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Gandhi Jayanti Speech in Hindi for School Students: गांधी जयंती पर भाषण [2023]

Gandhi jayanti speech in hindi: गांधी जी की 154वीं जयंती के अवसर पर, गांधी जयंती पर हिंदी में लंबे और छोटे भाषण यहां देखें। इसके अलावा, गांधी जयंती भाषण देने के लिए हिंदी में महात्मा गांधी पर 10 पंक्तियाँ और gandhi jayanti speech tips देखें।.

Pragya Sagar

Gandhi Jayanti Speech in Hindi: क्या आप भी गांधी जयंती पर महात्मा गांधी के बारे में एक भाषण लिखने की कोशिश कर रहे हैं? भारत में, हम हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती का आयोजन करते हैं। इस दिन हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं. गांधी जी ने हमारे देश को स्वतंत्रता प्राप्त कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्होंने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत के लिए स्वतंत्रता प्राप्त की। बिना हथियारों का सहारा लिए बापू ने  ब्रिटिश साम्राज्य का सामना किया।

गांधी जयंती पर स्पीच कैसे दें? Gandhi Jayanti Speech Tips

  • अपने गांधी जयंती भाषण की शुरुआत अपने दर्शकों को सम्मान के साथ संबोधित करके करें।
  • ज्यादा देर तक/ लंबा न बोलें वरना श्रोता बोर हो जाएंगेें।
  • अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान रखना न भूलें।
  • आत्मविश्वास के साथ अच्छी मुद्रा में खड़े रहें।

गांधी जयंती Highlights

गांधी जयंती पर 10 लाइन

10 लाइन की महात्मा गांधी भाषण हिंदी में देखें:

Line 1: सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों। आज हम अपने राष्ट्रपिता बापू महात्मा गांधी की जयंती मनाते हैं।

Line 2: मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर के एक गाँव में हुआ था।

Line 3: उनके पिता का नाम करमचंद गांधी और उनकी माता का नाम पुतलीबाई गांधी था।

Line 4: गांधीजी का विवाह कस्तूरबा गांधी से हुआ था।

Line 5: बापू अपने अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों के लिए दुनिया भर में जाने जाते हैं।

Line 6: वह भारत के महानतम स्वतंत्रता सेनानियों, नेता, दार्शनिक और समाज सुधारक में से एक थे।

Line 7: गांधीजी ने सत्याग्रह और अहिंसा  से भारत को स्वतंत्रता दिलाई।

Line 8: उन्होंने लाखों भारतीयों और दुनिया भर के लोगों को अहिंसा से अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया।

Line 9: 30 जनवरी 1948 को गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

गाँधी जयंती पर भाषण

नीचे देखें महात्मा गांधी भाषण हिंदी में:

सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों।

आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर हम सभी मोहनदास करमचंद गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए हैं। 2 अक्टूबर, 2023 राष्ट्रपिता गांधीजी की 154वीं जयंती है। वअहिंसा और सत्य की शक्ति से महात्मा गाँधी ने इतिहास की दिशा बदल दी।

गांधी जयंती सिर्फ उत्सव का दिन नहीं बल्कि चिंतन का दिन है। यह हमें उन सिद्धांतों की याद दिलाता है जिनके लिए गांधीजी खड़े थे - शांति, अहिंसा, करुणा और सत्य की निरंतर खोज। सत्य और अहिंसा के प्रति गांधीजी की अटूट प्रतिबद्धता ने दुनिया भर में मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए आंदोलनों को प्रेरित किया। 

इस गांधी जयंती पर, आइए हम उनके द्मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लें और एक ऐसी दुनिया के लिए काम करें जहां न्याय, समानता और अहिंसा कायम हो।

सभी को गांधी जयंती की शुभकामनाएँ!

गांधी जयंती Quotes और नारे हिंदी में (Mahatma Gandhi Quotes and Slogans in Hindi)

अपने भाषण को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए हिंदी में निम्नलिखित गांधी जयंती Quotes और Slogans शामिल करें: 

1. आजादी का कोई अर्थ नहीं है यदि इसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हों। - महात्मा गांधी

2. प्रेम की शक्ति दंड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है। - महात्मा गांधी

3. पाप से घृणा करो पर पापी से नहीं, क्षमादान बहुत मूल्यवान चीज है। - महात्मा गांधी

4. आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी। - महात्मा गांधी

5. क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है। - महात्मा गांधी

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  • गांधीजी का स्लोगन क्या है? + अहिंसा परमो धर्म, सत्यमेव जयते, भारत छोड़ो, गांधीजी का स्लोगन है|
  • गांधी जयंती पर भाषण की शुरुआत कैसे करें? + अपने गांधी जयंती भाषण की शुरुआत अपने दर्शकों को सम्मान के साथ संबोधित करके करें। ज्यादा देर तक/ लंबा न बोलें वरना श्रोता बोर हो जाएंगेें। अपने चेहरे पर हल्की मुस्कान रखना न भूलें। आत्मविश्वास के साथ अच्छी मुद्रा में खड़े रहें।
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Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines : स्टूडेंट्स के लिए गाँधी जयंती पर दस लाइन में स्पीच

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  • Updated on  
  • जनवरी 29, 2024

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines

भारत की आज़ादी के लिए कई ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर किया, ऐसे ही एक स्वतंत्रता सेनानी महात्मा गाँधी भी थे। महात्मा गाँधी के योगदान को ध्यान में रखते हुए 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जयंती पर 10 लाइन विद्यार्थियों को गांधीजी के संदेशों के बारे में बताते हुए, एक अच्छा भाषण तैयार करने में मदद करती है। गांधी जयंती पर 10 लाइन और उनके विचार विद्यार्थियों को अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इसलिए हर वर्ष 2 अक्टूबर के दिन पूरे देश में जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें युवा पीढ़ी को गांधी जी के बारे में बताया जाता है। विद्यार्थियों को Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 lines तैयार करने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक अवश्य पढ़ना चाहिए।

गांधीजी के बारे में 10 लाइन

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 lines को पढ़ने से पहले युवाओं को गांधीजी के बारे में 10 लाइन अवश्य पढ़ लेनी चाहिए। गांधीजी के बारे में 10 लाइन युवा पीढ़ी को उनके विचारों के साथ जोड़कर रखेंगी, साथ ही गांधी जयंती पर 10 लाइन हमेशा आने वाली पीढ़ी को उनके विचारों के माध्यम से प्रभावित करती रहेंगी। गांधीजी के बारे में 10 लाइन निम्नलिखित हैं;

  • मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 02 अक्टूबर 1869 गुजरात के पोरबंदर गांव में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी तथा माता का नाम पुतलीबाई था।
  • महात्मा गाँधी के पिता कठियावाड़ के छोटे से रियासत (पोरबंदर) के दिवान थे।
  • मात्र 13 वर्ष की आयु में गाँधी जी का विवाह कस्तूरबा गाँधी से करवा दिया गया था।
  • महात्मा गांधी जी ने लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी की थी।
  • गांधीजी हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलते थे, यही कारण था कि भारत की आज़ादी के लिए उन्होंने वर्ष 1930 दांडी यात्रा करके नमक सत्याग्रह किया था।
  • भारत की जनता उन्हें प्यार से बापू कहकर बुलाती थी। बापू हिंसा के खिलाफ रहकर हमेशा साधारण सा जीवन जीते थे।
  • महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेता थे। गांधी जी के नारे उनके विचारों और आदर्शों को व्यक्त करते हैं।
  • उन्होंने भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध करने, सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने, सामाजिक न्याय के लिए लड़ने और अपने देश पर पूर्ण स्वायत्तता हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
  • उन्होंने भारतीयों को अंग्रेजों के खिलाफ अहिंसक प्रतिरोध का मार्ग दिखाया।

यह भी पढ़ें : दांडी यात्रा कितने दिन चली थी?

Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines

गांधी जयंती या महात्मा गांधी के ऊपर स्पीच की शुरुआत में सबसे पहले जहां स्पीच दे रहे हैं वहां के वरिष्ठ लोगों का संबोधन करना है और फिर महात्मा गांधी और गांधी जयंती के बारे में थोड़ा बताना है। Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines के मुख्य बिंदुओं को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है:

  • महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी थे, इस बात को आप जनता तक पंहुचा सकते हैं।
  • महात्मा गाँधी को स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत की बेहद चिंता रहती थी, जिसको भाषण का हिस्सा बनाया जा सकता है।
  • महात्मा गांधी के व्यक्तित्व को भाषण का आधार बनाया जा सकता है।
  • महात्मा गाँधी के जन्मदिन पर सांस्कृतिक शांति बनाए रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है, इस विषय को भी भाषण का मुख्य भाग बनाया जा सकता है। 
  • गरीबों, पीड़ितों और निचली जाति के लोगों के प्रति उनकी सहानुभूति और उन्हें संगठित करने के उनके प्रण को भाषण में उचित स्थान दिया जा सकता है।
  • गांधी जी पर भाषण देने के लिए मुख्य रूप से उनके नैतिक मूल्यों, नैतिकता और मुक्त शिक्षा को केंद्रित किया जा सकता है।
  • गांधी जी पर भाषण के देने के लिए उनके ब्रिटिश सरकार के दौरान हुए संघर्षों को भी आधार बनाया जा सकता है।
  • भाषण के दौरान उनकी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा का भी उल्लेख किया जा सकता है, जहाँ उन्होंने रंग के चलते हो रहे भेदभाव को महसूस किया और उसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने का सोची।
  • वर्ष 1930 में गांधी जी ने असहयोग आंदोलन चलाया और 1942 में उन्होंने अंग्रेजों से भारत छोड़ने का आह्वान किया। अपने इन आंदोलन के दौरान वह कई बार जेल गए थे, इस बात को भी भाषण का आधार बनाया जा सकता है।
  • गांधी जी 30 जनवरी 1948 को शहीद हो गए, उनके द्वारा देखी गई भारत की परिकल्पना पर भी भाषण दिया जा सकता है।

जरूर पढ़ें :  जानिए महात्मा गांधी के आंदोलन लिस्ट जिन्होंने भारत को बढ़ाया आज़ादी की ओर

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको गांधीजी के बारे में 10 लाइन के साथ-साथ, Gandhi Jayanti Speech in Hindi 10 Lines के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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Gandhi Jayanti Speech In Hindi : गांधी जयंती पर दें यह दमदार भाषण, खूब बजेंगी तालियां

Gandhi jayanti speech in hindi: गांधी जयंती पर स्कूल व कॉलेज में स्पीच, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित किये जाती हैं। अगर आप स्पीच देने की योजना बना रहे हैं तो नीचे दिए गए उदाहरण से आइडिया ले सकते हैं।.

Gandhi Jayanti Speech In Hindi : गांधी जयंती पर दें यह दमदार भाषण, खूब बजेंगी तालियां

Gandhi Jayanti Speech In Hindi : हर साल देश में 2 अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्मदिवस को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधी जी भारत के स्वाधीनता आंदोलन के प्रमुख चेहरे थे। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में आज महात्मा गांधी को किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी की महत्वपूर्ण भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती को पूरा देश राष्ट्रीय पर्व के तौर पर मनाता है। इस दिन पूरे देश में अवकाश होता है। गांधी जयंती हमें बापू के आदर्शों की याद दिलाती है। गांधी जी की विचारों से केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लाखों लोग प्रभावित हैं और उनसे प्रेरणा लेते रहे हैं। आजीवन अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानव जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी सिखाया। यही वजह है कि दुनिया भर में 2 अक्टूबर गांधी जयंती को 'अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है।

महात्मा गांधी की 154वीं जयंती पर भाषण नीचे दिया गया है। छात्र इस भाषण को अपने अनुसार स्कूल के फंक्शन में सुना सकते है या निबंध लेखन प्रतियोगिता में इस्तेमाल कर सकते है। 

गांधी जयंती पर भाषण ( Gandhi Jayanti Speech ) इस प्रकार है-

आदरणीय  शिक्षक गण, प्रिंसिपल सर और मेरे साथियों... आज गांधी जयंती के अवसर पर हम सब यहां एकत्रित हुए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। हमारा देश उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। लोग उन्हें प्यार से बापू कहते थे। गांधी जी देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने के अपने अहिंसक तरीकों के लिए जाने जाते हैं। गांधी जयंती को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गांधीजी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई ब्रिटिश शासित भारत में पूरी की और फिर इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करने चले गए। दक्षिण अफ्रीका में कानून का अभ्यास करने के बाद वह 1915 में भारत लौट आए और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बन गए। उन्होंने अपनी बेहतरीन नेतृत्व क्षमता से आजादी के आंदोलन में जबरदस्त जान फूंक दी। उन्होंने चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों का नेतृत्व किया। ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष करते हुए महात्मा गांधी ने इस बात को सिद्ध किया कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।

