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10 मोटिवेशनल किताबें जो आपको ज़रूर पढ़नी चाहिएं

पानी की बर्बादी रोकने के 18 तरीके जिनपर आपने ध्यान नहीं दिया.

Last Updated: April 29, 2024 By Gopal Mishra 38 Comments

हम हमेशा से सुनते आये हैं “जल ही जीवन है” । जल के बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है जीवन के सभी कार्यों का निष्पादन करने के लिये जल की आवश्यकता होती है।

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कवि एवं सन्त  रहीम दास जी ने सदियों पहले पानी का महत्व बता दिया था किन्तु हम आज भी जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हैं।

  रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून |

पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून ||

Rummy Perfect

How To Save Water in Hindi / Hindi Story on Save Water

कैसे बचाएं पानी .

जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है देश के कई हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। प्रतिवर्ष यह समस्या पहले के मुकाबले और बढ़ती जाती है। लातूर जैसी कई जगह तो पानी की कमी की वजह से हालात अत्यन्त भयावह हो रहे हैं। लेकिन हम हमेशा यही सोचते हैं बस जैसे तैसे गर्मी का सीजन निकाल जाये बारिश आते ही पानी की समस्या दूर हो जायेगी और यह सोचकर जल सरंक्षण के प्रति बेरुखी अपनाये रहते हैं।

 ➡ पढ़ें:  पानी बचाओ व जल संरक्षण पर 60 अनमोल विचार व नारे

किन्तु आज मानव जाति के लिये जल सरंक्षण अत्यन्त महत्वपूर्ण हो गया है। यदि अब भी हम लोग जल सरंक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो यह बात बिलकुल सही साबित होगी कि-

तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

जल संसाधन / Water Resources in Hindi :

जल संसाधन पानी के वह स्रोत हैं जो मानव जाति के लिये उपयोगी हैं या जिनके उपयोग में आने की सम्भावना है। पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है किन्तु इसमें से 97% पानी खारा है जो पीने योग्य नहीं है, पीने योग्य पानी की मात्रा सिर्फ 3% है। इसमें भी 2% पानी ग्लेशियर एवं बर्फ के रूप में है। इस प्रकार सही मायने में मात्र 1% पानी ही मानव के उपयोग हेतु उपलब्ध है।

जल के स्रोतों को हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं –

1. धरातल के ऊपर से प्राप्त जल – यह बारिश का जल है जो शुद्ध होता है किन्तु सतर्कता ना रखने पर जमीन पर आते आते इसमें कई प्रकार की अशुद्धियाँ घुलने का डर रहता है।

2. धरातलीय जल – नदी, तालाब, झील, झरने आदि धरातलीय जल के प्रकार हैं।

3. अन्त: धरातलीय जल – कच्चे तथा पके  कुएं , बावड़ी, बोरिंग आदि।

जल सरंक्षण की आवश्यकता क्यों है ?  Why water conservation is needed in Hindi ? 

जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण तथा औधोगिकीकरण के कारण प्रति व्यक्ति के लिये उपलब्ध पेयजल की मात्रा लगातार कम हो रही है जिससे उपलब्ध जल संसाधनों पर दबाव बढ़ता जा रहा है। जहाँ एक ओर पानी की मांग लगातार बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर प्रदूषण और मिलावट के कारण उपयोग किये जाने वाले जल संसाधनों की गुणवत्ता तेजी से घट रही है।

साथ ही भूमिगत जल का स्तर तेजी से गिरता जा रहा है ऐसी स्तिथि में पानी की कमी की पूर्ति करने के लिये आज जल संरक्षण की नितान्त आवश्यकता है।

सम्पूर्ण विश्व में 22 मार्च को विश्व जल दिवस ( World Water Day ) मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना है। अटल जी कहा करते थे-

यदि हम लोग जल संरक्षण के प्रति गम्भीर नहीं हुए तो तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिये होगा।

और अब यह बात अब बिलकुल सही लगने लगी है।

जल संरक्षण के उपाय / How To Conserve and Save Water in Hindi

जल संरक्षण आज विश्व की सर्वोपरि प्राथमिकताओं में से होनी चाहिये। जल संरक्षण हमे घर में, घर के बाहर, बाग़ बगीचों, खेत खलिहान हर जगह करना चाहिये।

1. घरेलू जल सरंक्षण / How to save water at home

  • दाढ़ी बनाते समय, ब्रश करते समय, सिंक में बर्तन धोते समय, नल तभी खोलें जब सचमुच पानी की ज़रूरत हो।
  • गाड़ी धोते समय पाइप की बजाय बाल्टी व मग का प्रयोग करें, इससे काफी पानी बचता है।
  • नहाते समय शॉवर की बजाय बाल्टी एवं मग का प्रयोग करें,काफी पानी की बचत होगी। इस काम के लिए आप भारत रत्न सचिन तेंदुलकर से प्रेरणा ले सकते हैं जो सिर्फ १ बाल्टी पानी से ही नहाते हैं।
  • वाशिंग मशीन में रोज-रोज थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की बजाय कपडे इकट्ठे होने पर ही धोएं।
  • ज्यादा बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में बदलें। सम्भव हो तो दो बटन वाले फ्लश का टैंक खरीदें। यह पेशाब के बाद थोड़ा पानी और शौच के बाद ज्यादा पानी का बहाव देता है।
  • जहाँ कहीं भी नल या पाइप लीक करे तो उसे तुरन्त ठीक करवायें। इसमें काफी पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।
  • बर्तन धोते समय भी नल को लगातार खोले रहने की बजाये अगर बाल्टी में पानी भर कर काम किया जाए तो काफी पानी बच सकता है।

2. घर के बाहर जल संरक्षण

  • सार्वजनिक पार्क, गली, मौहल्ले, अस्पताल, स्कूलों आदि में जहाँ कहीं भी नल की टोंटियाँ खराब हों या पाइप से पानी लीक हो रहा हो तो तुरन्त जलदाय ऑफिस में या सम्बन्धित व्यक्ति को सूचना दें, इसमें हजारों लीटर पानी की बर्बादी रोकी जा सकती है।
  • बाग़ बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है
  • बाग़ बगीचों में दिन की बजाय रात में पानी देना चाहिये। इससे पानी का वाष्पीकरण नहीं हो पाता। कम पानी से ही सिंचाई हो जाती है
  • सिंचाई क्षेत्र हेतु कृषि के लिये कम लागत की आधुनिक तकनीकों को अपनाना जल सरंक्षण हतु उपयोगी है।

3. वृक्षा रोपण / Plantation

वृक्ष हमारे अभिन्न मित्र हैं ये हमें छाया,फल,लकड़ी प्रदान करते हैं जमीन का कटाव रोकते हैं, बाढ़ से सुरक्षा करते हैं। जहाँ ज्यादा वृक्ष होते हैं वहां अच्छी बारिश होती है जिससे बारिश में नदी नाले भर जाते हैं और पानी की कमी नहीं हो पाती। इसलिए लगातार वृक्षा रोपण करते रहना चाहिये।

4. जल संरक्षण हेतु कानून 

कई क्षेत्रों में बिना रोकथाम के पानी निकालने से भूजल के स्तर में भारी गिरावट आ जाती है। इसके लिये भूजल के वितरण प्रबन्धन नियमों का पालन करना जरूरी है। साथ ही नए कानून बनाने की ज़रूरत है जो किसी भी प्रकार के वाटर वेस्टेज को एक गैर-कानूनी काम के रूप में देखें और ऐसा करने वालों को जुरमाना और सजा देने का प्रावधान करें।

5. औधोगिक क्षेत्र में नई तकनीक

पानी की जरूरत को कम करने लिये, औद्योगिक क्षेत्र, कारखानों आदि में आधुनिक तकनीक को प्रयोग में लेना चाहिये।

6. वर्षा जल संचयन / Rain water harvesting in Hindi

हम लोगों की अकेली यह आदत ही जल संरक्षण हेतु मील का पत्थर साबित हो सकती है। एक बारिश के बाद अगली बारिश से छतों से वर्षा जल का संचय करें। यह पीने, कपड़े धोने, बागवानी आदि सभी कार्यों हेतू उत्तम है। इसके लिये गाँव, शहरों में भवन निर्माण सम्बन्धी नियमों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाना चाहिये तथा लोगों को वर्षा जल संचय हेतु प्रोत्साहित किये जाने वाले उपाय ढूंढे जाने चाहियें।

7. जल जागरूकता कार्यक्रम

पानी की बर्बादी रोकने, वर्षा जल का संचयन करने, लगातार वृक्षारोपण करने तथा पानी को प्रदुषण से बचाने हेतु लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाते रहना चाहिये और यह प्रयास हम सबको मिलकर करना चाहिए।

8. वाटर ओवरफ्लो अलार्म लगाएं

छतों पर लगी टंकियों से पानी गिरकर बर्वाद होना एक आम दृश्य है। हमें इसे रोकना होगा और इसके लिए सबसे सरल उपाय है कि आप अपनी टंकी को एक water overflow alarm से जोड़ दें। इस बारे में हम डिटेल में अगली पोस्ट में बात करेंगे।

9 . Flush के अन्दर पानी की बोतल में बालू-कंकड़ भर कर डाल दें

अमूमन फ्लश से ज़रूरत से अधिक पानी बहता है, इसलिए अगर आप उसमे १ लीटर की बोतल में बालू-कंकड़ आदि भर के डाल देते हैं तो हर एक फ्लश पे आप १ लिटर पानी बचा सकते हैं, और पूरे वर्ष में हज़ारों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

फ्लश से रिलेटेड इस बात पर भी ध्यान दें कि कहीं फ्लश का नौब पूरी तरह से न उठने के कारण वो leak तो नहीं हो रहा है। कई बार इस कारण से रात भर में पूरी टंकी खाली हो जाती है।

10. Water Supply के पानी को अपना पानी समझें 

जो लोग भाग्यशाली हैं उनके घरों में सरकार की तरफ से वाटर-सप्लाई का पानी भी आता है। देखा गया है कि अक्सर लोग लगभग मुफ्त में मिलने वाले इसे पानी को बहुत अधिक बवाद करते हैं…वे इसे क्यारी में लगा कर छोड़ देते है (बरसात के मौसम में भी), अपने कूलर में पानी भरने के लिए लगा कर भूल जाते हैं या वाशिंग मशीन में लगा कर छोड़ देते हैं। और चूँकि ये पाने टाइम-टाइम से आता है, इसलिए कई बार लोग टोटियां खुली छोड़ कर बाकी काम में व्यस्त हो  जाते हैं और जब पाने आने का टाइम होता है तो पानी बस यूँही गिरता रहता है।

इन लापरवाहियों की वजह से वे एक ही दिन में सैकड़ों लीटर पानी बर्वाद कर देते हैं। वहीँ दूसरी और वे अपनी टंकियों में भरे पानी को लेकर बहुत सजग होते हैं।  यदि आप भी ऐसे लोगों में शामिल हैं तो कृपया ऐसा करना बंद करें। पानी तो पानी है, इसमें सरकारी और अपने का भेद नहीं करना चाहिए।

11. उतना ही पानी लें जितना पीना है

जब आप 1 glass RO water पीते हैं तो ध्यान रखिये कि इसे फ़िल्टर करने के प्रोसेस में 3 glass पानी waste किया जाता है। इसलिए जब भी आप गिलास में RO वाटर लें तो पूरा भर के लेने की बजाये उतना ही लें जितना पीना है। और किसी को देना भी हो तो उसे पानी ग्लास में भर कर देने की बजाये जग या water bottle के साथ गिलास दे सकते हैं। इस तरह से काफी पानी बचाया जा सकता है।

यदि आप किसी रेस्टोरेंट में जाते हैं तो सबसे पहले वेटर पानी ला कर रख देता है, तब भी जब आपको उसकी ज़रूरत न हो! इसलिए जब आप ऐसी जगह जाइए तो तभी पानी लीजिये जब वाकई में आपको उसकी need हो।

12. RO Machine या AC से निकलने वाले  waste water को उपयोग करें

RO machine द्वारा लिए गए कुल पानी का 75% part waste हो जाता है। इसलिए कोशिश करिए कि मशीन की वास्ते पाइप से जो पानी निकला रहा है उसे बकेट में इकठ्ठा कर लिया जाए या पाइप लम्बी करके उसे पौधों को सींचने के काम में लाया जाये। इसी तरह AC से निकलने वाले पानी को भी सही तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है।

13. Hand-Pump का प्रयोग करें 

पहले के जमाने में लोग हैण्ड पंप का ही प्रयोग करते थे। इस वाजह से पानी की बर्बादी बहुत कम होती थी, जिसको जितनी ज़रूर होती थी वो उतना ही पानी निकालता था। पर समय के साथ लोग मोटर से पानी भरने लगे और हैण्ड पंप को भूल गए। यदि आपके यहाँ हैण्ड पंप लगा ही न हो तो कोई बात नहीं लेकिन अगर लगा है और बेकार पड़ा है तो उसे ठीक करा कर कभी-कभार प्रयोग करें। अच्छा होगा अगर हम intentionally हफ्ते का एक दिन सिर्फ हैण्ड पंप use करके पानी निकालें। ऐसा करने से कम से कम एक दिन हम सिर्फ उतना ही पानी निकालेंगे जितने की हमें सचमुच ज़रूरत है।

14. सब्जियां-फल किसी बर्तन में धोएं

कई बार लोग सब्जियों और फलों को running water से धोते हैं, अगर इसकी जगह आप किसी बड़े भगौने या बर्तन में पानी भर कर सब्जियां धोएँगे तो पानी भी कम लगेगा और वो ठीक से साफ़ भी हो पाएंगी।

15. Wash-basin का फ्लो कम कर दें 

वाश बेसिन के नीचे भी पानी कण्ट्रोल करने के लिए एक टोटी लगी होती है, अकसर वो पूरी खुली होती है, अगर आप उसे थोड़ा सा घुमा देंगे तो पानी का फ्लो अपने आप कुछ कम हो जाएगा और काफी पानी बर्वाद होने से बच पायेगा।

16. Bathroom में एक-आध बाल्टी एक्स्ट्रा रखें

अकसर गर्मियों के दिनों में टंकी का पानी बहुत गरम हो जाता है और लोग नहाते समय पहले कुछ पानी गिरा देते हैं कि उसके बाद ठंडा पानी आने लगे। ऐसा करना पड़े तो पानी गिराने की बजाये किसी बाल्टी में भर कर रख लें। और बेहतर तो ये होगा कि सुबह के टाइम ही आप बाल्टियों में पानी भर कर रख लें ताकि नहाते वक्त आपको ठंडा पानी मिल सके।

17. प्लम्बर का हल्का-फुल्का काम खुद सीखें 

अकसर देखा जाता है कि घर में मौजूद पानी के taps टपकते रहते हैं और हम उसे यूँही ignore करते रहते हैं क्योकि हम आलस में प्लम्बर को बुलाते नहीं या ये सोचते हैं कि अगर प्लम्बर को बुलायेंगे तो वो अनाप-शनाप पैसे मांगेगा और हम खुद उसे ठीक करने की हिम्मत नहीं दिखाते। लेकिन अगर हम plumbing के बेसिक सामान घर पे रखें और खुद ही छोटी-मोटी चीजें ठीक करना सीख लें तो हम बहुत सारा पानी बर्वाद होने से रोक सकते हैं। मेरी तो सलाह है कि हमें स्कूलों में बच्चों को plumbing से रिलेटेड बेसिक काम ज़रूर सिखाने चाहिए।

18. जो भी पानी बर्वाद करता है उसे रोकें

AKC पर कुछ महीनों पहले एक पोस्ट शेयर की गयी थी –  प्लेट में खाना छोड़ने से पहले Ratan Tata का ये संदेश ज़रूर पढ़ें!

जिसमे उन्होंने जर्मनी के एक रेस्टोरेंट का अनुभव बताया था जिसमे खाना वेस्ट करने पर वहां के नागरिकों ने आपत्ति जताई थी कि भले आपने पैसे देकर खाना खरीदा हो, फिर भी आप उसे बर्वाद नहीं कर सकते क्योंकि  भले पैसा पैसा आपका है पर संसाधन देश के हैं !

और यही बात हम Indians को भी समझनी होगी। पानी की बर्बादी सिर्फ उसे बर्वाद करने वाले को ही नहीं बल्कि पूरे समाज को प्रभावित करती है। अगर आपका पड़ोसी पानी बर्वाद करता है तो आपका भी वाटर-लेवल कम होता है…इसलिए इस अनमोल संसाधन को न waste करिए और न waste करने दीजिये।

आइये जल बचाएँ, “क्योंकि जल होगा तो कल होगा “

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Dr. Manoj Gupta

Dr. Manoj Gupta

Dr.Manoj Gupta

B-3 Palam Vihar, Gurgaon (Haryana) Mob & WhatsApp#:  09929627239 Email:   [email protected] Blog:  drmanojgupta.blogspot.in  (plz visit for Health Articles in Hindi)

डॉ० मनोज गुप्ता राज्य स्तरीय आयुर्वेद के सर्वोच्च पुरस्कार धन्वंतरि पुरस्कार से सम्मानित सीनियर आयुर्वेद विशेषज्ञ हैं। आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य लेखन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए आपको माननीय स्वास्थ्य मन्त्री तथा अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। आपके लेख राजस्थान पत्रिका, निरोगसुख   जैसे प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में पब्लिश होते रहे हैं।

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We are grateful to Dr. Manoj Gupta for sharing a very informative article on How to save water in Hindi / Hindi Story on Save Water

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I love this because nowadays my project is going on and I have searched many times but I don’t get any ppt like this . IN this style .

Name – Ayanya Borah

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कैसे पानी बचाएँ (पानी बचाने के उपाय, Save Water)

इस आर्टिकल के सहायक लेखक (co-author) हमारी बहुत ही अनुभवी एडिटर और रिसर्चर्स (researchers) टीम से हैं जो इस आर्टिकल में शामिल प्रत्येक जानकारी की सटीकता और व्यापकता की अच्छी तरह से जाँच करते हैं। wikiHow's Content Management Team बहुत ही सावधानी से हमारे एडिटोरियल स्टाफ (editorial staff) द्वारा किये गए कार्य को मॉनिटर करती है ये सुनिश्चित करने के लिए कि सभी आर्टिकल्स में दी गई जानकारी उच्च गुणवत्ता की है कि नहीं। यह आर्टिकल १,७६,०४२ बार देखा गया है।

पृथ्वी का 70% क्षेत्र जल में आवृत है, परन्तु उनमें से केवल 3% जल स्वच्छ एवं मानवीय उपयोग के लायक है। [१] X रिसर्च सोर्स एक पर्याप्त वर्षा वाले क्षेत्र में रहने के बावजूद, पानी की व्यवस्था, पंप, गरम, पुनः पंप और पुनः व्यवस्था करने हेतु ऊर्जा की जरूरत है। सौभाग्यवश, प्रमाणित जर्माफोब्स से लेकर खाद (कम्पोस्ट)-शौचालय स्तर के संरक्षण तक, सभी के लिए जल संरक्षण के उपाय हैं। सामान्य चार सदस्य का परिवार प्रतिदिन 450 लीटर (120 गैलन) पानी का प्रयोग करता है, जो की साल में 164,000 लीटर (44000 गैलन) होता है।

घरेलू जल संरक्षण

Step 1 नल का पानी बचाएँ:

  • गर्म पानी के भरने के इंतजार में, नल और फव्वारे से आने वाला ठंडा पानी बर्बाद न होने दें और उसे संग्रहित करें। इसे पौधों में डालने और फ्लश करने के लिए फ्लश की टंकी में भर दें।
  • वैसे तो गर्म पानी की टंकी में ठंडे पानी की टंकी के मुकाबले ज़ादा गाद और ज़ंग होता है, इसके बावजूद, यह पानी पीने योग्य है। यदि आप वाटर फिल्टर का प्रयोग करते हैं, तो आप फिल्टर हुए पानी को बोतल में भरें और ठंडा पानी पीने के लिए फ्रिज में रखें।

Step 2 टपकती हुई पाइपलाइन...

स्नानघर में जल संरक्षण

Step 1 सस्ते और कम बहाव वाले फव्वारे एवं नल लगवाएँ:

  • नहाने के बदले शावर का प्रयोग करें। नहाने से आप 100 लीटर तक पानी इस्तेमाल करते हैं! शावर में नहाने से 100 लीटर का एक तिहाई से भी कम पानी का प्रयोग होता है।
  • शावर के नल के पीछे फिट होने वाला वाल्व लगाए। यह वाल्व सस्ते हैं और आसानी से लगाया जा सकता है। उतना ही पानी लें जितने से आप भीग जाएं। फिर, पानी का तापमान बनाये रखने के लिए वाल्व को तब तक बन्द रखें जब तक आप साबुन न लगा लें। उसके बाद शावर खोलें और साबुन धो लें।

Step 3 स्नान करने, कपड़े...

