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दुनिया भर में कई ऐसी प्राकृतिक आपदाएं होती रहती हैं, जिनकी वजह से सब कुछ तहस-नहस और बर्बाद हो जाता है। भूकंप, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा की तरह ही सुनामी भी एक भयंकर महाविपदा है। समुद्र में जन्म लेने वाली ऊंची लहरों जिनके कारण आसपास सर्वनाश हो जाए, उस आपदा को सुनामी कहते हैं। सुनामी शब्द जापान से लिया गया है। इस आपदा में समुद्र की सतह के नीचे तेज कंपन होता और ऊंची-ऊंची लहरें जैसे आसमान को छू रही हों ऐसा प्रतीत होता है और यही लहरें विनाश का कारण बनती हैं। समुद्र में आने वाले भूकंप को सुनामी को उत्पन्न करने का कारण कहा जाता है। यह आपदा बेहद खतरनाक है और इससे बहुत नुकसान भी हुआ है। भारत में ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों ने इस प्राकृतिक आपदा का कहर झेला है। इस लेख में सुनामी पर हमने निबंध के कुछ सैंपल दिए हैं ताकि आपके बच्चों को इसके बारे में जानकारी मिल सके।
किसी भी निबंध को लिखने के लिए अहम बिंदु की जानकारी होना जरूरी है। सुनामी से जुड़ी 10 अहम बातों को नीचे बताया गया है, इसके उपयोग से बच्चे अच्छा निबंध लिख सकेंगे।
सुनामी के प्रकोप से बच पाना मुश्किल है, लेकिन कम शब्दों में इसकी जानकारी हासिल करना आसान है। इसलिए नीचे दिए कम शब्दों वाले निबंध को ध्यान से पढ़ें।
सुनामी लहरों की एक श्रृंखला होती है जो आमतौर पर महासागर या समुद्र की सतह में भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट, भूस्खलन, ग्लेशियर का गिरना या उल्कापिंड के प्रभाव से उत्पन्न होती है। ‘सुनामी’ शब्द जापानी भाषा से लिया गया है। सुनामी को सबसे खतरनाक और विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं में से एक माना जाता है। जिस भी क्षेत्र और देश में यह आती है वहां आस-पास सब बर्बाद कर देती है। यह ज्यादातर समुद्र में उत्पन्न होने वाले भूकंप से जन्म लेती है और इसके आगमन से कई देशों में डर पैदा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसे रोकने या इससे बचने का कोई भी आधुनिक उपाय अभी तक सामने नहीं आया है। इसकी शुरुआत समुद्र से होती है और धीरे-धीरे यह अपने अंदर पहाड़, नदी, मलबे सभी को समाहित करती हुई आगे बढ़ती है इसलिए इसे बेहद ही खतरनाक माना जाता है। ऐसा माना गया है कि सुनामी को सबसे पहले ग्रीक लोगों ने महसूस किया था। सुनामी के समय समुद्र की लहरें बहुत ऊंची उठती हैं। जो देश समुद्र के करीब होते हैं वहां पर सुनामी का खतरा और भी बढ़ जाता है। 26 दिसंबर 2004 में भारत में सुनामी आई थी और इसमें 12 हजार से भी अधिक लोगों ने अपनी जान गवां दी थी और साथ ही लाखों की संपत्ति बर्बाद हो गई थी। इस सुनामी का केंद्र हिन्द महासागर में इंडोनेशिया के पास था और इसका असर सुदूर अफ्रीका तक महसूस किया गया था। इस सुनामी में भारत व इंडोनेशिया सहित श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, मालदीव, बांग्लादेश सहित कई देशों में भयंकर तबाही मचाई थी और लाखों लोग काल के ग्रास में समा गए थे।
सुनामी एक बहुत बड़ी प्राकृतिक आपदा है, जिसके लिए कोई भी तैयार नहीं हो सकता है। ये अपने साथ विनाश लेकर आती है और सब कुछ बिखर जाता है। इसके बारे में अगर आपके बच्चे को विस्तार में निबंध लिखना है तो नीचे दिए गए सैंपल से आपको जरूर मदद मिलेगी।
समुद्र में जब भूकंप की कंपन्न होता है तो उस कारण उसमें ऊंची-ऊंची लहरें उठती हैं। जब उन लहरों पर हवा का दवाब अधिक होता है तो उनकी गति बढ़ जाती है और भयंकर रूप ले लेती है, जिसे सुनामी कहा जाता है। यही नहीं जब कभी ज्वालामुखी फटता है, उसकी वजह से भी पृथ्वी कांप उठती है जिससे सुनामी का खतरा बढ़ जाता है। इस प्राकृतिक आपदा को बेहद खतरनाक माना जाता है, जिसकी वजह से हजारों-लाखों लोग अपनी जान गवां देते हैं और उनका बसाया हुआ संसार पूरी तरह से उजड़ जाता है। इसमें घर, इमारतें, सड़कें, पेड़ सब तहस-नहस हो जाते हैं। इतना ही नहीं इसका भगवान द्वारा बनाई गई प्राकृतिक चीजों पर भी पड़ता है, जैसे पहाड़, नदी, जंगल आदि। अभी तक इस आपदा को रोकने के लिए कोई भी आधुनिक तकनीक नहीं बन पाई है।
दुनिया भर में कई ऐसे प्राकृतिक आपदाएं हैं जिनके कारण सुनामी उत्पन्न होती है।
जब समुद्र तल पर भूकंप आता है तो उसमें बहुत तेज कंपन्न होता है। इससे समुद्र के मध्य भाग से छोटी-छोटी लहरें उत्पन्न होती है और तट पर पहुंचते-पहुंचते वह लहरें बहुत अधिक बड़ी और तेज रफ्तार में आगे बढ़ने लगती हैं।
जब कभी भी समुद्र के आस-पास लैंडस्लाइड होती है तो पत्थर, मिट्टी के बड़े-बड़े टुकड़े समुद्र के पानी मे गिरते हैं। यही सब समुद्र के अंदर बड़ी-बड़ी लहरों को उत्पन्न करते हैं जो बाद में सुनामी का रूप ले लेता है।
समुद्र के तट पर या किसी टापू पर मौजूद ज्वालामुखी फटता है तो उससे निकलने वाला लावा पानी को बड़ी मात्रा में प्रभावित करता है। ऐसे होने से समुद्र के पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न होती और सुनामी का खतरा बढ़ जाता है।
1. घरों का टूटना.
जब सुनामी की तेज लहरें घरों और इमारतों से टकराती हैं तो सब कुछ टूटकर बिखर जाता है। इससे इंसानों के मेहनत से बनाए घर, संपत्ति सब नष्ट हो जाते हैं। इसकी चपेट में आने वाले आस-पास रहने वाले लोग अपना सब कुछ गवां देते हैं।
सुनामी बहुत ज्यादा खतरनाक प्राकृतिक आपदा है और इसकी चपेट में आने वाले लोग अपना घर द्वार खोने के अलावा अपनी जान भी गवां देते हैं। इसके प्रभाव से कई लोगों की जान चली जाती है या फिर कुछ लोग मलबे के नीचे फंसे रह जाते और समुद्र में बह जाते हैं।
यह बात तो स्पष्ट है कि जिस देश में सुनामी का प्रकोप होता है वह पूरी तरह से बेहाल हो जाता है। देश में रहने वाले लोगों का दैनिक जीवन, उनकी सुरक्षा, खाना, राहत सामग्री, दवाइयों के इंतजाम में अर्थव्यवस्था पर असर पड़ता है। जिन क्षेत्रों का पूरी तरह से विनाश हो गया उनका फिर से निर्माण करने में बहुत खर्चा होता है।
सुनामी की वजह से पानी दूषित हो जाता है और खाना कम पड़ने लगता है, जिसकी वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह दूषित पानी कई तरह के रोगों को जन्म देता हैऔर इससे मलेरिया और हैजा जैसे संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ता है। प्रभावित लोगों को एक साथ राहत शिविरों में रखा जाता है जिससे बीमारियां आसानी से फैल सकती हैं।
सुनामी हमारे पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालती है। समुद्र के आस-पास के शहर इससे प्रभावित होकर एक बंजर जमीन बन जाते हैं। यह न सिर्फ इमारतों पर असर डालती है बल्कि जंगल भी इसकी चपेट में आ जाते हैं। पेड़ नष्ट हो जाते हैं, जिससे लैंडस्लाइड का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे प्राकृतिक बदलाव की वजह से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है।
इस निबंध में हमने सुनामी के प्रकोप की गंभीरता के बारे में जानकारी हासिल की और बच्चों को भी इसके बारे में विस्तार से बताया है। ताकि अगर उनसे कोई इसके बारे में पूछता है या फिर लिखने को कहता है तो वह आसानी से लिख सके। ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि आपके बच्चे के लिए यह निबंध मददगार साबित हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें।
सुनामी की लहरें लगभग 800 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से यात्रा करती हैं।
जापान में सुनामी का सबसे लंबा इतिहास दर्ज किया गया है।
सुनामी शब्द जापानी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ ‘हार्बर वेव’ है।
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सुनामी पर निबंध हिंदी में Essay on Tsunami in Hindi: प्रिय विद्यार्थियों आज के निबंध लेख में आपका स्वागत हैं. यहाँ Essay on Tsunami दिया गया हैं.
