद करने लगे, तो इन्होंने कहाँ की सच में आपलोग अगर मेरे लिए कुछ करना चाहते है मेरे द्वारा किये गए शिक्षण कार्य को सम्मानित करना चाहते है तो मेरे जन्मदिवस के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाय, इससे मुझे ज्यादा ख़ुशी होगी और उसी दिन से प्रत्येक साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा।

Q. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत रत्न कब मिला?

Ans- वर्ष 1954 में

Q. विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है।

Ans- 5 अक्टूबर को

Q. यूनेस्को के द्वारा अंतराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा कब की गयी।

Ans- साल 1994 में

Q. पहली महिला शिक्षक कौन थी?

Ans- सावित्री वाई फुले, पहली महिला शिक्षक थी एवं एक महान समाज सुधारिका थी।

आज आपने क्या सीखा –

आशा करता हूँ ये आर्टिकल शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) आपको पसंद आयी होगी, और शिक्षक दिवस के बारे में कुछ न कुछ जरूर जाने होंगे, इस आप अपने दोस्तों, के साथ भी जरूर शेयर करे, किसी भी प्रकार का सवाल आप कमेंट के माधयम से पूछ सकते है, धन्यवाद!

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नमस्कार दोस्तों, मैं Rahul Niti एक Professional Blogger हूँ और इस ब्लॉग का Founder, Author हूँ. इस ब्लॉग पर मैं बहुत से विषयों पर लिखता हूँ और अपने पाठकों के लिए नियमित रूप से उपयोगी और नईं-नईं जानकारी शेयर करता रहता हूँ।

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay On Teachers Day in Hindi | PDF Download, 10 Lines

  • Festival 2024

Essay on Teachers Day in Hindi

Essay on Teachers Day in Hindi:- भारत में हर साल शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार 5 सितंबर को मनाया जाता है। विश्व के 100 से ज्यादा देशों में शिक्षक को सम्मान देने के लिए एक दिन समर्पित किया जाता है। भारतवर्ष में यह महत्वपूर्ण दिवस हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर आता है। इस साल 5 सितंबर 2023 को अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग प्रकार के समारोह का आयोजन किया जा रहा है। उनमें से कुछ सम्मान समारोह में शिक्षक दिवस पर निबंध, कविता और अन्य प्रस्तुति पेश करने का सौभाग्य दिया जाता है। अगर आप ऐसी ही किसी प्रस्तुति के लिए Teachers Day Eassy in Hindi ढूंढ रहे है तो आप बिल्कुल सही जगह पर है इस लेख में हम आपको कुछ बेहतरीन निबंध की सूची पेश करने जा रहे हैं।

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन होता है जो पूरी तरह से शिक्षकों को समर्पित किया जाता है। शिक्षक दिवस पर लोग अपने शिक्षकों को सम्मान देते है। शिक्षकों को बड़े ही आदर सत्कार के साथ समाज में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया जाता है। Shikshak Divas Par Nibandh लिखकर शिक्षक दिवस के वर्तमान और इतिहास के बीच एक पुल का निर्माण करते है जो सभी लोगों को इसके महत्व के बारे में बता सके। इस वजह से आज के लिए एक में बेहतरीन शिक्षक दिवस की जानकारी दी गई है।

Teachers day wishes

Essay on Teachers Day in Hindi 2023

3
कब मनाया जाएगा5 सितंबर 2023 
क्यों मनाया जायेगा देश के सभी शिक्षकों का विशेष रूप से सम्मान करने के लिए
किसके लिए मनाया जाएगा डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर देश के सभी शिक्षकों के लिए
3
डॉ. राधाकृष्णन सर्वपल्ली का जीवन परिचय
 शिक्षक दिवस पर शायरी हिंदी में
शिक्षक दिवस पर कविता हिंदी में
शिक्षक दिवस पर भाषण हिंदी में
शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में
टीचर्स डे स्टेट्स 
 शिक्षक दिवस कोट्स हिंदी
टीचर्स डे कब, क्यों, कैसे मनाया जाता हैं

शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में | Teacher Day 2023 in Hindi

Teacher Day 2023:- शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर इस दिन को भारत के सभी शिक्षकों को समर्पित किया जाता है। इस दिन हम देश के सभी शिक्षकों का सम्मान करते है। जैसा कि हम सब जानते हैं शिक्षक किसी भी समाज के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें जीवन में सही राह दिखाता है और हमें कुछ सिखाता है। 1962 में जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस मनाया जा रहा था तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को भारत के सभी शिक्षकों के लिए समर्पित कर दिया था।

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टीचर्स-डे (Teacher Day) पर निबंध कैसे लिखे हिंदी में

Teacher Day: डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्माणी गांव में हुआ था। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का परिवार बहुत ही गरीब था उनके पिता एक गांव के पंडित थे वह बहुत ही ज्ञानीपंडित माने जाते थे। बचपन से ही धर्म ग्रंथ और अलग-अलग तरह की किताबों को पढ़ने के कारण राधाकृष्णन जी का उत्साह किताब पढ़ने में बढ़ने लगा। यही कारण था कि अलग-अलग भाषा में सर्वपल्ली राधाकृष्णन किताबों को पढ़ने लगे थे। उन्होंने छात्रवृत्ति पाकर वह दर्शनशास्त्र में स्नातक और पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। इसके बाद दर्शनशास्त्र के अध्यापक बने उनके बढ़ाने के तरीके इतने बेहतरीन थे कि हर छात्र छात्रा खुद को उनके पढ़ाने के तरीके से जोड़ पाता था और अधिक सीख पाता था।

Teachers Day Nibandh in Hindi | टीचर्स-डे पर निबंध

एक बेहतरीन शिक्षक के रूप में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के लिए बुलाया गया। मगर कुछ साल विलायत में रहने के बाद उन्हें भारत की याद बहुत आने लगी और इस वजह से वह वापस लौट आए वापस आने के बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के पद पर नियुक्त किए गए और इसके बाद धीरे-धीरे उनकी प्रचलिता तेजी से बढ़ने लगी। जवाहरलाल नेहरू के निवेदन पर उन्होंने राजनीति में अपना कदम रखा और पहला काम राजदूत के तौर पर किया। उसके बाद भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी कार्यरत रहे। हर कोई डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित रहता था और शिक्षा को लेकर उनके जुड़ाव और उनके विचार के बारे में जानने का प्रयास करते थे। 1962 में जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस 5 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने की तैयारी चल रही थी तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को देश के सभी शिक्षकों को समर्पित करने का ऐलान किया।