  • गर्म पानी का इंतजार करते समय, आप शुरू के ठंडे पानी का पुनः प्रयोग कर सकते हैं। उस पानी को एक बाल्टी, घड़े या हजारे में संग्रहित करें।
  • यदि आप (पानी का तापमान मिलाते समय) स्वच्छ पानी को संग्रहित करते हैं, तो आप उस पानी को नाज़ुक कपड़ों को हाथ से धोने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • उस पानी को संग्रहित करें जिससे आप फल और सब्जियों धोते हैं, और पास्ता या अंडे उबालने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
  • यदि आप बाग़ बानी के लिए साबुन वाला पानी संग्रहित कर रहें हो तो, बाग को नुकसान न पहुंचाने वाले साबुन और शोधन करने वाले पदार्थों का प्रयोग करें।
  • यदि आपको लगता है कि साबुन वाला पानी आपके बाग के लिए उचित नहीं है, तो आप उस पानी को शौचालय में इस्तेमाल कर सकते हैं। उसे शौचालय सीट में ही उड़ेल दें या उससे फ्लश टैंक को भर दें (बशर्ते, उसमें मिट्टी न हो)।

Step 4 अपने फ्लश टैंक...

  • अपने फ्लश टैंक की जांच करें क्योंकि, सभी फ्लश टैंक पानी की कम मात्रा में प्रभावशाली रूप से काम नहीं करते। [३] X रिसर्च सोर्स
  • यदि आपने बोतल को पानी में डूबे रहने के लिए कंकर या रेत डालें हैं तो, ध्यान रखें कि बोतल का ढक्कन बंद रहे ताकि कंकर या रेत फ्लश टैंक में न गिरे हों।
  • कम बहाव वाले फ्लश टैंक से अपग्रेड करें। ऐसे फ्लश टैंक केवल 6 लीटर (1.6 गैलन) या कम पानी से काम कर लेते हैं। खरीदने से पहले उसकी आलोचना करें।

Step 5 दो बटन वाले फ्लश की टंकी खरीदें या बनवाएँ:

  • आप दो बटन फ्लश परिवर्तन-किट भी खरीद सकते हैं जिससे पानी गटकने वाली फ्लश, पानी बचाने वाली फ्लश में बदलेगी और आपको गर्व महसूस होगी। इन्टरनैट पर सिलैक्टअफ्लश और टू-फ्लश जैसे यन्त्रों को ढूंढें। दोनों अच्छी तरह से काम करते हैं और पैसे भी बचाते हैं।

Step 6 अपने शौचालय को...

कपड़े धोने और रसोई घर में जल संरक्षण

Step 1 अपन वाशिंग मशीन को एक उच्च क्षमता मशीन से बदलें:

  • बर्तन धोने से पहले बर्तन को साफ़ करें। उनमें चिपके खाने के बड़े टुकड़ों को खरोंच कर कूड़े में या खाद के लिए डाल दें। यदि आपके बर्तन प्री-रिन्स के बिना साफ न होते हों, तो सुनिश्चित कीजिए की आपने मशीन में बर्तन ठीक तरह लगाए हैं या नहीं, और आप डिशवाशर में प्रभावी डिटर्जेंट का प्रयोग कर रहें हैं या नहीं, अथवा यह देखें कि आपका डिशवाशर सही काम कर रहा है या नहीं।
  • खास तौर पर आधुनिक और कुशल डिशवाशर, हाथ से बर्तन धोने की तुलना में पानी बचाते हैं, क्योंकि वे उसी पानी को मशीन की नलियों में पम्प द्वारा धकेलते हैं। यदि आप नया डिशवाशर लेने के लिए तैयार हैं, तो खरीदने से पहले मशीन की बिजली तथा पानी की खपत जाँच लें।
  • अपना अगला वाशिंग मशीन ध्यान से खरीदें। फ्रंट लोडर्स, टाप लोडर्स से कम पानी का प्रयोग करता हैं।
  • ऐसे डिटर्जेंट का उपयोग करें जो जल्द ही कपड़े धो दें और दुबारा धोने की ज़रूरत न पड़े।

Step 3 कपड़े कम धोएँ:

  • नहाने के बाद तौलिए को हवा में सूखने के लिए उसे एक रैक पर टांग दें। उसे बहुत बार इस्तेमाल करने के बाद ही उसे धोने डाले। हर सदस्य के अलग-अलग तौलिए रखने से फायदा होगा। और जहाँ तक हो सके सब तौलिए अलग-अलग रंग के हों।
  • कपड़ों को एक से ज़्यादा बार पहने। यदि आप सोने से पहले स्नान करते हैं तो आप एक पैजामे को लगातार कुछ रातों तक पहन सकते हैं। जुराबों और अंडरवियर को हर रोज़ बदले, परन्तु स्लैक्स, जीन्स और स्कर्ट को धोने से पहले एक से ज़्यादा बार पहनें। यदि टी-शर्ट या टैंक टॅाप के ऊपर स्वेटर या स्वेटशर्ट पहने तो केवल अन्दर के कपड़ों को ही बदलें।
  • दोपहर के समय कपड़े न बदलें। यदि आप ऐसा काम कर रहें हैं जो आपके कपड़ों को गंदा करते है, जैसे- बाग बानी, रंगायी और कसरत करना, तो ऐसे कामों के लिए पुराने कपड़े रखें और उन्हें धोने से पहले कई बार इस्तेमाल करें। ऐसे काम नहाने से पहले करें जिस से की आपको दुबारा नहाना या दोबारा कपड़े न बदलने पड़े।

Step 4 कूड़े निकासी की मशीन का प्रयोग ध्यान से करें:

घर के बाहर जल संरक्षण

Step 1 पानी का मीटर लगवाएँ:

  • यदि आपके पास पानी का मीटर पहले से है, तो learn how to read it . पानी के बहाव के अलावा, यह रिसाव का पता लगाने में भी मदद करता है। मीटर को एक बार पढ़े, सभी नल बन्द करके एक या दो घण्टे इंतज़ार करें और फिर से मीटर पढ़े। यदि मीटर माप बढ़ गया है तो समझें की कहीं से पानी रिस रहा है।
  • कई मीटरों में एक छोटा पहिया या गिअर लगा होता है जो की थोड़ा पानी बहने पर तेज़ी से घूमने लगता है। यदि आप निश्चित है कि सब नल बंद हैं और फिर भी मीटर का पहिया घूम रहा है, तो कहीं से पानी का रिसाव हो रहा है।
  • यदि आपके पानी का मीटर भूमिगत है तो उसे पढ़ने के लिए आपको उसके ऊपर से मिट्टी हटानी पड़ सकती है। पानी की बौछार से उसके तल को साफ करें।

Step 2 अपने स्विमिंग पूल को ढक कर रखें:

  • यदि आप किसी चीज़ को हाथ से पानी दे रहें है, तो पानी खोलने से "पहले" एक टाइमर सेट करें या पानी डालते समय नली के साथ रहें।
  • मौसम के अनुसार फव्वारे और सिंचाई करने के टाइमर को अजस्ट करें। ठंडे और गीले मौसम में पौधों को पानी कम दें या बिलकुल न दें।
  • पौधों को अधिक पानी न दें, और न ही इतनी तेज़ी से दें कि पौधे की मिट्टी उतनी जल्दी पानी को सोख न पाए। यदि पानी बाग़ से बहकर किनारे के चलने वाले रास्ते तक पहुँच रहा है तो पानी डालने का समय कम करें या पौधों को पानी दो बार डाले जिससे की पानी को ज़मीन में सोख जाने का समय मिल जाए।

Step 4 अपने स्प्रिंकलर और सिंचाई को चालू रखें:

  • गाड़ी को हर रोज़ न धोएँ। हर रोज़ छोटे मात्रा में जमा होने वाली धूल और मिट्टी से गाड़ी को नुकसान नहीं होता।
  • गाड़ी को कार वाश में धुलवाएँ। जितना पानी घर में गाड़ी धोने में लगता है, उससे कम पानी कार वाश में लगता है।
  • पर्यावरण को नुकसान न पहुँचाने वाले क्लेन्सर का उपयोग करें। ऐसा करने से आप धुलाई के पानी को बाग़ में डालने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

Step 6 वाहन या पैदल मार्ग को पानी न धोएँ:

बागवानी में जल संरक्षण

Step 1 अपने बाग की जल-सक्षम रूप से देखभाल करें:

  • बाग-बगीचों को रात में पानी दें। रात को पानी देने से मिट्टी को भीगने के लिए ज़्यादा समय मिलता है और दिन की गरमी न होने के कारण वाष्पीकरण नहीं होता है।
  • पानी गहराई तक डालें पर बार-बार नहीं। इससे पौधों की जड़ें ज़्यादा गहराई तक बढ़ेंगे और उन्हें अकसर पानी देने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। वैसे तो, घास की जड़ें ज़्यादा गहरी नहीं बढ़ती, फिर भी उनकी जड़ों को गहराई तक बढ़ने के लिए कम पानी देना चाहिए।
  • कम पानी से गहराई तक सिंचाई करने का एक तरीका धीमी ड्रिप इरिगेशन प्रणाली या छोटे फव्वारे लगाकर सिंचाई करें। सबसे सरल तरीका है सोकर होज़ का प्रयोग करना; दूसरे विकल्प ड्रिप टेप या छेद वाले होज़ हैं। इन प्रणालियों से जल वाष्पीकरण से व्यर्थ नहीं जाता और पौधों के पत्ते सूखे रहेंगे जिससे रोग कम करने में सहायता मिलती है। मिट्टी में दबाए ड्रिप टेप जड़ क्षेत्र में ज़्यादा कुशलता से पानी देती है। इन प्रणालियों में पानी में थोड़ा आम्ल डालने की आवश्यकता होगी जिससे की पानी में मौजूद कॅल्शीयम और आयरन छोटे छिद्रों को बन्द न करें।

Step 2 उपयुक्त रूप से घास उगाये:

  • घास कम उगाएं या न उगाएं। घास के अलावा कुछ उगाएं या लॅान का क्षेत्र कम करें। लॅान को बढ़ने में दूसरे पौधों और घास-फुस के मुकाबले ज़्यादा पानी और देखरेख की ज़रूरत पड़ती है।
  • यदि आप एक ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहाँ ज़्यादा वर्षा नहीं होती है, तो आप बाग में घास उगाने का विचार न रखें। इसके बजाए अपने क्षेत्र में पैदा होने वाले पौधे लगाएं, जिससे ज़्यादा पानी और खास देख-रेख की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

Step 3 उचित रूप से पौधे लगाएँ:

  • देशी प्रजाति स्थानीय पानी की आपूर्ति करने के लिए अनुकूलित होते है, इसलिए इन्हें पूरक पानी की आवश्यकता नहीं होती।
  • क्ज़ैरीस्केपिंग डिज़ाइन्ज़ के लिए अपने स्थानीय नर्सरी को संपर्क करें।
  • पौधे को जीवित रखने के लिए आवश्यक पानी की मात्रा के बारे में जानकारी रखें और उससे ज़्यादा पानी न दें।
  • ऐसे पौधे उगाएँ जिनको एक जैसे मात्रा में पानी की ज़रूरत होती है। इसे हाइड्रो-ज़ोनिंग कहा जाता है, अर्थात, पौधों को पानी की मात्रानुसार, समूह करना, ताकि सारे पौधों को बराबर पानी मिले।
  • ज़मीन की रेखा और कुंडी का प्रयोग करें। पौधे की जड़ों में पानी डालने के लिए जड़ क्षेत्र में खुदाई करें, ना कि पौधे के आस-पास के क्षेत्रों में।
  • उप-सिंचाई वाले ऊँचे उठे गार्डन बेड्ज़ का प्रयोग करें (जैसे विकिंग बेड्ज़, ग्लोबल बकेट्स, ओल्ला-इरिगेशन और अर्थ-बाक्स प्लांटरज़)।
  • 4 अपने बाग में सीलन को बनाए रखने के लिए मल्च का प्रयोग करें: एक आदर्श मल्च में खाद, पत्ते, सूखी घास, लकड़ी, अख़बार के टुकड़े और पेड़ की छाल होती है। कई मल्च मुफ्त या सस्ते में मिल हैं। सही औरगैनिक मल्च आपकी मिट्टी को बेहतर बनाने में सहायता करता है, और जंगली घास को नष्ट करके उन्हें पैदा होने से रोकता है। [५] X रिसर्च सोर्स

वर्चुअल जल संरक्षण

आपने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जो भी आहार आप खाते है, उसे बनाने के लिए अलग-अलग मात्रा में पानी का उपयोग किया जाता है। इस पानी को वर्चुअल वाटर कहते है। नीचे कुछ तरीके दिए गए हैं जिससे आप ऐसे पदार्थ चुनें जिसमें सबसे कम मात्रा में वर्चुअल वाटर है। [६] X रिसर्च सोर्स

  • 1 अपने वर्चुअल वाटर प्रयोग की छान-बीन करें: आप बहुत सी इन्टरनैट साइट की मदद ले सकते हैं जैसे this one.
  • 2 पानी की बचत करने वाली प्रोटीन का सेवन करें: गाय का मीट सबसे ज़्यादा "महंगा" प्रोटीन है और चिकन तथा बकरी का मीट सबसे सस्ता प्रोटीन है। [७] X रिसर्च सोर्स
  • 3 पानी पीएँ: अन्य पेय पदार्थ जैसे - वाइन, सोडा और जूस, सब बनाने के लिए पानी की ज़रूरत पड़ती है। [८] X रिसर्च सोर्स
  • 4 प्रोसेस्ड फूड का सेवन कम करें: इसे तैयार करने के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। आप इस पानी को तब बचा सकते हैं जब आप वह खाद्य पदार्थ खाएँ जो उसके नजदीकी स्रोत से बनें हों। [९] X रिसर्च सोर्स
  • इसका यह अर्थ है कि, पुनः उपयोग किए जाने वाले उत्पादनों का प्रयोग कीजिए, जैसे कागज़ के प्लेट और प्लास्टिक के थैलों की जगह धोने लायक प्लेट और कपड़े की थैलों का उपयोग करना बेहतर है।
  • जहाँ आप रहते हैं वहाँ जाँच कीजिए की जल संरक्षण यन्त्रों पर छूट है या नहीं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कुछ नगरपालिकाएं लो फ्लो शौचालय जैसी वस्तुओं पर छूट देती है। अन्य कई नगरपालिकाएं मुफ्त या कम दाम में नल और शावर हैड उपलब्ध कराते हैं।
  • यदि आपके इलाके में पानी की कमी है तो वाटर राशनिंग और कोई भी लगाए गए प्रतिबंध को ध्यान से समझें।
  • सफाई करने के यन्त्र, मोटर का तेल, फ्लोरेसैंट बल्ब, बैटरी, कीटनाशक दवाइयाँ और खाद जैसे खतरनाक चीज़ों को उचित ढंग से नष्ट करें। यूँ तो वेस्ट डिसपोज़ल प्रत्यक्ष रूप से जल संरक्षण नहीं करता, फिर भी उपलब्ध पानी की सुरक्षा एवं गुणवत्ता को बनाएँ रखना ज़रूरी है।
  • अपने परिवार के सदस्यों को शिक्षित करें और पानी बचाने के लिए उनका सहयोग लें।
  • वाशिंग मशीन से निकलने वाले पानी को अपनी गाड़ी धोने के लिए इस्तेमाल करें। सब्जियां एवं फलों को धोने के बाद बचने वाले पानी को बाग में डालें।
  • शावर से गर्म पानी के आने तक, ठंडे पानी को सहजता से संग्रहित करने के लिए, एक प्लास्टिक बोतल या अन्य जग का प्रयोग करें। कम से कम 1/2 गैलन बोतल का प्रयोग करें।
  • यदि आप वर्षा के पानी को संग्रहित कर रहें हैं, तो उस पानी को मच्छरों से बचाकर रखें।
  • यदि आप साबुन वाले पानी को बाग में डालने की सोच रहें हैं, तो ध्यान रखें की आप पौधों को नुकसान न पहुँचाने वाले साबुन का प्रयोग करें। खाद्य पौधों में साबुन वाला पानी न डालें।
  • • वाटर राइट्स लाज कि वजह से आपने क्षेत्र में वर्षा के पानी को संग्रहित करना गैरकानूनी हो सकता है, इसलिए अपने जिले या समुदाय में इसकी जांच करें।

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  • ↑ http://www.globalchange.umich.edu/globalchange2/current/lectures/freshwater_supply/freshwater.html
  • ↑ http://greenhomeguide.com/know-how/article/5-tips-for-choosing-a-low-flow-toilet
  • ↑ http://www.lowes.com/cd_Can+Your+Plumbing+System+Handle+a+LowFlow+Toilet_1350913159827_
  • ↑ http://www.kingcounty.gov/environment/wtd/Education/ThingsYouCanDo/UseLessWater/Garbagedisposals.aspx
  • ↑ http://www.colostate.edu/Depts/CoopExt/4DMG/VegFruit/mulches.htm
  • ↑ http://environment.nationalgeographic.com/environment/freshwater/embedded-water/

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जल बचाओ पर भाषण | Save Water Speech in Hindi For students

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  • 1 जल बचाओ भाषण – 1 -Save Water Speech in Hindi
  • 2 जल बचाओ भाषण – 2 – Short Speech On Save Water In Hindi
  • 3 जल बचाओ भाषण – 3-Long Speech On Save Water In Hindi
  • 4 जल बचाओ भाषण – 4

जल बचाओ भाषण – 1 -Save Water Speech in Hindi

महानुभावों, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय साथियों को सुप्रभात। मैं आज इस विशेष अवसर पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय “पानी बचाओ” पर भाषण देना चाहता हूं। साथ ही सभी जानते हैं कि पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता के लिए पानी किस प्रकार महत्वपूर्ण है। यह सभी (मनुष्य, पशु, पौधे और अन्य सूक्ष्मजीव) की सबसे बुनियादी जरूरत है। जल जीवन का अनुपम स्रोत है, जल के बिना हम यहां जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। अन्य ग्रहों पर जीवन केवल जल के अभाव के कारण संभव नहीं है। इसे अन्य ज्ञात खगोलीय पिंडों में सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पृथ्वी का लगभग तीन-चौथाई भाग जल से आच्छादित है और यह जीवित विश्व का लगभग 60-70% है। ऐसा लगता है कि पानी पृथ्वी पर अंतहीन अक्षय स्रोत है क्योंकि यह पूरे पृथ्वी पर वाष्पीकरण और बारिश के माध्यम से पुनर्जीवित और पुनर्वितरित होता है। हमारे मन में यह सवाल उठता है कि अगर पानी अक्षय स्रोत है तो हमें पानी की चिंता क्यों करनी चाहिए और इसे बचाने का प्रयास करना चाहिए।

दरअसल, धरती पर सिर्फ 1% पानी है जो हमारे इस्तेमाल के लायक है। और अन्य जल निकायों में हमारे लिए अनुपयोगी पानी है जैसे 97% खारा समुद्री पानी, 2% पानी ग्लेशियरों और ध्रुवीय बर्फ की टोपी के रूप में। हमारे लिए यहां केवल 1% पानी है जिस पर पूरी दुनिया में एक बड़ी आबादी जीवित रहने के लिए निर्भर है। भोजन के अभाव में पानी के अभाव में मृत्यु अधिक संभव है। हमारे मन में एक बार फिर यह सवाल उठता है कि हम पानी की बचत और संरक्षण की आवश्यकता को समझने में इतनी देर क्यों कर रहे हैं। चूँकि पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव का जीवन जल पर निर्भर है, इसलिए यदि उपयोगी जल गंदा हो जाता है या कम होने लगता है तो स्थिति और खराब हो जाएगी। बाहर से ताजा और पीने योग्य दिखने वाला पानी उद्योगों, कारखानों, सीवर आदि जैसे विभिन्न स्रोतों के माध्यम से हानिकारक और जहरीले तत्वों के साथ मिश्रित हो सकता है और जानवरों, पौधों या मनुष्यों द्वारा निगले जाने पर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है। यहाँ कुछ सुझाव दिए गए हैं जो वास्तव में हमें पानी बचाने में मदद करेंगे:

माता-पिता को अपने बच्चों को जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक करना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को मनोरंजक पानी के खिलौने (जिनके लिए पानी की निरंतर धारा की आवश्यकता होती है) खरीदने से बचना चाहिए।

सभी को पानी की कमी के नियमों और प्रतिबंधों से अवगत होना चाहिए और अपने क्षेत्र में सख्ती से पालन करना चाहिए।

प्रत्येक कर्मचारी को अपने स्वयं के कार्यस्थल पर जल संरक्षण के लिए सक्रिय होना चाहिए और अपने नियोक्ता को अन्य प्रभावी तरीकों से जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

स्कूलों, कॉलेजों, कार्यस्थलों, कार्यालयों, संस्थानों आदि में ओरिएंटेशन मैनुअल और प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रत्येक स्टार्टर के लिए जल संरक्षण जागरूकता और सुझाव होना चाहिए।

प्रत्येक समाचार माध्यम जैसे टीवी, समाचार पत्र, रेडियो, एफएम, सामुदायिक समाचार पत्र, बुलेटिन बोर्ड, बैनर आदि पर जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।

लोगों को अपने क्षेत्र में (अपने मालिक, स्थानीय अधिकारियों, जिले के जल प्रबंधन) को टूटी हुई पाइप, गलत छिड़काव, खुले हाइड्रेंट, खाली बहने वाले कुओं आदि के माध्यम से पानी के नुकसान से संबंधित किसी भी समस्या की रिपोर्ट करने के लिए अधिक सक्रिय होना चाहिए।

जल संरक्षण जागरूकता को अत्यधिक विकसित किया जाना चाहिए और विशेष रूप से स्कूलों में जागरूक बच्चों को बढ़ावा देना चाहिए अर्थात राष्ट्र का भविष्य।