सुनामी विकराल प्राकृतिक आपदा हैं सुनामी लहरों की विनाशलीला 26 दिसम्बर 2004 को दक्षिण पूर्व एशिया के 11 देशों में कहर बरफाया और इस हादसे में एक लाख पचास हजार लोगों की जान गई थी.
सुनामी की परिभाषा घटनाएं विशेषता प्रोजेक्ट क्यों आती है बचने के १० उपाय हम इस निबंध में चर्चा करेगे.
हमने सुनामी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए प्राकृतिक आपदा का निबंध लिखा हैं. विभिन्न शब्द सीमा में इस निबंध को सरल रूप में आपके लिए तैयार किया गया हैं. हम उम्मीद करते है यह आपकों पसंद आएगा.
तेज समुद्री लहरों का उठा तूफ़ान सुनामी कहलाता है जिसका केंद्र बिंदु सागर के तल में होता हैं, तथा सागर में भूकम्प आने से सुनामी का जन्म होता हैं.
समुद्र में आने वाले भयंकर भूकम्प की बदौलत लहरें तीव्र गति से धरातल की ओर बढती है तथा अपने क्षेत्र में आने वाली समस्त चीजों को तबाह कर देती हैं. एक जलीय प्रलय के रूप में सुनामी बड़ी प्राकृतिक आपदा हैं.
सबसे पहले सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा के बारे में दुनिया को बताने वाले ग्रीक लोग थे. उनका मानना था कि ये एक भूकंप की तरह ही हैं. भूकम्प धरातल की हलचल को कहते है जबकि महासागरों में आने वाले भूकम्प सुनामी का रूप ले लेते हैं.
अब तक के ज्ञात इतिहास में सबसे भयानक सुनामी वर्ष 1958 में 9 जुलाई के दिन अलास्का के पास स्थित लिगुआ खाड़ी में आई थी.
एक खतरनाक भूकंप के चलते एक पर्वत इस खाड़ी में गिर गया, जिसके चलते 524 मीटर ऊंची जल धारा का निर्माण हो गया. अमूमन सुनामी उन क्षेत्रों के लिए विनाशकारी होती है जो समुद्र तट पर बसे होते हैं.
वर्ष 2004 में भारत में आई सुनामी अब तक के इतिहास की सबसे विनाशकारी आपदा थी. इंडोनेशिया के पास इसका केंद्र बिंदु था. इस आपदा में करीब दो लाख लोगों ने अपनी जा गंवाई.
हजारों किमी की यात्रा करके यह सुनामी थाईलैंड भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव के तटीय इलाकों को पूरी तरह तहस नहस कर गई.
सूनामी जापानी भाषा का शब्द है जो दो शब्दों सू यानि बंदरगाह और नामी अर्थात लहर से बना हैं. सूनामी लहरें भूकम्पों ज्वाला मुखियों के फटने अथवा जलगत भूस्खलनों के कारण पैदा होती हैं. और इन लहरों की ऊंचाई 15 मीटर या उससे अधिक होती हैं. और ये तट के आस पास की बस्तियों को तबाह कर देती हैं.
इतिहास में दर्ज सूनामी लहरें मिनटों में ही तट पर पहुच जाती हैं. जब ये लहरें उथले पानी में प्रवेश करती हैं, तो भयानक शक्ति के साथ तट से टकराकर कई फुट या कभी कभी दसियों फुट ऊँची उठती हैं. किसी बड़े भूकम्प के आने कई घंटों बाद तक सुनामी का खतरा बना रहता हैं.
दूर गहरे समुद्र में शक्तिशाली भूकम्प आने से भी सूनामी उत्पन्न होती हैं. इन भूकम्पों के कारण उत्पन्न लहरे कई सौ किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तट की ओर दौड़ती हैं और भूकम्प आने के कई घंटे बाद ही तट तक पहुचती हैं.
साधारण ज्वार भाटे की लहरे छोटी होती हैं. और वे बार बार आती रहती हैं. तथा उनकी ऊँचाई भूमि की सतह के बराबर होती हैं. इसके विपरीत गहरे समुद्र में सुनामी लहरों की उत्पत्ति के समय समुद्र में कोई हलचल न होने के कारण ये दिखाई नहीं देगी.
उत्पत्ति के समय इन लहरों की लम्बाई 100 किमी तक होने के बावजूद बीच समुद्र में ये लहरे बहुत ऊँची नहीं उठती हैं. और कई सौ किमी की रफ्तार से दौड़ती हैं.
यदि लोस एंजलिस में कोई भूकम्प आता हैं तो किसी जेट विमान को लोस एंजलिस से टोक्यों की दूरी पार करने में जितना समय लगता हैं उससे कम समय में सूनामी टोक्यो पहुच जाती हैं.
उपग्रह प्रोद्योगिकी के प्रयोग से सूनामी संभावित भूकम्पों की तुरंत जानकारी देना संभव हो गया है. चेतावनी का समय तट रेखा से अभिकेन्द्र की दूरी पर निर्भर करता हैं.
उन तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वाली चुनिन्दा समुदायों को जहाँ सूनामी कुछ घंटों तक आतंक फैला सकती हैं. सूनामी के अनुमानित समय के बारे में चेतावनी दे दी जाती हैं.
तटीय ज्वार जाली का निर्माण करने से सुनामियों को तट के निकट रोका जा सकता हैं किन्तु गहरे समुद्र में इसका उपयोग करना व्यर्थ होगा.
सूनामी सतर्कता यंत्र समुद्री केबलों के जरिये भूमि से जोड़े जाते हैं और फिर उन्हें समुद्र में 50 किमी तक आड़े तिरछे लगाया जाता हैं. सूनामीटर समुद्र तल में होने वाली हलचल की चेतावनी भेजते हैं जिसे उपग्रहों के माध्यम से प्रसारित कर दिया जाता हैं.