5 सितंबर 1962 से लेकर आज तक हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर भारत के सभी शिक्षकों को सम्मान देते हुए शिक्षक दिवस मनाते आ रहे है। इस दिन भारत के सभी स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अलग-अलग प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है। किसी स्थान पर शिक्षक को सम्मान देने के लिए नाटक प्रस्तुत किया जाता है तो किसी स्थान पर भाषण प्रस्तुत किया जाता है। शिक्षक समाज की नीव होती है इस वजह से विश्व में सबसे अधिक देशों में शिक्षक दिवस के नाम पर एक दिन जरूर रखा जाता है।

Shikshak Diwas Par Nibandh | Essay For Teacher Day

इसी तरह आने वाले समय में भी हम शिक्षक दिवस को बेहतरीन तरीके से मनाते रहेंगे और इसके महत्व के बारे में लोगों को बताएंगे। देश के सभी बच्चों को शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में मालूम होना चाहिए कि इस दिन किस प्रकार एक शिक्षक के बिना किसी भी व्यक्ति का जीवन अधूरा होता है और कैसे एक शिक्षक समाज को गढ़ने का काम करता है। किसी भी व्यक्ति के सफल जीवन में हम उसके शिक्षक का हाथ देख सकते हैं और इस वजह से हर व्यक्ति को शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अपने सभी शिक्षक गणों के लिए सम्मान प्रकट करना चाहिए।

Hindi Essay on Teachers Day

शिक्षक किसी भी समाज का आर्किटेक्चर होता है। शिक्षक यह तय करता है कि समाज आने वाले समय में कैसा बनेगा। शिक्षक अपने छात्रों को सही गलत और जीवन में सही रास्ते का चयन करने का सुझाव देता है। अगर हम भारत में सबसे महान शिक्षक व्यक्तित्व की बात करें तो डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का ख्याल हमारे मन में आता है। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक बहुत ही बेहतरीन शिक्षक थे जिन्होंने ना केवल अपने छात्र छात्राओं का बल्कि उस जमाने के शिक्षकों का भी सही मार्गदर्शन किया था। शिक्षा को लेकर उनके विचार और उनके पढ़ाने के तरीके ने देश में हर किसी का दिल मोह लिया था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने दर्शनशास्त्र को पढ़ाने के तरीके में विवेकानंद को आदर्श मानते थे। यही कारण था कि काफी कम समय में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन विश्वभर में प्रचलित हो गए थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाने का बुलावा आया था उन्होंने कुछ सालों तक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाया भी मगर भारत होने बहुत याद आता था इस वजह से वह भारत वापस लौट आए। Oxford से वापस आने के बाद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के रूप में काम करने लगे।

My best Teacher

Teachers Day Hindi Essay 2023

उसी दौरान डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राजनीति में आना पड़ा। जवाहरलाल नेहरू के दबाव में सर्वपल्ली राधाकृष्णन को राजनीति में आना पड़ा और उन्होंने अपने दर्शनशास्त्र के विचार से राजनीति को भी एक नई राह दिखाई। हर कोई महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित था। 5 सितंबर 1962 में जब डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस मनाया जा रहा था तब उन्होंने अपने जन्मदिवस को हमेशा के लिए देश के सभी शिक्षकों को समर्पित कर दिया। उस समय से लेकर आज तक हम अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के रूप में 5 सितंबर को समारोह का आयोजन करते है। शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में अलग-अलग तरह की प्रस्तुति और सम्मान समारोह का आयोजन किया जाता है। यह बच्चे और शिक्षक दोनों के लिए काफी उत्साह से भरा हुआ त्यौहार होता है।

5 सितंबर 1962 से लेकर आज तक शिक्षक दिवस के नाम पर हर साल एक पावन त्यौहार का आयोजन किया जाता है। इस दिन देश के सभी शिक्षकों को विशेष सम्मान दिया जाता है। अलग-अलग तरह के समारोह और आयोजन गठित किए जाते है। आने वाले समय में भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ इस त्यौहार का आयोजन किया जाएगा। किसी के साथ शिक्षक दिवस का यह पावन त्यौहार देश के सभी शिक्षकों को विशेष महत्व प्रदान करने के लिए आयोजित किया जाता है।

शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi

देश के सभी शिक्षकों का विशेष सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पावन दिन है। कई सालों से भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शिक्षक किसी भी समाज का एक वक्त होता है। इंसान की नहीं धरती पर जब भगवान ने भी अवतार लिया तो उन्होंने भी शिक्षा को महत्व दिया है। भारतीय संस्कृति में दर्शाया गया है की अर्जुन के लिए गुरु द्रोण, कृष्ण के लिए संदीपनी और भगवान राम के लिए वशिष्ठ बहुत ही आवश्यक है उन्होंने भगवान को धरती पर शिक्षा दी है। इसी तरह हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का महत्व होता है और उच्च शिक्षा को प्रदान करने वाला शिक्षक का स्थान में भगवान से भी ऊपर माना गया है।

भारत के महान राजनीतिज्ञ डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति से पहले एक महान शिक्षक के रूप में देखा जाता था। उन्होंने दर्शनशास्त्र को एक अलग तरीके से बच्चों को समझाया था जिस वजह से केवल भारत ही नहीं भर में उनके पढ़ाने के तरीके के चर्चे हो रहे थे। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के व्यक्तित्व और शिक्षा के स्वच्छ शहर को ही बहुत प्रभावित था। यही कारण था कि 5 सितंबर 1962 को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर अपना जन्मदिवस देश के सभी शिक्षकों को समर्पित किया था।

तब से लेकर आज तक हम भारत में 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस का त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते आ रहे है। भारत में शिक्षक दिवस के दिन अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है और इस समारोह में शिक्षक का विशेष सम्मान किया जाता है। अगर आप शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर अपने शिक्षकों का विशेष सम्मान में करते है। कई सालों से आज तक शिक्षक दिवस को बेहतरीन तरीके से मनाया जा रहा है और हर कोई आने वाले समय में इस त्यौहार को और ज्यादा विशेष तरीके से मनाने का प्रयास कर रहा है।

आज जमाना इंटरनेट का आ चुका है लोग मोबाइल से शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं एक दूसरे तक पहुंचा रहे हैं और अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाने के विचार को इंटरनेट से प्राप्त कर पा रहे हैं और शिक्षक दिवस के दिन अपने शिक्षक का विशेष सम्मान करने के तरीके को ढूंढ पा रहे है। उम्मीद करते हैं इसी तरीके से आने वाले समय में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भारत में मनता रहेगा। 