स्कूली छात्रों को जल संरक्षण पर प्रोजेक्ट तैयार करने का काम सौंपा जाना चाहिए या किसी प्रतियोगिता जैसे वाद-विवाद, चर्चा, निबंध लेखन या भाषण पाठ के दौरान यह विषय दिया जाना चाहिए।

इसे पर्यटन स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि पर्यटक और आगंतुक जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में जागरूक और समझ सकें।

शिक्षित नागरिक होने के नाते हमें अपने मित्रों और पड़ोसियों को जल के प्रति जागरूक समुदाय में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

सभी को पानी की बचत से संबंधित कार्य करना चाहिए और दिन के अंत तक सख्ती से पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 2 – Short Speech On Save Water In Hindi

महानुभावों, आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों को एक बहुत ही सुप्रभात। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यहां एक साथ आने का मकसद क्या है। मैं प्राकृतिक संसाधनों के विषय पर भाषण देना चाहूंगा। मैं अपने कक्षा शिक्षक का बहुत बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे इस विशेष अवसर पर यहाँ भाषण देने का इतना अच्छा अवसर दिया। प्राकृतिक संसाधन इस धरती पर प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज हैं और हमें यहां जीवन के आसान अस्तित्व के लिए ईश्वर के उपहार के रूप में दिए गए हैं। विश्व भर में संपूर्ण मानव बिरादरी की प्रगति विभिन्न साधनों में विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर करती है। हालाँकि, मानव प्राकृतिक संसाधनों का गलत तरीके से उपयोग कर रहा है जो निश्चित रूप से हमें भविष्य में सभी प्राकृतिक संसाधनों की कुल कमी से पीड़ित होने के लिए प्रेरित करता है। हम संसाधनों का उपयोग केवल अपनी विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कर रहे हैं, बिना उन्हें पुन: उत्पन्न किए। प्राकृतिक संसाधन जैसे पानी, पेड़, जंगल, मिट्टी, कोयला, बिजली, तेल, गैस, परमाणु ऊर्जा, खनिज, वनस्पति, वन्य जीवन आदि किसी भी राष्ट्र के समुचित विकास के लिए बहुत आवश्यक हैं।

प्राकृतिक संसाधन ऊर्जा के रूप हैं या भौतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक आर्थिक आदि जैसे विभिन्न पहलुओं में लोगों की जरूरतों को पूरा करते हैं। सभी प्राकृतिक संसाधन हमें जीवन के विभिन्न साधनों में लाभान्वित करते हैं और साथ ही पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महान भूमिका निभाते हैं। ग्रह। प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं जिन्हें नवीकरणीय संसाधन और गैर-नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है। वे संसाधन जिन्हें प्राकृतिक चक्रों द्वारा वापस प्राप्त किया जा सकता है, नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं। हालाँकि, वे संसाधन जिन्हें प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा फिर से वापस नहीं लाया जा सकता है, उन्हें गैर-नवीकरणीय संसाधन कहा जाता है। मछली, पानी, जंगल, जंगल, फसल, चमड़ा, मिट्टी, सौर ऊर्जा, लकड़ी के उत्पाद आदि जैसे नवीकरणीय संसाधनों का पुनरुत्पादन किया जा सकता है। गैर-नवीकरणीय संसाधन सीमित हैं और इन्हें पुन: उत्पन्न नहीं किया जा सकता है जैसे धातु (जैसे लोहा, जस्ता) , तांबा, आदि), जीवाश्म ईंधन (जैसे कोयला, तेल जमा, आदि), खनिज, लवण (जैसे फॉस्फेट, कार्बोनेट, नाइट्रेट, आदि), पत्थर और बहुत कुछ। एक बार जब हम अपने जीवन में गैर-नवीकरणीय संसाधनों को खो देते हैं, तो हम इसे वापस नहीं पा सकते क्योंकि यह हमेशा के लिए चला गया। गैर-नवीकरणीय संसाधन पुन: प्रयोज्य और गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य हो सकते हैं। एल्यूमीनियम, तांबा, पारा, आदि के अयस्क पुनर्चक्रण योग्य गैर-नवीकरणीय संसाधन हैं और

पृथ्वी पर हमारे जीवन को संभव बनाने के लिए ऐसे सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन बहुत आवश्यक हैं। इसलिए, हमें दोनों प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और संरक्षण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 3-Long Speech On Save Water In Hindi

महानुभावों, मेरे आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्रिय साथियों को सुप्रभात। इतना अच्छा अवसर मनाते हुए मैं आज पानी बचाओ विषय पर भाषण देना चाहूंगा। आशा है कि आप सभी मेरी मदद करेंगे और मुझे अपने भाषण के उद्देश्यों को पूरा करने देंगे। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन में पानी का क्या महत्व है। पानी हमारे शरीर में लगभग सभी प्रक्रियाओं में शामिल होता है जैसे कि पाचन, उन्मूलन, आत्मसात, श्वसन, शरीर का तापमान बनाए रखना आदि। हमारे शरीर की प्यास को दूर करने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। हम भोजन के बिना कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं लेकिन पानी के बिना एक दिन से अधिक जीने की कल्पना नहीं कर सकते। पृथ्वी पर उपयोगी पेयजल (केवल 1%) का स्तर बहुत कम है और अन्य पानी खारा है और जीवित प्राणियों के लिए उपयोगी नहीं है। शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पौधों, जानवरों, सूक्ष्मजीवों, मनुष्य आदि जैसी हर चीज के लिए पानी की आवश्यकता होती है। क्या हम कल्पना करते हैं कि अगर एक दिन में पीने का पानी खत्म हो जाए या प्रदूषित हो जाए तो क्या होगा। हां, यह मुख्य प्रश्न है जिसने सभी की आंखें खोल दी हैं और हम अपने घर, आसपास के क्षेत्र, कार्यालय, स्कूल, कॉलेज आदि हर जगह पर पानी बचाने लगे हैं।

हमें जल संरक्षण की विभिन्न तकनीकों का पालन करके अपने पीने के पानी को अतिरिक्त खर्च के साथ-साथ प्रदूषित होने से बचाना है। आजकल, तकनीकी सुधार और औद्योगीकरण की दुनिया में, सैकड़ों टन विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों (औद्योगिक कचरे के रूप में) के साथ मिश्रित होकर सुरक्षित पानी दैनिक आधार पर एक बड़े स्तर तक प्रदूषित हो रहा है। गंदे पानी को साफ और बैक्टीरियोलॉजिकल रूप से सुरक्षित बनाने के लिए कई जल उपचारों का उपयोग किया जाता है, हालांकि कई बार परीक्षण के बाद कुछ रोगजनक बैक्टीरिया (जियार्डिया और क्रिप्टोस्पोरिडियम) की उपस्थिति के कारण वे अप्रभावी साबित हुए हैं। कभी-कभी जहरीले रसायनों और अकार्बनिक खनिजों की उपस्थिति भी विभिन्न बीमारियों का कारण बनती है। बीमारियों से बचने के लिए बड़ी संख्या में लोग मिनरल वाटर पीने लगे हैं। यदि हम नियमित रूप से अपने पीने के पानी को नष्ट और गंदा करते हैं, तो निश्चित रूप से एक दिन जल्द ही हमें शुद्ध पानी (ऑक्सीजन समृद्ध, मुक्त विषाक्त पदार्थ, रेडियोधर्मी और रासायनिक यौगिकों के रूप में लेबल) मिलेगा। पीने के पानी को बेहतर तरीके से बचाने में मदद करने के लिए यहां कुछ बिंदु दिए गए हैं:

हमें बिना उद्देश्य के पानी को बहाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए। अनावश्यक जल निकासी से बचने के लिए सभी नलों को ठीक से बंद कर देना चाहिए।

बेवजह लॉन की सिंचाई कर पानी बर्बाद न करें। गर्मियों में लॉन को हर 5 से 7 दिन में पानी की जरूरत होती है जबकि सर्दियों में हर 10 से 14 दिन में।

लोगों को यह सत्यापित करना चाहिए कि घर खरीदते समय घर लीक-मुक्त है।

सभी टपकने वाले नलों को वाशर बदलकर जल्द ही ठीक किया जाना चाहिए क्योंकि इससे प्रति वर्ष लगभग 2,700 गैलन पानी की हानि हो सकती है।

टैंक में फूड कलरिंग का उपयोग करके समय-समय पर टॉयलेट टैंक के रिसाव की जाँच की जानी चाहिए (यदि रिसाव होता है तो यह कुछ ही मिनटों में दिखाई देगा)।

शौचालय को कभी भी फ्लश न करें या अनावश्यक रूप से लंबे समय तक शॉवर का उपयोग न करें क्योंकि इससे पानी की भारी कमी हो सकती है।

लोगों को नहाने या कपड़े धोने के लिए आवश्यक मात्रा में ही पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।

हाथ धोते समय, दांतों को ब्रश करते समय या बेसिन पर चेहरा धोते समय पानी को नष्ट न करें, मग पानी का उपयोग करना अच्छा है या साबुन से हाथ रगड़ते समय, दांत साफ करते समय या चेहरा धोते समय नल को बंद रखें।

पानी बचाने के लिए पूरी तरह से लोड होने पर ही स्वचालित डिशवॉशर और कपड़े धोने वाले को संचालित किया जाना चाहिए।

सभी को पीने के पानी को हर बार नल चलाने की बजाय बड़े बर्तन में ज्यादा देर तक रखना चाहिए।

जल बचाओ भाषण – 4

महानुभावों, आदरणीय शिक्षकों और मेरे प्यारे दोस्तों को एक बहुत ही सुप्रभात। मैं आज इस महान अवसर पर जल बचाओ विषय पर भाषण देने आया हूं। मैं अपने कक्षा शिक्षक को इस दिन एक महत्वपूर्ण विषय पर भाषण देने का इतना बड़ा अवसर देने के लिए धन्यवाद कहना चाहता हूं। जल संरक्षण विभिन्न प्रभावी उपायों का पालन करके भविष्य में उपयोग के लिए स्वच्छ और शुद्ध पानी को बचाने की तकनीक है। एक स्थायी संसाधन के रूप में ताजे पानी के प्रबंधन के लिए पानी की सभी मांगों को पूरा करके जीवन की रक्षा के लिए विभिन्न रणनीतियों और गतिविधियों की आवश्यकता होती है। दुनिया भर में इस विशाल आबादी और विशेष रूप से विनिर्माण और कृषि सिंचाई में पानी के लिए लोगों की बढ़ती आवश्यकता के लिए ताजे पेयजल के स्तर को कम करना बहुत गंभीर मुद्दा है। आने वाली पीढ़ियों के लक्ष्य को पूरा करने के लिए जल संरक्षण जरूरी है। यह ऊर्जा के उपयोग को कम करता है क्योंकि जल प्रबंधन के लिए कुल बिजली खपत का लगभग 15% की आवश्यकता होती है। यह स्थानीय वन्यजीवों और प्रवासी जलपक्षी के लिए आवास संरक्षण में भी शामिल है। यह अन्य बांधों या पानी के डायवर्जन इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की आवश्यकता को कम करता है।

ताजे पीने के पानी के संरक्षण के लिए हमें पानी की कमी को कम करने, प्राकृतिक जल की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाने से बचने और जल प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। स्थानीय स्तर पर (नगरपालिका जल उपयोगिताओं या क्षेत्रीय सरकारों) पानी से संबंधित सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए सरकार द्वारा कई जल संरक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। कुछ सामान्य रणनीतियाँ हैं जैसे सार्वजनिक पहुँच अभियान, बाहरी पानी के उपयोग को कम करना आदि।

अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के अनुसार, यह अनुमान है कि अगर सभी के लिए पानी की पैमाइश की जाए तो इससे पानी की खपत 20 से 40% तक कम हो जाएगी। जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए जल मीटरिंग भी आवश्यक है कि मीटरिंग निश्चित रूप से कहीं भी पानी के रिसाव की पहचान और स्थानीयकरण करेगी। यही वह कारगर उपाय है जिसके प्रयोग से जल विभाग समाज के प्रत्येक परिवार द्वारा पानी के उपयोग पर आसानी से निगरानी रख सकता है। घर में पानी की खपत करने वाले विभिन्न उपकरणों जैसे टॉयलेट फ्लश, शावर, स्प्रिंकलर, फव्वारे, वॉशिंग मशीन, डिश वाशर आदि में लोगों द्वारा कम पानी की खपत की जानी चाहिए।

घरेलू उपकरणों में पानी की बचत करने वाली तकनीक होनी चाहिए जैसे लो-फ्लो शावर हेड्स (जिसे एनर्जी एफिशिएंट शावर हेड्स भी कहा जाता है), लो-फ्लश टॉयलेट, कम्पोस्टिंग टॉयलेट, डुअल फ्लश टॉयलेट (पारंपरिक शौचालयों की तुलना में लगभग 67% कम पानी का उपयोग करता है) , नल जलवाहक, कच्चा पानी फ्लशिंग (समुद्र के पानी या गैर-शुद्ध पानी का उपयोग करने वाले शौचालय), पानी का पुन: उपयोग या पानी का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन, उच्च दक्षता वाले कपड़े धोने वाले, मौसम-आधारित सिंचाई नियंत्रक, बाग़ का नली नोजल, हर जगह कम प्रवाह वाले नल , पानी के वाष्पीकरण को कम करने के लिए कवर स्विमिंग पूल, स्वचालित नल, पानी कम मूत्रालय, पानी कम कार धोने, आदि पानी की खपत को काफी हद तक कम कर देता है और सभी घरों में दैनिक आधार पर उपयोग किए जाने पर अधिक पानी बचा सकता है। किसानों द्वारा उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरण भी पानी की बचत करने वाली तकनीक के होने चाहिए ताकि फसलों की सिंचाई करते समय पानी की खपत कम हो सके।

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जल संरक्षण के उपाय

Written by- VicharKranti Editorial Team

Updated on- दिसम्बर 17, 2023

इस लेख(Water saving in Hindi) में हमने जल और जल संरक्षण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर बात की है । हमने जलसंरक्षण क्या है तथा क्यों आवश्यक है जल संरक्षण ? जल संरक्षण हेतु व्यक्तिगत स्तर पर अपनाए जाने वाले विभिन्न उपायों सहित दुनिया में जल की उपलब्धता,कुल जलराशि में से पीने योग्य जल की मात्रा ,जैसे विषयों पर भी बात की है । यह पोस्ट आपकी जल संरक्षण से संबंधित कुछ जिज्ञासाओं का उत्तर देने के साथ ही जल संरक्षण पर निबंध -(Hindi essay on save water) आदि के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा ।

जल जीवन के लिए सबसे आवश्यक तत्वों में से एक है,जल को जीवन का पर्याय बताया गया है। कहा जाता है जल है तो कल है और जल ही जीवन है । लेकिन जिस जल के बारे में ये कसीदे हम पढ़ते हैं क्या जीवन के लिए आवश्यक इस जल के संरक्षण और महत्व (the importance of water conservation) को हम सच में  स्वीकार भी करते हैं। 

हम सभी का ईमानदार उत्तर क्या होगा यह कहने की जरूरत नहीं है ! 

हमारे पूर्वजों ने इसलिए जलाशयों और जलस्त्रोतों को धर्म से जोड़ दिया ताकि हम धर्म के नाम से ही सही, लेकिन जल और जलस्त्रोतों के उपयोगिता और मानव जीवन में उसके महत्व को समझे। इनकी साफ सफाई और रख-रखाव की उचित व्यवस्था करें,जिससे अंततोगत्वा हमें ही लाभ मिले । 

पहले लोग अपने साथ-साथ या कहें तो अपने से अधिक समाज की चिंता करते थे ,और व्यक्ति से बढ़कर समाज, समाज से बढ़कर देश ये बातें सच में चरितार्थ होती थी । 

किसी ने अगर अपने जीवन में बहुत कुछ प्राप्त कर लिया और कुछ धर्म-कर्म का कार्य करना चाहता तो फिर वह  तालाब , बावड़ी, कुएं और अन्य जलस्रोत  का निर्माण करवाता था। 

सामाजिक जीवन में लोग तालाब , बाबड़ी और कुएं  सहित अन्य जलस्रोत के निर्माण को धार्मिक कृत्य समझते थे । यह परोक्ष रूप से उनके द्वारा जल के महत्व का स्वीकरण ही था । लेकिन बदलते दौर में व्यक्ति केन्द्रित समाज की अवधारणा बढ़ी है। लोग अब समाज से अधिक स्वयं की चिंता करने लगे हैं। 

व्यक्ति स्वयं की अधिक चिंता करे यह ठीक भी है, लेकिन यदि हमने हर चीज में समाज से पहले स्वयं को तरजीह देने के चलन को एक स्वीकृत प्रक्रिया में बदलने दिया तो वह दिन दूर नहीं जब प्रकृतिक संसाधनों के दुरुपयोग के कारण मानव जाति के अस्तित्व पर ही प्रश्न चिन्ह  लग जाय ! 

इसलिए यदि जल के बिना जीवन नहीं है, तो इस अमूल्य प्राकृतिक उपहार के संरक्षण और सदुपयोग की चिंता हमें एक समाज और एक व्यक्ति दोनों के रूप में करनी होगी । चलिये जानते हैं जल संरक्षण के विभिन्न आयामों (different dimensions of water saving in hindi) के बारे में..  

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क्या है जल संरक्षण  – What is Water Saving in Hindi

Topic Index

  • 1 क्या है जल संरक्षण –What is Water Saving in Hindi
  • 2 क्यों जरूरी है जल संरक्षण 
  • 3.1 व्यक्तिगत जीवन में जल संरक्षण के उपाय : 
  • 3.2 जल संरक्षण हेतु अन्य उपाय

जल संरक्षण जल को प्रदूषित होने से बचाना और उसके विवेकपूर्ण उपयोग जिसमें जल के उपयोग को यथासंभव कम करना तथा उद्योग,निर्माण  और कृषि जैसे क्षेत्र जहां पुनः चक्रित जल का उपयोग संभव हो, उसके उपयोग को प्राथमिकता और बढ़ावा देने  को ही हम जल संरक्षण कहेंगे । 

विभिन्न आंकड़ों के मुताबिक वैसे तो धरती का 71% भाग जल से घिरा हुआ है , जलच्छादित है लेकिन इस विशाल जलराशि का 97 प्रतिशत जल खाड़ा है ।अर्थात पीने और उपयोग करने के योग्य नहीं है । सिर्फ 3 प्रतिशत जल ही उपयोग के लायक है जिसमें से भी 2 प्रतिशत हिमनदों में बर्फ के विशाल हिमखंडों के रूप में मौजूद है। 

अतएव धरती पर उपलब्ध जलराशि का महज 1 प्रतिशत ही उपलब्ध है इस विश्व के डेढ अरब की आबादी के उपयोग हेतु । जिसका उपयोग हम अपने दैनिक कार्यों के अलावा कृषि , सिंचाई,पशुपालन और कल-कारखाने सहित अन्य कार्यों में भी करते हैं । 

क्यों जरूरी है जल संरक्षण 

जैसा कि हमने ऊपर जाना, फिलहाल पूरे विश्व की जनसंख्या के लिए सिर्फ 1 प्रतिशत जल ही उपयोग के लिए उपलब्ध है। यदि इसके विवेकपूर्ण उपयोग के महत्व को नहीं समझा गया तो वह दिन दूर नहीं जब आबादी का एक बड़ा हिस्सा बूंद-बूंद पानी को तरसे । 

प्रति व्यक्ति पेयजल की उपलब्धता घट रही है जबकि मांग बढ़ रहा है । भूमिगत जल के स्तर में बहुत तेजी से गिरावट हो रही है, जिससे खेती सहित सामान्य जीवन-यापन भी मुश्किल हो रहा है। जलस्रोत से उपभोक्ता तक पहुँचते-पहुँचते जल का पाँचवाँ हिस्सा गटर और नालियों में बह जाता है। 

जैसे जैसे गर्मी बढ़ती है हमारे देश भारत के भी कई हिस्सों में पानी की भारी कमी हो जाती है । महिलाओं को पानी लाने के लिए मीलों का सफर तय करना पड़ता है । लातूर जैसे क्षेत्र में पानी की कमी ,पानी की टैंकर ट्रेन के प्रतीक्षा में लोगों की लंबी-लंबी लाईने और पानी के लिए मार-पीट टीवी चैनलों के लिए सुर्ख़ियाँ बना रहता है। 

अभी भी विकासशील देशों में शहरी आबादी के एक बड़े हिस्से को स्वच्छ पीने लायक पानी नसीब नहीं है, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति में सुधार के लिए प्रयास नहीं किया गया तो पूरी दुनिया में वर्ष 2025 तक लगभग 30 करोड़ लोगों को स्वच्छ पीने लायक पानी नसीब नहीं होगा । डिब्बा बंद बोतलों का कारोबार पूरी दुनिया में लगभग 4 से 6 लाख करोड़ का हो गया है। 

भारत जैसे देशों में जलजनित रोगों के कारण बड़ी संख्या में लोग मर रहे हैं । इसके अलावा यदि इस विषय पर ध्यान नहीं दिया गया तो उत्पन्न पारिस्थितिकीय असंतुलन के कारण अकाल सहित अन्य त्रासदियों का आना आरंभ हो जाएगा जो अंततोगत्वा पूरी मानवता के लिए शुभ नहीं होगा । यही सारे कारण हैं जो जल संरक्षण(water conservation) को अत्यंत महत्वपूर्ण बनाते हैं ।