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तो आइये अब हम शुरु करते है “The Tsunami” पे आधारित यह एक तरह का summary या crash course, जो इस topic पर आपके ज्ञान को बढ़ाने के करेगा आपकी पूरी मदद।
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सुनामी, जिसमें प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले विनाश और तबाही के बारे में तीन भाग शामिल हैं। इससे बड़े पैमाने पर जान-माल की क्षति हुई और हजारों लोग बेघर हो गए।
इस इकाई को तीन भागों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक भाग इस बात से संबंधित है कि कैसे कुछ लोगों ने कठिन समय में दूसरों को एक-दूसरे की मदद करने के लिए प्रेरित किया जब सुनामी ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों को प्रभावित किया। हमने नीचे प्रत्येक भाग को सरल भाषा में समझाया है।
भाग 1 में उन लोगों की चार कहानियाँ हैं, जिन्होंने 26 दिसंबर, 2004 को घातक सुनामी का सामना किया था। इसमें चर्चा की गई है कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के विभिन्न लोगों का जीवन भयानक सुनामी के प्रभाव से कैसे प्रभावित हुआ था।
पहली कहानी में, इग्नेसियस कैटचेल में एक सहकारी समिति का प्रबंधक है। उनकी पत्नी ने उन्हें सुबह 6 बजे उठाया जब उन्हें कुछ झटके महसूस हुए। हालाँकि, यह कोई साधारण भूकंप नहीं था, यह समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा था। उस स्थान पर सुनामी आई थी। लहरें इतनी विशाल थीं कि वे उनकी पत्नी, बच्चों, ससुर और साले सहित उनके परिवार को बहा ले गईं।
भाग 1 की दूसरी कहानी में, संजीव नाम के एक पुलिसकर्मी ने अपने परिवार के सदस्यों, जिसमें उसकी पत्नी और उसकी बेटी शामिल थी, को खतरनाक लहरों से बचाया। हालाँकि, वह गेस्ट हाउस के रसोइये, जॉन की पत्नी को बचाने की कोशिश करते समय डूब गया, भारी लहरों के कारण वे दोनों बह गए।
भाग 1 की तीसरी घटना एक तेरह वर्षीय लड़की मेघना के बारे में है, जो अपने माता-पिता और कई अन्य लोगों के साथ लहरों में बह गई थी। वह एक लकड़ी का तख्ता पकड़े हुए समुद्र में तैर रही थी और एक लहर उसे किनारे पर ले आई। हालाँकि वह बच गई, लेकिन समुद्र के किनारे चलते समय वह पूरी तरह से चकित हो गई थी।
भाग 1 की चौथी कहानी दस साल की लड़की अल्मास जावेद के बारे में है। उसके पिता ने देखा था कि भूकंप के झटकों के बाद समुद्र का पानी कम हो रहा था। उन्हें एहसास हुआ कि यह एक बड़े खतरे का संकेत है, इसलिए उन्होंने सभी को सुरक्षित स्थान पर शरण लेने की चेतावनी दी।
जब वह दूसरों की मदद कर रहा था, एक बड़ी लहर आई और अल्मास के पिता के साथ-साथ उसके दादा को भी बहा ले गई। धीरे-धीरे उसका पूरा परिवार बह गया, जबकि अल्मास तैरते हुए लकड़ी के लट्ठे पर चढ़ गई और बेहोश हो गयी। जब वह उठी तो उसने खुद को कामोर्टा के एक अस्पताल में पाया। वह इतनी सदमे में थी कि उसने इस घटना के बारे में कभी किसी से बात नहीं की।
भाग 2 टिली स्मिथ नाम की एक युवा ब्रिटिश स्कूली छात्रा की कहानी है, जो क्रिसमस मनाने के लिए अपने परिवार के साथ थाईलैंड के फुकेत समुद्र तट पर गई थी। 26 दिसंबर 2004 को वह और उनका पूरा परिवार समुद्र तट पर थे। उसने और उसकी माँ ने देखा कि समुद्र की लहरें धीरे-धीरे बढ़ रही थीं। उनमें झाग बनने लगा था और वे भँवर बना रहे थे। हालाँकि उसकी माँ संकेतों को लेकर ज़्यादा चिंतित नहीं थी, टिली को एहसास हो गया था कि कुछ ठीक नहीं है।
टिली को याद आया कि उसके भूगोल शिक्षक ने एक बार उल्लेख किया था कि सुनामी भूकंप, हिंसक झटके, ज्वालामुखी और भूस्खलन के कारण हो सकती है। उसने हल्ला मचा दिया कि घातक लहरें सुनामी के संकेत हैं। उसने अपने परिवार और समुद्र तट पर मौजूद कई लोगों को सूचित किया ताकि वे जल्द से जल्द होटल लौट सकें। सौभाग्य से, टिली का परिवार जिस होटल में रह रहा था, वह सुनामी के प्रभाव को झेल सका और वे सभी आपदा से बच गए।
इस इकाई के भाग 3 में विनाशकारी प्राकृतिक आपदाओं की पहचान करने में जानवरों की छठी इंद्रिय का उल्लेख है। घरेलू और जंगली दोनों तरह के कई जानवरों को दिसंबर 2004 के दौरान सुनामी के आने का आभास हो गया था, और वे अपने आश्रयों में चले गए और अपने घरों से बाहर आने में झिझक रहे थे। एक दर्जन देशों में लगभग 1,50,000 लोगों की जान चली गई, जबकि इसकी तुलना में इस आपदा में केवल कुछ जानवर ही मरे।
श्रीलंका में स्थित याला नेशनल पार्क विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों का घर है। यहाँ लगभग 60 visitors की मृत्यु हो गई, जबकि केवल दो जानवरों के शव पाए गए। इसके अलावा, पार्क के कुछ लोगों ने देखा था कि सुनामी आने से एक घंटे पहले तीन हाथी पतनंगला समुद्र तट से भाग रहे थे।
एक अन्य घटना में, गॉल तट के पास रहने वाले एक श्रीलंकाई सज्जन के पास दो कुत्ते थे जिन्होंने समुद्र तट पर टहलने से इनकार कर दिया। यह वास्तव में उनके और उनके मालिक के लिए एक चेतावनी संकेत था, जो सुनामी के व्यापक प्रभाव से बच गए थे।
इस अध्याय सुनामी छात्रों को सबक सिखाती है कि सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है, जो बड़े पैमाने पर विनाश और जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाती है। प्रत्येक कहानी में, हमने कठिन जीवन के सबक और दृढ़ संकल्प, साहस, लचीलापन और अस्तित्व के आश्वस्त विवरण के बारे में सीखा। व्यक्ति को सहनशक्ति और पुनर्स्थापन (restoration) के कठिन संघर्ष में साहस, करुणा और जिम्मेदारी का प्रदर्शन करना चाहिए।
भारत में हाल ही में आई सुनामी कौन सी थी.
26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के सुमात्रा में सुनामी आई और भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट से टकराई। नागपट्टिनम, चेन्नई , कुड्डालोर, वेलानकन्नी और पूम्पुहार में विनाशकारी प्रभाव पड़ा और कई लोगों की जान चली गई।
जब समुद्र में बड़ा और अचानक विस्थापन होता है, तो आमतौर पर समुद्र तल के नीचे या उसके पास भूकंप के परिणामस्वरूप सुनामी/लंबी लहरें बनती हैं।
Restoration किसी चीज़ की मरम्मत या नवीनीकरण करने का कार्य है।
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सुनामी पर निबंध: सुनामी एक प्राकृतिक आपदा है जिसे समुद्र या बड़े जल द्रव्यमान के अचानक उच्च आवेग के कारण उत्पन्न होने वाली लहरों के रूप में परिभाषित किया गया है। ये लहरें अक्सर भूमि के समुद्र तट पर भारी नुकसान और विनाश लाती हैं। सुनामी शब्द जापानी मूल का है। जब समुद्र के निकट किसी प्राकृतिक घटना के कारण किसी क्षेत्र में बड़ी लहर उत्पन्न होती है तो उसे सुनामी कहा जाता है।
प्रस्तावना – सुनामी क्या है और क्यों होता है? – सुनामी का संक्षिप्त इतिहास – भयंकर सुनामी – सुनामी पीड़ितों को सहायता – सुनामी की चेतावनी – उपसंहार
पृथ्वी के निर्माण के बाद से ही पृथ्वी की सतह पर अनेक प्राकृतिक आपदाएँ घटित होती रही हैं। तूफान, बाढ़, भूकंप और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाएँ मानव समाज को अकल्पनीय क्षति पहुँचा सकती हैं। ऐसी ही एक अप्रत्याशित, विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है ज्वारीय ‘सुनामी’। 26 दिसंबर 2004 को इंडोनेशिया के तट पर आई सुनामी प्राकृतिक आपदाओं के इतिहास में एक अविस्मरणीय अध्याय है।
भूवैज्ञानिक दृष्टि से रोंगटे खड़े कर देने वाले ज्वार को सुनामी कहा जाता है। सुनामी एक जापानी शब्द है।
जब समुद्र के निकट या उसके नीचे भूकंप आता है, जब समुद्र के नीचे छिपे ज्वालामुखी से आग फूटती है, या जब समुद्र वक्ष पर कोई बड़ा उल्कापिंड गिरने पर जो भयानक समुद्री लहरें उत्पन्न होती हैं, उन्हें सुनामी कहा जाता है। सुनामी के लिए आमतौर पर समुद्र तल से 50 किमी की गहराई पर 6.5 से अधिक तीव्रता के भूकंप की आवश्यकता होती है। कभी-कभी सुनामी लहर की लंबाई या चौड़ाई 100 से 200 किमी तक होती है और यह 725 से 800 किमी प्रति घंटे की गति से समुद्र को पार करती है और हजारों किमी की दूरी तक पहुंच जाती है।