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस का त्यौहार भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस पर मनाया जाता है।
  • शिक्षक किसी भी समाज की नींव होती है जो अपने छात्रों को जीवन में सही गलत के फैसले को समझाता है इस वजह से उन्हें सम्मान देने के लिए साल का एक विशेष दिन चुना जाता है जिसे शिक्षक दिवस कहते है।
  • शिक्षक दिवस का त्यौहार भारत में 5 सितंबर 1962 से मनाया जा रहा है।
  • शिक्षक दिवस के दिन भारत के सभी शिक्षकों को सम्मान में देने के लिए अलग-अलग स्कूल कॉलेज और विश्वविद्यालय में विभिन्न प्रकार के समारोह का आयोजन किया जाता है।
  • हमारे प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तुर्माणी गांव में हुआ था।
  • डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान राजनेता के बनने से पहले एक महान शिक्षक थे जिन्होंने अपने दर्शनशास्त्र पढ़ाने के तरीके से न केवल भारत बल्कि विश्वभर के छात्रों का दिल मोह लिया था।
  • डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान दर्शनशास्त्र थे जिन्होंने अपने जन्मदिवस को भारत के सभी शिक्षकों को समर्पित कर दिया था और ना के छात्र बल्कि शिक्षकों को भी उचित मार्गदर्शन प्रदान किया था।
  •  शिक्षक दिवस का यह पावन त्यौहार 100 से अधिक देशों में अलग-अलग तारीख को मनाया जाता है।
  • भारत में शिक्षक दिवस 1962 से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है आने वाले समय में शिक्षक दिवस के दिन इसी तरह शिक्षकों का विशेष सम्मान किया जाएगा और शिक्षक दिवस के समारोह को और भी बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा। 

शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखें? Teacher Day Par Nibandh Kaise Likhen

अगर ऊपर बताई गई जानकारियों को पढ़ने के बाद भी आप शिक्षक दिवस पर एक विशेष निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए नीचे दिए गए निर्देशों का आदेश अनुसार पालन करें – 

  • शिक्षक दिवस के निबंध में सबसे पहले शिक्षक दिवस के बारे में जानकारी दीजिए।
  • इसके बाद शिक्षक दिवस शिक्षकों को किस प्रकार समर्पित किया गया और शिक्षक समाज में कितनी अहमियत रखता है इस बात को सरल शब्दों में समझाइए।
  • उसके बाद शिक्षक दिवस के इतिहास के बारे में बताइए जिसमें डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के इतिहास का भी वर्णन करें।
  • इसके बाद वर्तमान समय में शिक्षक दिवस का त्यौहार किस प्रकार मनाया जाता है और इस त्यौहार को क्यों इतना महत्व दिया जाता है इन सभी बातों को अपने शब्दों में लिखें।
  • अंत में अपने निबंध को खत्म करते हुए शिक्षक दिवस का त्यौहार आने वाले समय में कैसे मनाया जाएगा और आप शिक्षक दिवस के भविष्य को किस प्रकार देखते हैं इसे समझाने का प्रयास करें। 

FAQ’s: Essay on Teachers Day in Hindi

Q. शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार कब मनाया जाता है.

शिक्षक दिवस का त्यौहार हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है।

Q. शिक्षक दिवस का त्यौहार कब शुरू किया गया था?

शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार 5 सितंबर 1962 को शुरू किया गया था।

Q. शिक्षक दिवस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?

शिक्षक दिवस का पावन त्यौहार देश के सभी शिक्षकों का विशेष रूप से सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।

आज इस लेख में हमने आपके समक्ष Essay on Teachers Day in Hindi प्रस्तुत किया है। हमने आप को शिक्षक दिवस के इतिहास वर्तमान स्थिति और आने वाले समय में शिक्षक दिवस के महत्व को भी समझाने का प्रयास किया है। अलग-अलग समारोह में शिक्षक दिवस के पावन अवसर पर निबंध और अलग-अलग प्रस्तुति प्रस्तुत की जाती है अगर आप शिक्षक दिवस के निबंध की जानकारी इस लेख से इकट्ठा कर रहे हैं और आपको इससे लाभ महसूस होता है तो इसे अपने मित्रों के साथ साझा करें साथियों अपने सुझाव विचार या किसी भी प्रकार के प्रश्न को कमेंट में पूछना ना भूले।

इस ब्लॉग पोस्ट पर आपका कीमती समय देने के लिए धन्यवाद। इसी प्रकार के बेहतरीन सूचनाप्रद एवं ज्ञानवर्धक लेख easyhindi.in पर पढ़ते रहने के लिए इस वेबसाइट को बुकमार्क कर सकते हैं

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers’ Day in Hindi

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शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay on Teachers’ Day in Hindi!

शिक्षक, नेता, विचारक, दार्शनिक के रूप में सफलता प्राप्त करने वाले भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे । राधाकृष्णन ने अपने जीवन के 40 वर्ष एक शिक्षक के रूप में व्यतीत किए थे ।

उनके शिक्षा प्रेम और विद्वता के कारण भारत वर्ष में उनका जन्म दिवस 5 सितम्बर ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है । प्राचीन काल में यह मान्यता थी कि बिना गुरू के ज्ञान नहीं होता और हो भी जाए तो वह फल नहीं देता । यह मान्यता कुछ हद तक सही भी थी, क्योंकि व्यक्ति जो कुछ पढ़ता है उससे उसे मात्र शब्द ज्ञान प्राप्त होता है उर्थ ज्ञान नहीं ।

अर्थ ज्ञान के लिए ही व्यक्ति को शिक्षक की आवश्यकता होती है । अर्थ ज्ञान के अभाव में वह उस गधे की तरह होता है, जो अपने पीठ पर लदे चन्दन की लकड़ी के भार को जानता हें, लेकिन चन्दन को नहीं जानता । भारत-शिक्षा के लिए प्राचीन काल से ही विश्व प्रसिद्ध रहा है ।

ADVERTISEMENTS:

पहले शिक्षा गुरुकुलों में दी जाती थी । छात्र आश्रमों में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे । वे शिक्षा की पूर्ण समाप्ति पर ही अपने घरों में वापिस लौटते थे । वेद, वेदांत, उपनिषद्, शस्त्र-अस्त्र की शिक्षा के अतिरिक्त उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक शिक्षा भी दी जाती थी । शिष्य की समस्याओं और शंकाओं का निवारण उस का शिक्षक सदैव करता था । शिक्षक का स्थान बहुत ऊँचा था । राजा भी शासन कार्यों में उसकी सलाह लेते थे ।

संसार परिवर्तनशील है । मान्यताएं बदलती हैं और ध्वस्त होती हैं । लेकिन शिक्षा की आवश्यकता व्यक्ति को जीवन भर पड़ती है । जिस प्रकार माली पौधे की कांट-छांट करके उसे सुन्दर बनाता है, उसी प्रकार शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों के दुर्गुणों को दूर कर उनमें सद्‌गुणों का विकास कर उन्हें उच्च पद पर बैठाता है । जैसे कि चाणक्य ने अपने शिष्य चन्द्रगुप्त को सम्राट बनाया था । इसलिए गुरू ब्रह्म, विष्णु और महेश के समान पूज्यनीय है ।