जल संरक्षण के तरीके 

जीवन के लिए अमूल्य इस जल की सुरक्षा हमारे द्वारा इसे प्रदूषित होने से बचाने और विवेकपूर्ण आवश्यकतानुसार उपयोग पर ही पूरी तरह से निर्भर है। हमारे द्वारा उठाया गया यह कदम इस अमूल्य जीवननीधि जल की उपलब्धता को हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुनिश्चित करेगी। 

वो अंग्रेजी में एक कहावत है न – charity begins at home – तो हमारा आप से अनुरोध है कि इस नेक कार्य की शुरुआत भी आप पहले अपने घर से ही करिए । आगे हम कुछ उपायों की चर्चा कर रहे हैं – जिसको अपना कर के हम जल संरक्षण में अपना योगदान(our contribution in water saving) कर सकते हैं । 

व्यक्तिगत जीवन में जल संरक्षण के उपाय : 

Water conservation measures in personal life: (water saving measures in Hindi)

  • नहाते समय झरनों का उपयोग नहीं करे अथवा बहुत देर तक सिर्फ मजे के लिए स्नान करना बंद कर दें । 
  • कपड़ा साफ करने में यथासंभव वॉशिंग मशीन का उपयोग नहीं करें, क्योंकि इसमें सामान्य हाथों  की धुलाई की तुलना में बहुत अधिक पानी खर्च होता है । यदि वॉशिंग मशीन का उपयोग अनिवार्य ही हो, तो भी केवल एक-दो कपड़ों के लिए नहीं, बल्कि वाशिंग मशीन का उपयोग उसकी पूरी क्षमता भर कपड़ों के लिए करें । 
  • शौचालयों में उच्च गुणवता वाले  Water  efficient धीमा फ्लश लगवाएँ। 
  • घर में नल और अन्य टंकियों  से पानी के रिसाव और टपकने को यथासंभव रोकें ।
  • नालियाँ साफ रखें , नहीं तो इसकी सफाई में भी कई बार काफी मात्रा में पानी बर्बाद हो जाता है। 
  • घर या बाहर का कूड़ा-करकट  किसी भी स्थिति में अपने आसपास के जलस्त्रोत में नहीं फेकें । 
  • पेड़-पौधों में सिंचाई के लिए पाइप की जगह वॉटर कैन का इस्तेमाल करें । 
  • पेड़ पौधे की सिंचाई  सायंकाल में करें, जिससे सिंचाई  में प्रयुक्त जल वाष्पित होकर बेकार न हो, बल्कि पौधे उसका समुचित उपयोग करें। 
  • खेतों में फसलों की सिंचाई में मिट्टी की नालियों की जगह प्लास्टिक पाईपों का उपयोग करें और यदि संभव हो तो इस के बदले फव्वारों वाली ड्रिप तकनीक का इस्तेमाल कर सिंचाई करें। यह अधिक प्रभावी तकनीक है। 
  • घरों में उपयोग कर रहे पानी की टंकियों  के लिए वॉटर ओवर फ़्लो अलार्म का उपयोग करें । 
  • वृक्षारोपण करें- चूंकि वृक्ष  प्रकृति के सबसे बड़े मित्र होते हैं । जहां एक तरफ इससे जलसंरक्षण को बल मिलेगा वहीं मृदा-अपरदन भी कम होगा । 
  • रेनवाटर हार्वेस्टिंग को प्राथमिकता दें तथा जहां भी संभव हो अपने घरों अपने दोस्तों के घरों में इसकी व्यवस्था जरूर करें।
  • आप रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए अपने छत पर गिरने वाली वर्षा जल का संचय और फिर उसका उपयोग कर सकते हैं। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के दो प्रसिद्ध तरीके हैं 1) Roof Top Rain Water Conservation और 2) ferro cement tank – इन तकनीक के उपयोग के द्वारा भी आप जहां जल संरक्षण कर सकते हैं वहीं भूजल के स्तर को बढ़ाने में , भू-जल को रीचार्ज करने में भी अपना योगदान कर सकते हैं। 
  • आरओ वॉटर का दुरुपयोग नहीं करें । शहरों में चूंकि लोग आरओ का ही पानी अधिकतर पीते हैं लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि जहां यह स्वास्थ्य के लिए उतना अनुकूल नहीं है, वहीं एक लीटर साफ आरओ वॉटर के लिए कम से कम तीन लीटर पानी का इस्तेमाल होता है । आपको आरओ का पानी पीना है जरूर पिएं लेकिन अपने गिलास या पानी पीने के पात्र में उतना ही जल लें जितना जरूरी हो । 
  • इसके अलावा आप अपने वॉश बेसिन या अन्य जगहों पर, यदि नल के फ़्लो को कम कर देंगे तो इससे भी पानी के दुरुपयोग में स्वतः ही कमी आएगी। 
  • बाथरूम में आप एक अतिरिक्त बाल्टी भी रख सकते हैं जिससे खास कर गर्मी के मौसम में पानी का दुरुपयोग कम हो । अक्सर गर्मियों में हम ठंडे  पानी से हाथ-मुंह धोने के लिए उससे पहले बहुत सारा पानी बर्बाद कर देते हैं । जिसे एक अतिरिक्त/एक्सट्रा बाल्टी के उपयोग द्वारा कम किया जा सकता है। 
  • इसके अलावा हमारी सलाह यही रहेगी कि छोटे-मोटे प्लमबिंग  के काम खुद भी करना सीख लीजिये । इससे निश्चित ही पानी के दुरुपयोग में कमी आएगी , कम से कम आपके घर में…! क्योंकि कई बार हम मिस्त्री (प्लंबर ) को दिये जाने वाले पैसे के कारण छोटी-छोटी समस्याओं को नज़रअंदाज़ कर देते हैं । 
  • घर के बाहर जब कभी भी कहीं किसी जल्स्त्रोत की टोंटी  या नल या कोई टंकी टपकती हुई मिले तो तुरंत इसकी सूचना वॉटर सप्लाई डिपार्टमेंट के लोगों को दीजिये । 

जल संरक्षण हेतु अन्य उपाय

व्यक्तिगत स्तर पर उठाए गए कदमों के अलावा कुछ ऐसे भी कदम हैं जिनको एक समाज के रूप में यदि अपनाया जाए तो इससे जल संरक्षण के प्रयासों को और अधिक बल मिलेगा ।

  • पानी चूंकि उद्योग धंधों के लिए भी बहुत आवश्यक है और भारी मात्रा में पानी की उपलब्धता उद्योगों के लिए जरूरी है लेकिन उद्योगों में आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देकर पानी की खपत को कम किया जा सकता है । यह जल संरक्षण (towards water saving in hindi) के दिशा में बहुत ही प्रभावी कदम होगा । 
  • शहरों में नगरपालिकाएँ और अन्य स्थानीय निकाय के द्वारा हमारे घरों तक पानी की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जाता है, ऐसे में हमें ध्यान रखा जाना चाहिए कि कोई सप्लाई वॉटर का दुरुपयोग नहीं करें । यदि कोई ऐसा करता हो तो उसे भी ऐसा करने से रोकने का भी समुचित उपाय किया जा सकता है ।
  • यदि संभव हो तो भू-जल प्रबंधन एवं वितरण के प्रभावी उपायों और जल संरक्षण हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम सरकारी तथा सामाजिक या व्यक्तिगत स्तर पर भी चलाया जा सकता है जिसमें सामान्य जन  को जल की महत्ता एवं भविष्य की परिस्थितियों के बारे में बताने का प्रयास हो । 

हमने ऊपर कुल 21 उपायों की चर्चा की है जो जल संरक्षण की दिशा में हमारे और प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाएंगे ।

मित्र! अंत में आप से इतना ही कहना चाहता हूँ कि जल संकट धरती पर जीवन और मनुष्य के अस्तित्व सहित हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संचालन के लिए बहुत ही गंभीर प्रश्न बन कर खड़ा है ! यदि हमने आज इसके बारे में नहीं सोचा ,आज इस प्रश्न से स्वयं को बचाया , तो हमारी यह अनदेखी धरती पर जीवन के अंधकारमय भविष्य की गारंटी होगी इसमें कोई दोराय नहीं हो सकता। 

जल जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर प्रत्येक व्यक्ति का बराबर का अधिकार है । इसलिए किसी को जल के दुरुपयोग की विशेष सुविधा नहीं दी जा सकती । यह हम सब की सांझी संपत्ति है । इसलिए इसकी रक्षा भी हमें पूरे मनोयोग से करनी है और दुरुपयोग करने वाले को प्यार से रोकना भी है।

अंत में आपके लिए इस दोहे के माध्यम से जल संरक्षण के उपायों को अपनाने और विचार क्रांति परिवार से जुड़ने का आह्वान भी करता हूँ –

रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। पानी गये न ऊबरे मोती मानुष चून ॥

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जल बचाओ पर भाषण

Speech on Save Water in Hindi : जल एक महत्वपूर्ण तत्व अर्थात इस पृथ्वी पर जीवित रहने के लिए जल एक महत्वपूर्ण साधन है। जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। जल ही है जो जीवन को बनाए हुए रखे हैं और इस जल को हम इस प्रकार बर्बाद तथा फिजूल खर्च कर रहे हैं, जिससे कि भविष्य में जल की कमी देखी जा सकती है।

Speech on Save Water in Hindi

हम इस आर्टिकल में आपको  जल बचाओ पर भाषण   ( Speech on Save Water in Hind i) के बारे में बेहद सरल भाषा में माहिति प्रदान करेंगे। यह भाषण हर कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

जल बचाओ पर भाषण | Speech on Save Water in Hindi

जल बचाओ पर भाषण (500 शब्द).

आदरणीय प्रधानाचार्य तथा सभी शिक्षक गण और मेरे सहपाठियों को मेरा शुभ प्रभात।

आज जल बचाओ के विषय में हम आपके सामने अपने विचारों को प्रस्तुत करने जा रहे हैं। यह विषय एक ऐसा विषय है, जिस पर सोचना महत्वपूर्ण है। जल एक ऐसा साधन है, जिसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। पृथ्वी पर जीवन का आधार जल है। अर्थात सभी जीव पेड़ पौधे पक्षी मनुष्य सभी के लिए जल अति आवश्यक है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना असंभव है।

जैसा कि हम जानते हैं कि पृथ्वी पर 60 से 70 % पानी उपलब्ध है, इसी कारण से पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है। अन्य ग्रहों पर पानी न होने के कारण जीवन नहीं देखा गया है अर्थात वहां जीवन की संभावना व कल्पना नहीं की जा सकती है। इसी कारण से अन्य ग्रहों पर किसी भी प्रकार की जीवित प्रजाति की होने की पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।

पृथ्वी पर पानी नवीनीकृत स्रोतों से आता है अर्थात पानी का साधन एक साइकिल की तरह चलता है अर्थात समुद्रों से वाष्पीकृत  होकर पानी बादलों में जाता है। बादलों से बारिश के रूप में फिर से पृथ्वी पर आता है। इसी प्रकार से यह प्रक्रिया चलती रहती है और पानी निरंतर पृथ्वी पर बना रहता है। लेकिन पृथ्वी पर 29% स्थल है और 70 से 71% पानी जिसमें से 2 परसेंट पानी पीने के लिए उपलब्ध है। बाकी का पानी समुद्रों में पाया जाता है, जो खारा है।

2% पानी से हम अपने विभिन्न में और दैनिक कार्यों को करते हैं। इस दो पर्सेंट पानी में आज कमी देखी गई है अर्थात भविष्य में यदि इसी प्रकार से पानी की कमी बनी रही तो यह 2%पानी भविष्य के लिए उपलब्ध नहीं रहेगा। इसीलिए हमें पानी को कम खर्च करना चाहिए।

पानी के बारे में सोचें तो यह एक नवीनीकृत स्रोत है और इस नवीनीकृत इस स्रोत को बचाने के लिए हमें चिंतित होना चाहिए। आखिर ऐसा क्यों नहीं हम कर रहे हैं?, हमारे अंदर हमारे मन में ऐसे सवाल उठने चाहिए। इतने कम परसेंट पानी को बचाने के लिए हमें अपने आप को सजग करना चाहिए तथा हमें जिम्मेदार होकर इस पृथ्वी पर पीने के पानी को बचाना चाहिए।

यह सवाल हमारे मन में उठता है कि हम जल बचाओ के बारे में इतनी देर से कैसे सोच सकते हैं?, जो हमारे जीवन का आधार जिस पर हमारा जीवन टिका हुआ है तथा जिससे जीवन संभव है। उसको हम कैसे भूल सकते हैं। उसकी सुरक्षा करना हम कैसे भूल सकते हैं?

आज पानी की निरंतर कमी देखी जा रही है। यदि पीने योग्य पानी गंदा हो गया तो जीवन मौत से भी बदतर लगने लगेगा अर्थात एक मुरझाया हुआ पेड़ के जैसा जीवन हो जाएगा। दूर से देखने पर पानी साफ और अच्छा स्वच्छ लगता है, परंतु उसने विभिन्न प्रकार की गंदगी, धूल तथा इत्यादि प्रकार के कारखानों से निकला हुआ विषैला पदार्थ मिश्रित होता है, जिसे पीने से पशु पक्षी पेड़ पौधे तथा जीव जंतु भी बीमार हो सकते हैं।

यदि हम पीने के पानी को एक सीमित मात्रा में उपयोग करें तथा सभी प्रकार के नियमों कानूनों से पीने के पानी का उपयोग करें तो वास्तव में हमें भविष्य में ऐसे परिस्थितियों का सामना नहीं करना होगा।

मैं अंतिम शब्दों में बस इतना ही कहना चाहूंगा की जल है तो जीवन है और जीवन है तो संसार है। इसलिए जल को बचाएं और संसार को हरा भरा करें।

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सम्मानित प्रधानआचार्य तथा आए हुए अतिथि महोदय और हमारे विद्यालय के समस्त अध्यापकों और सहपाठियों को मेरा शुभ प्रभात।

मैं अभिषेक कुमार, आज विश्व जल दिवस के अवसर पर जल की विशेषता तथा इसकी महत्वपूर्णता को समझाने के लिए अपने शब्दों को आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं। जल एक ऐसा विषय है या एक ऐसा विषय बन जाता है, जब इसकी कमी हो जाती है अर्थात देखा जाए तो पृथ्वी पर जल लगभग एक तिहाई उपस्थित है।

लेकिन हमारे मन में यह सवाल उठता है कि इतना जल उपस्थित है, तो हम इसे बचाने की बात क्यों कर रहे हैं? अर्थात जल एक तिहाई पृथ्वी पर पाया जाता है और एक भाग पर पृथ्वी अर्थात स्थल पाया जाता है।

70 से 71 % पानी पृथ्वी पर है और 29% स्थल है, जिस 70 से 71% पानी में से हमें सिर्फ 1% पानी उपयोग करने के लिए मिलता है अर्थात हम एक पर्सेंट पानी को पीते, नहाते खाना पकाने तथा कपड़े धोने आदि में  उपयोग करते हैं। आज की परिस्थितियों को देखकर ऐसा लग रहा है कि एक प्रश्न पानी में भी कमी देखी जा सकती है और वास्तव में यह कमी देखी गई है।

पानी एक ऐसा विषय बन जाता है, जब इसकी कमी निरंतर बढ़ती जाती है। कुछ वर्षों में इसकी कमी देखी गई है। वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों के अनुसार बताया गया है कि यदि लगभग 20 से 30 साल में पानी बचाओ अभियान के प्रति जागरूकता न दिखाया गया तो इस 1%  पानी की मात्रा घट जाएगी और पृथ्वी पर उपस्थित उपयोगी जल कम हो जाएगा। इस 1% पानी पर पूरा विश्व निर्भर है अर्थात एक पर्सेंट पानी पूरे संसार में उपयोग किया जाता है

लेकिन इस 1%  पानी में 70 से 75 %  पानी फिजूल खर्च तथा ऐसे कार्यों में उपयोग किया जाता है, जो उपयोगी नहीं है। उसमें सिर्फ 25% पानी ही खाने-पीने, नहाने, कपड़े धोने में उपयोग किया जाता है। इस तरह से हम अपने पानी का बचाव नहीं कर सकते हैं। यदि हमें उन्हें इस उपयोगी पानी का बचाव नहीं किया गया तो भविष्य में एक मुख्य तथा भयंकर परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।।

पानी की उपयोगिता बात करें तो मनुष्य का शरीर 75% पानी से मिलकर बना हुआ है अर्थात उसके शरीर में 75 % पानी उपस्थित है। लगभग 42 लीटर पानी मानव के शरीर में पाया जाता है। यदि इस 42 लीटर में यदि 1 से 2 लीटर पानी की कमी होती है, तो उसके शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां, चिड़चिड़ापन इत्यादि जैसी बीमारियां उत्पन्न हो जाते हैं, जो मनुष्य के लिए घातक हो सकती हैं।

आज हम उपयोगी पानी को गंदा करते जा रहे हैं। कारखानों सीवर तथा अन्य कंपनियों से निकलने वाला गंदा तथा विषैला पदार्थ उपयोगी पानी में मिलकर पानी को गंदा करता जा रहा है, जिससे कि वह पीने योग्य पानी न रहकर बड़े-बड़े समुद्रों में चला जाता है।

इस विषय पर हमें सोचना चाहिए तथा इसे बचाने के लिए तथा इस पर खर्च करने के लिए हमारे अंदर सवाल उठने चाहिए कि पानी को हम कैसे बचाये?, कैसे कम से कम कैसे खर्च करें? यह हमारी जिम्मेदारी है और हम पृथ्वी की रक्षा इसी प्रकार अर्थात प्राकृतिक दी हुई वस्तुओं से उसकी रक्षा कर सकते हैं।

मैं अपने आखिरी शब्दों में बस इतना कहना चाहूंगा कि हमें सिर्फ अपने जरूरत के अनुसार ही पानी को लेना चाहिए। हमें उसे उतना ही उपयोग करना चाहिए, जो हमारे लिए उपयोगी है क्योंकि जल में ही जीवन पाया जाता है और जीवन सबसे पहले जल में ही पाया गया था धन्यवाद।

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आदरणीय आए हुए विधायक जी तथा इस विद्यालय के समस्त अध्यापक गण और मेरे प्यारे मित्रों तथा दोस्तों को मेरा नमस्कार।

आज इस पर्व पर मैं एक विशेष विषय पर चर्चा करना चाहूंगा, जो वास्तव में हमारे जीवन से, हमारी पृथ्वी से तथा आम दैनिक कार्यों में उपयोगी वस्तुओं में से है। हां दोस्तों आज हम पानी के विषय में चर्चा करने जा रहे हैं।

जल एक ऐसा तत्व है, जो पृथ्वी पर उपस्थित प्रकृति द्वारा एक सुंदर तथा अत्यंत उपयोगी तत्व दिया गया है। प्रकृति ने हमें जल भरपूर मात्रा में दिया है। पृथ्वी पर लगभग 70 से 71 %  पानी पाया जाता है अर्थात पृथ्वी एक तिहाई भाग जल से घिरा हुआ है और 29 %  में स्थल हैं यानी एक चौथाई भाग में जीवन निवास करता है।

लेकिन इस 70 से 71 % पानी में 1%  पानी भी पीने योग्य है अर्थात 1% पानी को ही उपयोग में लाते हैं। बाकी का पानी समुद्रों में नदियों में उपस्थित है, जिसमें नमक की मात्रा अर्थात खारा पानी है। वह पीने उपयोग नहीं है। एक परसेंट पानी पर इस पृथ्वी पर समस्त जीव जंतु मानव वह पेड़ पौधे निर्भर करते हैं।

लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इस पानी में कमी देखी गई है अर्थात इसकी मात्रा में कमी का आकलन किया गया है, इसका कारण हम लोग हैं अर्थात हम लोग फिजूल पानी तथा अन्धादुन्ध पानी को खर्च करते हैं, जहां पर हमें 1 लीटर पानी की आवश्यकता होती है।

वहां पर हम दो  लीटर पानी को खर्च करते हैं। इस प्रकार पानी में कमी का आकलन करते हुए भविष्य की चिंता जताई गई है। वैज्ञानिकों के अनुसार बताया गया है कि यदि 20 से 30 वर्ष में ऐसी ही स्थिति बनी रही तो उपयोगी पानी में काफी गिरावट देखी जा सकती है, जो मानव तथा जीव जंतुओं के लिए भयंकर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

हम आपको बता दें की हमारा शरीर 75% पानी से मिलकर बना हुआ है अर्थात हमारे शरीर में सभी प्रकार की उपापचय तथा अपचन की क्रियाएं जल से ही संभव होती हैं अर्थात भोजन का पाचन हो या ब्लड का सरकुलेशन या सारी क्रियाएं जल में घुली कर शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचती है।

पानी का बचाव जरूरी है। आने वाले कई वर्षों में यदि हमारी पीढ़ियों को स्वच्छ और साफ पानी न मिला तो शायद इस पृथ्वी पर जीवन की कमी को देखा जा सकता है। यदि आप इस विषय पर नहीं सोच सकते तो आपको कोई वस्तु पहले मिल रहे हो और बाद में उसकी कमी के कारण आप को विभिन्न परिस्थितियों का सामना करना पड़ा हो तो आप उसी स्थान पर अपने आप को रख कर देखिए।

जो आज से लगभग 20 से 30 साल बाद ऐसी स्थिति बनी रहने पर विभिन्न परिस्थितियों का सामना करना पड़े। भविष्य अंधकार की ओर जाने में देर नहीं लगाएगा। भविष्य तथा आने वाले पीढ़ियों के लिए जल बचाओ अभियान कुछ सरकार ने चलाया है अर्थात इसकी जिम्मेदारी हम सभी पृथ्वी वासियों को है।

सभी देश अपने अपने देश में जल बचाओ जागरूकता का अभियान अवश्य चलाएं, जिससे कि पृथ्वी पर उपयोगी जल में कमी की पूर्णता की जा सके और पृथ्वी फिर से अपने अनुसार कार्यों को निरंतर प्रगति पर ला सके।

आज बड़े बड़े कारखानों से निकलने वाला जल उस उपयोगी जल में मिश्रित हो जाता, जिसे हम उपयोग करते हैं। जिसकी कमी से आज उपयोगी जल में कमी देखी गई और इसका सबसे बड़ा कारण मानव जाति द्वारा फैलाई गई गंदगी है, जिसकी भरपाई हम पृथ्वी वासी को ही करनी होगी।

मैं अपने अंतिम शब्दों में बस इतना ही कहना चाहूंगा कि हमें भी फिजूल पानी को बहाना नहीं चाहिए तथा उतना ही पानी उपयोग करना चाहिए, जो हमारे लिए उपयोगी है। जल है तो जीवन है और जीवन है तो विश्व है, इन्हीं शब्दों से मैं अपनी वाणी को विराम देता हूं धन्यवाद।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको  जल बचाओ पर भाषण ( Speech on Save Water in Hindi)  पसंद आये होंगे। इसे आगे शेयर जरूर करें और कोई सुझाव या सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 तक 21 भारतीय शहरों में भूजल यानी ग्राउंड वॉटर के खत्म हो जाने की संभावना है. अगर ऐसा हुआ तो इससे करीब 10 करोड़ लोग प्रभावित होंगे. गौर करने वाली बात तो यह है कि इन शहरों में चेन्नई और दिल्ली जैसे देशों के नाम शामिल है, जोकि जल संकट का सामना कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में चेन्नई शहर से आई तस्वीरें किसी से छिपी नहीं है. कई बार वहां हालात इतने खराब हो गए कि लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हुए. हॉस्टल, आईटी क... और पढ़ें.