सुनामी का इतिहास बहुत पुराना है. इतिहासकारों और कुछ अमेरिकी वैज्ञानिकों के अनुसार श्रीकृष्ण की द्वारिकानगरी सुनामी के कारण समुद्र में डूब गई थी। प्रशांत महासागर में हिंद महासागर की तुलना में अधिक सुनामी है। 28 अक्टूबर 1562 को चिली में सुनामी की ऊँचाई 16 मीटर थी। 15 जून 1896 को जापानी सुनामी की ऊंचाई 38 मीटर थी। 9 अप्रैल, 1946 को सुनामी से एलुशियन द्वीप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उस समय 35 मीटर ऊँची सुनामी उत्पन्न हुई और असाधारण क्षति हुई। 28 मार्च 1964 को अलास्का में सुनामी की ऊंचाई 70 मीटर थी और 3 जून 1994 को जावा में सुनामी की ऊंचाई 60 मीटर थी। सुनामी के इतिहास में, चिली ने 1562 और 1960 के बीच छह सुनामी का अनुभव किया है। गौरतलब है कि 1892 के बाद से हवाई द्वीप समूह को 40 से अधिक बार सुनामी से नुकसान पहुंचा है।
26 दिसंबर 2004 को, उत्तरी सुमात्रा के पश्चिमी तट पर एक शक्तिशाली भूकंप के कारण सुनामी आई, जिससे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापक क्षति हुई। भारत के दो सुनामी शोधकर्ताओं, टी एस मूर्ति और ए बापट ने एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने वैज्ञानिक लेखों में प्रस्तुत किया है कि 1843 और 1941 में भारतीय पूर्वी तट पर और 1945 में कच्छ तट पर सुनामी आई थी।
26 दिसंबर 2004 को सुनामी ने भारी तबाही मचाई थी। जियोलॉजिकल साइंस में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी, वुस्टीन और एमिली ए ओकल के वैज्ञानिकों ने कहा, “यह 1906 के चिली भूकंप के बाद दूसरा सबसे भीषण भूकंप है।” इन वैज्ञानिकों ने यह भी कहा कि जब भूकंप आया तो बारह सौ किलोमीटर का एक दरार पैदा हो गया था। इसे दुनिया भर में स्थित सेसप्रोग्राम स्टेशनों पर रिकॉर्ड किया गया था। भूकंप के बाद लगभग तीन सप्ताह तक झटके आते रहे। पिछले भूकंप में हुए भीषण विस्फोट से पैदा हुई ऊर्जा की मात्रा की गणना करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा कि यह दस करोड़ परमाणु बमों से पैदा हुई ऊर्जा के बराबर है।
सुनामी से प्रभावित देश थे – इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, बांग्लादेश, श्रीलंका, भारत और मालदीव। सूनामी से सोमालिया, तंजानिया और केन्या जैसे अफ्रीकी देश प्रभावित हुए थे। भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, तमिलनाडु और आंध्र तट विशेष रूप से प्रभावित हुए।
इस प्रलयंकारी सुनामी में मरने वालों की संख्या एक लाख पैंसठ हजार से अधिक थी। भारत में दस हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इंडोनेशिया में मरने वालों की संख्या अस्सी हजार से ज्यादा होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, श्रीलंका में 30,860 लोग मारे गए थे, जबकि 4,883 लोग लापता थे। सुनामी के कारण लाखों लोग बेघर हो गए और क्षतिग्रस्त हो गए। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तटीय स्वरूप में बदलाव आया है। एक घंटे पहले, सुनामी ने खूबसूरत द्वीपसमूह को कब्रिस्तान में बदल दिया था। 40 फुट ऊंची लहर में सब कुछ ख़त्म हो गया। विभिन्न समाचार पत्रों एवं अन्य मीडिया में प्रकाशित सुनामी दुर्गत के हृदय विदारक दृश्य इसकी गंभीरता को दर्शा रहे थे। तबाही और आतंक का दूसरा नाम है समुद्री भूकंप सुनामी।
सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा से निपटना लोगों की क्षमता से परे है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संगठित तरीके से संकट से निपटने के लिए कदम बढ़ाया था। इंडोनेशिया, श्रीलंका और भारत में क्षति इतनी व्यापक थी कि प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्निर्माण और प्रभावित लोगों का पुनर्वास अंतर्राष्ट्रीय सहायता के बिना असंभव था। दुनिया के विभिन्न देशों से, संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन, आपूर्ति, भोजन और दवा और अन्य राहत उत्पाद प्रभावित देशों तक पहुंच गए थे। सेना, स्वयंसेवी महासंघ आदि ने ईमानदारी से सेवा कार्य प्रारंभ किये।
भारत ने घोषणा की कि वह अकेले ही अपनी आपदा का सामना कर सकता है। इसके साथ ही भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से राहत सामग्री भारत भेजने के बजाय अन्य प्रभावित देशों को भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने अपनी समस्याओं को सुलझाने के अलावा अन्य देशों को भी सहायता प्रदान की।
सुनामी ब्रह्मांड की गहराई से करुणा की धाराएँ प्रवाहित करने में सक्षम है। सुनामी पीड़ितों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहायता भी आई थी। विश्व बैंक ने 250, इंग्लैंड ने 98, स्वीडन ने 75, स्पेन ने 69, फ्रांस ने 56, ऑस्ट्रेलिया ने 60, कनाडा ने 48, यूरोपीय संघ ने 44, जापान ने 40 और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 35 करोड़ डॉलर की मदद की थी। फाइजर, कोका-कोला, ब्रिस्टल मेयर स्क्विब, माइक्रोसॉफ्ट, एक्शन मोबिल और एबॉट लैब्स जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने भी इस अंतरराष्ट्रीय आपदा में धन दान करके मानवता के द्वार खोले हैं।
विज्ञान की शक्ति से स्वयं को शक्तिशाली महसूस करने वाला मनुष्य अभी तक प्रकृति के रहस्यों को पूरी तरह से उजागर नहीं कर पाया है। हालाँकि, मानवीय प्रयासों का कोई अंत नहीं है। प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए वह अनेक तथ्यों का आविष्कार करते रहे हैं।
दुनिया में सुनामी की चेतावनी के तीन तरीके हैं। पहला होनोलूलू, हवाई में स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र है; जहां से पूरे प्रशांत महासागर के सुदूर इलाकों में सुनामी की चेतावनी भेजी जा सकती है। दूसरी प्रणाली बड़ी है। इसमें पाँच क्षेत्रीय चेतावनी प्रणालियाँ शामिल हैं। इनमें से दो संयुक्त राज्य अमेरिका में और एक-एक जापान, रूस, फ्रेंच पोलिनेशिया में स्थित हैं। तीसरी प्रणाली चिली और जापान में स्थानीय निगरानी संस्था के रूप में स्थित है।
1965 में 26 देशों ने मिलकर सुनामी मॉनिटरिंग इनफार्मेशन प्रणाली बनाई। सुनामी मॉनिटरिंग प्रणाली ने एक नई प्रणाली विकसित की है ताकि समुद्र में झटके आने से पहले वैज्ञानिकों को जानकारी मिल सके। वे कृत्रिम उपग्रहों के माध्यम से इसे तटीय क्षेत्र तक प्रसारित कर सकते हैं। सुनामी की चेतावनी के मामले में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश अधिक उन्नत हैं। भारत में वैज्ञानिक सुनामी की भविष्यवाणी करने में विफल रहे हैं। सुनामी के मद्देनजर, आपदा राहत और प्रबंधन अब भारत में प्राथमिकता है। जलवायु परिवर्तन के बारे में भली-भांति जानना और व्यवस्था करना आवश्यक है।
भूकंप निश्चित रूप से एक विनाशकारी प्राकृतिक आपदा है। यह अचानक आता है और अकल्पनीय विनाश करके चला जाता है, लेकिन समुद्री भूकंप ‘सुनामी’ निश्चित रूप से उससे भी अधिक खतरनाक है। हालाँकि, मनुष्य ऐसी प्राकृतिक आपदाओं से लड़ना जारी रखता है। यह निश्चित है कि सभ्यता के निर्माण के नाम पर प्रकृति और पर्यावरण को बेरहमी से नष्ट करने से ऐसा हो रहा है। और आनंद के लिए भूमिगत और सतही प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग और विनाश के साथ, ऐसा कोई कारण नहीं है कि भविष्य में सुनामी के कारण हजारों लोग हताहत न हों। अब से लोगों को प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए हर तरह के उपाय करने चाहिए और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए कार्यक्रम शुरू करने चाहिए।
तो दोस्तों ये था सुनामी पर निबंध । अंत में बस इतना कहूंगा की, सुनामी एक बहुत ही भयानक प्राकृतिक घटना है, जिससे लोगों को सावधान रहने और तैयार रहने की जरूरत है। वैज्ञानिकों, सरकारों और सामुदायिक संगठनों के साथ सहयोग करके हम सुनामी के प्रभाव को कम कर सकते हैं और लोगों की सुरक्षा बढ़ा सकते हैं।
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Tsunami Essay in Hindi: दोस्तो आज हमने सुनामी पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है।