देश को महान् नेता, वैज्ञानिक, दार्शनिक, डॉक्टर इंजीनियर देने वाले शिक्षक की उपेक्षा कदाचित् उचित नहीं । 5 सितम्बर को राष्ट्रपति कुछ शिक्षकों को पुरस्कार देते हैं । यह पुरस्कार राज्य स्तर पर भी शिक्षकों को मिलता है । राजनैतिक कृपापात्र ही इस पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में आ पाते हैं । कुशल और योग्य शिक्षक अपने जीवन में यह पुरस्कार प्राप्त नहीं कर पाते ।

5 सितम्बर को स्कूलों का कार्यभार बच्चों को सौंपा जाता है । कुछ चुने हुए छात्र-छात्राओं को अध्यापक और अध्यापिका बनाया जाता है और वे अध्यापन का कार्य करते हैं । शरारत करने वाले छात्र जिस जिम्मेदारी से कार्य का संचालन करते हैं वह देखते ही बनता है ।

विद्यालय में प्रार्थना समाप्त होने के बाद इन बाल अध्यापकों से परिचय कराया जाता है । इस अवसर पर बाल अध्यापक अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं । कहीं-कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं । अगले दिन प्रिंसिपल बाल अध्यापकों द्वारा सुव्यवस्थित ढंग से चलाए गए अध्यापन कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हैं ।

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Essay On Teachers Day In Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध

Essay On Teachers Day In Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध | Essay On Teachers Day In Hindi

Essay On Teachers Day In Hindi:- शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन को शिक्षकों के समर्पण और कठिनाइयों के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा के लिए आयोजित किया जाता है। इस निबंध में, हम शिक्षक दिवस के महत्व को और शिक्षकों के योगदान को विस्तार से जानेंगे।

समाज के रूप-रंग की शिल्पिकार शिक्षक दिवस का आयोजन शिक्षा के महत्व को साझा करने और शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। शिक्षक समाज के रूप-रंग की शिल्पिकार होते हैं, जो नवाचार के माध्यम से नए दिशाओं की ओर बढ़ाते हैं। वे न केवल पढ़ाते हैं, बल्कि छात्रों को जीवन के अद्वितीय अनुभवों से भरपूर बनाते हैं।

शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल पाठ्यक्रम की शिक्षा देते हैं, बल्कि छात्रों के व्यक्तिगत और सामाजिक विकास में भी मदद करते हैं। शिक्षक छात्रों के जीवन में मार्गदर्शन करते हैं और उन्हें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। वे छात्रों के साथ-साथ उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं।

शिक्षक दिवस एक अवसर है जब हम शिक्षकों के योगदान का समर्थन करते हैं और उन्हें आभारित करते हैं। वे अकेले ही समृद्धि और समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका योगदान समाज के सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वे नये जनरेशन को तैयार करके उन्हें समृद्धि और सफलता की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस पर हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। हमें याद रखना चाहिए कि उनका काम किसी आम नौकरी से भिन्न होता है, और हमें उनके प्रति समर्पित और आभारी रहना चाहिए।

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? | Teachers Day Kab Or Kyu Manaya Jata Hai

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन का चयन भारतीय सरकार ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में किया है, क्योंकि वे न केवल एक प्रमुख शिक्षाविद् थे, बल्कि भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति भी रहे हैं। इस दिन को उनके योगदान को समर्पित करने और शिक्षक समुदाय के महत्व को मान्यता देने के रूप में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का मकसद शिक्षकों के योगदान को प्रमोट करना और उन्हें समर्थन देना है जो छात्रों के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है? | Teachers Day Kiski Yaad Me Manaya Jata Hai

शिक्षक दिवस किसी विशेष व्यक्ति की याद में मनाया जाता है, और वह व्यक्ति है डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan)। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति रहे हैं, और उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था।

शिक्षक दिवस का चयन उनके जन्मदिन के रूप में किया गया है क्योंकि वे न केवल एक महान शिक्षाविद् थे, बल्कि उन्होंने भारतीय समाज के लिए शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया था। उनके विचारधारा और शिक्षा के प्रति उनका समर्पण ने उन्हें एक महान शिक्षक के रूप में प्रसिद्ध किया है। इसलिए, शिक्षक दिवस को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाने का उद्देश्य होता है और इस दिन के माध्यम से शिक्षकों के योगदान को समर्थन और सम्मान देने का होता है।

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शिक्षक दिवस का महत्व क्या है? | Teachers Day Ka Mahatav Kya Hai

शिक्षक दिवस का महत्व विभिन्न प्रमुख कारणों से होता है:

  • शिक्षकों के समर्पण का समर्थन: शिक्षक दिवस के माध्यम से समाज शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को प्रमोट करता है और उनके समर्पण का समर्थन करता है।
  • शिक्षा के महत्व का प्रमोट: इस दिवस के माध्यम से शिक्षा के महत्व को बढ़ावा दिया जाता है और यह याद दिलाता है कि शिक्षा समाज के विकास के लिए कुंजी है।
  • शिक्षक-छात्र संबंध को मजबूती देना: शिक्षक दिवस छात्रों को अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित बनाने का मौका प्रदान करता है और इससे शिक्षक-छात्र संबंधों को मजबूत करता है।
  • शिक्षकों को प्रेरित करना: शिक्षक दिवस शिक्षकों को उनके कार्य में प्रेरित करता है और उन्हें उनके योगदान के महत्व का आभास होता है।
  • शिक्षा के स्तर को उन्नति देना: इस दिन को मनाकर हम शिक्षा के स्तर को उन्नत करने की दिशा में दृढ निश्चय करते हैं और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करने का प्रयास करते हैं।
  • शिक्षकों का सम्मान: शिक्षक दिवस शिक्षकों को समर्थन और सम्मान का प्लेटफार्म प्रदान करता है, जो अकेले ही समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

संक्षेप में, शिक्षक दिवस एक महत्वपूर्ण और सामाजिक उत्सव है जो शिक्षा के महत्व को प्रमोट करता है और शिक्षकों के योगदान का समर्थन करता है। यह एक मौका होता है शिक्षकों के समर्पण को मान्यता और समर्थन देने का, और उनके प्रति आभार और सम्मान व्यक्त करने का।

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स | Teachers Day Par 10 Lines

  • शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है.
  • इस दिन को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है.
  • शिक्षक दिवस शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को प्रमोट करता है.
  • यह दिन शिक्षक-छात्र संबंधों को मजबूत करने का अवसर होता है.
  • शिक्षकों की मेहनत और समर्पण को सम्मानित किया जाता है.
  • छात्र इस दिन अपने पसंदीदा शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.
  • शिक्षक दिवस शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देता है.
  • इस दिन कार्यक्रमों और समारोहों का आयोजन होता है.
  • शिक्षक दिवस के माध्यम से शिक्षकों का सम्मान किया जाता है.
  • यह दिन शिक्षकों के योगदान की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देने का मौका प्रदान करता है.