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नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 तक 21 भारतीय शहरों में भूजल यानी ग्राउंड वॉटर के खत्म हो जाने की संभावना है. अगर ऐसा हुआ तो इससे करीब 10 करोड़ लोग प्रभावित होंगे. गौर करने वाली बात तो यह है कि इन शहरों में चेन्नई और दिल्ली जैसे देशों के नाम शामिल है, जोकि जल संकट का सामना कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में चेन्नई शहर से आई तस्वीरें किसी से छिपी नहीं है.

africa water crisis

कई बार वहां हालात इतने खराब हो गए कि लोग घरों में रहने के लिए मजबूर हुए. हॉस्टल, आईटी कम्पनीज और होटल सब या तो बंद करने पड़े, या फिर अनियमित तरीके से खोले गए. लोग पानी के लिए हाथा-पाई करते तक देखे गए. ऐसे में अगर जल्द ही इस समस्या पर काम नहीं किया गया, तो स्थिति और खराब हो सकती है. तो आइए आज उन तरीकों को जानते हैं, जिनकी मदद से पानी का संरक्षण संभव है.

Hindi Article

1. हर दिन बालों को शैम्पू करने से बच सकते हैं

अपने बालों को धोने के लिए अतिरिक्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है. ऐसे में वैकल्पिक दिनों में या दो दिन के अंतराल के बाद बाल धोने से बड़ी मात्रा में पानी को बचाया जा सकता है.

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2. दांत ब्रश करते समय नल को बंद रख सकते हैं

दांत ब्रश करने के लिए ज्यादातर लोग नल की टोटी का प्रयोग करते हैं. इस आदत के कारण कई लीटर पानी बेकार बहता है. जबकि, अगर हम इस काम के लिए लोटा या मग का प्रयोग करते हैं, तो महज 1 लीटर पानी में हमारा काम चल सकता है.

3. शावर, टब की जगह बाल्टी से स्नान कर सकते हैं

स्नान करते समय 'बाल्टी' में पानी लेकर शावर, टब में नहाने की तुलना में अधिक जल बचाया जा सकता है. रसोई में भी टब या बाल्टी से बर्तन साफ कर सकते हैं.

4. टॉयलेट फ्लश में रेत से भरी बोतल रख सकते हैं

जल बचाने का यह एक कारगर उपाय है. इसमें अगर हम प्लॉस्टिक की एक बोत में रेत भरकर अपने टॉयलेट के फ्लश की टंकी में रखते हैं, तो उसमें कम पानी भरेगा और कम यूज होगा.

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5. बरसात के पानी को स्टोर कर काम में ला सकते हैं

गांवों, कस्बों में आपने तालाब जरूर देखे होंगे. जिनमें बारिश का पानी आसानी से स्टोर हो जाता है. दुर्भाग्यवश हम तालाबों को पाटते चले गए. परिणाम सबके सामने हैं. ऐसे में तालाब की जगह अगर हम अपने-अपने घरों की छत से नीचे गिरने वाले पानी को ही किसी तरह स्टोर कर लें. तो यह जानवरों के साथ-साथ हमारी कई जरूरतों को पूरा कर सकता है.

renewableenergyhub

6. पौधों को पानी देने के लिए वाटरिंग कैन का प्रयोग

यदि हम पौधों को बाल्टी या मग की मदद से पानी देते हैं, तो हमें अधिक पानी की जरूरत होती है. वाटरिंग कैन का प्रयोग इसमें मददगार होगा. वहीं अगर हम यह काम सुबह-सवेरे करते हैं, तो यह सोने में सुहागा जैसा होगा.

7. वॉशिंग मशीन में एकसाथ कपड़े धो सकते हैं

आमतौर पर हम 2-4 कपड़ों को धुलने के लिए भी वॉशिंग मशीन का प्रयोग करने से नहीं चूकते. जबकि अगर हम तब तक अपने कपड़े न धुले, जब तक वह पूरी तरह से भरी न हो. यह पानी बचाने की दिशा में आपका एक बड़ा कदम होगा.

8. सार्वजनिक स्थलों की टोटियां सही करा सकते हैं

अगर आपके आसपास किसी भी सार्वजनिक स्थल पर नल की टोंटियां खुली या टूटी रहती हैं, तो आप इन्हें सही कराकर. अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर बेकार होने वाले पानी को संरक्षित कर सकते हैं. सर्वाजनिक स्थल पार्क, स्कूल, अस्पताल, मन्दिर, आदि कुछ भी हो सकता है.

9. कार धोते वक्त पाइप के उपयोग से बच सकते हैं

सिर्फ एक बार आप कार को धोने के लिए पानी के पाइप की जगह बाल्टी और एक स्पंज प्रयोग करके देखे. इससे कितनी बड़ी मात्रा में पानी को बचाया जा सकता है. इसका अंदाजा आपको खुद लग जाएगा.

10. पौधों पर कम से कम उर्वरक डाल सकते हैं

इसमें कोई दो राय नहीं कि उर्वरक पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं. मगर वह पानी की खपत को भी बढ़ाते हैं. ऐसे में अगर हम इसका कम से कम प्रयोग करते हैं, तो पानी की मात्रा भी पौधों को कम से कम चाहिए होगी.

Homegardennet

11. जानवरों को बगीचे में स्नान करा सकते हैं

अगर आप अपने पालतू जानवरों को बगीचे में स्नान कराते हैं, तो इससे तीन फाएदे होंगे. पहला तो आपका जानवर नहा लेगा, दूसरा आपके बगीचे को भी पानी मिल जाएगा. तीसरा एक बड़ी मात्रा में आप पानी को संरक्षित करने में कामयाब होंगे.

ये तो महज कुछ एक सरल चीजें हैं. इस सूची में कई और तरीके हो सकते हैं, जिनकी मदद से हम पानी को बचाकर जल संकट से निपट सकते हैं. अगर आप भी किसी ऐसे तरीके को जानते हैं, तो नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं. हम उसे अपने इस लेख का हिस्सा बना सकते हैं.

(इंडिया टाइम्स हिन्दी की ऐसी और स्टोरीज़ के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक , ट्विटर , और इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

सुधीर सिंह

नाम सुधीर सिंह, पता कानपुर और दिमागी उपज नवोदय की है. पढ़ने-लिखने के शौक ने पत्रिकारिता की राह दिखाई. हिस्ट्री, स्पोर्ट्स, लाइफ स्टाइल, वार हीरोज़ की कहानियों के साथ कई सफल इंटरव्यू कर चुके हैं. शहर में गांव जैसे रहते हैं और ज़ुबान पर तमाम किस्से-कहानी रखते हैं.

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जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi

आप इस पोस्ट में जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi पढेंगे। साथ ही पानी बचाने के आवश्यकताओं और उपायों के बारे में भी हमने विस्तार से बताया है। यह लेख हमें जल के महत्व को समझाता है। इसको हमने स्कूल और कॉलेज के बच्चों के लिए 1500+ शब्दों मे लिखा है।

आईये शुरू करते हैं – जल संरक्षण पर निबंध हिन्दी में

Table of Contents

प्रस्तावना Introduction

ईश्वर ने हमें पांच महत्वपूर्ण तत्व दिए हैं जल, वायु, अग्नि, आकाश, और पृथ्वी। कभी कल्पना की है कि इन पांच तत्वों में से एक तत्व ना रहे तो क्या होगा? जी हाँ ! हर एक तत्व का एक अलग महत्व है जिसमे से जल का एक बहुत ही अनमोल महत्व है। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी ‘जल ही जीवन है’।

जल संरक्षण क्या है? What is Conservation of Water in Hindi?

स्वच्छ और पेयजल का व्यर्थ बहाव ना करते हुए उसको सही तरीके से उपयोग में लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं। जल के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है। 

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी है जिसका 96.5 प्रतिशत नमकीन या समुद्री पानी है और मात्र 3.5 प्रतिशत ही पीने लायक पानी है। इससे यह साफ़ पता चलता है कि आने वाले वक्त में मनुष्य के लिए जल का कितना बड़ा अभाव होने वाला हो। इसलिए हमें आज से ही जल संरक्षण का कार्य शुरू करना होगा।

जल संरक्षण का काम किसी नेता या सरकारी संस्थान का काम नहीं है। इसे हमें घर-घर से शुरू करना होगा। अगर हम शुरू करेंगे तो धीरे-धीरे हमें देख कर हमारे आसपास के लोग और आने वाली पीढ़ी भी सीखेंगे।

जल संरक्षण का महत्व Importance of Water Conservation in Hindi

हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए। धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है। पृथ्वी पूरे ब्रह्मांड में मात्र एक ऐसा ग्रह है जहां पानी और जीवन आज की तारीख तक मौजूद है।

पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़- पौधे, जीव- जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।

आईये एक-एक करके जानते हैं हमें जल संरक्षण की ज़रुरत क्यों है?

जल संरक्षण की आवश्यकता क्यों है? Why to Conserve Water in Hindi?

  • मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता है। यह पानी बचाने का सबसे बड़ा कारण है।
  • शहरी क्षेत्रों में लोगों को पानी की बहुत किल्लत होती है। इसका सबसे बड़ा कारण प्रदूषण है और बढती जनसंख्या है। परन्तु जिस प्रकार आज सरकार ने पानी का बिल लेना शुरू कर दिया है और बाजारों में पीने का पानी तेज़ी से बिक रहा है यह साफ़ पता चलता है की पेयजल में तेज़ी से कमी आ रही है।
  • पीने का पानी कम होने के कारण लोग अशुद्ध पानी का सेवन कर रहे हैं जिसके कारण मनुष्य को बड़ी-बड़ी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • बड़े-बड़े किसान अधिक लोभ के कारण ज्यादा-ज्यादा से बोरेवेल खुदवा रहे हैं जिससे वे भू-जल का ज्यादा भाग गर्मियों के महीने में कृषि के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसका सीधा असर पृथ्वी के जल स्तर पर पड़ रहा है और कुछ वर्षों की अच्छी खेती के बाद उनकी धरती बंजर होते जा रही है।
  • मनुष्य को पानी की आवश्यकता हर क्षेत्र में है जैसे पीने, भोजन बनाने, स्नान करने, कपड़े धोने, फसल उगाने, आदि के कार्य में।
  • जल की कमी से प्रकृति का संतुलन बुरी तरह से बिगड़ते जा रहा है जो पृथ्वी के हर जीव को संकट की और लेते जा रहा है।

जल संकट के कारण Reasons of Water Crisis in Hindi

  • हमारे देश में औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और खनिज संपदा का बड़ी मात्राओं में विद्रोहन तथा कल कारखानों के विषैले रासायनिक अवशिष्टओ का उत्सर्जन होने से जल संकट निरंतर बढ़ रहा है इससे ना तो खेती-बाड़ी के लिए पर्याप्त पानी मिल पा रहा है और ना ही पेयजल की आपूर्ति हो पा रही है।

जल संकट के प्रभाव Effects of Water Crisis in Hindi

जल संकट के कारण तालाब सरोवर एवं कुएं सूख रहे हैं, नदियों का जलस्तर घट रहा है और जमीन का जलस्तर भी लगातार कम होते जा रही है, जिसके कारण अनेक प्रकार के जीव जंतु एवं पादपों का अस्तित्व मिट गया है, खेतों की उपज घट गई है और वन भूमि सूख रही है तथा धरती का तापमान लगातार बढ़ते जा रहा है। इस तरह से जल संकट का दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

जल संरक्षण के उपाय How to Conserve Water in Hindi?

  • फ़ैक्टरी व कारख़ानों से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे वह अशुद्ध पानी, शुद्ध पानी के जल स्रोतों से ना मिल जाये।
  • समरसेबल पंप से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है। हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना की हमें जरूरत है।
  • सार्वजनिक स्थलों पर लगाए गए पानी की टंकियों को ऑटोमेटिक करना चाहिए जिससे शुद्ध जल की बर्बादी ना हो सके।
  • हम सभी को जागरूक नागरिक की तरह जल संरक्षण का अभियान चलाते हुए बच्चों और महिलाओं में जागरूकता लानी होगी। स्नान करते समय हमें शावर टब का प्रयोग ना करके बाल्टी में पानी लेकर नहाना चाहिए जिससे हम बहुत जल बता सकते हैं।
  • रसोई में जल की बाल्टी या टब में बर्तन साफ करें तो पानी बहुत बचाया जा सकता है।
  • ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा वर्षा जल संचयन के प्रोजेक्ट शुरू किये जाने जाने चाहिए।
  • गांव कस्बों और नगरों में छोटे बड़े तालाब बनाकर वर्षा जल का संरक्षण किया जाए।
  • नगरों और महानगरों में घरों कि नालियों में पानी को गड्ढा बनाकर एकत्रित किया जाए और पेड़ पौधे की सिंचाई के काम में लाया जाए तो साफ पानी की बचत की जा सकती है।
  • यदि प्रत्येक घर के छत पर वर्षा जल का भंडार करने के लिए एक या दो टंकी बनाया जाए और उन्हें मजबूत जालिया फिल्टर कपड़े से ढक दिया जाए तोहर नगर में जल संरक्षण किया जा सकेगा।
  • घरों मुहल्लों और सार्वजनिक पार्कों स्कूलों अस्पतालों दुकानों मंदिरों आदि में नली की टोटियां खुली या  टूटी रहती है, तो अनजाने ही प्रतिदिन हजारों लीटर जल बेकार हो जाता है। इस बर्बादी को रोकने के लिए नगर पालिका एक्ट में टोंटियों की चोरी को दंडात्मक अपराध बनाकर, जागरूकता भी बढ़ानी होगी।
  • विज्ञान की मदद से आज समुद्र के खारे जल को पीने लायक बनाया जा रहा है। गुजरात के आदि नगरों और प्रत्येक घर में पीने के जल के साथ-साथ घरेलू कार्यों के लिए खारे जल का प्रयोग करके शुद्ध जल का संरक्षण किया जा रहा है। इसे बढ़ावा देना चाहिए।
  • गंगा तथा यमुना जैसी बड़ी नदी की सफाई करना बहुत जरूरी है। बड़ी नदियों के जल का शोधन करके पेयजल के रूप में प्रयोग किया जा सके। शासन प्रशासन को लगातार सक्रिय रहना होगा।
  • जंगलों को काटने से हमें दोहरा नुकसान हो रहा है। पहला यह कि वाष्पीकरण ना होने से वर्षा नहीं हो पाती है तथा भूमिगत जल सूख जाता है। बढ़ती हुई जनसंख्या और औद्योगिकीकरण के कारण जंगल और वृक्षों के अंधाधुन काटने से भूमि की नामी लगातार कम होते जा रही है, इसीलिए वृक्षारोपण लगातार किया जाना चाहिए।
  • पानी का दुरुपयोग हर स्तर पर कानून के द्वारा प्रचार माध्यमों से प्रचार करके तथा विद्यालयों में पर्यावरण प्रदूषण की तरह जल संरक्षण विषय को अनिवार्य रूप से पढ़ाकर रोका जाना जरूरी है। अब समय आ गया है कि केंद्रीय और राज्यों की सरकारों जल संरक्षण को नए विषय बनाकर प्राथमिक से उच्च स्तर तक नई पीढ़ी को बताने का कानून बनाएं।

जल संरक्षण पर 10 लाइन 10 lines on Conservation of Water in Hindi

  • स्वच्छ  और पेयजल का व्यर्थ बहाव न करते हुए उसको सुनिश्चित तरीके से उपयोग मे लाकर जल के बचाव की ओर किए गए कार्य को जल संरक्षण कहते हैं।
  • हम सभी को जल के महत्त्व को और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझने चाहिए।
  • धरती पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए जल का संरक्षण और बचाव बहुत जरूरी होता है, क्योंकि बिना जल के जीवन संभव नहीं है।
  • पृथ्वी पर हर चीजों को पानी की जरूरत होती है जैसे पेड़ पौधे, जीव जंतु, कीड़े, इंसान और अन्य जीवित चीजें।
  • हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने, कृषि आदि जैसी हर गतिविधियों में पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए पानी बचाने के लिए केवल हम ही जिम्मेदार हैं।
  • पेयजल की कमी होने से लोग इसका उपयोग कम से कम करें। शुद्ध जल कम होने के कारण लोगों को बड़ी बड़ी बीमारियां शुरू हो जाएगी।
  • धरती के अंदर जल का स्तर कम होने से धरती बंजर होने लगेगी और धीरे-धीरे करके चटकना शुरू कर देगी जो भूकंप जैसे हालातों को बढ़ावा देती है।
  • फैक्ट्री व कारखाने से निकलने वाले गंदे पानी को एक सुनिश्चित जगह पर निर्धारित कर दिया जाना चाहिए, जिससे साफ पानी गंदा ना हो।
  • समरसेबल पंपों से निकलने वाले पानी को हम सब जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं जो कि गलत है, हमें उतना ही इस्तेमाल करना चाहिए जितना हमें जरूरत है।

निष्कर्ष Conclusion

अंत में बस में कहूँगी –

जल है तो जीवन है और जीवन है तो पर्यावरण है पर्यावरण से धरती है और धरती से हम सब हैं

जल को जीवन का आधार मानकर समाज में नई जागृति लाने का प्रयास किया जाए। अमृत जल जैसा जनजागरण किये जाए। जल चेतना की जागृति लाने से जल संचय एवं जल संरक्षण की भावना का प्रयास होगा तथा इससे धरती का जिवन सुरक्षित रहेगा।

जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi) आपको कैसा लगा कमेंट के माध्यम से बताइये और हमारे साथ जुड़े रहें।

2 thoughts on “जल संरक्षण पर निबंध Essay on Conservation of Water in Hindi”

Fantastic and very nice

Very very fantastic essay on conservation of water

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दा इंडियन वायर

जल बचाओ धरती बचाओ पर निबंध

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By विकास सिंह

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जल मानव जाति के लिए सबसे आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन के पहले निशान पानी में पाए गए थे। हमारे ग्रह का लगभग 70% हिस्सा पानी से ढका है और पृथ्वी पर जीवन पानी के बिना असंभव है।

विषय-सूचि

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (200 शब्द)

हम हर जगह यह सुनते रहते हैं कि भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हमें पानी बचाना चाहिए लेकिन हम इसे हमेशा हल्के में लेते हैं। जब से हम सुबह उठते हैं और जब तक हम रात में सोते हैं तब तक हमें पानी की आवश्यकता होती है और कई तरीकों से पानी का उपयोग करते हैं।

वास्तव में पानी के बिना हमारे दिन की कल्पना करना असंभव है। लेकिन हर कदम पर हम इसे बहुत बर्बाद कर रहे हैं। हमें स्कूलों में पढ़ाया जाता है कि हमारे ग्रह का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है, लेकिन यह सब हमारे उपयोग के लिए फिट नहीं है इसलिए हमें पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए।

हमारी सरकार और अन्य जागरुकता पैदा करने वाले संगठनों के पास समय है और फिर से हमें जल संरक्षण के महत्व के बारे में शिक्षित करने का प्रयास किया है। ऐसे कई तरीके हैं जिनके द्वारा हम अपने दैनिक जीवन में पानी बचा सकते हैं। उपयोग न होने पर नल को बंद करने जैसे सरल कार्य, कपड़े धोने में पानी का पुन: उपयोग करने की कोशिश करना, शॉवर के बजाय बाल्टी का उपयोग करना कुछ ऐसे तरीके हैं जिनके द्वारा हम बहुत सारा पानी बचा सकते हैं।

अगर हम समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाएंगे तो जल्द ही हमें पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। मनुष्य पानी के बिना जीवित नहीं रह सकता है और यह केवल हम ही हैं जो इसे सबसे अधिक बर्बाद कर रहे हैं। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पृथ्वी को बचाने के लिए हमें पानी बचाने की जरूरत है।

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पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (300 शब्द)

प्रस्तावना:.