सुनामी एक ऐसी घटना है जिसमें कई बार पानी में उठने वाली तेज लहरों की एक श्रृंखला कई मीटर तक ऊंचाइयों तक पहुंच जाती है। यह एक प्राकृतिक आपदा है जो महासागर के बिस्तरों में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण होती है। इसके अलावा, भूस्खलन और भूकंप जैसी घटना सूनामी के कारणों में योगदान करती है।
अन्य प्राकृतिक आपदाओं की तरह, सुनामी का प्रभाव भी बहुत बड़ा है। यह पूरे इतिहास में देखा गया है कि सूनामी कितना विनाशकारी है। सूनामी पर निबंध विभिन्न कारकों के बारे में बात करता है जो सूनामी में योगदान करते हैं और इससे मानव जाति को नुकसान होता है।
भूकंप के कारण समुद्र में उत्पन्न होने वाली तरंगों के कारण होने वाली आपदा और जिसका मुख्य बिंदु पानी के नीचे है, ‘सुनामी’ के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा, सुनामी शब्द ज्वारीय तरंगों से जुड़ा है। इस प्रकार, एक सुनामी को समुद्र की लहरों की श्रृंखला के रूप में भी कहा जाता है जिसमें बहुत लंबी तरंग दैर्ध्य होती है। सुनामी की वजह से पानी की तेज लहरें बनती हैं और यह जमीन की ओर बढ़ता है। तो, यह पानी के अंतर्देशीय आंदोलन का कारण बनता है जो बहुत अधिक है और लंबे समय तक रहता है। इस प्रकार, इन तरंगों का प्रभाव भी बहुत अधिक है।
सूनामी के प्रभावों का दावा करने वाले ग्रीक धरती पर पहले लोग थे। उनका दावा है कि सुनामी जमीन के भूकंप की तरह है। साथ ही, सुनामी और भूकंप के बीच एकमात्र अंतर यह है कि सुनामी महासागरों में होती है। इस प्रकार, सूनामी के पैमाने और किण्वन को नियंत्रित करना लगभग असंभव है।
रिकॉर्ड किताबों में 9 जुलाई 1958 को सबसे ज्यादा दर्ज की गई सुनामी थी। यह एक खाड़ी में हुआ जो अलास्का के तटों के साथ लिगुला खाड़ी में स्थित था। भूकंप के बाद, चट्टान का एक विशाल द्रव्यमान पास की चट्टान से खाड़ी के पानी में गिर गया। इस प्रकार, इसने एक प्रभाव पैदा किया और 524 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचने वाली एक लहर का उत्पादन किया। इसके अलावा, यह सबसे अधिक दर्ज की गई सुनामी लहरों में से एक माना जाता है।
सुनामी की घटना के लिए जिम्मेदार विनाशकारी लहरें भी बे या झीलों के पानी में पैदा होती हैं। जैसे ही यह पानी तट के पास पहुंचा, यह बड़ा हो गया। हालांकि, गहरे समुद्र वाले क्षेत्रों में इस लहर का आकार बहुत कम है। झीलों या खालों में उत्पन्न होने वाली सुनामी लहरें लंबी दूरी की यात्रा नहीं करती हैं। इस प्रकार, वे उतने विनाशकारी नहीं हैं जितने समुद्र के पानी में पैदा होते हैं। कई दिशाएं हैं जिनमें सुनामी मुख्य बिंदु से यात्रा कर सकती है।
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एक समान विनाशकारी सूनामी भारत में 2004 में अनुभव की गई थी। हालांकि, इस सुनामी की उत्पत्ति इंडोनेशिया के पास स्थित थी। सुनामी के कारण, यह उम्मीद की गई थी कि कुल 2 लाख लोगों ने अपनी जान गंवाई। लहरों ने थाईलैंड, भारत, इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और मालदीव जैसे देशों में हजारों किलोमीटर की यात्रा की।
प्रशांत महासागर में मुख्य रूप से सुनामी आती है। बहुत संभावना है कि वे उस क्षेत्र में जगह लेते हैं जहां बड़े शरीर हैं। बहुत गहरे पानी के बगल में तटरेखाएं और खुले खंभे सुनामी को एक कदम-लहर की तरह आगे ले जा सकते हैं।
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इस लेख में आप सुनामी पर निबंध Essay on Tsunami in Hindi हिन्दी में पढ़ेंगे। इसमें हमने सुनामी क्या है? इसके कारण, प्रभाव, और इससे बचने (प्रबंधन) के विषय में पूरी जानकारी दी है।
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इस सुनामी पर निबंध को पढ़ कर न सिर्फ परीक्षा में इस टॉपिक से मदद मिल सकती है बल्कि साथ ही सुनामी आने पर नीचे दिए हुए बचाव के टिप्स पढ़ कर मदद भी की जा सकती है।
भारत , इंडोनेशिया, श्रीलंका, थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बंगलादेश समेत 13 देशों में इस सुनामी ने भीषण तबाही मचाई।
सुनामी मुख्य रूप से अन्य प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न होती है। आईए जानते हैं इसके मुख्य कारणों को –
2. भूस्खलन landslide, 3. ज्वालामुखी का फटना volcano eruption.
जब समुद्र के तट पर या किसी टापू पर स्थित ज्वालामुखी विस्फोट होता है तो ज्वालामुखी से निकलने वाली आग की लहरें पानी की एक बड़ी मात्रा को विस्थापित कर सकते हैं। ऐसे होने से समुद्र के पानी में बड़ी-बड़ी लहरें उत्पन्न हो कर सुनामी का खतरा बढ़ सकता है।
सुनामी का प्रभाव effect of tsunami on human life in hindi, 1. घरों का विनाश destruction of houses.
जब सुनामी तटों की इमारतों से टकराती है तो इमारतों को नष्ट कर सकती है और संपत्ति के गंभीर नुकसान का कारण बन सकती है। सुनामी की चपेट में आने वाले इलाके में रहने वाले ज्यादातर लोग अपना सबकुछ खो देते हैं।
3. अर्थव्यवस्था को नुकसान economical loss.
सुनामी से प्रभावित देशों में व्यक्तियों के लिए दैनिक जीवन, सुरक्षा, खाद्य-सामग्री, राहत सामग्री, दवाईयों, की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान होता है। साथ ही सुनामी प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्निर्माण के दौरान भी बहुत खर्च आता है।
5. गंभीर पर्यावरणीय परिवर्तन other environmental changes.
सुनामी के आतंक के बाद, पहले से ही समुद्र तटीय शहर बंजर भूमि बन जाते हैं। मानव निर्माण के विनाश के अलावा, सुनामी वनस्पति जैसे वृक्षों को नष्ट कर देती है, जिसके परिणामस्वरूप भूस्खलन और तट रेखाएं समुद्र में फिसल जाती हैं।
1. किसी सुरक्षित जगहों पर चले जाएं migrate to safe place, 2. खड़े होकर सुनामी ना देखें do not watch the tsunami.
बहुत बार यह देखा गया है कि लोग जिज्ञासा वश सुनामी को एक मनोरंजन की चीज समझते हैं और जब समुद्र की ऊंची-ऊंची लहरें आती हैं तो वह खड़े होकर उसे देखने लग जाते हैं। कुछ लोग अपने फोन से फोटो लेने लग जाते हैं और वीडियो बनाने लग जाते हैं।
4. जानवरों, पक्षियों की हरकतों पर ध्यान दें pay attention to animal behaviour, 5. सुनामी चेतावनी प्रणाली चेतावनी को सुनें keep listening the tsunami warning system.
भारत सरकार ने सन 2007 में देशभर में अनेक स्थानों पर सुनामी चेतावनी सिस्टम लगाए हैं जो समुद्र में होने वाली सभी हलचलों, कम्पनो और भूकम्पों की जांच करके सुनामी के बारे में भविष्यवाणी करता है और चेतावनी देता है। हमारे देश की सरकार को चाहिए कि अत्याधुनिक सुनामी चेतावनी सिस्टम का विकास करें।
7. समुद्र तट से उचित दूरी पर घर, इमारतें,स्कूल और अन्य भवन बनाएं make your house, schools, and buildings away from sea coast, 8. अपने क्षेत्र का सुनामी इतिहास जानें keep tsunami history information of your area.
जिस समुद्र तटीय इलाके में आप रह रहे हैं पता करें कि क्या वहां कभी सुनामी आई थी। आपको अपने शहर की लाइब्रेरी में यह जानकारी आराम से मिल जाएगी। यदि आपके शहर में भूतकाल में सुनामी आ चुकी है तो दोबारा भी आ सकती है। इसलिए आप पहले से तैयारी रखें।
10. बचाव दल, एंबुलेंस, अग्नि शमन हेल्पलाइन का नंबर अपने पास रखें always keep ambulance, fir brigade, contact numbers.
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Essay On Tsunami In Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम आप सभी को एक ऐसी प्राकृतिक आपदा के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण से प्लेटो को समंदर में नीचे की ओर खींचती है। जिसकी वजह से भयानक लहरें जन्म लेती है। इस प्राकृतिक आपदा का नाम सुनामी है।
इस लेख के माध्यम से हम सुनामी पर निबंध शेयर करने जा रहे है। यह निबन्ध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।
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सुनामी पर निबंध (250 शब्दों में).