2 अक्टूबर गांधी जयंती पर दे सकते हैं यह आसान भाषण

गांधी जी ने शराब का विरोध किया। गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो।  महिलाओं का सम्मान हो। सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। उन्होंने हरिजन उत्थान के लिए अपना बहुमूल्य योगदान दिया। वह खुद हरिजन बस्ती में रहने लगे थे। हरिजनों को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए। गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला।

वैसे तो गांधी जयंती पर बापू को याद करने के लिए देश भर में कार्यक्रम होते हैं लेकिन प्रमुख कार्यक्रम दिल्ली के राजघाट पर होता है। राजघाट गांधी जी का समाधि स्थल है। गांधी जयंती पर देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व अन्य नेतागण राजघाट आकर बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। प्रार्थना सभा में राम धुन व गांधी जी के प्रिय भजनों खासतौर पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ का गान होता है। 

साथियों उन्होंने सिर्फ आजादी की लड़ाई ही नहीं लड़ी बल्कि भारत को आत्मनिर्भर होने का रास्ता भी दिखाया। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और रहेंगे। दोस्तों आज गांधी के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लेने का दिन है। गांधी जी के आदर्शों को जीवन में उतारने का प्रण लेना चाहिए। हमें भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान से जुड़ना चाहिए। अपने आस पड़ोस को साफ रखकर हम इसे सफल बना सकते हैं। स्वच्छता के लिए श्रमदान हम सबकी जिम्मेदारी है। सरकार ने 1 अक्टूबर को बड़े स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाने के लिए 'एक तारीख, एक घंटा, एक साथ' अभियान छेड़ा। लेकिन हमें स्वच्छता को अपनी आदत में शुमार करना चाहिए। स्वच्छ भारत एक साझा जिम्मेदारी है। यह अभियान सिर्फ एक दो दिन की बात न हो बल्कि लगातार हमें इसे जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। घर, पास-पड़ोस, बाजारों, रेलवे स्टेशनों, पर्यटन स्थलों समेत तमाम सार्वजनिक स्थानों को स्वच्छ रखने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। 

अब मैं अपने भाषण पर विराम लगाना चाहूंगा। आपने मुझे अपने विचार रखने का मौका दिया, इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद। जय हिंद। जय भारत। भारत माता की जय। 

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जानें महात्मा गांधी के वो भाषण जिसने आजादी की जंग को दिया नया मोड़

हर साल 2 अक्टूबर का दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस साल देश महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मनाने जा रहा है। इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों और दूसरे शिक्षण संस्थानों में अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मगर इस बार देश और दुनिया में फैले कोरोना वायरस महामारी के चलते इन कार्यक्रमों में काफी बदलाव किये जाएंगे।

Mahatma Gandhi Famous Speeches in Hindi

महात्मा गांधी के मानने वाले देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मौजूद हैं। गांधी ने भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त कराने और उन्हें हिंदुस्तान को छोड़ने पर मजबूर करने के लिए कई आंदोलन किए। उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। मोहनदास करमचंद गांधी से महात्मा गांधी बनने के सफर से सभी वाकिफ हैं। आज इस लेख में महात्मा गांधी के उन चुनिंदा भाषणों के बारे में जानते हैं जो पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बना।

महात्मा गांधी का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दिया भाषण (4 फरवरी 1916):

महात्मा गांधी का बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में दिया भाषण (4 फरवरी 1916):

"अगर हमें स्वराज्य प्राप्त करना है, तो हमें इस प्यार करने वाली स्वतंत्रता को (ब्रिटिश साम्राज्य) अपनाना होगा और जो लोग खुद स्वतंत्रता में भाग नहीं लेना चाहते हैं, यह उन लोगों का आजादी दिलाने वाला समुदाय नहीं होगा।"

महात्मा गांधी ने इस भाषण के जरिये पहली बार बनारस में देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने के संकेत दिए थे। अंग्रेज हुकूमत से भारत को आजाद कराने की आग को भड़काने वाला यह पहला भाषण था।

महात्मा गांधी का दांडी मार्च भाषण (11 मार्च 1930):

महात्मा गांधी का दांडी मार्च भाषण (11 मार्च 1930):

"हमने विशेष रूप से एक अहिंसात्मक संघर्ष की खोज में, अपने सभी संसाधनों का उपयोग करने का संकल्प किया है। क्रोध में कोई भी गलत निर्णय न लें।"

यह भाषण ऐतिहासिक दांडी नमक मार्च की पूर्व संध्या पर दिया गया था।

इस अवसर पर महात्मा गांधी ने भारतीयों से विदेशी शराब और कपड़े, करों का विरोध करने और (ब्रिटिश) अदालतों व सरकारी कार्यालयों से दूरी बनाकर रहने को कहा।

महात्मा गांधी का गोलमेज सम्मेलन भाषण (30 नवंबर 1931):

महात्मा गांधी का गोलमेज सम्मेलन भाषण (30 नवंबर 1931):

"मैं यह कहने की हिम्मत करता हूं कि भारत में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच यह संघर्ष ब्रिटिश आगमन की एकजुटता का कारण है और तुरंत इस संबंध को ग्रेट ब्रिटेन और भारत के बीच दुर्भाग्यपूर्ण, कृत्रिम व अप्राकृतिक संबंधों से प्राकृतिक संबंधो में परिणत कर दिया जाता है। अगर ऐसा होता है, तो स्वैच्छिक साझेदारी को छोड़ दिया जाए, अगर दोनों में से एक भी पार्टी भंग हो जाती है, तो आपको प्रतीत होगा कि हिन्दू, मुसलमान, सिख, यूरोपीय, एंग्लो इंडियन, ईसाई, अछूत, सभी एक साथ एकजुटता से रहते हैं।"

महात्मा गांधी ने अपने पहले गोलमेज सम्मेलन में यही भाषण दिया था। गांधी ने साहसिक रूप से अंग्रेजों को स्पष्ट चुनौती दी और भारत की एकता और धर्मनिरपेक्ष भावना का प्रदर्शन किया।

महात्मा गांधी का ‘भारत छोड़ो‘ भाषण (8 अगस्त 1942):

महात्मा गांधी का ‘भारत छोड़ो‘ भाषण (8 अगस्त 1942):

"मेरा मानना है कि दुनियाभर के इतिहास में, स्वतंत्रता के लिए हमारे वास्तविकता से ज्यादा यथार्थवादी लोकतांत्रिक संघर्ष नहीं रहा है।

महात्मा गांधी ने अंग्रेजों को स्वेच्छा से भारत छोड़ने के लिए काफी प्रयास किए।

महात्मा गांधी का अंतिम भाषण (12 जनवरी 1948):

महात्मा गांधी का अंतिम भाषण (12 जनवरी 1948):

"मेरी यह अभिलाषा है कि सभी हिंदू, सिख और मुसलमान अपने दिल में भाईचारे की भावना बनाएं। वह उसके बाद हमेशा तक जीवित रहे। आज यह अस्तित्वहीन हैं। यह एक ऐसा राज्य है जहां कोई भारतीय देशभक्त नाम के योग्य नहीं है, जो समता के साथ विचार कर सकता हो।"

भारत आजाद तो हो गया लेकिन इसके साथ ही देश को भारी कीमत भी चुकानी पड़ी थी। आजादी की जंग के दौरान एक एकता का जन्म हुआ था, मगर दर्दनाक और हिंसक विभाजन ने सांप्रदायिक एकता को खंडित कर दिया था।

गांधी एक बार फिर देश की जनता के बीच एकता का वो सूत्र पिरोना चाहते थे।

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19+ महात्मा गांधी जी की प्रेरणादायक भाषण – Mahatma Gandhi Motivational Speech in Hindi

Mahatma Gandhi Motivational Speech in Hindi

Mahatma Gandhi Motivational Speech in Hindi : महात्मा गांधी जी की प्रेरणादायक भाषणों का महत्व अत्यधिक है। उनके शब्द सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता जैसे सिद्धांतों पर आधारित होते थे, जो हमें जीवन में नैतिकता और सच्चाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। गांधी जी के भाषण हमें आत्मनिर्भर बनने, सामाजिक न्याय की रक्षा करने और आपसी प्रेम और सद्भावना को बढ़ावा देने की सीख देते हैं। उनकी वाणी ने स्वतंत्रता संग्राम में जनता को एकजुट किया और आज भी हमें सामाजिक और व्यक्तिगत विकास के लिए प्रेरित करती है। उनके विचार सदैव प्रासंगिक और प्रेरणादायक रहेंगे।

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21 Mahatma Gandhi Motivational Speech in Hindi

सत्य और अहिंसा के सिद्धांत.

प्रिय साथियों,

आज हम सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चर्चा करेंगे, जो महात्मा गांधी जी के जीवन और विचारधारा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। गांधी जी ने हमें सिखाया कि सत्य सबसे बड़ा धर्म है।

सत्य का पालन करने से ही हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। सत्य की राह पर चलना आसान नहीं होता, लेकिन यही वह मार्ग है जो हमें सच्ची सफलता और आत्मसंतोष की ओर ले जाता है।

गांधी जी का दूसरा महत्वपूर्ण सिद्धांत है अहिंसा। उन्होंने अहिंसा को न केवल शारीरिक हिंसा के खिलाफ, बल्कि मानसिक और भावनात्मक हिंसा के खिलाफ भी उपयोग करने की शिक्षा दी।

अहिंसा का मतलब है कि हम किसी भी स्थिति में क्रोध, द्वेष, और प्रतिशोध से बचें और प्रेम, करुणा, और समझ का मार्ग अपनाएं। यह सिद्धांत हमें सिखाता है कि हम अपने शत्रु को भी प्रेम और सत्य की शक्ति से जीत सकते हैं।

सत्य और अहिंसा की यह शिक्षा हमारे व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ समाज और राष्ट्र के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

यदि हम सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करें, तो हम न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि एक शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज की नींव भी रख सकते हैं।

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स्वराज: आत्मनिर्भरता का महत्व

आज हम “स्वराज: आत्मनिर्भरता का महत्व” पर चर्चा करेंगे। स्वराज का अर्थ है स्व-शासन, अर्थात् स्वयं के द्वारा शासन करना। महात्मा गांधी जी ने स्वराज का सपना देखा था, जिसमें हर व्यक्ति आत्मनिर्भर हो और अपनी स्वतंत्रता का पूरा लाभ उठा सके।

आत्मनिर्भरता का मतलब है कि हम अपने जीवन के हर पहलू में खुद पर निर्भर रहें। यह न केवल आर्थिक स्वतंत्रता की बात करता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वतंत्रता की भी बात करता है। जब हम आत्मनिर्भर होते हैं, तो हम अपने निर्णय खुद ले सकते हैं और किसी अन्य पर निर्भर नहीं होते।

गांधी जी का मानना था कि आत्मनिर्भरता से ही सच्चा स्वराज प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि यदि हर व्यक्ति अपने गांव, अपने घर को आत्मनिर्भर बना ले, तो पूरा देश आत्मनिर्भर हो जाएगा। आत्मनिर्भरता का महत्व इसलिए भी है कि यह हमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

आज के समय में आत्मनिर्भरता का महत्व और भी बढ़ गया है। हम अपने छोटे-छोटे प्रयासों से आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। चाहे वह खेती हो, कुटीर उद्योग हो, या फिर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो, हमें हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करनी चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के स्वराज के सपने को साकार करें और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ें। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी हमारे महान नेता को।

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सत्याग्रह: सत्य की शक्ति

आज हम “सत्याग्रह: सत्य की शक्ति” पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत था सत्याग्रह, जिसका आधार सत्य और अहिंसा पर टिका हुआ था। सत्याग्रह का शाब्दिक अर्थ है सत्य की शक्ति से आग्रह करना, अर्थात् सत्य के लिए अडिग रहना और किसी भी परिस्थिति में असत्य को स्वीकार नहीं करना।

गांधी जी ने सत्याग्रह को एक हथियार के रूप में उपयोग किया, जो न केवल हमारे स्वतंत्रता संग्राम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना, बल्कि दुनिया को भी दिखाया कि बिना हिंसा के भी बड़े से बड़े परिवर्तन लाए जा सकते हैं। सत्याग्रह का मूल सिद्धांत है कि हम किसी भी परिस्थिति में सत्य का पालन करें और अन्याय के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करें।

सत्याग्रह हमें सिखाता है कि सत्य की शक्ति असीमित होती है। यह हमें आत्मविश्वास, धैर्य और साहस प्रदान करता है। जब हम सत्य की राह पर चलते हैं, तो हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन अंततः सत्य की ही जीत होती है।

आज के युग में भी सत्याग्रह की प्रासंगिकता बनी हुई है। चाहे वह सामाजिक अन्याय हो, आर्थिक विषमता हो, या व्यक्तिगत संघर्ष हो, सत्याग्रह का मार्ग हमें सही दिशा दिखाता है। आइए, हम सब मिलकर सत्याग्रह की इस महान विरासत को आगे बढ़ाएं और अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करें।