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टीचर्स डे पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi

Essay on Teachers Day in Hindi

Essay on Teachers Day in Hindi : हर एक व्यक्ति की सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ अवश्य होता है। माता – पिता के बाद हमारी जिंदगी में सबसे अहम योगदान शिक्षक का ही होता है। भारत देश में शिक्षकों को बहुत बड़ा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही हमारी जिंदगी को एक सही राह दिखाता है।

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जब शिक्षकों के योगदान को याद और सम्मानित किया जाता है। यह दिन दुनिया भर में अलग – अलग तारीखों में मनाया जाता है। भारत में यह दिवस 5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। भारत में इस दिन का काफी ज्यादा महत्व है, इसलिए इस दिन को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता हैं।

इस आर्टिकल में, मैं आपको Essay On Teachers Day In Hindi में लिखने का तरीका बताऊंगा। आप निम्नलिखित तरीके से शिक्षक दिवस पर निबंध लिख सकते है।

टीचर्स डे पर निबंध – Essay on Teachers Day in Hindi

शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है, जिस दिन हम अपने शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करते है। यह दिन हर साल भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर यानी 5 सितंबर को मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक कुशल शिक्षक भी थे, जिन्होने शिक्षा के क्षैत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

टीचर्स डे भारत के अलावा अन्य देशों में भी मनाया जाता है, लेकिन अलग – अलग तारिखों को मनाया जाता है। यह दिन शिक्षक और छात्र दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पूरा दिन शिक्षकों को समर्पित होता है। यह दिन हमें अपनी जिंदगी में शिक्षकों के महत्व को समझाता है।

टीचर्स डे कब मनाते है –

भारत देश में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, और इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan ) की जयंती भी मनायी जाती है। यह दिवस भारत के सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता हैं।

भारत देश की तरह अन्य देशों में भी अलग – अलग तारिखों पर टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी जिंदगी में शिक्षक का कितना ज्यादा महत्व है।

पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को एक विश्व शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है। यह दिन यूनेस्को द्वारा 1994 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानना और उन्हे सम्मानित करना है।

टीचर्स डे का उद्देश्य

टीचर्स डे को पूरे भारत में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का उद्देश्य छात्रों को शिक्षकों के महत्व को समझाना है, और साथ ही छात्रों व शिक्षकों के बीच अच्छे सम्बंध बनाना है।

इसके अलावा इस दिन का उद्देश्य डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षाओं को याद करना भी है, जिन्होने शिक्षा के क्षैत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह दिवस हमें अपने टीचर्स की महत्वता को समझाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में शिक्षक दिवस का काफी महत्व है, क्योंकि यह दिन हमें अपने शिक्षकों की महत्वता की याद दिलाता है। इस दिन सभी छात्र अपने गुरुओं, शिक्षकों तथा मार्गदर्शकों को याद करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक केवल ज्ञान का दाता नही होता है, बल्कि हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।

शिक्षक दिवस का एक महत्व यह भी है कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में काफी अहम भूमिका निभाती है। कोई भी समाज बिना शिक्षकों के प्रगति नही कर सकता है। इसलिए हमें अपने शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए।

यह दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच अच्छे संबंध बनाता है ताकि शिक्षक और छात्र एक – दूसरे को अच्छे से समझ पाए। शिक्षक दिवस काफी महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह दिन हमें शिक्षकों के योगदान के बारे में सोचने और उनकी सराहना करने का अवसर देता है।

टीचर्स डे क्यों मनाते है

भारत में, टिचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है। डॉ. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे, जिनका शिक्षा के क्षैत्र में काफी अहम योगदान है। उनका अध्यापन से काफी गहरा प्रेम था। उनमें एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण मौजुद थे।

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका शिक्षा में काफी ज्यादा भरोसा था। उनका मानना था कि मनुष्य के जीवन में शिक्षा का होना बहुत जरूरी है। इसलिए उन्होने ज्यादा से ज्यादा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की।

टीचर्स डे हम इसलिए भी मनाते है क्योंकि यह दिन हमें अपने शिक्षकों की महत्वता को समझाता है। इस दिन हम अपने टिचर्स के योगदान के लिए सराहना करते है और उनको धन्यवाद देते है।

टीचर्स डे कैसे मनाते है

टीचर्स डे का दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए मनाया जाता है क्योंकि वे एक अच्छे दार्शनिक और शिक्षक थे। यह दिन स्कूल – कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। इस दिन अनेक तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे- टिचर्स सम्मारोह, निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, शिक्षण प्रतियोगिता आदि।

इस दिन छात्र विशेष रूप से अपने शिक्षकों का सम्मान करते है और उनका आभार व्यक्त करते है। कुछ लोग इस दिन अपने शिक्षकों को उपहार या कार्ड देते है, तो कुछ लोग केक भी काटते हैं। इसके अलावा आजकल लोग शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग करते है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष में मनाया जाता है।
  • यह दिन स्कूल और कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है।
  • यह दिन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन उन्हे अपने टिचर्स की महत्वता की याद दिलाता है।
  • शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते है और उनका धन्यवाद करते है।
  • कुछ लोग इस दिन केक काटते है और अपने शिक्षकों को उपहार भी देते है।
  • यह दिवस शिक्षकों को समर्पण और उनके योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षक हमें ज्ञान, कौशल और नैतिक मूल्य प्रदान करते हैं।
  • पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक भी मनाया जाता है।

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निष्कर्ष

शिक्षक हमारी जिंदगी के अस्तित्व का आधार है क्योंकि शिक्षक ही हमें सफलता के लिए ज्ञान के साथ – साथ मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। शिक्षक हमारे चरित्र के निर्माण में भी काफी अहम भूमिका निभाता है, और हमें एक अच्छा नागरिक बनाता है, इसलिए टिचर्स का हमें सम्मान करना बहुत जरूरी है।

टीचर्स डे एक काफी महत्वपूर्ण दिन है जो हमें शिक्षकों के योगदान के बारे में सोचने और उनकी सराहना करने का मौका देता है। आइए हम सभी अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनसे भरपूर शिक्षा प्राप्त करें।

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essay on teachers day in hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध

Teachers Day Essay in Hindi

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। राष्ट्र के भविष्य को सवारने में शिक्षको की महत्त्व भूमिका होती है, उनके की सहायता से एक आदर्श नागरिक का जन्म होता है।

5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वहीं आज की युवा पीढी को शिक्षकों के महत्व को समझाने एवं गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की परंपरा को कायम रखने के लिए आजकल स्कूल-कॉलेजों में इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है, या फिर कई बार परीक्षा में इस दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