प्रकृति के सौंदर्य में हम इतने खो जाते हैं कि हम उसके भयानक रूप के बारे में रूप कल्पना भी नहीं कर सकते। प्रकृति सदा से ही मानव की सहचरी है। ईश्वर ने प्रकृति को मानव से पहले बनाया। प्रकृति सभी प्राणियों को अनेक सुख सुविधाएं, अन्न, जल, वर्षा, ताप, फल, फूल, वृक्ष आदि प्रदान करके पालती है। मनुष्य जाति में पृथ्वी पर अपने प्रादुर्भाव के समय से ही प्रतिकूल परिस्थितियों के साथ संघर्ष भी किया है।
मनुष्य ने अपनी रक्षा के नए-नए तरीके खोजें है और अनेक क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति की है। परंतु कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां मनुष्य का कोई उपाय नहीं चलता, जिसके कारण उसे सब कुछ सहना ही पड़ता है। सुनामी प्रकृति की विध्वनशक घटनाओं में से एक है, जिसके सामने मनुष्य मजबूर हो जाता है और स्वयं अपनी आंखों के सामने अपने धन और जन की हानि होते देखता है।
सुनामी को देखकर प्रकृति की न्यारी लीला पर असर होने लगता है। कभी तो धरती पानी की प्यास से व्याकुल होती है। भीषण गर्मी से भूमि फटने लगती है। दूर-दूर तक घटा दिखाई नहीं देती और कभी इतना पानी होने लगता है, जो आंधी तूफान की गति से बहता हुआ कितने बस्तियों कस्बों और नगरों को अपनी चपेट में ले लेता है और शहरों को बर्बाद कर देता है।
सुनामी की चेतावनी और उसका आभास होते ही लोगों को अपने सुरक्षित स्थानों पर चले जाना चाहिए। जहाँ तक कि हो सके लोगों को ऊँची जगह यानी छतों पर आश्रय लेना चाहिए। कुछ लोग बहुत बेवफकूफी करते है और खड़े होकर सुनामी का भयावह नज़ारा देखते है, वह ऐसे दृश्यों की फोटो खींचते है और भयंकर दुर्घटना की चपेट में आ जाते हैं।
समुंदर में भूचाल आने से सुनामी का भाव होता है। यह लहरें बहुत ही विकट होती है व बहुत ऊंची-ऊंची उठती है। सुनामी का मतलब तबाही की लहरों से होता है। जैसा कि आपको ज्ञात होगा कि यह एक प्राकृतिक विपदा है, जो हमारी इस दुनिया को बर्बाद करने की क्षमता रखती है।
सुनामी विनाश का रूप कुछ इस प्रकार धारण करती है कि सबसे पहले समुंदर के निचले भाग में बहुत ही तेजी से कंपन उत्पन्न होता है और लहरें तेजी मात्रा में अपना कार्य करने लगती हैं। सरल भाषा मे कहा जाए तो समुद्र की सतह पर जो तरंगे लगातार उत्पन्न होती है और उसका जो मुख्य बिंदु पानी पर नीचे की ओर मौजूद होता है, उसे ही हम सुनामी की संज्ञा देते हैं। इसके अधिक मात्रा से ही दुनिया मे कहर बरपना शुरू हो जाता है।
सुनामी के इतिहास की बात करें तो इसका इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता है कि ग्रीक के लोगों ने इसका दावा बहुत पहले किया था। सुनामी की लहरें लगभग 18 मीटर ऊंची होती है, यह बहुत ही खतरनाक होती है। साल 2004 में हिन्द महासागर में सुनामी के आ जाने से लाखों लोगों की मौत हो गयी थी।
इसके पहले की भी बात करें तो ३२६ ई.पू. में पहली बार सुनामी आयी थी। इस सुनामी के कारण सिकंदर का मेसिडोनियन बेड़ा तहस नहस हो गया था और इस आपदा को अंतर्राष्ट्रीय त्रासदी का नाम दिया था।
प्रभाव-1: सुनामी अनेक आपदाओं में सबसे जटिल आपदा मानी जाती है। सुनामी के कारण पूरी दुनिया का विनाश हो सकता है। सुनामी समुद्र में तैरने वाले जितने भी जहाज जैसे छोटे जहाज या बड़े जहाज उन सब को नष्ट कर देती है और आस-पास के तट व उसके आस-पास बसे हुए बस्ती, घर आदि को भी तबाह कर देती है। पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं, इससे हमारे घर के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था को भी अधिक मात्रा में नुकसान होता है।
प्रभाव-2: सुनामी के कारण अधिक मात्रा में कुछ देशों जैसे भारत, बांग्लादेश, मालदीप, मलेशिया आदि देशों को बहुत नुकसान हुआ था। जो आस पास झील होती है वो भी बहुत प्रभावित होती है। झीलों में जो लहरे उत्पन्न होती हैं, वो इतनी हानिकारक नहीं होती है, जितनी कि समुद्री लहरे होती है।
प्रभाव-3: अलास्का की सुनामी इतिहास में आज तक सबसे बड़ी सुनामी मानी जाती है। इस सुनामी के कारण एक विशालकाय चट्टान खाड़ी में गिर गया था और जिस कारण इसके लहरों की ऊंचाई 520 मीटर रिकॉर्ड की गयी थी।
सुनामी जैसी खतरनाक आपदा से बचने के लिए सबसे पहले हमको सुरक्षित जगह जैसे किसी ऊपरी सतह पर चले जाना चाहिए और अपनों को अपने आप को सुरक्षित रखना चाहिए। किसी ऐसी जगह प्रस्थान ले लेना चाहिए, जिसकी ऊंचाई अधिक हो। बहुत से लोग वहां पर उस नज़ारे को देखते हैं और सोचते हैं कि अभी समय है तब तक हम निकल जाएंगे पर यह बेवकूफी है। इस बेवकूफी की वजह से आपकी जान भी जा सकती है।
सरकार सुनामी की आपदा आने से पहले ही उन स्थानों पर हाई अलर्ट कर देती है और इसके अलावा लोगों को रहने की उचित व्यवस्था भी कराती है। हमारे वैज्ञानिकों द्वारा सुनामी यंत्र से हम अनुमान लगा सकते हैं कि सुनामी अपना विकट रूप कब ले लेगी।
आपको सभी को ज्ञात होगा कि भूकंप जब भी आता है तो उससे पहले सरकार के द्वारा टेलीविजन या रेडियो के द्वारा सूचना का संचार होने लगता है और आज के समय में वैज्ञानिक यह तक अनुमान लगा लेते हैं कि भूकंप कितनी देर में कितनी गति से और कौन से दिशा में आएगा।
आप कभी भी ऐसे आपत्ति जनक स्थिति में हैं आपको यह ध्यान रखना है कि आप अपने जगह से दूसरी जगह सुरक्षित होने के लिए जाएं तो अपने पास बहुत सी महत्वपूर्ण चीजें जैसे खाद्य सामग्री, टॉर्च, कुछ पैसे और जल आदि अपने पास रख लें। ऐसी स्थिति में सरकार के द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन जारी कर दिए जाते हैं और टोल फ्री नंबर चालू कर दिए जाते हैं। आप उनके माध्यम से भी अपने आपको बचा सकते हो।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह सुनामी पर निबंध (Essay On Tsunami In Hindi) पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। यदि आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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सुनामी किसे कहते हैं ( what is tsunami in hindi ), सुनामी के प्रकार ( types of tsunami in hindi ), सुनामी के कारण ( causes of tsunami in hindi) : सुनामी किसे कहते हैं, सुनामी के प्रकार एवं सुनामी के कारण या सुनामी आने के प्रमुख कारणों के बारे में यहाँ बताया गया है।
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सुनामी किसे कहते हैं.
सुनामी शब्द जापानी भाषा के ‘सु’ तथा ‘नामी’ से लिया गया है जिसमें ‘सु’ का शाब्दिक अर्थ समुद्रतट या बंदरगाह और नामी का अर्थ तरंग या लहर से है। इस प्रकार सुनामी का अर्थ ‘बंदरगाह तरंग’ है। सुनामी शब्द का प्रयोग उन जापानी मछुआरों द्वारा किया गया था जिन्होंने सुनामी के परिणामों को पहली बार महसूस किया था। सुनामी, समुद्र तल में होने वाली आंतरिक उथल-पुथल का कारण है जिसमें महासागरीय लहरें समुद्र से उठकर आस-पास के क्षेत्रों को तबाह कर देती हैं। सुनामी एक बहुत विनाशकारी आपदा है जिसके प्रभाव से जन और धन दोनों की हानि होती है।
सुनामी तीन प्रकार की होती हैं –
समुद्र की आंतरिक उथल-पुथल –.