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एकता में शक्ति

आज हम “एकता में शक्ति” के विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने हमें सिखाया कि एकता में अद्भुत शक्ति होती है। जब हम सब मिलकर एकजुट होते हैं, तो हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं और किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।

एकता का महत्व हमारे स्वतंत्रता संग्राम में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। जब पूरा देश एकजुट होकर अंग्रेजों के खिलाफ खड़ा हुआ, तब हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। गांधी जी ने हमेशा कहा कि हमें धर्म, जाति, और भाषा के भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होना चाहिए। यही एकता हमें सच्चे अर्थों में स्वतंत्रता और प्रगति की दिशा में आगे बढ़ा सकती है।

आज भी, चाहे वह सामाजिक मुद्दे हों या आर्थिक समस्याएं, हम एकता के बल पर ही उनका समाधान पा सकते हैं। एकता हमें न केवल बाहरी चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देती है, बल्कि यह हमें आंतरिक रूप से भी मजबूत बनाती है। एकता का मतलब है कि हम एक-दूसरे की भावनाओं और समस्याओं को समझें और मिल-जुलकर उनका समाधान करें।

हम सभी का कर्तव्य है कि हम अपने समाज में एकता बनाए रखें। छोटी-छोटी बातों को भूलकर, एक-दूसरे की मदद करें और एकजुट होकर देश की प्रगति में योगदान दें। जब हम एकजुट होंगे, तभी हम एक मजबूत और विकसित राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के इस संदेश को अपने जीवन में अपनाएं और “एकता में शक्ति” के महत्व को समझें।

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स्वच्छता और स्वच्छ भारत

आज हम “स्वच्छता और स्वच्छ भारत” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का सपना था कि हमारा देश न केवल राजनीतिक रूप से स्वतंत्र हो, बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ भी हो। उनका मानना था कि स्वच्छता ही स्वास्थ्य का आधार है और बिना स्वच्छता के कोई समाज उन्नति नहीं कर सकता।

स्वच्छता केवल हमारे घरों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह हमारे आसपास के वातावरण और सार्वजनिक स्थानों पर भी लागू होनी चाहिए। जब हम अपने आस-पास सफाई रखते हैं, तो न केवल बीमारियों से बचाव होता है, बल्कि यह हमें मानसिक शांति और संतोष भी प्रदान करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गांधी जी के इसी स्वप्न को साकार करने के लिए 2 अक्टूबर 2014 को “स्वच्छ भारत अभियान” की शुरुआत की। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि हर गांव, हर शहर स्वच्छ और सुंदर हो। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें सभी को मिलकर काम करना होगा।

हम सभी को अपनी दैनिक दिनचर्या में स्वच्छता को शामिल करना चाहिए। कचरे को सही तरीके से फेंकना, सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा न फैलाना, और अपने आस-पास के क्षेत्र को साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है। इसके अलावा, हमें दूसरों को भी स्वच्छता के प्रति जागरूक करना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करें और अपने देश को स्वच्छ, सुंदर और स्वस्थ बनाएं।

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महिलाओं का उत्थान

आज हम “महिलाओं का उत्थान” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने हमेशा महिलाओं की समानता और उनके अधिकारों की वकालत की। उनका मानना था कि किसी भी समाज की प्रगति का सही मापदंड महिलाओं की स्थिति से किया जा सकता है।

महिलाओं का उत्थान केवल उनका शारीरिक और आर्थिक विकास नहीं है, बल्कि यह उनके सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक विकास का भी प्रतीक है। हमें यह समझना होगा कि जब एक महिला सशक्त होती है, तो पूरा परिवार, समाज और अंततः राष्ट्र सशक्त होता है।

आज के समय में, महिलाएं हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। चाहे वह शिक्षा हो, चिकित्सा हो, विज्ञान हो, या खेल, महिलाएं हर जगह अपनी काबिलियत साबित कर रही हैं। लेकिन, इसके बावजूद, कई क्षेत्रों में महिलाओं को अभी भी समान अवसर और अधिकार नहीं मिलते हैं।

हमें महिलाओं के प्रति हमारे दृष्टिकोण को बदलने की आवश्यकता है। हमें उन्हें शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के समान अवसर प्रदान करने चाहिए। साथ ही, हमें उन्हें सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण प्रदान करना चाहिए, जिसमें वे अपनी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर सकें।

आइए, हम सब मिलकर महिलाओं के उत्थान के इस महान कार्य में अपना योगदान दें। गांधी जी के आदर्शों को अपनाएं और एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर महिला स्वतंत्र, सशक्त और सम्मानित महसूस करे।

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न्याय और समानता

आज हम “न्याय और समानता” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने हमेशा न्याय और समानता के सिद्धांतों का पालन किया और इन मूल्यों को अपने जीवन में उतारा। उनका मानना था कि किसी भी समाज की प्रगति और समृद्धि के लिए न्याय और समानता आवश्यक हैं।

न्याय का अर्थ है कि हर व्यक्ति को उसकी योग्यता और आवश्यकता के अनुसार अधिकार और सुविधाएं प्राप्त हों। इसका मतलब है कि कानून के सामने सभी समान हों और किसी के साथ भेदभाव न हो। गांधी जी ने हमें सिखाया कि सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए हम न्याय प्राप्त कर सकते हैं।

समानता का मतलब है कि किसी भी व्यक्ति को जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े। गांधी जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि हमें समाज के हर वर्ग के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और उन्हें समान अवसर प्रदान करने चाहिए।

आज के समय में, हमें इन मूल्यों को अपनाने की जरूरत पहले से भी अधिक है। हमें अपने समाज में न्याय और समानता की स्थापना के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। इसके लिए हमें एकजुट होकर उन सभी बुराइयों के खिलाफ लड़ना होगा, जो समाज में भेदभाव और अन्याय फैलाते हैं।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के इन महान आदर्शों को अपने जीवन में उतारें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां हर व्यक्ति को न्याय और समानता मिले। यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी हमारे राष्ट्रपिता के प्रति।

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स्वदेशी आंदोलन

आज हम “स्वदेशी आंदोलन” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने स्वदेशी आंदोलन का आरंभ भारत को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए किया था। उनका मानना था कि जब तक हम विदेशी वस्त्रों और वस्तुओं पर निर्भर रहेंगे, तब तक हम सच्ची स्वतंत्रता नहीं प्राप्त कर सकते।

स्वदेशी आंदोलन का मुख्य उद्देश्य था देश में बने उत्पादों का उपयोग करना और विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार करना। गांधी जी ने चरखा को स्वदेशी आंदोलन का प्रतीक बनाया और स्वयं भी खादी के वस्त्र पहनकर इस आंदोलन का नेतृत्व किया। उनका यह कदम न केवल आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और नैतिक संदेश भी था।

स्वदेशी आंदोलन ने भारत के ग्रामीण उद्योगों को पुनर्जीवित किया और लाखों लोगों को रोजगार प्रदान किया। इस आंदोलन ने भारतीय जनता को आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की भावना से भर दिया। गांधी जी का मानना था कि स्वदेशी वस्त्र और उत्पाद न केवल हमारे शरीर को ढकते हैं, बल्कि वे हमारे आत्मसम्मान को भी बढ़ाते हैं।

आज के समय में भी स्वदेशी आंदोलन की प्रासंगिकता बनी हुई है। हमें अपने देश में बने उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। स्वदेशी अपनाकर हम न केवल अपने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं, बल्कि अपने कारीगरों और किसानों को भी सशक्त बना सकते हैं।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाएं और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करें।

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नैतिकता और नैतिक नेतृत्व

आज हम “नैतिकता और नैतिक नेतृत्व” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने अपने जीवन और कार्यों के माध्यम से नैतिकता और नैतिक नेतृत्व का आदर्श प्रस्तुत किया। उनका मानना था कि सच्चा नेतृत्व वही है जो नैतिकता पर आधारित हो और जो अपने कर्मों से समाज के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करे।

नैतिकता का अर्थ है सत्य, अहिंसा, ईमानदारी और न्याय के सिद्धांतों का पालन करना। नैतिक व्यक्ति वही होता है जो अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में इन मूल्यों का पालन करता है। गांधी जी ने हमें सिखाया कि नैतिकता केवल आदर्शों की बात नहीं है, बल्कि इसे अपने दैनिक जीवन में उतारना आवश्यक है।

नैतिक नेतृत्व का मतलब है कि नेता को न केवल अपने शब्दों से, बल्कि अपने कार्यों से भी नैतिकता का पालन करना चाहिए। एक नैतिक नेता वही होता है जो समाज के हर वर्ग के लिए न्याय और समानता की लड़ाई लड़ता है, और अपने व्यक्तिगत लाभ के बजाय समाज के कल्याण को प्राथमिकता देता है।

आज के समय में, जब हम नैतिकता और नैतिक नेतृत्व की कमी महसूस करते हैं, गांधी जी के सिद्धांत हमें सही दिशा दिखाते हैं। हमें अपने जीवन में नैतिकता का पालन करना चाहिए और ऐसे नेताओं का समर्थन करना चाहिए जो नैतिकता और ईमानदारी से समाज का नेतृत्व करते हैं।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के आदर्शों को अपनाएं और नैतिकता और नैतिक नेतृत्व की दिशा में आगे बढ़ें। यही हमारे समाज और देश के लिए सच्ची प्रगति का मार्ग है।

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संविधान और स्वतंत्रता का महत्व

आज हम “संविधान और स्वतंत्रता का महत्व” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। हमारा संविधान वह नींव है जिस पर हमारे लोकतंत्र की इमारत खड़ी है। यह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे अधिकारों और कर्तव्यों का मार्गदर्शक है। महात्मा गांधी जी ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जिस आजादी का सपना देखा था, वह संविधान के माध्यम से ही साकार हुआ।

संविधान ने हमें स्वतंत्रता, समानता, और न्याय के सिद्धांत प्रदान किए हैं। इसने हर नागरिक को यह अधिकार दिया है कि वह अपनी इच्छानुसार जीवन जी सके, अपनी राय व्यक्त कर सके, और अपनी मान्यताओं का पालन कर सके। यह स्वतंत्रता हमें आत्मसम्मान और आत्मविश्वास प्रदान करती है।

स्वतंत्रता का महत्व केवल व्यक्तिगत आजादी तक सीमित नहीं है। यह हमारे समाज और राष्ट्र की प्रगति का आधार भी है। स्वतंत्रता के बिना हम अपने विचारों और कर्मों को सही दिशा नहीं दे सकते। गांधी जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि सच्ची स्वतंत्रता तभी संभव है जब हर व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझे और उनका पालन करे।

हमारा संविधान हमें यह सिखाता है कि स्वतंत्रता और अधिकारों के साथ-साथ हमारे कुछ कर्तव्य भी हैं। हमें अपने संविधान का सम्मान करना चाहिए और इसे बनाए रखने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। हमें अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए अपने कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए, ताकि हम एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकें।

आइए, हम सब मिलकर अपने संविधान और स्वतंत्रता का सम्मान करें और गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें।

शिक्षा का महत्व

आज हम “शिक्षा का महत्व” के विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं और समाज को प्रगति की ओर ले जा सकते हैं। शिक्षा न केवल ज्ञान का स्रोत है, बल्कि यह हमें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनाती है।

शिक्षा का महत्व केवल पाठ्यक्रमों तक सीमित नहीं है। यह हमें नैतिकता, मूल्य, और सामाजिक जिम्मेदारियों का भी बोध कराती है। एक शिक्षित व्यक्ति न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सफल होता है, बल्कि वह समाज और राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गांधी जी ने कहा था कि सच्ची शिक्षा वही है जो हमारे चरित्र का निर्माण करे और हमें नैतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाए।

आज के समय में शिक्षा की प्रासंगिकता और भी बढ़ गई है। तकनीकी प्रगति और वैश्वीकरण के इस युग में, शिक्षा हमें नई चुनौतियों का सामना करने और अवसरों का लाभ उठाने की क्षमता प्रदान करती है। हमें अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करनी चाहिए और उन्हें ऐसी शिक्षा से सशक्त बनाना चाहिए जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सफलता दिला सके।

आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम शिक्षा के महत्व को समझेंगे और इसे हर व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए प्रयास करेंगे। यही गांधी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी और हमारे समाज और राष्ट्र की सच्ची प्रगति का मार्ग भी।

धर्म और आध्यात्मिकता

आज हम “धर्म और आध्यात्मिकता” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने अपने जीवन में धर्म और आध्यात्मिकता का गहरा महत्व समझा और इसे अपने कार्यों में भी उतारा। उनके लिए धर्म केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह एक जीवन जीने का तरीका था जो सत्य, अहिंसा और प्रेम पर आधारित था।