जीवन में शिक्षक के महत्त्व को समझने के लिए विभिन्न शब्दों एवं आसान और सरल शब्दों में हम यहाँ शिक्षक दिवस पर निबंध –  Teachers Day Essay  उपलब्ध कराने जा रहे है, जो आपके बच्चो और विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओ में उपयोगी साबित हो सकते है।

Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay in Hindi

हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सभी को भूलकर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।

कोई भी उनके बेशकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।

शिक्षको के कार्य को समर्पित करते हुए 5 सितम्बर का दिन पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही शिक्षक के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के साथ ही दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया।

1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविकतः कुम्हार की तरह होते हैं, जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसी वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है।

हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थी इस शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई भी देते हैं।

हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Par Nibandh

Shikshak Par Nibandh

प्रस्तावना-

शिक्षकों के सम्मान में एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को हर साल हमारे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

यह दिवस समाज में न सिर्फ शिक्षकों के महत्व को बताता है, बल्कि शिष्यों के ह्रद्य में अपने शिक्षक के प्रति आदर-भाव की भावना भी प्रकट करता है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य के जीवन से अंधकार मिटाकर उसे ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले जाते हैं, जिससे मनुष्य सफलता हासिल करता है।

गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है और बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन निर्रथक होता है। वहीं गुरुओं की महिमा तो बड़े-बड़े कवियों ने भी अपने श्लोंकों के माध्यम से बताई है और शिक्षकों को इस समाज में भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है।

“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? – When is Teachers Day

हमारे भारत देश में गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते के बारे में तो वेद-पुराणों में भी बताया गया है। वहीं शिक्षकों के सम्मान में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक, राष्ट्र निर्माता होते हैं, अपनी ज्ञान की गंगा से शिष्यों के जीवन में अज्ञानता को दूर करते हैं साथ ही एक  सभ्य समाज एवं शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।

इसलिए यह दिन शिक्षकों को समर्पित दिन है, वहीं इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति  डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद किया जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में समर्पित कर दिया था एवं समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? – Why is Teachers Day Celebrated

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। 5 सितंबर, 1888 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ महान शिक्षकविद और अच्छे दार्शनिक भी थे, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज में शिक्षको के महत्व को बताने एवं शिक्षण कार्य की महानता को बताने में व्यतीत कर दिया था, एवं देश के विकास एवं उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

इसलिए उनके सम्मान में हर साल उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर साल 1962 से 1967 तक राष्ट्र की सेवा की थी। आपको बता दें कि साल 1962 में  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को देश का राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था।

उसके बाद उनके द्धारा समाज में किए गए महान कामों  के लिए उनके सम्मान में लोगों ने  5 सितंबर के दिन को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था।

लेकिन, हमेशा ही समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने वाले राधाकृष्णन जी ने इसे मनाने से मना कर दिया और 5 सितंबर को उनकी जयंती को मनाने की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी।

जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। 5 सितंबर, 1962 को हमारे देश में पहली बार शिक्षक दिवस मनाया गया था।

देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे।

वे अपने जीवन में करीब 40 साल तक शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहे। आपको बता दें कि राजनीती में आने से पहले उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षक संस्थानों में अध्यापक के तौर पर काम किया था। वे अपने छात्रों के पसंदीदा शिक्षक के रुप में जाने जाते थे।

वहीं उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में अनुरोध किया था।

इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? – How Is Teachers Day Celebrated

हमारे देश में 5 सितंबर को हर साल धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, साथ ही अपने टीचर्स को सम्मानित करने एवं उन्हें स्पेशल महसूस करवाने के लिए विशेष तरह की तैयारियों में कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं।

इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों समेत अन्य शिक्षक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन हर  शिक्षक और छात्रों के लिए बेहद अहम दिन होता है, इस दिन शिक्षकों के महत्व को छात्रों को समझाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण , निबंध लेखन समेत कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्र स्लोगन, कविता आदि के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भावना को प्रकट करते हैं साथ ही उनका आभार जताते हैं।

इस मौके पर कई छात्र अपने टीचर्स को गिफ्ट या फिर अपने हाथ से बनाया हुआ ग्रीटिंग कार्ड देकर भी इस दिन को खास मनाने की कोशिश करते हैं एवं अपने गुरु-शिष्य के रिश्तों की डोर को मजबूत करते हैं, साथ ही  भारत में गुरु शिष्य की अनूठी परंपरा को कायम करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु-शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है, जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है, और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करताहै, हालांकि, वर्तमान में गुरु-शिष्य का रिश्ता महज औपचारिक बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय महज सिर्फ एक पेशा बन चुका है।

जिसमें तमाम शिक्षक, पैसों के लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रिश्ता तार-तार हो रहा है, और शिक्षक-शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है।

वहीं छात्रों और शिक्षकों दोनों का ही फर्ज है कि वे इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु-शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।

शिक्षक दिवस, शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलवाता है। इसलिए, शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Paragraph On Teachers Day

Paragraph On Teachers Day

गुरु के बिना मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शिक्षक, मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार होते हैं। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व है। एक शिक्षक, न सिर्फ छात्र का सही मार्गदर्शन कर उनके जीवन को सफल बनाते हैं, बल्कि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज के निर्माण में भी मद्द करते हैं।

इसके साथ ही विकसित राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए शिक्षकों के सम्मान में हर साल  5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक, शिष्य एवं ईश्वर के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं, वहीं महान संत कबीर दास ने भी अपने इस दोहे के माध्यम से गुरु की महिमा बताई है –

“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपणे, गोबिंद दियो मिलाय।।”

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? – Why Teachers Day Celebrated On 5th September

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन का ज्यादातर समय अध्यापन के कार्य में व्यतीत किया बल्कि समाज के लोगों को शिक्षकों महत्व बताया एवं राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों के योगदान के बारे में जागरूक करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। 1962 में देश के राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने से पहले उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षक के तौर पर काम किया था, वे समस्त संसार को एक ही स्कूल मानते थे।

उन्होंने, अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व को बताया था, साथ ही शिक्षक की राष्ट्र निर्माण एवं समाज के उत्थान में भूमिका का भी बखान किया था।

डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 में जब देश के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला था, तब लोगों ने 5 सितंबर को उनके जन्मदिवस को उनके सम्मान में ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जयंती को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर नहीं बल्कि शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने का अनुरोध किया था। तभी से इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

वह हमारे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने शिक्षकों के हित के बारे में सोचा और शिक्षकों के महत्व को बताया।

प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि एक आदर्श और अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्र को उसके भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करे और उसे सक्षम बनाए।

वहीं उनके विचार लोगों को अपनी तरफ काफी प्रभावित करते थे, एवं वे भी छात्रों के पसंदीदा शिक्षक थे, इसलिए शिक्षक दिवस के दिन डॉ. राधाकृष्णनन जी को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।