सुनामी का प्रमुख कारण समुद्र के अंदर होने वाली तीव्र हलचल है। समुद्र के अंदर तीव्र उथल-पुथल समुद्र प्लेटों के खिसकने या स्थान परिवर्तित करने से होता है जिसका परिणाम सुनामी होती है।
महासागरों में सुनामी अधिकांशतः भूकंप के कारण ही उत्पन्न होते है। महासागरीय तल पर तेज भूकंप आने के कारण सागरों के भीतर तेज उथल-पुथल होने लगती है जिससे महासागर का जल तेज और बड़ी लहरे उत्पन्न करने लगता है। महासागरों में सुनामी उस स्थिति में आती है जब भूकंप के कारण समुद्र में ऊर्ध्वाधर दिशा उत्पन्न होने लगती है। महासागरों में भूकंप आने के कारण महासागरीय भ्रंश या प्लेट खिसकने लगती है जिससे समुद्र तेज लहरें उत्पन्न करने लगता है और इसका भयानक रूप ही सुनामी का कारण बनता है।
महासागरों के आस-पास के क्षेत्रों में ज्वालामुखी विस्फोट के कारण भी सुनामी उत्पन्न होने का खतरा रहता है। ज्वालामुखी विस्फोट होने से समुद्र में तेजी से हलचल होने लगती है जिससे बड़ी-बड़ी लहरे उत्पन्न होती है और इन लहरों का विशाल रूप सुनामी का रूप धारण कर लेती है। ज्वालामुखी से आने वाली सुनामी बहुत भयानक हो सकती है परन्तु ज्वालामुखी के कारण उत्पन्न सुनामी का प्रतिशत बहुत कम होता है।
भूस्खलन भी सुनामी का कारण होता है। समुद्र की खाइयों के निकट की स्थलाकृतियां बहुत खड़ी होती है और जब समुद्र के भीतर भूस्खलन उत्पन्न होता है तो यह स्थलाकृतियां गुरुत्वाकर्षण बल के कारण गिरने लगती है। समुद्र के भीतर होने वाला भू-स्खलन इतना तीव्र और विशाल होता है कि यह सुनामी का कारण बन जाता है। समुद्र के भीतर तेज भूस्खलन होने से समुद्र बड़ी-बड़ी लहरों का निर्माण करने लगता है और यही लहरे सुनामी का रूप ले लेती हैं।
धूमकेतु और क्षुद्रग्रह भी सुनामी का कारण हो सकते हैं। धूमकेतु व क्षुद्रग्रह वायुमंडल में प्रवेश करते समय जब समुद्र तल से टकराते है तो इससे समुद्र के भीतर बहुत तेज हलचल उत्पन्न होने लगती है और समुद्र जल ऊपर की ओर बड़ी-बड़ी लहरों के रूप में उठने लगता है। समुद्र से उत्पन्न ये बड़ी लहरे ही सुनामी कहलाती हैं।
पढ़ें – चक्रवात क्या है ? चक्रवात के कारण (What is Cyclone, Causes of Cyclone in hindi ) ।
Class 8 chapter 2 - the tsunami summary in hindi and english, the tsunami.
Before we start the summary of this chapter, let’s understand the word ‘Tsunami’. It is a wave, a very powerful wave. The reason behind a Tsunami can be an earthquake, volcanoes and landslides under the sea. This chapter is about the Tsunami that hit a dozen countries including Thailand and India on December 26, 2004.
इससे पहले कि हम इस अध्याय का सारांश शुरू करें, आइए 'सुनामी' शब्द को समझें। यह एक लहर है, एक बहुत ही शक्तिशाली लहर है। सुनामी के पीछे का कारण समुद्र के नीचे भूकंप, ज्वालामुखी और भूस्खलन हो सकता है। यह अध्याय सुनामी के बारे में है जिसने 26 दिसंबर, 2004 को थाईलैंड और भारत सहित एक दर्जन देशों को मारा था।
In this part, there are four stories shared. The first story is about Ignesious. It was 6 a.m. when his wife felt tremors. He put his TV on the ground and rushed out of the house with his family. When the earthquake stopped, he had lost his two children, father-in-law, brother-in-law and his wife. There was no one left except his three other children with him.
इस भाग में, चार कहानियां साझा की गई हैं। पहली कहानी आग्नेय के बारे में है। सुबह क ६ बज रहे थे जब उसकी पत्नी को झटके महसूस हुए। उसने अपना टीवी जमीन पर रख दिया और अपने परिवार के साथ घर से बाहर निकल गया। भूकंप रुका तो उसने अपने दो बच्चों, ससुर, अपने साले और पत्नी को खो दिया था। उसके साथ उसके तीन अन्य बच्चों के अलावा कोई नहीं बचा था।
The second part is about Sanjeev, a policeman who somehow saved his wife, daughter and himself. However, when he jumped into the water to save John’s wife he was also swept away.
दूसरा भाग संजीव के बारे में है, जो एक पुलिसकर्मी है जिसने किसी तरह अपनी पत्नी, बेटी और खुद को बचाया। हालांकि, जब वह जॉन की पत्नी को बचाने के लिए पानी में कूद गया तो वह भी बह गया।
The third part is about Meghna, a 13 years old girl who was also swept away with her parents and 17 other people. However, she came to the shore due to waves and with the help of the wooden door.
तीसरा भाग मेघना के बारे में है, जो एक 13 वर्षीय लड़की है जो अपने माता-पिता और 17 अन्य लोगों के साथ बह गई थी । हालांकि, वह लहरों के कारण और लकड़ी के दरवाजे की मदद से किनारे पर आ गई थी।
The fourth part is about Almas Javed, a 10 years old student. When his father saw the sea-water receding, he rushed to a safer place with his family. In the rush, her grandfather fell. Her father rushed to help but the giant wave swept them away. The wave uprooted the tree that her mother and aunts were holding and swept them away too. Almas climbed on a floating wood to save herself but she fainted. Luckily, she was alive and found herself in a hospital in Kamorta. But, she was still traumatised.
चौथा भाग 10 साल के छात्र अलमास जावेद के बारे में है। जब उसके पिता ने समुद्र का पानी कम होते देखा, तो वह अपने परिवार के साथ एक सुरक्षित स्थान पर पहुंच गया। जल्दी में, उसके दादा गिर गए। उसके पिता मदद करने के लिए दौड़े लेकिन विशाल लहर ने उन्हें दूर कर दिया। लहर ने उस पेड़ को उखाड़ दिया जिसे उसकी मां और चाची पकड़ रहे थे और वे भी बह गया। अलमास खुद को बचाने के लिए एक तैरती लकड़ी पर चढ़ गया लेकिन वह बेहोश हो गई। सौभाग्य से, वह जीवित थी और खुद को कामोर्टा के एक अस्पताल में पाया। लेकिन, वह अभी भी आघात ग्रस्त थी।
This part is about Tilly Smith, a ten-year-old British school girl. Tilly and her family were celebrating Christmas in Thailand. They were at a beach resort on 26th December 2004. Looking at the beach getting smaller and smaller, Tilly sensed that something was wrong.
यह हिस्सा टिली स्मिथ के बारे में है, जो एक दस वर्षीय ब्रिटिश स्कूली छात्रा थी । टिली और उनका परिवार थाईलैंड में क्रिसमस मना रहे थे। वे 26 दिसंबर 2004 को एक समुद्र तट रिसॉर्ट में थे। समुद्र तट को छोटे और छोटे होते हुए देखते हुए, टिली ने महसूस किया कि कुछ गलत था।
She recalled the Geography lesson that she had taken two weeks ago in England. She was shown a video of a Tsunami by her Geography teacher.
उसने भूगोल सबक को याद किया जो उसने इंग्लैंड में दो सप्ताह पहले लिया था। उसे अपने भूगोल शिक्षक द्वारा सुनामी का एक वीडियो दिखाया गया था।
She started screaming at her family to leave the beach immediately. To protect themselves, they rushed to the hotel and took refuge on the third floor. Some other tourists too left the seashore with them. If they had remained on the seashore, they would have swept away by the waves as well. Tilly shared her terrifying story with her classmates when she went back to school.
उसने तुरंत समुद्र तट छोड़ने के लिए अपने परिवार पर चिल्लाना शुरू कर दिया। खुद को बचाने के लिए, वे होटल में भाग गए और तीसरी मंजिल पर शरण ली। कुछ अन्य पर्यटकों ने भी उनके साथ समुद्र के किनारे छोड़ दिए । यदि वे समुद्र के किनारे रहते, तो वे भी लहरों से बह जाते। टिली ने अपने सहपाठियों के साथ अपनी डरावनी कहानी साझा की जब वह स्कूल वापस चली गई।
This part is about animals. How they knew what was going to happen and went to safe places to save their lives. There are many people who believe in the sixth sense of animals. They have acute hearing. They can hear the earth’s vibration and sense any coming disaster before humans.