धर्म का अर्थ है सही मार्ग पर चलना और सत्य की खोज करना। यह हमें नैतिकता, ईमानदारी, और परोपकार की शिक्षा देता है। गांधी जी ने हमेशा कहा कि धर्म का असली उद्देश्य है हमें आत्मा से जोड़ना और हमारी आत्मा को शुद्ध करना। उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मों का सार एक ही है – प्रेम और करुणा।

आध्यात्मिकता का मतलब है अपने अंदर की गहराइयों में उतरकर अपने असली स्वरूप को पहचानना। यह हमें शांति, संतोष और आंतरिक बल प्रदान करती है। गांधी जी का मानना था कि आध्यात्मिकता के बिना जीवन अधूरा है। उन्होंने प्रार्थना और ध्यान को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया और हमें सिखाया कि आत्मा की शांति और संतुलन कैसे प्राप्त किया जा सकता है।

आज के समय में, जब हम बाहरी सुख-सुविधाओं के पीछे भाग रहे हैं, हमें धर्म और आध्यात्मिकता की ओर लौटना चाहिए। यह हमें सच्चे सुख और शांति का मार्ग दिखाता है। आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के दिखाए रास्ते पर चलें और धर्म और आध्यात्मिकता के माध्यम से अपने जीवन को सार्थक बनाएं।

समाज सेवा और परोपकार

आज हम “समाज सेवा और परोपकार” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि समाज सेवा और परोपकार मानव जीवन का सबसे बड़ा धर्म है। उनके अनुसार, सच्ची सेवा वही है जो निस्वार्थ भाव से की जाए और जिसमें दूसरों की भलाई का सोच हो।

समाज सेवा का मतलब है समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों की मदद करना। यह सेवा किसी भी रूप में हो सकती है – शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण, या आर्थिक सहायता। गांधी जी ने अपने जीवन में समाज सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने हमेशा दूसरों की भलाई के लिए कार्य किया और समाज को एकजुट करने का प्रयास किया।

परोपकार का अर्थ है दूसरों की मदद के लिए निस्वार्थ भाव से काम करना। यह केवल धन देने तक सीमित नहीं है, बल्कि समय, प्रयास, और प्रेम देने का भी काम है। गांधी जी का मानना था कि परोपकार से न केवल जरूरतमंदों को सहायता मिलती है, बल्कि यह हमारे अपने दिल को भी शुद्ध करता है और हमें सच्ची खुशी देता है।

आज के समय में, समाज सेवा और परोपकार की आवश्यकता पहले से भी अधिक है। हमें अपने समाज के कमजोर और वंचित वर्गों की मदद करने के लिए आगे आना चाहिए। हमें एकजुट होकर कार्य करना चाहिए और एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिए जहां हर व्यक्ति सम्मान और समानता के साथ जीवन जी सके।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के आदर्शों को अपनाएं और समाज सेवा और परोपकार के मार्ग पर चलें। यही हमारे जीवन का सच्चा उद्देश्य है और यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी हमारे महान नेता को।

गरीबी उन्मूलन

आज हम “गरीबी उन्मूलन” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि किसी भी देश की सच्ची प्रगति तभी हो सकती है जब उसके सबसे गरीब व्यक्ति का भी उत्थान हो। उनके अनुसार, गरीबी केवल आर्थिक समस्या नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और नैतिक चुनौती भी है।

गरीबी उन्मूलन का अर्थ है समाज के हर व्यक्ति को जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं प्रदान करना – भोजन, आवास, शिक्षा, और स्वास्थ्य। गांधी जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि समाज के हर व्यक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाना चाहिए। उन्होंने स्वदेशी आंदोलन और खादी जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा दिया और लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए।

आज भी, गरीबी उन्मूलन हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। हमें ऐसी नीतियों और कार्यक्रमों को लागू करना चाहिए जो गरीबों के उत्थान में सहायक हों। शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से हम गरीबों को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। साथ ही, हमें कृषि और छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिल सके।

गरीबी उन्मूलन के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। हर व्यक्ति का योगदान महत्वपूर्ण है। हमें अपने समाज के सबसे कमजोर और वंचित वर्गों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह न केवल हमारे समाज को मजबूत बनाएगा, बल्कि हमारे देश को भी प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाएगा।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के सपने को साकार करें और एक ऐसा समाज बनाएं जहां कोई भी व्यक्ति गरीबी की वजह से पीछे न रहे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई

आज हम “भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि भ्रष्टाचार समाज की प्रगति में सबसे बड़ा बाधक है। भ्रष्टाचार न केवल आर्थिक विकास को रोकता है, बल्कि समाज के नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को भी कमजोर करता है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मतलब है ईमानदारी, पारदर्शिता, और नैतिकता के मूल्यों को अपनाना। गांधी जी ने अपने जीवन में सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का पालन करके हमें यह सिखाया कि हम अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में ईमानदार रह सकते हैं। उनका मानना था कि जब तक हम स्वयं ईमानदार नहीं होंगे, तब तक समाज से भ्रष्टाचार को समाप्त नहीं कर सकते।

आज के समय में, भ्रष्टाचार हमारे समाज की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, और सार्वजनिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को प्रभावित करता है। हमें यह समझना होगा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हमारी भी जिम्मेदारी है। हमें अपने दैनिक जीवन में ईमानदारी और पारदर्शिता का पालन करना चाहिए और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।

हमें एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी। इसके लिए हमें शिक्षा और जागरूकता फैलानी होगी, ताकि हर व्यक्ति अपने अधिकारों और कर्तव्यों को समझ सके। हमें भ्रष्टाचार के मामलों की रिपोर्ट करने और जिम्मेदार व्यक्तियों को जवाबदेह बनाने के लिए सशक्त होना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के आदर्शों को अपनाएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को मजबूत करें। एक ईमानदार और नैतिक समाज की स्थापना ही हमारे देश को सच्ची प्रगति की दिशा में आगे ले जा सकती है।

अंतरधार्मिक सौहार्द

आज हम “अंतरधार्मिक सौहार्द” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि सभी धर्म समान हैं और उनका उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। उन्होंने हमें सिखाया कि सच्चा धर्म वह है जो प्रेम, करुणा और आपसी समझ को बढ़ावा देता है।

अंतरधार्मिक सौहार्द का अर्थ है कि हम सभी धर्मों का सम्मान करें और उनकी शिक्षाओं से सीखें। गांधी जी ने अपने जीवन में सभी धर्मों का अध्ययन किया और उनके सकारात्मक पहलुओं को अपनाया। उनका मानना था कि धर्म के नाम पर होने वाले झगड़े और हिंसा केवल अज्ञानता और पूर्वाग्रह का परिणाम हैं।

आज के समय में, जब दुनिया में धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरता बढ़ रही है, अंतरधार्मिक सौहार्द की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। हमें यह समझना होगा कि हर धर्म हमें प्रेम, शांति और भाईचारे का संदेश देता है। हमें एक-दूसरे के धर्मों का सम्मान करना चाहिए और उनके अनुयायियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखने चाहिए।

इसके लिए हमें आपसी संवाद और समझ बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। हमें धार्मिक सहिष्णुता और विविधता को अपनाना होगा। धार्मिक समारोहों और त्योहारों में भाग लेकर हम एक-दूसरे के धर्मों और संस्कृति को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। यह हमें एकजुट करेगा और समाज में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देगा।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के आदर्शों को अपनाएं और अंतरधार्मिक सौहार्द की दिशा में कदम बढ़ाएं। यही हमारे समाज और देश की सच्ची प्रगति का मार्ग है।

स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा

आज हम “स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। हमारे देश की स्वतंत्रता की कहानी अनेक वीर योद्धाओं के साहस और बलिदान की कहानी है, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर हमें आजादी दिलाई। महात्मा गांधी जी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, और कई अन्य महान व्यक्तियों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

महात्मा गांधी जी ने सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों पर चलकर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया। उन्होंने देशवासियों को एकजुट कर विदेशी शासन के खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन चलाया। उनका दृढ़ संकल्प और अडिग विश्वास हमें सिखाता है कि सत्य और अहिंसा की शक्ति से बड़े से बड़े परिवर्तन लाए जा सकते हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन कर हमें यह सिखाया कि स्वतंत्रता के लिए हमें किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनकी वीरता और निडरता हमें प्रेरित करती है कि हम अपने देश के लिए किसी भी बलिदान के लिए तैयार रहें।

भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने अपने युवा जीवन का बलिदान देकर स्वतंत्रता की ज्वाला को प्रज्वलित किया। उनकी शहादत ने युवाओं में देशभक्ति और स्वतंत्रता के लिए लड़ने का जज्बा पैदा किया।

रानी लक्ष्मीबाई, जिन्होंने अपनी आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी, हमें सिखाती हैं कि महिलाओं में भी अपार साहस और शक्ति होती है। उनके योगदान के बिना हमारा स्वतंत्रता संग्राम अधूरा है।

हमारे इन महान स्वतंत्रता संग्राम के योद्धाओं के बलिदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। उनका संघर्ष और त्याग हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश की रक्षा और विकास के लिए समर्पित रहें। आइए, हम सब मिलकर उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने देश को एक मजबूत, समृद्ध और सशक्त राष्ट्र बनाएं।

नैतिकता और चरित्र निर्माण

आज हम “नैतिकता और चरित्र निर्माण” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी ने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि एक व्यक्ति की सच्ची ताकत उसके नैतिकता और चरित्र में निहित होती है। उनका मानना था कि नैतिकता के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता और चरित्र निर्माण के बिना समाज का विकास संभव नहीं है।

नैतिकता का अर्थ है सही और गलत के बीच अंतर करना और सदैव सही मार्ग पर चलना। यह हमें सत्य, अहिंसा, ईमानदारी, और न्याय के सिद्धांतों का पालन करने की प्रेरणा देती है। गांधी जी ने अपने जीवन में नैतिकता के इन मूल्यों का पालन किया और हमें सिखाया कि जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है अपने सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहना।

चरित्र निर्माण का मतलब है कि हम अपने व्यक्तित्व और व्यवहार में उन गुणों को विकसित करें जो हमें एक अच्छा इंसान बनाते हैं। इसमें आत्म-अनुशासन, समर्पण, और दूसरों के प्रति सम्मान जैसे गुण शामिल हैं। गांधी जी ने कहा था कि एक व्यक्ति का चरित्र ही उसके जीवन का सबसे बड़ा धन होता है।

आज के समय में, जब नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है, हमें गांधी जी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। हमें अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा देनी चाहिए और उनके चरित्र निर्माण पर ध्यान देना चाहिए।

आइए, हम सब मिलकर नैतिकता और चरित्र निर्माण के महत्व को समझें और अपने जीवन में इन मूल्यों को अपनाएं। यही हमारे समाज और देश की सच्ची प्रगति का मार्ग है।

ग्राम विकास और ग्राम स्वराज

आज हम “ग्राम विकास और ग्राम स्वराज” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का सपना था कि भारत का विकास उसके गांवों के विकास के साथ हो। उनका मानना था कि जब तक हमारे गांव आत्मनिर्भर और सशक्त नहीं बनेंगे, तब तक देश की प्रगति अधूरी रहेगी। ग्राम स्वराज का अर्थ है गांवों का स्व-शासन, जहां हर गांव अपनी आवश्यकताओं को स्वयं पूरा कर सके और आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक दृष्टि से आत्मनिर्भर हो।

ग्राम विकास का पहला कदम है शिक्षा का प्रसार। हर गांव में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साधन उपलब्ध होने चाहिए ताकि बच्चों को बेहतर भविष्य मिल सके। इसके साथ ही, स्वास्थ सेवाओं की उपलब्धता भी महत्वपूर्ण है। स्वस्थ समाज ही सशक्त समाज बना सकता है।

कृषि और कुटीर उद्योगों का विकास ग्राम स्वराज की दिशा में एक बड़ा कदम है। गांधी जी ने हमेशा स्वदेशी उत्पादों और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। गांवों में छोटे उद्योगों और हस्तशिल्प को प्रोत्साहन देकर हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं और रोजगार के अवसर बढ़ा सकते हैं।

स्वच्छता और स्वच्छ जल की उपलब्धता भी ग्राम विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हमें सुनिश्चित करना चाहिए कि हर गांव में साफ-सफाई हो और पीने के लिए स्वच्छ जल उपलब्ध हो।

ग्राम स्वराज का मतलब है कि गांव के लोग मिलकर अपने विकास की योजना बनाएं और उसे क्रियान्वित करें। हमें ग्रामीणों को सशक्त बनाना चाहिए ताकि वे अपने गांव की समस्याओं का समाधान स्वयं कर सकें।