माँ प्रकृति ने हमें अपने कई उपहारों के साथ बहुतायत में दिया है और उनमें से एक तरल देने वाला जीवन है; पानी। हमारे पास कई रूपों में इतना पानी है कि हम प्रकृति के इस उपहार की सराहना करना भूल गए हैं। हम मानव इस अद्भुत उपहार का दुरुपयोग करने के बजाय दुरुपयोग कर रहे हैं। यह उच्च समय है कि हम महसूस करते हैं कि हमें अब जल संरक्षण की दिशा में कुछ गंभीर कदम उठाने होंगे। हमें पानी बचाना होगा ताकि भविष्य के लिए हमारे पास पर्याप्त हो।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ:

स्वच्छ जल अभी भी भारत के कई दूरदराज के क्षेत्रों में एक लक्जरी है। कई को अपने परिवार के लिए दो बाल्टी स्वच्छ पानी पाने के लिए हर दिन किलोमीटर तक चलना पड़ता है। दूसरी तरफ हम में से कई ऐसे हैं जो हर दिन निर्दयतापूर्वक पानी बर्बाद करते हैं। स्वच्छ पेयजल की पहुँच प्राप्त करना प्रत्येक नागरिक का अधिकार होना चाहिए।

हमें पानी के महत्व को समझना होगा और इसके अभाव से जुड़ी समस्याओं के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए। हमें अपने बच्चों को शिक्षित करना चाहिए कि वे पानी का उपयोग बहुत समझदारी से करें और भविष्य के लिए बचत करें। हम स्वच्छ पानी को भी दूषित करते हैं जो इसे पीने के उद्देश्यों के लिए अयोग्य बनाता है। हमारी सरकार द्वारा पानी की बचत के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए जल संरक्षण पर विभिन्न परियोजनाएं शुरू की गई हैं, फिर भी कई पानी की कमी के कारण पीड़ित हैं।

निष्कर्ष:

हम सभी जानते हैं कि पानी के बिना जीवन का अस्तित्व नहीं रहेगा फिर भी हम इसे संरक्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाते हैं। हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी बचाना हमारा कर्तव्य बन जाता है। अगर पानी नहीं होगा तो धरती से सबकुछ गायब हो जाएगा। न पौधे होंगे, न जानवर होंगे, न फसलें उगेंगी, और हम बच नहीं पाएंगे। इसलिए हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब हम जागें और अपने कार्यों में संशोधन करें।

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जल बचाओ धरती बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (400 शब्द)

हमारी धरती मां ने हमेशा हमारी रक्षा की है और हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि हमें वह सब कुछ मिले जिसकी हमें जरूरत है। मानव जाति के हित के लिए सभी प्राकृतिक संसाधन मौजूद हैं। लेकिन दुख की बात है कि बदले में हमने इन संसाधनों का केवल शोषण और दुरुपयोग किया है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है जो सभी जीवन रूपों की आधारशिला है।

यह माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन का पहला रूप पानी में पैदा हुआ था। यह स्पष्ट तरल जीवित दुनिया की रीढ़ के रूप में चलता है। हमने इस संसाधन का न केवल दुरुपयोग किया है, बल्कि इसे दुर्लभ भी बना दिया है। हमने नदियों, समुद्रों को प्रदूषित किया है और भूमिगत जल के स्तर को भी बिगाड़ दिया है।

पानी बचाओ धरती बचाओ:

हम पानी के बिना पृथ्वी पर जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं इसलिए हमें महसूस करना चाहिए कि यह बहुत महत्वपूर्ण है। शोध के अनुसार यह ज्ञात है कि पृथ्वी पर सभी पानी के ताजे पानी का केवल 1% है। हम इंसान इसे किसी भी चीज की तरह बर्बाद कर रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब पानी सोने जैसा महंगा होगा। ऐसे कई तरीके हैं जिनमें हम नीचे दिए गए पानी की बर्बादी में योगदान दे रहे हैं-

  • उपयोग में न होने पर नल को खुला छोड़ना।
  • जरूरत न होने पर लॉन और पार्कों में पानी छिडकाव करना।
  • पानी का पुन: उपयोग नहीं करना: अधिकांश पानी का पुन: उपयोग किया जा सकता है इसलिए बहुत अधिक बचत की जा सकती है।
  • नदियों और अन्य जल निकायों को प्रदूषित करना।
  • अनियोजित जल प्रबंधन।
  • वनों की कटाई से भूमिगत जल की हानि भी होती है।

हमें यह भी याद रखना चाहिए कि हमारे शरीर का लगभग 70% हिस्सा पानी है, अगर पृथ्वी पर पर्याप्त पानी नहीं है तो हम जीवित कैसे रहेंगे। हम अपने दैनिक कार्यों में इतना पानी बर्बाद करते हैं जैसे कि कार, सब्जियां, कपड़े आदि धोना।

जल्द ही एक ऐसा समय आएगा जब हमारे अस्तित्व के लिए बहुत कम या कोई पानी नहीं होगा। पहले से ही बहुत कम पानी है जो उपयोग करने के लिए फिट है और शेष को भस्म होने से पहले शुद्धिकरण की एक लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। हमें ऐसे तरीकों की आवश्यकता है जहां पानी का उचित प्रबंधन किया जाना चाहिए।

यह सही समय है कि हम महसूस करते हैं कि हम अपने लिए एक बहुत बड़ी समस्या पैदा कर रहे हैं और परिणाम ऐसा होगा कि हम उनसे निपटने में सक्षम नहीं होंगे। पानी के बिना पूरा जीवित राज्य मर जाएगा और जल्द ही हमारे पास बंजर धरती होगी। धरती माता को बचाने के लिए पानी को जगाओ और बचाओ।

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पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (500 शब्द)

हमारी माँ प्रकृति ने हमें कई उपयोगी उपहारों से नवाज़ा है और पानी उनमें से एक है। हमारे पास पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में पानी की आपूर्ति उपलब्ध है और प्रकृति इसके उपयोग के लिए कोई शुल्क नहीं लेती है। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि हम मनुष्य के रूप में यह महसूस नहीं करते हैं और इस उपहार को ग्रहण करते हैं।

हम प्रतिदिन बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करते हैं, हम जल निकायों को प्रदूषित करते हैं, और हम इस अद्भुत उपहार का दुरुपयोग करते हैं। इस दुनिया में अभी भी कई गाँव हैं जहाँ लोग कई किलोमीटर ऊपर चलते हैं और रोज़ाना ताज़े पानी का उपयोग करते हैं। हम जानते हैं कि पानी हमारे अस्तित्व के लिए अत्यधिक आवश्यक है, फिर भी हम इसके दुरुपयोग को रोकने में विफल हैं। नतीजा यह है कि दिन-ब-दिन ताजा पानी दुर्लभ होता जा रहा है और इससे हमारे अस्तित्व को बड़ा खतरा है।

पानी बचाने का महत्व:

इस तथ्य में कोई रॉकेट साइंस नहीं है कि पानी को बचाना बहुत जरूरी है अन्यथा हम नहीं जी पाएंगे। जल इस पृथ्वी पर सभी जीवन रूपों के लिए आधार और नींव है। हालाँकि हमें लगता है कि पृथ्वी पर पानी पर्याप्त है लेकिन हमें इस बात का एहसास नहीं है कि पानी एक असीम संसाधन नहीं है। अगर हम जल्द ही पानी के संरक्षण के प्रयास नहीं करेंगे तो मीठे पानी की आपूर्ति समाप्त हो जाएगी। सरकारी अधिकारियों और हमारे नागरिकों के लिए भी जल संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता पर होना चाहिए।

पानी के संरक्षण से हमारे समाज पर कई सकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। ताजे पानी की भूमिगत आपूर्ति की निकासी में शहरीकरण के परिणाम में वृद्धि। इससे खेती और सिंचाई आदि जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों के लिए कम पानी उपलब्ध होता है।

यदि हम पानी का संरक्षण करते हैं तो हम अपने खेतों के लिए पर्याप्त पानी रख पाएंगे और फसलें बेहतर होंगी। पानी बचाने का मतलब यह भी नहीं है कि पेड़ों को काट दिया जाए क्योंकि जड़ें भूमिगत जल की मेज पर टिक जाती हैं। पानी बचाने के प्रयास में हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाने होंगे और बदले में हम एक हरियाली पैदा करेंगे।

अगर हमें पानी बचाना है तो हमें जलस्रोतों की भी रक्षा करनी होगी। नदियों और समुद्रों में हमारे द्वारा होने वाले प्रदूषण की मात्रा खतरनाक रूप से अधिक है और यह जलीय जीवन को मार रही है। हमें जल प्रदूषण को तुरंत रोकना चाहिए और हमारे द्वारा प्रदूषित नदियों को साफ करने का प्रयास करना चाहिए। एक अच्छा जलीय पारिस्थितिकी तंत्र हमारे लिए एक बेहतर ग्रह बना देगा। पानी का संरक्षण भी पृथ्वी ग्रह पर जीवन में एक उचित संतुलन सुनिश्चित करेगा।

हमें महसूस करना चाहिए कि हालांकि हमारे पास प्रकृति द्वारा पानी की मुफ्त आपूर्ति है, लेकिन यह जिम्मेदारी की एक बड़ी लागत के साथ आता है। पानी बचाने को लेकर बहुत बड़ा अभियान है लेकिन हम कभी इस पर ध्यान नहीं देते हैं। इस देश के नागरिकों के रूप में हमें अपने बच्चों और युवा पीढ़ी को जल संरक्षण के महत्व के बारे में सिखाना चाहिए। ज्ञान को पास करना महत्वपूर्ण है ताकि भविष्य को बचाया जा सके। अगर हमने समय पर बचत शुरू नहीं की तो जल्द ही ताजा पानी खत्म हो जाएगा और हम मर जाएंगे।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (600 शब्द)

हर दिन हम पानी बचाने के विज्ञापनों और अभियानों को सुनते हैं। हमारे आस-पास हर कोई हमारे लिए चिल्ला रहा है लेकिन क्या हम वास्तव में सुन रहे हैं। क्या हमने कभी इस समस्या के बारे में गंभीरता से सोचा है? पानी सबसे कीमती मुफ्त उपहारों में से एक है जो प्रकृति ने हमें प्रदान किया है।

हम अपने आसपास हर जगह बहते पानी की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति करते हैं और हम इसे प्राप्त करने के लिए अपनाते हैं। पानी हमारे अस्तित्व के लिए अत्यधिक आवश्यक है और संपूर्ण जीवित राज्य इस पर पूरी तरह निर्भर करता है। जल का अपव्यय विश्व भर में सबसे आम समस्याओं में से एक है।

मनुष्य दैनिक आधार पर बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद करता है और यह अब प्रमुख चिंताओं में से एक बन गया है। इस दिशा में कई अभियान शुरू किए गए हैं लेकिन वे उतने उपयोगी साबित नहीं हो रहे हैं जितने होने चाहिए। हमारी सरकार ने भी पानी के संरक्षण के लिए विभिन्न कार्यक्रम और पहल शुरू की हैं, लेकिन जब तक हम लोगों को समस्या की गंभीरता का एहसास नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं होगा।

जल अपव्यय का प्रभाव:

पानी की बर्बादी का हम पर कई हानिकारक प्रभाव पड़ता है। हम दिन-प्रतिदिन तरल देने वाले बहुमूल्य जीवन को खो रहे हैं। पानी की बर्बादी का एक बड़ा प्रभाव यह है कि पानी की मेज कम हो रही है। पानी की मेज भूमिगत पानी की मात्रा है जो एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

पानी की बर्बादी भी कृषि गतिविधियों को नुकसान पहुंचाती है। हम जानते हैं कि पानी फसल की खेती के प्रमुख हिस्सों में से एक है। अच्छी फसल के लिए उचित सिंचाई बहुत ज़रूरी है इसलिए अगर हम पानी बर्बाद करते हैं तो किसानों को इस्तेमाल करने के लिए बहुत कम पानी बचा है।

बहुत अधिक अपव्यय भी व्यक्तिगत उपयोग के लिए बहुत कम पानी बचा है। हमें अपने दिनभर के कामों के लिए पानी की जरूरत होती है। पर्यावरणविदों की मानें तो जल निकायों का प्रदूषण भी एक प्रमुख चिंता है। हम कीमती जलीय जीवन भी खो रहे हैं। पानी को बर्बाद करके हम प्रकृति के पारिस्थितिक संतुलन को भी बिगाड़ रहे हैं।

पानी को संरक्षित करने के तरीके:

ऐसे कई तरीके हैं जिनसे हम पानी बचाने के लिए अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन के लिए आवेदन कर सकते हैं:

ब्रश करते समय नल बंद कर दें और आवश्यकता पड़ने पर ही इसका उपयोग करें। शावर की बजाय बाल्टी से स्नान करें, इससे बहुत सारा पानी बच सकता है। आपके घर में जो भी पानी का रिसाव है उसे ठीक करें। हाथ धोते समय नल बंद कर दें।

कपड़े धोने में जो पानी आपने इस्तेमाल किया है, उसका दोबारा इस्तेमाल करने की कोशिश करें। साबुन के पानी का आसानी से उपयोग किया जा सकता है। धोने वाली कारों में कम पानी का उपयोग करें। सब्जियों को धोने के लिए कम पानी का उपयोग करें।

लॉन की नली को ज्यादा देर तक न चलने दें। जल निकायों को प्रदूषित न करें। एक पेड़ लगाओ, यह बहुत उपयोगी होगा। बिजली का संरक्षण करें क्योंकि कई बिजली संयंत्र पनबिजली पर चलते हैं। इसलिए बिजली बचाने से आपको बदले में पानी बचाने में मदद मिलेगी।

हालाँकि हम सभी इस तथ्य से अवगत हैं कि पानी की बर्बादी गलत है लेकिन हम में से बहुत कम लोग इसे गंभीरता से लेते हैं। हमें जल संरक्षण के महत्व को समझना होगा और हमें पानी की बचत के लिए कदम उठाने चाहिए। इतना ही नहीं, हमें अपने बच्चों को उनके छात्र जीवन में संरक्षण के महत्व के बारे में भी सिखाना चाहिए ताकि वे अपना भविष्य बचा सकें।

पानी बचाओ पृथ्वी बचाओ पर निबंध, save water save earth essay in hindi (1000 शब्द)

माँ प्रकृति द्वारा दिए गए सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है पानी। यह न केवल महत्वपूर्ण है बल्कि इस ग्रह पर सभी जीवित प्रजातियों के अस्तित्व के लिए एक आवश्यकता है। यह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए एक रीढ़ की हड्डी के रूप में कार्य करता है।

जीवन का समर्थन करने के अलावा, पानी एक माध्यम के रूप में भी काम करता है जो जैव विविधता को पनपने और पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। हमें भाग्यशाली महसूस करना चाहिए कि पृथ्वी एकमात्र ज्ञात ग्रह है जिसमें पानी और ब्रह्मांड में जीवन के सभी ज्ञात रूप हैं।

यह मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है कि वे चीजों को ग्रहण करना शुरू कर देते हैं और यही बात इस बहुमूल्य प्राकृतिक उपहार के साथ भी हुई है। लोग अंतिम परिणाम के बारे में सोचे बिना अपने दैनिक कार्यों के दौरान बहुत अधिक पानी बर्बाद करते हैं। मीठे पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं और यदि हम अभी नहीं जागे हैं तो हमें कार्य करने में बहुत देर हो सकती है। इस प्रकार यह महत्वपूर्ण है कि हम पानी के संरक्षण के लिए कठोर कदम उठाएं और अपने ग्रह को बंजर होने से बचाएं।

पानी क्यों बचाएं:

यह एक सामान्य प्रश्न है कि जब हमें पहले से ही महासागरों, समुद्रों, नदियों, झीलों आदि जैसे विशाल जल निकायों को पानी की बचत करनी चाहिए, तो हम पूरी तरह से स्वीकार करते हैं कि पृथ्वी की सतह का लगभग 71% हिस्सा पानी से ढंका है, लेकिन वास्तविकता यह है कि केवल 1% यह मानव उपभोग और उपयोग के लिए फिट है। इसके अलावा, ताजा और साफ पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं और जो उपलब्ध हैं वे भी प्रदूषण और प्रदूषण से ग्रस्त हैं।

एक और मुद्दा बढ़ती जनसंख्या है जो स्वच्छ पेयजल के स्रोतों पर असाधारण रूप से उच्च मांग उठाती है। तेजी से औद्योगिकीकरण और शहरीकरण ने पानी के इन स्रोतों पर भी दबाव डाला है। इन सभी कारकों ने भूजल स्तर में गिरावट और जल निकायों के प्रदूषण के लिए अग्रणी उच्च मांगों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों में झुलसा देने वाली बारिश और सूखे ने समस्या को और बढ़ा दिया है।

अगर ये चीजें बिना किसी नियंत्रण के चलती रहीं तो बहुत जल्द दुनिया में पानी का भारी संकट हो सकता है। भविष्य में इस मुद्दे का पूर्वानुमान लगाते हुए यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम खुद ही कार्रवाई करना शुरू कर दें। यह महत्वपूर्ण है कि हम लोगों को पानी की कमी के दुष्प्रभाव और हमारे ग्रह और जीवन पर इसके प्रभाव के बारे में जागरूक करें।

पृथ्वी पर जीवन के लिए पानी कितना महत्वपूर्ण है:

पानी पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पानी के कारण ही पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है। ब्रह्मांड में पानी दुर्लभ वस्तु है और जहां भी यह मौजूद है वहां निश्चित रूप से जीवन के कुछ रूप होंगे। यह पानी के कारण है कि जीवन पृथ्वी पर और कहीं और पनपा है।

अन्य ग्रहों पर पानी खोजने के लिए कई स्थान अभियान शुरू किए गए हैं क्योंकि यह माना जाता है कि अगर पानी है तो जीवन की संभावना भी हो सकती है। मानव शरीर में 57-60% पानी होता है और हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि पानी की कमी इंसान के सामान्य स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित कर सकती है। पृथ्वी पर सभी प्रजातियाँ पूरी तरह से पानी पर निर्भर हैं और यदि पृथ्वी पर पानी उपलब्ध नहीं होगा तो यह हमारे सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तरह बंजर भूमि भी बन सकती है।

पानी की बचत धरती को कैसे बचाएगी:

अल्प वर्षा और सूखे के कारण दिन-प्रतिदिन ताजा जल स्रोत घट रहे हैं। नदियों और झीलों में मौजूद पानी का उपयोग शहरी आबादी की मांगों को पूरा करने में भी किया जा रहा है। जल निकायों के प्रदूषण और प्रदूषण ने मानव उपभोग के लिए कई जल स्रोतों को अनुपयुक्त बना दिया है।

अगर इन चीजों को नियंत्रित नहीं किया जाता है और पानी के संरक्षण के लिए कोई कदम नहीं उठाया जाता है, तो यह पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर देगा। पानी के संरक्षण से हमें कई तरह से लाभ होगा और उनमें से कुछ नीचे वर्णित हैं:

पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करें:  पानी का संरक्षण हमारी भावी पीढ़ियों के लिए ताजे पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा। यह पृथ्वी पर मनुष्यों के साथ-साथ अन्य प्रजातियों के अस्तित्व को बनाए रखने में मदद करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखेगा।

भूजल की पुनः पूर्ति करें:  प्रकृति के पास अपने संसाधनों को फिर से भरने का अपना तरीका है। पानी की बचत से भूजल पर दबाव कम हो जाएगा जिससे वर्षा और भूमिगत जल नदी धाराओं द्वारा धीरे-धीरे फिर से भरने में मदद मिलेगी।

वनस्पति का समर्थन करें: भूजल में वृद्धि से वनस्पति को बनाए रखने में मदद मिलेगी जो पौधों और पेड़ों की तरह प्रमुख रूप से भूजल पर निर्भर करती है। पृथ्वी पर उपलब्ध अधिक वनस्पति इस प्रकार पानी के चक्र को संतुलित करने से पृथ्वी पर अधिक पानी को रखने में मदद करेगी।

वंचित क्षेत्रों को पानी की उपलब्धता कराना:  जितना अधिक हम पानी का संरक्षण करते हैं, उतना ही यह उन क्षेत्रों के लिए उपलब्ध हो जाता है जो पानी की आपूर्ति से वंचित हैं, जिससे आबादी को स्वच्छ और सुरक्षित पानी तक पहुंच बनाने में मदद मिलती है। दूषित जल के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या को कम करने के लिए स्वच्छ जल तक पहुंच भी मदद करेगी।

हम विभिन्न तरीकों से पानी की बचत कर सकते हैं और इसके लिए वास्तव में माँ प्रकृति की जिम्मेदारी और देखभाल की आवश्यकता है। एक साथ उठाए गए हमारे छोटे कदमों से न केवल हमें फायदा होगा, बल्कि यह हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी पृथ्वी को रहने के लिए बेहतर जगह बनाएगा। हमें पानी को बचाने की आदत डालनी चाहिए और न केवल अपने घरों में बल्कि अपने इलाकों, समाज कार्यालयों आदि में भी इसकी बर्बादी से बचना चाहिए।