कौन थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन? – Who is Dr Sarvepalli Radhakrishnan

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ देश के सर्वप्रथम उप-राष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात शिक्षाविद थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था और शिक्षकों से उनका बेहद लगाव होने की वजह से उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। उनकी ख्याति एक प्रख्यात और पसंदीदा शिक्षक के रुप में देश के कोने-कोने में फैली थी। वे न सिर्फ देश की नामचीन शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देते थे, बल्कि विदेशों में भी उन्हें शिक्षा पर लेक्च र देने के लिए बुलाया जाता था।

राधाकृष्णन जी का मानना था कि एक शिक्षक के बिना मनुष्य कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता एवं उनकी नजरों में एक आदर्श शिक्षक वही होता है, जो कि युवाओं को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है।

देश के विकास में अपना महत्पूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1962 में देश का दूसरा राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था। वहीं 17 अप्रैल 1975 में लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन आज उनके महान कार्यों की बदौलत उन्हें आज भी याद किया जाता है एवं उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व – Importance of Teachers Day

शिक्षक दिवस को पूरे भारत देश में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाला यह दिन शिक्षक और शिष्य दोनों के लिए बेहद खास दिन होता है।

इन दिन समाज के विकास में अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है एवं उन्हें सम्मानित किया जाता है।

आपको बता दें कि एक आदर्श शिक्षक एक सभ्य समाज के साथ-साथ शिक्षित राष्ट्र का भी निर्माण करता है, एवं युवाओं को देश के भविष्य के लिए तैयार करता है एवं जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी का मुकाबला करने के सक्षम बनाता है। इसी वजह से यह दिन शिक्षकों के लिए समर्पित किया गया है।

वहीं यह दिवस न सिर्फ शिक्षकों को छात्र के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलवाता है, बल्कि छात्रों के मन में भी अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है।

5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं, एवं इनके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को शिक्षक के महत्व को बताया जाता है।

इसके साथ ही यह दिवस गुरु और शिष्य के रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मद्द करता है।

यह दिन समाज के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र को अपने शिक्षकों के सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना हम सभी का जीवन अपूर्ण है एवं किसी भी तरह का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है, वहीं किसी महान कवि ने सही ही कहा है कि –

“गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं, कर्म, धैर्य, ज्ञान और ध्यान सब गुरु की ही देन है।।”

4 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध”

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Nice Article Admin Ji on Teachers Day Essay.

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Such a great article about teachers day really amazing. Thanks for sharing this with us.

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बहुत ही सुंदर, उपयोगी, लाभप्रद लेख लिखा है. इस लेख को लिखने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद. शिक्षक दिवस कि शुभकामनाएं.

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Apako bhi Shikshak Diwas ki Shubhkamnaye.

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Teachers Day Essay in Hindi। शिक्षक दिवस पर हिंदी निबंध

teachers day essay in hindi

शिक्षक जिसे भारतीय समाज में भगवान् स्वरुप माना जाता है। आज हम आपके लिए इस पोस्ट में teachers day essay in hindi ले कर आये है । शिक्षक दिवस पर निबंध को आप स्कूल और कॉलेज इस्तेमाल कर सकते है । इस हिंदी निबंध को आप essay on teachers day in hindi for class 1, 2, 3 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 तक के लिए थोड़े से संशोधन के साथ प्रयोग कर सकते है।

          गुरूर ब्रह्मा गुरूर विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा,

        गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः

टीचर अर्थात शिक्षक, शिक्षक बच्चों के हर उस ताले की चाबी है जो बच्चों के मन मस्तिष्क को खोलने का काम करती है। शिक्षक न केवल मन मष्तिष्क को खोलने का काम करते है बल्कि वे उस मनुष्य में वैभव, ज्ञान, संयम को भी कूट-कूट कर  जड़ देते है। शिक्षक के समान सृष्टि पर कोई रचना नही। क्योंकि शिक्षक मनुष्य को मनुष्य बनाने का काम करता है। शिक्षक एक नीरस बच्चे में रस को इस प्रकार भरता है वह उसके आने वाले 100 साल उस रास की शीतलता का अनुभव करता है। मां के बाद बच्चों पर  सबसे बड़ा अधिकार अगर किसी दूरसे व्यक्ति का होता है तो वह शिक्षक ही है। शिक्षक के समान कौन है, कोई नही जानता। जितना भी हम शिक्षक के बारे में कहे वह न्यूनतम ही होगा। क्योंकि शिक्षक एक अनाड़ी को खिलाड़ी बनाने का कार्य करते है। वह शून्य से शुरुवात कर बच्चों के जीवन मे 100 प्रतिशत ज्ञान का भंडारण करते हैं।

प्रस्तावना-  हर वर्ष 5 सितबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इसकी वजह जानने से पहले हम शिक्षक के जुड़े कुछ अहम पहलू पर नज़र डालेंगे।हम सभी के जीवन मे कुछ लोग स्थायी होते है। जो अपनी भूमिका विशेष रूप से निर्धारित करते है। ठीक उसी प्रकार हमारे माता पिता व परिवार के साथ हमारे शिक्षक भी उतनी ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। हम सभी के जीवन मे गुरु अवश्य होते है, जो हमें गलत से सही मार्ग पर ले जाने का कार्य करते है। जो हमे ज्ञान अर्जन कराते हैं। शिक्षक की भूमिका निभाना हर मनुष्य की बात नही। उनकी खासियत की कोई हद नही। ये पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा विकास करते है। शिक्षक हमे पढ़ते है, उन्होंने हमारी पूर्वजों को पढ़ाया है। अर्थात हमारे माता पिता, दादा दादी, नाना नानी। वे आज हमे ज्ञान दे रहे है, सही शिक्षा प्रदान कर रहे है। और कल को वह हमारी भावी पीढ़ी के जीवन मे भी अहम भूमिका निभाने वाले होंगे। जिस तरह माता पिता व परिवार का स्थान कोई नही हटा सकता , उसी प्रकार शिक्षक का स्थान हटाने योग्य इस दुनिया मे कोई नही है। अंधकार से प्रकाश की और ले जाने वाले शिक्षक जीवन का आधार है। उनके बिना किसी व्यक्ति को ज्ञानार्जन कराना बेहद मुश्किल है। हर जाति हर समुदाय के व्यक्ति को शिक्षक समान रूप से अपनाते है। उनके प्रेम, ज्ञान, शिक्षा की कोई सीमा नही। सभी के लिए एक समान है। 

शिक्षक दिवस मनाने की वजह- शिक्षक ऐसे दिव्यजीवी है जो हाथी व चीटी दोनो को  समान ज्ञान देते है। एक हाथी अपने जीवन मे विशाल रूप से लोगो को भयभीत कर सकता है, तो एक चीटी बड़े से हाथ को कांट कर घमंड को दूर कर सकती है। ठीक उसी प्रकार शिक्षक भी हर बच्चों को काबिलियत के हिसाब से उच्च से उच्च ज्ञान देने का कार्य करता है। 