आइए, हम सब मिलकर गांधी जी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करें और अपने गांवों को सशक्त, आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाएं। यही हमारे देश की सच्ची प्रगति का मार्ग है।

पर्यावरण संरक्षण

आज हम “पर्यावरण संरक्षण” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि पृथ्वी हमारे पास एक अमूल्य धरोहर है और हमें इसे सुरक्षित और संरक्षित रखने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उन्होंने कहा था, “पृथ्वी के पास हर किसी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन लालच को पूरा करने के लिए नहीं।”

पर्यावरण संरक्षण का अर्थ है हमारे प्राकृतिक संसाधनों का सावधानीपूर्वक उपयोग करना और उन्हें बचाना। वनों की कटाई, जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, और जैव विविधता की हानि जैसी समस्याएं हमारे पर्यावरण को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन समस्याओं का समाधान करें और अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करें।

हमें अपने जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करने चाहिए, जैसे कि प्लास्टिक का कम उपयोग, पुनर्चक्रण, ऊर्जा की बचत, और पानी का संरक्षण। पेड़ लगाना और वनों की रक्षा करना भी पर्यावरण संरक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। जब हम एक पेड़ लगाते हैं, तो हम न केवल पर्यावरण को संरक्षित करते हैं, बल्कि जीवन को भी संरक्षित करते हैं।

हम सभी को मिलकर पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। हमें अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और अपने समुदाय, स्कूल, और कार्यस्थल में पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना होगा।

आइए, हम सब मिलकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं और अपने ग्रह को सुरक्षित, स्वच्छ, और हरा-भरा बनाएं। यही हमारे देश और विश्व के लिए सच्ची सेवा होगी।

युवाओं की शक्ति

आज हम “युवाओं की शक्ति” के महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करेंगे। महात्मा गांधी जी का मानना था कि युवाओं में अद्वितीय शक्ति और ऊर्जा होती है, जो किसी भी राष्ट्र की प्रगति और विकास का आधार बन सकती है। युवा हमारी समाज की सबसे महत्वपूर्ण पूंजी हैं, और उनका सही दिशा में उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है।

युवाओं में असीम संभावनाएं होती हैं। उनके पास नई सोच, नयी ऊर्जा और नये विचार होते हैं, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। आज के युवा तकनीकी ज्ञान से लैस हैं और हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। चाहे वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी हो, कला और संस्कृति हो, या खेल और व्यवसाय, हर क्षेत्र में युवाओं ने अपनी छाप छोड़ी है।

युवाओं की शक्ति को सही दिशा में मोड़ना बहुत आवश्यक है। इसके लिए हमें उन्हें अच्छी शिक्षा और सही मार्गदर्शन प्रदान करना होगा। हमें उन्हें नैतिकता, ईमानदारी और समाज सेवा के मूल्य सिखाने होंगे, ताकि वे अपने जीवन में सही निर्णय ले सकें और समाज के लिए प्रेरणा बन सकें।

हमारा कर्तव्य है कि हम युवाओं को प्रोत्साहित करें और उन्हें वह मंच प्रदान करें जहां वे अपनी क्षमताओं का पूरा उपयोग कर सकें। उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना, उनके स्वास्थ्य और कल्याण का ध्यान रखना और उन्हें नेतृत्व की भूमिकाओं में शामिल करना महत्वपूर्ण है।

आइए, हम सब मिलकर युवाओं की शक्ति को पहचानें और उन्हें एक बेहतर भविष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। यही हमारे समाज और राष्ट्र की सच्ची प्रगति का मार्ग है।

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दिव्या चौधरी इतिहास और मानविकी की प्रतिबद्ध छात्रा हैं, जो वर्तमान में _पुरालेख, अभिलेख, और मुद्राशास्त्र_ में मास्टर की डिग्री प्राप्त कर रही हैं, *भारतीय विरासत संस्थान*, *नोएडा* से। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि उनके अनुसंधान और संचार, प्रस्तुति और वाद-विवाद कौशल को सुगम बनाती है।

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गाँधी जयंती पर भाषण

गाँधी जयंती

भाषण देना एक कला है जो व्यक्ति के किसी विषय पर ज्ञान और उसकी वाक् शैली पर निर्भर करता है लेकिन जब विषय गाँधी हों तो भाषण पूर्व तैयारी की भी आवश्यकता पड़ती है। यहाँ पर हम आसान और सरल शब्दों में विद्यार्थियों के लिये विभिन्न शब्द सीमाओं के साथ गाँधी जयंती पर भाषण उपलब्ध करा रहें हैं जिसका प्रयोग विद्यार्थी विभिन्न अवसरों या प्रतियोगिताओं में अपनी जरुरत के आधार पर कर सकते है।

गांधी जयंती पर 10 वाक्य

गाँधी जयंती पर भाषण (Short and Long Speech on Gandhi Jayanti in Hindi)

भाषण – 1.

सभी माननीयों, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। जैसा कि हम सभी जानते है कि हम सब यहाँ एक प्यारा उत्सव मनाने जुटे हैं जो गाँधी जयंती कहलाता है, इस अवसर पर मैं आप सब के सामने एक भाषण देना चाहता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, 2 अक्टूबर महात्मा गाँधी का जन्मदिन है।

राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देने के लिये हर वर्ष पूरे उत्साह के साथ हम इस दिन को मनाते है साथ ही साथ अंग्रेजी शासन से देश के लिये स्वतंत्रता संघर्ष के रास्ते में उनके हिम्मतपूर्णं कार्यों को याद करते हैं। पूरे भारत में एक बड़े राष्ट्रीय अवकाश के रुप में हमलोग गाँधी जयंती मनाते हैं। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है और वो बापू तथा राष्ट्रपिता के नाम से भी प्रसिद्ध है।

2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में भी मनाया जाता है क्योंकि अपने पूरे जीवन भर वह अहिंसा के उपदेशक रहे। 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 2 अक्टूबर को अंतरराष्ट्ररीय अहिंसा दिवस के रुप में घोषित किया गया है। हमलोग हमेशा बापू को शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद करेंगे। बापू का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के छोटे से शहर पोरबंदर में हुआ था जबकि उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बड़े-बड़े कार्य किये।

वह एक वकील थे और उन्होंने अपनी कानून की डिग्री इंग्लैंड से ली और वकालत दक्षिण अफ्रीका में किया। “सच के साथ प्रयोग” के नाम से अपनी जीवनी में उन्होंने स्वतंत्रता के अपने पूरे इतिहास को बताया है। जब तक की आजादी मिल नहीं गयी वह अपने पूरे जीवन भर भारत की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजी शासन के खिलाफ पूरे धैर्य और हिम्मत के साथ लड़ते रहे।

सादा जीवन और उच्च विचार सोच के व्यक्ति थे गाँधी जी जिसको एक उदाहरण के रुप में उन्होंने हमारे सामने रखा। वो धुम्रपान, मद्यपान, अस्पृश्यता और माँसाहारी के घोर विरोधी थे। भारतीय सरकार द्वारा उनकी जयंती के दिन शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है। वो सच्चाई और अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे जिन्होंने भारत की आजादी के लिये सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की।

नयी दिल्ली के राजघाट पर इसे ढ़ेर सारी तैयारीयों के साथ मनाया जाता है जैसे प्रार्थना, फूल चढ़ाना, उनका पसंदीदा गाना “रघुपति राघव राजा राम” आदि बजाकर गाँधीजी को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। मैं आप सबसे उनके एक महान कथन को बाँटना चाहूँगा “व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वो जो सोचता है वही बन जाता है”।

भाषण – 2

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। मेरा नाम राहुल है, मैं कक्षा 7 में पढ़ता हूँ। मैं गाँधी जयंती के अवसर पर एक भाषण देना चाहूँगा। सबसे पहले मैं अपने क्लासटीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा जिन्होंने इतने महान अवसर पर भाषण देने के लिये मुझे मौका दिया। जैसा कि हम सभी जानते है कि हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गाँधी का जन्मदिन मनाने के लिये हम सब इकट्ठा होते हैं। मेरे प्यारे दोस्तों, गाँधी जयंती केवल अपने देश में ही नहीं मनाया जाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में पूरे विश्व भर में मनाया जाता है क्योंकि वह अपने पूरे जीवनभर अहिंसा के एक पथ-प्रदर्शक थे।

उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है हालाँकि वह बापू और राष्ट्रपिता तथा महात्मा गाँधी के नाम से प्रसिद्ध हैं। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। इस दिन पर, नयी दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गाँधी को उनके समाधि स्थल पर भारत के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के द्वारा प्रार्थना, फूल, भजन आदि के द्वारा श्रद्धाजलि अर्पित की जाती है।

गाँधी जयंती भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में गाँधी को याद करने के लिये मनायी जाती है जिन्होंने हमेशा सभी धर्मों और समुदायों को एक नजर से सम्मान दिया। इस दिन पर पवित्र धार्मिक किताबों से दोहा और प्रार्थना पढ़ा जाता है खासतौर से उनका सबसे प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम”। देश में राज्यों के राजधानियों में प्रार्थना सभाएँ रखी जाती है। जैसा कि भारत सरकार के द्वारा इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रुप में, सभी स्कूल, कॉलेज, कार्यालय आदि पूरे देश में बंद रहते हैं।

महात्मा गाँधी एक महान व्यक्ति थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन से भारत की आजादी को प्राप्त करने में बहुत संघर्ष किया और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। वह ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत के लिये आजादी प्राप्त करने के अहिंसा के अनोखे तरीके के केवल पथ-प्रदर्शक ही नहीं थे बल्कि उन्होंने दुनिया को साबित किया कि अहिंसा के पथ पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी आजादी पायी जा सकती है। वह आज भी हमारे बीच शांति और सच्चाई के प्रतीक के रुप में याद किये जाते हैं।

भाषण – 3

सभी माननीय, आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षक और मेरे प्यारे दोस्तों को मैं प्यार भरा नमस्कार कहना चाहूँगा। मेरा नाम नवीन त्यागी है, मैं कक्षा 8 में पढ़ता हूँ। मेरे प्यारे दोस्तों, महात्मा गाँधी के जन्म दिवस, 2 अक्टूबर के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं। इस दिन पर, भारत के राष्ट्रपिता का जन्म 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। ये उत्सव हमारे लिये बहुत मायने रखता है। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी है, हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधीजी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। गाँधी जयंती के रुप में देश में बापू के जन्म दिवस को मनाया जाता है जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है।

बापू का जन्म देश के बहुत छोटे शहर में हुआ था हालाँकि उनके कार्य बहुत महान थे जिसको पूरे विश्व में फैलने से कोई नहीं रोक सका। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो ब्रिटिश शासन से अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजादी दिलाने में भरोसा रखते थे। वह अहिंसा के पथ-प्रदर्शक थे, उनके अनुसार ब्रिटिश शासन से आजादी प्राप्त करने का यही एकमात्र असरदार तरीका है। बापू एक महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी के संघर्ष में अपना पूरा जीवन दे दिया।

भारतियों के असली दर्द को महसूस करने के बाद, उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले के साथ कई सारे आंदोलनों में भाग लेना शुरु कर दिया। असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा और भारत छोड़ो आंदोलन वे अभियान है जो उन्होंने भारत की आजादी के लिये चलाये थे। वह कई बार जेल गये लेकिन कभी अपना धैर्य नहीं खोया और शांतिपूर्वक अपनी लड़ाई को जारी रखा। बापू का पूरा जीवन(वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिये) देशभक्ति, समर्पण, अहिंसा, सादगी और दृढ़ता का आदर्श उदाहरण है।

भारतीय लोगों द्वारा हर साल ढ़ेर सारी तैयारियों के साथ गाँधी जयंती मनायी जाती है। इस उत्सव को मनाने का उद्देश्य बापू को श्रद्धाजलि देने के साथ ही ब्रिटिश शासन से आजादी पाने में बापू द्वारा किये गये संघर्ष के बारे में भावी पीढ़ी को बताना है। ये हमें अपनी मातृभूमि के लिये हर समय खुली आँखों से सचेत रहने के लिये सिखाता है। मैं आप सबसे महात्मा गाँधी द्वारा कहा गया एक महान कथन बाँटना चाहूँगा।

“मेरा जीवन मेरा संदेश है, और दुनिया में जो बदलाव तुम देखना चाहते हो वह तुम्हें खुद में लाना पड़ेगा”।

जय हिन्द जय भारत

भाषण 4 – भारत के स्वतंत्रता संघर्ष में महात्मा गाँधी की भूमिका

आदरणीय प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रिय शिक्षकों और मेरे सहपाठी छात्रों आप सभी का आज के इस कार्यक्रम में हार्दिक स्वागत है।