यह हिस्सा जानवरों के बारे में है। कैसे उन्हें पता था कि क्या होने वाला है और अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों पर चले गए। ऐसे कई लोग हैं जो जानवरों के अतीन्द्रीय ज्ञान में विश्वास करते हैं। उनके पास तीव्र सुनने की शक्ति है। वे पृथ्वी के कंपन को सुन सकते हैं और मनुष्यों के सामने आने वाली किसी भी आपदा को महसूस कर सकते हैं।
This might be the reason behind fewer animals were dead by the Tsunami in comparison to humans. The report says that the number of visitors who were swept away is sixty. They all were at the Patanangala beach inside the Yala National Park. The report also says that there were no animals dead.
मनुष्यों की तुलना में सुनामी से कम जानवरों के मरने के पीछे यही कारण हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बह गए आगंतुकों की संख्या साठ है। वे सभी याला नेशनल पार्क के अंदर पाटनंगला समुद्र तट पर थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोई जानवर मरा नहीं था।
This beautiful poem is written by Zulfikar Ghose in which he describes his views of a city from the sky. In the first stanza, he tells how the city is developed as per the necessity of the people. Although it looked haphazard on the ground, it looked inevitable from the sky.
इस खूबसूरत कविता को जुल्फिकार घोष ने लिखा है जिसमें उन्होंने आसमान से एक शहर के बारे में अपने विचारों का वर्णन किया है। पहले श्लोक में वह बताते हैं कि किस तरह से लोगों की जरूरत के हिसाब से शहर का विकास किया जाता है। हालांकि यह जमीन पर बेतरतीब लग रहा था, यह आकाश से अपरिहार्य लग रहा था।
When the jet is at the height of ten thousand feet he finds the reason why a country has cities near the rivers and the valleys are populated. People are attracted by both water and land.
जब जेट दस हजार फीट की ऊंचाई पर होता है तो उसे पता चलता है कि किसी देश में नदियों के पास शहर हैं और घाटियां आबाद हैं। लोग पानी और जमीन दोनों से आकर्षित होते हैं।
Now, the jet rises to six miles high and the poet sees that the earth is round and has more sea than land. However, he is unable to see or find the reason why people on earth hate each other, build walls across the cities and kill each other.
अब, जेट छह मील ऊंचा हो जाता है और कवि देखता है कि पृथ्वी गोल है और जमीन की तुलना में अधिक समुद्र है। हालांकि, वह यह देखने या खोजने में असमर्थ है कि पृथ्वी पर लोग एक-दूसरे से नफरत करते हैं, शहरों में दीवारों का निर्माण करते हैं और एक-दूसरे को मारते हैं।
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500+ words essay on tsunami.
Tsunami is a phenomenon where a series of strong waves that are responsible for the surge in water sometimes reach the heights in many meters. This is a natural disaster that is caused due to the volcano eruption in the ocean beds. Also, a phenomenon like landslides and earthquakes contributes to reasons for a tsunami. Like other natural disasters, the impact of the tsunami is also huge. It has been seen throughout history how disastrous the tsunami is. The essay on tsunami talks about various factors that contribute to the tsunami and the damage it causes to mankind.
The disaster that is caused due to waves generated in the ocean because of the earthquake and whose main point is under the water is known as ‘Tsunami’. Also, the term tsunami is associated with tidal waves. Thus, a tsunami is also called as the series of ocean waves that have a very long wavelength. Because of the tsunami, there are strong waves of water is formed and this moves landwards. So, this causes inland movement of water which is very high and lasts for a long time. Thus, the impact of these waves is also very high.
Greeks were the first people on Earth to claim the effects of the tsunami. They claim that tsunami is just like land earthquakes. Also, the only difference between tsunami and earthquake is that tsunami is caused in oceans. Thus, the scale and ferocity of the tsunami are almost impossible to control.
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The highest ever recorded tsunami was on 9th July 1958 in the record books. It took place in a bay which was located in the ligula bay along the coasts of Alaska. After the quake, a massive mass of rock fell into the bay waters from the cliff nearby. Thus, this created an impact and produced a wave that reached a height of 524 meters. Also, this is regarded as one of the highest recorded tsunami waves ever.
The destructive waves responsible for the occurrence of tsunami is also produced in waters of bays or lakes. As this water approached the coast, it grows larger. However, the size of this wave is very low in deep-sea areas. Tsunami waves that are generated in the lakes or bays do not travel for a long distance. Thus, they are not as destructive as the ones produced in the ocean waters. There are various directions in which tsunami can travel from the main point.
One similar devastating tsunami was experienced in India in 2004. However, the origin of this tsunami was located near Indonesia. Because of the tsunami, it was expected that a total of 2 lakh people lost their lives. The waves traveled extensively thousands of kilometers in countries like Thailand, India, Indonesia, Sri Lanka, Bangladesh, and the Maldives.
Tsunamis occur mainly in the Pacific Ocean. There are very chances that they take place in the area where there are larger bodies. Coastlines and open bays next to very deep waters may help tsunami further into a step-like wave.
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The magnitude of the earthquake that caused the Indian Ocean tsunami of 2004 was 9.1.
On December 26, 2004, an undersea earthquake struck off the coast of the Indonesian island of Sumatra. This quake caused the Indian Ocean tsunami of 2004, which reached out across the Indian Ocean, devastating coastal areas with waves that in some places reached a height of 30 feet (9 metres) or more when they hit the shoreline.
The Indian Ocean tsunami of 2004 lasted for seven hours and reached out across the Indian Ocean, devastating coastal areas of Indonesia, Sri Lanka, India, Maldives, and Thailand, and as far away as East Africa.
The Indian Ocean tsunami of 2004 killed at least 225,000 people across a dozen countries, with Indonesia, Sri Lanka, India, Maldives, and Thailand sustaining massive damage.
Indian Ocean tsunami of 2004 , tsunami that hit the coasts of several countries of South and Southeast Asia in December 2004. The tsunami and its aftermath were responsible for immense destruction and loss on the rim of the Indian Ocean.
On December 26, 2004, at 7:59 am local time, an undersea earthquake with a magnitude of 9.1 struck off the coast of the Indonesian island of Sumatra . Over the next seven hours, a tsunami —a series of immense ocean waves—triggered by the quake reached out across the Indian Ocean , devastating coastal areas as far away as East Africa . Some locations reported that the waves had reached a height of 30 feet (9 metres) or more when they hit the shoreline.
The tsunami caused one of the largest natural disasters in recorded history, killing at least 225,000 people across a dozen countries, with Indonesia , Sri Lanka , India , Maldives , and Thailand sustaining massive damage. Indonesian officials estimated that the death toll there alone ultimately exceeded 200,000, particularly in northern Sumatra’s Aceh province. Tens of thousands were reported dead or missing in Sri Lanka and India, a large number of them from the Indian Andaman and Nicobar Islands territory. The low-lying island country of Maldives reported more than a hundred casualties and immense economic damage. Several thousand non-Asian tourists vacationing in the region also were reported dead or missing. The lack of food, clean water, and medical treatment—combined with the enormous task faced by relief workers trying to get supplies into some remote areas where roads had been destroyed or where civil war raged—extended the list of casualties. Long-term environmental damage was severe as well, with villages, tourist resorts, farmland, and fishing grounds demolished or inundated with debris, bodies, and plant-killing salt water .
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500+ Words Essay on Tsunami. Tsunami is a phenomenon where a series of strong waves that are responsible for the surge in water sometimes reach the heights in many meters. This is a natural disaster that is caused due to the volcano eruption in the ocean beds. Also, a phenomenon like landslides and earthquakes contributes to reasons for a tsunami.
The moment that changed my life was on the Sunday morning of December 26, 2004. At that time, I still lived in my parents' house at Peurada, about three kilometers from the sea. My room was on the sec-ond floor, and my mother's and sister's rooms were on the first floor. Suddenly, a powerful earthquake shook us, and we panicked.
सुनामी पर निबंध हिंदी, Essay on Tsunami in Hindi. जब भी हम सुनामी शब्द सुनते हैं तो हम सभी डर जाते हैं क्योंकि हम सभी ने विशाल लहरों और सुनामी के प्रभाव को देखा है।
The tsunami and its aftermath were responsible for immense destruction and loss on the rim of the Indian Ocean. On December 26, 2004, at 7:59 am local time, an undersea earthquake with a magnitude of 9.1 struck off the coast of the Indonesian island of Sumatra. Over the next seven hours, a tsunami —a series of immense ocean waves—triggered ...
Writing a self-portrait essay begins with describing the writer's personality, experiences, background history, beliefs and other relevant information. The essay must describe how the person reacts, thinks and believes.... The Hindi word for "princess" is "raajkumaari," which is written "राजकुमारी." Many different titles were used for royalty during the history ...