बेशक आप ज़रूर सोच रहे होंगे कि मैने ये सब कुछ पहले क्यों बताया, और शिक्षक दिवस क्यों मनाते है ये पहले क्यों नही बताया? क्योंकि सबसे पहले हमे शिक्षक के महत्व व निष्पक्षता को जानना जरूरी था।  आज से दशकों पूर्व शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा था। शिक्षक दिवस की शुरुवात के पीछे भी एक कहानी है। दशकों पूर्व डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन अपने बच्चों को कक्षा में पढ़ा रहे है। सर्वपल्ली राधाकृष्ण व उनकी कक्षा में बैठे बच्चों के बीच संवाद चल रहा था। जिसमे राधाकृष्णनजी ने शिक्षक को सम्मान देने की बात देते हुए कहा कि उनके जन्मदिन को शिक्षिक दिवस के रूप में मनाया जाए। जिससे शिक्षक की महत्वपूर्णता को लोग सबसे उच्च रखे। उन्हे जीवन भर सम्मान मिले। उन्हें उनके कार्यो के लिए शुशोभित किया जाए। और शिक्षिक की भूमिका से लोग वंचित न रहते हुए उन्हें विलुप्त ना कर पाए। राधाकृष्णन जी एक आत्मीय शिक्षक थे। वे देश के राष्ट्रपति भी थे। वे किताबों को पढ़ने में विशेष रुचि रखते थे। उन्होंने शिक्षकों को सम्मान पहुचाने की दिशा प्रदान की। डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णनजी के जन्मदिन 5 सितंबर को हर वर्ष भारत मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है। देश मे पहली बार शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया। 

डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को आज भी सराहा जाता है। उनके दिए गए इस दिन को शिक्षक व बच्चे दोनो उत्साह पूर्वक स्वीकार करते है। राधाकृष्णनजी शिक्षकों के लिए मिसाल है। सभी शिक्षक सम्मान के काबिल है यह बात राधाकृष्णन जी ने सिखाई। शिक्षक की भूमिका अदा करना कोई आसान काम नही होता, उन्हें इसके लिए सम्मानित करना व शिक्षकों के नाम एक दिन करना उन्हें प्रेरणा देने के समान है। इस प्रकार शिक्षकों की भूमिका की मज़बूत नीव रखना बेहद खूबसूरत व सराहनीय है।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके- शिक्षक दिवस पूरे भारत देश मे धूम धाम से मनाया जाता है। शिक्षक दिवस निजी क्षेत्र व सरकारी क्षेत्र दोनो में ही धूम धाम से मनाया जाता है। आज बच्चों द्वारा शिक्षकों को नए उपहार देकर सम्मानित किया जाता है। यह दिन शिक्षक व बच्चों दोनो के लिए खास व उमंग उल्लास से भरा दिन है। शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। सभी विद्यालय व कॉलेज में यह दिन तड़कता-भड़कता दिन होता है। पूरे विद्यालय व कॉलेज में सजावट की जाती है। एक हफ्ते पहले से बच्चे आज के दिन के लिए विशेष  तैयारियां शुरू कर देते है। आज का दिन शिक्षकों और बच्चों के प्रेम का भी दिन है। आज बच्चे शिक्षकों के प्रति अपना प्रेम, सम्मान व मधुर संवाद का आदान प्रदान करते है। इस दिन के लिए मानो शिक्षक व बच्चे दोनो बेसब्री से इंतेज़ार करते है। आज के दिन के लिए बच्चे विशेष रूप से मंच को सजाते है। शिक्षक सज धज कर रंगीन पौशाख पहन कर आते है। वे अपने अपने स्थान पर विराजमान होते है। फिर बच्चों द्वारा निर्धारित शिक्षकों के लिए खास कार्यक्रम की शुरुवात होती है। सबसे पहले शिक्षकों का फूलों से व ज़ोरदार तालियों से स्वागत किया जाता है। इसके बाद डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को नमन कर दीप प्रज्वलन किया जाता है। कार्यक्रम में बच्चे शिक्षकों के लिए विशेष प्रस्तुति देते है। शिक्षकों के लिए कविता पाठ, मनमोहक स्पीच, डांस, नाटक इत्यादि की प्रस्तुति देते है। जिसे देख शिक्षक भाव विभोर हो जाते है। आज हर शिक्षक को अपने हर क्षात्र पर गर्व होता है। बच्चों को शिक्षक ढेर सारा आशीर्वाद प्रदान करते है। और उनके मंगल जीवन कि कामना करते है। आज बच्चों द्वारा शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। हर शिक्षक को बच्चे मंच पर बुला कर तिलक लगा कर उपहार से सम्मानित करते  है। ये कुछ मधुर पल होते है शिक्षक व क्षात्र के मध्य। शिक्षक बच्चों को धन्यवाद करते है और धन्यवाद देता हुए कार्यक्रम को समाप्त करते है। इसके बाद बच्चों द्वारा शिक्षकों को भोजन भी कराया जाता है। आदर के साथ उन्हें बैठाया जाता है और बच्चों द्वारा भोजन परोसा जाता है। कुछ इस प्रकार आज के दिन को मनाया जाता है। हर छोटे बड़े विद्यालय व हर कॉलेज में यह कार्यक्रम धूम धाम से मनाया जाता है। शिक्षकों के सम्मान की प्रथा सालो से चली आ रही है। और आगे भी चलती रहेगी। शिक्षक बच्चों के लिए वरदान है। शिक्षकों ने अपना पूरा जीवन बच्चों के जीवन को सुधारने में लगाया वह काबिले तारीफ है। 

उपसंहार-   शिक्षक बच्चों का भविष्य बनाते हैं, शिक्षक देश के भविष्य को सही आकार प्रदान करते है। इन सब के बावजूद वे अपने क्षात्रों की अपने बच्चों की सारी बलाएं अपने ऊपर लेने की कामना करते है। वे हमेशा चाहते है कि उनके बच्चे जहाँ भी रहे वहां अपना नाम रौशन करे।हम सभी भाग्यशाली है जो हमारे शिक्षक का आशीर्वाद हमारे साथ है।

कभी ना रहते वो किसी के सहारे, 

कोई लक्ष्य नही होता उनका सिवाए हमारे,

लगते है वो हमको सबसे न्यारे, 

फूलों से भी प्यारे होते है टीचर्स हमारे.., 

फूलों से भी प्यारे होते है टीचर्स हमारे..!!

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शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध

शिक्षक दिवस पर हिन्दी निबंध - Essay On Teacher's Day

सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन पर हिन्दी निबंध

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