मैं सार्थक पांडेय कक्षा दसवीं वर्ग सी का छात्र हूँ और आज गाँधी दिवस के इस शुभ अवसर पर आप सबके सामने भाषण देने को अपना सौभाग्य समझता हूँ। यह बताने की जरुरत नही है कि भारत के स्वाधीनता संघर्ष में महात्मा गाँधी का योगदान कितना बड़ा है। मेरी इस बात से आप में से शायद ही कोई इंकार कर सकता है। साधरणतः हम महात्मा गाँधी को बापू के नाम से भी जानते है, उनके महान चरित्र और व्यक्तित्व के विषय में जितनी भी बात की जाये कम है।

उनका जन्म अक्टूबर सन् 1869 को वर्तमान गुजरात प्रदेश के पोरबंदर मे हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वह सन् 1900 में भारत के सबसे महानतम स्वाधीनता सेनानियों में से एक थे। यह वह समय था, जब उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर संभाली और देश को स्वतंत्रता प्राप्ति की ओर अग्रसर किया। जैसा कि हम सब जानते है कि अंग्रेजो ने हमारे देश पर लगभग 250 वर्षो तक राज किया, पर उनके इस राज की नीव हिलनी तब शुरु हुई, जब 1915 में बापू दक्षिण अफ्रीका से लौटे और गोपाल कृष्ण गोखले के कहने पर देश में चल रहे स्वाधीनता संघर्ष की बागडोर संभाली। उनके इस त्याग का अंदाजा हम इसी बात से लगा सकते हैं कि देश और समाज के भलाई के लिए। उन्होंने वकालत जैसे प्रतिष्ठित पेशे को छोड़ने में भी संकोच नही किया।

स्वाधीनता संघर्ष में उनके योगदान को किसी भी तरीके से कम नही आंका जा सकता है और ना ही इसे शब्दों में बयान किया जा सकता है। हम कह सकते हैं कि बापू ने शहीद भगत सिंह, लाल बहादुर शास्त्री, सुभाष चन्द्र बोस, सरोजनी नायडू, लाला लाजपत राय, और दूसरे अन्य क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजो को हमारा देश छोड़ने पे मजबूर कर दिया था। उनकी कई सारी नीतियां खासतौर से अहिंसा नीति देश के आजादी में सबसे बड़ा हथियार साबित हुई। अपने इन्हीं कारगर नीतियों के वजह से वह देशभर में लोगो के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बनें।

यह प्रथम विश्व युद्ध का समय था और उस वक्त के भारत के वायसराय लार्ड चेस्टफोर्ड ने महात्मा गाँधी को युद्ध के विषय में चर्चा करने के लिए दिल्ली आमंत्रित किया तथा उनसे अपील की वह अधिक से अधिक भारतीय लोगो को सेना में शामिल होने के लिए कहें। इस बात पर अंग्रेजी हुकूमत का विश्वास हासिल करने के लिए उन्होंने लोगो से प्रथम विश्व युद्ध के लिए सेना में शामिल होने के लिए कहा, लेकिन इसके साथ ही अपने एक व्यक्तिगत खत में उन्होंने वायसराय से कहा कि “वह किसी को भी जान से मारने के लिए नही कहेंगे चाहे वह दोस्त हो या दुश्मन”।

गुजरात में खेड़ा नामक एक गांव हैं, यह सन् 1917 की बात है जब वहां भीषण बाढ़ आई हुई थी, जिससे उस क्षेत्र में हालात काफी खराब हो गये थे। इन्हीं कारणों से स्थानीय किसानों ने उच्च अधिकारियों से कर माफ करने का निवेदन किया परन्तु अंग्रेजी हुकूमत द्वारा उनकी इन मांगो को अस्वीकार कर दिया गया। जिसके बाद गाँधी जी ने किसानो के समर्थन में कर ना देने के लिए आंदोलन किया। इसके साथ ही उन्होंने तालददार और मालतदार जैसे राजस्व अधिकारियों के सामाजिक बहिष्कार का भी आंदोलन किया था। गाँधी जी के इन्हीं प्रयासों के चलते सन् 1918 में अंग्रेजी सरकार को विवश होकर किसानों की मांगो का मानना पड़ा और जब तक आकाल की समस्या समाप्त ना हो जाये, तब तक उन्हें करों में छूट देने के लिए तैयार होना पड़ा।

स्वाधीनता संघर्ष में सक्रिय रहने के साथ ही गाँधी जी ने छुआछूत, लिंगभेद के साथ अन्य कई सामाजिक महत्वपूर्ण विषयों जैसे किसानों के दयनीय स्थिति को सुधारने तथा महिला सशक्तिकरण के मामलो पर सुधार के लिए भी काफी कार्य किया।

इसके साथ ही सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह आल इंडिया मुस्लिम लीग कांफ्रेस के मुख्य प्रवक्ताओं में से एक थे। एक तरह से गाँधी जी एक सर्वमान्य नेता थे और खिलाफत आंदोलन में उनके सहभागिता ने उन्हें हर वर्ग का राष्ट्रीय नायक बना दिया। यह उनके द्वारा किए गये नमक स्तयाग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन और असहयोग आंदोलन जैसे अहिंसक आंदोलन ही थे, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत की कमर तोड़ने का कार्य किया। जिसके चलते अंग्रेजी हुकूमत को भारत को स्वतंत्रता प्रदान करने के लिए विवश होना पड़ा।

अंत में हम यहीं कह सकते हैं कि वह एक महान क्षमता तथा योग्यता के धनी व्यक्ति थे और अपने नेतृत्व कौशल से उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष में एक अहम भूमिका निभाई थी। देश के स्वतंत्रता संघर्ष में, उनके इस योगदान के चलते हम और हमारे देश की आने वाली पीढ़ीया सदैव उनकी ऋणी रहेंगी। उनके बलिदान को ना ही हम भूले हैं ना ही इसे कभी भूल सकते हैं।

मेरे इस भाषण को इतने धैर्यपूर्वक सुनने और अपना बहुमूल्य समय देने के लिए आप सभी का धन्यवाद!

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mahatma gandhi best speech in hindi

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महात्मा गांधी पर भाषण

स्वतंत्रता दिवस 2022 के अवसर पर भारत में आजादी के 76 साल की वर्षगांठ मनाई जा रही है। 15 अगस्त 1947 की नई सुबह देखने के लिए मंगल पांडेय से लेकर भगत सिंह तक कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए।.

इस वर्ष 2 अक्टूबर 2022 को महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई जा रही है। स्वतंत्रता दिवस 2022 के अवसर पर भारत में आजादी के 76 साल की वर्षगांठ मनाई गई। 15 अगस्त 1947 की नई सुबह देखने के लिए मंगल पांडेय से लेकर भगत सिंह तक कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए। स्वतंत्रता सेनानियों में महात्मा गांधी ने सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अहिंसा के मार्ग पर चलकर गांधी जी के आजाद भारत का सपना साकार किया गया। महात्मा गांधी के आंदोलनों में चंपारण आंदोलन, खेड़ा आंदोलन, खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, नमक मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन ने लोगों को आजादी के लिए प्रेरित किया।

लोग महात्मा गांधी जी के आन्दोलनों में जुड़ते गए और आजादी की राह को आसान बनाते गए। अंत में 15 अगस्त 1947 को भारत ब्रिटिश राज से आजाद हुआ। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में महात्मा गांधी पर भाषण लिखने की तैयारी कर रहे हैं तो करियर इंडिया हिंदी आपके लिए सबसे बेस्ट महात्मा गांधी पर भाषण लेकर आया है, जिसकी मदद से आप आसानी से महात्मा गांधी पर भाषण लिख सकते हैं।

महात्मा गांधी पर भाषण

महात्मा गांधी पर भाषण अगर आज गांधीजी जिंदा होते तो 2 अक्टूबर 2022 को 153 साल के हो जाते, लेकिन आज गांधी जी हम सबके मन में जिंदा है। इस साल 2 अक्टूबर 2022 को महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई जाएगी। मेरे लिए हर दिन के अचरण में गांधीजी के जीवनदर्शन को उतारना ही सही मायनों में गांधीवादी होना है और सही मायनों में उनके प्रति सम्मान व्यक्त करना है। गांधी जी ने भारत की आजादी के लिए अपना पूरा जीवन देश को समर्पित किया। देश में उनके अतुलनीय योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपिता का दर्जा दिया गया और उनके नाम में महात्मा शब्द जोड़ा गया। जयंती मनाना महज एक रस्म अदायगीभर होती है। महत्वपूर्ण यह है कि क्या हमारे जीवन में उस जीवन का कोई अंश या प्रभाव है, जिसकी हम जयंती मना रहे हैं? अगर ये होता है तो वह फिर हमारी जिंदगी एक नई राह पर चलती है।

किसी के प्रति सम्मान का सबसे सही तरीका यही है, इसलिए मुझे गांधी जयंती मनाने या उनके भव्य कार्यक्रम में जाने से ज्यादा उनके विचारों को जीवन में उतरना है। भारत जिस तरह की समरस्ता के लिए सदियों से जाना जाता रहा है और जिस तरह के भारत को दुनिया जानती, मानती व सम्मान करती है, उस समरस भारत की तो अब छवि ही ध्वस्त की जा रही है। एक मुल्क के लिए और एक समाज के लिए वह आईना उसकी सूरत को दिखाने वाला आईना नहीं होता बल्कि उसकी आत्मा को दर्शाने वाला आईना होता है। सूरत को हम चाहे जितनी साफ सुथरी बनाकर रखें, उसे सुंदर गढ़ लें, लेकिन जो आईना हमारी आत्मा को दिखाता है, उसे हमारी सूरत से कुछ लेना देना नहीं होता। इसलिए गांधीजी के विचारों का सम्मान करें, यही हमें गांधीवादी बनता है।

जब तक कि हम गांधीजी के जीवनदर्शन को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में नहीं उतारते, तक तब उनके सपनों का भारत का निर्माण नहीं होगा। मुझे चिंता इस बात की है कि गांधीजी को उत्सव में तब्दील करने के बाद भी मुल्क के आईने में जो हमारी आत्मा की तस्वीर नजर आयेगी, क्या उसे हम खुद स्वीकार कर पायेंगे? यह गांधी की छवि पूजा का दौर है, उनका दिनरात खूब नाम लिया जा रहा है। लेकिन अपने जीवन और अपनी सोच में उन्हें बिल्कुल जगह नहीं दी जा रही। इसका बहुत बुरा असर पड़ा रहा है। गांधी के नाम पर जो बड़े बड़े कार्यक्रम करने की होड़ लगी हुई, वह दरअसल जनता को कन्फ्यूज करने के लिए है। जनता को यह बताने या दर्शाने की कोशिश की जा रही है कि सरकार गांधीजी के बताये हुए मार्ग पर चल रही है और इसी के बल पर उससे अपने लिए समर्थन मांगा जाता है।

जब लोग नासमझी में किसी को समर्थन देते हैं तो ऐसे लोग गर्व से यह कहते हें, उन्हें जनता ने चुना है। यह गांधी दर्शन के साथ एक राजनीतिक साजिश है। लेकिन मैं समझता हूं, जो खरा है, वो कभी खत्म नहीं होगा। इतिहास गवाह है जो खरा है, उसे थोड़े समय तक के लिए भले बरगला दिया जाए लेकिन कोई भी ताकत खरे प्रभाव को कभी भी खत्म नहीं कर सकती। अगर गांधीजी को इस किस्म से बरगलाना आसान होता तो अब तक दुनिया में गांधीजी का प्रभाव खत्म हो गया होता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर गुजरते दिन के साथ गांधीजी पहले से ज्यादा महत्वपूर्ण और पहले से ज्यादा दुनिया की जरूरत बन गए हैं, जो लोग गांधीजी की मूर्ति की पूजा के बहाने अपने मंसूबो को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि नकली भक्ति हमेशा के लिए कभी नहीं टिकती, वह जल्दी बेनकाब हो जाती है।

गांधीजी के साथ कुछ वैसा ही हो रहा है जैसा मर्यादा पुरुषोत्तम राम के साथ हुआ या हो रहा है। जो लोग राम के भक्त कहलाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम याद नहीं आता जिसके कारण उन्हें भगवान का दर्जा मिला। वह तो बस राम का नाम लेकर अपनी राजनीति को चमकाना चाहते हैं। इसी तरह गांधी के साथ हो रहा है। इस दौर के राजनेता आईकोनिक पूजा का दिखावा करते हैं, लेकिन जिन्हें अपना आदर्श बताते हैं, कभी उनके कदमों पर चलने की कोशिश नहीं करते। क्योंकि यह उन्हें बहुत कठिन लगता है और यह भी सही है कि उनकी फितरत भी अलग है। आज के दौर में राजनीति, आईकोनिक पूजा के बहाने अपने उद्देश्यों को गाठने की कोशिश करती है। इस क्रम में भले उसे अपने ही आर्दश की छवि के साथ नाइंसाफी करनी पड़े।