हमें जल बचाओ, पृथ्वी बचाओ के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए और लोगों को यह एहसास कराना चाहिए कि पानी की कमी हमें और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को कैसे प्रभावित कर सकती है। यदि हम कारण के लिए एक साथ एकजुट होते हैं और पानी की बचत की आदत को अपनी दिनचर्या में शामिल करते हैं तो दुनिया में पानी की कमी नहीं होगी और सभी को सुरक्षित और साफ पानी तक पहुंच होगी।

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इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Save Water Save Life Essay in Hindi – जल बचाओ जीवन बचाओ

Save Water Save Life Essay in Hindi : दोस्तो आज हमने जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध अथवा जल संरक्षण पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।

Save Water Save Life Essay in Hindi – जल बचाओ जीवन बचाओ

जल पृथ्वी पर मनुष्य के अस्तित्व का एक अत्यधिक आवश्यक हिस्सा बन गया है। इस प्रकार, पानी के महत्व की तुलना हवा के महत्व से की जा सकती है। सभी जीवित जीव चाहे वह इंसान हों, जानवर हों या पौधे हों। हर कोई पूरी तरह से ताजा और पीने योग्य पानी पर निर्भर करता है। इस प्रकार, पानी बचाने पर निबंध एक जीवन बचाने के लिए मानव के लिए पानी के कुछ अज्ञात और महत्वपूर्ण लाभों में एक अंतर्दृष्टि है।

Save Water Save Life Essay in Hindi

हवा के बाद पृथ्वी पर पानी शायद दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पदार्थ है। पीने के अलावा पानी के अन्य फायदे भी हैं। इस प्रकार, इसमें खाना पकाना, कपड़े धोना, सफाई करना आदि शामिल है। पानी इंसान के अस्तित्व का महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं है। इसके अलावा, यह पेड़ और पौधों के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अतिरिक्त, यह कृषि के साथ-साथ विभिन्न अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए आवश्यक एक कीमती तत्व है।

वर्तमान में, ग्लोबल वार्मिंग से संबंधित सबसे बड़ी समस्या पृथ्वी पर एक विशाल जल ह्रास है। यह मुख्य रूप से विभिन्न स्थानों पर हो रहे पानी के दुरुपयोग के कारण होता है। वर्तमान परिदृश्य में, पानी की बातचीत के फार्मूले को समझना महत्वपूर्ण है और इस प्रकार पानी की बचत होगी। क्योंकि शुद्ध जल संसाधन हमारी सभी आवश्यकताओं के लिए प्राथमिक स्रोत हैं। और जब यह मूल्यह्रास हो जाता है, तो यह मानव के लिए भारी तबाही की स्थिति पैदा कर सकता है।

पानी बचाने की जरूरत है

वर्तमान में, दुनिया में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जो भूजल और खराब वर्षा के कारण पानी की अत्यधिक कमी का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में, भूजल दूषित है या इसका अत्यधिक उपयोग किया गया है। इस प्रकार, इन कारकों से सूखे की स्थिति पैदा होती है और इन क्षेत्रों में पानी की कमी होती है। इसके अलावा, शहरीकरण और औद्योगीकरण ने उन समस्याओं को जोड़ा है जहां आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए भूजल का अत्यधिक उपयोग किया गया है।

500+ Essays in Hindi – सभी विषय पर 500 से अधिक निबंध

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार, 1 में से लोगों के पास सुरक्षित पीने के पानी तक पहुंच नहीं है। इसे देखते हुए, भविष्य में जल संकट अपरिहार्य प्रतीत होता है। इसके अलावा, यह पानी के संरक्षण के लिए एक तत्काल कार्य योजना का आह्वान करता है ताकि आज की पीढ़ियों के लिए कीमती संसाधन को बचाया जा सके।

पानी बचाने की पहल

यह पहल पानी के संरक्षण में मदद और बढ़ावा दे सकती है । साथ ही, यह लोगों में पानी के महत्व के बारे में जागरूकता फैला सकता है। इसके अतिरिक्त, जल बचाओ अभियान लोगों को यह महसूस करने में मदद करता है कि ताजा और शुद्ध पानी के स्रोत बहुत सीमित हैं। इसलिए, अगर यह अधिक उपयोग किया जाता है कि संभावना है कि वे आबादी की बढ़ती मांगों को पूरा करने में सक्षम नहीं होंगे। इस अभियान के माध्यम से, हम लोगों के बीच लाभों के बारे में जागरूकता पैदा कर सकते हैं और पानी का संरक्षण कर सकते हैं और उसका उपयोग कर सकते हैं।

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13 best ways to save water

97.5% of the world’s water is locked in seas and oceans, too salty for human use. And most of the remaining 2.5% is in the ice caps.

So we humans depend on the tiny bit available as fresh water – an essential  natural resource  for life. That's why we need to ensure water is kept free from pollutants and save water where we can.

But we don't just use water for drinking. We wash in it, clean with it, and use it to produce everything from clothing to food. Crop production – including feed for livestock and biofuels – is putting a great strain on fresh water supplies, and sewage and agricultural run-off are plaguing are rivers and lakes.

Save water, save our planet

Our water comes from rivers, lakes and reservoirs.

Climate breakdown  is one of the biggest drivers of water shortages and is expected to heap even more pressure on our depleting supplies. People in England are facing shortages by 2050 unless we save water fast – according to the UK Environment Agency.

What's more, pollutants like sewage and farm run-off are causing havoc in rivers and lakes, like Lake Windermere in Cumbria (pictured). In 2023 alone, 440,000 hours of sewage was released along England's coastline. 

Green algae bloom at the side of a lake by a wooden pontoon

Our top tips on how to save water

Tap wasting water

1. Turn off the taps

Don't let your water  consumption  run out of control. Save 6 litres of water a minute by turning off your tap while you brush your teeth.  Fix leaky taps  too – and stop what could be 60 litres of water going straight down the drain every week.

shower head with water

2. Shower with less

Every minute you spend in a power shower uses  up to 17 litres of water  . Set a timer on your phone to keep your showers short, sweet and water-saving.

Switching to an efficient shower head will allow you to lather up in less water, which means you'll save water and cut your bills.

Holding overflowing washing basket at laundrette

3. Save up your dirty clothes

Washing a full machine load of clothes uses  less water and energy than 2 half-loads  . This means lower bills as well as saving water.

4. Call for a new law

We can each do our small bit to save water at home, but we need to be able to hold polluters accountable for damaging our rivers, lakes and seas. In 2023, sewage was poured into the UK's waterways 1,000 times a day.  

Friends of the Earth is calling for a new law that would force polluters to clean up their act: the Right to a Healthy Environment. 

Sewage flowing from a pipe into the sea

5. Time your gardening

Water outdoor plants in the early morning or at the end of the day to stop water immediately evaporating in sunlight and heat. Water the soil so that the liquid goes straight to the roots, where it’s needed.

In a heatwave, animals need water too. Instead of watering your lawn, leave out a water-filled container, like a casserole dish, for birds to drink from and wash. Thirsty bees and other insects will need a saucer or bowl with water and stones in it.

A group of children watering the plants

6. Catch rainwater

Installing water butts  saves up to 5,000 litres of water a year  . And your plants will thank you for rainwater rather than treated tap water.

You can also cut water use by 33% by watering plants manually instead of using automatic sprinklers.

ceramic frog sitting on tiny toilet surrounded by toilet roll

7. Get a low-flush toilet

The average UK household uses about 30% of all water used to flush the toilet . Modern dual-flush systems save huge amounts of water. They use just 6 litres – or 4 with a reduced flush – much less than the 13 litres for each old-style single flush.

If you can't invest in a new loo, get a  water-saving bag for your old-style toilet  .

Photo of plastic-free kitchen sink

8. No more washing up

Got a dishwasher? Fill it up completely each time you run it and you'll use less water than you would doing the dishes by hand. Yes, even if you're using a washing-up bowl. What better excuse to go and have a nice sit down?

Find out more about the  most water- and energy-efficient ways to run your appliances  from the Energy Saving Trust.

9. Reduce food waste

It takes a lot of water to produce our cereal, fruit and other food.

More than half of the 7 million tonnes of food and drink UK households bin every year could be eaten. Wasting less food could not only save water, but also save you  £540 a year.

Get some handy advice from  Love Food Hate Waste  , or get inspired by  high-tech solutions to food waste  from around the world.

pile of wasted food

Never miss a thing...

Keep up to date with our campaigns and how you can get involved, including whether you can help with a donation

Old red metal kettle with small red metal cup

10. Boil what you need

Save water, money and energy by only boiling as many cups of water as you need.

preparing vegetarian meal, chopping beets, peeling pears; potatoes, carrots and celery on a wooden board

11. Steam your veggies

Steam your food to cut water usage and retain more of the natural nutrients.

If you do boil, try using the leftover water as a tasty stock for soups . Or let it cool and use it to water plants.

A burst pipe with water

12. Be plumbing prepared

Regularly check your kitchen pipes and the dishwasher hose for slow leaks.

Find out where your household stop valve is and make sure that you can turn it on and off. You'll thank us if you ever have a burst pipe, because you'll be able to cut off the flow before it floods the house.

Find a contact number for your water supplier  , so that if you find a leak you can let them know and stop water being wasted.

13. Quality and seasonal eating

Rearing animals for meat and dairy and harvesting crops like avocado at a large and unsustainable scale is incredibly water-intensive. By  cutting down on meat and dairy  and eating seasonal vegetables you'll be helping to save water.

You'll also be helping to protect the climate. The  m eat and dairy industries are big contributors to global warming.

Food and drink on outdoor table

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A car park with car submerged after flooding in York, 2020.

Is it possible to stop flooding?

Near me screenshot

Near me Do you want to make a meaningful difference where you live?

Empty glass bottles in a crate, waiting to be returned for reuse/recycling

7 benefits of recycling

Chickpeas in sieve in bowl next to lemon, onions, chillies mint and stock cube

5 ways to cook chickpeas and why chickpeas are so good

Friends of the Earth is the world’s largest grassroots environmental network. Do they work near you?

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जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध (Save Water Save Life Essay in Hindi)

पृथ्वी पर जीवन के लिए जल का होना बहुत ही आवश्य है क्योंकि जल भी वायु के तरह ही मानव जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। सभी जीवित जीव फिर चाहे वह मनुष्य हो या फिर दूसरे जीव-जन्तु हो या पेड़ पौधे सभी अपने जीवन के लिए ताजे पानी पर निर्भर करते हैं। इसी जल बचाओ पृथ्वी बचाओ विषय पर हमने आप के लिए छह निबंध तैयार किये हैं, जोकि आपके काफी काम आयेंगे। इसके साथ ही इन निंबधों में जल संरक्षण के तरीकों और आवश्यकता के विषय में भी बताया गया है। इन निबंधों को तैयार करते वक्त इसमें हमें जल सरक्षण की आवश्यकता क्यों है? तथा जल संरक्षण के लिए चलाये जाने वाले अभियान, जल संरक्षण का महत्व जैसे विषयों को ध्यान में रखा है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Long and Short Essay on Save Water Save Life in Hindi, Jal Bachao Jivan Bachao par Nibandh Hindi mein)

आप अपनी आवश्यकता अनुसार जल बचाओ जीवन बचाओ विषय पर दिये गये इन निबंधो का उपयोग कर सकते हैं। इन निबंधो के माध्यम से हमने जल के महत्व, जल संरक्षण क्यों आवश्यक है, जल का क्या महत्व है, जल संरक्षण जागरुकता के लिए कौन से विभिन्न तरीके है, जल सरंक्षण के क्या तरीके है, जीवन के रक्षा के लिए जल कैसे बचाये, हमें जल बचाने की आवश्यकता क्यों है, जल को जीवन क्यों कहा जाता है, जल संरक्षण अभियान क्या है जैसे प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास किया है।

जल के महत्व पर निबंध 1 (200 शब्द)

वायु के बाद जल वह दूसरा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन है जो पृथ्वी पर जीवन के लिए सबसे आवश्यक है। पीने के अलावा जल का कपड़े धोने, खाना बनाने, साफ-सफाई करने जैसे अन्य कई कार्यों के लिए भी उपयोग किया जाता है। पानी मनुष्यों और जीव-जन्तुओ के साथ ही पेड़-पौधों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है। जल जैसी हमारी यह महत्वपूर्ण प्राकृतिक संपदा कृषि के साथ ही उद्योगों के लिए भी बहुत ही आवश्यक है।

जल का महत्व

पृथ्वी पर जीवन के शुरुआत से ही जल एक बहुत ही महत्वपूर्ण संसाधन रहा है और यहीं कारण है कि विश्व की सभी प्रमुख सभ्यताओं का उदय नदियों के किनारे ही हुआ है। भारत के कई बड़ो शहरों के विकास में नदियों का काफी बड़ा योगदान रहा है क्योंकि नदियों के रास्ते परिवहन का कार्य काफी सुगमता से हो जाता है। आज के समय में वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभवनाओं की तलाश कर रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां पानी का कुछ जमा हुआ अंश और वायु में नमी मिली है। इस विषय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम कहीं भी जल द्वारा ही जीवन की संभवना की परिकल्पना करते है, यहीं कारण है कि जल को जीवन भी कहा गया है।

पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी जल काफी महत्वपूर्ण है, जैसे कि समुद्र से वाष्पित हुआ पानी, वायु में मिलकर बादल बन जाता है। जब बादल समुद्र से मैदानी इलाकों में पहुंच कर ठंडा होता है तो यह पानी में बदल जाता है और वर्षा के रुप में नदियों तथा जल स्त्रोतों को भर देता है।

जल बचाओ जीवन बचाओ :  जल संरक्षण के महत्व पर निबंध 2 (300 शब्द)

जल बचाओ जीवन बचाओ का यह नारा अब हमारे लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय बन चुका है। यह तो हम सब जानते है कि पृथ्वी पर जीवन के लिए जल भी वायु के समान ही काफी आवश्यक है लेकिन इस विषय में सबसे चिंता की बात यह है कि पृथ्वी पर स्वच्छ ताजे पानी की मात्रा दिन-प्रतिदिन घटती ही जा रही है। पानी के कमी के कारण विश्व भर में सूखा, कई तरह की बीमारियां, प्राकृतिक प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याएं बढ़ती जा रही है परन्तु इस विषय की सबसे दुखद बात यह है कि लोग अभी भी जल संरक्षण के महत्व को लेकर पूर्ण रुप से जागरुक नही हो रहे है।

जल संरक्षण का महत्व

प्रकृतिक चक्र पूर्ण से जल पर निर्भर करता है क्योंकि जबतक जल वाष्प बनकर वायु में नही मिलेगा तब तक वर्षा नही होगी। जिसके कारण फसलें खराब हो जायेंगी और इसकी सबसे बुरी बात यह होगी की इसके कारण सूखे की समस्या भी उत्पन्न हो जायेगी। प्रत्येक जीवित व्यक्ति चाहे फिर वह मनुष्य हो, जानवर हो या फिर पेड़-पौधे सभी को पानी की आवश्यकता होती है और हमारे द्वारा यह पानी सिर्फ पीने के लिए ही नही उपयोग किया जाता है बल्कि की कपड़े धोने, पोछा लगाने, खाना पकाने और कृषि कार्यों तथा पावर प्लाटों  जैसे औद्योगिक कार्यों में भी उपयोग किया जाता है।

भारत के कई सारे क्षेत्रों में ताजे पानी की उपलब्धता या तो बहुत कम है या फिर बिल्कुल ही नगण्य है। इन जगहों पर लोगों को अपने दैनिक कार्यों के लिए पानी लाने के लिए मीलों दूर तक जाना पड़ता है। पीने का यह पानी सभी जीवित व्यक्तियों के लिए काफी महत्वपूर्ण है और यदि हमने अभी भी इसके संरक्षण को लेकर कार्य नही किया तो आने वाले समय में हमारे अस्तित्व पर भी संकट आ जायेगा।

शहरीकरण में जल का उपयोग

ज्यादेतर शहर नदियों के किनारे बसे होते हैं क्योंकि प्रत्येक उद्योग को विभिन्न प्रकार के उत्पादन के लिए जल की आवश्यकता होती है, फिर चाहे वह कपड़ा बनाने का कार्य हो, धोने का कार्य हो, ठंडा करने का कार्य हो या फिर घोलने का हर काम में पानी की आवश्यकता होती ही है। इसके अलावा जल का सबसे बड़ा उपयोग बिजली बनाने में भी किया जाता है।

पृथ्वी पर मौजूद असंख्य प्राकृतिक संसाधन जल के सहायता से ही निर्मित होते है, ताजा और पीने का पानी हमारा सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक है जो हमारे स्वस्थ्य जीवन को बरकरार रखता है। बिना जल सरंक्षण किये, पृथ्वी पर जीवन को अब और नही बचाया जा सकता है, इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम जल संरक्षण के कार्यों को लेकर और भी संजीदा हो, ताकि हमारे ग्रह पर जीवन ऐसे ही फलता-फूलता रहे।

जल बचाओ पृथ्वी बचाओ : जन जागरुकता पर निबंध – 3 (400 शब्द)

पृथ्वी के सभी जीवों के लिए जल एक बहुमूल्य संपदा है और इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। यह कहना काफी दुखद है कि भले ही पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढंका हुआ हो लेकिन फिर भी हमारे ग्रह से दिन-प्रतिदिन पीने का स्वच्छ पानी समाप्त होता जा रहा है। यहीं कारण है कि कई सारे देशों में जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे विषय को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है।

जन जागरुकता लाने के लिए उठाये जा सकने वाले विभिन्न कदम

वर्तमान समय में लोग जल संसाधनों में कमी, गिरते भूजल स्तर, सूखे और वर्षाजल संरक्षण जैसे विषयों को लेकर कई तरह की बाते कर रहे है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा भूजल संसाधनो के दोहन का है, जोकि आज के समय में एक वैश्विक समस्या बन गया है। हमें हमेशा से ही बताया जाता है कि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जिसका हम सेवन कर सकते है बाकि का जल समुद्री पानी के रुप में मौजूद है। जिसका हम प्रत्यक्ष रुप से सेवन नही कर सकते है।

इस समस्या को सुलझाने के लिए हमें सभी लोगों में सामाजिक जागरुकता लाने की आवश्यकता है क्योंकि आज के समय में पूरा विश्व ही जल रिक्तिकरण की इस समस्या से जूझ रहा है।

  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 22 मार्च के दिन “विश्व जल दिवस” मनाया जाता है, इसके अंतर्गत लोगों को ताजे पानी के संसाधनो के प्रबंधन के विषय में समझाया जाता है।
  • भारत सरकार भी जल संसाधनों के सही संरक्षण और प्रबंधन को लेकर लोगों में कई सारे जन जागरुकता अभियान चला रही है।
  • भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर लोगों को जागरुक करने के लिए कई सारे विभाग बनाये गये हैं। इसके अलावा इस कार्य के लिए मंत्रालय भी है, जिसका नाम ‘पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय’ है जो गंगा तथा अन्य नदियों के सफाई का कार्य करती है।
  • केंद्रीय भूजल बोर्ड द्वारा भी भूजल संरक्षण, वर्षा जल संग्रहण और कृत्रिम पुनरभरण को लेकर कई सारे कार्यक्रम चलाये जाते है।
  • आध्यत्मिक गुरु “श्री जग्गी वासुदेव” ने लोगों में “रैली फार रीवर” जैसे अभियान चलाकर लोगों में जागरुकता लाने का प्रयास किया है। उन्होंने नदीयों को फिर से जीवंत करने के लिए नदियों के किनारे कम से कम एक किलोमीटर तक पेड़ लगाने का सुझाव दिया है। इसी तरह सरकारी भूमि या फिर कृषि भूमि के किनारे भी पेड़ लगाये जा सकते है। इसे तरह से लगाये गये यह पेड़ सुनिश्चित करेंगे कि हमारी नदियों को पूरे साल नम मिट्टी उपलब्ध हो। यह बाढ़, सूखे के कारण होने वाले मिट्टी के कटाव को भी कम करेगा जो कि अंततः किसानों की आय में वृद्धि करेगा।

हम सभी को अपने जीवन में जल के इस महत्व को समझना होगा क्योंकि इसके कमी के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं बहुत ही गंभीर होंगी। इस विषय को लेकर सरकार और कई सारे एनजीओ भी लोगों में जागरुकता फैलाने का कार्य कर रहें है। इसीलिए हमारे ग्रह पर उपलब्ध यह जल बहुत ही बहुमूल्य है और हमें इसे किसी प्रकार से व्यर्थ नही करना चाहिए।

जल संरक्षण करो जीवन बचाओ निबंध – 4 (500 शब्द)

ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्पन्न हुई सबसे बड़ी समस्या भारी मात्रा में जल का ह्रास होना है और इसका एक दूसरा मुख्य कारण जल का दुरुपयोग करना भी है। आज के समय में यह काफी जरूरी है कि हम जल बचाओ जीवन बचाओ जैसे वाक्य के अर्थ को समझे। ताजा पानी हमारे उन तमाम जरूरतों में से सबसे मुख्य है, जो हमारे स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है।

जल संरक्षण करने के क्या – क्या तरीके हैं?