बापू के साथ भी यही कोशिश हो रही है। लेकिन जनता अब ऐसी नहीं है कि राजनेताओं के बरगलाने पर वह लंबे समय तक बरगलायी जाती रहे। अब जनता का भ्रमित होना आसान नहीं है। हां, थोड़े बहुत लोग भ्रमित हो भी रहे हैं तो उसकी वजह यह है कि आज की दुनिया में ऐसे लोग दिखते ही नहीं जिनकी तुलना गांधीजी से की जा सके या जिन्हें आज के दौर का गांधी कहा जा सके। किसी भी महान आत्मा से दर्शाया गया प्रेम हमारे आचरण और व्यवहार में तभी दिखता है जब वह सच्चा या सचमुच का प्रेम हो। अभी जो बापू के प्रति प्रेम दिखता है, जो भक्ति दिखती है, वह एक छलावा है। बापू के नाम पर अपने ही एजेंडा को सेट करने का षडयंत्र है, एक तरह से बापू का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस सबसे देश को कोई फायदा नहीं होगा, देश को फायदा तब होगा जब हम उनके बताए मार्ग पर चलेंगे।

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Gandhi Jayanti: महात्मा गांधी की जयंती पर देनी है स्पीच, अपनाएं ये आइडियाज

Mahatma gandhi jayanti 2020: इस साल महात्मा गांधी की 151वीं जयंती है। इस अवसर पर अगर आपको स्पीच देनी है, तो आप कुछ अच्छे टॉपिक्स चुन सकते हैं।.

gandhi jayanti

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As the Indian subcontinent moved towards freedom, it was engulfed by unprecedented violence. Gandhiji prayer speeches became the medium through which he appealed for calm and sanity. These prayer speeches were recorded by the All India Radio and relayed across the subcontinent. A collection is presented here.

mahatma gandhi best speech in hindi

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Post Prayer Speech by Mahatma Gandhi on 11-05-1947 at Sodepur (Part - 1)

Post prayer speech by mahatma gandhi on 11-05-1947 at sodepur (part - 2), post prayer speech by mahatma gandhi on 13-05-1947 at sodepur, post prayer speech by mahatma gandhi on 14-05-1947 at sodepur (part - 1), post prayer speech by mahatma gandhi on 14-05-1947 at sodepur (part - 2), post prayer speech by mahatma gandhi on 31-05-1947 at new delhi, post prayer speech by mahatma gandhi on 01-06-1947 at new delhi, post prayer speech by mahatma gandhi on 04-06-1947 at new delhi, post prayer speech by mahatma gandhi on 05-06-1947 at new delhi (part - 1), post prayer speech by mahatma gandhi on 05-06-1947 at new delhi (part - 2), post prayer speech by mahatma gandhi on 05-06-1947 at new delhi (part - 3), post prayer speech by mahatma gandhi on 06-06-1947 at new delhi.

mahatma gandhi best speech in hindi

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Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi – महात्मा गांधी के 50 अनमोल वचन

Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi : इस लेख, Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi, के माध्यम से में महात्मा गांधी के 50 अनमोल वचन आपसे साझा करूँगा। जैसा की आप जानते है कि सत्य और अहिंसा की राह पर चलते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करने की सीख गांधी जी को उनकी माँ से मिली थी। इंग्लैंड पढ़ाई के दौरान उन्हें कई बार अपमान सहना पड़ा था फिर भी वह रास्ते से अडिग नहीं हुए। तो चलिए शुरू करते हैं पहले अनमोल वचन से

“आदमी अक्सर वह बन जाता है जो वह होने में यक़ीन करता है। अगर मैं ख़ुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वह करने में असमर्थ हो जाऊँ। इसके विपरीत, अगर मैं यह यक़ीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वह क्षमता ना रही हो।” – Mahatma Gandhi

Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi

“आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को क़ैद नहीं कर सकते।” – Mahatma Gandhi

“निरंतर विकास जीवन का नियम है और जो व्यक्ति ख़ुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वह ख़ुद को ग़लत स्थिति में पंहुचा देता है।” महात्मा गाँधी

“मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वह अच्छा कर रही है तब वह अच्छाई अस्थायी होती है; और वह जो बुराई करती है वह स्थायी होती है।” – Mahatma Gandhi

“थोडा-सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।” – Mahatma Gandhi

“मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुँचा सकता।” – Mahatma Gandhi

“निरंतर विकास जीवन का नियम है और जो व्यक्ति ख़ुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी को बरकरार रखने की कोशिश करता है वह ख़ुद को ग़लत इस्थिति में पंहुचा देता है।” – Mahatma Gandhi

“मैं तुम्हे शांति का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हे प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ। मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ। मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ। मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ।” – Mahatma Gandhi

“आपकी मान्यताएँ आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।” – Mahatma Gandhi

“अपने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यक़ीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मज़बूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।” – Mahatma Gandhi

“अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।” – Mahatma Gandhi

“गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।” – Mahatma Gandhi

“समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमे नाश होता है।” – Mahatma Gandhi

Mahatma Gandhi Quotes  in Hindi

“व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।” – Mahatma Gandhi

“पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।” – Mahatma Gandhi

“मृत, अनाथ और बेघर को इससे क्या फ़र्क़ पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?” – Mahatma Gandhi

“जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं और कुछ समय के लिए वह अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो-हमेशा।” – Mahatma Gandhi

“हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।” – Mahatma Gandhi

“चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि-मैं दुनिया में किसी से डरूंगा नहीं। मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।” – Mahatma Gandhi

“जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है। वह सबके भीतर है।” – Mahatma Gandhi

“विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।” – Mahatma Gandhi

“सात घनघोर पाप: काम के बिना धन; अंतरात्मा के बिना सुख; मानवता के बिना विज्ञान; चरित्र के बिना ज्ञान; सिद्धांत के बिना राजनीति; नैतिकता के बिना व्यापार; त्याग के बिना पूजा।” – महात्मा गाँधी

Mahatma Gandhi Best Quotes  in Hindi

“हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।” – महात्मा गाँधी

“पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ़ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।” – महात्मा गाँधी

“अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।” – महात्मा गाँधी

“पहले वह आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वह आप पर हँसेंगे, फिर वह आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जायेंगे।” – महात्मा गाँधी

“मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।” – महात्मा गाँधी

“प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हज़ार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।” – महात्मा गाँधी

“सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं।” – Mahatma Gandhi

“अन्य से पृथक रखने का प्रयास करे।” – महात्मा गाँधी

“अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।” – महात्मा गाँधी

Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi

Mahatma Gandhi ke Anmol Vachan

“प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं ह्रदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।” – महात्मा गाँधी

“हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।” – महात्मा गाँधी

“पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।” – महात्मा गाँधी

“विश्व इतिहास में आजादी के लिए लोकतान्त्रिक संघर्ष हमसे ज़्यादा वास्तविक किसी का नहीं रहा है। मैने जिस लोकतंत्र की कल्पना की है, उसकी स्थापना अहिंसा से होगी। उसमे सभी को समान स्वतंत्रता मिलेगी। हर व्यक्ति ख़ुद का मालिक होगा।” – महात्मा गाँधी

“खुद वह बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।” – महात्मा गाँधी

Mahatma Gandhi ke Anmol Vichar in hindi

“भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।” – महात्मा गाँधी

“शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।” – महात्मा गाँधी

“आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।” – महात्मा गाँधी

“प्रार्थना माँगना नहीं है। यह आत्मा की लालसा है। यह हर रोज़ अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।” – महात्मा गाँधी

“चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यक़ीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।” – महात्मा गाँधी

“क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।” – महात्मा गाँधी

“अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।” – महात्मा गाँधी

“जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएँ हुए धन के बराबर है।”- महात्मा गाँधी

“वास्तविक सोन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है।” – महात्मा गाँधी

“भविष्य में क्या होगा, मैं यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।” – महात्मा गाँधी

“क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।” – महात्मा गाँधी

“कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।” – महात्मा गाँधी

“पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके ग़लत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।” महात्मा गाँधी

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Closing Remarks:

तो दोस्तों इस आर्टिकल (Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi) में बस इतना ही आपको ये आर्टिकल (Top 50 Mahatma Gandhi quotes in Hindi) कैसी लगी हमें कमेन्ट कर के जरूर बताये। अगर आप इस बुक का कम्पलीट वीडियो समरी देखना चाहते है तो ऊपर दिए लिंक से देख सकते है। लेटेस्ट वीडियो को देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूले।

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Welcome speeches for Independence Day in English and Hindi for schools and colleges

Welcome speeches for independence day in english and hindi for schools and colleges: explore heartfelt welcome speeches for independence day in english and hindi, perfect for schools and colleges. inspire your audience with patriotic messages and reflections on india's journey to freedom..

Mansi Jha

New Delhi: As we gather here today to celebrate the 78th Independence Day of our great nation, we are reminded of the sacrifices made by countless freedom fighters who fought bravely to secure the liberty we now cherish. This day marks not just the end of colonial rule, but the beginning of a journey towards progress, equality, and self-reliance. Each year, on this auspicious occasion, we come together to honor the spirit of freedom and to pay tribute to those who laid down their lives for the country’s independence.

It is a moment to reflect on our achievements, to acknowledge the challenges ahead, and to renew our commitment to building a better and stronger India. As we immerse ourselves in the patriotic fervor of the day, let us remember that the true essence of independence lies in unity, diversity, and the relentless pursuit of excellence.

Independence Day speech: 10 lines for a powerful 15 August speech in Hindi and 2-minute address

Welcome speech for Independence Day in English

Good morning everyone,

As we gather here today to celebrate the 78th Independence Day of our beloved nation, I extend a warm welcome to each one of you. This day marks a significant milestone in our history, reminding us of the sacrifices made by countless freedom fighters who laid down their lives so that we could breathe the air of freedom. Let us take this moment to honor their memory and pledge ourselves to the continued progress and prosperity of our great nation. Together, let us work towards building an India that is strong, united, and inclusive.

Happy Independence Day to all! Jai Hind!

Welcome speech for Independence Day in Hindi

Namaskar sabhi ko,

Aaj hum yahaan apne desh Bharat ke 78ve Swatantrata Diwas ka utsav manane ke liye ikattha hue hain. Main aap sabka hardik swagat karta hoon. Yeh din humein un veer shahidon ki yaad dilata hai jinhone apni jaan desh ki azaadi ke liye kurbaan kar di. Aaiye, hum unke balidan ko naman karein aur apne desh ke vikas mein apna yogdan dene ka sankalp lein.

Swatantrata Diwas ki sabhi ko hardik shubhkamnayein! Jai Hind!

Welcome speech for chief guest on Independence Day

Respected [Chief Guest’s Name],

It is an honour and privilege to welcome you to our Independence Day celebration as we mark the 78th year of our nation’s freedom. Your presence here today inspires us all, and we look forward to hearing your words of wisdom and guidance. Your dedication and contribution to our country’s progress serve as a beacon of hope for all of us. We are grateful to have you with us on this special occasion as we pay tribute to the spirit of freedom and unity that defines our great nation.

Thank you for joining us, and Jai Hind!

Welcome speech for Independence Day in school by principal

Dear Students, Teachers, and Staff,

On this auspicious occasion of India’s 78th Independence Day, I am delighted to welcome you all. This day is a reminder of the valiant efforts and sacrifices of those who fought for our freedom. As the principal of this esteemed institution, I urge you all to carry forward the torch of patriotism and dedication. Let’s use this freedom wisely and work together to build a future where our nation stands tall in every field. May this Independence Day inspire you to be the best version of yourself for your country.

Happy Independence Day, and Jai Hind!

Welcome speech for Independence Day in school by teacher

Dear Students and Colleagues,

It gives me immense pleasure to welcome you all on this proud occasion of our 78th Independence Day. Today, we celebrate not just our freedom, but the values and principles that make our nation great. As a teacher, I see in each of you the potential to lead our country to new heights. Let this Independence Day be a reminder that you are the future of this great nation, and the responsibility to uphold its glory lies with you.

Welcome, and let’s make this day a memorable one. Jai Hind!

Welcome speech for Independence Day in school by students

Respected Principal, Teachers, and My Dear Friends,

A very warm welcome to everyone as we gather to celebrate the 78th Independence Day of our great nation. This day fills us with pride as we remember the sacrifices made by our freedom fighters. As students, we have a special role to play in shaping the future of our country. Let’s pledge today to work hard and contribute to the progress of our nation. Let’s honor our freedom by being responsible citizens.

Thank you for being here, and Jai Hind!

Welcome speech for Independence Day in college

Respected Faculty, Fellow Students, and Guests,

As we come together to celebrate the 78th Independence Day of India, I am thrilled to welcome each one of you. This day marks the victory of our forefathers who fought tirelessly for the freedom we enjoy today. In our journey as students, let us draw inspiration from their courage and determination. Let’s use our education as a tool to build a stronger and more prosperous India. May this Independence Day instill in us a sense of purpose and responsibility towards our nation.