पृथ्वी पर भंयकर सूखे जैसे जल संकट को टालने के लिए हमसब को जल का कम से कम और अच्छे तरीके से उपयोग करना होगा। इस निबंध में हमने इस बात पर प्रकाश डालने की कोशिश की है जल संरक्षण कैसे किया जाय, जिससे की वातावरण की सुदंरता को ऐसे ही बरकरार रखा जा सके। अगर इन बातों पर हम गंभीरतापूर्वक गौर करेंगे तो हमें पता चलेगा कि यह कार्य कोई बहुत मुश्किल नही है। सर्वप्रथम हमें इसकी शुरुआत अपने दैनिक कार्यों से करनी होगी।

हमारे युवा पीढ़ी को “जल बचाओ पृथ्वी बचाओ” के इस फार्मूले को अच्छे से समझने की आवश्यकता है। अगर हम चाहें तो अपने छोटे-छोटे कार्यो द्वारा सैकड़ो गैलन पानी बचा सकते है। ऐसे ही कुछ तरीकों के विषय में यहां बताया गया है, जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में अपना सकते है।

  • हमें अपने दैनिक गतिविधियों के दौरान थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए जैसे कि हांथ धोते वक्त, मंजन करते वक्त, दाढ़ी बनाते वक्त पानी के नल को बंद कर देना चाहिए। ऐसा करके हम लदभग 160 गैलन पानी प्रतिमाह बचा सकते है।
  • नहाने के समय फुहारे के जगह बाल्टी तथा मग का इस्तेमाल करके भी हम काफी मात्रा में पानी बचा सकते है।
  • पौधों को दोपहर के जगह सुबह और शाम के समय पानी देना पानी बचाने के कार्य में एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है, इसके साथ ही बरसात के मौसम में वृक्षारोपड़ करके हम पौधे लगाते समय खर्च होने वाले पानी को काफी कम कर सकते है।
  • हमें अपने घरों में किसी तरह के पानी के लीकेज को तत्काल रुप से ठीक कराना चाहिए, ताकि इससे होने वाली पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
  • कार धोने के लिए पाईप के इस्तेमाल से काफी मात्रा में पानी नष्ट हो जाता है, इसलिए हमें इसके स्थान पर बाल्टी का उपयोग करना चाहिए।
  • वाशिंग मशीन और डिश वाशर का उपयोग करते समय हमें उन्हें पूर्ण रुप उनके अधिकतम क्षमता का उपयोग करना चाहिए तभी इनके द्वारा हम पानी का के बर्बादी को रोक सकते है।
  • अपने घरों में पानी के पुनरावृत्ति के लिए हमें हमेशा सही फैसला लेना चाहिए ताकि हमेशा जल संरक्षण के इस कार्य को किया जा सके और सही मात्रा में पानी को बचाया जा सके।

जल संरक्षण एक ऐसा कार्य है, जिसके द्वारा हम प्रकृति के साथ ही अपने भविष्य को भी सुरक्षित कर सकते है। जैसा कि हम जानते है पृथ्वी पर दिन-प्रतिदिन पानी का स्तर गिरता जा रहा है, जिसके कारण पर्यावरण भी काफी बुरे तरीके से प्रभावित होता जा रहा है। यह हमारे लिए काफी सहायक होगा यदि हम जल संरक्षण और जल की शुद्धता बनाये रखने के तरीकों के विषय में सीख ले। इसके द्वारा ना सिर्फ हम अपने जीवनस्तर में सुधार लायेंगे बल्कि अपने आने वाले पीढ़ीयों का भविष्य भी सुनिश्चित कर पायेंगे।

हमारे ग्रह पर उपलब्ध वर्तमान जल के स्थिति को देखते हुए, हमें जल का एक-एक कतरा बचाने की आवश्यकता है। जैसा कि हम जानते हैं कि हमारे ग्रह का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 3.5 प्रतिशत ही ताजा पानी है, जोकि हमारे पीने के लिए उपयुक्त है। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की महत्वता को समझे और इसके संरक्षण के लिए प्रयास करें ताकि भविष्य में हमारे आने वाले पीढ़ीयों तक भी स्वच्छ जल की उपलब्धता बनी रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ और पृथ्वी बचाओ पर निबंध – 5 (600 शब्द)

पृथ्वी पर उपलब्ध सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से जल सबसे प्रमुख है क्योंकि इसका उपयोग मनुष्य, जीव-जन्तु, पेड़-पौधे जैसे सभी जीवित जीवों द्वारा किया जाता है। हमें हमारे हर दैनिक कार्य के लिए पानी की आवश्यकता होती है और इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते है। हमें पीने, खाना पकाने, नहाने, कपड़े धोने जैसे सभी कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही हमें कृषि, उत्पादन उद्योगों, विभिन्न प्रकार के रसायन उद्योगों, पावर प्लांट तथा कई अन्य औद्योगिक कार्यों के लिए पानी की आवश्यकता पड़ती है। परन्तु दुर्भाग्य से विश्व भर में पानी के कमी की समस्या विश्व भर में बढ़ती जा रही है।

जल बचाओ जीवन बचाओ पृथ्वी बचाओ

पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवों के लिए जल सबसे जरूरी वस्तु है। सभी जीवों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। जैसे-जैसे जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जल का उपयोग भी बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा शहरीकरण के कारण पेड़ो की संख्या भी तेजी से घटती जा रही है, जिसके कारण प्रदूषण, कई क्षेत्रों में सूखे, फसलों के नुकसान और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं में तेजी से वृद्धि होती जा रही है। इसलिए यह वह समय है जब हमें जल संरक्षण के कार्यों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके।

पानी की कमी

हमने विश्व के विभिन्न भागो में पानी के कमी के कई सारी खबरें सुनी है। यहां हम बतायेंगे की आखिर पानी की कमी क्या और कैसे होती है। यह वह समस्या होती है जब स्वच्छ और ताजे पानी की काफी कमी हो जाती है। कुछ तथ्यों से पता चला है कि विश्व की एक तिहाई आबादी जो लगभग 2 अरब के करीब है, उसे वर्ष में करीब एक महीने पानी के कमी जैसी समस्या से जूझना पड़ता है। इसके साथ ऐसा अनुमान है कि लगभग 50 करोड़ लोगों को पूरे वर्ष पानी के कमी का सामना करना पड़ता है। अब इस बात की पुष्टि भी हो चुकी है कि साउथ अफ्रीका का केपटाउन शहर विश्व का वह पहला बड़ा शहर होगा जहां जल्द ही पानी खत्म हो जायेगा।

पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन फिर भी ऐसा क्यों है कि हमारे उपर यह गंभीर जल संकट मंडरा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि विश्व का लगभग 96.5 प्रतिशत पानी समुद्री पानी के रुप में मौजूद है, जोकि खारा होता है और हमारे सेवन के लिए उपयुक्त नही है, मात्र 3.5 प्रतिशत जल ही जो भूजल, ग्लेशियर, नदियों और झीलों के रुप में उपलब्ध है सिर्फ वहीं हमारे सेवन योग्य है। आबादी बढ़ने के कारण पानी के यह प्राकृतिक संसाधन तेजी से खत्म होते जा रहे है और इसके साथ ही पानी की बर्बादी, तेजी से हो रहे औद्योगिकरण और शहरीकरण के कारण जल का यह संकट और भी गहराता जा रहा है। भारत के कुछ हिस्सों तथा कुछ अन्य देशों में लोग पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे है। जिसके कारण इन स्थानों पर सरकार को पानी के टैंकर द्वारा पानी उपलब्ध करवाना पड़ रहा है। भारत में 1951 से 2011 के बीच में प्रति व्यक्ति पानी की उपलब्धता लगभग 70 प्रतिशत तक घट चुकी है तथा सन् 2050 तक इसमें 22 प्रतिशत और कमी होने की संभावना है।

विश्व जल दिवस

संयुक्त राष्ट्र द्वारा 22 मार्च के दिन को “विश्व जल दिवस” घोषित किया गया है, ताकि लोगों को ताजे पानी के महत्व और पृथ्वी पर इसके समाप्ति से उत्पन्न होने वाले समस्याओं के विषय मे समझाया जा सके। सन् 2018 के इस वर्ष में विश्व जल दिवस का थीम ‘प्रकृति के लिए जल’ रखा गया है, जिसका अर्थ 21 सदी में होने वाली पानी के समस्या के प्राकृतिक उपाय खोजने से है।

जल हमारा वह सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है, जिसकी जरूरत हर जीवित व्यक्ति को होती है। यदि हम कहते हैं कि जल ही जीवन है तो इसमें कुछ भी गलत नही है। इसलिए हमें जल संरक्षण पर बल देने की आवश्यकता है ताकि इसके द्वारा जीवन और पृथ्वी को भी बचाया जा सके। पीने योग्य पानी का अर्थ उस तरह के पानी के उपलब्धता से है जो हमारे पीने के लिए सुरक्षित और उपयुक्त हो। इसके साथ ही हमें अपने पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने तथा ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से निपटने के लिए भी हमें जल संरक्षण के विषय पर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि स्वच्छ जल की गुणवत्ता ऐसे ही बने रहे तथा वह किसी प्रकार के रसायनों तथा कचरों से भी मुक्त रहे।

जल बचाओ जीवन बचाओ पर निबंध – 6 (1000 शब्द)

जैसा कि हम सब जानते है कि वायु के बाद जल हमारे ग्रह के सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों में से एक है। जल हमारे जीवनयापन के लिए काफी महत्वपूर्ण है, इसके बिना हम जीवन की कल्पना भी नही कर सकते हैं। हम सब जानते है कि पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग समुद्रों, महासागरों, नदियों और ग्लेशियरों के रुप में जल से ढका हुआ है लेकिन इसमें से मात्र 1 प्रतिशत ही मानव उपयोग के लिए उपयुक्त है।

जल ना सिर्फ मनुष्यों के जीवन के लिए आवश्यक है बल्कि की पृथ्वी पर मौजूद लगभग सभी प्रजातियां इस पर निर्भर करती है अगर इसे जैविक रुप से देखा जाये तो पानी में ऐसे कई गुण होते हैं जो वस्तुओं के साथ प्राकृतिक अभिक्रियाएं करती है। पृथ्वी पर उपस्थित लगभग सभी प्राणी अपने जीवन के लिए जल पर निर्भर है और जल की दिन-प्रतिदिन होती जा रही कमी तथा कई सारी प्रजातियों की इस पर निर्भरता को देखते हुए यह काफी आवश्यक है कि हम जल संरक्षण पर ध्यान दे।

जल ही जीवन है

जल हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हमारे जीवनयापन के लिए बहुत ही आवश्यक है। इसके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है और यदि हमें पृथ्वी पर जीवन को बनाये रखना है तो इस बात में कोई संदेह नही है की हमें जल को भी बचाना होगा। हम पानी ना सिर्फ पीते हैं बल्कि की अपने दूसरे अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी इसे उपयोग में लाते है जैसे कि स्नान, खाना पकाने में, कपड़े धोने में, बागवानी और अन्य कई कार्यों में भी इसका दैनिक रुप से उपयोग करते है।

पृथ्वी पर उपस्थित पेड़-पौधे और जीव-जन्तु भी पूर्ण रुप से पानी पर निर्भर करते है और इसकी कमी इनके भी वृद्धि और विकास को प्रभावित करेगी जिससे पूरा पर्यावरण तंत्र और खाद्य श्रृंखला प्रभावित हो जायेगा। इसलिए यह काफी आवश्यक है कि हम पानी की बचत करके इसके पर्याप्त उपलब्धता को बनाये रखें ताकि पृथ्वी पर जीवन इसी प्रकार से फलता-फूलता रहे।

जल संरक्षण की आवश्यकता

विश्व के कई सारे हिस्से कम वर्षा के कमी और भूजल के गिरते स्तर के कारण पानी की भयंकर कमी से जूझ रहे है। कई सारे स्थानों पर भूजल या तो दूषित हो चुका है या फिर वर्षा के कमी के कारण उसकी पुनःपूर्ति नही हो पायी है। इन सभी कारणों से कई क्षेत्रों में पानी की कमी दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है।

औद्योगिकरण और शहरीकरण के जैसे वजहों से भूजल के कमी में वृद्धि हुई है क्योंकि तेजी से होते विकास के कारण पानी की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। डब्लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रति 9 व्यक्तियों में से एक व्यक्ति तथा लगभग 84.4 करोड़ लोगो आज भी शुद्ध पानी उपलब्ध नही हो पाया है। इन आकड़ों को देखने से पता चलता है कि अगर पानी की यह समस्या ऐसे ही बनी रही तो भविष्य में आने वाले इस गंभीर जल संकट को टाला नही जा सकता है। इसके लिए हमें अभी से प्रयास करते हुए जल संरक्षण के कार्य शुरु कर देने चाहिए ताकि इस महत्वपूर्ण संसाधन को हम अपने भविष्य के पीढ़ियों के लिए भी बचा सके।

जल संरक्षण की पहल

जल संरक्षण एक ऐसी पहल है, जिसका मकदस लोगों को जल संरक्षण के विषय में जागरुकता फैलाना तथा उन्हें जल के महत्व के विषय में बताना है ताकि लोग भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान लोगो को इस बात का अहसास दिलाता है कि हमारे पृथ्वी के लिए जल कितना महत्वपूर्ण है, जिससे की हम भविष्य के लिए इसका संरक्षण कर सके। जल संरक्षण अभियान के द्वारा लोगो को इस बात का ज्ञान दिया जाना चाहिए की स्वच्छ और साफ पानी के स्त्रोत काफी सीमित है और उनका अत्यधिक उपयोग करने पर वह समाप्त हो जायेंगे, जोकि मानव अस्तित्व के लिए भी संकट पैदा कर देगा।

हालांकि पृथ्वी का 71 प्रतिशत भाग पानी से ढका हुआ है, लेकिन प्रत्यक्ष रुप यह पानी से हमारे उपयोग के लिए उपयुक्त नही है। इसलिए हमारे पास पृथ्वी पर जो भी स्वच्छ पानी मौजूद है, हमें जितना हो सके उसका उतने अच्छे से उपयोग करना चाहिए। यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि अपने आने वाली पीढ़ीयों के सुरक्षा के लिए जल संरक्षण का कार्य करे।

अगर हम जीवन को बनाये रखने के लिए हर जगह ताजे पानी की उपलब्धता चाहते है तो हमें आज से जल संरक्षण के आदतों को अपना लेना चाहिए तभी आगे चलकर हम जल की उपलब्धता को बरकरार रख पायेंगे और सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी स्वच्छ जल उपलब्ध करा पायेंगे।

जल बचाओ जीवन बचाओ

जैसा कि हम सब जानते है कि जल ही जीवन है इसीलिए हर तरह का जीवन इसपर निर्भर करता है लेकिन आज भी भारत में 21 प्रतिशत बीमारियां गंदे पानी के उपयोग से पैदा होती है और साफ पानी की कमी के कारण यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। आज भी भारत में लगभग 16.3 करोड़ लोगों को पीने का सवच्छ और सुरक्षित पानी नही उपलब्ध है, जोकि तमाम तरह के बीमारियां को बढ़ाने के साथ ही घातक होता जा रहा है।

बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए हम इस बात का अनुमान लगा सकते हैं कि आने वाले समय में पीने के साफ पानी की मांग भी बढ़ेगी। यदि भारत का प्रत्येक नागरिक प्रतिदिन 1 लीटर पानी भी बचायेगा तो यह एक बड़ा बदलाव ला सकता है। आपका बचाया हुआ 1 लीटर यह पानी उस बच्चे को एक नया जीवन दे सकता है, जिसके पास पीने के स्वच्छ पानी की सुविधा नही है। इसके साथ ही आपके द्वारा बचाया हुआ पानी सूखाग्रस्त क्षेत्रों के लिए भी बहुत सहायक होगा। आप अपने इन छोटे कदमों द्वारा कई लोगों के जीवन में बड़े बदलाव आ सकते हैं।

जल सरंक्षण कैसे करें? (पानी कैसे बचाये)

यह तो हम सब ही जानते हैं कि जल, जीवन के समतुल्य है और यदि हम चाहते हैं कि पृथ्वी पर मानव जीवन बना रहे तो हमें जल बचाने के नियमों का सख्ती से पालन करना चाहिए। इसी विषय में नीचे कुछ तरीके बताये गये हैं, जिनका पालन करके हम और भी अच्छे से जल संरक्षण कर सकते हैः

  • दाढ़ी बनाते समय और मंजन करते समय जब उपयोग ना हो तो पानी के नलों को अच्छे से बंद कर दे।
  • ऐसे फ्लशिंग सिस्टम का उपयोग किजिए, जो पानी की खपत कम करता हो।
  • नहाने के लिए फुहारे का उपयोग कम किजिए, इसके जगह मग और बाल्टी का उपयोग किजिए।
  • सिचाईं के लिए पानी भराई प्रणाली की जगह ड्रिप इरीगेशन प्रणाली का उपयोग किजिए।
  • अपने बगानों में शाम के समय पानी का छिड़काव करें और इसमें जरुरत से ज्यादे पानी की इस्तेमाल ना करें।
  • सार्वजनिक स्थलों पर खुले हुए पानी के नलों को बंद कर दे और यदि ऐसा ना हो पाये तो तात्कालिक रुप से इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को अवश्य दें।
  • अपने घरों और क्षेत्रों में वर्षाजल संरक्षण तंत्र की स्थापना करवायें।
  • आरओ फिल्टर से निकले हुए खराब पानी को व्यर्थ ना करें बल्कि की इसका उपयोग पौधों को सींचने और कपड़े धोने में करे।
  • टंकियों में पानी भरकर बहने से बचाने के लिए फ्लोट वाल्व लगवायें।

जल जीवन का आधार है, उदाहरण के लिए यदि आप किसी बर्तन में कुछ दिन के लिए पानी रख देंगे तो कुछ दिन बाद उसमें से कुछ ना कुछ अवश्य उग जायेगा। यह इस बात को प्रमाणित करता है कि आखिर किस प्रकार से जल जीवन के स्थापना में सहयोग करता है। चाहे वह मनुष्य हो, जीव-जन्तु हो या फिर पेड़-पौधे सभी का जीवन जल पर टिका हुआ है। यदि पानी उपलब्ध ना हो तो किसी प्रकार प्रकार के जीव के लिए थोड़े समय तक भी जिंदा रह पाना मुश्किल होगा। पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान जीव होने के कारण हम मनुष्यों की यह जिम्मेदारी है कि हम किसी प्रकार से भी पानी की बर्बादी ना करें ताकि पृथ्वी पर हर तरह का जीवन बना रहे, जिससे हमारे ग्रह का पर्यावरण संतुलन इसी प्रकार से बना रहे।

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Speech on Save Water for Students and Children

Speech on save water.

A hearty welcome to all the teachers and students present in the auditorium. I am here to convey a speech on Save Water.  We all know that water is the most useful resource on Earth. Also, we all are aware of its immense uses. We cannot imagine our lives without water. Moreover, we use water for household, agricultural, industrial, recreational and other purposes. Also, it is used for environmental purposes. Although, 70% of the Earth’s Surface is covered by water, yet, only 1% of freshwater is available for drinking. Most of our household tasks cannot be completed without water. Also, in industries, it is used for the preparation of goods and products. Furthermore, it assists in transportation too.

speech on save water

Despite its importance, we are facing deterioration in water resources. Although, it is a natural resource, yet we need to conserve the same. We need to save water for the development to take place in a sustainable manner. We must understand that it is the basis of humanity. Our earth is green because of water. There are many places facing the problem of water scarcity. Thus, we must take effective steps for the conservation of water.

Importance of Water in Life

Water is an indispensable component of life. We cannot survive without water. The human body comprises of a huge amount of water. Thus, human beings and animals need much water to drink. Also, plants need water to grow. From drinking to cooking to everything, we need water. We need safe water for all our organs to function properly. Moreover, we can preserve our environment by saving water.  An excellent example of this is the use of water to produce electricity.  The use of hydropower or hydroelectricity helps in controlling pollution.

Furthermore, it prevents the burning of fossil fuels, coal, etc. for producing electricity. Also, it is essential for maintaining the Earth’s temperature. The human body is made up of a huge amount of water. Thus, human beings and animals need much water to drink. Also, plants need water to grow. From drinking to cooking to everything, we need water.

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How to Save Water?

Water is the most precious component needed for food and life.  All human beings, animals and plants have a requirement of water. Thus, we need to conserve water resources. To conserve or decrease the polluting factors, we must be aware of the factors that lead to its deterioration. Then, we must take some valuable steps. These include turning off the taps, cut down meat-eating and dairy. Also, we must check for water leakage from hand pumps, shower less to save water. Moreover, we must have a pond to use water. Furthermore, the dumping of sewage and toxins into water bodies is a major reason for water pollution. Moreover, fertilizers require a huge amount of water. Thus, we must minimize the use of fertilizers in the fields. Also, we must check for soil erosion by planting trees.

We need water for thousand of tasks in our lives. It provides beauty to nature and maintains the environmental balance. Since it is the basis of our survival and development we should not misuse it.  We must use wisely this sacred gift of nature. We should teach the society by conducting awareness programs. Also, we must use modern techniques for farming. Moreover, watersheds help to conserve rainwater. We must try to educate our children about the importance of water. Its education must be provided at schools, colleges, etc. Also, through media, this purpose can be achieved. Although water is a natural resource available in abundance, it doesn’t mean we can misuse it. It is not a single person’s responsibility to conserve water. We could avoid the wastage of water only by joining hands.

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