Welcome to this celebration, and Jai Hind!

Quotes for Independence Day welcome speeches

  • “Freedom is never dear at any price. It is the breath of life. What would a man not pay for living?” – Mahatma Gandhi
  • “The tricolour of our flag does not flutter in the wind; it flies in the breath of every soldier who protects this nation.” – Unknown
  • “A nation’s culture resides in the hearts and in the soul of its people.” – Mahatma Gandhi
  • “Let’s remember the golden heritage of our country and feel proud to be a part of India.” – Unknown
  • “The future depends on what we do in the present.” – Mahatma Gandhi
  • “We are Indians, firstly and lastly.” – B. R. Ambedkar
  • “The labor of our past heroes should not be in vain; let’s work hard to build a better India.” – Unknown
  • “India will be remembered for what we do today, and we must strive to leave a legacy that future generations will be proud of.” – Unknown
  • “On this Independence Day, let’s take a pledge to protect the peace and unity of our great nation.” – Unknown
  • “Independence Day is not just a day of celebration; it’s a day of responsibility.” – Unknown

PPF vs ELSS: Tax benefits, lock-in period and returns compared...

  • Independence Day

PPF vs ELSS: Tax benefits, lock-in period and returns compared

mahatma gandhi best speech in hindi

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Independence Day 2024 speech: Best short, long speech ideas on 15th August for kids and students

Celebrate independence day 2024 with engaging independence day 2024 speeches in english for kids and students. explore ideas for both short and long speeches, highlighting india's 78 years of freedom and the legacy of its freedom fighters..

Independence Day 2024

Independence Day 2024 speeches: Independence Day is a special occasion that brings people across India together to celebrate freedom and honour the sacrifices made by our freedom fighters . As we approach August 15, 2024, marking the 78th Independence Day, it's a time to reflect on our journey from colonial rule to becoming a proud, independent nation. This year, let’s focus on crafting memorable and meaningful speeches that capture the spirit of this significant day. Whether you’re preparing a speech for school or a community event, having a well-thought-out Independence Day 2024 speech can help convey your respect and patriotism . In this guide, we'll provide ideas and tips for delivering the best speech, whether it's short or long, in English or Hindi, to make your Independence Day celebration truly special.

As India gets ready to celebrate its 78th Independence Day on August 15, it’s important to honour the courage, dedication, and sacrifices of our armed forces and freedom fighters . If you’re writing a speech for Independence Day (Swatantrata Diwas 2024), here are some tips and ideas:

Independence Day 2024 Speech: Tips and Ideas:

Keep your speech short and simple so kids can easily remember it.

  • Verify all historical facts in your speech.
  • Help kids practice their speeches.
  • Practice in full uniform before the actual speech at school or college.
  • Avoid using difficult words in the speech.
  • Skip overly complicated or lengthy facts.

Speech on Independence Day 2024: Step-by-Step Guide

Giving a heartfelt Independence Day speech is a great way to show your love, gratitude, and admiration for our national heroes. Here’s how you can craft a memorable speech for August 15:

1. Start with Gratitude:

Begin your speech by expressing thanks to everyone, especially the Indian soldiers who have served the country.

2. Historical Context and Freedom Struggle:

  • Briefly recount India's struggle for independence and the sacrifices made by freedom fighters.
  • Highlight key leaders like Mahatma Gandhi, Bhagat Singh, and Sardar Patel, who played major roles in the freedom movement.
  • Share stories of courage and resilience from the struggle to inspire your audience.

3. Progress and Achievements:

  • Talk about India's progress since gaining independence, including advancements in technology, science, space exploration, and economic growth.
  • Mention achievements in sports, arts, literature, and entertainment that have earned global recognition for India.
  • Highlight India's democratic framework and its status as the world's largest electorate, stressing the power of collective decision-making.

4. Diversity and Unity:

  • Highlight India’s rich cultural, linguistic, and religious diversity as a strength and a source of unity.
  • Celebrate the harmonious coexistence of different communities and the vibrant festivals, traditions, and languages.
  • Stress the importance of respecting and preserving this diversity while working together for national progress.

5. Challenges and Opportunities:

  • Acknowledge current challenges such as poverty, inequality, environmental issues, and healthcare.
  • Discuss government initiatives like "Make in India," "Swachh Bharat Abhiyan," and "Digital India" aimed at tackling these challenges.
  • Encourage citizens to actively participate in efforts to improve society.

6. Youth and the Future:

  • Recognise the role of youth as key drivers of India's progress and development.
  • Inspire young people to pursue education, innovation, and entrepreneurship as means for nation-building.
  • Urge the youth to be responsible citizens engaged in community service and social change.

7. Call to Action and Unity:

  • Call for unity and cooperation among all parts of society, transcending differences for the greater good.
  • Encourage citizens to uphold democratic values, secularism, and social justice.
  • Stress the importance of active civic engagement, responsible voting, and community involvement.

8. Hope and Aspirations:

  • Conclude on a hopeful note, expressing optimism for a bright future and a prosperous India.
  • Quote inspirational figures or lines from Indian literature to leave a lasting impact.
  • Invite the audience to join in making the dream of a strong, united, and progressive India a reality.

Best Independence Day Speech sample in English

Good morning everyone!

Respected teachers and dear friends,

Today, we come together to celebrate the joyful occasion of Independence Day on August 15. Congratulations to all on this special day. I am grateful for the chance to address you all today.

As we all know, August 15 is a day of honour and pride for every Indian. Our brave revolutionaries and freedom fighters sacrificed their lives to free our nation from British rule.

We are incredibly fortunate to have had such courageous leaders who not only liberated our country from British oppression but also paved the way for future generations. Thanks to them, we are free today and continue to reach new achievements and heights.

From 1947 to 2024, our nation has progressed in every field. Every day, we add a new chapter to our history in areas like sports, education, technology, and military strength. Our military power is now so impressive that it stands as a model for other nations, and no country dares to challenge India directly.

Young minds, you are the architects of India's future. Embrace education, foster innovation, and cultivate empathy. Let us work together to build a nation where every citizen enjoys dignity, equality, and opportunity.

On this auspicious day, let us renew our commitment to the ideals of our freedom fighters. Let us uphold the unity, integrity, and diversity of our nation. Let us strive to make India a global leader, a land of prosperity and harmony.

In the end, I just want to say, that freedom is priceless, and our soldiers are incredibly brave, continuously protecting our borders from threats. We must always value and preserve this freedom with our hearts and minds.

That’s all I have to say. Jai Hind!

10-line Independence Day speech

Good morning all,

  • India gained independence from British rule on August 15, 1947.
  • The Indian Independence Act was passed by the British Parliament, granting India dominion status.
  • Mahatma Gandhi led the non-violent freedom struggle against British colonial rule.
  • Other key leaders like Jawaharlal Nehru, Sardar Patel, and Subhash Chandra Bose played crucial roles.
  • The partition of India into India and Pakistan took place simultaneously.
  • The first Prime Minister, Jawaharlal Nehru, hoisted the Indian flag at the Red Fort.
  • Independence Day is celebrated with flag-hoisting ceremonies, parades, and cultural programs.
  • It's a day to remember the sacrifices of freedom fighters and honor India's unity.
  • The day also reflects on challenges and aspirations for the future of India.
  • Independence Day reinforces the spirit of patriotism and love for the nation.

Independence Day Speech for Students

Good morning to our esteemed guests, respected teachers, and dear friends,

Today, we gather to celebrate India's Independence Day. I am truly honored to share my thoughts on this special occasion. I am very grateful to my teacher for giving me this opportunity to speak on our country's Independence Day.

On this day, India gained freedom from British rule through peaceful and nonviolent movements. The British ruled over us for 200 years, coming to India for trade but instead exploiting our nation and its people. Our ancestors fought hard for many years before India achieved independence on August 15, 1947.

This day is a reminder of the sacrifices made by our freedom fighters who fought for our country's freedom. It is a day to honor those who gave their lives so India could become an independent nation. We must pledge to stay devoted and committed to our country today.

In closing, I pay my respects to those brave souls with a quote from Sarojini Naidu:

“A country’s greatness lies in its undying ideal of love and sacrifice that inspire the mothers of the race.”

Jai Hind, Jai Bharat.

Short and simple Independence Day Speech

Good morning to respected Sir/Madam and everyone present here,

Today, we come together to honour the bravery of our freedom fighters on Independence Day. This day is not just a date on the calendar; it symbolizes India’s courage, resilience, and unbreakable spirit.

Independence Day is celebrated on August 15 each year, marking the day India gained freedom from British rule through nonviolent protests and civil disobedience.

The struggle for independence began during World War I, led by Mohandas Karamchand Gandhi.

From 1857 to 1947, our history is filled with revolutions and the sacrifices of great leaders and freedom fighters.

The Indian Independence Bill was introduced in the British House of Commons on July 4, 1947, and was passed within two weeks, ending over 200 years of British rule on August 15, 1947.

This Bill led to the creation of India and Pakistan as separate nations.

August 15 reminds us of the immense sacrifices made by our freedom fighters, including Mahatma Gandhi, Bhagat Singh, Chandra Sekhar Azad, and many others, known and unknown, who fought to free India from British colonial rule.

Our freedom fighters dreamed of an independent India, and their dreams became a reality. Remember, never stop dreaming, as dreams are what keep us alive.

On this Independence Day, let us promise to protect our country by upholding unity, helping others, and continuing our education. I will conclude my speech with these lines:

"Freedom in mind, faith in words. Pride in our hearts, memories in our souls. Let’s salute the nation on Independence Day!"

Bharat Mata ki Jai. Vande Mataram. Jai Hind.

Independence Day Speech for Kids

Good morning and Happy Independence Day to my respected teachers and dear friends!

Today, we are celebrating our 78th Independence Day, and we should be very proud to be part of a free nation where we have the freedom to speak our minds and live our lives as we choose.

India was ruled by the British for nearly 200 years. Thanks to the brave efforts of our freedom fighters, we gained independence on August 15, 1947. On this special day, our national flag was raised at the Red Fort in Delhi by Prime Minister Jawaharlal Nehru.

Since then, we have celebrated Independence Day every year in schools, colleges, and government offices.

So, on this Independence Day, let’s promise ourselves to always protect our country by fostering friendship, helping others, and continuing our education.

Once again, I wish you all a Happy Independence Day. Let’s work together to build a wonderful nation!

Independence Day Speech in Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

माननीय अध्यापक गण, अतिथि, अभिभावक और मेरे प्यारे दोस्तों,

जैसा कि आप सभी जानते हैं, आज हम स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं। आज हम स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक खास दिन है जब भारत ने ब्रिटिश शासन से आज़ादी प्राप्त की थी।

स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत तब हुई जब एक ब्रिटिश अधिकारी ने भारतीय क्रांतिकारी मंगल पांडे को गोली मारी। 1857 से 1947 तक चले इस संघर्ष के बाद, 15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों के राज से स्वतंत्रता प्राप्त की।

स्वतंत्रता दिलाने में महात्मा गांधी, मंगल पांडे, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस, पंडित नेहरू, लाला लाजपत राय, और खुदीराम बोस जैसे स्वतंत्रता सेनानियों का बड़ा योगदान है।

इस स्वतंत्रता दिवस पर, मैं सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ जिन्होंने भारत को आज़ाद करने का सपना देखा और इसके लिए अपने प्राणों की आहुति दी, ताकि हम एक स्वतंत्र भारत में जी सकें।

आइए हम सभी मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें, जहां हर नागरिक को समान अवसर मिले, जहां कोई भूखा न सोए, जहां शिक्षा और स्वास्थ्य सभी के अधिकार हों। हमें अपने देश की संस्कृति और विरासत को संजोना होगा और साथ ही आधुनिकता को भी अपनाना होगा।

युवा पीढ़ी के रूप में, हमारे कंधों पर देश का भविष्य है। हमें शिक्षित, कर्तव्यनिष्ठ और देशभक्त बनना होगा। हमें अपने देश की सेवा करने के लिए आगे आना होगा।

मैं अपने भाषण को यह कहकर समाप्त करना चाहूंगा कि हमें एक सच्चे राष्ट्रभक्त की तरह देश को एक बेहतर जगह बनाने में योगदान देना चाहिए। धन्यवाद!

जय हिंद!भारत माता की जय!

Note: You can customize this speech further by adding specific examples of India's achievements, challenges, or your personal aspirations for the country.

Bhupinder Singh

Bhupinder Singh serves as a Principal Executive in Content Management, specializing in SEO content related to trending financial news, net worth of celebrities, historic events, and art and culture. His passion for cricket shines through in his work and personal interests. In his free time, Bhupinder enjoys discussing cricket legends like MS Dhoni and Sachin Tendulkar, as well as following the IPL.

Not just India: 5 other Countries celebrating Independence Day on August 15th

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